हैलो दोस्तो मेरा नाम राज है और मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में रहता हूँ। मेरे परिवार में मेरे पापा, मेरी मम्मी जिनका नाम सुमन है और मेरी एक छोटी बहन मनीषा है जिसे हम सब प्यार से मोना कहकर बुलाते है।
मेरा परिवार काफी साधारण है। हमारे पास ज्यादा जमीन जायदाद नहीं है। घर चलाने के लिए मैं और पापा दुकान पर काम करते है। काम करने के साथ साथ मैं पढ़ाई भी करता हूँ। हमारी जिंदगी में कोई गम नही है और हमारी जिंदगी काफी मजे से कट रही थी।
असली कहानी बहन की 10 वीं कक्षा पास करने के बाद से शुरू होती है। क्योंकि हमारे गांव में तब 10 वीं तक का ही स्कूल था और आगे पढ़ने के लिए हमें शहर जाना पड़ता था। बहन आगे और पढ़ना चाहती थी। बहन को आगे पढ़ाने में हममें से किसी को कोई एतराज नहीं था बस एक डर था।
डर ये था के हम जिस गांव में रह रहे थे उस गांव में से कई लड़कियां अपने आशिकों के साथ भाग कर शादी कर चुकी थी और इस मामले में हमारा गांव काफी बदनाम हो चुका था। हमे मोना पर तो पूरा विस्वास था पर क्या करें ये उम्र ही ऐसी थी के अगर इसमें कोई मोना को भुला फुसलाकर भगा कर ले जा सकता था और हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ सकती थी।
फिर एक दिन शाम को मैं, मम्मी और पापा एक साथ बैठे थे तो मम्मी ने मुझसे कहा के तुम और तेरी बहन शहर में एक कमरा ले लो वहीं रहो। इससे मोना पढ़ भी लेगी और तुम भी वहीं से सीधे काम पर चले जाया करो। फिर मम्मी ने अपनी चिंता बताते हुए कहा के तू मोना का अच्छे से ध्यान रखना कहीं वो किसी लड़के के चक्कर मे ना पड़ जाए। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं ध्यान रखूंगा।
फिर पापा जहां नौकरी करते थे उस सेठ का एक पुराना घर था जो कि अब खाली पड़ा था। फिर पापा ने सेठ से उस घर मे रहने के लिए बात की तो सेठ बोला के मैं वो घर बेच रहा हूँ। घर बिकने तक तुम उस घर मे रह सकते हो। इसके लिए सेठ हमसे कोई किराया भी नहीं लेने वाला था। इस प्रकार हमारा फ्री में ही रहने का जुगाड़ हो गया था। फिर पापा ने कहा के सेठ का वो घर इतनी जल्दी बिकने वाला नहीं है। सेठ उसे बेचने के लिए काफ़ी टाइम से कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक तो कोई उस घर को लेने के लिए तैयार नहीं हुआ है। क्योंकि सेठ का वो घर सड़क से थोड़ा दूर है और वहां ज्यादा लोग रहते भी नहीं है।
फिर कुछ दिन बाद ही हमारी जरूरत का सब सामान वगैरह लेकर हम उस घर मे रहने चले गए। घर रहने लायक था। हमने थोड़ी साफ सफाई की और बिजली, पानी की तो पहले से ही वहां व्यवस्था थी। फिर मैंने बहन का एक गर्ल्स स्कूल में एडमिशन करवा दिया। तब बहन की उम्र 16 साल की थी और उसे खाना वगैरह सब बनाना आता था। फिर वो स्कूल में जाने लगी और मैं अपने काम पर चला जाता। फिर जब मोना के स्कूल की छुट्टी होती तो मैं उसे लेकर कमरे पर आ जाता। फिर मुझे कोई काम होता तो मैं वापिस चला जाता वरना कमरे पर ही रहता।
मोना ने साफ सफाई करके सब सामान अच्छे से सेट कर दिया था। तब गर्मियों के दिन थे और लाइट भी वहां कम ही रहती थी तो मैं और मोना जाकर छत पर सो जाते थे। मैं तो बस अंडरवियर में रहता और कुछ नहीं पहनता। मोना सलवार सूट में रहती। वो नीचे कुछ नहीं पहनती जिसके कारण उसके निपल दिखाई देते रहते थे। मोना भी मेरे अंडरवियर में खड़े लंड को नोटिस कर लेती पर कहती कुछ नहीं थी। मोना काफी बातूनी थी। वो मुझे अपने स्कूल की सब बातें बताती और मैं भी उसे सब बात बताता। हम आपस मे काफ़ी बातें करते।
पापा अपने काम बिजी होते तो वो हमारे पास ज्यादा नहीं आते थे। शनिवार के दिन मैं मोना को लेकर गांव चला जाता और फिर रविवार को शाम को वापिस आ जाता। हमारी जिंदगी काफी अच्छे से गुजर रही थी। मैं अपने फोन में काफ़ी हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो रखता और उन्हें देखकर कई बार अपना लंड भी हिला लेता था। मेरा फोन मेरी बहन भी इस्तेमाल करती थी तो वो भी उन हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो देख लेती थी पर कहती कुछ नहीं थी।
मम्मी का फोन रोज शाम को आता था। फिर हम मम्मी से बात करते। बात करने के बाद भी मैं और बहन एक दुसरे से काफी बात करते और देर रात तक हम दोनों फोन में वीडियो औऱ मूवी वगैरह देखते रहते। क्योंकि अब मम्मी पापा तो थे नहीं तो हमे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। हम रात को छत पर गद्दे लगाकर एक साथ ही सोते थे तो मोना मुझसे चिपक कर सो जाती थी। जिससे मुझे बहुत अच्छा लगता था।
फिर दिन बस यूं ही निकलने लगे। शहर आने के बाद हम दोनों भाई बहन का वापिस घर जाने का मन ही नहीं करता था। इस कारण फिर हम बस महीने में एक या दो बार ही घर जाते थे। मोना अपनी पढ़ाई का और मैं अपने काम का बहाना बना देते फिर मम्मी हम पर घर आने का ज्यादा दबाव नहीं बना पाती थी।
मेरा एक दोस्त था जिसकी मोबाइल की शॉप थी। फिर उससे मैं अपने फोन में हॉलीवुड मूवी भरवाकर ले आता था। इन मूवीज में चूमा चाटी और सेक्स वगैरह के काफी सीन होते थे। हम दोनों भाई बहन को मूवी देखने का बहुत चाव था। जब मूवी में कोई किसिंग सीन आते तो हम फिर वो भी बिना किसी शर्म के देखते रहते। इन मूवीज में लड़कियों का ब्रा पैंटी में दिखना आम बात थी। मेरे दोस्त ने मेरे फोन में भी काफी सारी ऐसी मॉडल की फ़ोटो डाल दी थी जो कि बस ब्रा पैंटी पहने थी।
मुझे वो सब मॉडल बहुत ज्यादा सेक्सी लगती थी। इस कारण मैंने उनमे से एक लड़की की फ़ोटो का वॉलपेपर लगा दिया। जिसे देखकर मोना ने कुछ नहीं कहा। कई बार मोना भी चुपके चिपके उन मॉडल्स की फ़ोटो वगेरह देखती रहती। हम दोनों भाई बहन अब पहले से ज्यादा खुल चुके थे। कई हॉलीवुड मूवी में तो लड़कियां पूरी नंगी भी हो जाती थी। जिन्हें हम दोनों भाई बहन आंखे फाड़ फाड़ कर देखते।
ऐसे सीन देखकर तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। तब मैं सिर्फ अंडरवियर में ही होता तो मोना मेरी अंडरवियर में बने तम्बू को देखकर मुस्कुराने लग जाती। फिर कई बार तो मैंने मोना के सामने ही अपने खड़े लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़कर दबाने लगता। ये देखकर मोना इसे थोड़ा अनदेखा कर देती। फिर कई बार रात को मेरे लंड का पानी निकल जाता और मेरा अंडरवियर भीग जाता। जिसे देखकर भी मोना कुछ नहीं कहती और बिना सवाल किए मेरे अंडरवियर को धो देती।
इस तरह धीरे धीरे हम दोनों भाई बहन के बीच से सब पर्दे हटते जा रहे थे। मैं जहां काम करता था वहां मेरे कई दोस्त थे। हममें से किसी की गर्लफ्रैंड नहीं थी और हम सारा दिन आपस मे बस चुदाई की ही बातें करते रहते थे। जब भी मार्केट में कोई सुंदर लड़की या औरत देखते तो चुपके से उसकी फोटो ले लेते और फिर हम सब मिलकर फ़ोटो देखकर लंड हिलाते। फिर एक दिन मेरे उस मोबाइल शॉप वाले दोस्त ने मेरे फोन में मूवी के साथ साथ पोर्न मूवी भी डाल दी और काफी सारी नंगी लड़कियों के फोटो डाल दिये। मैंने सोचा आज तो ये सब देखकर खूब मूठ मारूंगा।
फिर घर पर आने के बाद रात को मैं और मोना लेटे थे। फिर मोना मेरा फोन लेकर मूवी देखने लगी। फिर उसके सामने वो सब नंगी लड़कियो की फ़ोटो और वीडियो वगेरह आ गई। फिर एक वीडियो गलती से चल भी गई और मोबाइल की आवाज तेज होने के कारण आवाजें जोर से सुनाई देने लगी। फिर मैंने जल्दी से मोना के हाथ से मोबाइल लेकर मूवी चला दी और फिर हम दोनों वो मूवी देखने लगे। उस दिन मुझे मोना के सामने थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई। लेकिन मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। फिर मैं भी वो बात भूल गया। लेकिन मैंने वो सब फ़ोटो और वीडियो मोबाइल से डिलीट नहीं किये और ना ही हाईड किये।
रात को मोना के सोने के बाद मैं छत पर ही एक कोने में जाकर उन्हें देखकर मुठ मारता था। फिर एक दिन रात को मैं जल्दी सो गया था और मोना फोन में मूवी देख रही थी। फिर थोड़ी देर बाद जब मुझे जाग आई तो मैंने चुपके से देखा तो मोना उन नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। ये देखकर मैंने पता नहीं क्यों उसे कुछ नहीं कहा और फिर से सो गया। लेकिन फिर भी मैंने वो सब डिलीट नहीं किये।
मोना के स्कूल की छुट्टी होने के बाद मैं मोना को स्कूल से लेकर आता तो उसके साथ उसकी कई सहेलियां भी होती। उनमे से मुझे उसकी एक सहेली अच्छी लगने लगी थी और मैं उसे देखता रहता था। ये बात मोना को भी पता थी। फिर एक दिन जब मैं मोना को लेकर घर पर आया तो मोना ने मुझसे कहा के तुम्हे मेरी सहेली अच्छी लगती है क्या। तुम्हारी उसके साथ सेटिंग करवाऊं क्या। मोना की ये बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा। फिर मोना बोली के तुम्हें उसकी बहुत जरूरत है। फिर मैंने मोना से हंसते हुए कहा के नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तो उसे बस ऐसे ही देखते रहता हूँ। फिर मैंने मोना से पूछा के तुम्हे है क्या कोई लड़का पसंद। फिर मोना कहती है के हां है ना। फिर मैंने पूछा के कौन। फिर वो बोली के तुम। ये कहकर मोना जोर जोर से हंसने लग जाती है।
फिर मैं जाकर मोना के गले लग जाता हूँ। फिर उसी टाइम मोना मेरी पेंट की जेब से मेरा फोन निकाल लेती है और फिर जैसे ही फोन को ऑन करती है तो उसे एक नंगी लड़की का वॉलपेपर लगा मिलता है। तभी मेरी नजर भी फोन पर पड़ती है और फिर मैं फोन हाथ मे लेकर कहता हूं के मेरे किसी दोस्त ने लगा दिया होगा। लेकिन सच्चाई ये थी के वो वालपेपर मैंने ही लगाया था। हम सभी दोस्त ऐसे ही वालपेपर लगाए रखते थे और घर जाने से पहले चेंज कर लेते थे लेकिन आज मैं भूल गया था।
फिर उस दिन भी मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। लेकिन उस दिन मुझे कुछ ज्यादा शर्म महसूस नहीं हुई। फिर उस दिन रात को मैं सोया हुआ था। फिर आधी रात को मुझे जाग आई तो तब कमरे में लाइट जल रही थी और मोना भी पास में नहीं थी। फिर मैं उठकर सीधे ही कमरे के अंदर चला गया तो देखा के मोना पूरी नंगी होकर एक तकिए को अपनी दोनो टांगो के बीच मे लेकर बैठी थी और अपनी चुत को तकिए पर रगड़ रही थी। वहीं मेरा फोन रखा हुआ था और उसमें एक पोर्न मूवी चल रही थी। जिसमे एक आदमी औरत को घोड़ी बनाकर चोद रहा था। ये सब देखकर मेरी आँखें फ़टी की फटी रह गई और मोना भी बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने उसे कहा के अगर हो गया हो तो बाहर आकर सो जाओ।
फिर मैं कमरे से बाहर आकर लेट गया लेकिन मेरे मन मे मोना का नंगा बदन ही घूम रहा था। फिर थोड़ी देर बाद ही मोना कपड़े पहनकर आई और मेरे पास लेट गई। फिर अगले दिन सन्डे था और मोना मुझसे आंख भी नहीं मिला पा रही थीं। मुझसे ये सहन नहीं हो रहा था। फिर मैं मोना का हाथ पकड़कर उसे कमरे में ले गया और उससे खुलकर बात करने लगा। मैंने उससे कहा के इस उम्र में ये सब आम बात है। मैं भी करता हूँ। इसमें शर्माने वाली कोई बात नहीं है। अब हम भाई बहन से ज्यादा दोस्त है। तुम मुझसे खुलकर बात कर सकती हो। मुझे बस तुम्हारी फिक्र है। कहीं तुम किसी ऐसे वैसे लड़के के चक्कर मे पड़कर अपनी जिंदगी ना खराब कर लो। फिर मोना कहती है के मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी। मुझे कोई लड़का पसंद भी आएगा तो मैं तुम्हे बता दूँगी। मैं हमारे घर की इज्जत का पूरा ख्याल रखूंगी। फिर इतना कहकर वो मेरे गले से लग जाती है।
फिर मैंने मोना से कहा के तुम मेरी बहन हो पर साथ मे एक लड़की भी हो। तुम्हारी भी जरूरते है। अगर तुम्हें कभी कुछ करने का मन हो तो मेरे फोन ले लेना। इस पर मोना भी कहती है के तुम्हे भी अब मुझसे कुछ छुपाकर रखने की जरूरत नहीं है। तुम्हे अपने फोन में जो रखना हो वो रखो और जो करना हो वो करो। मैं इसके बारे में मम्मी पापा को कुछ नहीं बताऊंगी। ये सुनकर मैं बोला के बहन हो तो तुम्हारे जैसी। फिर हम दोनों हंसने लग जाते है।
फिर उस दिन मैं और मोना शाम को खाना खाने बाहर गए और फिर हमने सिनेमा में फ़िल्म भी देखी। उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे। फिर उस दिन रात को हम देर से घर आये और आते ही सो गए। मैंने कपड़े उतारते टाइम अंडरवियर भी साथ मे उतार दिया गलती से और पूरा नंगा होकर सो गया। फिर रात को नींद में मैं मोना से चिपक कर सो गया था और लंड मोना की गाँड पर रगड़ने लगा था और फिर झड़ गया था। मुझे रात को सपना आया जैसे मैं किसी को लड़की को चोद रहा हूँ। फिर सुबह जब मोना मुझे चाय देने आई तो तब मैं बिल्कुल नंगा ही अपना लंड पकड़कर सो रहा था। फिर मोना ने मुझे जगाया तो मुझे सब बात समझ मे आ गई। फिर मैंने मोना के कुर्ते पर अपना पानी लगा हुआ देखा। फिर इस सबके लिए मैंने मोना से सॉरी कहा तो मोना ने हँसकर बात को टाल दिया जैसे के कुछ हुआ ही ना हो।
मोना की कई सहेलियां चुदाई की गंदी बाते करती और फिर वो सब बातें बहन आकर मुझे भी बताती। फिर मैं भी मोना को अपने दोस्तों की बातें बताता। मोना तो मुझे ज्यादा खुलकर नहीं बता पाती थी लेकिन मैं मोना को सब खुलकर बताता। अब मैं फोन में मेरी मनचाही लड़की की नंगी फ़ोटो का वालपेपर लगाता और कमरे में जाकर नंगा होकर कभी भी मुठ मारने लग जाता। लेकिन मोना रात को ही नंगी होकर मुठ मारती थी। मैं दिन में मुठ मारता तो मोना मुझे कई बार मुठ मारते हुए देख चुकी थी। कई बार वो मुझे चोरी छुपे भी मुठ मारते हुए देखती। इसी तरह मैं भी रात को कई बार मोना को नंगी मुठ मारते हुए देखता। एक बार तो मोना ने मुझे पकड़ लिया और कमरे का दरवाजा खोलकर मेरे सामने नंगी खड़ी हो गई और बोली के आ जाओ अंदर आकर देख लो आराम से। फिर मैंने मोना से कहा के मैने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा है। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारी बहन और गर्लफ्रैंड दोनो हूँ। तुम्हे मुझसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
फिर मैंने भी मोना को अच्छे से देखा और उसके सामने ही खड़े होकर मुठ मारने लगा और फिर झड़ गया। उधर मोना भी उंगली करने लगी और झड़ गई। उस दिन के बाद हमारी शर्म बिल्कुल चली गई। अब हम एक दुसरे के सामने कपड़ो का जरा भी ख्याल नहीं रखते। लेकिन मेरे साथ सोते टाइम बहन अभी भी सलवार सूट पहनकर ही सोती थी। फिर एक रात मोना मेरा फोन लेकर नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। फिर एक लड़की की फ़ोटो आई जो कि मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी। फिर मैं मोना से बोला के ये औरत देख कितनी मस्त है। इसके बोबे भी बहुत मस्त है। फिर मोना फ़ोटो आगे देखती गई। तभी एक पोर्न वीडियो आ गई और फिर हम दोनों वो पोर्न वीडियो देखने लगे। फिर मैं मोना से बोला के इसमे ये औरत देख कितनी मस्ती से चुदवा रही है। फिर मोना भी बोली के ये आदमी भी बहुत मस्त है। इसका हथियार भी काफी बड़ा है।
इस तरह हम दोनों भाई बहन उस पोर्न वीडियो के मजे लेने लगे। फिर मैं तो अपना लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा और मोना ने भी अपनी सलवार ढीली करके अपनी चुत सहलाने लगी। वो वीडियो देखते देखते हम दोनों का पानी निकल गया और फिर हम वैसे ही सो गये। तब तक हमारा एक दुसरे से चुदाई करने के बारे में बिल्कुल भी ख्याल नहीं आया था।
फिर मैं मार्केट से सेक्सी मॉडल्स के पोस्टर लेकर आया जिसमे वो सब ब्रा पैंटी में थी। फिर वो सब पोस्टर मैंने कमरे में चिपका दिए। अब मैं और बहन एक दुसरे से पूरी तरह से खुल चुके थे। फिर मोना ने मुझसे कहा के तुमसे एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगे। फिर मैं बोला के हां बोल ना। मैं बिल्कुल भी बुरा नहीं मानूगा। फिर मोना कहने लगी के मुझे भी इन सब मॉडल्स की तरह मॉडल बनना है और ऐसे छोटे कपड़े पहनने है। तुम घर मे सारा दिन अंडरवियर में रहते हो मेरा भी मन करता है के मैं भी सिर्फ ब्रा पैंटी में रहूँ। मुझे अपनी बहन ना सही पर गर्लफ्रैंड समझकर ही ये कर लेने दो। फिर मैंने मोना से कहा के तुम्हारा मन करे वैसे रहो। मैं कुछ नहीं कहूँगा। मेरी बात सुनकर मोना बहुत खुश हुई।
फिर वो तभी एक ब्रा पैंटी पहनकर और थोड़ा सज संवरकर आ गई। मोना तब बहुत सेक्सी लग रही थी। मेरा मन तो लंड हिलाने का कर रहा था। मोना मेरे मन की बात समझ चुकी थी। फिर वो बोली के मुठ मार लो मैं कुछ नहीं कहूंगी। फिर मैं जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा और मोना मुझे देखकर हंसने लगीं। मोना अब हर दम ब्रा पैंटी में ही रहने लगी। इससे वो काफ़ी ज्यादा खुश थी। एक बार रात को वो उसनेअपनी ब्रा भी निकाल दी और सिर्फ पैंटी पहनकर सोई। तब गर्मी के दिन थे तो उसे उस रात काफ़ी अच्छी नींद आई। फिर सुबह मोना ने मुझे इस सबके किये धन्यवाद दिया और बोली के वो इसे जिंदगी भर नही भूलेगी।
फिर इससे अगली रात मैंने उसे पैंटी ऊतारकर बिल्कुल नंगी होकर सोने के लिए कहा। क्योंकि अब हम एक दुसरे को कई बार नंगा देख चुके थे। फिर मोना ने वैसे ही किया। उस रात मैंने मोना को देखकर कई बार मुठ मारी। तब मैं मोना को देखकर मुठ मारकर ही खुश था। फिर मार्केट से मोना अपने लिए कई अलग अलग रंग और डिज़ाइन की ब्रा पैंटी लेकर आई। उन ब्रा पेंटी में तो मोना और भी ज्यादा खूबसूरत लगती थी। मोना को ऐसी ब्रा पैंटी पहनकर अच्छा लगता था और मुझे मोना को ऐसी ब्रा पैंटी में देखकर।
फिर मोना के स्कूल में कुछ दिनों की छुट्टियां हो गई और फिर मैं भी कुछ दिनों की छुट्टी लेकर मोना को लेकर गांव चला गया। मम्मी पापा हम दोनों को देखकर काफ़ी खुश हुए। अब मैं और मोना भी बहुत खुश थे। तब भयंकर गर्मी पड़ रही थी। रात को कूलर लगाकर हम सब एक साथ ही अलग अलग चारपाई पर सोते। पहले पापा सोते, फिर मम्मी, मैं और सबसे आखिर में मोना सोती। पापा मम्मी तो खाना खाकर जल्दी ही सो जाते। लेकिन मुझे और मोना को देर से सोने की आदत थी तो हमे नींद ही नहीं आती थी। फिर हम ऐसे ही एक दूसरे से धीरे धीरे बातें करके टाइम पास करते।
घर पर आने के बाद मैं तो फिर भी घर मे पापा मम्मी के सामने अंडरवियर में रह लेता था लेकिन मोना ब्रा पैंटी में नहीं रह सकती थी। लेकिन उसे ब्रा पैंटी पहनने की बहुत इच्छा हो रही थी। फिर एक दिन रात को हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी और पापा मम्मी गहरी नींद में थे। फिर तब मैंने मोना से ब्रा पैंटी पहनकर आने के लिए कहा तो फिर वो बोली के पापा मम्मी जाग गये तो क्या होगा। फिर मैंने कहा के कुछ नहीं होगा। वो नहीं जागेंगे। वो गहरी नींद में है। फिर मोना उठकर अंदर कमरे में चली गई और कुछ देर बाद सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर आकर चारपाई पर लेट गई। मोना को ब्रा पेंटी में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे रात मैं भी मोना का बदन अच्छे से दिखाई दे रहा था।
लेकिन तब मोना चारपाई पर लेटी हुई थी। जिस कारण मुझे उसका बदन अच्छे से नहीं दिखाई दे रहा रहा। फिर मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया। मैंने उसे मेरे लिए पानी लाने के लिए कहा। फिर उसने पहले तो मना कर दिया। क्योंकि घड़ा पापा की चारपाई के पास में था। फिर मैंने मोना को थोड़ा सा जोर देकर कहा तो वो मान गई। फिर वो उठी और चुपके से घड़े से पानी का ग्लास भरकर लाने लगी। तब मैं उसे ही देख रहा था। एक 16-17 साल की जवान लड़की अपने ही घर मे ब्रा पैंटी में घूम रही थी। मोना का फिगर भी अच्छा था। फिर उसने मुझे पानी दिया और फिर ग्लास वापिस घड़े पर रखकर आने लगी तो फिर मैंने उसे आंगन में घूमने के लिए कहा। तो फिर वो आंगन में घूमने लगी।
फिर उसने खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी खोल दी और फिर नंगी ही घूमने लगी। उसे नंगी देखकर मैं अपना लंड जोर से हिलाने लगा और फिर झड़ गया। मेरे झड़ने के बाद फिर वो अपनी ब्रा पैंटी लेकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर आकर लेट गई। फिर वो हँसकर बोली के आज उसे काफ़ी मजा आया। अब से रोज वो ऐसा ही करेगी। ये सुनकर मैं भी काफी खुश हुआ।
दिन में पापा तो दुकान पर काम करने चले जाते और मम्मी सब काम वगैरह करके दुसरे कमरे में सो जाती है। मैं और मोना दूसरे कमरे में सोते। लेकिन हमें नींद नहीं आती थी तो हम आपस मे खूब बातें करते और फिर पोर्न वीडियो देखकर मुठ भी मार लेते। अब मैं और मोना मिलकर पोर्न वीडियो देखने लगे थे। मम्मी दोपहर को काफी देर आराम करती और कई बार वो दोपहर को बातें वगैरह करने के लिए पड़ोस में किसी के घर चली जाती और फिर वो दोपहर बाद ही आती थी। इस कारण हमें काफी टाइम मिल जाता था। फिर तब मोना सब कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी पहन लेती और मैं अपना अंडरवियर खोलकर बिल्कुल नंगा हो जाता। फिर मोना भी ब्रा पैंटी खोल देती और फिर हम एक दुसरे के सामने अपने लंड और चुत सहलाकर अपना पानी निकाल देते। ऐसा हम लगभग रोज ही करते थे।
अब मोना की हिम्मत काफी बढ़ चुकी थी। रात को जब हम सोते तो मम्मी पापा जाग रहे होते तब भी मोना किसी तरह अपने सब कपड़े निकालकर सिर्फ ब्रा पैंटी में सो जाती और अपने ऊपर कम्बल ले लेती। हम सब आपस मे बाते करते रहते और मोना ऐसे ही लेटी रहती। फिर एक बार तो मोना ने अपनी ब्रा पैंटी भी खोल दी और फिर नंगी ही लेट गई। वो बीच बीच मे मम्मी के साथ बातें भी कर रही थी। ऐसा तो लगभग अब रोज होने लगा था। फिर मम्मी पापा के सो जाने के बाद बहन आंगन में घूमने लग जाती। मैं भी तब अपना अंडरवियर निकालकर नंगा हो जाता। फिर हम दोनों कमरे में जाकर पोर्न वीडियो देखकर मुठ मारते और फिर आकर सो जाते। इस तरह हम अब दिन रात मस्ती करते थे और इसमें हमे बहुत मजा आता था।
फिर एक रात मम्मी पापा सो चुके थे और मैं और मोना अपनी अपनी चारपाई पर नंगे होकर लेटे हुए थे और आपस मे ऐसे ही बाते कर रहे थे। फिर मोना नंगी ही उठकर पानी पीने गई और फिर वो पानी पीकर वापिस आई तो फिर मैंने मोना का हाथ पकड़कर उसे अपनी चारपाई पर खींच लिया। फिर वो मेरी चारपाई पर मेरे ऊपर आकर गिर गई। चारपाई छोटी थी तो फिर हम दोनों एक दुसरे से चिपके हुए थे। फिर अचानक मोना का हाथ मेरे लंड पर चला गया और वो मेरे लंड को हिलाने लगी। मुझे मजा आने लगा। फिर मोना मेरी तरफ पीठ करके लेट गई तो फिर मैं भी मोना के पीछे से चिपक कर लेट गया और मेरा लंड मोना की दोनो टांगो के बीच मे जाकर घुस गया और फिर मैं लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों काफ़ी गर्म हो गए।
फिर मैं मोना को लेकर कमरे में चला गया और फिर फोन में एक पोर्न वीडियो चालू कर दी। फिर मैंने मोना से मेरा लंड हिलाने के लिए कहा तो फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और तब तक हिलती रही जब तक कि मेरे लंड से पूरा पानी ना निकल गया हो। फिर मैं तो शांत हो क्या लेकिन मोना पूरी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने मोना को लेटने के लिए कहा तो वो लेट गई और फिर मैं मोना की चुत सहलाने लगा और एक दो उंगली मोना की चुत में भी डाल दी। जिससे मोना उछल पड़ी। मोना को ऐसे काफ़ी मजा आ रहा था। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद मोना झड़कर शांत हो गई। उस दिन उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी। उस दिन हमने एक दुसरे के लण्ड चुत को छुआ था और हमें काफ़ी मजा आया था।
फिर इसके बाद तो मोना जब चाहे मेरा लंड पकड़ लेती और हिलाने लग जाती। मैं भी मोना की चुत उसकी सलवार में हाथ डालकर सहलाने लग जाता। फिर मैंने उसके छोटे छोटे बोबो को भी दबाया। जिसमे मुझे बहुत मजा आया। अब लगभग हमारा हाथ एक दुसरे की चुत और लंड पर ही होता।
मोना की छुट्टियां तो कई दिनों की मिली थी लेकिन फिर मैं और मोना कोई बहाना लगाकर छुट्टियां खत्म होने से पहले ही वापिस शहर आकर रहने लगे। छुट्टियां अभी पड़ी थी तो हम दोनों सारा दिन नंगे रहते और खूब मस्ती करते। मेरे फोन में जो चुदाई के वीडियो थे वो वीडियो हम कई बार देख चुके थे। फिर मैं मेरे दोस्त से नए वीडियो डलवाकर ले आया। इस बार उसने काफ़ी ज्यादा वीडियो डाल दिये थे। फिर वो सब वीडियो मै और मोना सारा दिन देखते रहते। उन वीडियो में लड़का लड़की एक दूसरे की चुत और लंड को चाट ते और मस्ती करते। वो अलग अलग पोज में चुदाई करते।
फिर उन्हें देखकर मैं भी मोना की चुत चाटने लगा और मोना भी बड़े चाव से मेरे लंड को चुसने लगी। फिर तो हम एक दुसरे के साथ उल्टे होकर सोते और सारा दिन एक दुसरे की चुत और लंड चुसते रहते। मैं तो मोना का गाँड का छेद भी चाट ने लग गया था। दिन प्रतिदिन मोना मुझे काफी सेक्सी लगती जा रही थी।
उधर मोना को स्कूल में और मुझे अपने दोस्तों से चुदाई का भरपूर ज्ञान मिल रहा था और फिर वो ज्ञान हम कमरे पर आकर एक दुसरे के साथ आजमाते। अब मैं और मोना एक दुसरे के बदन को खूब चूमते चाटते। फिर एक दिन मैंने मोना को घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से उसकी चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों को काफ़ी मजा आया। फिर मोना मेरे लंड पर अपनी चुत रखकर बैठ गई और फिर अपनी चुत मेरे लंड पर रगड़ने लगी। जिससे कि हम दोनों एक साथ झड़ जाते। इस तरह हम चुदाई की अलग अलग पोजीशन ट्राय करने लग गए थे।
फिर कुछ दिन ऐसे करने के बाद मुझे और मोना को लगा के अब हमें चुदाई कर लेनी चाहिए। फिर एक बार स्कूल की छुट्टी के बाद मैं और मोना कमरे पर जा रहे थे पैदल ही। फिर मैंने मोना से कहा के आज चुदाई करें। ये सुनकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर वो बोली के 2 दिन बाद मेरा जन्म दिन आने वाला है। हम उस दिन करेंगे। फिर मैंने कहा के ठीक है। फिर रास्ते मे चलते चलते ही मोना ने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर मेरे लंड को सहलाने लगी। वो रास्ता सुनसान था। उस रास्ते पर ज्यादा लोग नहीं आते जाते थे।
फिर मैंने मोना से अपनी चुत दिखाने के लिए कहा। तो फिर मोना सलवार खोलकर वहीं रास्ते के एक साइड में बैठ गई और पेशाब करने लगी। उसकी चुत से निकलता हुआ पेशाब मुझे बहुत मजा दे रहा था। फिर मैंने उसकी पेशाब की धार में अपनी एक उंगली की और फिर मेरी उंगली उसके पेशाब से भर गई और फिर मैं वो उंगली चुसने लगा। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर उस दिन रात को जब मैं मोना की चुत चाट रहा था तो मोना पेशाब करने लगी और फिर मैं उसका पेशाब पीने लगा। फिर मैं खड़ा होकर उस पर पेशाब करने लगा तो वो मेरे पेशाब से अपने मुंह को धोने लगी। फिर पेशाब करने के बाद वो मेरे लंड को चुसने लगी।
फिर उस रात हम ऐसे ही सो गए। अब हम सब काम एक साथ करने लगे थे। हम साथ ही टॉयलेट जाते, साथ मे नहाते। अब मैं और मोना दोनो ही चुदाई करने के लिए तैयार थे। हमें चुदाई के बारे में सब कुछ ज्ञान हो गया था। अब तो हमे बस मोना के जन्मदिन का ही इंतजार था।
अब मैं और मोना एक दुसरे के साथ नंगे ही सोते और मोना सुबह उठकर मेरे खड़े लंड पर किस करती और कई बार चूस भी देती। मैं भी मोना की चुत पर किस करता और चाटता। हम अब पोर्न मूवी देखकर सब कुछ सीख चुके थे। फिर मैं और मोना लिप किस करते। मैं मोना के होंठो को चूस चूसकर पूरा निचोड़ लेता। मोना भी मेरा पूरा साथ देती। फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर अपनी चुत पर घिसने लग जाती और कभी कभी तो लंड का टोपा चुत में भी डाल देती। मोना की चुत में मेरा लंड देखकर मैं तो बिल्कुल पागल ही हो जाता। फिर मैं जैसे ही लन्ड अंदर डालने लगता तो मोना मेरा लंड बाहर निकाल देती।
हालांकि वो भी लंड लेने के लिए बेकरार थी पर वो सिर्फ अपने जन्मदिन पर ही मुझसे चुदना चाहती थी। मोना तब 15 साल की थी और उसे 16 वां साल लगने वाला था। यानी मोना को जवानी चढ़ते ही लंड मिलने वाला था। अभी मोना के जन्मदिन में पूरे 2 दिन पड़े थे। हम गांव में रहते थे तो हमने कभी जन्मदिन पर केक वगैरह नहीं काटा था। फिर मोना और मैंने प्लान बनाया के अबकी बार हम उसका जन्मदिन केक काटकर मनाएंगे। मोना और मैं एक दुसरे से बहुत प्यार करने लगे थे। हम भूल चुके थे के हम भाई बहन है। एक बार मोना मेरे गले लगकर बोली के अब से मैं बस तुम्हारी है। तुम मेरे साथ जो करना चाहो कर सकते हो। फिर उस दिन मैंने मोना के मुंह मे अपना लंड उसके गले तक डाल दिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। जिससे उसकी आँखों मे आंसू आ गए। फिर मैंने इसके लिए उससे सॉरी भी मांगा लेकिन फिर वो बोली के मुझे ऐसे अच्छा लगा था।
हमने एक वीडियो देखी थी जिसमे एक आदमी औरत को पीटता है और फिर उसकी चुदाई करता है। फिर एक दिन मैंने मोना की गाँड पर काफी थप्पड़ मारे। जिससे उसे काफी दर्द हुआ पर उसे मजा भी बहुत आया। इस तरह फिर हम चुदाई में एक दूसरे की पसंद नापसंद जानने लगे। मुझे भी इस तरह मोना को तड़पाने में मजा आता था। लेकिन चुदाई करने के मामले में मेरी पसंद थोड़ी अलग थी।
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ काम कर रहा था। उस दिन काम ज्यादा नहीं था तो फिर हम सब बैठकर एक पोर्न वीडियो देखने लगे। जिसमे 4-5 मर्द मिलकर एक लड़की को चोद रहे थे और उसके साथ मस्ती कर रहे थे। फिर उस रात मुझे एक सपना आया जिसमे मैंने देखा के उस वीडियो की तरह ही मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोना की चुदाई कर रहा हूँ और मोना भी खूब मजे ले रही है। ये सपना देखकर फिर उस रात मेरा पानी भी निकल गया। फिर सुबह जब मैं उठा तो मैंने सपने के बारे में मोना को बताया।
ये सुनते ही मोना की चुत तो गीली हो गई और फिर वो अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना बोली के पहले तुम अपना लंड तो डालो बाकी के बारे में बाद में सोचेंगे। यानी कि मोना की भी इसमें सहमति थी। फिर मैंने मोना को अपने गले से लगाया। मोना भी अब पूरा खुलकर मजे लेने के मूड में थी। फिर मैं और मोना मिलकर उसके जन्मदिन की प्लानिंग करने लगे। मोना पहली बार मेरा लंड बिना कंडोम के लेना चाहती थी तो उसने कंडोम लाने से मना कर दिया और गर्भ निरोधक टेबलेट लाने के लिए कहा। फिर हमने कुछ और भी सामान की लिस्ट बनाई।
फिर मैंने मोना से कुछ दिन के लिए स्कूल से छुट्टी लेने के लिए कहा। ताकि हम पूरी तरह से एन्जॉय कर सके। मैंने भी मोना के जन्मदिन के लिए कुछ सोच रखा था। मैं हमारी पहली चुदाई को यादगार बनाना चाहता था। ताकि मोना को हमारी चुदाई हमेशा याद रहे। इसलिए मैं उसे एक ऐसा गिफ्ट देना चाहता था जो कि हमेशा उसके पास ही रहे। पर ऐसा क्या गिफ्ट दूं ये मुझे समझ नहीं आ रहा था।
अगले दिन ही मोना का जन्मदिन था तो उस दिन मोना ने छुट्टी ले ली थी। फिर उस दिन सुबह जब मोना उठी तो फिर उसे मैंने विश किया और उसे गले से लगाया। मोना उस दिन घर पर ही रहकर शाम को हमारी होने वाली चुदाई के लिए तैयारी करने वाली थी। पहले उसने सब काम किया और फिर उसने अपने पूरे बदन पर हल्दी का लेप लगाया ताकि उसका बदन एक दम मुलायम हो जाये। फिर मैं मार्केट आ गया और मैं गिफ्ट के बारे में सोचने लगा। फिर मैंने एक गिफ्ट ले लिया। मैंने क्या गिफ्ट लिया ये आपको बाद में पता चल जाएगा। फिर मैंने मेडिकल से गर्भ निरोधक टेबलेट और कंडोम वगैरह भी ले लिए। ताकि बाद में कोई दिक्कत ना आये। फिर शाम को आते टाइम मैं फूल और रंग बिरंगी लाइट और केक लेकर घर आ गया।
फिर घर पर आया तो देखा के मोना ने तैयार होना शुरू कर दिया था। फिर मैंने भी छत पर जाकर तैयारी करनी शुरू कर दी। मैंने एक अच्छा सा बिस्तर लगाया और बिस्तर पर फूल बिछाए और आसपास रंग बिरंगे बल्ब लगाए। फिर मैं भी नहाकर तैयार होने लगा। जब मैं नहाकर आया तो मैंने सोचा के पहनू क्या। पहनने के बारे में तो मैंने कुछ सोचा ही नहीं था। फिर मैं पहनने के बारे में पूछने के लिए मोना के पास गया तो मोना ने अंदर से गेट बंद कर रखा था और फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली के कुछ मत पहनो। फिर मोना ने मुझे जल्दी से तैयार होने के लिए कहा। फिर मैं दुसरे कमरे में गया और अपने बाल वगैरह बनाये और फिर अपने पूरे बदन पर सेंट लगाया।
मैं सोच रहा था के पता नहीं मोना आज कैसे तैयार होकर आएगी। फिर मैं उसे आवाज देकर बाहर आने के लिए कहने ही वाला था के इतने में कमरे का गेट खुला और फिर मैं गेट की आवाज सुनकर जल्दी से उसे देखने के लिए बाहर आया और उसे देखा तो देखता ही रह गया। तब क्या लग रही थी मोना। ये बताने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं है। लेकिन फिर भी आपको बताने की कोशिश करता हूँ। मोना तब एक दम नंगी थी और उसकी चुत एक दम बिल्कुल चिकनी थी। उसका बदन भी बिल्कुल चिकना था और उसके बदन पर एक भी बाल नहीं था। उसने गले मे एक लॉकेट पहन रखा था और कानों में झुमके पहन रखे थे।
मोना ने नाक में नथ पहन रखी थी जो कि मुझे सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही थी। मोना को ऐसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और झटके मारने लगा। ये देखकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर मैं मोना के नजदीक गया तो मोना मेरे गले लग गई और फिर हम लिप किस करने लगे। लिप किस करने के बाद मैं मोना की कमर में हाथ डालकर उसे छत पर ले जाने लगा। फिर छत पर जाते ही मैंने रंग बिरंगी लाइट चालू कर दी। जिससे कि पूरा बिस्तर जगमगा उठा। ये देखकर मोना काफी खुश हुई। फिर मोना मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी।
फिर हम जाकर बिस्तर पर बैठ गए और मैंने केक पर मोमबत्ती जलाई और फिर मोना ने केक काटकर मुझे खिलाया और फिर अपनी उम्र के 16 वें साल में कदम रखा। फिर मैंने भी मोना को केक खिलाया। हम दोनों को भूख लगी थी तो फिर हम दोनों ने मिलकर केक खत्म किया। इसके बाद हम बिस्तर के बीच मे बैठ गए और एक दुसरे की तरफ देखने लगे। फिर मैंने मोना को अपने से चिपकाया और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा। जिससे कि मोना भी गर्म होने लगी। फिर में बीच मे रुका और फिर मोना को उसका जन्मदिन का गिफ्ट दिया। मैं मोना के लिए एक नोज रिंग लेकर आया था। मोना ने भी उसे नोज रिंग ही समझा और फिर उसे साइड में रखने लगी। फिर मैंने मोना से कहा के अभी पहन लो इसे। फिर मोना बोली के अभी मैंने नथ पहनी है तो बाद में पहन लुंगी। फिर मैंने कहा के इसे नाक में नहीं पहनना है। फिर मोना मेरी तरफ देखकर बोली के तो कहां पहनना है।
अब आप सब लोग ही यही सोच रहे होंगे के मैंने मोना को नोज रिंग कहाँ पर पहनने के लिए दी है। फिर मैं बोला के नीचे चुत में। फिर वो बोली के वहाँ कैसे पहनी जाएगी। फिर मैं बोला के लाओ मैं पहना देता हूँ। थोड़ा दर्द होगा। फिर मोना बोली के मै तुम्हारे लिए सब दर्द सहने के लिए तैयार हूँ। मैंने फिर मोना को लेटाया तो मोना अपने पैर फैलाकर लेट गई। फिर मैं उसकी चुत की पंखुड़ियों को टटोलने लगा और फिर उसकी एक चुत की पंखुड़ी में नोज रिंग डालने लगा। नोज रिंग मैंने उसकी चुत की पंखुड़ी के अंदर से घुसाकर बन्द कर दी। इससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर उसने जब अपनी चुत पर नोज रिंग देखी तो उसे भी ये काफी पसंद आई।
फिर मैं मोना के बदन को चूमने लगा और फिर उसकी चुत चाटने लगा। जिससे मोना काफी गर्म हो गई। फिर मोना ने मुझे लेटाया और फिर वो मेरे बदन को चूमने लगी और मेरे लंड को चुसने लगी। वो थोड़ी देर और चुस्ती तो शायद में झड़ जाता। फिर मैंने उसे हटाया और फिर उसे लेटाकर मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सेट कर दिया। फिर मैंने धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया। जिससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर दुसरे धक्के में मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो मोना छटपटाने लगी। फिर मैं धक्के मारने लगा तो हम दोनों को काफी मजा आने लगा। उसकी चुत एकदम टाइट थी। जिस कारण हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मोना तो आंखें बंद करके मजे ले रही थी और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद मोना झड़ गई और फिर मैंने भी मोना की चुत के अंदर ही पानी छोड़ दिया और मोना से चिपक कर लेट गया। फिर हमने देखा के मोना की चुत और मेरे लंड पर खून लगा था। जिसे देखकर हम दोनों घबराएं नहीं। क्योंकि हम दोनों को ही पता था के पहली बार चुदाई में खून निकलना आम बात है। फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर अपना लंड और चुत धोकर फिर से बिस्तर पर आ गए। मोना को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। फिर मैं मोना के ऊपर आ गया और मोना की चुत मारने लगा। इस बार हमने काफी देर तक चुदाई की जिसमे हमे मजा भी बहुत आया। फिर इस बार भी मैं मोना की चुत में ही झड़ गया।
फिर अगली बार मोना घोड़ी बन गई तो मैं पीछे से उसकी चुत मारने लगा। इस बार मे झड़ने वाला हुआ तो मोना ने मेरा लंड मुंह मे लेकर चुसने लगी और जब मैं झड़ा तो मेरा सारा पानी पी गई। फिर हमने कुछ देर आराम किया। फिर हम एक दुसरे के साथ गन्दी गन्दी बातें करने लगे। मैं मोना से कहने लगा के मैं तुम्हे अपने दोस्तों के सामने नंगी नचवाऊंगा और उनके सामने तुम्हारी चुत मारूंगा। ये सुनकर मोना बोली के तुम जैसे कहोगे वैसे मैं करने के लिए तैयार हूँ। तुम बस अपने लंड से मेरी चुत भरकर रखना। फिर हम एक दुसरे से चूमा चाटी करने लगे।
फिर मोना पेशाब करने जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे चला गया और फिर उसके पेशाब करने के बाद मैंने मोना को वहीं पकड़ लिया। फिर मोना दीवार के सहारे झुक कर खड़ी हो गई तो फिर मैं पीछे से वहीं मोना की चुत मारने लगा और सारा पानी अंदर ही डाल दिया। फिर हम बिस्तर पर आकर लेट गए और फिर से एक दुसरे से बातें करने लगे। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारे सामने तुम्हारे दोस्तो से चुदवाऊंगी और खुब मजे करूंगी। ऐसी बातें करके मोना मुझे गर्म कर रही थी। फिर मैं बोला के मैं तुम्हें मॉडल बनाऊंगा और तुम्हारी नंगी फ़ोटो लोगो मे बाटूंगा। ऐसी बातों से हम दोनों काफी गर्म हो गए। फिर मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदने लगी। तब हम दोनों एक साथ ही झड़े और फिर मोना मेरे ऊपर ही सो गई। मुझे भी नींद आ गई। सारी रात मेरा लंड मोना की चुत में ही रहा।
सुबह हमें देरी से जाग आई। तब तक सूरज निकल चुका था। धूप में मोना बदन चमक रहा था। फिर हम दोनों उठकर नीचे आ गए। फिर मोना चाय बनाने लगी। मैं जाकर मोना से पीछे से चिपक गया और फिर उसकी चुत मारने लगा। तब मेरा झड़ने का कोई मूड नहीं था तो फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और फिर हम दोनों चाय पीने लगे। चाय पीने के बाद मोना नीचे बैठकर मेरे लंड को चुसने लगी और फिर मैं झड़ने लगा तो मेरा सारा पानी पी गई।
मोना ने स्कूल से और मैंने काम से छुट्टी ले रखी थी तो फिर मोना ने जल्दी से खाना वगैरह बनाया और फिर खाना खाकर हम दोनों बिस्तर पर जाकर चुदाई करने लगे। मैंने मोना को गर्भनिरोधक वाली टेबलेट पहले ही दे दी थी। उस दिन हमने दिन भर बिस्तर पर अलग अलग पोज में खूब चुदाई की। फिर थक गए तो हमें नींद आ गई। हालांकि हम दोनों ही पहली बार चुदाई कर रहे थे और हमारा मन चुदाई से भर ही नहीं रहा था।
फिर शाम को हम खाना खाकर लेटे थे। मैं तब मोना के बदन को सहला रहा था। फिर तभी मम्मी का फोन आ गया तो मोना तो मम्मी से बात करने लगी और मैं मोना के बदन को सहलाता रहा। फिर मैं उठा और मोना के ऊपर आकर मोना की चुत में लंड डाल दिया। तब भी मोना मम्मी से बाते करती रही। फिर मोना ने फोन मुझे दे दिया तो फिर मैं मम्मी से बातें करने लगा और लगातार मोना की चुत में लंड अंदर बाहर करता रहा। मोना ने अपनी सिसकारियां रोकने के लिए अपने मुंह पर हाथ रख लिया था। फिर थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने फोन काट दिया और फिर मोना की चुदाई करने लगा और फिर मोना भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी।
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैं मोना के साइड में आकर लेट गया। फिर मोना ने मेरा लंड सहलाते हुए मुझसे कहा के अगर मम्मी को पता चल गया तो हम क्या करेंगे। फिर मैंने कहा के हम मम्मी को पता नहीं चलने देंगे और कभी पता चल भी गया तो मैं अपने आप सम्भाल लूंगा तुम चिंता मत करो। फिर हम दोनों लिप किस करने लगे और फिर चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हो गया। फिर देर रात तक हमने खूब चुदाई की और खूब बातें की और फिर सो गए।
मोना अब काफी खुल चुकी थी। वो मुझे रिझाने के लिए कभी मेरे सामने अपनी गाँड हिलाती तो कभी अपनी चुत में उंगली करती तो कभी अपने छोटे छोटे बोबो को सहलाती। ये सब देखकर तो किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाये। मैं तो फूल गर्म हो जाता और मोना की खूब चुदाई करता। फिर मोना के कहने पर मैंने एक बार कंडोम लगाकर भी चुदाई की।
हम दोनों ने चुदाई के लगभग सभी आसनो में चुदाई कर ली थी और हमारा मन करता हम वैसे ही चुदाई करना शुरू कर देते। मोना अब किचन में खाना बनाती तब भी मैं उसकी चुत में लंड डालकर रखता। हम दोनों अब चुदाई के आदि हो चुके थे। हम दोनों को चुदाई के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता था। ये 5-6 दिन कैसे निकल गये हम दोनों को पता भी नहीं चला। इन दिनों में हमने पता नहीं कितनी ही बार चुदाई की होगी।
फिर मेरी और मोना की स्कूल की छुट्टियां खत्म हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम घर पर ही रहकर चुदाई कर रहे थे। चुद चुद कर मोना की चुत फूल गई थी और डबल रोटी जैसी लग रही थी। फिर मोना ने ही मुझे समझाया और कहा के अब हम चुदाई तो कभी भी कर सकते है। अगर हम ऐसे ही घर पर रहकर चुदाई करते रहे तो सबको शक हो जाएगा। फिर हमने जैसे तैसे अपने अपने मन को समझाया और फिर हम रोज की तरह ही अपने अपने काम मे लग गए। मोना स्कूल जाने लगी और मैं अपने काम पर।
सुबह घर से जाने से पहले तैयार होकर हम एक बार चुदाई करते और फिर शाम को आकर भी चुदाई करते और फिर रात को भी खूब चुदाई करते। अब हमारी जिंदगी में मजे ही मजे थे। मैं और मोना अब अपने अपने दोस्तों के साथ चुदाई के बारे में खुलकर बातें करते। जिससे हम दोनों गर्म हो जाते और फिर घर पर आकर चुदाई करते।
एक बार मैं मोना को स्कूल से लेकर घर आ रहा था। तब सड़क पर कोई नहीं था। ये इलाका शहर से थोड़ा अलग था तो यहां पर बहुत कम लोग आते जाते थे। फिर मैंने की सलवार में हाथ डालकर उसकी गाँड सहलाने लगा और फिर मोना भी मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैं मोना को वहीं दीवार के सहारे लगाकर लिप किस करने लगा और मोना भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों ही गर्म हो चुके थे। फिर मैंने मोना की सलवार खोलकर उसकी पैंटी साइड में की और फिर उसकी एक टांग उठाकर अपना लंड निकालकर उसकी चुत में डाल दिया और चुदाई करने लगा। मैं सड़क पर बिल्कुल सरेआम ही मोना को चोद रहा था। हम दोनों को ही पता था के यहां कोई आने वाला नहीं है। फिर मैंने मोना को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चुदाई करने लगा और झड़ गया। फिर हमने अपने कपड़े सही कर लिए और घर पर आ गए। आज ऐसे सड़क पर चुदाई करने में हम दोनों को काफ़ी मजा आया था।
आज की चुदाई से हम दोनों को समझ मे आ गया था के चुदाई का मजा सिर्फ बिस्तर पर ही नहीं आता बल्कि अलग अलग जगहों पर खुलेआम करने में भी बहुत मजा आता है। फिर अगले दिन सुबह सुबह मोना घर के आगे की तरफ की सफाई करने के लिए बिल्कुल नंगी ही चली गई और जाकर झाड़ू लगाने लगी। मैं घर के अंदर से उसे देखने लगा और अपना लंड हिलाने लगा। फिर झाड़ू लगाने के बाद मोना ने झाड़ू तो नीचे रख दी और फिर अपने बाल खोलकर ऐसे खड़ी हो गई जैसे कोई मॉडल हो। उसे ऐसे देखकर तो मेरा बुरा हाल हो गया। फिर मैं भी बाहर चला गया। फिर वो मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। मैं भी उसकी गाँड और बोबो को सहलाने लगा। फिर वो हँसकर बोली के हाय मैं कितनी बेशर्म हूँ जो ऐसे सरेआम नंगी खड़ी होकर अपने भाई का लंड हिला रही हूँ। वहां हमारे आसपास के सब घर खाली थे। इसलिए हमें किसी का कोई डर नहीं था।
फिर मैंने मोना से कहा के वो जोर से बोले के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मोना ये सुनकर हंसने लगी और फिर हंसते हुए कहा के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मैंने उससे और जोर से कहने के लिए कहा तो वो इस बार और जोर से बोली और फिर वो हंस पड़ी। उसे ऐसे हंसते देख मैं फुल गर्म हो चुका था। फिर मैं उसे उठाकर घर के अंदर ले गया और फिर ताबड़ तोड़ उसकी चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद मोना से कहा के तुम बहुत बड़ी रंडी बनोगी एक दिन। फिर मोना ने कहा के तुम ही मुझे बनाओगे। फिर हम हंसने लगे।
कुछ दिन बाद शाम को बारिश आना शुरू हो गई और पूरी रात बारिश होती रही। उस रात मैंने और मोना ने बारिश में खूब चुदाई की। मोना इतनी हॉट और सेक्सी थी के उसे देखकर तो कई बार मेरा ऐसे ही पानी निकल जाता। मैंने उससे कहा के तुम्हे खुश करने के लिए तो कई मर्द चाहिए। क्योंकि कुछ तो तुम्हे नंगी देखकर ही झड़ जाएंगे। ये सुनकर वो हँसने लगी।
फिर कुछ दिन बाद मम्मी का फोन आया और उन्होंने कहा के उन्हें किसी रिश्तेदार के यहां जाना है इसलिए तुम दोनों कुछ दिन के लिए गांव आ जाओ। फिर हम दोनों छुट्टी लेकर गांव चले गए। गांव आने के बाद मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार के यहां चली गई। फिर अब घर पर सिर्फ मैं, पापा और मोना ही थे। पापा भी दिन में काम पर चले जाते और शाम को थके हारे आते और खाना खाकर सो जाते। दिन में मैं और मोना घर पर अकेले होते तो हम खूब चुदाई करते। पापा सुबह जल्दी ही काम पर चले जाते तो उनके जाने के बाद मोना नंगी हो जाती और फिर मैं मोना को पकड़कर चोद देता। हम दोनों ने घर मे सब जगह अलग अलग पोज में चुदाई कर चुके थे।
रात को पापा के सोने के बाद हम दोनों नंगे हो जाते और फिर मोना मेरी चारपाई पर आ जाती और फिर हम चुदाई करते। पापा पास में ही सोए रहते लेकिन हम दोनों को बिल्कुल भी डर नहीं लगता था। मोना भी अब काफी ज्यादा खुल चुकी थी। पोर्न वीडियो से आईडिया लेकर हमारे मन मे जो आता हम वैसा ही करते। सुबह पापा थोड़ा लेट उठते थे। मैं और मोना उनसे पहले उठ जाते थे तो फिर मेरे कहने पर मोना उनके उठने तक ब्रा पैंटी में ही घर मे घूमती रहती और फिर तो नंगी ही रहने लगी। वो उठने वाले होते तो वो कपड़े पहन लेती। इसमे थोड़ा रिस्क भी था पर हमें बहुत मजा आता था।
फिर मौका मिलने पर मैं मोना के बोबो को सहला देता और मोना भी मेरे लंड को सहला देती तब पापा घर पर ही होते थे। एक दिन शाम का टाइम था। मैं और पापा तो नहाकर कुलर के आगे बैठे थे। पापा कूलर की तरफ मुंह करके लेटे थे। तब मोना नहाने के लिए जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मैंने उससे कहा के पापा दूसरी तरफ मुँह करके लेटे है तो तुम नहाने के बाद नंगी ही आना। ये सुनकर मोना हंसती हुई नहाने चली गई। फिर मैं उसका इंतजार करने लगा। फिर नहाने के बाद मोना ने बाथरूम से बाहर झांक कर देखा तो पापा तब भी दूसरी तरफ मुँह करके लेटे थे। फिर मैंने उसे आने का इशारा किया तो फिर वो एकदम नंगी बाथरुम से निकली और फिर हमारी तरफ आने लगी। तब पापा का मुँह दूसरी तरफ था। फिर मोना जैसे ही मेरे पास से जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया। फिर वो अपना हाथ छुड़ाने लगी। लेकिन मैंने नहीं छोड़ा।
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे सहलाने के लिए कहा तो फिर वो दुसरे हाथ से सहलाने लगी और फिर थोड़ी देर हिलाने के बाद ही मैंने उसे जाने दिया। फिर मोना भागकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर बाहर आकर लेट गई। फिर वो मुझसे बोली के आज तो तुम मरवा ही देते। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा था। फिर मैंने उसे कहा के कुछ नहीं होता। फिर मोना बोली के ऐसे मजा तो बहुत आता है पर डर भी लगता है। फिर मैंने मोना से कहा के तुम डरो मत सिर्फ मजे लो। फिर मोना अगले दिन नहाकर नंगी ही आई और इस बार मेरा लंड चूसकर फिर अंदर गई। फिर वो मुझसे बोली के तुम मुझे ऐसे और काम बताओ। जिन्हें करके मजा भी आये और थोड़ा रिस्क भी हो। फिर मैं बोला के ठीक है।
पापा को शाम को दारू पीने की आदत थी। मम्मी पापा को दारू पीने नहीं देती थी लेकिन अब मम्मी तो थी नहीं तो फिर पापा शाम को आते टाइम दारू ले आये। फिर उन्होंने मोना और मुझसे कहा के तुम अपनी मम्मी को कुछ मत बताना। फिर हमने हँसकर कहा के ठीक है हम कुछ नहीं बताएंगे। फिर पापा शाम को नहा धोकर दारू पीते और फिर खाना खाकर सो जाते। मोना पापा को दारू पीते टाइम उन्हें सलाद काटकर देती और उनकी पूरी सेवा करती। पापा को दारू मिल गई थी तो वो अब काफी खुश रहते। वो शाम को दारू पीकर टुन्न हो जाते और फिर उन्हें कोई होश नहीं रहता। इसी बात का फायदा उठाकर मैंने मोना से कहा के जब पापा टुन्न हो जाये तो फिर वो सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर ही पापा के सामने जाए। वो भी जानती थी के पीने के बाद पापा को कुछ होश नहीं रहता है। फिर जब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में पापा के सामने गई तो पापा उसे पहचान तो रहे थे पर इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे थे के उसने पहना क्या है।
ज्यादा दारू पीने के बाद पापा गन्दी गन्दी गालियां भी निकालने लग जाते। लेकिन गालियों का हम पर कोई असर नहीं होता था। फिर एक बार ज्यादा दारू पीने के बाद पापा पेशाब करने गए और फिर पेशाब करके आने लगे तो वो गिर गए। फिर मैं और मोना भागकर उनके पास गए और उन्हें उठाने लगे। उन्हें उठाया तब देखा के उनकी लुंगी खुल चुकी थी और वो बिल्कुल नंगे हो चुके थे। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर हम दोनों पापा को सहारा देकर लाये और लाकर चारपाई पर बैठाने लगे। तब मोना ब्रा पैंटी में थी और पापा ने मोना की कमर में हाथ डाल रखा था। फिर पापा और मोना तो एक साथ ही चारपाई पर बैठ गए और मैं उनके सामने बैठ गया। फिर मैंने मोना को पापा का लंड देखने के लिए इशारा किया तो मोना हंसने लगी। फिर मैंने अपना लंड सहलाते हुए मोना को पापा का लंड सहलाने के लिए कहा तो मोना हंसने लगी और ना में सिर हिलाने लगी।
फिर मैंने उसे कहा के यही मौका है दूसरे लंड से मजा लेने का। फिर मोना मान गई और फिर वो पापा का लंड पकड़कर सहलाने लगी। पापा तो अपनी ही बकवास किये जा रहे थे। उन्हें कहाँ पता चलने वाला था। फिर मोना ने कुछ देर तो लंड हिलाया और फिर वो उठकर चूल्हे के पास चली गई। फिर मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मोना बोली के वो भी एक बार दारू पीकर देखना चाहती है। फिर मैं बोला के तो आज ही मौका है। ये मौका फिर नहीं मिलने वाला है। मेरे फोन में एक पोर्न वीडियो थी जिसमे एक जवान लड़की बूढ़े आदमी से चुदाई करवाती है और खूब मजे करती है। फिर वो वीडियो जब मैंने मोना को दिखाई तो वो गर्म हो गई। वो सब समझ गई के क्या करना है।
फिर मैं अपना अंडरवियर खोलकर चारपाई पर बैठ गया और फिर मोना भी अपनी ब्रा पैंटी खोलकर नंगी हो गई और फिर दो कांच के ग्लास लेकर आई और पापा के पास बैठ गई। फिर उसने पापा का हाथ पकड़कर अपनी कमर पर रख लिया और फिर वो एक हाथ से पापा का लंड सहलाने लगी। फिर मैंने हम सबके लिए पैग बनाये। मैंने मोना के लिए थोड़ा हल्का पैग बनाया और मेरे लिए आधा पानी और आधी दारू डाल ली और पापा को सिर्फ दारू डालकर दी। फिर हम सबने चियर्स करके एक दुसरे के ग्लास के साथ ग्लास भिड़ाये और पीने लगे। मोना पहली बार दारू पी रही थी तो उसे काफी कड़वी लगी लेकिन वो जैसे तैसे पी गई। फिर उसने और दारू डालने के लिए कहा तो मैंने कहा के आज इतनी ही बहुत है। अगर तुम भी पीकर टुन्न हो जाओगी तो मजे कैसे करोगी। मेरी बात सुनकर मोना पापा को तरफ देखकर हंसने लगी।
फिर मैं भी जाकर मोना के दूसरी तरफ बैठ गया। फिर मोना मेरा लंड भी पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैंने उससे पूछा के दो दो लंड हाथों में लेकर कैसा लग रहा है फिर वो बोली के बहुत मजा आ रहा है। फिर मैंने मोना से कहा के आज तुम हम दोनों को अपने बाप भाई मत समझो बल्कि बस मर्द समझो और खुलकर मजे लो। मोना भी अब बच्ची नहीं रही थी। वो जान गई थी के एक मर्द से कैसे मजे लिए जाते है। फिर वो फुदक कर पापा की गोद मे जा बैठी। मोना पापा की गोद मे एक दम नंगी बैठी थी। ये देखकर ही मेरे लंड से पानी निकलने को हो गया। फिर पापा ने भी मोना के छोटे छोटे बोबो को पकड़ लिया और सहलाने लगी। मोना को भी अब नशा हो चुका था। नशे के कारण वो दोनो बाप बेटी अब एक दूसरे के साथ मजे करने लगे।
वो दोनो फिर चारपाई पर लेट गए। पापा को तो बिल्कुल भी होश नहीं था। फिर मोना पापा का हाथ अपनी चुत पर रखकर सहलाने लगी। फिर वो पापा के ऊपर चढ़ गई और पापा का लंड चुसने लगी। जब पापा का लंड पूरा खड़ा हो गया तो फिर वो पापा का लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदवाने लगी। उसने पापा के दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए थे। फिर मैं खड़ा होकर उनके पास गया अपना लंड मोना के मुँह में दे दिया। अब मोना मेरा लंड चुसने लगी और साथ मे पापा से चुदवा रही थी। मोना आज दो दो लंड के मजे ले रही थी। फिर पापा झड़ गए और सारा पानी मोना की चुत में ही चला गया। फिर मैंने मोना को पापा पर से उतारा और फिर ले जाकर अपनी चारपाई पर लेटा दिया और फिर मैं मोना की चुदाई करने लगा। कुछ देर चुदाई करने के बाद मैं भी झड़ गया। फिर मैं और मोना कुछ देर तो ऐसे गई लेटे रहे। फिर उठकर हमने सब सामान सही किया। पापा का लंड पोंछा और पापा को लुंगी पहनाई और फिर शराब की बोतल और ग्लास वगैरह सब वहां से उठा दिए। ताकि सुबह उठकर पापा को कुछ पता ना चले के रात को क्या हुआ था।
पापा तो दारू पीकर बिना खाना खाए ही सो गए। मोना भी थोड़े नशे में थी। फिर मैंने मोना को खाना खिलाया और खुद भी खाया। फिर मोना ने कपड़े पहने और फिर वो और मैं अपनी अपनी चारपाई पर सो गए। आज की ये रात हमें हमेशा याद रहने वाली थी।
फिर अगले दिन उठे तो मोना का सिर दर्द हो रहा था। फिर मैंने उसे टेबलेट दी तो फिर वो ठीक हो गया। फिर पापा उठे तो मोना ने उनके लिए चाय बनाई। फिर पापा ने पूछा के रात को मैंने क्या क्या किया था। फिर मोना ने बताया के आपने रात को ज्यादा दारू पी ली थी और आप हर किसी को गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे। ये सुनकर पापा थोड़ा शर्मिंदा हुए। फिर पापा बोले के तुम ये बात अपनी मम्मी को मत बताना। फिर मोना बोली के और आप भी मम्मी के आने के बाद दारू मत पीना। पापा ने हमसे और कुछ नहीं पूछा। बस वो बार बार अपने लंड को जरूर सहला रहे थे। शायद उन्हें पता चल गया था के उन्होंने चुदाई की है। लेकिन किससे की और कैसे की। ये पता नहीं था उन्हें।
फिर पापा तैयार होकर दुकान पर चले गए। पापा के जाने के बाद मोना मुझसे बोली के कल रात बहुत मजा आया था। फिर मैंने कहा के दो लंड लेकर हर लड़की को मजा ही आता है। अब तुमने अपने बाप और भाई का लंड ले लिया है तो अब तुम्हें किसी और का लंड लेने में शर्म नहीं आएगी। ये सुनकर मोना हँसकर बोली के मुझे तो आप दोनों का लंड लेने में भी शर्म नहीं आई। फिर मोना बोली के मेरी कई सहेलियां है जो कि लंड लेने के लिए बहुत बेताब है और लंड लेने के बाद वो किसी से कुछ कहेगी भी नहीं। अगर तुम्हें लेनी है उनमें से किसी की चुत तो बताओ। फिर मैं मोना से बोला के तुम हमारे बारे में किसी को भी मत बताना। क्योंकि अगर एक बार किसी को पता चल गया तो फिर सबको पता चलने में देर नहीं लगेगी। फिर मोना बोली के मैं किसी को नहीं बताऊंगी। पर मेरी एक पक्की सहेली है। अगर तुम उससे कर लोगे तो वो किसी को नहीं बताएगी। अगर उसको हमारे बारे में पता चल जाएगा तो भी वो किसी से कुछ नहीं बोलेगी।
फिर मैं बोला के तुम किसी पर विस्वास मत करना। मुझे पता है तुम भी किसी और का लंड लेने के लिए बेताब हो। मैं तुमसे वादा करता हूँ कि अगर तुम मुझसे अपनी सहेली चुदवाओगी तो फिर मैं तुम्हारे लिए भी कोई न कोई लंड ढूंढ दूंगा। तुम चाहे किसी से भी करना मुझे कोई एतराज नहीं है। लेकिन तुम अभी तक तैयार नहीं हो। तुम्हारी गाँड की सील भी अभी खोलनी है। तुम्हारी गाँड और चुत थोड़ी खुल जाए फिर चाहे तुम किसी का भी लंड ले लेना तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगी।
फिर ये सुनकर मोना बोली के मैं तुमसे इसलिए अपनी सहेली नहीं चुदवा रही के फिर तुम भी मुझे अपने दोस्त से चुदवाओ। मुझे लंड तो लेने है पर अगर आपकी मर्जी नहीं होगी तो मैं किसी का भी लंड नहीं लूंगी।
फिर मैं बोला के अभी हमने चुदाई करना शुरू ही किया है। मजे करने के लिए तो आगे बहुत जिंदगी पड़ी है। अभी मुझे सिर्फ तुम्हारे साथ ही चुदाई करनी है। अभी हम हमारे बीच किसी को भी नहीं आने देंगे। ये सुनकर मोना मुस्कुराकर मेरे गले लग जाती है आए फिर हम किस करने लग जाते है। फिर दोपहर को हम सो जाते है क्योंकि रात को हम देर से ही सोए थे।
उस दिन शाम को पापा आते है। फिर पापा उस दिन शाम को भी दारू ले आते है। फिर मोना पापा से दारू नहीं पीने के लिए कहती है। फिर पापा ने कहा के तुम्हारी मम्मी आने तक तो पी लेने दो। फिर तो बन्द ही करनी पड़ेगी। फिर मोना हँसकर कहती है के ठीक है।
अब मोना ने पापा से भी चुदवा लिया था हालांकि इसका पता पापा को नहीं चला था लेकिन फिर भी उसने चुदवा तो लिया ही था। जिस कारण मोना अब पापा से खुलकर बात करने लगी थी और उनके सामने अपने कपड़ों का भी ज्यादा ध्यान नहीं रखती। मोना गहरे गले वाले सूट पहनती जिस कारण मोना के बोबो की गहराई दिखती रहती। मोना दुपट्टा वगैरह भी नहीं रखती थी। तब गर्मी का टाइम था और गर्मी में काम करने के कारण मोना का सूट पूरा पसीने से भीग जाता और मोना के बोबे साफ दिखने लग जाते। जिन्हें देखकर एक बार तो पापा भी ध्यान स्व देखने लग जाते है। लेकिन अपनी बेटी जानकर वो इसे अनदेखा कर देते।
मम्मी को गए अभी 10 दिन होने वाले थे लेकिन मम्मी तो अभी वापिस आने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मोना ने मम्मी को फोन किया तो फिर मम्मी ने कहा के 2-3 दिन में आ जाऊंगी।
पहले तो मोना अपनी ब्रा और पैंटी छुपाकर रखती थी। मोना अपनी ब्रा पैंटी बाकी के कपड़ो से अलग जगह सुखाती थी। लेकिन फिर मोना ने अपनी ब्रा पैंटी बिल्कुल खुल्लम खुल्ला सुखाने लगी और बाथरूम में भी उसकी ब्रा पैंटी ऐसे ही पड़ी रहती। मुझे पता था के मोना ये सब मौज मस्ती के लिए कर रही है। फिर मोना ने मुझसे कहा के पापा मुझे कुछ कहने वाले तो है नहीं। इसलिए मैं पापा के सामने कैसे भी रह सकती हूँ। फिर मैं बोला के तुम क्या करने वाली हो। फिर मोना बोली के ज्यादा कुछ नहीं बस किसी तरह उनके सामने नंगी होना है। देखते है फिर पापा क्या करते है। फिर मैं बोला के बेचारे वो क्या करेंगे। उन्हें तो ये भी पता नहीं के उनकी बेटी उनसे चुद चुकी है। ये सुनकर मोना बोली के तभी तो। उन्हें बता तो नहीं सकती पर वो भी बेचारे मुझे देखकर अपनी आंखें सेंक लेंगे। फिर मोना ने मुझसे पूछा के तुम्हारे हिसाब से मुझे क्या करना चाहिए। मम्मी भी आने वाली है।
फिर मैं बोला के मैं सोचता हूँ कुछ। मोना बोली के मैं किस बहाने से उनके सामने नंगी होउंगी ताकि उनका पता ना चल पाये के मैं उनके सामने जानबूझकर नंगी हुई हूँ। फिर मैंने पूछा के तुम पूरी नंगी होना चाहती हो या अधनंगी। फिर वो बोली के पूरी नंगी कैसे हो सकती हूँ। फिर मैं बोला के होने को कुछ भी हो सकता है। फिर मोना बोली के पूरी नंगी ही हो जाऊंगी। अब मुझे शर्म नहीं आती। मैं अब बिल्कुल बेशर्म हो चुकी हूँ। मुझे तो बस थोड़ा सा बहाना चाहिए फिर तो मैं खुद ही नंगी हो जाऊंगी। अब मोना ने पापा के सामने नंगी होने की ठान ही ली थी तो मुझे तो उसका साथ देना ही था।
फिर मैं कोई तरकीब सोचने लगा जिससे मोना पापा के सामने नंगी हो सके। मोना सलवार सूट ही पहनती थी। अगर और कुछ पहनती फिर भी कुछ सोचता। मोना का सूट भी चलो फटने से उतर जाए पर सलवार कैसे उतर सकती है। ये मेरे समझ नहीं आ रहा था। फिर काफी सोचने के बाद मुझे एक आईडिया आया। हालांकि ये आईडिया इतना ज्यादा अच्छक नहीं था और काम चल सकता था। इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। आगे बताता हूँ के क्या हुआ।
सन्डे का दिन था और उस दिन पापा घर पर ही थे। घर मे थोड़ी साफ सफाई करने वाली थी। फिर मोना ने पापा और मुझसे साफ सफाई में हाथ बंटाने के लिए कहा। फिर इसके लिए पापा ने हाँ कर दी। फिर मोना ने जल्दी से खाना बनाया और फिर खाना खाकर हम सब साफ सफाई में लग गए। साफ सफाई करते टाइम मैं तो सिर्फ अंडरवियर में था और पापा सिर्फ लुंगी में थे और मोना ने अपना एक पुराना टाइट सूट पहन लिया। जिसमे सुराख भी थे और वो काफ़ी पतला भी था। उस सूट में एक सुराख एक बोबे की जगह भी था।
फिर हम तीनों साफ सफाई करने लगे। गर्मी के दिन थे तो जल्द ही हम तीनों पसीने से तर हो गए। मैं और पापा ने तो ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था इसलिए हमारा पसीना तो नीचे बह रहा था। लेकिन मोना ने ऊपर सूट पहन रखा था जो कि पूरा भीग चुका था। उसके बोबे साफ नजर आने लगे थे। मैं तो इसे अनदेखा कर रहा था लेकिन पापा कभी कभी देख लेते थे। मोना का सूट थोड़ा गहरे गले वाला भी था जिस कारण उसके बोबो के उभार साफ नजर आ रहे थे। फिर हम यूंही काम करते रहे। फिर मैंने देखा के मोना बाहर गई और सूट में बोबे कई जगह जहां सुराख था वहां से उसने अपने एक बोबे का निप्पल बाहर निकाल लिया। जब मैंने ये देखा तो मैं समझ गया के मोना की शरारत अब शुरू हो गई है। फिर मैंने इस और बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और मैं उनसे थोड़ा दूर हो गया और उन्हें अकेला छोड़ दिया। ताकि पापा बिना किसी शर्म के मोना के बदन को निहार सके।
फिर कुछ देर बाद मोना ने अपने दुसरे बोबे वाली जगह सूट में सुराख कर लिया और उसमें से अपने दुसरे बोबे के निप्पल को भी बाहर निकाल लिया। मोना को ऐसे देखकर तो किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाये। फिर जब मोना ऐसे पापा के सामने गई तो फिर पापा भी उसे देखते रह गए। लेकिन वो क्या कर सकते थे देखने के अलावा। मोना को ऐसे देखकर पापा उसे कुछ नहीं बोले। थोड़ी देर बाद जब काम खत्म हो गया तो फिर मैं तो कोई बहाना मारकर घर से निकल गया और छिपकर उन्हें देखने लगा। क्योंकि असली नाटक तो अब होने वाला था। फिर नहाने की बारी आई तो फिर पहले मोना नहाने चली गई और पापा वहीं चारपाई पर बैठकर इंतजार करने लगे।
तभी अचानक बाथरूम से मोना बिल्कुल नंगी बाहर आ गई और चिल्लाने लगी के अंदर मेरे ऊपर छिपकली पड़ गई। फिर पापा मोना को नंगी देखकर देखते ही रह गए और फिर भागकर बाथरूम में गए। तब तक मोना बाहर ही बिल्कुल नंगी खड़ी रही। मोना ने तब सीधी खड़ी थी और अपने हाथों से अपने बोबो और चुत को बिल्कुल भी नहीं ढक रखा था। फिर पापा बाथरूम से बाहर आये और मोना से बोले के अंदर कोई छिपकली नहीं है जाकर नहा लो। लेकिन मोना इतनी जल्दी कहाँ अंदर जाने वाली थी। फिर वो बाहर खड़ी खड़ी ही कहने लगी के नहीं अंदर छिपकली है। फिर पापा उसे समझाने लगे के अंदर कुछ नहीं है। चुप चाप जाकर नहा लो। मोना ने चुत पर मेरी दी हुआ नोज रिंग पहन ही रखी थी। फिर पापा का ध्यान उस पर गया तो पापा कुछ पल के लिए उसे देखते रहे।
फिर उन्होंने एक बार और मोना से अंदर जाकर नहाने के लिए कहा तो फिर मोना बाथरूम में जाने लगी। जाते टाइम पापा ने मोना को एक नजर पीछे से देखा। फिर कुछ देर बाद जब मोना नहाकर आ गई और पापा नहाने चले गए तो फिर मैं भी वापिस घर पर आ गया। फिर मैंने मोना से कहा के तुमने तो कमाल कर दिया। फिर मैंने मोना से कहा के अगर वो तुम्हे नंगी देखकर तुम्हे चोदने लग जाते तो। फिर मोना बोली के तो क्या मैं उनसे हंसी खुशी चुदवा लेती। ये सुनकर हम दोनों हँसने लगे। फिर पापा नहाकर आकर दुसरे कमरे में जाकर सो गए। फिर मैं और मोना नंगे होकर चुदाई करने लगे और फिर हम भी सो गए।
आज जो मोना ने किया वो करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। फिर शाम को सब कुछ नॉर्मल रहा। मोना और पापा एक दुसरे से पहले के जैसे ही बातें कर रहे थे। अब मोना की सब शर्म और डर चला गया था। उस रात लाइट नहीं थी। तो मैं और पापा तो खाना खाकर लेट गए और मोना बर्तन वगैरह साफ करने लगी। फिर सब काम करके जब मोना हमारे पास आई तो उसने पहले अपने सब कपड़े खोले और फिर पूरी नंगी होकर आकर चारपाई पर लेट गई। पापा तब तक जाग ही रहे थे। फिर मोना अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना पानी पीने नंगी ही गई और फिर पानी पीकर आकर लेट गई। जैसे कि वो हमेशा से ही ऐसे ही नंगी रह रही हो। फिर पापा के खर्राटे बजने लगे तो फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पूरा निकाल दिया और लंड सहलाने लगा।
फिर तभी मोना खड़ी हुई और आकर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और फिर ऊपर नीचे होने लगी। उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था के पापा भी पास में लेटे है। फिर हम झड़ गये तो फिर वो अपनी चारपाई पर जाकर नंगी ही कम्बल ओढ़कर सो गई और फिर मैं भी सो गया। सुबह जब मोना उठी तो वो नंगी ही थी और पापा के उठने तक नंगी ही रही। फिर पापा तैयार होकर काम पर चले गए और फिर हम दोनों नंगे होकर घर मे घूमने लगे।
पापा के सामने नंगी होने के बाद मोना और भी ज्यादा खुल गई थी। हम पोर्न वीडियो में देखते के कैसे उसमें लड़की कभी नर्स बनकर तो कभी टीचर बनकर चुदवाती है और खूब मजे लेती है। फिर ऐसा ही कुछ हम भी करने लगे। मोना पहले नर्स बनी और फिर वो मुझे नंगा करके मेरे लंड को चेक करने लगी। हम बातें भी ऐसे कर रहे थे जैसे मोना सच मे कोई नर्स है और मैं उसका मरीज। फिर चेक करते करते जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर हम चुदाई करने लगे। इसके बाद वो मेरी स्टूडेंट बनी और फिर वो मेरी टीचर बनी और हमने फिर जमकर चुदाई की।
फिर इसके बाद मोना को अपनी फेवरिट एक्ट्रेस समझकर चोदता और मोना भी मुझे कोई अपना फेवरिट एक्टर समझकर मुझसे खूब चुदवाती। ऐसे चुदाई करके हमे काफ़ी मजा आता था। अभी हमारा हाल ऐसा हो गया था के मोना को नंगी देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मेरा खड़ा लंड देखकर मोना की चुत गीली हो जाती। फिर तो हमारी चुदाई पक्की हो जाती। घर मे जब में मोना को अपना लंड बाहर निकालकर दिखा देता तो मोना सब काम छोड़कर मेरे पास आ जाती और फिर अपनी सलवार खोलकर घोड़ी बन जाती। कई बार तो ऐसा होता के बाहर पापा बैठे होते और अंदर कमरे में मोना मेरे सामने घोड़ी बनी हुई होती। फिर मैं भी उसकी चुत में लंड डाल देता।
फिर बस कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। मम्मी के आने से पहले मोना ने पापा को अपने बदन के खूब दर्शन करवाएं। फिर मम्मी आ गई तो फिर मम्मी के सामने मोना नॉर्मल ही रही। फिर हम एक दो दिन और गांव में रहे और फिर हम वापिस शहर आकर रहने लगे। फिर से हमारी वही रूटीन शुरू हो गई।
मैं अपने दोस्त से खूब पोर्न वीडियो अपने फोन में डलवाकर लाता और फिर मैं और मोना वो वीडियो देखते और फिर जमकर चुदाई करते। मोना को डांस करना बहुत अच्छे से आता था और वो जब नंगी होकर डांस करती तो इतनी सेक्सी लगती के पूछो मत। मोना सब कुछ बहुत तेजी से सीख रही थी। चुदाई में तो वो अब पूरी एक्सपर्ट हो चुकी थी।
फिर मोना के एग्जाम आ गए तो मैंने उसे पढ़ने के लिए कहा ताकि उसके एग्जाम में अच्छे नम्बर आ सके। मैं उसकी चुदाई कर देता जिससे कि वो बिल्कुल रिलेक्स होकर पढ़ सके। मोना पढ़ाई में होशियार ही थी। इस कारण मैंने फिर मोना से कहा के कहीं हमारी चुदाई के कारण तुम्हारी पढ़ाई खराब ना हो जाये। मोना बोली के ऐसा कुछ नहीं होगा। फिर मोना पढ़ाई में ध्यान देने लगी और मैं भी मोना के साथ चुदाई के लिए ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं करता।
फिर एक बार शाम को मम्मी का मेरे पास फोन आया तो हम ऐसे ही बातें करने लगी। फिर वो मुझसे मोना के बारे में पूछने लगी तो मैंने कहा के वो ठीक है। फिर मम्मी ने कहा के उसका ध्यान रखना कहीं उसका किसी के साथ चक्कर ना चल जाये। फिर मैंने मम्मी से कहा के हमारी मोना सयानी है वो सब समझती है। वो ऐसा वैसा कुछ नहीं करेगी। फिर मम्मी बोली के बेटा ये उम्र ही ऐसी होती है और हमारा गांव तो पहले से ही बदनाम है। फिर मैंने मम्मी से कहा के थोड़ा तो विस्वास रखो। वो तुम्हारी बेटी है। तुम्हे अपनी बेटी पर जरा भी विस्वास नहीं है। फिर मम्मी बोली के उस पर तो विस्वास है लेकिन इस दुनिया पर नहीं है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम मोना की उम्र की थी तो तब तुम्हारा था क्या कोई बॉयफ्रेंड। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के बेशर्म अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात पूछता है।
फिर मैंने कहा के क्यों अब तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड रहा होगा तो होगा। अब मुझे क्या पता। फिर मम्मी बोली के अरे मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। फिर वो हंसने लगी। फिर मैंने कहा के ये तो नहीं हो सकता। आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना रहा हो। ये सुनकर मम्मी फिर हंसने लगी। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं था पर शायद तेरी जरूर कोई गर्लफ्रैंड है। फिर मैं बोला के आपको कैसे पता। फिर मम्मी बोली के तेरी बातों से पता चल गया। फिर मैं बोला के नहीं है मैंने तो ऐसे ही कह दिया था। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है तो हम बन जाते है एक दुज़रे के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड। ये सुनकर मम्मी खूब हंसी।
उस दिन मैंने और मम्मी ने काफी देर बात की। मेरी मम्मी मस्त औरत है। सबके साथ हँसकर ही बात करती है। उस दिन के बाद से मैं मम्मी के साथ कुछ ज्यादा ही मस्ती मजाक करने लगा। मम्मी को मुझ पर पूरा विस्वास था और घर के बारे में जो भी बात करनी होती तो वो मुझ से ही पूछती थी। घर का सब हिसाब किताब हम दोनों ही रखते थे। मम्मी मेरा काफी ख्याल रखती थी और उन्होंने कभी मुझे किसी चीज के लिए मना नहीं किया था। इस कारण मैं कुछ न कुछ चीज ले जाकर मम्मी को देता रहता था।
मोना को भी हमारी इन सब बातों का पता था। फिर मोना ने मुझसे कहा के अगर तुम मम्मी को किस तरह पटा लो तो फिर कभी मम्मी को हमारे बारे में पता भी चलेगा तो वो हमें ज्यादा कुछ नहीं कहेगी। फिर मैंने मोना से कहा के वो हमारी मम्मी है। वो ऐसे जल्दी से पटने वाली औरत नहीं है। फिर मोना ने मुझसे कहा के हमारी मम्मी सुंदर है और अभी भी काफी जवान ही लगती है। अगर उनका किसी के साथ चक्कर चल रहा हो तो। फिर ये सुनकर मैं मोना से बोला के तुम्हारा दिमाग तो ठीक है क्या। फिर मोना बोली के मेरा दिमाग ठीक है। होने को कुछ भी हो सकता है। वो भी औरत है उनके भी चुत है। उनका भी मन करता ही है। मोना की बातें सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया। फिर मैंने मोना से कहा के अभी ऐसा कुछ सामने तो नहीं आया है। लेकिन तुम्हारी बात सही भी हो सकती है। फिर मोना बोली के पापा को तो मैं सम्भाल लुंगी। तुम बस मम्मी का ध्यान रखना।
मैंने कहा के ठीक है। फिर मैं मम्मी का भी ध्यान रखने लगा। उनका फोन वगैरह भी चेक करता रहता। लेकिन कुछ नहीं मिला। तब जाकर मुझे और मोना को यकीन हुआ।
सर्दियों के दिन शुरू हो गए। मैं और मोना नंगे होकर एक ही रजाई में सोते और जमकर चुदाई करते। सर्दियों में चुदाई करने का मजा ही अलग होता है। फिर मोना के एग्जाम हो गए और मोना अब बिल्कुल फ्री थी। फिर मोना गाँड मरवाने की जिद करने लगी। फिर मैंने उसे समझाया के इसमे बहुत दर्द होगा। फिर मोना बोली के मैं सारा दर्द सह लुंगी। हम पहले से ही काफ़ी गाँड चुदाई की वीडियो देख चुके थे। फिर एक दिन रात को हमने गाँड चुदाई का प्रोग्राम बनाया। मैंने तेल, क्रीम वगैरह सब कुछ पहले से ही बिस्तर के पास रख लिए थे। फिर मोना घोड़ी बन गई तो फिर मैंने मोना की गाँड और मेरे लंड पर खूब सारा तेल लगाया। फिर मैं लंड गाँड में डालने लगा। मोना की गाँड काफी टाइट थी। फिर जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया तो उसे थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा। फिर मेरा आधा लंड अंदर चला गया तो उसे तेज दर्द होने लगा। वो चिल्लाने लगी और रोने लगी।
लेकिन फिर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो फिर तो उसका बुरा हाल हो गया। वो मुझसे लंड निकालने के लिए कहने लगी। लेकिन मैंने नहीं निकाला। फिर मैं साथ मे इसकी वीडियो भी बनाने लगा। फिर मैं लंड अंदर बाहर करने लगा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। मोना का तो रो रोकर बुरा हाल हो चुका था। मुझे भी मोना की टाइट गाँड चोदने में बहुत मजा आ रहा था। फिर आखिरकार मैं भी झड़ गया और पुरा माल मोना की गाँड में ही निकाल दिया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया। लंड बाहर निकालने के बाद मोना सीधी होकर लेट गई और अपनी गाँड के छेद को अपने हाथ से छूकर देखने लगीं। वो कांप रही थी तब।
मेरा लंड तब भी खड़ा था और मोना की हालत देखकर बड़े शान से मैं अपने लंड को सहला रहा था। मोना भी ये देख रही थी। फिर मैंने लंड उसकी चुत में डाल दिया और करने लगा। फिर मोना बोली के मेरी जान लोगे क्या आज। फिर मैं बोला के जान नहीं एक बार गाँड और लूंगा। फिर ये सुनकर मोना रोकर कहने लगी के नहीं आज बख्स दो। फिर मैं बोला के एक बार और करवालोगी तो गाँड ढंग से खुल जाएगी। लेकिन फिर वो मना ही करती रही। फिर मेरा लण्ड थोड़ा ढीला होने लगा तो फिर मैंने लन्ड उसके मुंह मे डाल दिया तो वो रोती रोती मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तनकर तैयार हो गया जिसे मैं उसके मुंह के सामने ही मैं सहलाने लगा। फिर ये देखकर मोना डर गई के अब उसकी खैर नहीं। फिर मैंने उसे समझाया के अब उसे पहले जितना दर्द नहीं होगा। लेकिन वो करवाने के लिए तैयार ही नहीं थी।
लेकिन फिर भी मैंने किसी तरह लंड उसकी गाँड में डाल ही दिया। उसे पहले तो दर्द हुआ लेकिन फिर इस बार उसे मजा आने लगा आए उसकी चुत बहने लगी। फिर इस बार मैंने उसकी चुत भी मारी। फिर चुदाई के बाद मैंने उसकी चुत और गाँड को अच्छे से साफ किया और उसे दर्द की गोली दी। फिर वो उल्टी होकर लेट गई तो फिर मैं उसकी गाँड की सिकाई करने लगा। फिर थोड़ा आराम मिलते ही मोना को नींद आ गई। फिर मैं भी सो गया।
जब अगले दिन वो उठी तो वो लंगड़ाकर चल रही थी। फिर मैंने कहा के कुछ दिन में ठीक हो जाओगी। फिर उस दिन भी मैंने कई बार उसकी गाँड मारी। फिर इसके बाद तो उसकी गाँड में खुजली होने लगी और वो खुद अपनी गाँड लाकर मेरे सामने रख देती। फिर मोना को भी गाँड चुदाई में काफी मजा आने लगा और वो अब काफी खुश थी। फिर मैं लगभग रोज रात को उसकी गाँड में अपना लंड डालकर सोने लगा। अब जब मैं घोड़ी बनाकर मोना की चुदाई करता तो उसकी चुत और गाँड दोनो की चुदाई करता और फिर उसकी गाँड में झड़ जाता।
जब मोना पूरी तरह ठीक हो गई तो फिर हम कुछ दिन के लिए गांव चले गए। गांव में हमारे घर मे एक कमरे में पापा मम्मी सोते है और उसके साथ वाले कमरे में मैं और मोना सोते है और एक रसोई है और एक गेस्ट रूम है। इस प्रकार कुल 4 ही कमरे है। हमारे और मम्मी पापा के कमरे में बस एक दीवार ही थी और उसमें भी कई छेद थे। फिलहाल उसमें ईंट फसाई हुई थी पर वो ईंट आसानी से निकल भी सकती थी और मम्मी पापा के कमरे में आराम से देखा जा सकता था। फिर एक दिन खाना वगैरह खाने के के बाद हम सब अपने अपने कमरों में चले गए। मैं और मोना तो कमरे में जाते ही कमरा अंदर से बन्द कर लेते और फिर नंगे होकर लेट जाते रजाई में।
बीच मे सिर्फ एक दीवार होने के कारण हमें एक दुसरे के कमरों की आवाजें साफ सुनाई देती थी। मैं और मोना तो चुदाई करते टाइम इस बात का ख्याल रखते और हम बिल्कुल भी आवाज नहीं करते थे। जब कभी मोना को मुझे कसकर चोदना होता तो मैं मोना को कमरे से बाहर ले जाता और फिर उसकी कसकर चुदाई करता। इतनी सर्दी होने के बावजूद भी मैं और मोना एक दम नंगे कमरे से बाहर चले जाते थे। तब हम बहुत गर्म होते थे और हमें सर्दी बिल्कुल भी नहीं लगती थी।
फिर एक बार मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठी थी। तभी हमें मम्मी की सिसकारियों की थोड़ी आवाजें आने लगी। ये सुनकर मैं और मोना एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराए। क्योंकि हमें पता चल गया था के मम्मी पापा चुदाई कर रहे है। फिर हम दोनों उठे और फिर किसी तरह जाकर दीवार में से एक ईंट निकाल ली। फिर हमने कमरे में देखा के मम्मी पापा एक दम नंगे थे और चुदाई कर रहे थे। मैं तो मम्मी को ही देखे जा रहा था। वो नंगी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उनकी चुदाई देखकर मैं और मोना गर्म हो गये तो फिर हम वहीं खड़े खड़े ही चुदाई करने लगे। मैंने पीछे से मोना की गाँड में लंड डाल दिया था।
फिर पापा झड़ गए तो पापा मम्मी पर से हट गए और मम्मी तब एक दम नंगी अपनी झांटो वाली चुत को सहलाने लगी। ये देखकर मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया। फिर मम्मी खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी। तो ये देखकर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैंने मोना के मुँह पर हाथ रखा और फिर उसकी गाँड की जबरदस्त चुदाई करने लगा। मोना भी समझ गई थी के मैं मम्मी को देखकर बहुत ज्यादा गर्म हो गया हूँ। फिर मैं झड़ गया तो फिर मैं और मोना आकर रजाई में लेट गए। उधर मम्मी पापा भी सो गए थे। फिर मोना मेरा लंड सहलाने लगी और फिर मुझसे पूछने लगी के कैसी लगी तुम्हे मम्मी। फिर मैं हँसकर बोला के बहुत सेक्सी। फिर मोना ने पूछा के उनके बोबे, चुत और गाँड कैसे थे। मैं बोला के एकदम कयामत थे।
हमारे ऐसे बातें करने से मेरा लंड खड़ा हो गया। तब हमारे कमरे में मम्मी के कुछ सूट और उनकी ब्रा पैंटी पड़ी थी। फिर मोना खड़ी हुई और उसने पहले मम्मी की एक ब्रा पहनी और फिर ऊपर से सूट पहन लिया नीचे कुछ नहीं पहना। फिर उसने मम्मी की एक पैंटी मेरी तरफ फेंकी। फिर उसे लेकर मैं देखने लगा और फिर सूंघने लगा। मोना के बोबे छोटे थे तो फिर उसने ब्रा में कुछ कपड़े ठूंस लिए जिससे उसके बोबे बड़े हो गए। फिर वो आकर लेट गई और फिर वो बोली के आजाओ चोद लो अपनी मम्मी को। फिर उसके ऐसा कहते ही मैं मोना के ऊपर चढ़ गया और फिर उसके बोबो के बीच मे सिर डाल दिया। मम्मी के सूट से मुझे मम्मी के बदन की खुशबू आ रही थी। फिर मैं मोना को मम्मी समझकर उसकी चुदाई करने लगा। साथ मे एक हाथ से मैं मम्मी की पैंटी सूंघ रहा था। मैं काफी गर्म हो चुका था तो फिर मैं जल्दी ही झड़ गया। पर मजा बहुत आया। इसके लिए मैंने मोना का बहुत बहुत धन्यवाद किया।
फिर मोना हँसकर बोली के मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ। उस रात मोना वैसे ही मम्मी के कपड़ो में सोई और मैं उससे चिपक कर सोया। अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा मम्मी को देखने का नजरिया ही बदल गया। फिर मोना ने मुझसे कहा के मम्मी को देखकर खूब मजे लो। मम्मी के सूट में से बोबे दिखते रहते थे और मम्मी की बड़ी गाँड भी छुपाए नहीं छुपती थी। जिन्हें देखकर मैं भी मजे लेने लगा। फिर मोना ने किसी तरह मुझे मम्मी की नंगी फ़ोटो मोबाइल से खींचकर ला दी। फिर वो फ़ोटो देखकर तो मैं दिन रात अपना लंड हिलाने लगा। मोना तो पहले से ही पापा से चुदवा चुकी थी। फिर वो मुझसे बोली के तुम भी शर्म मत करो और मम्मी का उद्घाटन कर दो। फिर मैं बोला के ऐसे एकदम से कुछ नहीं होगा टाइम लगेगा।
फिर मोना बोली के तुम कोशिश करते रहो। कभी तो बात बनेगी ही। फिर कुछ दिनों बाद मम्मी पापा की शादी की सालगिरह आने वाली थी। हम गांव में रहते थे तो गांव में कौन सालगिरह मनाता है। वैसे पापा मम्मी के बीच मे सब कुछ ठीक था लेकिन फिर भी उनके बीच कुछ कमी सी लगती थी। बस इसी बात का मैंने फायदा उठाया। मैं और मम्मी एक जैसा सोचते थे जिस कारण हममें काफी बातें कॉमन थी। मैंने भी घर का सब काम अच्छे से सम्भाल रखा था और मैं मम्मी की हर बात मानता था। अभी तक मुझे मम्मी अपना बेटा ही समझ रही थी। बस मुझे मम्मी की यही सोच किसी तरह बदलनी थी।
मम्मी की पसंद नापसंद मुझे सब कुछ पता था। फिर मोना ने भी मुझे कई बातें बताई। फिर मोना ने और मैंने मिलकर एक प्लान बनाया। जो कि आपको आगे पता चल जाएगा।
फिर मम्मी की सालगिरह वाले दिन मैं मम्मी को किसी बहाने से शहर ले आया। हम बस में ही गए थे। फिर बस से उतरकर हम मार्केट की तरफ जाने लगे। फिर रास्ते मे मम्मी को एक कोने में ले गया और फिर उनसे कहने लगा के आज तुम्हारी शादी की सालगिरह है। पापा ने तो कभी सालगिरह ढंग से नहीं मनाई लेकिन आज मैं और आप दोनों मिलकर सालगिरह मनाएंगे। मैं पापा की जगह तुम्हे खूब शॉपिंग करवाऊंगा। मम्मी को शॉपिंग करना काफी पसंद था। फिर ये सुनकर मम्मी काफी खुश हुई। फिर मैंने मम्मी से कहा के आज मैं पापा की सब कमी दूर कर दूंगा। तुम मना मत करना। फिर मैं मम्मी के गले लग गया और फिर मम्मी की गाल पर एक किस भी कर दिया। फिर मैंने अपनी गाल मम्मी के सामने की तो फिर मम्मी ने भी मुझे किस कर दिया। फिर मम्मी बोली के तेरे पापा से मुझे शिकायते थी पर मैंने कभी इसका जिक्र किसी के सामने कभी नहीं किया। पर आज मैं काफी खुश हूं कि भगवान ने मुझे तुम जैसा बेटा दिया। फिर ये सुनकर हम फिर से एक दुसरे के गले लगे।
फिर मैंने भी मौके पर चौका मारते हुए मम्मी से कहा के मैं तुम्हे नाम से बुला सकता हूँ क्या सिर्फ आज आज के लिए। फिर मम्मी हंसकर बोली के ठीक है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तो चले सुमन डार्लिंग और फिर मैंने मम्मी की कमर में हाथ डाल दिया। फिर मेरे मुँह से ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी का हाथ पकड़ा और फिर हम मार्केट में जाने लगे। फिर मैं पहले मम्मी को लेकर एक कपड़े की दुकान में गया। फिर वहां हम मम्मी के लिए सूट देखने लगे। मुझे और मम्मी को कई सूट पसंद आये। फिर मम्मी मुझसे पूछने लगी के कौनसा सूट लूँ तो फिर मैंने एक सूट पसंद किया और फिर मम्मी ने वो ही सूट ले लिया। वो सूट पिंक कलर का था और सिलाई के बाद मम्मी पर काफी अच्छा लगने वाला था। फिर मेरे कहने पर मम्मी ने दो सूट और ले लिए। फिर उस दुकान से निकलकर हम मार्केट में घूमने लगे। फिर हम एक ज्वैलर की दुकान में गये। फिर उस दुकान से मैंने मम्मी के लिए एक नोज रिंग ली। वो ली तो मैंने मम्मी की चुत के लिए थी और तब मम्मी ने उसे अपनी नाक में पहन ली। फिर मैंने मम्मी के लिए गले मे पहनने के लिए एक चैन ली। जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ था।
फिर मम्मी वो चैन गले मे पहनकर खुद को वहाँ लगे शीशे में देखने लगी। मैं तब मम्मी के साथ ही बैठा था। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम बहुत अच्छी लग रही हो। फिर मैं और मम्मी एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर हम उस दुकान से निकलकर एक दूसरी दुकान में चले गए। वहां लेडीज का लगभग सारा ही सामान था। फिर वहां से मैंने मम्मी के लिए दो लेटेस्ट डिज़ाइन के मंगलसूत्र लिए। फिर मम्मी जब वो मंगलसूत्र पहनने लगी तो फिर मैंने मम्मी के हाथ से मंगलसूत्र लेकर मम्मी के गले मे बांधने दिया। फिर मम्मी ने वहां से चूड़ियां वगैरह भी ली। वहाँ ब्रा पैंटी वगैरह भी थे। फिर मम्मी ने मेकअप वगैरह का सामान लिया और फिर कहने लगी के चलो चलते है। फिर मैंने मम्मी से कहा के और कुछ लेना है तो ले लो। फिर मम्मी ने कहा के सब ले लिया और क्या लेना है। फिर मैं मम्मी से बोला के देख लो और कुछ लेना हो तो। फिर हम दोनों दुकान में इधर उधर नजर दौड़ाने लगे। वहाँ सामने ही शोकेस में एक ब्रा पैंटी का सेट रखा हुआ था। फिर मेरी नजर तो जाकर उस पर रुक जाती।
फिर पहले तो मम्मी मुझसे पूछती रही के क्या लेना क्या लेना है और फिर जब उन्होंने मुझे शो केस में रखी उस ब्रा पैंटी को घूरते हुए देखा तो वो सब समझ गई। फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और बोली के वो मेरे पास है। फिर मैं बोला के तो क्या हुआ एक और ले लो। ये सुनकर मम्मी थोड़ी शर्म से लाल हो गई। तब हम थोड़ा उस दुकान से बाहर आ चुके थे। फिर मम्मी मुझसे बोली के जा तू ही ला दे। फिर मैं जाने लगा लेकिन तभी मुझे याद आया के साइज तो पूछा ही नहीं। फिर मैं मम्मी से पूछने ही वाला था के मम्मी हंसने लगी। मम्मी को भी पता चल गया था के मैं क्या पूछने वाला हूँ। फिर मैं थोड़ा शर्माने लगा और मम्मी से पूछा के किस साइज के लाने है। फिर मैं मम्मी के बोबो की तरफ देखने लगा। फिर मम्मी ने कहा 38 की ब्रा और 40 कि पैंटी ले आना। मम्मी मुझे देखकर लगातार मुस्कुरा रही थी।
फिर मैं दुकान के अंदर गया और मम्मी ने बताया उस साइज की अलग अलग डिज़ाइन की कई ब्रा पैंटी ली। फिर मैं ब्रा पैंटी लेकर दुकान से बाहर आया तो फिर मम्मी ने एक थैला खोलकर मेरे आगे कर दिया और फिर मैंने वो सब ब्रा पैंटी उसमें डाल दी। फिर मम्मी उन्हें थैले के अंदर ही हाथ मे लेकर देखने लगी। फिर मैंने सोचा के मैं मम्मी से क्यों शर्मा रहा हूँ। मैं ही शरमाउंगा तो फिर बात कैसे बनेगी। फिर हम आगे बढ़े। फिर एक दुकान के आगे एक लड़के का पुतला पेंट शर्ट पहनकर खड़ा था। फिर मम्मी बोली के तू भी अपने लिए कुछ ले ले। फिर मैंने कहा के मैं फिर कभी ले लूँगा। फिर वहीं एक लड़की का पुतला था जिसने एक शार्ट जीन और टॉप पहन रखा था। फिर मैंने उस पुतले की तरफ इशारा करते हुए मम्मी से कहा के तुम्हारे लिए ऐसे कपड़े ले लूँ। फिर उस पुतले की तरफ देखकर बोली के ना ना बिल्कुल नहीं। फिर हम दोनों हंसने लगे।
तब दोपहर हो चुकी थी और हमे भूख भी लग चुकी थी। फिर मैं मम्मी को लेकर एक रेस्टोरेंट में गया। फिर वहाँ मैंने मम्मी का फेवरिट खाना मंगवाया। फिर मैं अपने हाथों से मम्मी को खाना खिलाने लगा तो फिर मम्मी भी मुझे अपने हाथों से खिलाने लगी। तब मैंने मम्मी के हाथ मे अपना हाथ डाल रखा था। फिर खाना खत्म करके मम्मी ने थोड़ा पीछे की तरफ होकर डकार ली और बोली के आज तो मजा आ गया। फिर मैंने तभी मम्मी की कमर में हाथ डालकर मम्मी से पूछा के और क्या खाओगी। फिर मम्मी बोली के और कुछ नहीं खाना।
फिर हम उस होटल से निकलकर बाजार में घूमने लगे। फिर मैं मम्मी को एक पार्क में लेकर गया। वहां काफ़ी झूले थे। फिर मैं और मम्मी कई झूलों ओर झूले। फिर मम्मी बोली के उन्हें काफ़ी मजा आया। फिर हम एक जूतों की दुकान पर गए वहाँ मेरे कहने पर मम्मी ने हाई हील के सैंडल लिए। फिर वहीं पास ही में एक दुकान थी जिसमे की नाइटी वगैरह मिल रही थी। फिर मैंने सोचा के मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती है तो उनके लिए नाइटी ले लेता हूँ। ताकि उसमें वो आराम से रह सके। फिर मैं मम्मी को लेकर उस दुकान में चला गया। उस दुकान में काफी सारी सेक्सी नाइटी भी थी। फिर उन्हें देखकर मम्मी सोचने लगी के पता नहीं अब मैं उन्हें क्या दिलवाऊंगा। फिर मैंने उनसे एक लांग नाइटी दिखाने के लिये कहा। फिर वो दिखाने लगे। उनमे से कुछ नाइटी सीधे ही पहनने वाली थी और कुछ आगे से खुलने वाली थी। फिर मैंने मम्मी के लिए सब टाइप की नाइटी ले ली।
कुछ नाइटी शॉर्ट थी जो कि घुटनो से ऊपर तक ही आती थी। फिर मैंने मम्मी से पूछा के ये नाइटी लोगी क्या रात में पहनने के लिए। फिर मम्मी कुछ नहीं बोल पाई और बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने मम्मी के लिए एक वैसी नाइटी ले ली। फिर हम उस दुकान से बाहर निकले तो मम्मी थोड़ी चुप चाप सी थी। फिर मैं को लेकर हमारे उस शहर वाले घर मे जाने लगा। मैंने यही प्लान बनाया था के मम्मी को पहले शॉपिंग करवाऊंगा और फिर उन्हें लेकर वहां चला जाऊंगा। इस कारण मैंने पहले से ही शहर वाले घर मे से वो सब सामान छिपा दिया जो कि मम्मी को नहीं देखना चाहिए था। हम घर मे जा ही रहे थे के तभी मौसम खराब हो गया और बारिश आने लगी।
फिर हम जैसे तैसे घर पहुंचे। फिर घर पहुंचते ही मैंने मम्मी से रात यही रुकने के लिए कहा तो फिर मम्मी ने कहा के जैसा तुम्हे ठीक लगे। फिर मैंने मम्मी के फोन पर फोन कर दिया जो कि मोना के पास था और उसे कहा के हम कल घर आएंगे। अब हमें घर नहीं जाना था तो फिर मम्मी ने चाय बनाई और फिर साथ बैठकर हम चाय पीने लगे। मम्मी आज काफी खुश थी। मैंने आज मम्मी को दस हजार की शॉपिंग करवाई थी। फिर मैं मम्मी का हाथ पकड़कर मम्मी को पूरा घर दिखाने लगा। अब मैं मम्मी से ऐसे व्यवहार करने लगा जैसे मम्मी मेरी बीवी हो। मैं कभी मम्मी की कमर में हाथ डाल देता तो कभी मम्मी के कंधे ओर हाथ रखकर मम्मी को खुद से चिपका लेता। अब मम्मी भी कोई बच्ची नहीं थी। उन्हें भी आज इस बात का एहसास हो गया था के मैंने आज उन्हें अपनी बीवी समझकर ही सब शॉपिंग करवाई है।
फिर हम छत पर चले गए। तब बारिश बन्द हो गई थी और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। फिर मैंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गले मे हाथ डालकर खड़ा हो गया। फिर हम कुछ देर ऐसे ही खड़े रहे और फिर मम्मी मेरी तरफ मुड़ी और मेरे सीने से लग गई। तब मैंने मम्मी की आंखों में देखा तो मुझे उनकी आंखों में प्यार साफ दिख रहा था। फिर हम वहीं बैठकर बातें करने लगें। फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम्हें और कुछ भी लेना था क्या। फिर मम्मी हँसकर बोली के नहीं तुमने आज मुझे काफ़ी कुछ दिला दिया। आज मुझे विस्वास हो गया है के तू अब सब कुछ सम्भाल लेगा। फिर मम्मी मुझसे बोली के तेरी शादी करवा दूँ। फिर मैं बोला के नहीं मैं अभी शादी नहीं करूंगा। पहले हम मोना की शादी करेंगे। फिर मैं मेरी शादी के बारे में सोचूंगा। मेरी ये बात सुनकर मम्मी इम्प्रेस हुई और फिर मुझसे कहा के हां तुमने सही कहा।
फिर मैंने मम्मी से कहा के मुझे एक दम तुम्हारे जैसी बीवी चाहिए। फिर मम्मी बोली के तुझे कोई लड़की पसंद हो तो बता देना। ये तो अपनी अपनी किस्मत है के कौन किसे कैसा मिलता है। फिर मैं मम्मी से बोला के भगवान ने मुझे तुम जैसी मम्मी दी है और मुझे कुछ नहीं चाहिए। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी। फिर मम्मी बोली के काश तू मेरा बेटा नहीं पति होता। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम जो मानोगी मैं तो वो ही बन जाऊंगा। फिर मम्मी बोली के हाँ आज आधे पति तो बन गए हो। फिर मैं मम्मी से बोला के सिर्फ आधा ही पूरा नहीं बना। फिर मम्मी बोली के हाँ पूरे ही बन गए हो। ये कहकर मम्मी जोर से हंसने लगी।
फिर हम घर की बातें करने लगे। मम्मी कहने लगी के मोना की शादी कैसे करेंगे। हमारे पास तो अभी इतना पैसा नहीं है। बस घर ही मुश्किल से चल रहा है। फिर मैंने मम्मी के हाथों को अपने हाथों में लिया और फिर मम्मी की आंखों में आंखें डालकर कहा के तुम इसकी चिंता मत करो। भगवान ने चाहा तो हम मोना की शादी बहुत अच्छे से करेंगे। तुम सिर्फ आज के बारे में सोचो। आगे के बारे में बाद में सोचेंगें। फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम ये शादी की सालगिरह मेरे साथ मनाओगी क्या। फिर मम्मी मुस्कुराकर बोली के हाँ। फिर मैंने मम्मी को कसकर अपने गले से लगाया और फिर कहा के तो फिर तुम आज से मेरी बीवी हो। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम भी मुझे अपना पति मानकर आज मेरे साथ वैसा ही व्यवहार करो ना। फिर मम्मी हँसकर बोली के ठीक है मेरे पतिदेव। फिर हम दोनों हंसने लगे।
फिर मैंने मम्मी को अपने दोनों हाथों से उठाया और फिर घुमाने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने उन्हें नीचे उतारा और फिर हम नीचे आ गए। नीचे आने के बाद मैंने मम्मी से कहा के मैं केक लेकर आऊँ। फिर मम्मी ने कहा के मैं थोड़ा सा हलवा घर पर ही बना लेती हूँ। केक वगैरह मत लाओ। फिर मम्मी किचन में जाकर खाना वगैरह बनाने लगी। खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खाया औए फिर मम्मी ने हलवे को एक कटोरी में डाला और फिर उसे लेकर जहां हम सोने वाले थे उस कमरे में लेकर आ गई। फिर मैंने मम्मी के लिए एक नाइटी निकाली जो कि आगे से खुलने वाली थी और एक ब्रा पैंटी निकाली। फिर मैंने वो मम्मी को पहनने के लिए दी तो फिर मम्मी वो लेकर दुसरे कमरे में जाने लगी। फिर मैंने मम्मी को हाथ पकड़कर कहा के अपने पति से कैसे शर्माना यहीं बदल लो ना। फिर मम्मी हंसकर दुसरे कमरे में चली गई। फिर मम्मी जब वो नाइटी पहनकर औ तो मम्मी काफी अच्छी लग रही थी।
मम्मी को भी वो नाइटी काफी पसंद आई थी। फिर मैंने अपने हाथों से मम्मी को मंगलसूत्र पहनाया और फिर मम्मी की मांग भी भरी। फिर मैं और मम्मी साथ मे बैठकर उस हलवे का केक काटने लगे। उस हलवे पर एक दिल बनाकर मैंने अपना और मम्मी का नाम लिख दिया था। फिर केक मैंने और मम्मी ने एक साथ काटा और फिर एक दुसरे को खिलाया। केक खाने के बाद मम्मी रजाई ओढ़कर लेट गई और फिर मैं अपने सब कपड़े खोलने लगा। फिर मम्मी बोली के क्या कर रहे हो। फिर मैं बोला के जो करना चाहिए। फिर मम्मी बोली के क्या। फिर मैंने जब अंडरवियर के अलावा सब कपड़े खोल दिये तो फिर में जाकर मम्मी के पास लेट गया और बोला के जो एक पति पत्नी करते है। पर वो काम तुम अपने पति के साथ करना। फिर ये सुनकर मम्मी ने मुस्कुराते हुए मेरी छाती में एक मुक्का मारा और कहा के बेशर्म। फिर मैं और मम्मी एक दुसरे से गले लग गए।
फिर हम बातें करने लगे। फिर मम्मी मुझे गांव की औरतो के बारे में बताने लगी जिनका की और किसी के साथ चक्कर चल रहा था। फिर मैं मम्मी की बातें सुनते सुनते मम्मी के चेहरे और हाथ फेरने लगा। फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम्हारा पापा के अलावा और किसी के साथ चक्कर था क्या। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के नहीं था। फिर मैं मम्मी से बोला के बता दो ना। मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा। फिर मम्मी बोली के अरे किसी के साथ कोई चक्कर नहीं था। फिर मैंने कहा के कोई पसंद तो आया होगा शादी से पहले। फिर मम्मी बोली के नहीं कोई नहीं आया। फिर मेरे काफी बार पूछने पर मम्मी ने हाँ भर ली एक कि। फिर मम्मी ने बताया के वो स्कूल में साथ पढता था लेकिन मैंने कभी उससे बात नहीं कि। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के अगर किसी के साथ मेरा चक्कर चल रहा होता और तुम्हे पता चल जाता तो तुम क्या करते।
फिर मैंने मम्मी के बालों को जोर से पकड़ लिया और मम्मी से कहने लगा के अगर तुम उसके साथ सिर्फ मजा करती तो मैं तुम्हे कुछ नहीं करता और अगर तुम उसके साथ हमे छोड़कर भाग जाती तो मैं तुम्हे ढूंढकर मार डालता। मुझे तब थोड़ा गुस्सा आ गया था। मम्मी को मेरे गुस्से से डर लगता था। फिर मैं मम्मी के गले लग गया और इस सब के लिए माफी मांगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं तुम्हे और किसी आदमी के साथ नहीं देख सकता। फिर मम्मी मुस्कुराकर बोली के तुम्हारे पापा के होते हुए मैं किसी और के पास क्यों जाऊंगी और अब तो तुम भी मेरा ख्याल रखने लगे हो। फिर मैंने मम्मी को पूरा कसकर अपने गले से लगा लिया। फिर हम अलग हुए और फिर मैंने मम्मी के पेट पर हाथ रखा औके फिर कहा के तुम्हारा पेट काफी बढ़ गया है। फिर मम्मी ने अपनी नाइटी के रिबन खोलकर नाइटी अपने पेट पर से हटाकर बोली के हाँ आजकल के दिनों में काफी बढ़ गया है।
अब नाइटी आगे से पूरी खुल गई थी जिस कारण मम्मी की ब्रा पैंटी दिखाई देने लगी थी। फिर मैंने मम्मी से कहा के ब्रा पैंटी में अच्छी लग रही हो। ये सुनकर मम्मी ने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने फिर से मम्मी की नाइटी के रिबन बांध दिए और मम्मी की ब्रा पैंटी को नाइटी से ढक दिया। हम दिन में पूरा दिन घूम रहे थे तो हम तक गए थे। फिर मैंने मम्मी से कहा के सो जाओ अब। फिर मैंने लाइट बन्द कर दी और फिर हम एक दुसरे से चिपक कर सो गए। फिर मुझे याद आया के मम्मी ने ब्रा पैंटी पहन रखी है। जिसमे मम्मी को ढंग से नींद नहीं आएगी। फिर मैंने धीरे से मम्मी से कहा के ब्रा पैंटी निकालकर सो जाओ। तुम्हे अच्छे से नींद आएगी। फिर मम्मी उठकर बैठ गई और फिर नाइटी खोलकर मम्मी ने पहले अपनी ब्रा निकाली और फिर अपनी पैंटी निकाली और फिर नाइटी का रिबन बांधकर फिर से सो गई।
तब मम्मी से रिबन सही तरीके से नहीं बंधा था जिस कारण वो रात को खुल गया। मैं रात को मम्मी की तरफ पीठ करके सोया था और मम्मी पिछे से मुझसे चिपक कर लेटी हुई थी। जिस कारण मम्मी के बोबे मेरी पीठ के लग रहे थे। फिर मैं पेशाब करने के लिए उठा और लाइट जलाई तो देखा के मम्मी की नाइटी खुली हुई थी और मम्मी घोड़े बेचकर सो रही थी। फिर मैं मम्मी को जगाने लगा और उन्हें पेशाब करने के लिए कहा और साथ मे मैं मम्मी की नाइटी के रिबन बांधने लगा। तभी मम्मी जाग गई और पेशाब करके आने के लिए खड़ी होने लगी तो इससे पहले मैंने मम्मी की नाइटी का रिबन ठीक से बांधा और उनके दोनो बोबो को ढका।
फिर मम्मी पेशाब करने गई और मैं भी मम्मी के पीछे पीछे चला गया। फिर पहले मम्मी ने पेशाब किया और फिर वो आकर सो गई और फिर मैं भी पेशाब करके आकर सो गया। फिर सुबह मुझे जल्दी जाग आ गई तो देखा के मम्मी अभी तक सो रही थी और उनकी नाइटी फिर से खुल चुकी थी। लेकिन इस बार मैंने मम्मी की नाइटी नहीं बांधी और मम्मी की कमर में हाथ डालकर मम्मी को खुद से चिपका लिया। जिससे मम्मी के नंगे बोबे मेरी छाती से लगने लगे। फिर मैंने मम्मी के गालों पर किस किये तो फिर मम्मी भी जाग गई। फिर मैंने पुछा के रात को नींद कैसी आई तो फिर वो बोली के बहुत अच्छी नींद आई। फिर मम्मी सीधी होकर अंगड़ाई लेने लगी तो उनके दोनो बोबे एक दम नंगे हो गये। मम्मी ने अंगड़ाई लेने के लिये जब हाथ पीछे की तरफ किये तो मम्मी के दोनों बोबे भी काफी उपर तक उठ गए।
फिर मम्मी ऐसे ही आंखें बंद करके लेटी रही। फिर मैं मम्मी के ऊपर आ गया और मम्मी के माथे और गालों पर किस करने लगा। फिर मैं मम्मी के गले से लगा। जिस कारण मम्मी के बोबे मेरी छाती से लगने लगे। तब मम्मी आगे से पूरी नंगी थी। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं तुम्हारे लिए चाय बनाकर लाता हूँ तो मम्मी ने फिर हाँ में सिर हिलाया और मम्मी फिर आंखें बंद करके सो गई। फिर मैं उठकर जाने लगा तो मुझे मम्मी की बालो वाली चुत भी दिखाई दी। फिर मैंने मम्मी की कमर तक रजाई कर दी और मैं चाय बनाने चला गया। फिर थोड़ी देर बाद मैं चाय बनाकर लाया तो मम्मी रजाई ओढ़कर ही सोई थी। फिर मैंने रजाई हटाई तो मम्मी अभी तक नंगी ही लेटी थी। फिर मैंने मम्मी को चाय पीने के लिए उठाया तो मम्मी उठी और फिर उठकर बैठ गई और फिर मेरे सामने ही अपनी नाइटी बांधने लगी और फिर चाय पीने लगी।
चाय पीने के बाद मम्मी की आंखें ठीक से खुली और फिर बोली के रात तो बहुत नींद आई। तेरी ये नाइटी तो बहुत कमाल की है। फिर मैं बोला के नाइटी तो बेचारी कब की खुल चुकी थी। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी। फिर चाय पीकर हम इधर उधर घूमने लगे। फिर मम्मी झाड़ू लेकर साफ सफाई करने लगी। मैं भी वहीं एक्सरसाइज करने लगा। फिर मम्मी जब झाड़ू लगाते लगाते एक कमरे से बाहर निकली तो तब मम्मी झुक कर झाड़ू लगा रही थी और उनके बोबे उनकी नाइटी से बाहर आ गए थे और हवा में लटक रहे थे। ये नजारा देखकर तो मैं गर्म हो गया। फिर मम्मी सीधी हई और फिर हंसते हुए अपने दोनों बोबो को नाइटी में डाला और फिर से झाड़ू लगाने लगी। लेकिन इस बार भी ऐसा ही हुआ। फिर मम्मी झाड़ू झोड़कर ब्रा पैंटी पहनने के लिए दुसरे कमरे में गई और फिर आकर फिर से झाड़ू लगाने लगी।
लेकिन मम्मी के बोबे अब ब्रा से बाहर आने को तैयार थे और फिर बाहर आ भी गए थे। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम्हारे बोबे मण मण यानी के बहुत भारी है। ये इस तरह काबू में आने वाले नहीं है। फिर मेरी बात सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के ये ब्रा ही ऐसी है। फिर जैसे तैसे करके मम्मी ने झाड़ू निकाली। फिर मैंने मम्मी से कहा के यहीं रहना है या चलना है। फिर मम्मी बोली के यहाँ जैसी मौज तो कहीं नहीं है लेकिन जाना तो पड़ेगा ही। फिर मैं बोला के तो तैयार हो जाओ चलते है। फिर मम्मी अंदर गई और और अपनी नाइटी उतार दी और फिर सिर्फ ब्रा पैंटी में ही घूमने लगी। झाड़ू लगाने के बाद मम्मी को गर्मी लगने लग गई थी और मम्मी को पता था के मैं भी मम्मी को नंगी देख चुका था।
फिर हम दोनों सामान पैक करने लगे और फिर मम्मी ने सूट पहन लिया और फिर मैंने भी कपड़े पहन लिए और फिर हम वापिस गांव चले गए। तब तक पापा तो काम पर जा चुके थे और फिर मम्मी भी खाना वगैरह खाकर पड़ोस में किसी के यहाँ चली गई। उनके कोई मर गया था। फिर मम्मी के जाने के बाद मोना ने मुझसे पूछा के क्या क्या हुआ। फिर मैंने उसे सब कुछ बताया। वो ये सब सुनकर काफी खुश हुई और बोली के अब तो मम्मी तुम्हारे वश में ही है। फिर मैं बोला के हाँ कुछ ऐसा ही समझो। फिर मैंने मोना से पूछा के तुमने हमारे पीछे से क्या क्या गुल खिलाये। फिर मोना मुस्कुराकर बोली के कल पापा ने दारू पी ली थी काफी तो फिर मैं रात को मैं उनके साथ नंगी ही सोई और उनकी लुंगी खोलकर उनका लंड सहलाने लगी। फिर मैंने उनका लंड चूसकर खड़ा कर दिया और फिर उनके लंड की सवारी करने लगी। पापा भी मेरे बोबो को सहलाने लगे और मेरी कमर पकड़कर अन्दर तक लंड डालने लगे। फिर झड़ने के बाद मैं पापा के ऊपर ही लेट गई और फिर मैं उनके साथ नंगी ही सो गई।
फिर सुबह सुबह पापा पीछे से मुझसे चिपक कर सो रहे थे तो तब उनका लंड खड़ा था। फिर उनका लंड पकड़कर मैंने अपनी गाँड में डाल लिया और फिर वो भी धक्के लगाने लगे। जिससे मैं सिस्काइयाँ लेने लगी। पापा तब तक जाग चुके थे और फिर वो मुझे शायद मम्मी ही समझ रहे थे तब तक। फिर मैंने जब पीछे की तरफ गर्दन करके उन्हें देखा तो वो मुझे देखते ही रह गए और लगातार मेरी गाँड मारते रहे। फिर वो झड़ गए तो फिर उन्हें समझ नहीं आ रहा था के वो क्या करे। फिर मैं उनकी तरफ करवट लेकर लेट गई तो वो मुझसे नजरें भी नहीं मिला पा रहे थे। फिर पापा ने कहा के मैंने सोचा तुम्हारी मम्मी है। तुम ये बात किसी को भी मत बताना। फिर मोना ने कहा के मैंने उन्हें हँसकर कहा के नही बताऊंगी। आप फिक्र मत करो। फिर पापा मेरे बदन पर हाथ फेरकर मेरे बदन को सहलाने लगे।
फिर मैं पापा के लिए चाय वगैरह बनाकर लाई और फिर चाय पीकर मैं घर का काम करने लगी। फिर तब धूप निकल गई और मुझे भी गर्मी लगने लगी थी। फिर मैंने अपने सब कपड़े निकाल दिए और बिल्कुल नंगी होकर काम करने लगी। तब पापा नहाने गए हुए थे और फिर वो सिर्फ तौलिए में ही आ गए। जब उन्होंने मुझे नंगी देखा तो फिर उन्होंने मुझे पकड़ लिया। जिससे मैं हंसने लगी। फिर पापा मुझे अंदर कमरे में ले गए और फिर मैंने भी पापा का तौलिया निकाल दिया और उनके लंड को हिलाने लगी। फिर पापा ने मुझे बेड पर लेटा दिया और फिर मेरी चुत में लंड डालकर करने लगे। मैं भी तब पापा का साथ दे रही थी और हमने जमकर चुदाई की। फिर पापा झड़ने लगे तो उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और फिर मेरे पेट पर झड़ गए।
फिर पापा काम पर जाने के लिए तैयार होने लगे और मैं नंगी ही खाना बनाने लगी। फिर खाना खाकर पापा जाने लगे तो फिर उन्होंने मुझे पकड़ लिया। लेकिन तब पापा लेट हो रहे थे तो उन्होंने कुछ नहीं किया और फिर वो चले गए। ये सब सुनकर मैं काफी गर्म हो गया और मोना से बोला के अब तो तुम्हारे भी मजे हो गए है। फिर मैं मोना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। चुदाई के बाद हम दोनों कपड़े पहनकर लेट गए। तब कुछ देर बाद मम्मी आ गई। फिर मम्मी मोना को कल हमारी की गई शॉपिंग का सामान दिखाने लगी और बोली के ये सब मुझे इसने दिलाया था कल। तब मम्मी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी झलक रही थी। फिर मोना ने ज्यादा कुछ तो नहीं कहा और बस इतना कहा के सूट काफी सुंदर है। फिर मम्मी ने मोना से पूछा के कौनसे सूट सिलवाऊं। फिर मोना ने कहा के कोई सा भी सिलवा लो। सब आप पर अच्छे ही लगेंगे। फिर मम्मी ने मोना से कहा के तुम्हारे भी सूट सिलवाने है और मैं भी सिलवा लेती हूं। तू जा तैयार हो जा। मैं भी दूसरा सूट पहन लेती हूँ। फिर हम सूट सिलवाने चलेंगे। फिर मोना तो दुसरे कमरे में चली गई और मैं वहीं बैठा रहा।
फिर मम्मी मेरे सामने ही अपना सूट खोलने लगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के गुलाबी वाला सूट टाइट सिलवाना और वैसे सिलवाना जैसे आज कल की लड़कियां सिलवाती है। फिर मम्मी ये सुनकर मेरी तरफ मुस्कुराकर धीमें से बोली के ठीक है। फिर मम्मी ने सूट खोल दिया और मम्मी ब्रा पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी। फिर मैंने जाकर मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया। मम्मी का बदन बहुत मस्त था। मैं मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर मैं अपना फोन लेकर मम्मी की फ़ोटो खींचने लगा तो मम्मी ने भी मुझे मना नहीं किया। फिर मम्मी ने दूसरा सूट पहन लिया। फिर थोड़ी देर बाद मोना भी आ गई। फिर वो दोनो गांव में सूट सिलवाने के लिए चली गई। फिर उनके जाने के बाद मैं मम्मी की फ़ोटो देखकर अपना लंड हिलाने लगा। हालांकि मैं मम्मी की चुदाई कर सकता था लेकिन मैं पहले पूरे मजे लेना चाहता था। मम्मी भी मुझसे चुदने के लिए लगभग तैयार ही थी। लेकिन मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था।
फिर कुछ देर बाद मम्मी और मोना वापिस आ गए। फिर मोना तो कमरे में बैठकर पढ़ाई करने लगी और मैं और मम्मी धूप में बैठकर बातें करने लगे। फिर मैंने मम्मी से कहा के कल हम शहर चले जायेंगे। मोना के स्कूल खुलने वाले है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम आज रात को वो शार्ट नाइटी पहनना। पापा तुम्हे उसमें देखकर तुम पर तो टूट पड़ेंगे। ये सुनकर मम्मी मुस्कुराने लगी। तब हम चारपाई पर लेटे हुए थे। फिर मैंने मम्मी को अपने ऊपर सुला लिया और मम्मी की पीठ सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी से कहा के पापा से पहले तुम मुझे वो नाइटी पहनकर दिखा दो तो फिर मम्मी बोली के चलो। तब मम्मी मेरे ऊपर बैठी थी तो फिर मैं जोर जोर से ऊपर नीचे मम्मी को हिलाने लगा। जिससे के मम्मी के बोबे हिलने लगे और मम्मी जोर जोर से हंसने भी लगी। फिर मम्मी मेरे उपर से उतरकर कमरे की तरफ जाने लगी और मैं भी मम्मी के पीछे पीछे जाने लगा। फिर मुझे मम्मी की बड़ी बड़ी गाँड हिलती हुई दिखाई दी तो फिर मैंने कहा के तुम्हारे डुंघे यानी की गाँड काफी बड़ी है। फिर ये सुनकर मम्मी ने पीछे मुड़कर मुस्कुराया और फिर मम्मी कमरे में चली गई।
फिर मैं भी कमरे में चला गया। फिर जाते ही मम्मी अपने सब कपड़े खोलकर नंगी हो गई और फिर वो नाइटी पहन ली। वो नाइटी मम्मी के घुटनो से ऊपर तक थी और उसमें मम्मी के आधे से ज्यादा बोबे दिख रहे थे। उसमें मम्मी काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मम्मी ने जब खुद को शीशे में देखा तो वो भी देखती रह गई। वो खुद को देखकर काफी खुश हुई। फिर मैंने कहा के क्या किस्मत है पापा की। ये सुनकर मम्मी मुस्कुराने लगी। फिर मैंने मम्मी के सिर को बालों से पकड़ा और फिर थोड़े गुस्से से कहा के सुन आज पापा को एक बार ही देना। फिर मम्मी बोली के वो भी मेरा पति है जितनी बार लेना चाहे ले सकता है। फिर मैंने भी सोचा के मैंने ये क्या कह दिया मम्मी को। फिर मैंने मम्मी को छोड़ दिया तो फिर मम्मी मुझे मुस्कुराकर कहने लगी के मुझसे तू इतना प्यार करने लगा हैं क्या जो तुम मुझे अपने पापा के साथ भी नहीं देख सकता। मैं तब नीची गर्दन करके खड़ा था। फिर मम्मी बोली के चल नाराज मत हो तू कहेगा मैं वैसे ही करूंगी। फिर मैं बोला के मैं ऐसे ही तुम लोगो के बीच मे आ रहा हूँ। तुम्हारा मन हो तुम उतनी बार करना और मजे करना।
फिर मम्मी बोली के तुम भी अब मेरे पति ही हो। मैं सिर्फ तुम्हारी बात ही मानूँगी। तुम्हारे पापा की भी नहीं मानूँगी। फिर मैंने कहा के मेरी बात मानोगी तो पापा के साथ पूरे मजे करना। फिर ये सुनकर मैं और मम्मी हंसने लगे। फिर मम्मी मेरे गले लग गई। फिर मम्मी जाकर बेड पर लेट गई और खुशी से लोटपोट होने लगी। जिससे मम्मी की नाइटी नीचे से ऊपर हो गई और मम्मी के बोबे भी बाहर निकल गए। फिर मम्मी कहने लगी के मेरे अब दो दो पति है और मेरा बेटा ही मेरा पति है इससे ज्यादा खुशी की बात मेरे लिए क्या हो सकती है। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनने के लिए कहा तो मम्मी घोड़ी बन गई और फिर मैंने मम्मी की एक फोटो आगे से औए एक फोटो पीछे से ली। फिर मम्मी ने नाइटी निकालकर फेंक दी और बिल्कुल नंगी होकर बेड के बीच मे बैठ गई और फिर मैं मम्मी की फ़ोटो लेने लगा। मम्मी भी फ़ोटो खिंचवाने में मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने मम्मी को टांगें फैलाकर लेटने के लिए कहा तो फिर मम्मी वैसे ही लेट गई। फिर मैंने कई फ़ोटो मम्मी की चुत की भी ली।
फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम दोनों हाथों से अपनी गाँड चौड़ी करके दिखाओ मुझे वहां की भी फ़ोटो लेनी है तो फिर मम्मी ने वैसा ही किया। मैंने वहाँ की फ़ोटो ली। तब मुझे मम्मी की चुत और गाँड का छेद एक दम साफ दिख रहा था। फिर मैंने मम्मी के गाँड के छेद में उंगली डालकर देखने लगा। जब मैंने उंगली डाली तो मम्मी मुझे पीछे मुड़कर देखने लगी। लेकिन कहा कुछ नहीं। मम्मी की गाँड अभी तक टाइट ही थी इसका मतलब के मम्मी ने अभी तक गाँड नहीं मरवाई थी। फिर मम्मी बेड से नीचे उतर गई और मैंने मम्मी को अपने गले से लगा लिया। तब मम्मी के दोनों बोबे मेरी छाती में धंसे हुए थे। फिर मैंने मम्मी से पूछा के पापा ने तुम्हारी गाँड नहीं मारी है क्या कभी। तो मम्मी ने ना में सिर हिलाया। फिर मैंने सोचा के पापा ने मोना की गाँड मार ली है तो वो अब मम्मी की भी गाँड मार सकते है। इसलिए मैंने मम्मी से कहा के तुम पापा से गाँड मत मरवाना। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं उनसे बहुत प्यार करता हूँ। इस पर मम्मी भी बोली के वो भी मुझसे बहुत प्यार करती है। फिर मैंने मम्मी से कपड़े पहनने के लिए कहा तो फिर मम्मी कपड़े पहनने लगी और मैं मोना के कमरे में चला गया।
फिर मैंने मोना से कहा के हम कल शहर जाएंगे। मोना बोली के ठीक है। फिर मैंने मोना से कहा के आज मम्मी पापा से चुदवाएगी और जब पापा को पता चलेगा के कल हम वापिस शहर जा रहे है तो फिर वो तुम्हारी चुदाई भी करना चाहेंगे। फिर मोना बोली के तो क्या हुआ। फिर मैंने मोना से कहा के तुम किसी तरह शाम को आते ही पापा से चुदवा लेना और मुझे तुम दोनों की चुदाई देखनी है। फिर मोना बोली के मैं पापा के आते ही उनसे बात कर लुंगी और मैं पापा को हमारे घर के पीछे बुला लुंगी। तुम वहां छिपकर बैठ जाना और फिर हमारी चुदाई देख लेना। मम्मी को हम किसी बहाने से बाहर भेज देंगे तो उन्हें कुछ पता नहीं चलेगा। फिर मैं बोला के ठीक है ऐसे ही करना।
फिर शाम को जब पापा के आने का टाइम हुआ तो मम्मी खुद ही पड़ोस में किसी के घर चली गकी और मोना से खाना वगैरह बनाने का कह गई। फिर मैं भी घर के पीछे जाकर छिपकर बैठ गया। फिर पापा आये तो मोना ने पापा से कहा के घर पर कोई नहीं है। फिर मोना पापा को लेकर घर के पीछे की तरफ आ गई और फिर अपने सब कपड़े खोलकर एक दम नंगी हो गई। फिर पापा ने भी अपनी पैंट खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया। तब पापा का लंड मुझे बिल्कुल साफ दिख रहा था। मोना पापा का लंड हिलाने लगी जो कि पहले से ही खड़ा था। फिर मोना ने पापा से जल्दी से करने के लिए कहा। फिर मोना थोड़ी झुक कर खड़ी हो गई और फिर पापा ने मोना की चुत में लंड डालकर करने लगे। मेरी आँखों के सामने एक बाप अपनी नंगी जवान बेटी को चोद रहा था। ये देखकर तो किसी का भी लंड फट जाए।
तब उन दोनों की सिसकारियां मुझे बिल्कुल साफ सुनाई दे रही थी। पापा का लंड मोना की चुत से अंदर बाहर हो रहा था। फिर पापा झड़ने वाले हुए तो फिर उन्होंने अपना लंड मोना की चुत में डाल दिया और फिर कुछ धक्कों के बाद पापा झड़ गये। फिर झड़ने के बाद मोना ने पापा को वहाँ से जाने के लिए कहा तो पापा अपनी पैंट ऊंची करके जल्दी से चले गए। फिर मोना कपड़े पहनने लगी तो मैं फिर मोना के पास चला गया और अपना खड़ा लंड बाहर निकाल लिया। फिर मैंने मोना को कमर से पकड़कर उसे फिर से झुका कर खड़ा कर दिया और फिर मैं जैसे ही अपना लंड उसकी गाँड में डालने लगा तो मैंने देखा के उसकी गाँड से पापा के लण्ड का पानी बाहर निकल रहा था। फिर मैंने भी लंड उसकी गाँड में ही डाल दिया और धक्के लगाने लगा। फिर कुछ धक्कों के बाद मैं झड़ गया और फिर मोना की गाँड मेरे और पापा के लन्ड के पानी से भर गई।
फिर मैं तो वापिस जाकर छिप गया और फिर मोना जल्दी से कपड़े पहनकर वहां से चली गई। फिर मैं भी वहां से कमरे में जाकर रजाई में घुस गया। फिर मम्मी आ गई कुछ देर बाद। फिर शाम का खाना खाने के बाद हम सब अपने अपने कमरों में घुस गए। मैं और मोना नंगे होकर रजाई में लेट गए। फिर मैं मोना को मम्मी की नंगी फ़ोटो दिखाने लगा। जिन्हें देखकर मोना देखती ही रह गई और फिर वो मेरा लंड सहलाने लगी। मम्मी की ऐसी नंगी फ़ोटो देखकर मोना बोली के तुमने तो मम्मी को पूरी तरह पटा लिया है। अब चुदाई भी कर लो। किसका इंतजार कर रहे हो। फिर मैं बोला के अभी नहीं। अभी तो मुझे मम्मी के पूरे मजे लेने है। फिर हमने हमारे कमरे की लाइट बन्द की और फिर एक ईंट निकालकर मम्मी पापा के कमरे का नजारा देखने लगे। तब मम्मी ने वो शार्ट नाइटी पहन रखी थी और वो पापा की बाहों में थी। फिर ये देखकर मैंने मोना से कहा के पापा की क्या किस्मत है। पहले बेटी को चोदा और अब उसकी मां को चोदने जा रहे है। ये सुनकर मोना मुस्कुराने लगी।
फिर पापा मम्मी दोनो नंगे हो गए और चुदाई करने लगे। जिससे मम्मी की मादक सिसकारियों की आवाजें पूरे कमरे में गूँजने लगी। फिर थोड़ी देर बाद पापा झड़ गए और फिर वो सो गए और फिर मम्मी भी लाइट बन्द करके सो गई। फिर मैं और मोना बिस्तर पर आ गए और फिर मैं मोना के ऊपर आकर मोना की चुदाई करने लगा। फिर वो घोड़ी बन गई तो फिर मैं उसकी गाँड मारने लगा और गाँड में ही झड़ गया। फिर हम भी सो गए।
मोना ने पापा को हमारे शहर जाने के बारे में पहले ही बता दिया था तो वो पहले ही तैयार होकर निकल गए थे। फिर मोना घर का काम करने लगी और मैं मम्मी को लेकर उनके कमरे में घुस गया। मोना को पता था के मैं अंदर मम्मी के साथ हूँ तो मोना ने हमें डिस्टर्ब नहीं किया। फिर मैंने मम्मी से पूछा के पापा ने रात तुम्हारी कितनी बार ली तो मम्मी ने कहा के एक बार। फिर मैं बोला के बस एक बार ही। फिर मम्मी बोली के हाँ। वो काम से थके हुए थे तो एक बार ही करके सो गये। फिर मैंने मम्मी से पूछा के वो चुदाई के टाइम सिसकारियां कैसे लेती है। तो ये सुनकर पहले तो मम्मी मुस्कुराने लगी और फिर मुंह से सिसकारियां लेने की आवाज निकालने लगी। पर वो आवाज मम्मी की चुदाई की टाइम की आवाज से मेल नहीं खा रही थी तो फिर मैंने मम्मी से दोबारा आवाज निकालने के लिए कहा तो इस बार मम्मी ने बिल्कुल ठीक आवाज निकाली। तब मैं और मम्मी बेड पर लेटे थे। फिर मैंने मम्मी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी समेत मम्मी की सलवार को नीचे करने लगा। फिर मम्मी में खुद ही अपनी पैंटी और सलवार निकाल दी। फिर मैंने मम्मी का कुर्ता ऊपर किया तो फिर मम्मी ने अपना कुर्ता और अपनी ब्रा निकाल दी और मम्मी तब पूरी नंगी होकर मेरे साथ लेट गई।
फिर मैंने भी पहले अपना कुर्ता खोला और फिर अंडरवियर समेत अपनी पेंट नीचे कर दी और फिर मैं पूरा नंगा होकर मम्मी के सामने खड़ा हो गया। तब मम्मी उठ कर बैठ गई और मेरे खड़े लंड को देखने लगी। मैं जवान था तो मेरी बॉडी वगेरह अच्छी थी और मेरा लंड भी दिखने में काफी अच्छा था। फिर मम्मी मेरे लण्ड को देखकर मुस्कुराने लगी। तब पहली बार था के जब मम्मी ने मेरे लंड को देखा था। फिर मैं मम्मी के साथ रजाई में लेट गया और मम्मी मेरी छाती पर अपना सिर रखकर सो गई। फिर मैं भी मम्मी की पीठ सहलाने लगा। फिर मम्मी थोड़ी देर के बाद उठकर बैठ गई। तब मम्मी इतनी कयामत लग रही थी के मेरा अलावा कोई और होता तो मम्मी को तभी चोदने लग जाता। फिर मम्मी एक हाथ मेरे लन्ड की तरफ ले गई और फिर मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के मेरा लंड चाहिए। फिर मम्मी ने मुस्कुराते हुए हां में सिर हिलाया। फिर मैंने मम्मी से पूछा के कहाँ लोगी मेरा लंड। फिर मम्मी ने कहा के चुत में। फिर मैं मम्मी का मुंह पकड़ते हुए बोला के तुझे इतना भी नहीं पता क्या के लन्ड को चुत में लेने से पहले लंड को चूसकर तैयार करना पड़ता है। फिर मम्मी ने मेरे ऊपर से रजाई उठाई और फिर मम्मी ने दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपने मुंह मे लेने लगी।
फिर मम्मी ने जब आधा लंड मुंह मे ले लिया तो तब मैंने मम्मी के बालों को पकड़ा और फिर मम्मी की गाल पर एक थप्पङ मार दिया। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम इतने सालों से पापा से चुद रही हो और तुम्हे लंड चुसना भी नहीं आता। फिर मम्मी कुछ भी नहीं बोली और फिर मम्मी ने मेरा लंड पूरा मुंह मे लेकर चुसने लगी। तब मुझे बहुत मजा आ रहा था। लेकिन तब मुझे मजा लेना नहीं था। मैंने फिर मम्मी के सिर को बालों से पकड़ा और फिर मम्मी के गालों पर एक एक थप्पङ और लगा दिया। जिससे की मम्मी की आंखों में पानी आ गया। फिर मम्मी बोली के अभी तो सही चूस रही थी ना। अभी क्यों मारा। फिर मैंने कहा के मैं तुम्हारा पति हूँ। तुम्हे जब चाहे मारूंगा और जब चाहे प्यार करूँगा मेरी मर्जी। फिर मम्मी कुछ नहीं बोली तो फिर मैं मम्मी के बोबो को सहलाने लगा और फिर दूसरे हाथ से कसकर मम्मी के निप्पल दबाने लगा जिससे मम्मी को दर्द हुआ और थोड़ा बहुत दूध भी निकला।
जब मैं मम्मी के निप्पल दबा रहा था तो दर्द के कारण मम्मी बार बार मुंह खोल रही थी। फिर मैंने मम्मी से कहा के मुंह मत खोल नहीं तो लंड डालकर फाड़ दूंगा। फिर मम्मी ने मुंह खोलना बन्द कर दिया। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनने के लिए कहा तो मम्मी फट से घोड़ी बन गई। फिर मैं मम्मी की गाँड और चुत सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी की गाँड पर एक जोर से थप्पड़ मारा। जिससे मम्मी की चीख निकल गई। फिर मैंने मम्मी को चीखने के लिए मना कर दिया। फिर मैंने मम्मी की गाँड पर कई थप्पड़ और मारे जिससे कि मम्मी को दर्द हुआ तो मम्मी ने अपनी चीख को अपने मुँह में ही दबा लिया और फिर मम्मी की आंखों से आंसू निकलने लगे। फिर मैं मम्मी के पीछे खड़ा होकर अपने लंड से मम्मी की गाँड और चुत के छेद को सहलाने लगा। जिससे कि मम्मी को लगा के अब उनकी चुदाई होने वाली है। लेकिन फिर मैंने उनकी चुदाई नहीं कि।
फिर मैंने मम्मी को लेटाया और फिर उनके मुंह को अपने लंड से सहलाने लगा। जब मैं लंड मम्मी के होंठों पर ले जाता तो मम्मी मेरे लन्ड को चूमती। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं इतनी जल्दी तुम्हारी चुदाई नहीं करूंगा। मैं तुम्हे तबियत से चोदूगा किसी दिन। हम कई घंटों से कमरे में ही बन्द थे और मस्ती कर रहे थे। मुझे भी अब लंड से पानी बाहर निकालना था पर कैसे निकालूँ ये समझ में नहीं आ रहा था। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर मम्मी की के।र को दोनो हाथों से पकड़ कर मम्मी की चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा। तब बहुत तेजी से धक्के लगा रहा था जिससे कि पूरा बेड ही हिलने लगा था। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने सारा पानी मम्मी की गाँड की दरार के बीच मे डाल दिया। फिर मम्मी ने बताया के चुत पर लंड रगड़ने के कारण वो भी झड़ गई। इस प्रकार उस दिन मेरा और मम्मी का मिलन हुआ। फिर मम्मी आकर मेरे गले लग गई और मेरे गालों को चूमने लगी। फिर मैं भी मम्मी के गालों को चूमने लगा और मम्मी के होंठो पर भी किस कर दिया।
फिर मैंने मम्मी के निप्पल सहलाकर पूछा के दर्द कर रहे है क्या। फिर मम्मी बोली के ठीक हो जाएगा। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैंने कुछ ज्यादा ही जोर से दबा दिए थे। फिर मम्मी मुस्कुराकर बोली के कोई बात नहीं। मुझे भी आज इस तरह का दर्द सहने में मजा आया था। फिर मैं मम्मी से बोला के हम फोन पर बातें किया करेंगे। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर हम दोनों जी भरकर एक दुसरे से गले मिले। मेरे थप्पड़ों के कारण मम्मी के गाल और गाँड अभी तक लाल थे। मम्मी के बोबे भी लाल थे। मम्मी के बाल भी बिखर गए थे। मम्मी तब ऐसी लग रही थी जैसे मम्मी को कई मर्दो ने मिलकर एक साथ चोदा हो। फिर मैं और मम्मी अपने अपने कपड़े पहनने लगे। फिर हम दोनों कमरे से बाहर निकले तो मोना ने हमसे कुछ नहीं कहा। वो एकदम तैयार थी जाने के लिए। फिर मैं और मोना घर से निकलकर बस स्टैंड की तरफ पैदल ही जाने लगे।
फिर रास्ते मे मोना ने पूछा के क्या क्या किया मम्मी के साथ तो मैंने उसे सब बताया। फिर ये सब सुनकर मोना बोली के तुमने तो मम्मी की चुदाई कम और पिटाई ज्यादा कर दी। पर मोना जानती थी के उस पिटाई का भी एक अलग ही मजा था। तब मैंने मोना से कहा के लंड तो मम्मी को पापा का भी मिल जाता। इस कारण उन्हें मेरा लंड तो नहीं चाहिए पर लंड से ज्यादा चाहिए। वो अपनी जिंदगी से थोड़ी ऊब चुकी है इस कारण अपनी जिंदगी में उन्हें नयापन चाहिए। मेरी बात से मोना सहमत हुई और बोली के सही कह रहे हो। फिर हम दोनों ऐसे ही बातें करते करते बस स्टैंड पहुंच गए। थोड़ी देर बाद बस आई तो बस में बहुत भीड़ थी। फिर मैं और मोना जैसे तैसे करके बस में घुस गए और खड़े हो गए। फिर जब बस अगले गांव पहुंची तो बस में भीड़ और ज्यादा बढ़ गई। हम सब एक दुसरे से चिपक कर खड़े थे। मोना के आगे एक आदमी खड़ा था मोना उसके साथ चिपकी हुई खड़ी थी और मोना के पीछे मैं खड़ा था। हमारे आसपास ही सब आदमी और लड़के ही खड़े थे। यानी मोना हम सब मर्दो के बीच मे अकेली लड़की थी।
बस अपनी रफ्तार से चल रही थी। फिर मैंने अपना हाथ मोना की कमर में डालकर खड़ा हो गया। फिर मैं मोना के सूट के ऊपर से ही मोना की चुत सहलाने लगा। तब मोना ने कुछ नहीं कहा और बस वैसे ही खड़े रही। फिर कुछ देर ऊपर से ही सहलाने के बाद मैंने अपना हाथ मोना की सलवार में घुसा दिया और फिर उसकी चुत को सहलाने लगा और एक उंगली उसकी चुत में डाल दी। बस में मैं मोना की चुत में उंगली डाले खड़ा था। ये सोचकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं मोना से चिपका हुआ था तो मेरा लंड सीधा उसकी गाँड की दरार में घुस गया। मोना इस सब के मजे ले रही थी। फिर शहर आने वाला हुआ तो मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और फिर हम बस से उतरकर अपने शहर वाले घर मे जाने लगे। फिर मोना मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। जब हम घर पहुंचे तो फिर मैं और मोना नंगे होकर चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद मोना बोली के तुमने तो आज बस में कमाल ही कर दिया। मुझे बहुत मजा आया। फिर मैंने कहा के मुझे भी आया।
फिर अगले दिन से मैं तो अपने काम पर जाने लगा और मोना के तब तक स्कूल शुरू नहीं हुए थे तो फिर तब तक मोना घर पर ही रहती और पढ़ती रहती। फिर कुछ दिन बाद मोना भी स्कूल जाने लगी। उधर मैं और मम्मी फोन और बातें करने लगे। मम्मी मुझे फोन पर सब बताती के उन्होंने आज क्या क्या किया और पापा ने उनकी कितनी बार ली। हम काफी गन्दी गन्दी बात करने लगे थे। मुझे और मम्मी दोनो को ही इसमे बहुत मजा आ रहा था। मम्मी दिन में बिल्कुल फ्री होती तो फिर वो नंगी होकर बेड पर लेट जाती और फिर मुझसे गन्दी गन्दी बातें करती रहती और साथ मे अपनी चुत में उंगली करती रहती। मम्मी की बातें सुनकर मेरा भी लंड खड़ा हो जाता। फिर शाम को मैं घर आता तो फिर मोना की चुत में लंड डाल देता और उधर मम्मी को फोन कर लेता। फिर साथ मे मैं मम्मी से बातें करता रहता और उधर मोना की चुत मरता रहता। मोना को भी यकीन नहीं हुआ के मम्मी ऐसी बातें भी कर सकती है।
मम्मी कहती के मेरी चुत तुम्हारा लंड मांग रही है। आकर मेरे बोबो को निचोड़ डालो। फिर मम्मी झड़ने वाली होती तो फिर इतनी मादक सिसकारियां लेती के पूछो मत। मैं सारा दिन मम्मी से बातें करता रहता तो मेरे दोस्तों को भी मालूम चल गया था के मैं किसी लड़की से बातें करता रहता हूँ। फिर उन्होंने मुझसे पूछा के कौन है। फिर मैंने उनसे झूठ बोल दिया के मै शादी में गया था वहां मिली थी। फिर वो मुझसे हमारी बातें सुनने की जिद करने लगें। फिर तब तो मैंने कोई बहाना लगाकर उन्हें टाल दिया और बोला के बाद में सुनाऊंगा। फिर मैंने जब मम्मी को ये बात बताई तो मम्मी बोली के उन बेचारों को भी खुश कर दो। फिर मैंने कहा के वो तो ठीक है पर तुम उनके सामने सोच समझकर ही बात करना कहीं तुम ऐसा वैसा कुछ कह दोगी तो उन्हें पता चल जाएगा। फिर मम्मी बोली के तुम टेंसन मत लो। मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं कहूँगी।
मेरा एक और दोस्त था जिसकी गर्लफ्रेंड थी और वो उससे हमारे सामने मजे लेकर बातें करता था। वो अपने फोन का स्पीकर ऑन कर देता और फिर हम सब उनकी बातें सुनते थे। फिर मैंने मम्मी से कहा के वो मुझे उनके सामने जानु बुलाए और जोर जोर से सिसकारियाँ लें। फिर मम्मी ने कहा के मैं सब संभाल लूँगी। फिर कुछ दिन बाद दोपहर का टाइम था। मैं और मेरे दोस्त फ्री थे। हम सब तब साथ ही बैठे थे तो फिर मैने उनसे दूर जाकर मम्मी को फोन करके कहा के मैं कुछ देर में तुम्हे दोबारा फोन करूँगा और फिर तुमसे अपने दोस्तों के सामने बात करूँगा। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर मैं वापिस अपने दोस्तों के पास जाकर बैठ गया। फिर मेरे एक दोस्त ने कहा के तुम्हारी आइटम की बाते सुनवादे। फिर उसके बाद मेरे सभी दोस्त कहने लगे तो फिर मैं बोला के ठीक है पर कोई बीच मे बोलेगा नहीं। जो कुछ कहना या पूछना हो वो मुझसे कहा देना। फिर मैं उससे पूछ लूंगा। इस बात पर सभी सहमत हो गए। फिर मैंने मम्मी को फोन कर दिया और फिर मैंने फोन का स्पीकर ऑन करके बीच मे छोड़ दिया। फिर मम्मी ने फोन उठाया और बोला के हेलो जानू। फिर मैं और मम्मी पहले तो नॉर्मल बात ही करते रहे और फिर धीरे धीरे हम गन्दी बातें करने लगे।
फिर मम्मी सिसकारियां लेने लगी तो फिर मैंने पूछा के क्या कर रही हो। फिर मम्मी ने कहा के चुत में उंगली। फिर मैंने कहा के मेरा लंड ले लो। फिर मम्मी ने कहा के तुम्हारा लंड इतना लंबा है तो फिर डाल दो वहीं से। ये सुनकर मेरे सब दोस्त धीरे धीरे हंसने लगे। फिर मम्मी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी। मम्मी की सिसकारियों की आवाजें हम जिस कमरे में बैठे था वहाँ गूँजने लगी। तब मम्मी सच मे उंगली कर रही थी और फिर वो झड़ गई तो फिर हम आगे बातें करने लगे। तब हम सब अपना लंड बाहर निकालकर सहलाने लग गए थे। फिर हमने काफी बातें की जो कि मैं यहां नहीं लिख सकता। लगभग एक घण्टे तक बात करने के बाद मैंने फोन काट दिया। मेरे दोस्त इतने हरामी थे के वो सिर्फ मम्मी की आवाज सुनकर ही अपना लंड लंड हिला हिला कर झड़ गए। फिर मेरे दोस्त बोले के तुम्हारी आइटम तो बहुत मस्त हैं। काश ऐसी कोई लड़की हमें मिल जाये तो मजा आ जाये। फिर मैं वहाँ से मोना के स्कूल की तरफ जाने लगा और रास्ते मे मैं मम्मी से बात करने लगा। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुमने तो कमाल कर दिया। फिर मम्मी ने कहा मुझे भी इस तरफ बातें करके काफी मजा आया। हम दोनो ही आज काफ़ी खुश थे। फिर मैंने मम्मी से कहा के अब से तुम वैसे ही बात करना मुझसे जैसे आज की है। फिर मम्मी बोलो के ठीक है। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के तुम एक बार मुझसे मिलने आ जाते तो अच्छा होता। फिर मैं मम्मी से बोला के मोना को अकेली छोड़कर कैसे आ सकता हूँ। फिर मम्मी बोली के तुम दिन दिन में आ जाना। इधर तेरे पापा काम पर चले जायेंगे और उधर मोना स्कूल चली जायेगी। तब आ जाना और फिर शाम को वापिस चले जाना।
मम्मी की बात मुझे ठीक लगी। फिर मैंने कहा के तो मैं कल ही आ जाता हूँ। तब मुझे और मोना को शहर आये 15 दिन के लगभग टाइम हो चुका था। फिर मैंने सोचा के एक बार जा ही आता हूँ। फिर इसके बारे में मैंने मोना को भी नहीं बताया और फिर सुबह मोना को स्कूल छोड़ने के बाद मैंने मोना से कहा के अगर शाम को मैं ना आऊँ तो वो सीधे घर चली जाए। फिर मोना बोली के ठीक है। हमारा गांव शहर से ज्यादा दूर नहीं है। फिर मैं जाकर सड़क पर खड़ा हो गया और फिर एक बाइक वाले से मैंने लिफ्ट मांगी तो फिर उसने मुझे कुछ टाइम बाद ही गांव पहुंचा दिया। फिर मैं गांव पहुंचकर घर की तरफ जाने लगा और फिर मम्मी को फोन करके पूछा के पापा गए या नहीं। फिर मम्मी बोली के वो बस घर से निकल चुके है। फिर मैं एक दुसरे रास्ते से घर जाने लगा। ताकि पापा मुझे ना देख ले।
फिर थोड़ी देर में ही मैं घर पहुंच गया। मम्मी और मैं एक दुसरे को देखकर काफी खुश हुए। फिर हम एक दुसरे से गले मिले। हमने एक दुसरे की गालों पर किस किये। मुझसे मिलकर मम्मी काफी खुश थी। उस दिन धूप निकली ही थी तो फिर मम्मी ने धूप में एक चारपाई रखी और फिर उस चारपाई पर कमरे के अंदर से बिस्तर लाकर बिछा दिए। फिर मम्मी ने मुझे उस चारपाई पर बैठने के लिए कहा। फिर मैंने मम्मी को भी अपने पास बैठा लिया। फिर मम्मी मुझसे बोली के मैं तैयार होकर अभी आती हूँ। फिर मैंने कहा के तुम तैयार ही हो। फिर मम्मी मुस्कुराकर बोली के मैं तुम्हारे लिए स्पेशल तैयार होकर आती हूँ। फिर इतना कहकर मम्मी कमरे के अंदर चली गई और आगे से गेट भी बन्द कर लिया। फिर मैं मम्मी का इंतजार करने लगा। फिर मैं अपने सब कोड़े निकालकर नंगा होकर लेट गया। धूप काफी तेज थी तो थोड़ी गर्मी लग रही थी पर ठीक था। फिर 10 मिनट के बाद मैंने मम्मी को आवाज लगाई तो मम्मी ने कहा के बस 5 मिनट में आ रही हूँ।
लेकिन फिर थोड़ी देर बाद जब कमरे का गेट खुला तो मैं उठकर बैठ गया और जब अंदर से मम्मी निकली तो मैं मम्मी को देखता ही रह गया। मम्मी ने जब वो गुलाबी सूट पहन रखा था जो के मैने मम्मी को दिलाया था। फिर मम्मी मेरे पास आकर घूमकर खुद को दिखाने लगी और फिर पूछा के किसी लग रही हूँ। मम्मी के सूट की सिलाई मॉडर्न थी। सूट का गला काफी गहरा था। जिससे कि मम्मी के आधे से ज्यादा बोबे दिख रहे थे। मम्मी ने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी और सूट की फिटिंग टाइट थी जिस कारण मम्मी के बोबे सूट में से दिख रहे थे। मम्मी ने गले मे मंगलसूत्र और नाक में नोज रिंग डाल रखी थी और मेकअप वगेरह कर रखा था जिससे कि मम्मी और भी ज्यादा खूबसूरत दिख रही थी। मम्मी ने मांग में सिंदूर भर रखा था और हाई हील वाले सैंडल पहन रखे थे। मम्मी को ऐसे देखकर तो मेरा खुद पर कंट्रोल ही नहीं रहा। फिर मैंने मम्मी को चारपाई पर बैठाया और मैं खुद भी उनके साथ बैठ गया। फिर मम्मी बोली के अब मैं तेरी बीवी हूँ और तेरे सामने मैं ऐसे ही रहा करूंगी। फिर मैं मम्मी की गर्दन और बोबो पर किस करने लगा और मम्मी मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी।
फिर मैंने मम्मी को उल्टा लेटाया तो मम्मी उल्टी होकर लेट गई। मम्मी के सूट के पीछे सूट को खोलने के लिए चैन लगी थी। फिर मैंने वो चैन खोल दी और मम्मी की पीठ नंगी हो गई। फिर मैं मम्मी की पीठ पर किस करने लगा। थोड़ी देर ऐसे ही किस करने के बाद मैंने मम्मी को उठाया और फिर मम्मी का कुर्ता खोल दिया। फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई तो फिर मैं मम्मी के बोबे दबाने लगा। फिर मैं बोबो को चुसने लगा। जिससे मम्मी गर्म हो गई। फिर मैंने मम्मी की सलवार खोली तो मैंने देखा के मम्मी की चुत बिल्कुल चिकनी थी और चुत पर एक भी बाल नहीं था। जब ये देखकर मैंने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी ने शर्माकर अपना मुंह छुपा लिया। फिर मम्मी ने अपने पैर पूरे ऊंचे कर दिए तो फिर मैंने मम्मी की सलवार निकालकर फेंक दी। फिर मैंने मम्मी के पैर पूरे फैला दिए जिससे कि मम्मी की चुत मुजजे बिल्कुल साफ दिखने लगी। मम्मी की चुत से पानी निकल रहा था यानी कि मम्मी चुदाई के लिए पूरी तैयार थी। फिर मैं मम्मी की चुत सहलाने लगा और फिर चुत पर किस करने लगा। जिससे कि मम्मी शर्म से लाल हो गई। ये देखकर मैं समझ गया के मम्मी पापा के अलावा किसी दूसरे मर्द से नहीं चुदी है।
मम्मी तो आज चुदने की बिल्कुल तैयारी कर के बैठी थी। फिर मैं मम्मी के होंठो को चुसने लगा। फिर मैंने अपना लंड मम्मी की चुत पर रखा और रगड़ने लगा। जिससे कि मम्मी का बुरा हाल हो गया। फिर मैंने मम्मी के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और फिर मम्मी की चुत में लंड डालने लगा। एक झटके में ही मम्मी की चुत में मेरा लंड चला गया। मम्मी की चुत काफी गर्म थी। फिर मैं मम्मी की चुत में धक्के लगाने लगा तो मम्मी को बहुत मजा आने लगा और वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी। मम्मी की चिकनी चुत में मेरा लंड अंदर बाहर होता हुआ देखकर मैं भी काफी गर्म हो गया। फिर थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया और मैंने सारा पानी मम्मी की चुत में ही डाल दिया। उधर मम्मी भी झड़ चुकी थी और उन्हें बहुत मजा आया था। फिर हम दोनों एक दुसरे से चिपक कर सो गए। धूप तेज होने के कारण हम दोनों पसीने से भीग गए थे। लेकिन फिर भी हम धूप में ही लेटे रहे।
चुदाई के बाद मम्मी कुछ देर तो आंखें बंद करके लेटी रही और फिर हम दोनों एक दुसरे की आंखों में देखकर मुस्कुराने लगे। तब धूप में मम्मी का नंगा बदन चमक रहा था। मम्मी के चेहरे और बदन पर पसीने की बूंदे उभर आई थी। फिर मैंने मम्मी से कहा के सुमन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। फिर मम्मी भी बोली के मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ। फिर मैं मम्मी के बोबो को चुसने लगा और मम्मी मेरे लंड को सहलाने लगी। जिससे मेरा लंड खड़ा होने लगा। फिर मम्मी जाकर मेरा लंड चुसने लगी और जब तक चूसती रही जब तक कि मेरा लंड एक दम खड़ा ना हो गया हो। फिर इस बार मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर मम्मी की कमर पकड़कर चुदाई करने लगा। मम्मी की नरम नरम गाँड का तब मुझे एक अलग ही एहसास हो रहा था। तब मम्मी की गाँड बहुत मस्त तरीके से हिल रही थी।
फिर मैं मम्मी की गाँड पर जोर जोर से थप्पङ मारने लगा। जिससे कि मम्मी दर्द से कराहने लगी। मैंने मम्मी की गाँड थप्पड़ मार मार कर लाल कर दी। जिससे कि मम्मी की आंखों में आंसू भी आ गए थे। फिर कुछ देर बाद मैं और मम्मी साथ मे झड़ गये। फिर झड़ने के बाद मम्मी मेरे गले से लगकर रोने लगी। मम्मी बहुत मस्त गदराई घोड़ी थी। वो चुदवाती भी बहुत मस्त थी। फिर मैंने मम्मी के सिर को बालों से पकड़कर अपने से दूर हटाया और फिर मम्मी के ओर बदन को देखने लगा। फिर मैं मम्मी के बोबो पर थप्पड़ मारने लगा। जिससे मम्मी को दर्द होता तो वो आह आह करती। फिर मैंने मम्मी से कहा के ये तो अच्छा हुआ जो कि तुमने मुझसे चुदवा लिया। अगर तुमने किसी और मर्द से चुदवाया होता तो मैं तुम्हे मार डालता। तब मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया था। फिर मैने मम्मी की दोनो गालों पर जोर जोर से थप्पड़ मारे।
फिर मैंने मम्मी से कहा के अब मैंने अगर तुझे पापा के अलावा किसी और आदमी से बात करते देखा तो देख लेना तुम्हारी खैर नहीं। फिर मम्मी फिर से मेरी छाती पर सिर रखकर मुझसे चिपक गई और मैं फिर मम्मी की पीठ सहलाने लगा। फिर मैं और मम्मी पेशाब करने गए। मम्मी तो नीचे ही बैठकर पेशाब करने लगी और मैं खड़ा होकर। फिर पेशाब करने के बाद मम्मी की चुत पर पेशाब की बूंदे लगी थी तो फिर वो मैंने चाट ली। फिर वापिस आकर मैं तो चारपाई पर लेट गया और मम्मी मेरे लिये पानी लेकर आई। फिर मैंने पानी पिया और फिर लेट गया। फिर मम्मी मेरे ऊपर आकर लेट गई और मेरे गालों लर किस करने लगी। फिर मम्मी मुझसे बोली के अब मैं सिर्फ तुम्हारे साथ तुम्हारी बीवी बनकर रहना चाहती हूं। हम कहीं भाग जाते हूं और फिर वहाँ मैं तुम्हारी बीवी बनकर रहूंगी। मम्मी तब प्यार में बिल्कुल अंधी हो चुकी थी।
फिर मैंने मम्मी से कहा के फिर मोना का क्या होगा। पहले तो तुम्हे उसकी फिक्र थी के कहीं वो किसी के साथ भाग ना जाये और अब खुद ही मेरे साथ भाग जाने के लिए कह रही हो। मेरी बात सुनकर मम्मी को अपनी गलती का एहसास हुआ। फिर मैंने कहा के हम टाइम निकालकर ऐसे ही एक दुज़रे से मिल लिया करेंगे। फिर मम्मी बोली के ये तो ठीक है अगर किसी को पता चल गया तो। तुम्हारे पापा तो अब मुझ पर इतना ध्यान नहीं देते है तो उन्हें तो पता नहीं चलेगा और अगर मोना को हमारे बारे में पता चलेगा तो वो क्या कहेगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के वो समझदार है। उसे मैं हम समझा देंगे। वो मान जाएगी। फिर मम्मी खुश होकर बोली के अगर वो मान जाये तो बात ही बन जाये। फिर मैंने कहा के अभी जैसा चल रहा है वैसे ही चलने देते है और टाइम आने पर मोना को सब बता देंगे। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर मैंने अपनी एक अंगूठी निकालकर मम्मी को पहना दी। फिर मम्मी ने भी अपने हाथ मे कई अंगूठी पहन रखी थी तो फिर मम्मी ने भी अपनी एक अंगूठी निकालकर मुझे पहना दी।
फिर मैंने मम्मी से कहा के आज हमने सगाई कर ली है। फिर किसी दिन मैं तुम्हारी कुंवारी गाँड की चुदाई करके तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा। ये सुनकर मम्मी मुस्कुराते हुए बोली के ठीक है। फिर मम्मी बोली के मैं अभी 37 साल की हुई हूँ और तुम 20 साल के हो। मैं तुम्हे 60 साल तक पुरे मजे दे सकती हूँ। यानी 22 साल तुम मेरे साथ मजे कर सकते हो। हम अपना सब से छुपाकर एक बच्चा भी पैदा कर लेंगे। फिर मम्मी बोली के मैं 40 साल की होने से पहले पहले तुमसे बच्चा करना चाहती हूं। ताकि जब मैं 60 साल की होऊं तब तक वो पूरा जवान हो जाएगा। फिर मम्मी ने कहा के मैं 60 साल की होउंगी तब तक तुम 43 साल के हो जाओगे। फिर अगर मैं तुम्हे मजा ना दे पाऊं तो फिर चाहे तुम और किसी लड़की को चोद लेना। मैं तुम्हे नहीं रोकूंगी। अगर मेरे शरीर सही रहा तो मैं तुम्हें 70 साल की होने पर भी मजा दे सकती हूँ। फिर मैंने कहा के हां मैंने की 70 साल की औरते देखी है जो की बूढ़ी होने पर भी जवान ही लगती है। फिर मम्मी बोली के मैं अभी से अपने शरीर का ध्यान रखना शुरू कर दूंगी ताकि बूढ़ी होने पर मैं भी जवान दिख सकूँ। इस प्रकार मम्मी ने पूरा गुना भाग करके रखा था और जो ठीक भी था।
तब दोपहर का टाइम हो गया तो फिर मम्मी चाय बनाने चली गई और मैं भी मम्मी के पिछे चला गया। तब मम्मी चूल्हे के पास बैठकर चाय बना रही थी तो मम्मी की कमर के पास काफी चर्बी चढ़ी हुई थी। फिर मैंने मम्मी से वो चर्बी कम करने के लिए कहा तो मम्मी बोली के मैं आज से ही इस पर काम करना शुरू कर दूंगी। मैं सुबह शाम दौड़ लगाना शुरू करूंगी और घर के पीछे जाकर एक्सरसाइज वगैरह करूंगी तो ये चर्बी हट जाएगी। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के तू भी अपना थोड़ा वजन बढ़ा ले ताकि जब कोई हमे एक साथ देखेगा तो उसे पता भी नहीं चलेगा के हम माँ बेटे है या पति पत्नी। मम्मी की बात मुझे एकदम ठीक लगी। फिर चाय पीते पीते हमने काफ़ी बातें की। अब हम दोनों के बीच माँ बेटे का रिश्ता बिल्कुल खत्म हो चुका था। हमे ऐसा लगने लग गया था के जैसे मैंने गलती से मम्मी की कोख से जन्म ले लिया था। हमे तो पति पत्नी होना चाहिए था।
मम्मी मुझसे वैसे ही बातें करती जैसे वो कभी पापा से करती थी। फिर चाय पीने के बाद हम दोनों कमरे में जाकर बेड पर लेट गए। फिर मैं अपने फोन में मम्मी को पोर्न वीडियो दिखाने लगा। मजे की बात यह थी कि मम्मी ने तब पहली बार पोर्न वीडियो देख रही थी। वो वीडियो देखकर मम्मी तो देखती ही रह गई और बोली के दुनिया मे ऐसा भी होता है क्या। वो काफ़ी हैरान थी तब। पोर्न वीडियो देखने के कारण मम्मी गर्म हो गई और वो अपनी चुत सहलाने लगी। फिर वो ज्यादा गर्म हो गई तो फिर मैंने उनकी चुत में लंड डाल दिया और करने लगा। मम्मी लगातार पोर्न वीडियो देखती जा रही थी। फिर एक बार और मैंने मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदा। तब 3 बज चुके थे और मैं और मम्मी पिछले 5-6 घंटो से एक साथ नंगे थे। हमने चार बार चुदाई भी कर ली थी।
मुझे 5 बजे वापिस शहर जाना था और अब हमारे पास सिर्फ 2 ही घंटे थे। लेकिन मेरा और मम्मी का अब एक दुसरे से दूर जाने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था। फिर हम कुछ देर और बेड पर नंगे पड़े रहे और फिर मैंने और मम्मी ने कपड़े पहन लिए और फिर घर मे एक दुज़रे का हाथ पकड़कर घूमने लगे। आज चुदाई के टाइम मैंने सारा पानी मम्मी की चुत में ही डाला था तो कहीं मम्मी प्रेग्नेंट ना हो जाये इस कारण मैंने मम्मी को टेबलेट दी। फिर जब 5 बज गए तो फिर मैं वापिस जाने लगा। फिर मम्मी बोली के अब से हम दो तीन दिनों से ऐसे ही मिला करेंगे। मैं तुम्हारे लिए ऐसे ही तैयार रहा करूँगी। फिर जाते जाते हमने एक दुसरे से काफ़ी किस किये। फिर मैं घर से निकलकर वापिस शहर जाने लगा। पर रास्ते भर मुझे मम्मी की ही याद आती रही। कई बार तो मुझे यकीन ही नहीं होता था के मै और मम्मी चुदाई कर चुके है।
फिर मैं शहर पहुंचा और फिर घर पर गया तो तब तक मोना स्कूल से आ चुकी थी। फिर मैंने सोचा के मम्मी को बताऊं या नहीं। लेकिन फिर मैंने सोचा के बता ही देता हूँ। फिर मैं जाकर मोना के गले लग गया और फिर मैं मुस्कुराने लगा। मुझडे मुस्कुराता देख मोना बोली के क्या हुआ। फिर मैंने मोना से कहा के मैंने आज मम्मी की चुदाई कर दी। फिर मोना बोली के सच मे। फिर मैंने मोना को फ़ोटो दिखाई जो कि मैंने मम्मी की चुदाई के टाइम ली थी। जिसमे मेरा लंड आधा मम्मी की चुत में था। फिर और कई फ़ोटो थी जिसमे मम्मी पूरी नंगी होकर लेटी थी। फिर मैंने मोना को सब बात बताई। फिर मोना बोली के मम्मी भी क्या करें। पापा दारू पीने लग गए है वो मम्मी का ध्यान ही नहीं रखते है। फिर मोना ने पूछा के तुमने हमारे बारे में तो उन्हें कुछज नहीं बताया है ना। फिर मैं बोला के नहीं। अभी मैं उन्हें कुछ नहीं बताऊंगा। पर अब बताने से कुछ फर्क भी नहीं पड़ेगा और वो बताने पर वो कुछ कहेंगी भी नहीं। फिर मोना ने कहा के अब जैसा चल रहा है वैसे ही चलने देते है और फिर देखते है के क्या होता है।
फिर मैंने मोना से पूछा के मम्मी से शादी करने के बाद तुम मुझे अपना पापा मनोगी क्या। फिर मोना खुश होकर बोली के अब सब कुछ तुम ही हो मेरे। मैं तुम्हे जरूर पापा मानुगी और फिर हम एक परिवार की तरह खुशी खुशी रहा करेंगे। मोना की ये बात सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर इसके बाद मैं, मोना और मम्मी पहले से ज्यादा खुश रहने लगे। उधर मम्मी अब पापा के दारू पीने पर उनसे बिल्कुल भी झगड़ा नहीं करती। फिर पापा तो रात को पीकर टुन्न हो जाते और फिर मैं और मम्मी रात रात भर आपस मे बातें करते। फिर 2-3 दिन से मैं मम्मी के पास चला जाता और फिर हम खूब चुदाई करते। अब मैं मम्मी की अलग अलग पोज में चुदाई करता। जिससे की मम्मी को खूब मजा आता।
मम्मी और मुझे अब एक दूसरे की चुत और लंड का ऐसा चस्का लग चुका था के कई बार तो मैं लगभग हर दिन गांव जाकर मम्मी की चुदाई करने लगा। मम्मी भी मुझे मना नहीं कर पाती और वो भी मेरा साथ देती। मोना की सन्डे की दिन छुट्टी होती तो फिर हम शनिवार शाम को घर जाने लगें और फिर सोमवार को सुबह वापिस शहर आ जाते। जिस कारण फिर मुझे और मम्मी को दो रात और एक दिन चुदाई के लिए मिल जाते। मोना भी मौका देखकर पापा से चुदवा लेती।
फिर जब हम घर जाते तो मम्मी पहले की तरह ही अपने पुराने सूट पहनती। फिर मैंने मम्मी से वो नए फैशन वाले सूट पहनने के लिए कहा जो कि उन्होंने खास मेरे लिए सिलवाये थे। फिर मम्मी बोली के मुझे उस सूट में देखकर मोना पता नहीं क्या सोचेगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के उसे जो सोचना है सोचने दो। वैसे भी एक न एक दिन उसे हमारी सच्चाई पता चलनी ही है। तुम भी मोना से थोड़ी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दो ताकि जब उसे हमारे बारे में उसे पता चले तो वो ज्यादा हैरान ना होए। फिर मम्मी ने मेरी बात मानकर एक दिन शाम को वो नया फैशन वाला सूट पहनकर जब हमारे कमरे में आई तो मोना तो देखती ही रह गई। मोना ने मम्मी की काफी तारीफ की और मोना ने कहा के आप अब से ऐसे सूट ही पहना करो। ये सुनकर मम्मी भी काफी खुश हुई। फिर हम तीनों बातें करने लगे। उस रात बातें करते करते हमें काफी रात हो गई। हम तीनों एक दूसरे से पूरा घुल मिल गए थे। फिर उस रात मोना ने मम्मी से कहा के आप इतनी सुंदर हो और आपको पापा जैसा शराबी पति मिला है। ये बहुत अफसोस कि बात है। ये सुनकर मम्मी को लगा के मोना भी उनकी और पापा की जोड़ी को पसंद नहीं करती है।
हमारे जाने के बाद मम्मी वैसे तो हमारे सोने का इंतजाम रसोई में कर देती थी। जिससे मोना और पापा के सो जाने के बाद मैं और मम्मी रसोई में जाकर चुदाई करते और फिर आधी रात को या सुबह जल्दी अपने अपने कमरों में जाकर सो जाते। लेकिन उस दिन रात ज्यादा होने के कारण मैंने मम्मी को वहीं सोने के लिए कहा। तब कमरे में दो ही चारपाई थी तो मोना तो अपनी चारपाई पर सो गई और फिर मैं और मम्मी एक साथ एक ही चारपाई पर सो गए। फिर मैं तो पूरा नंगा हो गया और मम्मी ने सिर्फ अपनी सलवार खोल ली। फिर सोने के थोड़ी देर बाद ही मैंने मम्मी से चुदाई करने के लिए कहा तो मम्मी ने कहा के मोना को सो जाने दो। लेकिन मुझे मोना की फिक्र नहीं थी। फिर मैंने कहा के वो सो गई। उसे कुछ नहीं पता चलेगा। फिर मेरे कहने पर मम्मने अपने पैर मेरे कंधों पर रख दिये और फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। मम्मी को तब खूब मजा आ रहा था तो मम्मी सिसकारियां लेने लगी। तब मम्मी की आंखें बंद थी। मेरे धक्कों के कारण उनके दोनो बोबे आधे से ज्यादा सूट से बाहर आ गए थे। फिर तभी मोना चुपके से हमारी चुदाई देखने लगी। फिर मैं और मोना एक दुसरे को देखकर मुस्कुराने लगे।
फिर मैं चुत में ही झड़ गया तो फिर हम दोनों एक दुसरे से चिपक कर सो गए। तब मैंने कुछ नहीं पहना था और मम्मी नीचे से नंगी थी और उनके दोनो बोबे सूट से लगभग बाहर ही थे। अगले दिन सुबह मोना को जल्दी जाग आ गई तो फिर वो हमारे लिए चाय बनाकर ले आई। फिर उसने हमें जगाया तो मैं तो तब बिल्कुल नंगा था और मम्मी नीचे से नंगी थी और उनके दोनो बोबे आधे से ज्यादा बाहर निकले हुए थे और हम एक ही रजाई में लेटे थे। फिर मोना हमें उठाकर बाहर चली गई तो फिर मम्मी जल्दी से उठकर अपनी सलवार पहनने लगी। फिर मैंने मम्मी से बोला के अब मोना अंदर नहीं आएगी। तुम आराम से चाय पीकर फिर सलवार पहन लेना। फिर मम्मी बोली के उसे पता चल गया होगा हमारे बारे में। फिर मैंने मम्मी से कहा के फिर क्या हुआ पता चल गया तो। वो बाहर जाकर किसको बताएगी के उसका भाई और मम्मी एक साथ सोते है। वो किसी को कुछ नहीं बताएगी और ना ही हमें कुछ कहेगी। फिर मम्मी में सोचा के हां ये तो सही बात है। फिर मम्मी सलवार छोड़कर चाय पीने लगी। फिर चाय पीकर मैंने और मम्मी ने अपने कपड़े पहने एयर फिर हम कमरे से बाहर चले गए।
फिर उस दिन के बाद मम्मी रोज रात को हमारे कमरे में पूरा सज धज कर आती। फिर हम पहले तो काफी हंसी मजाक करते और कई बार तो मैं मम्मी को मोना के सामने ही अपनी बाहों में ले लेता। अब मम्मी ने भी मोना से शर्माना बन्द कर दिया था तो फिर वो भी मोना के सामने खुलकर रहने लगी। अब मम्मी हमारी दोस्त की तरह हमारे साथ रहती तो हम तीनों मिलकर काफी हंसी मजाक करते। फिर जब कई बार मेरा मम्मी को ठोकने का फूल मूड बन जाता तो मैं मम्मी को लेकर रसोई में चल जाता और फिर हम वहां दोनो नंगे होकर खूब चुदाई करते। वरना मम्मी मेरे साथ ही हमारे कमरे में सो जाती और फिर हम सोने से पहले चुदाई करके सो जाते। मोना ने भी कभी मम्मी से नहीं पूछा के वो रात को इतना सज धजकर क्यों आती है। फिर तो मम्मी को भी समझ मे आ गया था के मोना को हमारे बारे में थोड़ा थोड़ा पता चल चुका है। लेकिन फिर भी मम्मी बिना किसी शर्म के पूरी दुल्हन की तरह तैयार होकर हमारे कमरे में आती और मुझसे खूब चुदवाती। अब मम्मी ने भी मोना से शर्म करनी छोड़ दी थी। मम्मी मोना से भी बहुत प्यार करती थी।
फिर एक रात की बात है मोना के सो जाने के बाद उस रात मम्मी पूरी नंगी होकर मेरे ऊपर आकर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और फिर हम चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद हम वैसे ही सो गए। फिर सुबह मोना हमारे लिए चाय बनाकर लाई और फिर चुपके से मुझे उठा दिया। फिर मोना बाहर चली गई। मोना के जाने के बाद मैंने मम्मी को उठाया तो फिर ने खुद को नंगी पाया। फिर वो बोली के आज तो जरूर मोना ने सब देख लिया। उसे सब पता चल गया होगा। फिर मैंने मम्मी से कहा के वो अब बच्ची नहीं है। तुम जो रोज सज धजकर आती हो और फिर हम कमरे से बाहर चले जाते है तो उसे पता तो काफी पहले ही चल गया होगा उसे। पर उसने ये बात अभी तक किसी को बताई नहीं। इसका मतलब ये है कि वो भी यही चाहतीं है। फिर हम कपड़े पहनकर बाहर गए और मोना ने मम्मी से बाकी दिनों जैसा ही व्यवहार किया।
लेकिन अब मम्मी मोना से आंखें नहीं मिला पा रही थी और वो थोड़ा शर्मा रही थी। लेकिन फिर कुछ दिन बाद सब पहले जैसा ही हो गया। अब अंदर अंदर से तो मोना को मम्मी के बारे में सब पता चल गया था पर कोई इस बारे में खुलकर बात करने को तैयार नहीं था। मोना को तो फिर भी सब पता था लेकिन मम्मी को कुछ भी नहीं पता था। फिर मोना ने मुझसे कहा के पहल हमे ही करनी पड़ेगी। हम मम्मी को सब कुछ बता देते है। फिर कम से कम मम्मी तो मेरे सामने तुम्हारे साथ खुलकर रह पाएगी। फिर मैंने भी सोचा के यही ठीक रहेगा। लेकिन हमारे समझ मे नही आ रहा था के हम मम्मी को ये सब कैसे बताए।
फिर बस ऐसे ही दिन निकलते गए। एक बार चुदाई के बाद मैं और मम्मी लेटे थे और मम्मी पोर्न वीडियो देख रही थी। उस वीडियो में कई मर्द मिलकर एक सेक्सी औरत को चोद रहे थे। फिर ये देखकर मैंने मम्मी से कहा के तुम्हे भी कई मर्दो के साथ चोदने में बहुत मजा आएगा। ये कहकर मैं मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर मम्मी बोली के फिलहाल अभी तो तेरे पापा ही एक और मर्द है इस घर मे। चलो हम उनके पास कमरे में चलते है। फिर मैंने कहा के वहाँ जाकर क्या करेंगे। फिर मम्मी बोली के तुम चलो तो सही। फिर मैं उठकर कपड़े पहनने लगा तो मम्मी बोली के ऐसे ही चलो। तब हम रसोई में थे। फिर हम हम नंगे ही रसोई से निकलकर पापा के कमरे में चले गए। तब पापा आराम से टुन्न होकर सोए थे। फिर मम्मी जाकर उनके पास लेट गई और फिर उनके ऊपर से रजाई हटाकर उनकी लुंगी खोल दी। तब पापा पूरे नंगे हो गये। फिर मैं भी जाकर मम्मी की साइड में लेट गया। अब मम्मी मेरे और पापा के बीच मे लेटी थी। फिर मम्मी मेरे और पापा का लंड पकड़कर सहलाना शुरू कर देती है। ये देखकर तो गर्म होने लगता हूँ। फिर मम्मी मुझसे चिपक कर लेट जाती है और फिर मैं मम्मी के बदन को सहलाने लग जाता हूँ। पापा के पास लेटकर मैं मम्मी के बदन को सहला रहा था। फिर मम्मी मेरा लंड चुसने लग जाती है।
मेरा लंड जब पूरा सख्त हो जाता है तो फिर मम्मी लेटकर अपनी टांगे खोल देती है और फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगता हूँ। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगता हूँ। पापा पास में सोए है और मम्मी मुझसे घोड़ी बन कर चुद रही थी। फिर कुछज देर के बाद जब मैं झड़ जाता हूँ तो फिर हम तीनों एक दूसरे से चिपक कर सो जाते है। मुझे तो तब यकीन ही नहि हो रहा था के मम्मी मेरे और पापा के बीच नंगी लेटी है। फिर थोड़ी देर के बाद हम वापिस रसोई में चले जाते है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम सच मे गजब की हो। मुझे आज बहुत मजा आया। फिर मैंने मम्मी के सिर के बालों को पकड़कर मम्मी से कहा के मैं तुझे एक दिन पराए मर्द के साथ चुदाई करूँगा। मेरी बात सुनकर मम्मी मुस्कुराने लगती है। तब तक आधी रात हो चुकी थी। फिर मैं और मम्मी नंगे ही मोना के कमरे में जाकर रजाई ओढ़कर लेट जाते है। फिर मम्मी कहती है के मैं कपड़े पहन लेती हूँ। फिर मैंने कहा के कोई जरूरत नहीं है। वैसे भी वो सब जानती है और नहीं जानती है उसे जान जाने दो। वो कुछ कहेगी तो मैं अपने आप सम्भाल लूंगा। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर मम्मी और मैं सो जाते है।
सुबह जब मोना चाय देने आती है और मुझे उठाती है तो फिर मैं रजाई साइड में हटा देता हूँ। फिर जब मोना मम्मी को एक दम नंगी होकर सोई देखती है तो हंसने लग जाती है। मम्मी तब घोड़े बेच कर सो रही थी। फिर मोना बाहर चली जाती है तो फिर मैं मम्मी को उठाता हूँ और फिर हम दोनों चाय पीते है और कपड़े पहनकर बाहर चले जाते है। तब मोना झाड़ू लगा रही होती है तो फिर मोना हम दोनों को देखकर मुस्कुराने लगती है और फिर मम्मी भी मुस्कुरा देती है। फिर मम्मी लैट्रिन करने टॉयलेट की तरफ जाती है तो फिर मैं भी मम्मी के पीछे चला जाता हूँ। फिर मम्मी बैठकर लैट्रिन करने लगती है और फिर मैं भी पेंट खोलकर मम्मी के पीछे जाकर बैठ जाता हूँ और मम्मी की गाँड सहलाने लगता हूँ। लैट्रिन करने के बाद हम दोनों अपनी अपनी गाँड धोते है और फिर खड़े हो जाते है।
तब मेरा लंड खड़ा था और मम्मी अपनी सलवार ऊंची कर रही थी तभी मैं अपना लंड मम्मी की गाँड पर सहलाने लगता हूँ। फिर कुछ देर सहलाने के बाद मम्मी सलवार पहन लेती है और मैं पेंट पहन लेता हूँ। फिर हम दोनों एक साथ ही टॉयलेट से बाहर निकलते है तो सामने मोना खड़ी होती है। मोना को देखकर मम्मी थोड़ा शर्मा जाती है और वो नीची गर्दन करके वहां से चली जाती और फिर मोना मेरी तरफ मुस्कुराते हुए टॉयलेट में चली जाती है। फिर मम्मी खाना बनाने लगती है और मैं वहीं आंगन में बैठ जाता हूँ। फिर जब मोना टॉयलेट से आती है तो फिर वो मम्मी के पास जाकर बैठ जाती है और फिर वो दोनो बात करने लगती है। जैसे के मोना ने कुछ नहीं देखा हो। उस दिन सन्डे था और पापा को कुछ काम था तो फिर वो दुकान पर चले जाते है। पापा के जाने के बाद हम तीनों नहाकर धूप में बैठ जाते है और फिर हम साथ ही खाना खाते है।
खाना खाकर हम फिर से धूप में ही बैठ जाते है और इधर उधर की बातें करने लगते है। मम्मी हमसे काफी खुलकर बातें करती है और मोना भी मम्मी को ऐसे जता रही थी जैसे के उसे मेरे और मम्मी के बारे में पता ही ना हो। फिर दोपहर बाद मोना कमरे में चली जाती है और मैं और मम्मी आंगन में ही बैठे रहते है। मोना के जाने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। मेरा लंड देखकर मम्मी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर एक हाथ से मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैंने मम्मी से लंड चुसने के लिए कहा तो फिर एक बार तो मम्मी ने मोना के कमरे की तरफ देखा और फिर चारपाई से खड़ी होकर मेरे सामने आकर नीचे बैठ गई और फिर मेरा लंड चुसने लगी। मम्मी आंगन में सरेआम मेरा लंड चूस रही थी। फिर हमने एक दुज़रे कि तरफ देखा और फिर मैंने इशारों में मम्मी को कमरे में चलने के लिए कहा तो फिर मम्मी उठकर चल पड़ी। फिर मैं भी मम्मी के पीछे पीछे चल पड़ा और फिर कमरे का गेट बंद करके हम दोनो नंगे हो गए। फिर मैं मम्मी को बेड पर घोड़ी बनाकर चोदने लगा। तब मम्मी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी।
तभी किसी ने कमरे का दरवाजा खोला तो हमने देखा के सामने मोना खड़ी थी। हम तीनों एक दुसरे को देखने लगा। लेकिन मैंने तब भी चुदाई जारी रखी। फिर मोना हमे देखकर मुस्कुराती हुई कमरा बन्द करके वहाँ से चली गई। फिर कुछ देर बाद हम झड़ गये। फिर मम्मी मुझसे बोली के आज तो मोना में हमे रंगे हाथों पकड़ लिया। पता नहीं वो क्या सोचेगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम रोज मेरे साथ नंगी सोकर उठती हो। पता तो उसे तब भी चल गया था। आज तो बस देखा है। मैंने मम्मी को काफी समझाया लेकिन फिर भी मम्मी काफी परेशान थी।
फिर हम जब कमरे से बाहर आये तो मोना मम्मी को देखकर मुस्कुराने लगी। लेकिन मम्मी ने नीची गर्दन कर ली। मम्मी को परेशान देखकर मोना भी थोड़ी उदास हो गई। फिर मोना ने मुझसे कहा के मम्मी को सब कुछ बता देते है। फिर चाहे जो भी हो देखा जाएगा। फिर मैं बोला के अभी बताने को रहा है क्या है। आज तुमने हमें देख लिया है तो अब मुझे खुलकर और मजे लेने दो मम्मी के। मम्मी को भी अच्छी तरह पता है के तुम किसी से कुछ नहीं कहोगी। अभी जैसे चल रहा है वैसे ही चलने देते है। फिर मोना बोली के ठीक है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम आज वो छोटी वाली नाइटी पहनकर और मेकअप वगैरह करके आना मेरे पास। फिर मम्मी बोली के आज ही मोना ने हमें चुदाई करते देखा है औए आज ही मैं उसके सामने ऐसे जाऊँगी तो वो क्या सोचेंगी। फिर मैंने मम्मी के सिर के बालों को पकड़कर थोड़ा गुस्से से कहा के तू रंडी है और तुझे आज ऐसे ही आना है। फिर मम्मी बोली के ठीक है।
फिर उस दिन शाम को पापा बाहर से ही पीकर आ गए और फिर घर आकर फिर से पीने लगे। ये देखकर मोना मम्मी से बोली के पापा तुम्हारे बिल्कुल भी लायक नहीं है। तुम पापा को छोड़ दो। ये सुनकर मम्मी मोना की तरफ देखने लगी। फिर वो दोनो कुछ देर एक दूसरे को देखती रही। फिर मोना बोली के अगर भाई न होता तो हमारा क्या होता। फिर शाम को खाना वगैरह खाकर मैं और मोना तो अपने कमरे में चले गए और फिर पापा भी खाना खाकर जल्दी ही सो गए और मम्मी तैयार होने लगी। फिर मैं मोना से बोला के आज तुम मम्मी को देखकर देखती ही रह जाओगी। फिर मोना बोली के वो तो मैंने दोपहर को ही देख लिया था। फिर ये सुनकर मैं हंसने लगा और मोना भी हंसने लगी। फिर कुछ देर बाद ही कमरे का दरवाजा खुला और फिर अंदर आकर मम्मी ने दरवाजा बंद किया और फिर हमारे सामने खड़ी हो गई। तब मम्मी ने नाइटी पहन रखी थी और पैरों ने हाई हील वाले सैंडल पहन रखे थे। मेकअप वगैरह भी काफी कर रखा था और मांग में सिंदूर और गले मे मंगलसूत्र पहन रखा था। नाइटी में से मम्मी के आधे से ज्यादा बोबे बाहर निकले हुए थे। मैं और मोना मम्मी का ये रूप देखकर देखते ही रह गए। आज मम्मी ने तो सब मॉडल को भी फैल कर दिया था।
फिर मम्मी आकर मेरी रजाई में घुस गई। तब मेरा मन तो कर रहा था के अभी मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लग जाऊं। लेकिन फिर मैंने खुद पर कंट्रोल किया। फिर मैंने मोना को इशारे से कहा के वो आज पापा के साथ जाकर सो जाए। फिर कुछ देर बाद मोना उठकर बाहर चली गई। मुझे पता था के अब मोना वापिस आने वाली नहीं है तो फिर मैंने मेरे और मम्मी के ऊपर से रजाई हटाई और फिर मम्मी की नाइटी उतारकर मम्मी को पूरी नंगी कर दिया। फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी बोली के मोना आने वाली है जल्दी से कर लो। लेकिन मुझे पता था के मोना नहीं आएगी। फिर मैं बोला तुम आज इतनी तैयार होकर आई हो तो मोना सब समझ गई। वो पापा के कमरे में जाकर सो गई होगी। फिर मम्मी मुझसे बोली के तू एक बार जाकर देख के तो आ के वो कहां है।
फिर मम्मी की तसल्ली के लिए मैंने मम्मी की चुत से लंड बाहर निकाला और फिर नंगा ही जाने लगा। फिर मम्मी बोली के अरे कपड़े तो पहन लें बाहर ठंड बहुत है। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम हो ना मेरा हीटर। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी। फिर मैं नंगा ही लन्ड सहलाता हुआ कमरे से बाहर निकला और फिर पापा के कमरे में चला गया। कमरे में जाकर देखा तो मोना नंगी होकर पापा के साथ रजाई में लेटी थी। फिर मुझे देखकर मोना ने रजाई साइड में कर दी और फिर मैंने देखा के मोना ने पापा को भी नंगा कर रखा था और उनका लंड हिला रही थी। ये देखकर हम दोनों हंसने लगे। मेरा लंड तब खड़ा था तो फिर मैं मोना के ऊपर जाकर उसकी चुत मारने लगा और फिर उसे घोड़ी बनाकर उसकी गाँड भी मारी। फिर मोना तो फिर से पापा के साथ लेट गई और मैं बिना झड़े ही वापिस आ गया और फिर मम्मी से करने लगा। आज मैंने उन दोनों माँ बेटी की चुत में लगभग एक टाइम में ही लन्ड डाला था। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मम्मी मेरा लंड चुसने लगी और फिर मैं झड़ा तो वो मेरा सारा पानी पी गई।
फिर उस रात मैंने मम्मी को कई बार चोदा। फिर सुबह सुबह मेरी आँख खुली तो पापा के कमरे से कुछ आवाजें आ रही थी तो फिर मैंने देखा तो देखता ही रह गया। पापा और मोना दोनो नंगे थे और मोना पापा के लण्ड पर उछल रही थी। फिर पापा झड़ गए तो मोना तो कपड़े पहनकर कमरे से बाहर चली गई और पापा फिर से सो गए। फिर मैं वापिस जाकर मम्मी के साथ सो गया। मम्मी तो तब बेसुध होकर लेटी थी। फिर कुछ देर बाद मोना चाय बनाकर लेकर आई तो तब मैंने मम्मी को कमर तक नंगी कर दिया और फिर मोना से मम्मी को जगाने के लिए कहा तो फिर मोना प्यार से मम्मी की गाल लर हाथ फेरकर मम्मी को जगाने लगी तो फिर मम्मी जागी और एक अंगड़ाई ली और फिर मम्मी ने मोना को अपने सामने देखा और फिर मम्मी ने खुद को नंगी देखा तो फिर वो इधर उधर देखने लगी। तभी मोना ने मम्मी को नाइटी दी तो फिर मम्मी मोना के हाथ से वो नाइटी लेकर पहनने लगी।
मैं तब सोने का नाटक कर रहा था तो फिर मम्मी ने मुझे भी जगाया। फिर हम तीनों चाय पीने लगे। मैं तब नंगा ही था और मैंने ऊपर रजाई ले रखी थी। फिर मैंने मम्मी का हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया तो फिर मम्मी मेरा लण्ड सहलाने लगी। तब मोना भी वहीं बैठी थी। फिर चाय पीने के बाद मोना बाहर चली गई तो फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। तब मम्मी घोड़ी बनी हुई थी और मम्मी का कमरे के गेट की तरफ ही मुँह था। फिर तभी कमरे का गेट खुला और फिर मोना ने कहा के पापा टॉयलेट गए है। फिर ये देखकर मैं और मम्मी एक बार तो रुक गए। फिर मोना ने वापिस कमरे के गेट बंद कर दिए तो फिर मम्मी ने मुझसे जल्दी से करने के लिए कहा। फिर मैने कस कसकर के धक्के लगाए और फिर झड़ गया। झड़ने के बाद मम्मी उठी और फिर जल्दी से पापा के कमरे में जाकर दुज़रे कपड़े पहन लिए। फिर जब पापा टॉयलेट से आये तो पापा ने मम्मी को बुलाने की कोशिश की लेकिन फिर मम्मी पापा से नहीं बोली और नाराज ही रही।
फिर पापा के जाने के बाद हम तीनो खाना वगैरह खाकर धूप में आकर बैठ गए। आज हम तीनों काफी खुश थे। क्योंकि मोना ने पापा से रात को खूब चुदवाया और मैंने और मम्मी ने भी खूब चुदाई की। सर्दी मैं मम्मी के पैर दर्द करने लग जाते हैं तो फिर मम्मी मुझसे मालिश करवाती है। फिर उस दिन भी मम्मी ने मुझसे मालिश करने के लिए बोला तो फिर मैं बोला के तुम कपड़े खोलकर लेट जाओ मैं और मोना मिलकर तुम्हारे पूरे शरीर की मालिश कर देते है। मेरी बात सुनकर मम्मी हंसने लगी और फिर मोना ने भी कहा के हाँ मैं जाकर तेल गरम करके ले आती हूँ। फिर मोना तो उठकर तेल गरम करने चली गई और फिर मैंने मम्मी से सब कपड़े खोलकर उल्टी होकर लेटने के लिए कहा तो फिर मम्मी खड़ी होकर अपने कपड़े खोलने लगी। फिर सब कपड़े खोलकर मम्मी चारपाई पर उल्टी होकर लेट गई। फिर मैंने मम्मी की गाँड पर तौलिया डाल दिया और फिर मैंने भी अपने सब कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में ही रह गया। तब तक मोना नहीं आई थी तो फिर मैं मम्मी की गाँड सहलाने लगा।
फिर मोना किचन से आती हुई दिखाई दी तो फिर मैंने मम्मी की गाँड से हाथ हटा लिया। मोना एक कटोरी में काफी सारा तेल गरम करके लाई थी। फिर मोना मम्मी की पीठ की मालिश करने लगी और मैं मम्मी के घुटनो तक के पैरों की मालिश करने लगी। हम तीनों को ही इसमे काफी मजा आ रहा था। फिर मोना मम्मी से शरारत करने लगी। वो मालिश करते करते अपने हाथ मम्मी की गाँड तक लाने लगी और फिर धीरे धीरे करके मम्मी की गाँड से तौलिया हटाने लगी और ऐसे करते करते मम्मी की आधी गाँड दिखने लगी। फिर वो यहीं तक ही नहीं रुकी और फिर मम्मी की गाँड की दरार में उंगली फिराने लगी। जिससे कि मम्मी को गुदगुदी होने लगी। जिससे मम्मी हंसने लगी। फिर मम्मी ने पीछे की तरफ गर्दन करके मोना की तरफ देखा तो फिर वो दोनो एक दुसरे की तरफ देखकर हंसने लगी। लेकिन मम्मी ने कहा कुछ भी नहीं। अब मोना यहीं तक थोड़ी रुकने वाली थी। फिर वो अपनी उंगली पर तेल लगाकर उंगली मम्मी की गाँड के छेद में डालने लगी। जिससे मम्मी को भी मजा आने लगा तो फिर मम्मी ने अपने पैर फैला दिए और फिर वो मजा लेने लगी।
ये सब देखकर मुझे और मोना को काफी हंसी आ रही थी। फिर मुझसे भी नहीं रहा गया और फिर मैं भी मम्मी के पैरों के नीचे गुदगुदी करने लगा। जिससे मम्मी काफी हँसनव लगी और इधर उधर लोटपोट होने लगी। तौलिया गाँड से पूरा हट चुका था और मोना भी लगातार मम्मी की गाँड से उंगली अंदर बाहर कर रही थी। फिर मोना ने गाँड से उंगली निकाल ली तो फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई। लेकिन मैं लगातार उंगली किये जा रहा था। जिस कारण मम्मी तो खूब हंस ही रही थी मैं और मोना भी मम्मी को देखकर काफ़ी हंस रहे थे। फिर मैंने गुदगुदी करना बंद कर दिया तब भी कुछ देर तक मम्मी हंसती रही। फिर मोना तेल लेकर मम्मी के बोबो की मालिश करने लगी। मम्मी चुप चाप देखती रही और कुछ नहीं बोली। तब मम्मी एक दम नंगी थी। फिर मोना मम्मी के पेट की मालिश करने लगी और फिर मोना मालिश करते करते अपना हाथ मम्मी की चुत तक ले जाने लगी। फिर एक बार तो मोना ने मम्मी की चुत को सहला दिया था। फिर ये देखकर मोना और मम्मी एक दुसरे को देखकर फिर से हँसने लगी। उधर मैं मालिश करता करता मम्मी की जांघो तक आ चुका था।
फिर मोना ने मम्मी से उसकी मालिश करने के लिए कहा तो फिर मम्मी बोली के तू अंदर चल मैं आती हूँ। फिर मोना के जाने के बाद मैं मम्मी की चुत की मालिश करने लगा। मम्मी की चुत से पानी निकल रहा था। मम्मी गर्म हो चुकी थी। फिर मालिश करवाकर मम्मी नंगी ही खड़ी होकर अंदर कमरे में चली गई। फिर मैं भी दुसरे कमरे में जाकर देखने लगा। तब कमरे में मोना बिल्कुल नंगी थी। फिर मोना उल्टी लेट गई और फिर मम्मी उसकी मालिश करने लगी। फिर जब मालिश करते करते मम्मी मोना की गाँड तक आई तो फिर मम्मी काफी देर तक मोना की गाँड की मालिश करती रही। फिर मालिश करते करते मम्मी ने भी मोना की गाँड में उंगली डाल दी। फिर जब मोना ने मम्मी की तरफ देखा तो फिर वो दोनो एक दुसरे को देखकर हँसने लगी। फिर मोना सीधी होकर लेट गए तो फिर मम्मी ने मोना के बोबो और पेट की अच्छी तरह से मालिश की और फिर जब मम्मी ने मोना की चुत पर हाथ रखा तो तब मोना की चुत से पानी निकल रहा था। ये देखकर मम्मी समझ चुकी थी कि मोना गर्म हो चुकी है। फिर मम्मी ने न जाने क्यूँ मोना की चुत में उंगली डाल दी तो फिर मोना सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर मम्मी ने उंगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी तो फिर तो मोना का बुरा हाल हो चुका था।
ये देखकर तो मेरा भी लन्ड खड़ा हो चुका था। गर्म होने के कारण मम्मी का मुंह भी लाल हो चुका था और फिर वो लगातार मोना की चुत में उंगली करती जा रही थी। फिर कुछ देर बाद मोना झड़ गई तो फिर वो मम्मी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मम्मी ने अपनी उंगली मोना की चुत से बाहर निकाली और फिर मम्मी की उंगली देखकर मोना हंसने लगी। फिर मम्मी भी हंसने लगी और फिर उंगली मोना के कपड़ो से पोंछ ली और फिर वो मोना की साइड में लेट गई तो फिर मोना मम्मी से चिपक कर लेट गईं और फिर मम्मी मोना की पीठ सहलाने लगी। फिर मैं कमरे से बाहर आकर आंगन में चारपाई पर लेट गया। कुछ टाइम बाद मम्मी और मोना हंसती हुई कमरे से बाहर निकली। फिर मोना तो नहाने जाने लगी और फिर मम्मी मुझसे बोली के चल तेरी भी मालिश कर देती हूँ।
फिर मोना बाथरूम में चली गई तो फिर मैं अपना अंडरवियर खोलकर उल्टा लेट गया। फिर मम्मी ने मेरी पीछे से मालिश की और फिर मैं जब सीधा लेटा तो मम्मी ने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी और फिर दुसरे हाथ से मेरे बाकी के शरीर की मालिश करने लगी। फिर मालिश के बाद मम्मी मेरे लंड पर आकर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। कुछ देर ऐसे करने के बाद फिर मैं ऊपर आकर मम्मी की चुत मारने लगा। फिर कुछ देर बाद मम्मी घोड़ी बन गई तो फिर पीछे से मैं मम्मी की चुत मारने लगा। जब मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर मैं चारपाई से उतरकर खड़ा हो गया और लंड जोर से हिलाने लगा। ये देखकर मम्मी मेरे सामने आकर घुटनो के बल बैठ गई और फिर मेरा लंड चुसने लगी। फिर मैं झड़ गया तो मम्मी मेरा सारा पानी पी गई। झड़ने के बाद भी मम्मी मेरा लंड चूसती रही। फिर इतने में मोना नहाकर जैसे ही बाथरूम से बाहर निकली तो उसने मेरा लंड मम्मी के मुँह में देख लिया। फिर मोना को देखकर मम्मी ने मेरा लंड मुँह से बाहर निकाला और फिर मुस्कुराती हुई बाथरूम की तरफ चली गई। फिर मोना कमरे में चली गई तो फिर मैं भी नंगा ही बाथरूम में घुस गया।
फिर हम दोनों एक साथ नहाए और फिर नहाकर मैं नंगा ही बाथरूम से बाहर आ गया और फिर मम्मी अपने बाल वगैरह धोने लगी और फिर मम्मी को कपड़े भी धोने थे। मैं नहाकर बाहर आया तो तब मोना आंगन में चारपाई पर बैठकर अपने बालों में कंघी कर रही थी। फिर मैं पहले कमरे में गया और अपने पहनने वाले कपड़े लेकर मोना के पास आकर बैठ गया। फिर मोना मुझे बताने लगी के उसकी मालिश करते टाइम मम्मी ने उसके साथ क्या किया। फिर मैंने कहा के मैंने देखा था सब। फिर मोना मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैंने मोना से नंगी होने के लिए कहा। फिर मोना बोली के मम्मी आ गई तो। फिर मैं बोला के मम्मी को अभी देर लगने वाली है। वो इतनी जल्दी नहीं आएगी। अगर तुम्हें इतना ही डर लग रहा है तो मैं बाथरूम की बहार से कुंडी लगा देता हूँ। ताकि सारा किस्सा ही खत्म हो जाये। फिर मैं कुंडी लगाने चला गया और मोना कपड़े खोलने लगी। फिर मैं कुंडी लगाकर आया तो मोना नंगी हो चुकी थी। फिर हम दोनों लिप किस करने लगे और फिर मोना मेरे लंड को चुसने लगी। फिर लंड पूरा टाइट खड़ा हो गया तो फिर मैं मोना की चुत मारने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मोना घोड़ी बन गई तो फिर मैं मोना की गाँड मारने लगा।
फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने सारा पानी मोना की गाँड में डाल दिया। फिर हम दोनों साथ मे ही चारपाई पर लेट गए। फिर हम दोनों खड़े होकर आंगन में घूमने लगे। फिर मोना में मम्मी से पूछा के वो नहाइ या नहीं। फिर मम्मी ने कहा के अभी थोड़ा और टाइम लगेगा। फिर मैं मोना के बदन को सहलाने लगा और मोना को अपनो गोद मे उठाकर आंगन में घूमाने लगा। फिर मोना बीच आंगन में पैर खोलकर खड़ी हो गई तो फिर मैं नीचे बैठकर उसकी चुत चुसने लगा। तभी मोना को पेशाब आने लगा तो फिर उसने खड़े खड़े ही सारा पेशाब मुझ पर कर दिया। मोना को नंगी भागती कूदती देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। इतने में मम्मी ने बाथरूम का गेट बजाया। फिर गेट नहीं खुला तो मम्मी ने मोना को आवाज दी। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं आकर देखता हूँ। फिर तभी मैंने मोना को कमरे में जाने के लिए कहा तो फिर मोना अपने कपड़े लेकर कमरे में भाग गई और गेट बंद कर लिया।
फिर मैंने नंगा ही जाकर बाथरूम का गेट खोला तो फिर मम्मी ने मुझे नंगा ही देखकर कमरे की तरफ देखा तो मोना का कमरा बन्द था। फिर उन्होंने मुझसे कुछ नहीं पूछा और फिर जाकर कपड़े सुखाने लगी। फिर कपड़े सुखाकर मम्मी अपने कमरे में चली गई और मैं जाकर अंडरवियर पहनकर चारपाई पर लेट गया। फिर कुछ देर बाद जब मम्मी मेरे पास आई तो मैं मम्मी को देखता ही रह गया। तब मम्मी ने किसी नई नवेली शादी की हुई लड़की जैसी लग रही थी। फिर मैं उठा और मम्मी के गालों पर किस करने लगा। फिर मैं और मम्मी मोना के कमरे में गए तो फिर मम्मी को देखकर मोना ने भी काफी तारीफ की। फिर मोना के सामने ही मैं मम्मी के साथ चिपक कर खड़ा हो गया और मम्मी के गालों पर किस करने लगा। आज दिन में जो कुछ हुआ उसके बाद अब हम और ज्यादा खुल गए थे। फिर मजाक मजाक में मैंने मम्मी की गाँड पर एक थप्पड़ लगा दिया और फिर मोना से नजर बचाकर मैं मम्मी की गाँड दबा देता तो कभी बोबे। हालांकि मोना देख लेती थी लेकिन फिर भी वो कुछ नहीं कहती थी और मम्मी को भी अब इसमे कोई एतराज नहीं था।
फिर उस दिन शाम को पापा दारू पीकर घर आये तो मम्मी ने पापा से कुछ नहीं कहा और फिर उनका बिस्तर उठाकर मोना के कमरे में छोड़ आई और मेरा बिस्तर उठाकर अपने कमरे में ले गई। फिर उस रात खाना वगैरह खाकर मैं और मम्मी तो कमरे में चले गए और फिर कमरा अंदर से बन्द करके नंगे होकर लेट गए। उधर पापा दारू के नशे में पता नहीं क्या क्या बोल रहे थे। फिर मैं और मम्मी चुदाई करने लगे। तभी पापा बाहर से हमारे कमरे का गेट पीटने लगे और गन्दी गन्दी गालियां निकालने लगे। तब मैं मम्मी की घोड़ी बनाकर चुदाई कर रहा था। फिर पापा की वजह से मम्मी को बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया और फिर वो नंगी ही खड़ी होकर गई और कमरे का गेट खोलकर पापा को पीटने लगी और मैं ये सब बेड पर बैठा बैठा देखने लगा। मम्मी का मुंह गुस्से से पूरा लाला हो चुका था और वो तब काफी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। तब मेरा मन किया के मम्मी को अभी पकड़कर चोद डालूँ। फिर मम्मी को लेकर मोना के कमरे में चली गई। फिर मैं भी नंगा ही खड़ा होकर मोना के कमरे के बाहर चला गया और मम्मी को देखकर लंड हिलाने लगा।
अंदर कमरे में मम्मी पापा को पीट रही थी। तब मोना अपनी चारपाई पर थी और वो भी ये सब देख रही थी। फिर कुछ देर पीटने के बाद मम्मी मोना के कमरे से बाहर आई और फिर कमरा बाहर से बन्द करके अपने कमरे में जाने लगी। फिर मैं भी लंड हिलाता हुआ मम्मी के पीछे पीछे कमरे में चला गया। फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने के सिर को पीछे से बालों में हाथ डालकर पकड़ लिया और मम्मी के चेहरे को गौर से देखने लगा। तब मम्मी का चेहरा गुस्से में बिल्कुल लाल था। फिर मैंने मम्मी को नीचे बैठाया और फिर मम्मी के मुंह मे लंड डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर कुछ देर बाद मम्मी खुद ही मेरा लंड चुसने लगी और एक हाथ से अपनी चुत सहलाने लगी। मम्मी पूरी गर्म हो चुकी थी और मैं भी झड़ने वाला था तो फिर मैंने मम्मी को खड़ा किया और फिर मम्मी खुद ही मेरे आगे झुक कर खड़ी हो गई फिर मैं पीछे से मम्मी की चुत मारने लगा। फिर तभी अचानक मोना हमारे कमरे में आ गई और आकर हमारे सामने खड़ी हो गई और बोली के मम्मी जल्दी चलो पापा को उल्टियाँ हो रही है। फिर मम्मी मोना को देखकर एक बार तो रुक गई और सीधी खड़ी हो गई। लेकिन मैं तब बहुत ज्यादा गर्म था तो मैंने मोना के सामने ही मम्मी को फिर से झुकाया और चुदाई करने लगा। फिर चुदते हुए मम्मी मोना से बोली के मैं आ रही हूँ तू चल।
फिर ये सुनकर मोना कुछ देर तक तो वहीं खड़ी होकर हमें देखती रही और फिर वो वहां से चली गई तो फिर मैं झड़ने लगा तो मैंने पूरा लंड मम्मी की चुत में डाल दिया और झड़ने लगा। फिर मम्मी भी आंखें बंद करके मजा लेने लगी। पूरा झड़ने के बाद मैंने लंड बाहर निकाल लिया तो फिर मम्मी मेरी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई और फिर मेरे लंड और अपनी चुत को देखने लगी। मम्मी की चुत से मेरा पानी गिर रहा था। तभी मोना ने फिर से मम्मी को आवाज लगाई तो मम्मी बोली के आई। फिर मम्मी ने एक कपड़े से अपनी चुत को पोंछा और फिर भागकर मोना के कमरे में जाने लगी। फिर मैं भी जल्दी से अंडरवियर पहनकर मम्मी के पीछे पीछे चला गया। फिर हमने देखा के पापा चारपाई पर उल्टे पड़े है और फर्श पर उल्टी कर रखी है। फिर मम्मी ने पापा को सीधा लेटाया और फिर उल्टी साफ करने लगी। मोना बाहर से मिट्टी लेकर आई और मैंने पानी लाकर दिया। फिर वो दोनो मां बेटी उकड़ू बैठकर उल्टी साफ करने लगी। वो उल्टी साफ कर रही थी तब मम्मी की चुत खुली हुई थी और चुत से सफेद सफेद पानी टपक रहा था। जिस कारण मोना बार बार मम्मी की चुत की तरफ देख रही थी। जब मम्मी ने मोना को अपनी चुत की तरफ देखते देखा तो फिर मम्मी ने भी जब अपनी चुत की तरफ देखा तो अपनी चुत में सफेद पानी देखकर मम्मी मोना की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर मोना ने भी मुस्कुरा दिया। फिर मम्मी ने मोना के सामने ही अपने हाथ से अपनी चुत पोंछ ली और सफेद पानी हटा दिया। लेकिन कुछ देर बाद वो फिर से आ गया।
फिर उल्टी साफ करने के बाद मम्मी ने मोना को हमारे कमरे में सोने के लिए कहा तो फिर मोना बोली के नहीं मैं यहीं सो जाऊंगी। फिर मैं और मम्मी अपने कमरे में आकर सो गए। तब काफी रात हो चुकी थी। फिर सुबह मुझे जल्दी जाग आ गई तो मोना के कमरे से मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी। फिर मैं खड़ा होकर दोनो कमरों के बीच की दीवार से एक ईंट निकालकर देखा तो देखता ही रह गया। तब मोना पूरी नंगी अपने बिस्तर पर घोड़ी बनी हुई थी और पापा पीछे से उसकी चुदाई कर रहे थे। मोना ने अपने मुंह पर अपना हाथ रख रखा था ताकि उसके मुंह से आवाजें न निकल सकें। लेकिन फिर भी उसकी सिस्कारियों की आवाजें आ रही थी। पापा मोना की कमर पकड़कर मस्ती से मोना की चुदाई कर रहे थे। फिर मैं उन्हें देखकर कुछ देर तो अपना लंड सहलाता रहा और फिर मम्मी की तरफ देखा तो वो मस्त होकर सोई हुई थी। फिर मैं मम्मी के पास गया और मम्मी की चुत सहलाने लगा। जिससे मम्मी जाग गई लेकिन आंखें बंद ही रखी और सिस्कारियाँ लेने लगी और साथ मे अपने होंठो को काटने लगी। फिर मैंने मम्मी की गाँड पर एक थप्पड़ मारकर कहा के चल मेरी घोड़ी हो जा तैयार। ये सुनकर मम्मी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और फिर मम्मी उठकर घोड़ी बन गई।
फिर मैं मम्मी के पीछे जाकर मम्मी की चुत मारने लगा। उधर मोना पापा से चुदवा रही थी। सुबह सुबह ही दोनो मां बेटी चुदाई के मजे ले रही थी। फिर झड़ने के बाद मैं और मम्मी एक दूसरे से चिपक कर लेट गए। सर्दियों के दिनों में मम्मी जैसी सेक्सी और चुदक्कड़ औरत की चुत की गर्मी पाकर मुझे बहुत मजा आ रहा था। लेकिन आज मुझे और मोना को वापिस शहर जाना था तो मैं मम्मी के फूल मजे लेना चाहता था। क्योंकि फिर तो मैं कई दिन बाद ही मम्मी से मिल पाऊँगा। फिर मैंने मम्मी को फिर से अपने लंड पर बैठा लिया। तब मैं लेटा हुआ था। फिर मम्मी मेरे लंड पर धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी। जिससे कि हम दोनों को ही बहुत मजा आने लगा। तभी कमरे का गेट खुला और मोना चाय लेकर अंदर आ गई। फिर मम्मी मेरे लंड से नीचे उतरने कि बजाय अपनी कमर तक रजाई ले ली और ऊपर नीचे होती रही। मोना चाय रखकर जाने लगी तो फिर उसने मम्मी से कहा के पापा उठ गए है तो आप जल्दी से बाहर आ जाओ। फिर मम्मी बोली के आ रही हूँ। तभी मैंने नीचे से मम्मी की चुत में एक झटका मारा जिससे कि मम्मी के मुँह से सिसकारी निकल गई। सिसकारी सुनकर मोना हंसती हुई कमरे से बाहर निकल गई और फिर मम्मी और मैं भी हँसने लगे। हम फिर से चुदाई करने लगे और फिर मैं मम्मी की चुत में ही झड़ गया। फिर तभी मैंने मम्मी को गर्भ निरोधक गोली दी।
फिर मम्मी ने गोली लेकर मुझसे कहा के वो मेरे बच्चे की मां बनना चाहती है। फिर मैंने मम्मी से कहा के अभी थोड़ा टाइम और रुको। फिर मम्मी ने गोली लेकर अपने मुँह में डाल ली और फिर निगल गई। फिर हमने चाय पी और फिर हम कपड़े पहनकर कमरे से बाहर आ गए। पापा तब आंगन में चारपाई पर बैठे थे। फिर मम्मी पापा को डांटने लगी और पापा को खूब डांटा। मम्मी को तब काफ़ी गुस्सा आया हुआ था। मम्मी को गुस्से में देखकर मेरा फिर से मम्मी को अपने लंड के नीचे लेने के लिए मन करने लगा। फिर कुछ देर बाद मम्मी शांत हो गई और पापा फिर शहर चले गए। पापा के जाने के बाद मैं और मोना भी जाने की तैयारी करने लगे। मोना मुझसे पहले नहा चुकी थी और वो अपने कमरे में थी। फिर मैं नहाकर आया तो मुझे कोई नहीं दिखा और फिर मैं तौलिया सुखाकर नंगा ही मम्मी के कमरे की तरफ जाने लगा। तभी मुझे मोना के कमरे से सिसकारियों की आवाजें सुनाई दी और कमरे का गेट भी थोड़ा खुला हुआ था तो फिर जब मैंने अंदर देखा तो देखा के मोना मम्मी के ऊपर चढ़ी हुई थी और मम्मी की चुत चाट रही थी। फिर मम्मी मोना के ऊपर चढ़ गई और मोना की चुत चाटने लगी। फिर मोना मम्मी की गालों पर किस करने लगी और मम्मी के बोबो को चुसने लगी। मम्मी भी मोना को खूब प्यार कर रही थी।
उन दोनों को देखकर मैं कमरे के बाहर ही खड़ा होकर लंड हिलाने लगा। मेरा मन तो कमरे के अंदर जाकर उन्हें चोदने का हो रहा था लेकिन फिर मैंने सोचा के इन दोनों को ही मजे कर लेने दो। फिर वो दोनो मां बेटी एक दुसरे की बाहों में बाहें डालकर खड़ी हो गई और हंस हँसकर बातें करने लगी। तभी मैंने एक साइड में खड़े होकर कमरे का गेट पूरा खोल दिया। फिर मुझे देखकर मोना मम्मी के पीछे छिपकर खड़ी हो गई। फिर मैंने मम्मी को आने के लिए कहा तो फिर वो कमरे से बाहर आ गई और फिर वो मुझे नंगा देखकर हंसने लगी और फिर मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर हम दोनों मम्मी के कमरे में आ गए। मैं गर्म तो पहले से ही था तो फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर मम्मी चुदते हुए मुझसे कहने लगी के अब मोना भी जवान हो गई है अब उसका भी ख्याल रखना पड़ेगा। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम उसका ध्यान रखना और मैं तुम्हारा ध्यान रखूंगा। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने सारा पानी मम्मी के मुँह में डाल दिया। फिर मैं तैयार होने लगा और कपड़े वगैरह पहनने लगा। तभी मोना तैयार होकर हमारे कमरे में आई। मोना ने तब एक टाइट सूट पहना था और मेक अप वगैरह कर रखा था। जिससे की मोना काफ़ी सेक्सी लग रही थी।
मोना को ऐसे देखकर मैंने मोना को डांटते हुए कहा के ये क्या बनकर आई हो। जाओ दूसरा सूट पहनकर आओ और ये मेकअप साफ कर लो। फिर मम्मी ने भी कहा के हां बेटा जमाना बहुत खराब है। ऐसे सज धजकर बाहर नहीं जाना चाहिए आजकल। फिर मोना थोड़ी नाराज होकर बोली के तो मैं ये सब कहाँ पहनूँ। स्कूल में ऐसे जा नहीं सकती और बाहर आप लोग जाने नहीं देते हो। फिर मम्मी ने मोना से कहा कि तुम घर पर पहन लिया करो जो भी तुम्हे पहनना हो। तुम्हे कोई कुछ नहीं कहेगा। फिर मोना बोलो के पक्का। फिर मम्मी ने हँसकर कहा के पक्का। फिर मोना और मम्मी दुसरे कमरे में चली गई। फिर कुछ देर बाद मैं भी उनके पास चला गया। तब तक मोना ने दुसरे कपड़े पहन लिए थे। तब मैंने देखा के मम्मी खड़ी खड़ी अपनी चुत सहलाये जा रही थी। फिर जाने से पहले मैं मम्मी के गले लगा तो मैं पीछे से मोना के सामने ही मम्मी की गाँड दबाने लगा। मैंने मम्मी की गालों पर काफी किस भी किये। फिर मैं मम्मी का एक बोबा हाथ मे लेकर सहलाने लगा। फिर मम्मी ने मेरा मुंह अपने दोनों बोबो के बीच डाल लिया।
फिर मैं बारी बारी से मम्मी के दोनों बोबे चुसने लगा। फिर मेरे बाद मोना मम्मी से गले लगी तो मोना ने भी अपने हाथ मम्मी की गाँड पर रख दिये। फिर मोना ने भी मम्मी के बोबे चूसे। फिर मैं मम्मी से पीछे से चिपक गया और मम्मी के दोनों बोबे सहलाने लगा। फिर मम्मी मोना से बातें करने लगी तो फिर मैं एक हाथ से मम्मी की चुत सहलाने लगा। मेरा हाथ अपनी चुत पर देखकर मम्मी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और फिर मोना भी हंसने लगी। इस तरह कई देर तक हम एक दुसरे से मिलते रहे। फिर मैं और मोना बस स्टैंड के लिए घर से निकल पड़े और मम्मी ने नंगी रहकर ही हमें विदा किया। फिर जब मैं और मोना बस स्टैंड की तरफ जा रहे थे तब मोना मुझसे बोली के अब तो मजे ही मजे हैं। फिर मैं बोला के हां इस बार तो हम सबने ही मिलकर मजे किये। फिर मोना बताने लगी के रात को मैं नंगी होकर सो गई थी। फिर सुबह 4 बजे के लगभग पापा नंगे होकर मेरे साथ आकर लेट गए और फिर मेरे बदन को सहलाने लगे। फिर मुझे जाग आ गई तो फिर मैं भी उनका लंड सहलाने लगी। जब हम दोनों फूल गर्म हो गए तप फिर पापा ने मुझे घोड़ी बनाया और फिर मेरी चुत और गाँड खूब मारी। मैं लगभग एक घंटे तक घोड़ी बनी रही थी।
फिर मैंने कहा के मैंने तुम दोनों को देखा था। फिर मैंने मम्मी को भी घोड़ी बनाकर पेला था। ये सुनकर मोना हँसकर बोली के फिर तो आज सुबह हम दोनों माँ बेटी की खूब चुदाई हुई। फिर ऐसे ही बातें करते करते हम बस स्टैंड पहुंच गए। तब बस स्टैंड पर काफी भीड़ थी। मैं और मोना उन सबसे थोड़ा अलग ही जाकर खड़े हो गए और धीरे धीरे बातें करने लगे। फिर मोना कहने लगी के अगर मैं इन लोगो के सामने ब्रा पैंटी पहनकर आ जाऊं तो क्या होगा। फिर मैं बोला के इनमें से कुछ लोग तो तुम्हे ब्रा पैंटी के देखकर ही मर जायेंगे और जो बाकी बचेंगे वो अगर तुम्हें बिस्तर में नंगी देखेंगे तो उन्हें हार्ट अटैक आ जायेगा। ये सुनकर मोना को खूब हंसी आई लेकिन फिर उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया ताकि किसी को पता ना चल सके। फिर मोना ने मुझसे कहा के आज तुम बस में मेरे आगे खड़े होना। मुझे तुम्हारे मजे लेने है। फिर मैं बोला के ठीक है।
फिर कुछ देर बाद बस आ गई तो फिर किस तरह मैं मोना को लेकर बस में घुस गया। संयोग से उस दिन हम बस के एक कोने में खड़े हो गए। मैंने मोना को मेरे पीछे कोने में खड़ा कर दिया और मैं खुद उसके आगे खड़ा हो गया। मोना मेरी कमर में हाथ डालकर खड़ी हो गई। फिर उसने एक हाथ मेरी पेंट में डालकर मेरे लौड़े को सहलाने लगी। भरी बस में मोना मेरे लंड को सहला रही थी। मुझे तब मजा तो बहुत आ रहा था लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था। तब मुझे याद आया के मै कैसे मोना की चुत सहलाता हूँ और मोना अपने चेहरे पर इसके बिल्कुल भी भाव नहीं लाती और किसीको पता नहीं चलने देती थी। इधर मेरी हालत खराब हुए जा रही थी। फिर ये तो अच्छा हुआ कि शहर आ गया और फिर उसने अपना हाथ मेरी पेंट से बाहर निकाल लिया और फिर हम बस से उतरकर चलने लगे। फिर मेरा मोना को अपना लंड चुसवाने का बहुत ज्यादा मन करने लगा। फिर रास्ते मे ही मैं मोना को एक कोने में ले गया और फिर वहां जाते ही मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। मेरा लंड देखकर मोना मुस्कुराने लगी और फिर नीचे बैठकर लंड चुसने लगी। फिर कुछ ही देर में मैं झड़ गया तो फिर मोना ने मेरे लंड को चाटकर साफ कर दिया और फिर मोना ने भी अपना मुँह पोंछा और फिर हम कमरे पर चले गए।
फिर मोना स्कूल के लिए तैयार हुई। फिर मोना को स्कूल छोड़कर मैं अपने काम पर चला गया। फिर मैंने मन लगाकर काम किया और अपने दोस्तों के साथ मजे किये। फिर शाम को मोना को स्कूल से लेकर मैं घर आ गया। फिर मैंने ध्यान दिया तो देखा के इतना सब होने के बाद भी मोना मन लगाकर पढ़ाई करती है। फिर रोज रात को मैं मोना की चुदाई भी करता। फिर एक दिन चुदाई के बाद मोना ने मुझसे कहा के चुदाई के बाद उसका मन एकदम शांत हो जाता है और फिर वो अच्छे से पढ़ाई कर पाती है। ये सुनकर मुझे काफी अच्छा लगा। फिर मैं और मोना काफ़ी अलग अलग पोज में चुदाई करके खूब मजे करते। उधर मम्मी भी दिन में नंगी रहती और हम कई बार एक दुसरे से बात करते। फिर मेरा मम्मी को चोदने का बहुत मन करने लग जाता तो मैं सीधा गांव पहुंच जाता और फिर मम्मी को चोदकर वापिस आ जाता।
मैं अब रोजाना शाम को मीट और मांस खाने लगा था। ताकि मेरा शरीर तगड़ा मोटा हो जाये। जब मैं घर पर जाता तो मैं मांस घर पर ले जाता। फिर मम्मी मुझे मांस पकाकर खिलाती। हालांकि मम्मी को मांस बिल्कुल भी पसंद नहीं था और वो अपने घर मे मांस को बिल्कुल भी नही लाने देती थी। लेकिन वो मेरी खातिर कुछ भी कर सकती थी। मैं अंडे भी खूब खाता था। जिस कारण मेरी बॉडी फूलने लगी थी और मैं पहलवान जैसा दिखने लगा। मम्मी ने भी खाना वगैरह कम करके अपना वजन घटा लिया था। अब अगर हम दोनों को कोई साथ देखे तो वो बता नहीं सकता था के हम माँ बेटे है या पति पत्नी। बस इसी तरह मौज मस्ती में हमारी जिंदगी कट रही थी।
उधर मेरे कमीने दोस्त चुदाई के लिए मरे जा रहे थे। मेरा एक दोस्त था वो तो रोजाना मूठ मारता था। फिर उसने एक दिन मेरे दुसरे दोस्त से गाँड मरवाली। फिर हम सब दोस्त मिलकर लगभग रोज ही उसकी गाँड मारने लगे। उसे भी इसमे बहुत मजा आता। हम एक पोर्न वीडियो चला लेते और फिर उसे देखते देखते उसकी खूब गाँड मारते। फिर वो गाँड मरवाते टाइम ब्रा पैंटी पहन लेता और अपने चेहरे पर किसी एक्ट्रेस की फ़ोटो का मास्क लगा लेता। फिर हम उसकी खूब गाँड मारते। हम इसकी वीडियो भी बनाते। फिर जब ये वीडियो मैंने मोना और मम्मी को दिखाई तो वो तो देखती ही रह गई। पर उन्हें भी पता था के चुदाई में कुछ भी हो सकता हैं। मेरे तो अब घर मे भी मजे थे और काम पर भी मजे थे। मम्मी तो पोर्न वीडियो देख देखकर अब काफ़ी खुल चुकी थी और मोना तो पहले ही खुल चुकी थी।
फिर जब इस बार हम घर गए तो एक अलग ही माहौल था। मम्मी हम दोनों के गले लगी और मैंने मोना के सामने ही मम्मी के बोबे खूब सहलाये। मोना ने भी मम्मी के बोबो को दबाया। अब सर्दी काफी हद तक कम हो चुकी थी। लेकिन सर्दी ज्यादा थी तब हमें कौनसा फर्क पड़ता था। रहना तो हमे तब भी कम कपड़ो में ही था। फिर मोना तो अपने कमरे में चली गई और मैं मम्मी को लेकर दुसरे कमरे में चला गया। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चुदाई करने लगा। तभी मोना हमारे कमरे में आई और फिर हमें चुदाई करता देख वो वापिस बाहर चली गई। फिर चुदाई कर बाद मैं और मम्मी कमरे से बाहर निकले तब मोना ने चाय बना ली थी और फिर हम सब चाय पीने लगे। तब मम्मी नंगी थी और मैं अंडरवियर में था। फिर मोना ने मम्मी से कहा के वो अपनी मनपसंद के कपड़े पहनना चाहती है। फिर मम्मी ने कहा के तुझे जो पसंद हो वो पहन लें। फिर चाय पीकर मोना एक सूट पहनकर आई जिसका गला घर था और उसमें से मोना के बोबो की गहराइयाँ दिख रही थी। उसके थोड़े थोड़े बोबे भी दिख रहे थे। फिर ऐसे सूट के लिए मम्मी ने उसे कुछ नहीं कहा। क्योंकि मम्मी खुद तो नंगी ही घूम रही थी तो वो अपनी बेटी को क्या कहती।
लेकिन मोना को जब कोई ऐसे देखता तो इसका लंड खड़ा होना लाजमी था। फिर शाम को पापा घर आये तो वो मोना को देखते ही रह गए। मोना भी पूरी नटखट थी। उसने मौका मिलने पर पापा को अपना एक बोबा बाहर निकालकर दिखा दिया। फिर शाम को पापा मोना के कमरे में बैठकर दारू पीने लगे। पापा को दारू पीता देख मम्मी बोली के मैं इस शराबी को अपने हाथों से खाना वगैरह कुछ नहीं दूंगी। फिर इतना कहकर मैं और मम्मी तो दुसरे कमरे में जाकर अंदर से कुंडी लगाकर चुदाई करने लगे। फिर मोना पापा की सेवा करने लगी और उन्हें पानी वगैरह दिया और सब्जी दी। फिर उन्हें खाना वगैरह भी खिलाया। उधर चुदाई के बाद मम्मी जल्दी ही सो गई और मुझे नींद नहीं आ रही थी। फिर मैं उठकर कमरे से बाहर आया तो उधर मोना अपने कमरे से बिल्कुल नंगी निकली। फिर हम दोनों एक दुसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। तब मोना पापा को खाना खिला रही थी। फिर वो पापा के लिए रोटी लेकर गई और जाकर पापा की गोद मे बैठ गई। तब पापा भी बिल्कुल नंगे थे और उनके एक हाथ मे दारू का ग्लास था और दुसरा हाथ मोना की कमर में था। ये देखकर मैं सोचने लगा के असली मजे तो पापा ले रहे है। फिर वो मोना के बोबो को चुसने लगे।
फिर ये सब देखकर मैं वापिस मम्मी के पास आकर लेट गया। मम्मी तब सीधी होकर सोई हुई थी। फिर मैं मम्मी के ऊपर जाकर मम्मी की चुदाई करने लगा। मम्मी जाग गई थी लेकिन फिर भी वो कुछ नहीं बोली और फिर मैं मम्मी की चुत पर झड़ गया और फिर मैं भी सो गया। सुबह मुझे जाग आई तो देखा के मम्मी मेरा लंड चूस रही थी। फिर वो आकर मेरे पास लेट गई। फिर मैंने पीछे से से मम्मी की चुत में लंड डालकर धीरे धीरे करने लगा। फिर इतने में मोना चाय लेकर आ गई और फिर वो वहीं हमारे सामने ही बैठकर चाय पीने लगी। लेकिन मैं और मम्मी वैसे ही लेटे लेटे करने लगे। तब हमारा मुंह मोना कि तरफ ही था। फिर मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो फिर मम्मी के मुँह से सिस्कारियाँ निकलने लगी। मम्मी तब पूरी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने धीरे से मम्मी से घोड़ी बनने के लिए कहा तो मम्मी ने आंखें खोलकर मोना की तरफ देखा और फिर कुछ सोचकर मोना की तरफ मुंह करके मम्मी घोड़ी बन गई। फिर मैं रजाई से निकला और मम्मी के पीछे खड़ा हो गया और फिर मम्मी की चुत में लंड डालकर मम्मी की चुदाई करने लगा। मैं मम्मी की कमर पकड़कर जोर जोर से धक्के मार रहा था जिससे कि मम्मी के मुंह से जोर जोर से सिस्कारियाँ निकलने लगी।
फिर ये देखकर मोना ने मम्मी से कहा के दुसरे कमरे में पापा बैठे है तो धीरे आवाज करो। फिर मम्मी ने अपना मुंह जोर से बन्द कर लिया। फिर मैंने मम्मी के दोनों हाथों को पीछे की तरफ करके पकड़ लिए और फिर जितना हो सकता था उतना लंड अंदर घुसाने लगा। फिर मेरा लंड मम्मी की बच्चेदानी को छूने लगा। मैंने मम्मी के दोनों हाथ पीछे की तरफ पकड़ रखे थे तो फिर मम्मी को आगे से सहारा देने के लिए मोना मम्मी के आगे आकर बैठ गई और फिर मम्मी के मुँह को अपने हाथों से पकड़ लिया। साथ मे वो मम्मी की पीठ सहलाने लगी। फिर मम्मी पूरी कांपने लगी और फिर मैं भी झड़ने वाला हुआ तो मैंने सारा पानी मम्मी की चुत में ही छोड़ दिया। फिर मैंने मम्मी के हाथों को छोड़ दिया तो फिर मम्मी मोना के गले से लग गई। तब मैं और मम्मी बहुत ज्यादा हांफ रहे थे। फिर मैं तो रजाई लेकर बेड का सहारा लेकर बैठ गया और मम्मी मोना के गले से लगी रही। फिर मम्मी आकर मेरे गले से लग गई और फिर मेरी छाती को चूमने लगी और मुझे प्यार करने लगी। फिर मम्मी मेरे होंठों पर किस करने लगी। मम्मी अपनी जवान बेटी के सामने मुझे प्यार कर रही थी। फिर मम्मी ने मोना से चाय देने के लिए कहा तो फिर मोना ने चाय का कप मम्मी को दे दिया। फिर मम्मी मुझे अपने हाथों से चाय पिलाने लगी।
फिर मैंने मम्मी को अपनी गोद मे बैठा लिया और उन्हें चाय पिलाने लगा। चाय पीने के बाद मोना ने हमसे कहा के कपड़े पहनकर बाहर चलो पापा बाहर ही बैठे है। आज वो घर पर ही रहेंगे। फिर मम्मी उठकर कपड़े पहनने लगी और मोना कमरे से बाहर चली गई। फिर मोना के जाने के बाद मम्मी भी कपड़े पहनकर बाहर चली गई और मैं बेड पर ही लेटा रहा। कमरे का गेट खुला हुआ था तो मुझे मम्मी आंगन में घूमती हुई दिखाई दे रही थी। मम्मी की बड़ी बड़ी गाँड देखकर मैं सोचने लगा इस औरत ने मेरा लंड ले लिया है मुझे यकीन नहीं हो रहा है।
फिर मैं अपना लंड सहलाने लगा। मम्मी ने आज पापा को दारू पीने पर बिल्कुल नहीं डांटा। फिर इतने में मोना झाड़ू लगाने के लिए कमरे में आ गई। उसे आते ही मैंने अपने ऊपर से रजाई हटा दी और अपने खड़े लंड को सहलाने लगा। फिर ये देखकर मोना बोली के तुमने अभी तो इतनी जोरदार तरीके से मम्मी की चुदाई की है। फिर भी तुम्हारा मन नहीं भरा क्या। फिर मैंने मोना का हाथ पकड़कर उसे अपने पास बैठा लिया और फिर वो मेरे खड़े लंड को सहलाने लगी। फिर वो मेरे लंड को चुसने लगी और कुछ देर चुसने के बाद बोली के मम्मी टॉयलेट गई है। कभी भी आ सकती है। फिर ये सुनकर मैं खड़ा हुआ और अंडरवियर पहनकर टॉयलेट की तरफ चला गया। मोना फिर कमरे की साफ सफाई करने लगी।
मैं टॉयलेट की तरफ गया तो देखा के मम्मी टॉयलेट से बाहर निकलकर हाथ धो रही थी। फिर मैंने जाकर मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और मम्मी के बोबो को सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी से नंगी होने के लिए कहा तो फिर उन्होंने कुछ सोचा और फिर झट से अपना कुर्ता और सलवार खोल दी। फिर मैंने मम्मी को अपनी बाहों में ले लिया और मम्मी की गाँड सहलाने लगा। फिर कुछ देर बाद झाड़ू वगैरह निकालकर मोना भी वहाँ आ गई। फिर हम दोनों को देखकर मोना हमारे पास आई और फिर वो मम्मी से पीछे से चिपक गई। फिर हम कुछ देर तो वहीं खड़े खड़े बातें करते रहे और फिर हम घर के पीछे जाकर बैठ गए। तब मम्मी बीच मे बैठी थी और हम सबने एक दुसरे की कमर में हाथ डाल रखा था।
हम पहले गाय भैंस वगैरह रखते थे और उन्हें घर के पीछे की तरफ ही रखते थे। अभी भी हमारे पास गाय भैंस का कुछ सामान पड़ा था। तब मोना और मम्मी तो एक दूसरे के साथ बातों में मस्त थी। वहां एक छोटा सा कमरा बना था फिर मैं उठकर उस कमरे में गया और फिर वहां लोहे की जंजीर ढूंढने लगा जिससे कि हम पहले गाय भैंस बांधा करते थे। फिर मुझे एक जंजीर मिल गई। फिर वो जंजीर लेकर मैं उस कमरे से बाहर आने लगा तो मैंने उस कमरे की खिड़की में से देखा के मोना का हाथ मम्मी की चुत पर था और वो दोनो हंस हँसकर बात कर रही थी।
फिर मैं कमरे से बाहर आया और मेरे हाथ मे लोहे की वो जंजीर देखकर मोना और मम्मी को कुछ समझ नहीं आया। फिर मैंने मम्मी के गले से मंगलसूत्र निकालकर मोना को दे दिया तो फिर वो मोना ने अपने गले मे पहन लिया। फिर मैंने वो लोहे की जंजीर मम्मी के गले मे डाल दी और फिर मैंने मम्मी को भैंस बनने के लिए कहा तो फिर मम्मी उठी और जमीन पर घोड़ी बन गई और मैंने वो जंजीर एक खूंटे में डाल दी। मम्मी के गोरे बदन को देखकर मोना बोली के मम्मी भैंस नहीं गाय है। फिर मोना की बातें सुनकर हम तीनों हंसने लगे। फिर मोना ने मम्मी की जंजीर को खूंटे से निकाला और फिर वो चलने लगी तो फिर मम्मी भी घोड़ी बनकर उसके पीछे पीछे चलने लगी। वहाँ रेत थी तो मम्मी रेत में ही चल रही थी।
फिर मोना ने मम्मी को वापिस खूंटे पर लाकर बांध दिया और फिर मम्मी चारा खाने की एक्टिंग करने लगी। फिर मैंने कहा के दूध का टाइम हो गया है। फिर मैं मम्मी के दोनों निप्पलों को पकड़कर जोर से दबाने लगा। ये देखकर मम्मी और मोना हंसने लगी।
फिर मोना मुझसे बोली के ऐसे थोड़ी निकालते है दूध। फिर वो एक छोटा बर्तन लेकर आई और फिर उसे मम्मी के बोबो के नीचे रखकर मम्मी की गाँड पर हाथ से एक चपत मारी और फिर मम्मी के निप्पलों को खींचने लगी। मैं तब एक डंडा लेकर मम्मी के पीछे खड़ा हो गया और वो डंडा मम्मी की गाँड पर घुमाने लगा। मम्मी दूध देते टाइम हिलती तो मोना फिर मम्मी की गाँड पर थप्पड़ लगा देती। इस प्रकार ऐसे करने में हमे बहुत मजा आया और मम्मी और मोना का तो हंस हँसकर पेट दर्द करने लगा।
फिर दूध निकालने के बाद मम्मी बोली के मेरे पेशाब आ रहा है तो फिर मैं बोला के यहीं कर लो। फिर मम्मी ने अपने पैर फैलाये और पेशाब करने लगी। मम्मी की चुत से निकलता हुआ पेशाब मैं और मोना देखने लगे। अब ऐसे एक्टिंग करने में हम तीनों को काफ़ी मजा आ रहा था। फिर मैं बोला के गाय को आगे दूध से करने के लिए इसे सांड के पास ले जाना होगा। मेरी बात सुनकर मोना और मम्मी सब समझ गई। फिर मैं बोला के मैं सांड बनकर आता हूँ। फिर मैं भी मम्मी की तरह घोड़ा बनकर मम्मी की तरफ आने लगा। मुझे आता देख मम्मी अपनी गाँड हिलाकर मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी। ये देखकर मोना हंसने लगी।
फिर जब मैं मम्मी के पास पहुंचा तो फिर मैंने देखा के मम्मी की चुत से पानी निकल रहा था। ये देखकर मैं बोला के गाय बिल्कुल गर्म है। ये सुनकर मम्मी पीछे की तरफ देखकर हंसने लगी। फिर मैं पीछे से मम्मी की गाँड में मुंह डालकर मम्मी की चुत और गाँड को चाटने लगा। पास खड़ी खड़ी मोना ये सब देख रही थी। फिर कुछ देर चाटने के बाद मैं मम्मी के ऊपर आने लगा। फिर मैं अपना अंडरवियर उतारने लगा तो अंडरवियर थोड़ा पुराना होने के कारण फट गया। फिर मैंने पूरा अंडरवियर ही हाथ से फाड़कर निकालकर फेंक दिया। फिर मैं मम्मी की गाँड की दरार में लंड डालकर रगड़ने लगा। जिससे कि मम्मी फुल गर्म हो गई।
फिर मैंने लंड मम्मी की चुत में डाल दिया और करने लगा। मम्मी वैसे ही घोड़ी बनी बनी चुदने लगी। फिर मम्मी को मजा आने लगा तो मम्मी ने तो आंखें बंद कर ली और फिर मोना हमारे पीछे आकर मेरा लंड मम्मी की चुत से अंदर बाहर होता हुआ देखने लगी। फिर मोना ने लकड़ी का पतला डंडा उठाया और फिर उससे मेरी गाँड पर मारने लगी। जिससे कि मैं और ज्यादा अंदर तक लण्ड डाल देता। इस तरह मोना भी पूरे मजे ले रही थी। फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने सारा पानी मम्मी की चुत में ही डाल दिया। फिर जब मेरा लन्ड मुरझा गया तो फिर मैंने लन्ड बाहर निकाला और फिर घोड़ा बने बने ही दूसरी तरफ जाने लगा। फिर मम्मी और मोना मुझे जाते हुए देखने लगी। मैं बिल्कुल नंगा था तो उन्हे मेरा लटकता हुआ लण्ड साफ दिख रहा था। मम्मी की चुत से मेरा पानी बाहर निकल रहा था।
फिर मम्मी खड़ी हुई और अपने गले से लोहे की जंजीर निकाली और फिर वो कपड़े पहनने लगी। फिर मम्मी और मोना दोनो चली गई। फिर कुछ देर बाद मम्मी मेरे लिए दूसरा अंडरवियर लाई और फिर मैं वो अंडरवियर पहनकर मम्मी के साथ घर के आंगन में आ गया। तब पापा आंगन में चारपाई पर सोए हुए थे। मम्मी की दो बार धुआंधार चुदाई के बाद मैं थक गया था तो फिर मैं नहाने चला गया। नहाकर आया तो देखा के मोना खाना बना रही थी। फिर मैं चूल्हे के पास बैठकर खाना खाने लगा। मैं भी तब वहीं थी। फिर हम तीनों एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर मोना मम्मी से बोली के शाम को भी तैयार रहना दूध निकलवाने के लिए। ये सुनकर हम तीनों हंसने लगे।
फिर खाना खाकर मैं जाकर बेड पर लेट गया और फिर मुझे नींद आ गई। फिर कुछ देर बाद मुझे जाग आई तो मैंने देखा के मम्मी और मोना दोनो बाथरूम से एकदम नंगी निकली। फिर मैंने सोचा के पापा घर पर नहीं होंगे। लेकिन फिर मैंने देखा के पापा तो आंगन में ही सोए थे। फिर वो दोनो कमरे की तरफ आने लगी। उन्हें पता चल गया था के मैं उन्हें देख रहा हूँ लेकिन फिर भी मोना मम्मी के सामने ही नंगी ही किस मॉडल की तरह चलकर कमरे की तरफ आ रही थी। फिर मोना तो अपने कमरे में चली गई और मम्मी मेरे वाले कमरे में आ गई। फिर मम्मी ने अपने बालों में तेल वगैरह लगाया और फिर वो मेरे साथ आकर बेड पर नंगी ही लेट गई। फिर मैं मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मोना हमारे कमरे में आई और आकर हमारे साथ ही लेट गई।
फिर मैंने कहा के आज तुम कपड़े ले जाना भूल गई थी क्या। फिर मम्मी और मोना एक दुसरे की तरफ देखकर बोली के हां। फिर मैंने कहा के पापा ने आज खाना वगैरह नहीं खाया। फिर मोना ने कहा के पापा खाना खाकर फिर से सो गए। फिर हम तीनों बातें करने लगे। तब हम तीनों उल्टे लेटे हुए थे और हमारा मुँह कमरे के गेट की तरफ था और कमरे का गेट खुला था। आंगन में पापा सोए हुए थे जो कि हमे बिल्कुल साफ दिख रहे थे। फिर मैंने एक नजर पीछे मारी मम्मी की नंगी गाँड देखकर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। फिर मम्मी उठकर मेरे ऊपर लेट गई और फिर अपने बोबो से मेरी पीठ को सहलाने लगी। फिर मम्मी कहने लगी के आज गाय बनकर उन्हें बहुत मजा आया। कुछ और आईडिया बताओ जिससे हम मजे कर सके। फिर मैं बोला के आईडिया तो बहुत है पर तुम कर नहीं पाओगी। फिर मम्मी मेरी तरफ देखकर बोली के तुम बताओ तो सही मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ।
फिर मैं सोचने लगा के मम्मी से क्या करने के लिए कहूँ। फिर पापा को सोया देखकर मुझे एक आईडिया आया। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम नंगी ही पापा के पास जाओ और घोड़ी बनकर पापा की चारपाई के 3 चक्कर लगाओ। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर मम्मी ने वैसा ही किया और वो नंगी ही जाकर पापा की चारपाई के पास खड़ी हो गई और फिर वो घोड़ी बनकर चक्कर लगाने लगी। मम्मी को देखकर मैं और मोना हंसने लगे। फिर तीन चक्कर पूरे होने के बाद मम्मी खड़ी होकर वापिस कमरे में आ गई। फिर मम्मी मोना से चिपककर लेट गई और फिर वो दोनो एक दूसरे के बदन को सहलाने लगी। फिर वो दोनो उठकर दूसरे कमरे में चली गई और नंगी होकर एक दूसरे के साथ मस्ती करने लगी। मैं दूसरे कमरे से उन्हें ही देख रहा था।
फिर मम्मी ने मोना से कहा के चल पेशाब करके आते है। फिर मोना कपड़े पहनने लगी। फिर मम्मी बोली के क्या कपड़े पहन रही है ऐसे ही चल ना। फिर वो दोनो मां बेटी एक दम नंगी होकर पेशाब करने चली गई। फिर पेशाब करने के बाद वो दोनो आंगन में आकर घूमने लगी। फिर कुछ देर तो मैं उन्हें देखता रहा। तब मैं भी नंगा था और अपना लण्ड हिला रहा था। फिर मैं नंगा ही कमरे से बाहर निकला और उनसे कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया और अपना लण्ड हिलाने लगा। फिर मुझे देखकर मम्मी दौड़कर आई और मुझसे चिपक गई और मेरे लन्ड को सहलाने लगी। उधर मोना नंगी ही हमसे कुछ दूर खड़ी रही और हमें देखती रही। पापा पास ही में सोए थे और मैं मम्मी के बदन को सहला रहा था।
फिर मम्मी घुटनो के बल बैठकर मेरे लण्ड को चुसने लगी। फिर जब भी हम मोना की तरफ देखते तो मोना हमें देखकर हंस देती। उसका हाथ भी अपनी चुत पर था। फिर कुछ देर लन्ड चुसने के बाद मम्मी खड़ी हुई और मेरे से चिपक कर खड़ी हो गई। फिर मैंने मम्मी को पलटकर खड़ा किया जिससे मम्मी की मेरी तरफ पीठ हो गई और फिर मैं मम्मी की गर्दन पर किस करने लगा और साथ मे मम्मी के बोबो को सहलाने लगा। जिससे मम्मी एकदम मस्त हो गई। फिर मैं और मम्मी मोना के पास गये। मोना को चुत सहलाते देख मम्मी मोना के पास गई और फिर वो दोनो एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर कमरे में जाने लगी। पीछे से उन दोनों की मटकती गाँड को देखकर फिर मैं भी उनके पीछे पीछे कमरे में चला गया।
कहानी आगे जारी रहेगी...
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