हैलो दोस्तों, मुझे उम्मीद है के इस कहानी को पढ़ने से पहले आपने इस कहानी के पिछले दोनों भाग "लॉकडाउन मे जब घर पर चुदाई करना मुश्किल हो गया तो हम दोनों भाई बहन ने ये रास्ता निकाला" और "लॉकडाउन के बाद मेरी और बहन की घर में मस्ती" पढ़ लिए होंगे। अगर आपने नहीं पढ़ें है तो पहले ये दोनों भाग पढ़ें। फिर ही आपको ये कहानी पढ़ने मे मजा आएगा। इन दोनों भागों में मैंने बताया के कैसे मैंने और बहन ने लॉकडाउन में मजे किये और फिर लॉकडाउन के बाद घर में मस्ती की और फिर कैसे मैंने मम्मी की चुदाई की। अब इस भाग में बताऊँगा के कैसे मेरी और मम्मी की शादी हुई और फिर शादी के बाद हमने कैसे मजे किये।
बहन ने मेरी और मम्मी की शादी की बात पक्की कर दी थी। मम्मी को अभी मेरे और बहन के बारे ने नहीं पता था के हम चुदाई करते है। लेकिन अब बहन भी नंगी रहने लगी थी तो अब मैं बहन से कभी भी चुदाई कर सकता था वो भी मम्मी के सामने और मम्मी भी हमें कुछ नहीं कह सकती थी। लेकिन मैंने और बहन ने इसके लिए एक अच्छे मौके का इंतजार करने लगे। फिर मैं, मम्मी और बहन शादी की गुपचुप तरीके से तैयारी करने लगे। बहन मम्मी की शादी पूरे रीतिरिवाज और धूमधाम से करना चाहती थी। बहन ने मम्मी से भी कह दिया था के आप ऐसे सोचो जैसे के ये आपकी पहली शादी हो और आप अपने सारे शौक इस शादी में पूरे कर लेना। बहन की बात सुनकर मम्मी ने कहा के हाँ मेरी काफी इच्छाएं है जो की मैं पहले पूरी नहीं कर पाई थी लेकिन अब वो इच्छाएं जरूर पूरी करूँगी।
पहले रात को बेड पर मैं, पापा और बहन सोते थे। लेकिन फिर मम्मी से चुदाई करने के बाद मम्मी सोने लगी। फिर मम्मी ने पापा को पास ही पड़े सिंगल बेड पर सोने के लिए कहा तो फिर पापा उस पर सोने लगे और फिर बेड पर हम तीनों एक साथ सोने लगे। मैं मम्मी और बहन के बीच मे सोता। वो दोनों सोने के कुछ देर बाद ही रजाई में नंगी हो जाती। मैं भी नंगा हो जाता था। फिर बहन नंगी होती और मुझसे चिपक कर लेट जाती तो ये देखकर भी मम्मी कुछ नहीं कहती। जब पापा को नींद आ जाती तो फिर मम्मी और बहन अपनी रजाई कमर तक कर लेती और फिर ऐसे ही लेटी रहती। हमें शादी की तैयारियां भी करनी थी और अब हम तीनों एक साथ सोने लगे थे तो फिर हम धीमी आवाज में शादी के बारे में बातें करने में काफी आसानी हो गई थी। फिर बहन बोली के सबसे पहले हम कपड़ो के बारे में बात करते है के कौन क्या पहनेगा। फिर बहन ऑनलाइन वेबसाइट पर कपड़े देखने लगी। फिर काफी कपड़े देखने के बाद बहन ने मम्मी को घाघरा चोली पहनने के लिए कहा। फिर मम्मी बोली के जैस तुझे ठीक लगे। फिर बहन बोली के आप नीचे घाघरा और ऊपर चोली की जगह कोई डिज़ाइनर ब्रा पहन लेना। आप थोड़ी सेक्सी भी दिखनी चाहिए ना। बहन की बात सुनकर मम्मी हंसने लगी। फिर बहन मुझसे बोली के तुम्हारी बॉडी अच्छी है तो तुम नीचे धोती पहन लेना और ऊपर कुछ मत पहनना। ऐसे तुम काफी सेक्सी लगेगो। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर ऐसे ही बातें करते करते काफी रात हो गई तो फिर हम सो गए।
हम सब रात को नंगे ही सो जाते थे। क्योंकि पापा सुबह थोड़े लेट ही उठते थे। मम्मी सबसे पहले उठती तो फिर वो कपड़े पहनकर चाय वगैरह बनाने चली जाती और फिर पापा उठकर कमरे से बाहर हॉल में चले जाते और हम दोनों भाई बहन सबसे लास्ट में उठते और उपर तक रजाई ओढ़कर नंगे ही सोये रहते। फिर मम्मी हमें जगाने आती तो फिर हम उठकर कपड़े पहनते और फिर कमरे से बाहर निकलते।
फिर उस दिन तैयार होकर मैं और पापा तो दुकान पर चले गए और मम्मी और बहन भी घर का सब काम निपटाकर मार्केट चली गई। फिर बहन ने मम्मी को मार्किट से एक जालीदार लाल रंग का लहंगा दिलवाया और ऊपर पहनने के लिए एक लाल रंग की ही डिजाइनर ब्रा दिलवाई और सिर पर लेने के लिए ओढ़नी ले ली। फिर बहन ने मुझे इन सब की फ़ोटो भेजी तो मैंने कहा के शाम को घर आऊंगा तब पहनकर दिखाना। ऐसे मुझे कुछ पता नहीं लग रहा है। फिर शाम को घर आने के बाद खाना खाकर हम सब लेट गए और फिर पापा के सोने के बाद मम्मी नंगी ही बेड से नीचे उतरी और फिर सबसे पहले लहंगा पहना। लहंगा जालीदार था तो उसमें नीचे से मम्मी की गाँड़ और चुत साफ दिख रही थी। फिर जब मैंने ये बहन से कहा तो बहन बोली के मम्मी नीचे पैंटी पहन लेगी तो फिर ये सब नहीं दिखेगा। फिर मम्मी ने ऊपर ब्रा पहनी और फिर सिर के ऊपर ओढ़नी ली तो मैं तो मम्मी को देखता ही रह गया। फिर बहन ने मम्मी को नथनी वगेरह पहनाई तो फिर मम्मी और भी ज्यादा सेक्सी लगने लगी। फिर बहन बोली के दुल्हन थोड़ी सेक्सी भी लगनी चाहिए। फिर बहन ने मुझसे पूछा के कैसी लग रही है तुम्हारी दुल्हन तो फिर मैं बोला के बहुत सेक्सी लग रही है। फिर बहन बोली के अभी ये फाइनल नहीं किया है। दिमाग मे कुछ और आईडिया आएगा तो हम फिर वैसे ही कर लेंगे। अभी तो मेकअप वगैरह भी नहीं किया है मम्मी ने। मेकअप के बाद और मेहंदी लगाने के बाद तो मम्मी और भी ज्यादा सेक्सी दिखेगी। फिर बहन नंगी ही उठकर कमरे से बाहर गई और फिर टॉवल लेकर आई। फिर उसने मुझसे टॉवल लपेटकर मम्मी के पास खड़े होने के लिए कहा तो फिर मैंने वैसा ही क्या। फिर बहन ने हमारी एक फोटो ली और फिर हमें दिखाई तो हमारी जोड़ी बहुत अच्छी और सेक्सी लग रही थी। फिर बहन बोली के तुम सिर्फ धोती ही पहन लेना। मैं बोला के हाँ। फिर टॉवल उतारकर मैं तो जाकर बहन के पास लेट गया और फिर मम्मी भी लहंगा वगैरह खोलकर हमारे पास आकर लेट गई। फिर बहन बोली के चलो कपड़े तो लगभग फाइनल हो गए। फिर मम्मी ने बहन से पूछा के तू क्या पहनेगी मेरी शादी पर। फिर बहन बोली के मै भी कोई सेक्सी सा लहंगा चोली ही पहन लूँगी। फिर मम्मी बोली के हम शादी कहाँ करेंगे। इसके बारे में मैंने कुछ सोच रखा था। फिर मैं बहन और मम्मी से कहने लगा के हमारे शहर के बारे काफी मन्दिर है। उन्हीं एक मंदिर के पंडित से मैं बात कर लूंगा तो फिर वो सब कुछ रेडी करके रखेगा। फिर मैं बोला के वहाँ तुम दोनों ऐसे बनकर रहना जैसे कि तुम दोनों बहनें हो। ये सुनकर मम्मी और बहन एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी। फिर बहन बोली के आज से हम बाकी दुनिया के लिए बहनें है। फिर बहन मेरे ऊपर से होकर मम्मी के पास चली गई और फिर वो दोनों एक दूसरे से गले लग गई और फिर एक दूसरे से लिप किस करने लगी। बहन की तब मेरी तरफ पीठ थी तो मैं बहन से चिपक गया और लंड उसकी चुत में डाल दिया जिससे कि उसका मजा दुगुना हो गया। फिर बहन मम्मी के ऊपर चढ़ गई और फिर वो अपनी चुत मम्मी की चूत से रगड़ने लगी। फिर वो मम्मी के ऊपर उल्टी लेट गई और एक दूसरे की चूत चाटने लगी। फिर कुछ देर बाद वो दोनों झड़ गई तो फिर बहन साइड में आकर लेट गई। मैं उन दोनों को देखकर काफी गर्म हो चुका था तो फिर मैं जाकर मम्मी की चुदाई करने लगा और फिर मम्मी के दोनों पैर पूरे ऊपर कर दिए और लंड मम्मी की गाँड में डाल।दिया। फिर मम्मी ने खुद अपने दोनों पैर अपने हाथों से पीछे करके पकड़ लिए। फिर कुछ देर गांड मारने के बाद मैं झड़ गया। फिर मैं मम्मी के ऊपर ही लेट गया। फिर थोड़ी देर बाद हम तीनों उठे और नंगे ही पेशाब करने चले गए। तब ज्यादा टाइम नही हुआ था तो फिर पेशाब करने के बाद मम्मी और बहन वापिस कमरे में जाने लगी। फिर मैंने उन्हें रोका और कहा के कुछ देर बाहर ही घूमते हैं। फिर मैं उन दोनों को लेकर छत पर चला गया। हम छत पर घूमने लगे। फिर मम्मी बोली के अब तो मैं बस नंगी ही रहना चाहती हूं सारि उम्र। मम्मी की बात सुनकर बहन जाकर पीछे से मम्मी से चिपक गई और फिर हंसने लगी। उन दोनों को ऐसे नंगी मस्ती करते हुए देखकर मैं काफी खुश हुआ। फिर बहन मुझसे बोली के तुम शादी के लिए कार को फूलों से सजवा लेना और पीछे अपना और मम्मी का नाम लिखवाना। फिर ये सुनकर मम्मी बोली के किसी ने देख लिया तो। फिर बहन बोली के देखने दो। दुनियां जाए भाड़ में। अब से हम अपनी जिंदगी अपने ढंग से जीयेंगे। बहन की बात से मैं और मम्मी भी सहमत थे। फिर हम एक दूसरे से गले लगे और फिर कुछ देर बाद नीचे आ गए। फिर कमरे में गए तो देखा के पापा सोये हुए थे और फिर हम भी जाकर लेट गए।
फिर अगले दिन मुझे शहर के बारे किसी समान की डिलीवरी करने गया था तो फिर आते टाइम मैं एक मंदिर में गया जो कि शहर से थोड़ा दूर था। उस मंदिर के आसपास कई मंदिर थे। फिर मैंने वहां शादी के लिए एक पंडित से बात की तो फिर वो शादी करवाने के लिए मान गया। फिर पंडित ने मेरी और मेरी होने वाली बीवी यानी मम्मी की कुंडली के लिए पूछा तो फिर मैंने कहा के कुंडली तो नहीं है। फिर उसने मुझसे मेरा और मेरी होने वाली बीवी का नाम और जन्म की तारीख पूछी कुंडली बनाने के लिए। फिर मैंने मम्मी की उम्र अपने से एक साल छोटी बताई। फिर पण्डित ने कहा के वो कुंडली बनाकर बता देगा के हमारी शादी के बाद जिंदगी कैसी रहेगी। फिर मैंने पण्डित को कुछ पैसे दिए और उसे शादी के लिए सब कुछ रेडी रखने के लिए कहा। फिर मैं वहां से वापिस आ गया।
फिर शाम को घर पर आने के बाद मैंने ये सब मम्मी और बहन को बताया तो वो काफी खुश हुई। फिर मम्मी बोली के शादी करेंगे कब। जबतक तुम्हारे पापा घर पर रहेंगे तब तक तो कुछ नहीं हो पायेगा। फिर मैं बोला के हम शादी की तैयारियां चालू रखते है और जब भी मौका मिलेगा हम शादी कर लेंगे। मेरी इस बात से वो दोनों सहमत हो गई। फिर इसी तरह हम तैयारियां करते रहे। बहन रोज मम्मी को लेकर मार्केट जाती और मम्मी को शॉपिंग करवाती रहती और फिर मम्मी को पार्लर ले जाकर मम्मी की पूरी बॉडी की वैक्सिंग और भी पता नहीं क्या क्या, वो सब करवा दिया। हम अब हर दम तैयार रहते क्योंकि पता नहीं था कब शादी करनी पड़ जाए। मैं भी जिम वगेरह जाने लगा और अपनी बॉडी का खास ध्यान रखने लगा। मम्मी अब थोड़ी।पतली और मैं थोड़ा मोटा हो गया था जिस कारण अब हमारी जोड़ी काफी अच्छी लगने लगी थी। फिर थोड़े दिन बाद ही पण्डित का फोन आया और उसने कहा के आप दोनों की कुंडली बहुत अच्छी है और बहुत से गुण मिलते है। आपकी शादी के बाद जिंदगी काफी अच्छे से चलेगी। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ और मैंने जब ये मम्मी और बहन को बताया तो वो बहुत खुश हुई। फिर मम्मी बोली के ये सब रिश्ते नाते तो समाज ने बनाये है। वरना औरत और मर्द का रिश्ता तो सिर्फ चुत और लंड का ही होता है। मम्मी की ये बात सुनकर मेरे मन को काफी सुकून मिला और फिर उस रात मैंने मम्मी को कई बार चोदा।
फिर इसी तरह दिन निकल रहे थे और फिर पण्डित भी मुझसे बार बार फोन करके पूछ रहा था के कब करनी है शादी। लेकिन हम मौके की तलाश में थे और वो मौका हमें नही मिल पा रहा था। फिर कुछ दिन निकलने के बाद मम्मी बोली के हम चुपके से शादी कर लेते है। तू दुकान से आ जाना और फिर हम मन्दिर में शादी करके शाम तक घर आ जाएंगे। लेकिन मैं इस तरह से शादी नहीं करना चाहता था। फिर मैंने मम्मी से कुछ दिन और इंतजार करने के लिए कहा। शादी करने के लिए मैं और मम्मी काफी उतावले हो रहे थे। पर कोई संयोग नहीं बैठ पा रहा था। लेकिन तभी कुछ दिन बाद मुझे पता चला के पापा के कुछ दुकानदार दोस्त घूमने के लिए लद्दाख जा रहे है। फिर ये बात मुझे पता चली तो मैंने ये बात मम्मी और बहन को बताई। फिर बात सुनकर बहन बोली के पापा अगर उनके साथ घूमने जाएंगे तो कम से कम 10 दिनों के लिए तो जाएंगे ही और इतने दिनों में तो हम शादी खूब धूमधड़ाके के साथ कर लेंगे। फिर मैंने मम्मी और बहन से कहा के अगर पापा इस बारे में घर पर बात करें तो वो उन्हें घूमने जाने के लिए फोर्स करें ताकि वो चले जाएं। फिर वो दोनों बोली के इसकी चिंता तुम हम पर छोड़ दो। फिर पापा एक दो दिन बाद ही ये बात पापा ने घर पर बताई तो फिर मम्मी और बहन ने उन्हें जाने के लिए कहा। लेकिन पहले तो पापा मना कर रहे थे लेकिन फिर वो मान गए और जाने के लिए तैयार हो गए। तब हमारा खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा था। फिर कुछ दिनों के बाद पापा चले गए और जाते जाते मुझसे कह गए के अपनी बहन और मम्मी का ध्यान रखना। फिर उनके सामने ही मैंने मम्मी की कमर में हाथ डालकर धीरे से कहा के मम्मी का ध्यान तो मैं बहुत अच्छे से रखूंगा। ये बात सुनकर मम्मी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी।
फिर पापा के जाने के बाद हम एक दिन भी बर्बाद नहीं करना चाहते थे तो मैंने पहले से सब काम करने शुरू कर दिए थे और पण्डित को भी कह दिया था। फिर पापा गए उस दिन से अगले दिन शाम को हमने शादी करने का प्रोग्राम बनाया था। तो पापा के जाने के बाद से ही हम तैयारियों में लग गए। हमने घर की थोड़ी साफ सफाई की और फिर बहन ने एक कमरा हमारी सुहागरात के लिए तैयार करने लगी। मैंने भी कार को घर पर ही सजाकर तैयार किया और कार के पीछे मेरा और मम्मी का नाम लिखवाया। कुछ दिन बाद ही हमारी शादी थी तो बहन ने हमें चुदाई के लिए मना कर दिया था ताकि हम अपनी सुहागरात अच्छे से मना सके। इस कारण अब सिर्फ मम्मी मेरा लंड हिलाती थी और मैं मम्मी की चूत सहला देता। अब तो कई बार बहन भी मम्मी के सामने ही मेरा लंड पकड़कर सहलाने लग जाती थी। मैं भी मम्मी के सामने ही बहन से मस्ती करता। अब बहन मेरी साली थी तो मैं भी बहन के बोबो को सहला देता और उसके साथ मस्ती करता रहता।
फिर शादी वाले दिन बहन ने एक मेहंदी लगाने वाली लड़की को सुबह ही घर पर बुला लिया। फिर वो मम्मी के पैरों और हाथों पर मेहंदी लगाने लगी। फिर मेहंदी लगाने के बाद वो लड़की चली गई और फिर पैरो और हाथों की मेहंदी थोड़ी सुख गई तो फिर बहन ने मम्मी की चिकनी चुत पर मेहंदी से मेरा नाम लिख दिया और फिर मम्मी को घोड़ी बनाया और मम्मी की गाँड के छेद के आसपास एक फुल बनाया और फिर मम्मी की चिकनी गांड पर भी फूल वगैरह बनाये। फिर मम्मी जब तक मेहंदी नहीं सुखी तब तक ऐसे ही घोड़ी बनी रही। उधर मैं भी अपनी तैयारियों में लगा था। मैंने वियाग्रा और कंडोम वगेरह लाकर रख लिए और कुछ ताकत वाली दवाएं भी ले आया। फिर मैंने अपने लंड के सारे बाल हटा दिए और लंड बिल्कुल चिकना कर दिया।
फिर दोपहर बाद हम तैयार होने लगे। बहन मम्मी को तैयार कर रही थी और मुझे तो बस एक धोती ही पहननी थी। फिर तैयार होते होते हमें शाम हो चुकी थी। फिर मम्मी तैयार हुई तो मम्मी काफी सेक्सी लग रही थी। मम्मी के नेट वाले लहंगे में मम्मी की गौरी गौरी टांगे दिख रही थी। मम्मी ने नीचे थोंग पैंटी पहनी थी जिससे कि मम्मी की गौरी गांड साफ दिख रही थी। ऊपर एक डिज़ाइनर ब्रा पहनी थी जिसमे से मम्मी के आधे बूब दिख रहे थे। ब्रा के लैस काफी पतले थे। मम्मी ने सिर पर ओढ़नी ले रखी थी और कुछ ज्वैलरी पहन रखी थी। कुल मिलाकर मम्मी चोदने लायक माल लग रही थी। फिर बहन ने भी तैयार होकर नीचे पलाज़ो और ऊपर एक चोली पहन ली। फिर बहन ने बताया के वो चोली नहीं बल्कि एक टाइप की ब्रा ही है। जिसमे से उसके थोड़े थोड़े बॉबे भी दिख रहा रहे थे और उसने ऊपर कुछ नहीं लिया था। फिर मैंने उन दोनो से कहा के तूम दोनो बहुत सेक्सी लग रही हो। रात का टाइम है और हमे शहर से थोड़ा दूर जाना है अगर किसी ने तुम दोनों को ऐसे देख लिया तो वो तुम्हे चोद ही डालेगा। फिर मैं मम्मी से बोला के जब तुम ऐसे पण्डित के सामने ऐसे जाओगी तो उस बेचारे की हालत ही खराब हो जाएगी। मेरी बात सुनकर मम्मी हंसने लगी। फिर बहन ने हम दोनों की फ़ोटो ली और वीडियो वगेरह भी बनाई कार में बैठते समय की।
फिर हम ज्यादा देर न करते हुए कार में बैठे और फिर मन्दिर के लिए निकल पड़े। पण्डित का भी बार बार फोन आ रहा था तो मैंने उसे कहा के बस थोड़ी देर में आ रहे है। फिर हम मन्दिर में पहुंचे तो मैंने कार मन्दिर के बाहर खड़ी की और फिर मम्मी और बहन को लेकर मन्दिर के अंदर चला गया। तब थोड़ी रात हो चुकी थी तो मन्दिर में ज्यादा लोग नहीं थे। जब हम मन्दिर में गए तो हर कोई मम्मी और बहन को देख रहा था। मम्मी ने अपनी ओढ़नी नीचे कर रखी थी ताकि किसी को मम्मी की गांड ना दिखे। फिर हम पण्डित के पास गए तो पण्डित भी एक बार देखता ही रह गया। फिर पण्डित हमें मंडप तक ले गया। जहां उसने सारे इंतजाम कर रखे थे। फिर पण्डित मुझे और मम्मी को बैठाकर मन्त्र पढ़ने लगा। उसका ध्यान मम्मी और बहन पर ही जा रहा था। बहन हमारी शादी के फोटो ले रही थी। फिर जब पण्डित ने फेरो के लिए हमें खड़ा किया तो फिर मम्मी की ओढ़नी ऊपर की और हो गई और मम्मी की गांड पण्डित को दिखने लगी। ये देखकर तो पण्डित देखता ही रह गया। लेकिन फिर बहन ने सब सेट कर दिया। फिर फेरों के बाद मैंने मम्मी की मांग भरी और मंगलसूत्र पहनाया और हमारी शादी हो गई। तब मण्डप पर हम बस 4 लोग ही थे। फिर मैंने पण्डित को काफी सारी दक्षिणा दी तो पण्डित काफी खुश हो गया। फिर शादी के बाद बहन ने हमारे साथ एक सेल्फी ली। फिर शादी के बाद हम वापिस आने लगे। तब तक काफी रात हो चुकी थी। फिर हम कार में बैठकर घर जाने लगे। फिर घर पहुंचने के बाद बहन ने वो सारे कार्यक्रम किये जो कि एक नई दुल्हन के आने पर करते है। उसने घर के मैन गेट पर चावल से भरा एक कलश रखा। फिर मम्मी उसे ठोकर मारकर अंदर आ गई और फिर हम हमारे घर के पूजाघर में गए और फिर देवताओ से हमारे दाम्पत्य जीवन की मंगल कामना की। फिर मैं और मम्मी तो हॉल में बैठ गये और बहन खाना बनाने लगी। फिर मम्मी मुझसे बोली के मुझे तो आज ऐसे लग रहा है जैसे कि आज मेरी पहली बार ही शादी हुई है। फिर बहन खाना बनाकर ले आई तो हमने खाना खाया। फिर बहन ने म्यूजिक शुरू कर दिया और फिर हम डांस करने लगे। फिर डांस के बाद बहन हमारी फ़ोटो लेने लगी। ये हमारा नॉर्मल फोटोशूट नहीं था। इसमें मैंने और मम्मी ने लिप किस करते हुए फोटोशूट करवाया। फिर मम्मी ने अपना लहंगा खोल दिया और फिर ऐसे ही मम्मी ने अपनी कई फ़ोटो खिंचवाई। फिर मम्मी ने मेरी धोती खोल दी और फिर मेरा लंड हाथ मे लेकर फ़ोटो खिंचवाई। मैं तो नंगा था ही फिर मम्मी ने अपनी पैंटी और ब्रा खोल दी। मम्मी तब बस ज्वैलरी में थी और फिर हमने ऐसे फोटोशूट करवाया। फिर मम्मी ने बहन से हमारी सुहागरात की वीडियो बनाने के लिए कहा और कहा के साथ मे तुझे भी पता चल जाएगा के सुहागरात कैसे मनाई जाती है। फिर बहन मम्मी को लेकर सुहागरात वाले कमरे में लेकर चली गई। बहन ने कमरे को पूरा सजा रखा था। फिर मैंने वियाग्रा की टेबलेट ली और साथ मे अपने लंड पर एक तेल से मालिश की ताकि जिससे मेरा लंड एकदम कड़क रहे।
फिर मैं कमरे में गया तो देखा के मम्मी बेड पर बैठी थी और पूरा बेड फूलो से भरा हुआ था। बहन भी वहीं पर खड़ी थी। फिर बहन जो कि अब मेरी साली थी उसने मुझसे गिफ्ट मांगा। मैंने पहले ही उन दोनों के लिए गिफ्ट खरीदकर रख लिए थे। गिफ्ट लेते टाइम मैंने काफी सोचा। तब जाकर मैं उन दोनों के लिए गिफ्ट ले पाया था। फिर मैंने अलमारी से गिफ्ट निकाले और पहले बहन को गिफ्ट दिया तो उसने अपना गिफ्ट खोलकर देखा। मैंने उसके लिए एक डिल्डो (नकली रबड़ का लंड) लिया था। फिर बहन ने नंगी होकर वो डिल्डो अपनी चुत में डालकर अंदर बाहर करने लगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं तुम्हारे लिए एक ऐसा गिफ्ट लाया हूँ जिसे तुम अपने बदन के एक खास अंग पर पहनोगी और वो किसी को नजर भी नहीं आएगा। ये सुनकर मम्मी और बहन दोनो ही हैरान हो गई और मुझसे पूछने लगी के ऐसी क्या चीज लाये हो। फिर मैंने एक छोटी सी डिब्बी मम्मी को दी। फिर जब मम्मी ने वो डिब्बी खोली तो उसमें एक सोने की अंगूठी टाइप चीज थी। फिर मम्मी और बहन वो हाथ मे लेकर देखने लगी और फिर उसे अपने नाक, कान में डालकर देखने लगी लेकिन वो कहीं भी फिट नहीं बैठ रही थी। फिर उन्होंने मुझसे पूछा के इसे कहाँ पहनना है। फिर मैंने मम्मी से पैर फैलाने के लिए कहा तो मम्मी पैर फैलाकर लेट गई। फिर मैंने वो अंगूठी टाइप चीज मम्मी के हाथ से ली और फिर उसे खोलकर मम्मी की एक चुत की पंखुड़ी को हाथ मे लेकर फिर उस अंगूठी के नुकीले भाग को चुत की पंखुड़ी के आरपार कर दिया जिससे मम्मी को थोड़ा दर्द हुआ। फिर मैंने वो अंगूठी बन्द कर दी। फिर मम्मी और बहन उसे हाथ लगाकर देखने लगे। फिर मैंने कहा के ये इतनी आसानी से नहीं निकलेगी। फिर बहन मुझसे बोली के क्या कमाल का गिफ्ट लेकर आये हो। वो अंगूठी सोने की थी और उस पर मेरे नाम का पहला अक्षर भी लिखा हुआ था। मम्मी भी ऐसे गिफ्ट को पाकर खुश थी। मम्मी और बहन दोनो मेरा गिफ्ट पाकर काफी खुश हुई। फिर मैं बेड पर जाकर बैठ गया तो मम्मी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर बहन एक हाथ से डिल्डो अपनी चुत में अंदर बाहर करने लगी और दूसरे हाथ से हमारी वीडियो बनानी शुरू कर दी। आज हमारी सुहागरात थी तो मैं मेरी बीवी यानी मम्मी के पूरे मजे लेना चाहता था। इस कारण मैं पहले मम्मी की सारि ज्वैलरी खोलकर साइड में रख दी। फिर मैं मम्मी की बॉडी सहलाने लगा। फिर मम्मी किसी नई दुल्हन की तरह शर्माकर उल्टी लेट गई तो मैं मम्मी की पीठ और गांड को चूमने लगा। जिससे मम्मी गर्म होने लगी। फिर मैंने मम्मी को सीधा लेटाया और फिर मम्मी के बोबो और चुत को चूमने चाटने लगा। मम्मी आंखें बंद करके बेड पर पड़ी थी और मैं मम्मी के बदन को चूम रहा था। फिर कुछ देर की चूमा चाटी के बाद मम्मी काफी गर्म हो गई तो फिर मैंने मम्मी के दोनों पैरों को ऊपर करके मम्मी की चूत में लंड घुसा दिया और मम्मी की चुदाई करने लगा। जिससे मम्मी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी। फिर मैंने जब लंड बाहर निकाला तो देखा के मेरे लंड पर लाल लाल कुछ लगा था खून जैसा। फिर ये देखकर मैं थोड़ा घबरा गया के मम्मी की चूत से खून क्यों निकला है। फिर मैंने ये बात मम्मी को बताई तो मम्मी मुस्कुराकर बोली के किसी कुंवारी चुत को चोदोगे तो खून ही निकलेगा। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर मम्मी ने बताया के उन्होंने अपनी चुत में थोड़ा सा सिंदूर रख लिया था ताकि सुहागरात मनाते समय ये फीलिंग आये जैसे कि तुम किसी कुंवारी चुत को चोद रहे हो। ये सुनकर मैं काफी खुश हो गया और फिर और तेजी से मम्मी की चूत को पेलने लगा। बहन पीछे से हमारी वीडियो बनाने लगी जिसमे मेरा लंड मम्मी की चूत से अंदर बाहर हो रहा था। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से करने लगा। कुछ देर ऐसे करने के बाद फिर मैं सीधा लेट गया और फिर मम्मी मेरे उपर आकर मेरे लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। बहन लगातार हमारी वीडियो बनाये जा रही थी। मम्मी तो इसी बीच कई बार झड़ चुकी थी और फिर मैं भी झड़ गया। लेकिन झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा रहा जिस कारण हम करते रहे। झड़ने के बाद लंड थोड़ा ढीला पड़ गया था पर कुछ देर बाद जब लंड पूरा टाइट हो गया तो फिर मैं कस कसकर मम्मी की चुदाई करने लगा। जिस कारण मम्मी की चीखें पुरे कमरे में गूंजने लगी। फिर कुछ देर की ऐसी धमाकेदार चुदाई के बाद मैं झड़ गया और थक भी गया था। फिर मैं और मम्मी आराम करने लगे। हम पिछले 2 घंटो से लगातार चुदाई कर रहे थे। फिर बहन ने वीडियो बनानी बन्द कर दी और वहीं सोफे पर लेट गई और सो गई। फिर हमें भी नींद आने लगी तो फिर हम भी एक दूसरे से चिपक कर सो गए। तब रात के 2 बज रहे थे।
फिर अगले दिन हम 10 बजे उठे। फिर बहन मेरे और मम्मी के लिए चाय बनाकर हमे बेड पर ही लाकर दी। फिर बहन तो अपने कमरे में चली गई और फिर चाय पीने के बाद मैंने और मम्मी ने एक बार चुदाई की। फिर मैं फ्रेश होकर कमरे से बाहर आ गया और फिर घर से बाहर आया तो कार वैसे ही सजी हुई खड़ी थी। फिर मैंने कार से सारी सजावट उतारी और कार के पीछे लगे हुए पोस्टर जिस पर मेरा और मम्मी का नाम लिखा हुआ था को उतारकर अंदर ले गया और फिर उसे पिछले कमरे में ले जाकर बेड के नीचे रख दिया। तब मम्मी नहा रही थी तो फिर मैं आकर बाहर हॉल में बैठ गया। फिर बहन अपने कमरे से निकलकर मेरे कमरे में गई और फिर कुछ देर बाद जब वो दोनों हॉल में आई तो मैं मम्मी को देखता ही रह गया। मम्मी ने तब गहरे लाल रंग का सूट पहन रखा था और पूरी सजी हुई किसी नई नवेली दुल्हन लग रही थी। ये देखकर मैं तो देखता ही रह गया। मम्मी ने चूड़े पहन रखे थे और मेकअप भी कर रखा था। मम्मी तब बहुत क्यूट लग रही थी। फिर मैं खड़ा हुआ और फिर जाकर मम्मी के गले लगा और फिर मम्मी के गालों पर किस करने लगा। फिर बहन मम्मी को लेकर किचन में ले गई और फिर मम्मी ने हमारे लिए खाना बनाया। फिर हम सबने खाना खाया। फिर खाने के बाद मैंने हाल में ही मम्मी को घोड़ी बनाया और मम्मी की सलवार खोलकर मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर कुछ देर बाद मैं झड़ गया तो मम्मी ने फिर से अपनी सलवार पहन ली और फिर घर मे इधर उधर घूमने लगी।
मुझे शॉप पर जाना था पर ऐसी सेक्सी बीवी को छोड़कर किसका मन शॉप पर जाने के लिए करता। तो मैं लगभग 4-5 दिन तक घर पर रहा और ऐसे ही मम्मी की चुदाई करता रहा। फिर एक दिन मुझे मम्मी ने बीवी की तरह प्यार से समझाया तब जाकर मैं दुकान जाने लगा। अब तो रोज रात को मम्मी अलग अलग शार्ट ड्रेस पहनकर मेरे पास आती। जिससे मैं काफी गर्म हो जाता और फिर हम खूब चुदाई करते। सुबह शॉप पर जाने से पहले भी मैं मम्मी की चुदाई करके जाता। फिर दोपहर का खाना लेकर मम्मी शॉप पर आती तो फिर ऊपर ले जाकर मैं पहले मम्मी की चुदाई करता और फिर मैं खाना खाता। इस प्रकार मेरी और मम्मी की शादीशुदा जिंदगी बहुत मजे से कट रही थी। मैं मम्मी को हनीमून पर भी लेकर जाना चाहता था। लेकिन कैसे ले जाता यही मैं सोच रहा रहा। फिर कुछ दिन बाद पापा वापिस आ गए। फिर मम्मी घर पर पहले की तरह ही रहने लगी। पापा अब मम्मी की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते थे तो उन्हें कुछ पता नहीं चला। अब हम पहले की तरह खुलकर तो नहीं रह सकते थे लेकिन फिर भी मौका पाकर हम चुदाई कर लेते। रात को अब पापा हमारे पास तो सोते नहीं थे तो मम्मी सूट के नीचे शार्ट ड्रेस पहन लेती और फिर रजाई ओढ़कर अपना सूट खोल देती और फिर मुझसे चिपक कर सो जाती। फिर पापा के सो जाने के बाद मैं मम्मी की चुदाई कर लेता। अब मम्मी काफी हद तक खुल गई थी तो पापा जाग रहे होते तब भी मम्मी रजाई में नंगी हो जाती। पापा का मुंह हमारी तरफ नहीं होता था तो हमें कोई डर नहीं था। कई बार तो मम्मी नंगी होकर अपनी रजाई कमर तक कर लेती और फिर ऐसे ही लेटी रहती। ऐसे ही बहन भी नंगी होकर कमर तक रजाई कर लेती। इस प्रकार दोनो मां बेटी ने अपनी शर्म उतारकर अलमारी में बंद कर दी थी। फिर ऐसे ही चलता रहा।
पापा को आये थोड़े दिन ही हुए थे के फिर पापा में थोड़े थोड़े कोरोना के लक्षण प्रकट होने लगे। जिस कारण पापा ने दुकान पर जाना बंद कर दिया और घर मे एक अलग कमरे में रहने लगे। पापा कमरे में सारा दिन या तो टीवी देखते रहते या फिर फोन पर शॉप का काम करते रहते और बाहर बहुत कम निकलते। हम वहीं पर पापा को खाना वगैरह दे देते। इस कारण अब हमें फिर से आजादी मिल गई थी। फिर तो मम्मी और बहन कपड़े पहनती तो पहनती वरना नंगी रहती या जो मन मे आता वो पहन लेती। पापा के घर मे होते हुए मैं मम्मी को हॉल में पकड़कर चोदने लग जाता। फिर कुछ दिनों के बाद जब पापा की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई तब भी पापा उसी कमरे में सोने लगे। फिर उसी कमरे में बहन भी सोने लगी। क्योंकि दिन में मौका देखकर मैं बहन की चुदाई कर देता था। फिर मैं और मम्मी पति पत्नी की तरह अलग कमरे में सोते और फिर खूब मजे करते। मम्मी बिल्कुल मेरी बीवी की तरह ही बनकर रहती और हमेशा मुझे खुश करने में ही लगी रहती। फिर एक दिन हमारे किसी दूर के रिश्तेदार का फोन आया। उनके यहां किसी की शादी थी तो हम सबको बुलाया था। उस शादी में जाना इतना भी जरूरी नहीं था। फिर पापा ने मम्मी को कहा के तुम्हे जाना है तो चली जाओ। मैं तो नहीं जा पाऊंगा। ये सुनकर मैं काफी खुश हो गया। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम जाने के लिए हाँ कर दो। इस बहाने हम गोआ चलेंगे हनीमून पर। फिर मेरी बात से मम्मी भी खुश हो गई और फिर उन्होंने पापा को शादी में जाने के लिए कह दिया। फिर मैंने जल्दी से गोआ की टिकट बुक की और फिर हम गोआ जाने की तैयारी करने लगे। बहन ने पैकिंग करने में हमारी हेल्प की। फिर हम एयरपोर्ट के लिए घर से निकले। तब पापा तो शॉप पर ही थे तो मम्मी घर से ही शॉर्ट ड्रेस पहनकर निकली। मम्मी ने आंखों पर गोगल लगा रखे थे और बाल खुले छोड़ रखे थे। तब मम्मी बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने एक कैब बुक की और उसे घर के पास की लोकेशन दी। फिर मैं मम्मी को लेकर घर की पिछली साइड से निकला और कैब तक चला गया। तब मम्मी ने ऐसी ड्रेस पहन रखी थी जो कि घुटनो से ऊपर तक थी और उनकी गौरी गौरी जाँघे दिख रही थी। कैब तैयार खड़ी थी तो हम एयरपोर्ट पहुंच गए। मम्मी तो पहचान में बिल्कुल भी नहीं आ रही थी के ये वो ही औरत है जो कि मेरे पापा की बीवी है। लेकिन मैं पहचाना जा सकता था तो मैंने मुंह पर रुमाल लपेट लिया। फिर हम फ्लाइट में बैठकर गोआ आ गए। मैंने होटल पहले ही बुक कर रखा था तो फिर हम सीधे होटल चले गए। हम दोपहर को गोआ पहुंचे थे। हम जरा भी टाइम वेस्ट नहीं करना चाहते थे। फिर हम जल्दी से रूम में कपड़े चेंज करके बीच पर चले गए। तब मम्मी ने एक बिकिनी पहनी और मैं सिर्फ हाफ पैंट में था। मम्मी का ये पहला मौका था जब वो इतने कम कपड़ो में इतने लोगो के सामने गई हो। लेकिन फिर भी मम्मी बिल्कुल भी नहीं शर्मा रही थी। हम समुंदर के पानी मे खेले कूदे और खूब मस्ती की। फिर हम वापिस आ गए। हम एक 7 स्टार होटल में ठहरे थे। जो कि काफी लक्ज़री था। वहां अंग्रेज भी आये हुए थे। फिर अगले दिन हम फिर से बीच पर गए और मम्मी सारा दिन सिर्फ बिकिनी में ही रही। फिर उस दिन शाम को हम एक क्लब में गए और वहां खूब डांस किया और थोड़ी दारू भी पी। फिर अगले दिन हम थोड़ा लेट उठे थे क्योंकि रात को हम देर से ही सोये थे। उस दिन मम्मी ने ऐसी पैंटी पहनी जिसमे से उनकी गांड साफ नजर आ रही थी। फिर जब वो लोगो के सामने गई तो वो लोगो का ध्यान खींच रही थी। मैंने मेरी और मम्मी की काफी फ़ोटो लिए और फिर वो बहन को भी सेंड किये। फ़ोटो देखकर वो भी काफी खुश हुई। मम्मी को ऐसे देखकर लंड खड़ा होना लाजमी था तो मैं समुंदर के किनारे मौका देखकर मम्मी की चुदाई कर लेता। होटल में एक पूल भी था जहां सब लोग नहाते रहते थे। मम्मी को स्विमिंग थोड़ी कम ही आती थी लेकिन फिर भी हम उस पूल में नहाते और फिर जाकर धूप में लेट जाते। फिर अगले दिन सुबह सुबह हम बीच पर घूमने गए तो हमने देखा के कुछ लेडीज ने अपने बोबो के निप्पल और चुत पर सिर्फ स्टीकर लगाकर घूम रही है। उन्होंने और कुछ भी नहीं पहना है। उन्हें देखकर मम्मी का भी मन किया तो फिर हमें वहीं बीच पर ही एक शॉप दिखी। जो कि तम्बू लगाकर ये सब चीजें बेच रहा था। फिर हम उस शॉप में गए और फिर मैंने भी मम्मी के लिए हार्ट शेप के स्टीकर लिए। जिन्हें मम्मी ने अपनी बिकिनी उतारकर उसी शॉप में ही अपने बोबो और चुत पर चिपका लिए। फिर ऐसे ही हम बीच पर घूमने लगे तो सब लोग हमें देखने लगे। फिर ऐसे ही मम्मी पूल में नहाने लगी। हम काफी देर तक पूल में नहाते रहे। फिर जब मम्मी नहा रही थी तो मम्मी के बोबो के स्टिकर तो कबके निकल चुके थे। मुझे इसका पता चल गया था लेकिन मैंने मम्मी को बताया नहीं। मम्मी अब ऊपर से नंगी हो चुकी थी। फिर मम्मी जब नहाकर पूल से बाहर निकली तो मैंने देखा के मम्मी की चूत का स्टीकर भी निकल गया और अब मम्मी पूरी नंगी पूल के बाहर खड़ी थी। लेकिन तब तक मम्मी को इसका बिल्कुल भी एहसास नहीं था। फिर मैने मम्मी को इशारे से नीचे देखने के लिए कहा तो मम्मी खुद को पूरी नंगी देखकर हंसने लगी। वहां तब 25-30 लोग थे और उनमें आधे से ज्यादा मर्द थे। मेरी मम्मी इतने लोगो के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। फिर वो लोग भी मम्मी को ऐसे देखकर हंसने लगे। फिर मम्मी अपने बोबो और चुत को अपने हाथों से छुपाकर कमरे की तरफ जाने लगी और मम्मी के पीछे पीछे में जाने लगा। इस कारण मम्मी उस दिन पूरे होटल में मशहूर हो गई। कमरे में जाते टाइम हर मर्द मम्मी को ही घूर रहा था। फिर जैसे ही हम कमरे में पहुंचे तो फिर हम चुदाई करने लगे। फिर इससे अगले दिन एक वेटर आया और उसने हमें बताया के हमें मैनेजर ने बुलाया है। फिर मम्मी ने एक सेक्सी सी बिकिनी पहनी और मैंने शॉर्ट्स। फिर हम ऐसे ही मैनेजर के पास जाने लगे। मैनेजर का आफिस होटल के आगे की तरफ था तो हम पूरा होटल घूमकर मैनेजर के आफिस में पहुंचे तो फिर मैनेजर ने हमसे कल जो हुआ उसके बारे में कहने लगा के होटल में न्यूडिटी स्वीकार्य नहीं है। फिर मैंने और मम्मी ने मिलकर उसे बताया के हमारा साथ ऐसा संयोग से हो गया था। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था। फिर मैनेजर बोला के ठीक है पर आगे से ध्यान रखिएगा। फिर हमने कहा के ठीक है। फिर हम वहाँ से वापिस आ गए। इसी बीच पापा का मम्मी के पा फोन आ गया। तब मम्मी बिकिनी में थी और बिकिनी भी थोड़ी नेट वाली थी। जिसमे की मम्मी की थोड़ी थोड़ी गौरी गांड दिख रही थी। फिर मम्मी ऐसे ही चलते हुए बात करने लगी। पापा हमसे वापिस आने का पूछ रहे थे तो फिर मम्मी ने कहा के कल आ जाएंगे। फिर हम वापिस कमरे में आ गए। फिर हमने खाना कमरे में आर्डर कर लिया। जब वेटर खाना लेकर आया तो वो सीधा ही अंदर आ गया। तब मैं मम्मी को चोद रहा था। फिर वेटर भी ये सब देखने लगा। फिर इतने में मैं झड़ गया तो फिर मम्मी तो बाथरूम में चली गई और मैं नंगा ही वेटर के पास चला गया। फिर वेटर मुझसे हंसकर बोला के आपकी गर्लफ्रैंड बहुत मस्त है। ये सुनकर मैं भी हंसने लगा। फिर वेटर चला गया और फिर मम्मी आई तो मैंने ये बात मम्मी को बताई तो फिर वो भी ये सुनकर हंसने लगी। फिर खाना खाकर हमने कुछ देर आराम किया और फिर शाम को बीच पर चले गए। शाम का टाइम था हम बीच पर घूमते घूमते थोड़ा दूर निकल गए तो फिर मम्मी नंगी होकर बीच पर घूमने लगी। फिर मम्मी मुझसे बोली के मैं आज बहुत खुश हूँ। मुझे इतनी खुशी देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। फिर वो मेरे गले लग गई। फिर वो बोली के ये दिन मेरी जिंदगी के बहुत अच्छे दिनों में से है। इसके लिए मैं हमेशा तुम्हारी आभारी रहूंगी। फिर जब रात हो गई तो हम वापिस आ गए। फिर अगले दिन सुबह सुबह ही हमारी फ्लाइट थी तो हम वापिस आ गए। हमें आते आते 11 बज चुके थे। फिर मैंने बहन से फोन करके पूछा के पापा घर पर है या नहीं तो वो बोली के नहीं है। फिर मैं मम्मी को लेकर पिछले गेट से घर आ गया। फिर घर आकर मम्मी ने पापा को फोन कर दिया के हम घर पहुंच चुके है। फिर पापा बोले के ठीक है शाम को मिलते है। फिर हमने और मम्मी ने बहन को सब कुछ बताया जो भी हमने गोआ में किया। वो सब सुनकर बहन भी काफी खुश हुई।
मम्मी ने खुद को पूरे तरीके से मेरी बीवी मान लिया था। हम दोनों एक दूसरे को काफी प्यार करने लगे थे। अब बहन मेरी साली थी तो अब वो भी मम्मी के सामने मेरा लंड पकड़ लेती और सहलाने लग जाती। मैं भी उसके बोबो को सहलाता और उसकी चुत में उंगली कर देता। ये सब देखकर मम्मी मुस्कुराने लगती। फिर एक दिन रात को मैं मम्मी को चोद रहा था। फिर मम्मी तो कई बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं नहीं झड़ पाया था। तब बहन भी हमारे साथ नंगी लेटी थी और अपनी चुत सहला रही थी। फिर मम्मी बोली के इसे कभी न कभी किसी का लंड लेना ही पड़ेगा। क्यों ना आज ही ले ले। तू इससे कर ले। पर आराम से करना। फिर मैंने मम्मी को डिल्डो दिखाते हुए बोला के ये इतना बड़ा डिल्डो ले सकतीं है तो मेरा लंड आराम से ले लेगी। फिर मैं बहन के ऊपर आ गया और उसकी चुत में लंड डालने लगा। मम्मी की आंखों के सामने मैंने पूरा लंड बहन की चुत में उतार दिया। फिर उसकी चुदाई करने लगा। फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर भी चोदा। इस प्रकार उस दिन के बाद से मैं बहन की खुलकर चुदाई करने लगा। अब मम्मी काफी खुल चुकी थी। जब पापा घर पर होते तब मैं और मम्मी पापा की पीठ पीछे एक दूसरे को काफी गन्दे इशारे करते रहते। मम्मी अपने होंठों को अपने दांतों से काटती और फिर मुस्कुराने लग जाती। मम्मी नाइटी पहने होती तो वो कभी कभी नाइटी से अपना एक बूब बाहर निकाल लेती और कभी कभी तो नाइटी उठाकर मुझे अपनी गांड दिखा देती। ये सब देखकर मैं काफी गर्म हो जाता। फिर जब मम्मी किचन में होती तो मैं किचन में जाकर मम्मी के पीछे से चिपक जाता और फिर अपना लंड मम्मी की गांड में रगड़ता रहता। हम ऐसा तब तक करते रहते जब तक कि कोई हमें देखने वाला न हो। पापा हॉल में बैठे बैठे अपना काम करते रहते और हम ऐसे मजे करते रहते।
बहन की मैं मम्मी के सामने काफी बार चुदाई कर चुका था। इस कारण फिर मुझे और मम्मी को पूरा यकीन हो चुका था के बहन अब दुसरो से चुदाई के मजे लेने के लिए तैयार है। फिर मम्मी ने बहन से कहा के वो अब किसी को भी अपना बॉयफ्रेंड बनाकर उससे चुदवा सकती है पर ध्यान से। बहन को मम्मी ने कई बातें समझाई। फिर बहन अपने किसी फ्रेंड के यहां रहने चली गई। फिर कुछ दिन बाद उसका फोन आया तो उसने कहा के उसका एक बॉयफ्रेंड बन गया है और वो जल्दी ही उससे चुदवा भी लेगी। इस तरह बहन भी अपनी लाइफ अपने तरीके से जीने लगी। बहन के जाने के बाद भी मैं और मम्मी अलग कमरे में ही सोते और रात को मम्मी मेरे लंड पर बैठकर खूब मजे करती। पापा भी अक्सर काम की वजह से कहीं न कहीं जाते रहते थे। इस कारण मुझे और मम्मी को चुदाई करने के लिए काफी टाइम मिल जाता था। इस तरह मेरी और मम्मी की शादीशुदा जिंदगी काफी खुशहाल थी। हमारी शादी को 2 महीने हो चुके थे। फिर एक दिन मम्मी ने मुझसे कहा के वो हम दोनों की प्यार की निशानी चाहती है। यानी के वो मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती है। ये सुनकर मैं थोड़ा हैरान हुआ और पूछा के ये कैसे होगा। अगर किसी को पता चल गया तो। फिर मम्मी बोली के वो मुझे कुछ नहीं पता। मैं तो बस तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं। मम्मी तब लगभग 45 साल की हो चुकी थी और मम्मी को पीरियड्स वगैरह नॉर्मल आते थे। फिर मैंने बहन को घर पर बुलाया और फिर उसे सारी बात बताई। फिर हम तीनों मिलकर विचार करने लगे। फिर बहन बोली के पहले किसी डॉक्टर की सलाह लेते है। बहन की ये बात मुझे अच्छी लगी तो फिर मैं मम्मी को लेकर एक डॉक्टर के पास ले गया और फिर उसने मम्मी का चेकअप किया और रिपोर्ट 2-3 दिन बाद देने के लिए कहा। फिर मैं रिपोर्ट लेने के लिए कहा तो डॉक्टर बोली के मम्मी मां बन सकती है। अभी भी वो इस लायक है। ये सुनकर मैं खुश हुआ। फिर जब घर आकर ये बात मैंने मम्मी को बताई तो वो तो खुशी से झूम उठी। बहन भी खुश हुई ये सुनकर।
फिर मम्मी ने एक प्लान बनाया। मम्मी ने मुझसे और बहन से कहा के तेरे पापा अब भी कई बार मेरी चुदाई करते है। तू पहले मुझे प्रेग्नेंट कर देना फिर मैं तेरे पापा से कर लूँगी। फिर मैं तेरे पापा से कह दूंगी के मैं प्रेग्नेंट हो गई हूं। फिर वो अगर एबॉर्शन के लिए कहेंगे तो फिर तुम दोनों भाई बहन मिलकर उन्हें मना लेना। इस तरह मैं आसानी से बच्चे को जन्म दे सकती हूँ। मम्मी का ये प्लान सुनकर तो मैं और बहन थोड़े हैरान हुए। मम्मी का जवाब नहीं था। मम्मी ने क्या प्लान बनाया था। पर ये प्लान कितना काम करेगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता था। लेकिन फिर भी हमें ये प्लान सही लग रहा था। फिर हमने इस।प्लान पर काम करना शुरू कर दिया।
मैं अब मम्मी की चुदाई के टाइम सारा पानी मम्मी की चुत में डालने लगा। लगातार कई दिनों तक ऐसे करने के बाद मम्मी को पीरियड नहीं आये तो मुझे और मम्मी को पता लग गया के वो प्रेग्नेंट हो चुकी है। फिर मैं मार्किट से प्रेगनेंसी किट लेकर आया तो फिर उससे चेक किया तो उससे बिल्कुल क्लियर हो गया के मम्मी प्रेग्नेंट है। फिर मम्मी काफी खुश हुई और मैं भी काफी खुश हुआ। अब इसके बाद सारा मम्मी पर डिपेंड था। फिर मम्मी घर मे थोड़ी सेक्सी ड्रेस और नाइटी पहनने लगी और पापा को रिझाने की कोशिश करने लगी। फिर मैंने मम्मी को वियाग्रा की टेबलेट दी जो कि मम्मी पापा को देने लगी। जिससे पापा का लंड खड़ा रहने लगा। फिर रात को मम्मी पापा को दूध देने गई तो पापा ने खुद मम्मी को पकड़ लिया और फिर मम्मी की चुदाई करने लगे। चुदाई के बाद मम्मी पापा के लंड का पानी अपनी चुत में डलवा लेती। फिर ऐसा कई दिनों तक चलता रहा। मैं रोज उनकी चुदाई देखता। पापा रात में नींद वाली टेबलेट लेते थे तो उन्हें नींद आ जाती थी। लेकिन उनका लंड फिर भी खड़ा रहता था और मम्मी उनके लंड पर बैठकर उछल कूद करती रहती। बहन भी तब घर पर थी तो हम दोनों उनकी चुदाई देखते और अपने लंड और चुत को सहलाते।
फिर एक बार पापा तो सो चुके थे और मम्मी उनके पास बैठी बैठी उनका लंड हिला रही थी। मैं कमरे के बाहर नंगा ही खड़ा रहता था क्योंकि पापा से चुदाई के बाद मम्मी कमरे से बाहर हॉल में आ जाती तो फिर मैं हॉल में मम्मी की चुदाई करता। फिर मैं कमरे के अंदर चला गया तो फिर मम्मी खड़ी होकर मेरे पास आ गई तो मैं मम्मी के बोबो को सहलाते हुए मम्मी से पापा के ऊपर घोड़ी बनने के लिए कहा तो मम्मी ने वैसे ही किया। तब पापा का खड़ा लंड मम्मी की चुत से टकरा रहा था तो मम्मी ने लंड अपनी चुत में डाल लिया। फिर पीछे से जाकर मैने लंड मम्मी की गाँड में डाल दिया। अपनी चुत और गांड में दोनो में लंड पाकर मम्मी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिर वो मजे से चुदवाने लगी। फिर बहन भी कमरे में आ गई और हमे देखकर अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मैंने लंड गाँड से निकालकर मम्मी की चुत में डाल दिया। अब चुत में मेरे और पापा दोनो का लंड था। जिससे मम्मी और ज्यादा गर्म हो गई। फिर मैं मम्मी की चुत में ही झड़ गया और फिर मैं वहीं साइड में लेट गया और मम्मी मेरे और पापा के बीच लेट गई और फिर हम दोनों का लंड सहलाने लगी। फिर मम्मी तो वही सो गई और मैं और बहन दूसरे कमरे में आ गए। फिर बहन ने मेरा लंड चूसकर फिर से खड़ा कर दिया तो फिर मैं उसकी चुदाई करने लगा और फिर हम भी सो गए। मम्मी को एक साथ दो लंड लेने में काफी मजा आया था। फिर कुछ दिनों तक मम्मी ऐसे ही मेरे और पापा का लंड लेती रही और मजे करती रही। फिर एक दिन चुदाई के बाद बहन मम्मी के पास आकर लेट गई। फिर उसने मम्मी को पापा का लंड सहलाते देखा तो फिर उसने भी पापा का लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर ने पापा का लंड सहलाना छोड़ दिया और वो मुझसे चिपक कर लेट गई और उधर बहन पापा से चिपक कर लेट गई और साथ मे उनका लंड सहला ही रही थी। ये पहली बार था जब हम सब एक साथ एक बेड पर नंगे लेटे हुए थे। मम्मी के विचार अब चुदाई के मामले में काफी बदल गए थे। जिस कारण उसने बहन को कुछ नहीं कहा। फिर मम्मी मेरा लंड चूसने लगी। फिर बहन भी पापा का लंड चूसने लगी। फिर मेरा लंड खड़ा हो गया तो मम्मी मेरे लंड पर बैठकर ऊपर नीचे होने लगी। उधर बहन भी पापा का लंड चुत में लेकर उनके ऊपर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। वो दोनों माँ बेटी मेरे और पापा के लंड से पूरे मजे ले रही थी। फिर मैं झड़ गया तो फिर मम्मी बहन को देखने लगी। फिर बहन झड़ गई तो फिर वो पापा के लंड से नीचे उतर गई। फिर मम्मी ने पापा को कपड़े पहनाये और फिर हम तीनों दूसरे कमरे में जाकर सो गए। उस दिन के बाद से बहन अब पापा से ज्यादा नहीं शर्माती थी। बहन ने घर मे अब और शॉर्ट्स अब और शार्ट पहनने लगी। फिर बहन और उसकी कुछ फ्रेंड अपने बॉयफ्रेंड के साथ गोआ घूमने गई और पापा को बताया के वो सिर्फ अपनी फ्रेंड के साथ गई है। वहां बहन ने बिकिनी में काफी फ़ोटो खिंचवाई। फिर जब वो फ़ोटो पापा ने देखी तो पापा वैसे तो कुछ नहीं बोले और ऊपर से मम्मी ने भी कह दिया के अरे आजकल की लड़कियां ऐसे कपड़े पहनती है। फिर तो पापा कहते ही क्या। फिर बहन घर पर ही ऐसी शार्ट ड्रेस पहनती के वो बस बिकिनी टाइप की ही होती है। फिर तो बहन व्हाट्सएप्प स्टेटस भी ऐसे कपड़ो में ही लगाने लगी। फिर भी पापा ने कुछ नहीं कहा। वैसे भी बहन पापा की परी थी तो वो पापा को किसी भी काम के लिए आसानी से मना लेती थी।
मम्मी तो प्रेग्नेंट हो ही चुकी थी ये बात मम्मी पापा को कुछ दिन बाद बताने वाली थी। लेकिन मेरी और मम्मी की चुदाई पहले की तरह ही चल रही थी। बल्कि और ज्यादा वाइल्ड हो गई थी। मम्मी अब मेरी बीवी थी तो मेरा जैसे मन करता मैं वैसे मम्मी की चुदाई करता। मम्मी की गाँड थप्पड़ों से लाल कर देता। जिससे मम्मी को काफी दर्द होता और उनकी आंखों से आंसू भी आ जाते। लेकिन फिर भी मैं उन्हें नहीं छोड़ता। मेरा पूरा लंड उनके गले तक डाल देता और फिर कुछ देर तक अंदर ही रखता। मम्मी के हाथ पैर बांधकर मम्मी के निप्पल को ऐसे जोर से मरोड़ता के मम्मी की चीख निकल जाती। मम्मी को घंटो तक मुर्गी बनाकर रखता और साथ मे गाँड मारता। मम्मी को घण्टो तक एक पैर पर खड़ा रखता। वो अब मेरी गुलाम थी तो वो मुझे कुछ नहीं कहती थी। इस प्रकार मैं बिस्तर में मम्मी की पूरी कसरत करवाता था। फिर मैंने एक वाइब्रेटर मंगवाया जो कि रिमोट से चलता था। फिर हर रोज मम्मी सुबह उठते ही वो वाइब्रेटर अपनी चुत में डाल लेती और घर के काम करने लगती। फिर मैं रिमोट से वाइब्रेटर की स्पीड घटाता बढ़ाता रहता। जिससे कि मम्मी को काफी मजा आता और वो हरदम मूड में ही रहती। फिर मेरा मन करता तब मैं उन्हें पटक कर चोद देता। कहीं न कहीं मम्मी को भी ये सब पसंद था। एक दिन तो मैंने मम्मी की गाँड पर बेल्ट से मारा। जिससे मम्मी की हालत पतली हो गई। लेकिन फिर भी मम्मी ने मुझसे कुछ नहीं कहा। इस कारण मैं मम्मी को और ज्यादा प्यार करने लगा।
फिर मम्मी ने प्रेगनेंसी के बारे में पापा को बताया तो पापा काफी टेंशन में आ गए। फिर पापा और मम्मी के बीच थोड़ा झगड़ा हो गया और फिर बात धीरे धीरे मेरे और बहन के पास आ गई। फिर प्लान के मुताबिक बहन ने पापा को समझाया और मैंने मम्मी को। कुछ दिन तो घर का माहौल काफी उदास उदास रहा। लेकिन फिर पापा ने इस होने वाले बच्चे को स्वीकार कर लिया। फिर धीरे धीरे माहौल सामान्य हो गया। पापा ने एबॉर्शन के लिए भी कहा लेकिन फिर मम्मी ने मना कर दिया और वो बोली के मैं इस बच्चे को जन्म दूंगी। फिर हम सभी ये अनुमान लगाने लगे के लड़का होगा या लड़की। मैं और बहन काफी हंसी मजाक करते और फिर हम सब पहले की तरह ही रहने लगे। फिर मैं ही मम्मी को चेकअप के लिए डॉक्टर के पास ले गया और डॉक्टर ने सब सही बताया। फिर मम्मी मेरे गले लगकर बोली के भगवान ने भी हमारे प्यार को स्वीकार कर लिया है। फिर ऐसे ही दिन निकलने लगे। इस घटना के बाद तो हम थोड़ा और खुल गए।
बहन सुबह सुबह एक्सरसाइज करती थी तो एक दिन जब मैं और मम्मी कमरे से निकले तो हमने देखा के वो एक्सरसाइज करने जा रही थी। तब उसने ऊपर ब्रा और नीचे शार्ट पेंट पहन रखी थी। फिर कुछ देर बाद पापा एक्सरसाइज करने गए तो उन्होंने बहन को कुछ नहीं कहा और अपनी एक्सरसाइज़ करने लगे। वैसे भी कहते भी क्या उन्होंने बहन को बिकिनी में देखा ही था। फिर तो बहन रोज ही ऊपर ब्रा पहनने लगी और फिर एक दिन तो उसने हद ही कर दी और पैंटी पहनकर एक्सरसाइज करने लगी। जिसमे से उसकी साइड से थोड़ी थोड़ी गांड भी दिख रही थी। फिर उसने मम्मी को भी ये सब पहनाना शुरू करवा दिया। मुझे तो अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। वो दोनों माँ बेटी घर मे पापा के सामने ब्रा पैंटी पहनकर एक्सरसाइज़ करती और फिर ऐसे ही घूमती रहती। मम्मी के तो बॉबे बड़े थे तो उनके आधे से ज्यादा बॉबे दिखते रहते और उनकी बड़ी गांड भी पैंटी में नहीं समा पाती थी। फिर बस इसी तरह चलता रहा।
मम्मी की प्रेगनेंसी के दो महीने पूरे होने वाले थे। तो अभी तक मैं मम्मी की चुत की खूब चुदाई करने लगा। क्योंकि अब तो पता नहीं कितने टाइम बाद मम्मी की चुत चोदने को मिले। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था के मम्मी मेरे बच्चे की मां बनने वाली है। मम्मी इस सबसे काफी खुश थी। अब सब कुछ उनकी मर्जी से ही हो रहा था। मम्मी अब पहले से ज्यादा खुश और खिली खिली रहने लगी थी। ये सब कुछ शायद चुदाई का कमाल था। बहन भी अब अपने बॉयफ्रेंड के साथ बिजी रहती और उससे खूब चुदवाती। घर पर भी मैं उसकी चुदाई करता। हम घर पर काफी मस्ती करते। सुबह सुबह पापा तो अपनी हल्की फुल्की एक्सरसाइज करके चले जाते तो फिर बहन अपनी ब्रा पैंटी खोलकर साइड में रख देती और फिर बिल्कुल नंगी होकर एक्सरसाइज करती। इसी तरह मम्मी भी नंगी हो जाती। फिर जब पापा अपने कमरे में शॉप पर जाने के लिए तैयार हो रहे होते तो वो नंगी ही अपने अपने कमरों में चली जाती। उन्हें पापा से बिल्कुल भी डर नहीं लगता था। पापा कुछ देर के लिए ध्यान में बैठते है तो फिर जब वो ध्यान में बैठे होते तब बहन और मम्मी ब्रा से अपने बॉबे बाहर निकाल लेती और फिर ऐसे ही एक्सरसाइज करती रहती। ये देखकर मुझे काफी हंसी आती। कई बार तो बहन पापा के पीछे जाकर पूरी नंगी हो जाती और फिर वो ऐसे ही पापा की तरह नीचे बैठकर ध्यान करने लगती। पापा का ध्यान लगभग आधे घंटे तक का होता। फिर वो इससे पहले ही अपनी ब्रा पैंटी वापिस पहन लेती। उसे ऐसे करने में काफी मजा आता।
बहन काफी शरारती है। वैसे मम्मी भी काफी नटखट है। वो अभी हर रात को मुझे शार्ट ड्रेस पहनकर अपनी और आकर्षित करती है और फिर मैं उसकी जमकर चुदाई करता हूँ। ऐसे करते करते मम्मी के 4 महीने पूरे हो गए और उनका पेट काफी हद तक बाहर निकल आया था। जिस वजह से मैं अब मम्मी को घोड़ी बनाकर ही चुदाई करता था। वो घोड़ी बनाकर एक हाथ अपने पेट पर रख लेती ताकि मेरे धक्कों से पेट ज्यादा हिले ना। वो अब दिन प्रतिदिन काफी सेक्सी होती जा रही थी। फिर एक दिन डॉक्टर के पास जाने के लिए मम्मी तैयार हुई तो वो काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर वो सलवार खोलकर घोड़ी बन गई तो मैं मम्मी की गाँड मारने लगा। फिर झड़ने वाला हुआ तो फिर मैंने लंड चुत में डाल दिया और फिर झड़ गया। फिर मम्मी ने भी वैसे ही कपड़े पहन लिए। फिर हम जब डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने चेक करने के लिए मम्मी की सलवार उतरवाई तो उन्हें सब पता चल गया। फिर उन्होंने हमें सेक्स करने के लिए बिल्कुल मना कर दिया। मैं मम्मी को दिखाने जाता तो मैं खुद को मम्मी का पति ही बताता। डॉक्टर ने मम्मी की चुत पर मेरा दिया हुआ गिफ्ट पहने हुए देखा तो डॉक्टर ने उसे उतारने के लिए कहा। लेकिन मम्मी ने उतारने से बिल्कुल मना कर दिया।
फिर ऐसे ही दिन निकल रहे थे तो एक दिन मेरी नानी यानी मेरी मम्मी की मम्मी का फोन आया। तो मम्मी ने नानी को सब बता दिया। फिर नानी ने पहले तो मम्मी को थोड़ा डांटा। फिर उस दिन के बाद नानी रोज मम्मी से बात करने लगी। फिर एक दिन नानी ने मम्मी को अपने पास आने के लिये कहा और डिलीवरी वहीं करने के लिए कहा। फिर नानी बोली के अगर लड़का होगा तो मैं रख लूँगी। मैं बता दूँ के नानी के कोई लड़का नहीं था यानी मेरे कोई मामा नहीं है। मम्मी को इसमें कोई एतराज नहीं था। फिर ये बात मम्मी ने पापा को भी बताई। फिर पापा भी काफी खुश हुए। फिर वो बोले के अगर लड़का हुआ तो वो उसे कभी कभी मे यहां भी ले आएंगे और लोगो से कह देंगे के हमारे किसी रिश्तेदार का लड़का है और वहां डिलीवरी होगी तो किसी को कानो कान खबर भी नहीं होगी। पापा की बात सुनकर मम्मी बहुत ज्यादा खुश हुई। फिर उस दिन रात को हम दोनों छत पर टहल रहे थे तो मम्मी मेरे गले लगकर बोली के अब मुझे पूरा यकीन हो गया हैं के भगवान ने हमारे प्यार को स्वीकार कर लिया है। फिर मम्मी मेरी तरफ देखने लगी और फिर हम लिप किस करने लगे। मेरा लंड खड़ा हो चुका था। फिर पहले तो मम्मी नीचे बैठकर लंड चूसने लगी। काफी देर चूसने के बाद भी मैं नहीं झड़ा तो फिर मम्मी घोड़ी बन गई तो फिर मैं मम्मी की गांड मारने लगा और फिर थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया।
हम कुछ दिन के बाद नानी के यहां जाने वाले थे। अब घर का माहौल काफी बदल गया था। मम्मी का पेट अब काफी बाहर निकल आया था। मम्मी अब ब्रा और नीचे बस पैंटी ही पहनती। ब्रा तो बस नाम की ही होती थी मम्मी के बॉबे तो ऐसे ही दिखते रहते थे। एक बार मम्मी ने नेट वाली पैंटी पहनी तो उसमें से पीछे से मम्मी की गाँड बिल्कुल साफ दिख रही थी। फिर उस दिन ने किसी ने मम्मी को कुछ नहीं कहा। अब सबका ध्यान मम्मी के होने वाले बच्चे पर था। मैं और बहन पूरा दिन मम्मी के आसपास ही घूमते रहते और मम्मी के पेट को छूकर देखते। पापा भी मम्मी के पेट को छूकर देखते और कभी कान लगाकर देखते। इस प्रकार हम सब ही काफी उत्साहित थे।
कुछ भी कपड़े पहनने की खुली छूट का पूरा फायदा तो बहन ही उठा रही थी। एक दिन बहन जब कमरे से निकली तो उसने बहुत ही सेक्सी बिकिनी पहन रखी थी। उसे ऐसे देखकर तो किसी बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाये। फिर उसे ऐसे देखकर मैं उसे वापिस कमरे में ले गया और उससे दूसरी बिकिनी पहनने के लिए कहा। वैसे वो कई दिनों से जो मन मे आता वो बिकिनी पहन लेती और पूरे घर मे मॉडल बनकर घूमती रहती। फिर मैंने कहा के तुझे पापा ऐसे देखेंगे तो क्या कहेंगे। फिर बहन हंसकर बोली के कुछ नहीं कहेंगे। मैंने कहा के क्या मतलब कुछ नहीं कहेंगे। फिर वहां मम्मी भी आ गई। फिर बहन बोली के कई दिनों से मैं पापा के साथ सो रही हूँ। कल रात तो मैं थोंग पैंटी पहनकर सोई थी। फिर मैंने कहा के उस पैंटी में तो तुम्हारी गाँड साफ दिख रही होगी। फिर बहन बोली के हाँ और ब्रा भी नेट वाली थी। जिसमे से मेरे बूब के निप्पल को छोड़कर बाकी सब दिख रहे थे। फिर मम्मी ने पूछा के तो तुझे ऐसे देखकर तेरे पापा ने तेरे साथ कुछ शरारत नहीं कि। फिर बहन मुस्कुराकर बोली के अभी तक तो नहीं कि और आगे भी नहीं करेंगे शायद। मैं उनसे चिपक कर सोई थी तब भी उनके हाथ बस मेरी कमर पर थे। बाकी कहीं भी उन्होंने मुझे टच भी नहीं किया। उनका लंड भी शांत ही था। बस उन्होंने मेरी गालों पर किस किये और रात को सोते टाइम उनका मुँह मेरी छाती पर आ गया था तो फिर मैं उनका मुँह अपने दोनों बोबो के बीच करके सो गई। फिर सुबह भी मैंने कई बार उन्हें गले से लगाया। फिर भी कुछ खास नहीं हुआ। फिर बहन की बात सुनकर मैं और मम्मी एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे और हम फिर कमरे से बाहर आ गए। फिर पापा जब अपने कमरे से बाहर आये तो बहन उनके सामने बिना किसी शर्म के घूमने लगी। वो पापा की लाडली है तो बस पापा से चिपकी ही रहती है।
अब ऐसे इन कपड़ो में भी पापा ने उसे कुछ नहीं कहा तो और फिर कहते ही क्या। लेकिन बहन को ऐसे देखकर मैं तो काफी गर्म हो गया था। फिर उस दिन ऊपर छत पर ले जाकर मैंने बहन को कई बार चोदा। फिर कुछ दिन बहन ने मुझे और मम्मी को बताया के एक दिन रात को मैं अपनी ब्रा खोलकर पापा से चिपक कर सो गई। फिर रात को पापा ने मुझे ऐसे देखा तो फिर पापा ने मुझे ब्रा पहनाई और फिर वो मेरी ब्रा के हुक बन्द कर रहे थे तब मुझे जाग आ गई। फिर मैं उठकर बैठ गई तो फिर वो बोले के तुम्हारी ब्रा के हुक खुल गए थे। फिर मैं पीछे की तरफ हाथ करके हुक बन्द करने लगी। लेकिन तब मैं थोड़ी नींद में थी तो मुझसे हुक बन्द नहीं हो रहे थे तो फिर पापा ने ही हुक बन्द किये। फिर बहन बोली के कोई और मर्द होता तो मुझे चोद देता। फिर इसके बाद तो बहन की हिम्मत और बढ़ गई। फिर उससे अगले दिन तो बहन थोंग पैंटी पहनी और हम सबके सामने वो ऐसे ही घूमने लगी। तब उसकी गांड पूरी की पूरी दिख रही थी। लेकिन किसी ने उसे कुछ नहीं कहा। हम सब नॉर्मल ही रहे। फिर बहन फिर से शार्ट ड्रेस पहनने लगी। क्योंकि अब बहन को खुद को ऐसे कपड़ो में शर्म आने लगी थी। पापा चाहे कुछ न कहे लेकिन फिर भी थोड़ी शर्म तो करनी ही चाहिए। लेकिन बीच बीच मे बहन बिकिनी वगेरह पहन लेती थी।
मम्मी का पेट बाहर निकल गया था इस कारण मम्मी को कोई भी कपड़े फिट नहीं हो रहे थे। इस कारण मम्मी की तो ब्रा पैंटी में रहना मजबूरी थी। फिर एक दो बार मैंने पापा के सामने मम्मी से और कपड़े लाने के लिए पूछा तो मम्मी ने सीधे सीधे मना कर दिया। फिर मैंने मम्मी से नेट वाली ब्रा पैंटी पहनने को कहा तो फिर मम्मी ने मेरे कहने पर नेट वाली ब्रा पैंटी पहनी। जिसमे से मम्मी के बॉबे और गांड साफ दिख रही थी। पापा भी अब क्या कहते। कुलमिलाकर बात ये थी के मम्मी और बहन ने घर पर तहलका मचाया हुआ था। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। एक बार मम्मी बाथरूम में नहा रही थी तो मम्मी बाथरूम से नंगी बाहर हॉल में आ गई और साथ मे छिपकली छिपकली चिल्ला रही थी। फिर पापा बाथरूम में छिपकली देखने चले गए और बहन दूसरे कमरे से मम्मी के लिए टॉवल लाने चली गई। अब हॉल में मैं और मम्मी ही बचे थे। तो मैं मम्मी के बोबो को सहलाने लगा। फिर इतने में बहन टॉवल लेकर आ गई तो मम्मी ने टॉवल नीचे बांधने लगी। तब मैं साइड में हो गया था। फिर पापा भी आ गए तो तब मम्मी टॉवल लपेट ही रही थी और ऊपर से अभी भी नंगी ही थी। फिर हम सब छिपकली के बारे में बात करने लगे और मम्मी टॉवल को अपनी बॉडी पर सेट करने लगी। उस दिन मम्मी हम सबके सामने काफी देर नंगी रही और अपने बदन के पूरे दर्शन करवाएं। जिस कारण मैं गर्म हो गया तो फिर पापा के शॉप पर जाने के बाद मैंने मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदा।
मम्मी प्रेग्नेंट थी तो अब लगभग मैं घर पर ही रहता था और पापा सुबह जल्दी चले जाते शॉप पर और शाम को देर से ही आते। इस कारण हमें मस्ती करने का काफी टाइम मिल जाता था। मुझे, मम्मी और बहन को थोड़ा थोड़ा एहसास हो रहा था के जब से मम्मी प्रेग्नेंट हुई है तब से पापा अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है। लेकिन जो हो रहा था अच्छा ही हो रहा था। सर्दियाँ आ गई थी तो मैं और मम्मी नंगे होकर रजाई में सोते। मम्मी प्रेग्नेंट थी तो मैं ज्यादा तो कुछ नहीं कर पाता था लेकिन मम्मी की गांड जरूर मार लेता था। उधर बहन पापा के साथ सोती थी तो बहन पापा के सो जाने के बाद नंगी होकर सो जाती थी। फिर बहन कई बार नंगी ही हमारे कमरे में आ जाती। फिर मैं और बहन जमकर चुदाई करते। सर्दी के दिन थे लेकिन फिर भी बहन रात को नंगी घूमती थी और मम्मी भी पानी पीने किचन में नंगी ही चली जाती। मम्मी कहती के मुझे जरा भी ठंड नहीं लगती है। बहन का भी यही कहना था। कई बार रात को बहन हमारे साथ ही सो जाती तो हम तीनों एक ही रजाई में सोते और खूब मस्ती करते।
डॉक्टर ने मम्मी को सुबह सुबह वाक करने की सलाह दी थी तो मैं और मम्मी सुबह जल्दी उठकर वाक पर जाने लगे। हम आराम आराम से चलकर गलियों में घूमते रहते। घर के आसपास कोई पार्क वगेरह नहीं था। लोग सुबह से ही गलियों में घूमने लग जाते थे इस कारण हमें करने का कोई मौका नहीं मिल पाता था। बस हम आपस मे बात करते रहते और हंसते हंसते घूमते रहते। फिर एक घंटा घूमने के बाद घर आ जाते। घर आने के बाद हम एक्सरसाइज करते। मम्मी प्रेग्नेंट थी तो अब घर का सारा काम बहन करने लगी थी। मम्मी उसे बस थोड़ी बहुत हेल्प करवा देती थी। पापा सुबह शॉप पर जाते तो बहन पापा के गले लगती और जब पापा शाम को आते तब भी बहन उनके गले लगती। पापा बहन से बहुत प्यार करते थे और उसे अभी तक बेटी की नजर से ही देख रहे थे और इस बात का पूरा फायदा बहन उठा रही थी। रात को बहन पापा के साथ सोती तो वो या तो ब्रा पैंटी पहनकर सोती या शॉर्ट्स पहनकर सोती। बहन पापा का मुंह अपनी छाती में घुसा लेती थी और अब पापा को भी ऐसा करना अच्छा लगने लगा था। फिर बहन एक बार टीशर्ट पहनकर सोई थी तो उसने अपनी टीशर्ट ऊपर कर ली और अपने दोनों नंगे बोबो के बीच पापा का मुँह डाल लिया। फिर जब सुबह उठे तो बहन सीधी सोई थी और उसके दोनों बूब दिख रहे थे। फिर पापा ने उसकी टीशर्ट नीचे की और उसके बूब ढक दिए। तब बहन जाग ही रही थी पर वो सोने का नाटक कर रही थी। इसी प्रकार बहन एक बार ब्लैक कलर की बिकिनी पहनकर सोई। वो बिकिनी डोरी वाली थी तो उसने रात को ब्रा की डोरी ढीली कर दी और फिर पूरा ही ब्रा को निकालकर साइड कर दिया। अब वो सिर्फ पैंटी में थी। फिर पूरी रात तो पापा बहन से चिपक कर लेटे रहे और फिर सुबह जब पापा उठे तो फिर वो बहन की ब्रा ढूंढने लगे। फिर जब पापा को ब्रा मिल गई तो इतने में बहन को जाग आ गई और वो उठकर बैठ गई। फिर उसने देखा तो सामने पापा उसकी ब्रा हाथ मे लेकर बैठे थे। फिर बहन ने पापा के हाथ से अपनी ब्रा ली और फिर पहनने लगी। फिर पापा ने पीछे से उसकी ब्रा की डोरी बांध दी। इस प्रकार बहन तो अपने कपड़े उतारने की कोशिश में लगी रहती और पापा उसे पहनाने में। बस ऐसा ही चल रहा था उन दोनों के बीच।
अब तो ऐसा हाल हो चुका था के बहन जो भी करती और जो भी पहनती उस पर पापा काफी ध्यान रखते लगे थे। बहन भी पापा के गले मे हाथ डालकर पापा से ऐसे चिपकी रहती जैसे वो उनकी गर्लफ्रैंड या बीवी हो। अब वो पापा को रात को नींद की गोली नहीं देती थी बल्कि पापा को परेशान करने के लिए उन्हें वियाग्रा की गोली दे देती। जिस कारण पापा का लंड खड़ा रहता और वो फिर उस रात बहन से चिपक कर नहीं सोते। उधर बहन जबरदस्ती पापा से चिपक कर सोने की कोशिश करती। इस प्रकार बहन पापा के मजे लेती। फिर जिस दिन बहन का मूड होता तो वो उस दिन पापा को नींद की गोली दे देती। जिस कारण उन्हें तो नींद आ जाती पर उनका लंड जाग रहा होता। फिर बहन खुद नंगी हो जाती और पापा को भी नंगा कर लेती और फिर उनके लंड को पहले सहलाती और चुस्ती और फिर उनके ऊपर चढ़कर उनके लंड पर बैठ जाती और उपर नीचे होने लगती। इस तरह बहन पापा से चुदवा लेती और पापा को भी थोड़ी शांति मिल जाती। कई बार वियाग्रा के कारण पापा का लंड खड़ा ही रहता तो पेंट में तम्बू बन जाता। जिस कारण पापा को बहन के सामने शर्मसार होना पड़ता।
बहन ने अपने सब कपड़े जिसमे उसके ब्रा पैंटी, शार्ट ड्रेस ही थे ले जाकर पापा की अलमारी के पापा के कपड़ो के साथ ही रख दिये। सुबह सुबह इतनी ठंड होती तब भी वो बस शॉर्ट्स ही पहनती। इस तरह बहन ने घर के माहौल को पूरा गर्म कर रखा था। बहन को पीरियड होते तब भी वो बस पैंटी ही पहनती। जिस कारण उसकी पैंटी गीली ही रहती। एक बार बहन के पीरियड चल रहे थे तब रात में बहन ने पापा का हाथ पकड़कर अपनी चुत पर रख दिया। फिर रात को पापा को जाग आई तो फिर उन्होंने अपना हाथ बहन की चुत पर पाया। फिर उन्हें कुछ गीला गीला लगा तो फिर वो बहन की चुत को सहलाने लगे। फिर उन्होंने लाइट जलाकर अपना हाथ रजाई से बाहर निकालकर देखा तो उनके हाथ पर खून लगा था। खून देखकर वो थोड़ा घबरा गए। फिर उन्होंने रजाई साइड में की और फिर देखा के बहन की पूरी पैंटी खून से भरी हुई थी। तब उनके दिमाग मे बहन के पीरियड का ख्याल बिल्कुल भी नहीं आया। फिर उन्होंने अपने हाथों से बहन की पैंटी खींचकर नीचे कर दी। फिर वो बहन की चिकनी चुत जो कि खून से सनी हुई थी देखने लगे। बहन तो जगी हुई तो और फिर उसने थोड़ा उठकर देखा तो उसकी पैंटी खुली हुई थी और सामने पापा बैठे थे। फिर उसने पहले अपनी चुत की तरफ देखा और फिर पापा की तरफ देखा। फिर पापा ने कहा के बेटा ये खून कैसा। फिर बहन आँख मसलते हुए बोली के पापा पीरियड चल रहे है। ये सुनकर पापा शर्मा गए। फिर बहन ने पापा से कोई कपड़ा लाकर देने के लिए कहा। तो फिर पापा ने उसे एक कपड़ा दिया। फिर बहन ने उससे अपनी चुत को पोंछा और फिर उसने पापा से अलमारी से पैंटी देने के लिए कहा तो फिर उन्होंने उसे पैंटी भी लाकर दे दी। फिर बहन ने अपने ऊपर रजाई लेकर अपनी पहनी हुई पैंटी खोलकर पास रखे टेबल पर डाल दी और फिर दूसरी पैंटी पहन ली। फिर पापा रजाई में आ गए तो बहन पापा से बोली के आप ऐसे ही घबरा गए। फिर पापा बोले के खून देखकर मुझे कुछ समझ ही नहीं आया। फिर तभी बहन ने अपनी आगे से ब्रा खोल दी। फिर जब पापा ने बहन की तरफ मुड़े तो बहन ने पापा का सिर अपने बोबो के बीच डाल लिया। फिर पापा भी बहन के बोबो से चिपक गए। तब लाइट जल ही रही थी। फिर पापा को इसका ध्यान आया तो उन्होंने अपना मुंह बहन के बोबो से बाहर निकाला और फिर लाइट बन्द करने के लिए उठे तो तभी बहन ने अपनी पूरी ब्रा खोल दी और साइड में रख दी। फिर लाइट बन्द करके पापा फिर से बहन के बोबो में मुंह देकर सो गए। वो सिर्फ बहन के बोबो में सिर देकर ही सोते थे और कुछ हरकत नहीं करते थे। फिर जब ये बात अगले दिन बहन ने मुझे और मम्मी को बताई तो हम सुनकर काफी खुश हुए। फिर मैं बहन से बोला के कहीं पापा तुम्हे प्रेग्नेंट ना कर दे। फिर बहन हंसकर बोली के नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा। उनमे इतनी हिम्मत नहीं है। अगर पहल मैं करूँ जो की मैं करूंगी नहीं तो वो बात अलग है। इस प्रकार अब तो पापा बहन की चुत भी देख चुके थे। इसके बाद तो बहन ने रात को ब्रा पहनना ही छोड़ दिया और फिर पापा भी सीधे ही अपना मुंह बहन के बोबो में घुसा देते। इसके अलावा बहन पापा के सामने ही कमरे में पैंटी में घूमती रहती और पापा कुछ नहीं कहते बस उसे देखते रहते। बहन पैंटी भी नेट वाली पहनती जिसमे से सब कुछ दिखता रहता और कई बार तो रजाई में सोने के बाद वो भी खोल देती और बिल्कुल नंगी होकर सोती। बहन को रात को नंगी होकर सोना बहुत पसंद है। अब जिसे शर्म करनी हो वो शर्म करता रहे पर बहन तो शर्म बिल्कुल भी नहीं करती थी। वो नंगी सोई होती तो सुबह नंगी ही उठकर आंख मसलते हुए पेशाब करने चली जाती। तब पापा भी उठे हुए होते थे। उनके सामने ही वो फिर पेशाब करके आकर दूसरे कपड़े पहनती और फिर कमरे से बाहर आ जाती और किचन में जाकर सबके लिए चाय वगेरह बनाती।
अब आप सोच रहे होंगे के अब इससे आगे क्या होगा, लेकिन ये सब यहीं रुकने वाला नहीं था। डॉक्टर ने मम्मी को पेट पर तेल से मालिश करने के लिए कहा। तो फिर पापा के शॉप पर जाने के बाद मम्मी नंगी होकर हॉल में बैठ जाती। हॉल के ऊपर की छत खुली थी जिस कारण सुबह से लेकर शाम तक वहां काफी अच्छी धूप रहती थी। फिर पहले तो मैं मम्मी की तेल से पेट की मालिश करता। लेकिन सर्दियों के कारण मम्मी की सारी बॉडी रूखी रूखी से हो गई थी तो मैं फिर मम्मी के पूरे बदन की मालिश करने लगा। फिर मैं गर्म हो जाता तो मम्मी की चुदाई भी कर देता। फिर मम्मी ने बहन को भी मालिश करवाने के लिए कहा तो फिर हम तीनों मिलकर एक दूसरे की तेल से जमकर मालिश करता और फिर मैं उन दोनों की चुदाई भी करता। आप यकीन नहीं करोगे हम तीनों सुबह से लेकर शाम तक वहीं पड़े रहते और मालिश और चुदाई करते रहते। तेल से मालिश के कारण मम्मी और बहन का बदन पूरा चिकना हो गया था और एकदम निखार आ गया था। पापा के शॉप पर जाने के बाद ये हमारा अब रोज का काम हो गया था। फिर सन्डे को पापा शॉप पर नहीं जाते है तो उस दिन भी हम तेल मालिश करते है। पापा तो अपने कमरे में ही रहते है तो मम्मी और बहन हॉल में नंगी होकर एक दूसरे की मालिश करती है और फिर उनमे से एक मेरे कमरे में मेरे पास आ जाती है और फिर वो मेरी मालिश करती है और फिर मैं उनकी चुदाई भी कर देता हूँ। कई बार तो मैं नंगा होकर हॉल में चला जाता हूँ और उनकी चुदाई कर देता हूँ। तब हम पापा के कमरे के बाहर कुंडी लगा देते है। इस तरह हमारी मालिश चल रही थी। मालिश के बारे में पापा को भी पता था के मम्मी और बहन हाल में एक दूसरे की मालिश करती है। फिर एक दिन बहन लेटी हुई थी और मम्मी उसकी मालिश कर रही थी तभी पापा अपने कमरे से बाहर आ गए। तब मैं अपने कमरे में ही था और बाहर ही देख रहा था। फिर पापा आये तो वो वहीं खड़े होकर देखने लगे। फिर पापा को देखकर बहन जल्दी से खड़ी हुई और मम्मी के पीछे जाकर खड़ी हो गई। तब वहां उसके पास कोई कपड़ा वगैरह भी नहीं था। फिर पापा और मम्मी आपस मे बाते करने लगे। बहन मम्मी के पीछे खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी। फिर मम्मी ने बहन को कमरे में जाने के लिए कहा तो फिर बहन ऐसे ही पूरी नंगी थोड़ी तेज तेज चलती हुई कमरे में जाने लगी। वो कमरे में जा रही थी तब उसने अपने हाथों से अपने बोबो और चुत को छुपाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कि और पापा के आगे से होकर वो कमरे में चली गई। फिर वो जब तक कमरे में ना चली गई तब तक पापा और मम्मी उसे देखते रहे। तब बहन बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर पापा ने बहन के बारे में कहा के ये अभी छोटी बच्ची ही लगती है। पापा को भरी पूरी जवान लड़की नंगी देखने के बाद भी अभी भी बच्ची ही लग रही थी। फिर थोड़ी देर बाद पापा भी कमरे में चले गए और फिर मम्मी भी कमरे में आ गई तो मैं गर्म तो पहले से ही था तो फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद हम साथ मे ही नहाए।
फिर उस दिन के बाद बहन थोड़ा और ज्यादा खुल गई। वो हंसी मजाक करती रहती और पापा के सामने वो मेरे साथ भी चिपकती रहती। फिर तो कई बार ऐसा होता के पापा मम्मी के सामने ही वो मेरा हाथ पकड़ कर कमरे में ले जाती और फिर हम चुदाई कर लेते और किसी को पता भी नहीं चलता। पहले पापा ज्यादातर अकेले ही रहते थे और बातें वगेरह कम ही करते थे। लेकिन अब वो भी हमारे साथ बैठते है और फिर हम खूब बातें करते है। फिर बहन ने बताया के एक रात वो सोई हुई थी तो पापा ने उंगली से उसके बालों को गाल पर से साइड किया और फिर किस कर दिया। फिर इतने में बहन जाग गई तो फिर वो सीधी होकर लेट गई। वो तब नंगी ही थी तो फिर उसने पापा को अपने ऊपर खींच लिया और फिर पापा उसकी छाती पर सिर रखकर सो गए। फिर पूरी रात वो ऐसे ही सोये रहे। फिर सुबह बहन को जाग आई तो फिर उसने पापा को धीरे से अपने ऊपर से साइड में किया। फिर उसने पापा के माथे पर किस किया तो फिर पापा को जाग आ गई तो फिर पापा ने बहन को अपने से चिपका लिया और फिर बहन पापा के ऊपर चढ़कर बैठ गई। वो पापा की छाती पर बैठी थी। तब पापा के ठीक सामने बहन की चुत थी। फिर वो ऐसे ही बैठी रही और अपने बालों का जुड़ा करने लगी। अब बहन भी कम शरारती नहीं थी तो किसी बहाने से आगे की और झुकी और अपनी चुत पापा के मुंह पर ले गई। फिर वो कुछ देर ऐसे ही रही और फिर वो एकदम फिर से पापा की छाती पर बैठी तो पापा को थोड़ा दर्द हुआ तो फिर पापा ने बहन की गाँड को अपने हाथों से पकड़कर ऊंचा उठाने लगे। फिर बहन पापा की छाती से उतरकर उनकी छाती सहलाने लगी। फिर कुछ देर बाद ही उनकी छाती का दर्द चला गया। इस तरह बहन ने पापा से अपनी गांड को भी छुआ लिया था। बहन अब सारी हदें पार करने पर तुली हुई थी। अब तेल मालिश के दौरान जब पापा आ जाते तो वो मम्मी की नंगी ही तेल मालिश करती रहती और फिर वो भी मम्मी से तेल मालिश करवाकर फिर ही कमरे में जाति या फिर अपनी ब्रा पैंटी वगेरह पहनती। पहले पापा और बहन बिस्तर पर सोये होते तो आपस मे कम ही बोलते थे लेकिन अब उनमे बातें शुरू हो गई थी। वो अब काफी बातें करने लगे थे। बहन ने पापा को फ्रेंडशिप बैंड पहनाकर अपना दोस्त बना लिया था। वो अब फ्रेंड बन गए थे और फ्रेंड के बीच तो कुछ भी हो सकता है।
अब घर का सब सामान वगैरह मार्केट से बहन ही लेकर आती और वो साथ मे पापा को लेकर जाती। एक बार बहन और पापा मार्केट गए थे तो बहन ने पापा से अपना फ़्रेंडशिप गिफ्ट मांगा। क्योंकि वो कुछ दिन पहले ही फ्रेंड बने थे। फिर पापा ने उससे पूछा के वो क्या लेना पसंद करेगी। तुझे जो पसंद होगा वो मैं दिला दूंगा। फिर बहन पापा को लेकर लेडीज अंडरगारमेंट्स वाली शॉप पर ले गई। पापा वो शॉप देखकर देखते ही रह गए। लेकिन अब पापा पीछे नहीं हट सकते थे क्योंकि पापा ने जबान दे दी थी। बहन ने भी इस बात का पूरा फायदा उठाया। फिर वो दोनों शॉप में चले गए। शॉप में जाने के बाद बहन ने पापा से कहा के आपको जो भी पसंद हो वो आप मेरे लिए सेलेक्ट कर लो। इतना कहने के बाद बहन मुस्कुराने लगी। अब पापा और दुविधा में पड़ गए। फिर पापा दुकान में चारो तरफ देखने लगे। एक बाप अपनी बेटी के लिए ब्रा पैंटी ढूंढ रहा था। बहन ने बहुत बुरा फसा दिया था पापा को। फिर इतने में वो शॉप वाला पापा के पास आया और साइज पुछने लगा। अब पापा और ज्यादा दुविधा में पड़ गए। फिर पापा बहन की तरफ देखने लगे तो बहन ने हंसकर धीरे से पापा से कहा के अभी तक आपको मेरे साइज का भी पता नहीं चला। ये सुनने के बाद पापा कुछ नहीं बोले। फिर बहन ने पापा को अपना साइज बताया और फिर पापा ने उस शॉप वाले को बता दिया। फिर वो उनके सामने काफी तरह की ब्रा पैंटी निकालकर रखने लगा। फिर पापा ने बहन से कहा के तुम्हे जो पसंद हो वो ले लो। फिर बहन बोली के मेरी पसंद की तो मेरे पास है। आज आप ही पसंद करके दीजिये। फिर पापा देखने लगे। पापा शायद अब बहन को अपने मन मे सोच कर देख रहे थे के बहन पर कौनसी अच्छी लगेगी। फिर पापा ने आखिरकार एक ब्रा पैंटी पसंद कर ली जो कि ब्लू कलर की थी। वो 2500 रुपये की थी तो पापा ने पेमेंट कर दी और फिर वो दोनों शॉप से बाहर आ गए। फिर बाहर आते ही बहन हंसने लगी और हंसते हुए पापा से बोली के क्या पापा ब्रा पैंटी ही तो लेनी थी। इसमे भी आप इतने घबरा रहे थे। आपको जब नया अंडर वियर खरीदना हो तो मुझे ले जाना। मैं चुटकियों में आपको अंडर वियर खरीद दूंगी। फिर वो ऐसे ही बाते करते हुए घर आने लगे।
फिर पापा ने भी बहन से अपना फ्रेंडशिप गिफ्ट मांगा तो बहन ने पापा से पूछा के आपको क्या चाहिए। फिर पापा बोले के मुझे तुम्हारे जैसी बेटी चाहिए थी वो मुझे मिल गई और मुझे कुछ नहीं चाहिए। फिर बहन बोली के इसके अलावा आपको जो चाहिए वो बताइये आप। जिंदगी में आपको कुछ करना हो और आप वो ना कर पाए हो। ऐसा कुछ बताइये। फिर पापा बोले के ऐसा कुछ अभी तो याद नहीं आ रहा है। फिर बहन बोली के तो आप याद करके बता देना। फिर वो दोनों घर आ गए। फिर आने के बाद बहन ने खाना वगैरह बनाया और फिर खाना खाने के बाद हम सब अपने अपने कमरे में चले गए। फिर बहन ने कमरे में जाने के बाद पापा की दी हुई ब्रा पैंटी पहनी। जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी। फिर बहन ने पापा को अपना फोन देकर उसकी फोटो खींचने के लिए कहा। फिर बहन अलग अलग पोज में खड़ी होकर अपनी फ़ोटो खिंचवाने लगी। फिर बहन ने पापा को अपने पास बुलाया और फिर वो पापा के साथ खड़ी होकर सेल्फी लेने लगी। उसने पापा का हाथ अपनी कमर पर रखा और फिर वो दोनों चिपक कर खड़े हो गए और सेल्फी लेने लगे। फिर कई सेल्फी लेने के बाद बहन पेशाब करने चली गई और पापा बहन का फोन लेकर बेड पर जाकर लेट गए और फिर फ़ोटो देखने लगे। फोन में बहन ने अपनी काफी सारी नंगी फ़ोटो भी खींच रखी थी। फिर पेशाब करके आने के बाद बहन पापा के साथ लेट गई और फोन में देखने लगी। तब एक फोटो ऐसी आई जिसमे बहन ने अपने एक हाथ की दो उंगलियों से अपनी चुत चौड़ी कर रखी है। फिर पापा ने जैसे ही आगे की फ़ोटो स्क्रोल की तो उसमें बहन घोड़ी बनी हुई है और पीछे से उसकी चुत और गाँड बिल्कुल साफ दिख रही है। फिर इस तरह की काफी इरोटिक फ़ोटो खींच रखी थी बहन ने। उसकी कोई भी फ़ोटो पूरे कपड़ो में नहीं थी। फिर वो फ़ोटो देखकर पापा ने उससे पूछा के उसे इस टाइप की फ़ोटो खिंचवाना पसंद है क्या। फिर बहन ने हाँ में सिर हिला दिया। फिर पापा ने पूछा के तुम मॉडल बनना चाहती हो। फिर बहन बोली के मॉडल तो नहीं बनना चाहती पर उसे इस तरह की फ़ोटो खिंचवाना बहुत पसंद है। पर ऐसे उसकी फोटो लेने वाला कोई नहीं है। फिर पापा बोले के अगर मैं लूँ तो ऐसी फ़ोटो तुम्हारी। ये सुनकर फिर बहन मुस्कुराते हुए पापा की तरफ देखने लगी और बोली के आपने अभी तक एक सेल्फी भी ली है क्या अपनी। फिर पापा बोले के तुम मुझे सीखा देना। मैं धीरे धीरे सीख जाऊँगा। फिर बहन बोली के ठीक है।
फिर पहले तो बहन ने पापा को फोन के कैमरा फंक्शन को अच्छे से समझाया। फिर पापा समझ गए तो फिर पापा बिस्तर से नीचे उतर गए और फिर बहन ने बेड पर से रजाई हटा दी और फिर वो पोज़ देने लगी तो पापा उसकी फोटो लेने लगे। फिर बहन थोड़े सेक्सी पोज देने लगी। बहन ने अपनी पैंटी थोड़ी नीचे करदी और ब्रा के स्ट्रेप भी खोल दिये। फिर बहन ने ब्रा पूरी निकाल दी और पैंटी भी निकाल दी। फिर उसने अपनी काफी नंगी फ़ोटो पापा से खिंचवाई। फिर पापा उसे उसकी फोटो दिखाने लगे तो फिर वो पापा के गले लग गई और बोली के हाय मैं कितनी बेशर्म हूँ। फिर पापा बोले के तुम्हे भगवान ने बनाया ही ऐसा है और फिर ये तो अपनी अपनी पसंद की बात हैं। तुम ऐसा वैसा कुछ मत सोचो और जो तुम्हे पसंद हो वो ही करो। फिर ये सुनकर बहन ने पापा की गाल पर किस कर दिया और फिर थैंक यू बोला। इतनी सेक्सी फ़ोटो के बाद और बहन को इतने सेक्सी पोज में देखने के बाद भी पापा का लंड खड़ा नहीं हुआ। फिर पापा रजाई लेकर लेट गए और फिर उन्हें नींद आ गई। लेकिन बहन को नींद नहीं आ रही थी। उसकी चुत से पानी बह रहा था। वो गर्म हो चुकी थी। तब काफी रात हो चुकी थी और मैं भी सो चुका था। फिर वो किचन से एक बैगन लेकर आई और फिर उस पर कंडोम चढ़ाया और फिर उसे अपनी चुत के अंदर बाहर करने लगी। पापा पास में सोए थे और वो अपनी टांगे फैलाकर मुठ मार रही थी। फिर वो झड़ गई तो फिर वो ऐसे ही सो गई। सुबह वो लेट ही उठी तब तक पापा उठ चुके थे। फिर पापा को कंडोम चढ़ा बैंगन मिल गया तो फिर पापा ने उसे साइड में रखे टेबल पर रख दिया। फिर बहन उठी और फिर वो के गले लगी और फिर वो पापा की गोद मे बैठ गई। फिर पापा ने उससे पूछा के उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। फिर बहन ने पूछा के वो ऐसा क्यों पूछ रहे है। फिर पापा ने वो कंडोम चढ़ा बैगन उसके आगे कर दिया तो बहन ने नीचे गर्दन कर ली और फिर कह दिया के अभी तक नहीं है। फिर बहन ने पापा के हाथ से वो कंडोम चढ़ा बैगन लिया और फिर उठकर पेशाब करने गई तो उसे डस्टबिन में डाल दिया। फिर बहन पेशाब करके वापिस आई और फिर शीशे के आगे खड़ी होकर नंगी ही अपने बाल वगैरह सही करने लगी। तब पापा बेड पर बैठे बैठे ही बहन की फ़ोटो लेने लगे। फिर बहन भी पोज देने लगी। कुछ फोटो खिंचवाने के बाद बहन कपड़े पहनकर कमरे से बाहर चली गई और फिर जाते जाते पापा से कहा के मम्मी और भाई के जाने के बाद आप मेरी फ़ोटो खींचना। फिर चाय वगेरह पीने के बाद मैं और मम्मी तो वाक पर चले गए और अब घर पर सिर्फ पापा और बहन ही थे। फिर बहन नंगी हो गई और फिर पापा उसकी फोटो लेने लगे। बहन ने घर के लगभग हर कोने में खड़ी होकर कभी आगे से तो कभी पीछे से अपनी फोटो खिंचवाई। फिर हमारे आने तक पापा ने बहन की काफी फ़ोटो ली। फिर बहन फिर से कपड़े पहनकर घर का काम करने लगी और पापा शॉप पर जाने की तैयारी करने लगे। फिर पापा नहा रहे थे तो फिर उनके फोन पर किसी का काल आया तो बहन ने देखा के पापा ने अपने फोन पर बहन की नंगी फ़ोटो का वॉलपेपर लगा था। फिर बहन ने गैलरी में जाकर देखा तो उसमें बहन की काफी सारी नंगी फ़ोटो थी। फिर ये देखकर बहन मुस्कुराने लगी।
फिर पापा के शॉप पर जाने के बाद बहन ने हमे ये सब बातें बताई। बहन की बातें सुनकर मैं गरम हो गया। क्योंकि एक बाप के फोन में ही अपनी ही बेटी की नंगी तस्वीरें। ऐसा तो अब तक शायद किसी ने नहीं किया होगा। फिर मैं बहन को हॉल में ही पटक कर चोदने लगा और मम्मी हमें देखने लगी। घर के ऐसे माहौल को देखकर अब मेरा लंड तो खड़ा ही रहने लगा था। हम सबको ही ऐसे खुल्लम खुल्ला रहने में काफी मजा आ रहा था। इस कारण कोई किसी को कुछ भी नहीं कह रहा था। पापा तो शुरू से ही सीधे साधे थे और मम्मी मुझसे पहले ही चुद चुकी थी वो कहती भी क्या।
फिर नानी का फोन आया और उन्होंने एक पूजा करवाने के लिए कहा ताकि लड़का ही हो और फिर उन्होंने हमें अपने पास आने के लिए कहा। फिर मैंने पूजा के लिए उसी पण्डित से बात की जिसने हमारी शादी करवाई थी। फिर उसने कुछ दिन बाद का हमे टाइम दिया। फिर वो दोनों माँ बेटी पूजा के लिए तैयारी करने लगी और अपने लिए कपड़े सेलेक्ट करने लगी। फिर मैंने मम्मी से शादी वाली ड्रेस ही पहनकर चलने के लिए कहा। फिर मम्मी ने मेरी बात मान ली। फिर बहन बोली के मैं क्या पहनु। फिर मैं बोला के तुम ऊपर ब्रा और नीचे लहंगा वगैरह पहन लेना। मन्दिर में जाना है और कुछ पहनोगी तो थोड़ा अजीब लगेगा। फिर बहन बोली के हां सही कहा। हमने पापा को भी पूजा के बारे में बता दिया था। फिर पूजा वाले दिन पापा के शॉप पर जाने के बाद हम पूजा पर जाने की तैयारी करने लगे। मम्मी ने अपनी शादी वाली ड्रेस पहनी जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी। उनकी लाल ब्रा में उनके बड़े बड़े बॉबे और बाहर निकला हुआ पेट और लहंगे में दिख रहे उनके चूतड़ बहुत मस्त लग रहे थे। उधर बहन ने भी ऊपर ब्रा और नीचे लहंगा पहना और ऊपर एक दुपट्टा ले लिया। उन दोनों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था। फिर मम्मी मेरा लंड चूसने लगी और फिर जब मेरा लंड पूरा कड़क हो गया तो फिर बहन ने अपना लहंगा ऊपर उठा लिया और अपनी पैंटी नीचे कर दी और फिर वो घोड़ी बन गई तो फिर मैं उसकी गांड मारने लगा। फिर मैं झड़ने लगा तो सारा पानी उसकी गांड में ही डाल दिया। फिर बहन ने अपनी पेंटी ऊपर की और अपना लहंगा सही कर लिया। फिर हम मन्दिर के लिए निकल पड़े। मन्दिर में पहुंचने के बाद मम्मी ने खुद को अपनी ओढ़नी से ढक लिया और बहन ने भी अपने दुपट्टे से ऊपर से खुद को ढक लिया। फिर जहां शादी हुई थी पण्डित हमें वहीं पर ले गया और हवन करने लगा। वहां हमारे अलावा कोई नहीं था। तो मम्मी ने अपनी ओढ़नी को पीछे कर लिए और अपने हाथ अपने पेट पर रख लिए। मम्मी को ऐसे देखकर पण्डित देखता ही रह गया। फिर बहन ने भी अपने दुपट्टे को अपने एक कंधे पर डाल लिया और अपने लहंगे को इतना नीचे कर लिया के अगर इससे नीचे लहंगा हो जाये तो बहन की चुत दिखने लग जाए। फिर पण्डित बहन को भी चोरी चोरी से देखने लगा। फिर पण्डित में पूजा खत्म की तो फिर बहन मम्मी को लेकर मन्दिर के अंदर चली गई। फिर पण्डित में मुझसे कहा के तुम्हारी साली बहुत मस्त है। पण्डित की बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा। बहन भी कुछ कम नहीं थी वो भी पण्डित को नीचे झुक झुक कर अपने बोबो के दर्शन करवाने लगी और उसके मजे लेने लगी। वो पण्डित अधेड़ उम्र का था। फिर बहन ने चिपक कर उसके साथ सेल्फी ली और सेल्फी लेते टाइम उसने पण्डित का हाथ अपनी कमर पर रख लिया। जिससे पण्डित भी गर्म होने लगा। फिर ऐसे ही बहन ने मेरे साथ भी सेल्फी ली। तब पण्डित हमारे पीछे खड़ा था तो मैंने पण्डित के सामने बहन की गाँड को दबाने लगा और बहन ने मुझे कुछ नहीं कहा। ये देखकर पण्डित समझ गया के इसकी साली भी इसके साथ सेट है और चालू भी है। पूजा तो जल्दी ही खत्म हो चुकी थी और अभी काफी दिन भी पड़ा था। तब मेरा तो मन कर रहा था के मै मम्मी और बहन को वहीं मन्दिर में ही नंगी कर दूं। फिर मेरे मन में मम्मी और बहन की पण्डित के साथ चुदाई करने का विचार आया। अब तो पण्डित भी लंड मसलने लगा था। यानी वो तो बिल्कुल तैयार था। फिर बहन मेरे और मम्मी के साथ खड़ी होकर सेल्फी लेने लगी तो मैं उनके बीच मे खड़ा था और मेरा हाथ उन दोनों की गाँड पर था। ये देखकर तो पण्डित का बुरा हाल हो गया था। फिर मैंने मम्मी और बहन को पण्डित की हालत के बारे में बताया तो फिर वो दोनों पण्डित की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। साथ मे मैं उन दोनों की गाँड सहलाये जा रहा था। फिर मैंने मम्मी और बहन से पंडित के साथ मस्ती करने के लिए कहा तो वो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी। यानी कि वो दोनों ही लंड लेने के लिए तैयार थी। फिर मम्मी मुझसे बोली के यहाँ कैसे करेंगे। फिर बहन बोली के ओहो मम्मी वो पण्डित अपने आप कुछ न कुछ इंतजाम कर लेगा। ये पहला मौका था जब मम्मी और बहन मेरे सामने किसी और से चुदने वाली थी। उन दोनों की आंखों में एक अलग ही चमक थी। हम तीनों तब पण्डित से दूर खड़े थे। पण्डित ने तब सिर्फ धोती पहनी थी और गले मे मालाएं वगेरह डाल रखी थी। पण्डित भी हमारे हाव भाव देखकर थोड़ा बहुत समझ चुका था। फिर बहन मुझसे बोली के चलो उससे बात करते है। फिर मैं और बहन पण्डित के पास जाने लगे। तब बहन ने अपना दुपट्टा उतार दिया और अपने हाथ मे ले लिया और मैं उसकी कमर में हाथ डालकर चल रहा था। फिर हम पण्डित के पास गए तो मैंने पण्डित से बहन की तरफ इशारा करते हुए कहा के मजे करने है तो पण्डित बहन की तरफ देखने लगा और फिर बहन भी उसके सामने अपनी ब्रा वगेरह सेट करने लगी। फिर मैंने पण्डित से कहा के तुम्हारे पास कोई जगह है क्या जहां कोई आता जाता न हो। तो पण्डित बोला के मंदिर के पीछे जगह ही जगह है। फिर मैंने कहा तो चलो। फिर इतने में बहन ने अपना लहंगा उतार दिया और फिर अपना लहंगा और दुपट्टा वहीं छोड़ दिया। वो अब सिर्फ ब्रा पैंटी में हमारे सामने खड़ी थी। बहन को देखकर तो पण्डित ने अपना लंड अपने हाथ से पकड़ लिया और सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी को भी अपने पास बुलाया और फिर मम्मी हमारे पास आई तो फिर मम्मी ने भी अपनी ओढ़नी और लहंगा उतार दिया। मम्मी ने तब थोंग वाली पैंटी पहनी थी जिससे उनकी गांड साफ दिख रही थी। फिर बहन मम्मी को लेकर मन्दिर के पीछे की तरफ जाने लगी और उनके पीछे पीछे हम जाने लगे। फिर रास्ते मे ही पण्डित ने अपनी धोती खोल दी और फिर अपने कच्छे का नाड़ा खोलने लगा। फिर हम मन्दिर के पीछे की साइड पहुंचे तो पण्डित ने अपनी धोती और कच्छे को साइड में रख दिया और फिर अपना खड़ा लंड सहलाने लगा। फिर बहन पहले पण्डित के पास गई और उसके लंड को सहलाने लगी। फिर पण्डित ने बहन की ब्रा खोल दी और उसके बोबो को चूसने और सहलाने लगा। बहन को पण्डित की बाहों में देखकर मैं भी गर्म हो चुका था। फिर मैं भी नंगा हो गया और फिर मम्मी को भी नंगा कर दिया। फिर मम्मी मेरा लंड चूसने लगी। फिर बहन भी नीचे बैठकर पण्डित का लंड चूसने लगी। फिर पण्डित फूल गर्म हो गया तो उसने बहन को नीचे लेटाया और उसकी पैंटी को निकालकर फेंक दिया और फिर उसकी चुत में लंड डालकर करने लगा। बहन पतली सी थी और वो पण्डित मोटा ताजा था। बहन की सिसकारियां वहां गूंज रही थी। फिर मैंने भी मम्मी को घोड़ी बना लिया और करने लगा। पंडित बहन को दबा के चोद रहा था और साथ मे बोल रहा थे के मैंने तुम्हारे जैसी मस्त लड़की पहले कभी नहीं देखी। फिर कुछ देर चुदाई के बाद बहन घोड़ी बन गई तो फिर वो पीछे से गाँड मारने लगा। बहन ने पण्डित को पहले ही बोल दिया था के वो जब झड़े तो सारा पानी उसकी गांड में डाल दे। फिर पण्डित ने वैसा ही किया वो झड़ने वाला हुआ तो उसने सारा पानी बहन की गाँड में डाल दिया। फिर वो साइड हो गया और बहन भी सीधी होकर लेट गई। बहन उसकी चुदाई से काफी खुश हुई। उधर मैं मम्मी की बड़ी बड़ी गांड अपने हाथों में लेकर चुदाई कर रहा था तो पण्डित देखने लगा। फिर मैं झड़ने लगा तो फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और सारा पानी मम्मी की गाँड पर निकाल दिया। मम्मी की गौरी गाँड देखकर पण्डित के मुंह मे पानी आ गया था तो फिर वो उठा और आकर मम्मी की गाँड चाटने लगा। फिर बहन भी उठकर उसके पास चली गई और फिर उसके लंड को सहलाने लगी। फिर मैं भी उनके पास चला गया तो फिर बहन मेरा लंड हिलाने लगी। पण्डित का लंड फिर से खड़ा हो गया तो फिर वो अपना लंड मम्मी की गाँड पर रगड़ने लगा और फिर बहन ने उसका लंड पकड़कर मम्मी की गाँड में डाल दिया। फिर वो मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर मैं मम्मी के आगे जाकर खड़ा हो गया और लंड मम्मी के मुंह मे डाल दिया तो मम्मी मेरा लंड चूसने लगी। बहन मम्मी के लटकते बोबो को सहलाने लगी। पण्डित जोर जोर से धक्के लगा रहा था जिस कारण मेरा पूरा लंड मम्मी के मुंह मे घुस जा रहा था। मम्मी बेचारी अपने पेट को पकड़े पकड़े चुदवा रही थी। फिर पंडित झड़ने वाला हुआ तो उसने सारा पानी गाँड में ही डाल दिया। फिर वो साइड में होकर लेट गया। फिर मैंने अपना लंड मम्मी के मुंह से निकाला और फिर बहन को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर पंडित बहन के सामने आकर लेट गया तो फिर बहन उसके मुरझाए हुए लंड को चूसने लगी। जिस कारण उसका लंड जल्दी ही खड़ा हो गया। फिर मैं नीचे लेट गया और बहन को अपने ऊपर घोड़ी बना लिया। फिर बहन ने खुद ही मेरा लंड अपनी चुत में डाल लिया। फिर मैंने पण्डित ने पीछे से बहन की गाँड में लंड डालने के लिए कहा तो उसने वैसा ही किया। फिर हम दोनों बहन की चुदाई करने लगे। ये चुदाई काफी देर तक चली और फिर हम सब झड़ गए। मम्मी बैठी बैठी हमें देख रही थी। फिर चुदाई के बाद हम सब लेटकर आराम करने लगे। फिर हम बातें करने लगे। फिर पण्डित ने कहा के आज तो बहुत मजा आया। उसकी बात सुनकर बहन मुस्कुराने लगी। फिर मम्मी ने उस पंडित के बारे में उससे पूछा तो उसने बताया के वो दूसरे शहर से है और यहां अपने परिवार के साथ रहता है। तब बहन पंडित के मुरझाए लंड और उसके गोटो को सहला रही थी। फिर अचानक मम्मी के पेट मे दर्द होने लगा तो फिर पण्डित बोला के शायद मैंने कुछ ज्यादा ही तेजी से धक्के लगा दिए थे। पण्डित की बात सुनकर मम्मी उसकी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। हमें 3-4 घंटे हो गए थे चुदाई करते हुए। फिर पण्डित बहन की चुत चाटने लगा और फिर अपना काला लंड उसकी चुत में डालकर करने लगा। फिर वो झड़ने वाला हुआ तो उसने सारा पानी उसके पेट पर डाल दिया। फिर वो बहन से चिपक कर लेट गया। फिर बहन ने पण्डित से कहा के उसे भूख लग गई है तो फिर पण्डित बोला के मैं कुछ खाने के लिए लाता हूँ। फिर पण्डित अपने कपड़े पहनकर चला गया तो फिर हम तीनों एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मम्मी बोली के हाय आज तो बहुत मजा आया। तब मेरा लंड खड़ा था और मैं सहलाये जा रहा था। तब मुझे मम्मी का मुंह बहुत सेक्सी लग रहा था तो फिर मैं खड़ा होकर मम्मी के सामने चला गया और फिर लंड का पानी मम्मी के मुंह पर डाल दिया। जिसे फिर मम्मी ने अपनी ब्रा से पोंछ लिया। फिर इतने में पण्डित फल और ड्राई फ्रूट्स वगैरह लेकर आ गया। फिर हम सब वो खाने लगे। दोपहर हो चुकी थी और फिर हमें घर पापा से पहले पहुंचना था। फिर मम्मी और बहन ने अपनी ब्रा पैंटी पहन ली और फिर मैंने भी कपड़े पहन लिए। फिर हम वापिस मन्दिर में आ गए। जहां बहन और मम्मी ने अपना लहंगा और दुपट्टा और ओढ़नी लेकर पहन लिए। फिर हम जाने लगे तो पण्डित ने मुझसे पूछा के दोबारा कब मिलोगे तो फिर मैंने कहा के मैं फोन कर दूंगा। फिर जाने से पहले पण्डित ने मम्मी और बहन के गाँड और बॉबे बहुत सहलाये और दबाए। फिर हम वापिस घर की तरफ चल पड़े। रास्ते मे हमने बहुत बातें की। पर ये तो एक शुरुआत थी। अभी आगे तो बहुत कुछ होने वाला था। फिर शाम होने से पहले हम घर पहुंच गए। घर पहुंचकर मम्मी।और बहन दोनो ने ही नेट वाली ब्रा पैंटी पहनी। फिर शाम को पापा घर आये तो फिर पापा भी उन दोनों को ऐसे देखकर ज्यादा हैरान नहीं हुए।
पण्डित के धक्कों की वजह से मैंने शोचा शायद बच्चा हिल गया होगा। फिर मैं मम्मी को डॉक्टर के पास लेकर गया तो उसने बताया के बच्चा बिल्कुल ठीक है। फिर मैं और मम्मी नानी के पास जाने की तैयारी करने लगे। हमें अभी कुछ दिन और लगने वाले थे। इसी बीच ये हुआ के एक दिन बहन मेरे दिए हुए डिल्डो को अपनी चुत के अंदर बाहर कर रही थी तो अचानक पापा नहाकर आ गए। फिर वो तब झड़ने वाली थी तो फिर वो पापा के सामने ही वैसे करती रही और फिर वो झड़ गई। फिर पापा में जब वो डिल्डो देखा तो वो देखते ही रह गए। फिर पापा ने वो बहन के हाथ से लिया और फिर उसे गौर से देखने लगे। फिर वो जाकर बहन के पास बैठ गए और उसके बारे में पूछने लगे तो बहन ने पापा को उसके बारे में सब कुछ बताया। फिर पापा ने वो बहन को वापिस दे दिया और बहन से कुछ नहीं कहा। फिर अगले दिन सन्डे था तो फिर पापा को कुछ काम निपटाने थे वो जल्दी ही शॉप पर चले गए। फिर पीछे से बहन उनका खाना लेकर गई। तब बहन ऊपर तो सूट पहनकर गई और नीचे ब्रा पैंटी पहनकर गई। बहन को पता था के तब पापा दुकान पर अकेले ही होंगे। इस कारण उसने अपने सूट को खोलकर तो अपनी स्कूटी में डाल दिया और फिर सिर्फ ब्रा पैंटी में पापा के गई तो उसे पापा देखकर बोले के तुम ऐसे ही आई हो। फिर बहन बोली के नहीं पापा। काश में ऐसे आ सकती। फिर पापा खाना खाने लगे और बहन टीवी देखने लगी। तब टीवी में ग्रैंड मस्ती मूवी चल रही थी। फिर खाना खाकर पापा भी वो मूवी देखने लगे। वो मूवी देखने के बाद उन दोनों का हंस हंस कर बुरा हाल हो गया था। तब पापा के मन मे भी एक बात अच्छी तरह आ चुकी थी के सेक्स को खुलकर एन्जॉय करना चाहिए। फिर पापा ने बहन से कहा के तुम कोई बॉयफ्रेंड बना लो। फिर बहन बोली के पापा ऐसे किस पर भी मैं भरोसा नहीं कर सकती। पापा भी ये बात समझते थे। फिर बहन पापा की गोद मे बैठ गई और अपनी ब्रा उतारकर पापा के मुंह को अपने बोबो में डाल लिया। फिर बहन ने पापा से कहा के आप बन जाओ मेरे बॉयफ्रेंड। फिर पापा बोले के मैं नहीं बन सकता। फिर बहन बोली के क्यों आप मेरे पापा हो इसलिए। फिर पापा बोले के नहीं मुझे कमजोरी है। फिर बहन बोली के फिर आपसे मम्मी कैसे प्रेग्नेंट हो गई। फिर पापा बोले के वो पता नहीं कैसे हो गई। तब तो मुझे कमजोरी नहीं थी लेकिन पता नहीं उसके बाद से कमजोरी है। फिर बहन पापा से नीचे उतरी और फिर पापा को खड़ा कर लिया और फिर अपने हाथों से पापा की पैंट खोलने लगी तो पापा ने उसे रोका नहीं फिर बहन ने पापा की पेंट और अंडर वियर दोनो को खींचकर नीचे कर दिया और फिर देखा तो पापा का लंड थोड़ा सा ही खड़ा था। फिर बहन ने उसे अपने हाथ मे लेकर सहलाने लगी तो फिर भी वो खड़ा नहीं हो रहा था। फिर बहन ने पापा से कुछ नहीं कहा और फिर पापा वैसे ही बैठ गए। फिर बहन ने पापा की शर्ट खोली और फिर पेंट और अंडर वियर भी पूरा खोल दिया। बहन ने अपनी पैंटी भी खोल दी। फिर बहन पापा को अपने ऊपर लेकर लेट गई और फिर पापा से लंड को चुत पर रगड़ने के लिए कहा। तो फिर पापा वैसे ही करने लगे। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद भी लंड नहीं खड़ा हुआ तो फिर बहन घोड़ी बन गई तो फिर पापा उसके पीछे खड़े होकर उसकी गाँड मे लंड रगड़ने लगे। लेकिन फिर भी खड़ा नहीं हुआ और फिर पापा झड़ गए। तब वो पापा को वियाग्रा लेने के लिए भी कह सकती थी लेकिन उसने नहीं कहा। फिर झड़ने के बाद पापा तो साइड में होकर लेट गए और फिर बहन ने अपने पर्स से डिल्डो निकाला और फिर उसे अपनी चुत में डालकर अंदर बाहर करने लगी। पापा उसे देखने लगे। फिर बहन झड़ गई तो उसने डिल्डो साइड में रख दियो और फिर वो दोनों चिपक कर सो गए। कुछ देर बाद जब बहन सोकर उठी तो देखा के पापा वहां नहीं थे। फिर बहन ने कमरे से बाहर निकलकर देखा तो बाहर भी पापा नहीं दिखे। फिर वो नंगी ही सीढ़ियों से उतरकर नीचे दुकान में चली गई तो वहां पापा बैठकर काम कर रहे थे। फिर वो पापा के पास चली गई और जाकर उनकी गोद मे बैठ गई। फिर पापा ने बहन की गालों पर किस किया। फिर बहन उनकी गोद मे ही बैठी रही और पापा काम करते रहे। फिर काम खत्म होने के बाद जब टेबल से सब समान हटाकर पापा ने साइड रख दिया तो फिर बहन टेबल पर पैर फैलाकर बैठ गई। फिर वो एक हाथ से अपनी चुत सहलाने लगी और फिर दो उंगलियों से अपनी चुत खोलकर पापा को दिखाने लगी। तब बहन की चुत एकदम पापा के सामने थी। फिर बहन ने अपने पैर पूरे खोल दिये और अपनी चुत भी दोनो उंगलियों से पूरी फैला दी। फिर कुछ देर तो पापा देखते रहे और फिर पापा ने अपना मुंह बहन की चुत पर रख दिया और फिर उसकी चुत चाटने लगे। जिससे बहन जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी। पापा अपनी पूरी जीभ बहन की चुत में डालकर चूस रहे थे। बहन भी पापा के सिर को अपने दोनों हाथों से अपनी चुत पर दबाने लगी। फिर थोड़ी देर बाद जब वो झड़ गई तो फिर वो पापा को देखकर मुस्कुराने लगी। फिर वो फिर से पापा की गोद मे जाकर बैठ गई और पापा से लिप किस करने लगी। वो काफी देर तक लिप किस करती रही। फिर किस करने के बाद वो दोनों एक दूसरे को देखने लगे। काम खत्म हो गया था तो।फिर पापा ने चलने के लिए कहा तो फिर वो दोनों दुकान से बाहर आ गए और फिर ऊपर चले गए। फिर ऊपर से बहन ब्रा पैंटी पहनकर नीचे आने लगी तो फिर बहन ने पापा से अपनी।फोटो खींचने के लिए कहा तो फिर पापा ने ऐसा ही किया। बहन ने तब अपनी काफी सारी फ़ोटो पापा से खिंचवाई। फिर बहन ने स्कूटी से अपना सूट निकालकर पहन लिया और फिर वो दोनों घर आ गए। फिर उस दिन रात को भी बहन ने घोड़ी बनकर अपनी चुत और गाँड खूब चुस्वाये। अब तो पापा खुद डिल्डो लेकर उसकी चुत के अंदर बाहर करने लगे। वो दोनों फिर रात को नंगे ही सोने लगे थे। फिर वो दोनों इसी तरह मजे करते रहे।
बीच बीच मे बहन अपने बॉयफ्रेंड से भी जाकर चुदवा आती थी। इसी तरह बहन ने अब तक 4 लोगो से चुदवा लिया था। वो 4 लोगो के सामने नंगी हो चुकी थी। फिर पापा रोज ही बहन को दोपहर को शॉप पर बुलाने लगे और फिर वहां मस्ती करने लगे। फिर कुछ दिन बाद मेरे पास पण्डित का फोन आया और वो फिर से मिलने के लिए पूछने लगा तो मैंने उसे फिर मम्मी की डिलीवरी के बाद मिलने के लिए बोला। फिर उसने बहन के लिए पूछा तो फिर मैंने कहा के अभी वो और किसी के साथ बिजी है। फिर मैंने ये मम्मी और बहन को बताया तो वो बोली के वो पण्डित कुछ ज्यादा ही गर्म है इतना कहकर वो दोनों हंसने लगी। पण्डित के साथ चुदाई करने के बाद हम सबकी ही जिंदगी बदल गई थी। अब हमारा डर और शर्म काफी हद तक कम हो गया था। अब मैं और मम्मी जब मॉर्निंग वॉक पर जाते तो पहले हम पब्लिक में ज्यादा कुछ नहीं करते थे। लेकिन अब मैं मम्मी के बोबो और गाँड को सहला देता और मम्मी भी मौका देखकर मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही पकड़कर सहला देती। फिर एक बार तो झाड़ियों के पीछे ले जाकर मैंने मम्मी को।अपना लंड भी चुस्वा दिया था। फिर एक बार मैंने मम्मी को घोड़ी बनाकर गाँड भी पेल दी थी। मम्मी तो अब हरदम चुदवाने के लिए तैयार ही रहती। ऐसा ही हाल बहन का था। एक बार सुबह सुबह बहन नंगी ही उठकर कमरे से बाहर आ गई और किचन में जाकर चाय बनाने लगी। फिर उसके पीछे से पापा आये और वो आकर हॉल में बैठ गए। फिर मम्मी भी आकर हॉल में बैठ गई। फिर बहन ने नंगी ही उन दोनों को चाय दी और फिर वो घर की साफ सफाई में लग गई। फिर चाय पीकर पापा तो अपने कमरे में चले गए और फिर कमरे से बाहर आया तो बहन को बिल्कुल नंगी देखा तो बहन ने मुझे सब कुछ बताया। फिर बहन मुझसे चिपक गई और मेरा लंड बाहर निकालकर सहलाने लगी। हम दोनों को ऐसे देखकर मम्मी बोली के तुम्हारे पापा किसी भी वक्त बाहर आ सकते है। फिर मैं अपनी चाय डलवाकर वापिस कमरे में आ गया और फिर उस दिन बहन पापा के शॉप पर जाने तक नंगी ही रही।
फिर घर का सब काम करने के बाद बहन कुछ देर हमारे पास रहती और फिर दोपहर को वो स्कूटी लेकर शॉप पर चली जाती। जहां पापा उसके साथ मस्ती करते और वो भी खूब मस्ती करती। अब बहन पापा के साथ भी अपनी फोटो खिंचवाती। जिनमे वो नंगे ही होते। उनके ऐसे फ़ोटो देखकर तो मैं और मम्मी देखते ही रह जाते। उन फ़ोटो में पापा बहन के बोबो और चुत को पकड़े रहते और कभी बहन के एक बॉबे को मुंह मे लेकर रखते। वहीं बहन भी पापा के लंड को कभी हाथ मे लेकर खड़ी होती तो कभी लंड को चूमती हुई होती। बाप बेटी के ऐसे फ़ोटो देखकर तो कोई भी गर्म हो जाय।
अब बहन घर मे नंगी रहने लगी थी तो जब बहन नंगी होती तो मैं बाहर कम ही जाने की कोशिश करता था। क्योंकि अगर ऐसा हो जाता तो फिर हम पापा को क्या कहते। लेकिन एक दिन ऐसा हो ही गया। मैं अपना कुछ सामान ढूंढ रहा था और वो मुझे मिल नहीं रहा था। फिर मैं कमरे से बाहर आकर बहन से पूछने लगा उस सामान के बारे में। तब बहन नंगी थी और तो और पापा और मम्मी भी वहीं बैठे पर थे। फिर मेरी और बहन की थोड़ी लड़ाई हो गई और फिर मैं वापिस कमरे में चला गया। फिर उस दिन जब बहन दोपहर को पापा के पास गई तो फिर पापा ने बहन से पूछा के तुम तुम्हारे भाई के सामने कब से नंगी रह रही हो। फिर बहन ने कहा के वो कई बार नंगी रह चुकी है। फिर पापा ने पूछा के तो फिर उसने कुछ कहा नहीं। फिर बहन बोली के वो क्या कहता। उसकी खुद की कई गर्लफ्रैंड है तो वो मुझ पर क्यों ध्यान देगा। बहन ने थोड़ा मुँह बनाकर पापा से कहा। बहन की बात सुनकर पापा बोले के अच्छा। मुझे तो पता ही नहीं था। फिर पापा ने पूछा के फिर मम्मी ने भी कुछ नहीं कहा। फिर बहन बोली के अब मम्मी भी अलग ही दुनिया मे रहती है। पापा ने पूछा के वो कैसे। फिर बहन बोली के आपने उनके कपड़े नहीं देखे। ब्रा पैंटी के अलावा कुछ पहनती ही नहीं है और वो हमारे सामने भी नंगी हो जाती है। उनमें भी अब जवानी जाग गई है जिस का रिजल्ट तो आप देख ही रहे है। फिर बहन बोली के वो खुद ऐसी है तो हमें क्या कहेगी। बहन की बात सुनकर पापा खुश हुए क्योंकि अब वो बहन के साथ जैसे चाहे वैसे मस्ती कर सकते है। फिर उस दिन जब शाम को वो दोनों घर आये तो बहन ने आते ही सब कपड़े खोल दिये और फिर सबके लिए खाना बनाया। फिर हम सब अपने अपने कमरो में चले गए। कमरे में जाने के बाद बहन घोड़ी बन गई तो पापा उसकी चुत और गाँड चाटने लगे और फिर उसकी कमर पकड़कर अपना लंड रगड़ने लगे। फिर पापा झड़ गए तो फिर वो सो गए। पापा के सोने के बाद बहन हमारे कमरे में आ गई और फिर हमें सब कुछ बताया। फिर मैंने कहा के मम्मी की डिलीवरी के बाद मैं मम्मी से कर लूंगा। फिर भी पापा कुछ नहीं कहेंगे। फिर हम जो चाहे वो कर सकेंगे। फिर मम्मी बोली के फिर तो हम बाहर भी मर्दो से चुदवा सकेंगी। अब हमारे सामने मस्ती करने के सब दरवाजे खुले चुके थे। फिर मैं बोला के फिर तो हम खुल्लम खुल्ला घर मे ही चुदाई कर सकेंगे। पापा बहन की और मैं मम्मी को घर के हॉल में घोड़ी बनाकर चोदेंगे और खूब मजे करेंगे। फिर बहन बोली के ये सब सोचकर ही मेरी तो चुत में पानी आ रहा है। जब ये सब होगा तब पता नहीं क्या होगा। फिर मैं बहन से चिपक गया और उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा। फिर मैं उसकी चुदाई करने लगा। चुदाई के बाद वो पापा के साथ जाकर सो गई। फिर मैं और मम्मी भी सो गए।
मुझे मम्मी को लेकर नानी के पास जाना था लेकिन तब नानी कहीं गई हुई थी तो फिर नानी ने कुछ दिन के बाद आने के लिए कहा। तब मम्मी को 5 वां महीना लग चुका था। अब घर मे रोज कुछ नया हो रहा था। अब बहन नंगी रहती और सोफे वगैरह पर बैठती तो पैर फैलाकर बैठती जिससे उसकी चुत पूरी दिखाई देती और तो और वो फर्श पर पोछा लगाती तो घोड़ी बन जाती। फिर कई बात तो मैं पीछे से उसकी गाँड में लंड डाल देता। कई बार पापा भी उसकी गाँड में अपना मुंह घुसा देते। बहन अब भी पापा से चिपकी रहती और पापा भी उसकी कमर में हाथ डालकर रखते और कई बार उनका हाथ बहन की गाँड पर भी चला जाता। एक बार तो गजब ही हो गया। मम्मी भी नंगी होकर घर मे घूमने लगी। बहन तो थी ही नंगी। उस दोनो उन दोनों माँ बेटियों को नंगी देखकर तो मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा था। पापा ने भी मम्मी को कुछ नहीं बोला। वो भी अब पूरे मजे ले रहे थे।
कुछ दिन बाद पंडित का मेरे पास फिर फोन आ गया था। फिर मैंने सिर्फ बहन को बताया तो फिर उसकी भी लंड लेने की इच्छा हुई तो फिर वो बोली के हम दोनों ही चलते है। फिर हमने मम्मी को भी इसके बारे में बताया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने पण्डित को फोन किया और पूछा के कहाँ आना है कोई जगह है क्या। फिर पण्डित बोला के मंदिर में ही आ जाओ। फिर बहन बोली के मंदिर में नहीं। वहां मजा नहीं आता है। फिर पण्डित बोला के तो आप ही बता दो कोई जगह। फिर मैंने बहन से पूछा के कहाँ जाना है फिर। फिर बहन बोली के तुम्हारे किसी फ्रेंड का घर खाली हो तो पूछ लो। फिर मैंने कुछ फ्रेंड को फोन किया तो किसी का घर खाली नहीं मिला। फिर हम बात कर ही रहे थे तो तभी पण्डित का फोन आया और उसने हमें एक एड्रेस दिया और कहा के यहां आ जाना। वो किसी का फार्म हाउस था। फिर मैंने पूछा के ये किसका फार्म हाउस है। फिर पण्डित बोला के आप लोग आ जाओ। मिलने के बाद बताता हूँ। साथ मे पण्डित बोला के एक दो दिन का प्रोग्राम बनाकर आना फूल मजे करेंगे। फिर मैंने ये बहन को बताया तो बहन ने एक बैग में अपनी कुछ शार्ट ड्रेस और ब्रा पैंटी वगेरह डाल ली। बहन ने एक सूट भी रख लिया सेफ्टी के तौर पर। फिर बहन ने मम्मी से कहा के हम जल्दी ही आ जाएंगे। अगर पापा पूछे तो कह देना के हम मेरी फ्रेंड के घर गए है। फिर पापा के शॉप पर जाने के बाद मैं और बहन घर के पीछे से सड़क की तरफ चले गए। तब बहन ने एक शार्ट ड्रेस पहनी थी। जिसमे उसकी पीठ पूरी नंगी थी और नीचे से भी घुटनो से काफी ऊपर थी और उसके बाबे भी दिख रहे थे। फिर हमने एक टैक्सी ली और फिर टैक्सी में बैठकर चले गए। टैक्सी वाला ड्राइवर भी बहन को देखे जा रहा था। वो फार्महाउस शहर से थोड़ा दूर था। मैं और बहन आगे क्या क्या होने वाला है ये सोचकर गर्म हो रहे थे। फिर मैं बहन की जाँघे सहलाने लगा और उसने मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर निकाल लिया और फिर सहलाने लगी। रास्ता थोड़ा लम्बा था। फिर हम पेशाब करने के लिए ड्राइवर को रुकने को कहा तो फिर उसने एक सुनसान सी जगह पर गाड़ी रोक दी। फिर बहन गाड़ी से उतरी और फिर वो झाड़ियों के पीछे चली गई। वो झाड़ियां इतनी ज्यादा गहरी नहीं थी तो वो हमें उनमे से दिख रही थी। पहले बहन ने पेंटी खोली और फिर वो नीचे बैठकर पेशाब करने लगी। फिर वो पेशाब करके उठी तो फिर वो पेंटी पहनने लगी तो उसकी गाँड दिखने लगी। बहन तब हमारी तरफ पीठ करके खड़ी थी। बहन को ऐसे देखकर तो ड्राइवर देखता ही रह गया। फिर वो पेशाब करके आने लगी तो फिर वो हमारे सामने ही अपनी ड्रेस सही करने लगी। फिर बहन तो आकर गाड़ी में बैठ गई और फिर मैं और ड्राइवर साथ मे पेशाब करने गए। फिर ड्राइवर ने पहले पेशाब किया और फिर अपने लंड को हिलाने लगा। फिर उसने मुझसे पूछा के ये लड़की कौन है। फिर मैंने कहा के ये एक मॉडल है। फिर वो ड्राइवर बोला के मैंने ऐसी लड़की सिर्फ टीवी वगैरह में ही देखी है। आप चलो मैं आता हूँ कुछ देर में। फिर वो आंखें बंद करके अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा। फिर मैंने आकर ये बहन को बताया तो फिर बहन हंसने लगी और फिर जब ड्राइवर आया तो बहन उसको देखकर मुस्कुराने लगी। फिर हम वापिस चल पड़े और फिर कुछ देर के बाद हम फार्म हाउस पर पहुंच गए। तो फिर ड्राइवर हमें फार्म हाउस के बाहर उतारकर चला गया। फिर जब मैं बहन को लेकर फार्म हाउस में गया तो देखा के वहाँ दो आदमी मिले। वो शायद उस फार्म हाउस के केअर टेकर थे। फिर उन्होंने हमें नहीं रोका और फिर हम सीधे अंदर चले गए। फार्म हाउस बहुत ही सुंदर था और स्विमिंग पूल वगैरह सब था वहाँ। पण्डित वहां पहले ही पहुंच चुका था तो फिर मैंने उससे हाथ मिलाया और वो बहन के गले लगा। फिर हम सोफे पर बैठ गए और वो बहन की कमर में हाथ डालकर मेरे सामने बैठ गया। फिर मैंने पण्डित से उस फार्म हाउस के बारे में पूछा तो फिर पण्डित ने बताया के वो शहर के किसी बड़े आदमी का है। पण्डित उनके घर पूजा और हवन वगैरह करवाने जाता है तो वो उन्हें अच्छी तरह से जानता है। इस कारण उसने उनसे वो फार्म हाउस कुछ दिनों के लिए ले लिया। फिर पण्डित बताने लगा के वो शहर के कई बड़े घरों में पूजा वगैरह करवाने जाता है और उन घरों की कुछ औरतो के साथ उसकी सेटिंग भी है। ये सुनकर मैं और बहन थोड़े हैरान हो गए और फिर हंसने लगे। पण्डित काफी रंगीले मिजाज का आदमी था। फिर पण्डित बोला के जितना घर बड़ा होगा उस घर की औरतें उतनी ही कमीनी होंगी। ऊपर से वो संस्कारी होने का नाटक करती है और अंदर से बिल्कुल रंडी होती है। पण्डित की ये बात सुनकर हम जोर जोर से हंसने लगे। फिर इतने में एक आदमी हमारे लिए चाय लेकर आया और फिर वो चाय रखकर चला गया। फिर पण्डित ने हमसे धीरे से कहा के लेकिन एक समस्या है। फिर बहन ने पूछा के वो क्या। फिर पण्डित ने बताया के इस फार्म पर दो आदमी है। उनमें से एक तो बूढ़ा है और दूसरा मेरी जितनी उम्र का है। अगर हम उनके सामने तुम्हारी साली से मस्ती करेंगे तो फिर उसका भी मन करेगा। अगर हमें खुलकर मस्ती करनी है तो हमें उस आदमी को अपनी तरफ करना पड़ेगा। फिर हमें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी और फिर अगर हमें मिलना होगा तो हम सीधे ही इस आदमी से सम्पर्क कर लेंगे। उसका नाम लिखमी चंद है और वैसे सब उसे लकी कहते है। वो दूसरा तो बूढ़ा है ज्यादा उसका लंड तो शायद खड़ा नहीं होता होगा। फिर बहन बोली के उसे मैं हैंडल कर लुंगी। बहन की बात सुनकर मैं और पण्डित बहन की तरफ देखने लगे और फिर वो मुस्कुराने लगी।
फिर पण्डित बोला के तो अब समस्या दूर हो चुकी है तो चलो मजे करते है। तब पंडित ने अपनी धोती उतार दी और वो सिर्फ कच्छे में आ गया। फिर मैंने भी अंडर वियर को छोड़कर सब कपड़े उतार दिए। फिर बहन ने अपनी शार्ट ड्रेस खोल दी और फिर बेग से बिकिनी निकालकर पहन ली। फिर हम तीनों बाहर आ गए और घूमने लगे। वो दोनो आदमी तो बहन को देखकर।देखते ही रह गए। फिर हम पूरा फार्म हाउस घूमकर देखने लगे। वो दोनों आदमी भी हमारे साथ साथ घूम रहे थे। फिर हम तीनो जाकर लॉन में कुर्सियों पर बैठ गए। फिर हम बातें करने लगे तो बातें करते करते पण्डित ने अपना कच्छा उतार दिया और अपने खड़े लंड को सहलाने लगा। ये देखकर बहन हँसने लगी। तब वो दोनो आदमी वहीं खड़े थे। फिर पण्डित ने बहन को अपने आस बुलाया तो फिर बहन पण्डित के सामने जाकर बैठ गई और फिर उसके लंड को चूसने लगी। फिर मैं भी अपना अंडर वियर उतारकर नंगा हो गया। फिर पण्डित का कुछ देर लंड चूसने के बाद बहन फिर मेरा लंड चूसने लगी। फिर पण्डित खड़ा होकर बहन के पीछे आया और बहन की पेंटी नीचे करके पीछे से उसकी चुत सहलाने लगा। फिर उसने बहन की ब्रा के हुक भी खोल दिए। फिर बहन ने मेरा लंड चूसना छोड़ कर अपनी ब्रा उतारने लगी और फिर वो खड़ी हुई और उसने अपनी टांगे भिड़ी करी तो उसकी पैंटी नीचे जा गिरी। फिर बहन पूरी नंगी हो गई।और फिर पण्डित ने बहन को अपने से पूरा चिपका लिया और फिर बहन भी उसका लण्ड सहलाने लगी। फिर मैं भी बहन के साथ उसकी कमर में हाथ डालकर उससे चिपक कर खड़ा हो गया। फिर बहन मेरा लंड भी हिलाने लगी। तब वो दोनों आदमी हमे देखे जा रहे थे। फिर उन्हें देखकर बहन बोली के चलो इनके लंड भी चेक कर लेते है। फिर बहन उनके पास चलकर गई। उन दोनों ने तब धोती कुर्ता पहना था। फिर बहन ने जाकर पहले उनमे से एक आदमी की धोती खोली जो कि थोड़ा जवान था। उसका लंड तब पूरा खड़ा था। फिर बहन उसका लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर उस आदमी ने अपना कुर्ता खुद ही खोल।दिया। फिर बहन ने उस दूसरे आदमी की भी इस उम्मीद से धोती खोली के उसका लंड तो खड़ा नहीं मिलेगा। लेकिन फिर देखा के उसका लंड भी खड़ा था। उसका लंड देखकर बहन हमारी तरफ देखकर हंसने लगी। फिर बहन ने उसकी उम्र पूछी तो उसने 50 साल बताई पर वो दिखने में 70 साल का लग रहा था। उसका मुंह और उसका शरीर बूढ़े के जैसा ही था। वो दुसरा आदमी हट्टा कट्टा था वो 40 साल का था। फिर बहन उन दोनों से चिपक कर खड़ी हो गई।
ये सब देखकर पंडित कुछ ज्यादा ही गर्म हो चुका था तो फिर वो बहन को घोड़ी बनाकर चोदने लगा और जल्दी ही झड़ गया। फिर मैं जाकर बहन को सीधा लेटाकर उसकी चुत मारने लगा। फिर थोड़ी देर की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर मैंने लंड का पानी उसकी चुत पर निकाल दिया। हमारी चुदाई देखकर उन दोनों आदमियों का तो पानी निकल गया। फिर हम सब नीचे ही घास पर लेट गए। बहन चार मर्दो के बीच नंगी लेटी थी। ये देखकर मैं काफी गर्म हो रहा था। फिर हम सब हंसी मजाक करने लगे। फिर बहन बारी बारी से सबका लंड चूसने लगी तो सबके लंड खड़े हो गए। फिर बहन ने पहले उन दोनों आदमियों से चुदवाया और फिर मैंने और पण्डित ने चोदा। तब शाम हो चुकी थी तो हम फिर से फार्म हाउस में घूमने लगे। तब मेरे पास मम्मी का फोन आया तो मैंने मम्मी को सब बताया तो।फिर ये सब सुनकर मम्मी का भी वहां आने का मन करने लगा। फिर पापा का बहन के पास फोन आया तो फिर बहन पापा से बात करने लगी। फिर पापा ने वीडियो कॉल करने के लिए कहा तो फिर बहन ने वैसी ही नंगी हालत में पापा से वीडियो कॉल।पर बात करने लगी। तब पण्डित और वो दोनो आदमी वहां नहीं थे। फिर बहन को नंगी देखकर पापा ने उससे पूछा के वो नंगी क्यों है तो फिर बहन ने कहा के वो ऐसे अपनी फ्रेंड से फ़ोटो खिंचवा रही थीं। फिर पापा ने कहा के मुझे भी सेंड करना। फिर कुछ देर की बातचीत के बाद पापा ने फोन काट दिया। फिर मैंने बहन की कुछ फोटो ली और फिर वो बहन ने पापा को सेंड कर दी। फिर अंधेरा हो गया तो वो दोनों आदमी हम सबके लिए खाना बनाने लगे। फिर हम तीनों पहले जाकर नहाए फिर हम जाकर रजाई में लेट गए। वहां एक बड़ा सा टीवी लगा था तो फिर बहन ने उससे अपने फोन को कनेक्ट करके पोर्न वीडियो चला दी। वहां एक डबल बेड था जो कि काफी बड़ा था। फिर खाना तैयार हो गया तो हम सबने खाना खाया और फिर हम सब कमरे में आ गये।
कमरे में आने के बाद बहन बेड पर लेट गई और फिर मैं और पण्डित तो बहन के एक एक बॉबे को चूसने लगे और वो दोनों बहन की चुत और पैरों को चूमने लगे। हम सब काफी गर्म हो चुके थे। फिर मैं नीचे लेट गया और बहन मेरे ऊपर घोड़ी बनकर मेरा लंड अपनी चुत में ले लिया। फिर पीछे से पण्डित ने बहन की गाँड में लंड घुसा दिया। फिर वो दोनों आदमियों को बहन ने अपने पास बुलाया और फिर उन दोनों के लंड को हाथ मे लेकर हिलाने लगी। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद हमने पोजीशन चेंज कर दी। फिर पण्डित नीचे आ गया और मैं पीछे से बहन की गाँड मारने लगा। फिर ऐसे ही एक एक करके हम झड़ने लगे और फिर थोड़ी देर बाद लंड फिर खड़ा हो जाता तो हम फिर चुदाई में लग जाते। इस तरह चुदाई करते करते हमें आधी रात हो गई। हममे से प्रत्येक ने बहन की 3-4 बार चुदाई कर की थी और बहन 16 बार हमसे चुद चुकी थी। फिर हम सब थककर सो गए। बहन हमारे बीच मे सोई थी। मैं और पण्डित बहन के साइड में सोए थे और वो दोनों बहन के पैरों की तरफ सोये थे।
फिर सुबह मुझे जल्दी जाग आ गई तो मैंने उठकर देखा के बहन हमारे बीच नंगी चैन से सोई थी। फिर मैंने उसकी ऐसे एक फोटो ली। फिर कमरे से बाहर आकर मैं घूमने लगा और साथ मे मम्मी से फोन पर बात करने लगा। फिर मैंने मम्मी को सब बताया और बहन की फ़ोटो भी मम्मी को भेज दी। वो फ़ोटो देखकर मम्मी बोली के एक बार मेरी डिलीवरी हो जाये फिर मैं भी ऐसे ही मजे करूंगी। फिर मैं मम्मी से बोला के हाँ फिर हम खूब मजे करेंगे। फिर मम्मी पापा के बारे में बताने लगी वो मुझसे चिपके ही रहते है और मेरे बदन को सहलाते रहते है। फिर थोड़ी और बातें करके मैंने फोन रख दिया। फिर मैं वापिस अंदर गया तो देखा के सब उठ चुके थे। वो दोनों आदमी तो किचन में थे और बहन और पण्डित चिपक कर लेटे थे। फिर चाय बनकर आ गई तो फिर चाय पीकर मैं, पण्डित और बहन कमरे से बाहर आकर घूमने लगे। बहन ने तक सिर्फ एक जैकेट पहन रखी थी और कुछ नहीं पहना था। जैकेट उसकी गाँड तक मुश्किल से आ रही थी। नीचे उसकी गौरी गौरी टांगे दिख रही थी। फिर पण्डित हमें बताने लगा के वो कई बड़े घरों में जाकर पूजा करता और उसकी अच्छी जान पहचान है। उसने बताया के कई औरतो के साथ उसकी सेटिंग भी है। यानी वो रंगीले मिजाज का आदमी था और पहले भी कई औरतो को चोद चुका था। वो रिश्ते वगैरह भी करवाता है। फिर मैंने पण्डित से बहन यानी साली के लिए कोई अच्छा सा रिश्ता ढूंढने के लिए कहा तो फिर पण्डित बोला के वो ढूंढ देगा। लेकिन अभी नहीं ढूंढेगा। अभी तो इनके खेलने कूदने के दिन है। पण्डित की बात सुनकर हम हंसने लगे। फिर हम फार्म हाउस से बाहर आकर सड़क की तरफ चले गए। सड़क पर ट्रैफिक बिल्कुल भी नहीं था तो फिर बहन ने अपनी जैकेट उतार दी और नंगी हो गई। तब धुंध आई हुई थी तो कुछ नहीं दिख रहा था। फिर मैंने बहन की कुछ फ़ोटो ली। फिर हम वापिस फार्म हाउस के अंदर आ गए। कुछ ही देर बाद अच्छी धूप निकल गई तो फिर हम सब नंगे होकर धूप में बैठ गए। हम जल्दी ही जाने वाले थे तो मैंने कैब भी बुक कर ली थी। ये हमने उन सबको भी बता दिया था। फिर हमने ये भी बताया के अब हम कई महीनों के बाद ही मिलेंगे। फिर मैंने और बहन ने अपना सब समान पैक करके रख लिया। फिर वो सब बहन की चुदाई करने लगे। जो कि कैब आने तक चलती रही। फिर कैब फार्म हाउस के गेट पर आ गई तो बहन ने अपनी मिनी ड्रेस पहनी और फिर जाने से पहले उन सबने बहन के बदन को खूब सहलाया। फिर हम कैब में बैठकर वापीस आने लगे। वो कैब वाला बहन को ही देखे जा रहा था। अब बहन भी कुछ कम नहीं थी उसने अपनी ड्रेस में से अपने बोबो को आधे से ज्यादा बाहर निकाल लिया। फिर बहन को ऐसे देखकर उससे रहा नहीं गया तो फिर वो गाड़ी रोक कर पीछे बहन की तरफ मुड़कर देखने लगा। फिर वो बहन से बोला के मेडम मुझसे चुदवा लो। आप चाहो मैं उतने पैसे आपको देने के लिए तैयार हूं। फिर वो अपना लंड बाहर निकालकर सहलाने लगा। फिर मेरी तरफ देखकर बहन मुस्कुराने लगी और इशारों से पूछने लगी। फिर मैंने कहा के जैसा तुम्हे ठीक लगे। फिर बहन गाड़ी से बाहर निकली और फिर गाड़ी से कुछ दूर जाकर मुझे आवाज दी। फिर मैं बहन के पास गया तो फिर बहन बोली के ऐसे खुले आसमान के नीचे चुदवाने में अलग ही मजा आएगा। फिर बहन बोली के तुम उस ड्राइवर को बुलाकर लाओ। फिर मैं जाकर ड्राइवर को बुलाकर लाया। फिर मैं और ड्राइवर बहन के पास गए तो देखा तो बहन पूरी नंगी थी। फिर बहन एक पेड़ के सहारे झुक कर खड़ी हो गई तो फिर वो ड्राइवर बहन की चुदाई करने लगा। ड्राइवर के धक्कों से बहन के हिलते हुए बॉबे बहुत सेक्सी लग रहे थे। फिर ड्राइवर झड़ने लगा तो उसने सारा पानी बहन की गाँड पर निकाल दिया और फिर अपना कुर्ता निकालकर बहन की गाँड पोंछ भी दी। मैं भी गर्म हो चुका था तो फिर मैं नंगा हो गया और बहन की चुदाई करने लगा। वहां रेत ही रेत थी तो मैं बहन को रेत में ही घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर चुदाई के बाद वहां बहन ने अपनी कुछ नंगी फ़ोटो खिंचवाई।
फिर हम कैब में आकर बैठ गए और फिर जाने लगे। फिर उस कैब वाले ने बहन से कहा के आपको कहीं भी जाना हो तो बस आप मुझे काल कर लेना। फिर उसने अपना नम्बर दिया। फिर वो बोला के मैं आपको सीक्रेटली कहीं भी लेकर जा सकता हूँ। आप एक बार मुझे जरूर मौका दीजिएगा। फिर बहन बोली के ठीक है कभी जरूरत होगी तो बताऊंगी।
फिर उसने हमें छोड़ दिया। फिर हम घर के पीछे के रास्ते घर मे आने लगे। तब पापा शोप पर गए हुए थे। फिर बहन ने जो कुछ हुआ वो सब मम्मी को बताया। हम काफी देर तक बातें करते रहे। हम दोपहर बाद घर पहुंचे थे तो फिर बहन उस दिन शॉप पर पापा के पास नहीं गई। फिर शाम को पापा घर आये तो बहन नंगी ही थी औऱ फिर पापा ने उसे गले से लगाया। फिर खाना वगैरह खाकर हम जाकर सो गए। कमरे में जाते ही पापा नंगे हो गए और बहन से चिपक कर लेट गए। फिर बहन उठी और पापा के ऊपर चढ़कर अपनी चुत पापा के मुंह पर रगड़ने लगी। फिर बहन झड़ गई तो फिर पापा बहन की गाँड में अपना ढीला लंड डालकर रगड़ने लगे। फिर वो झड़ गए तो फिर वो सो गए। अगले दिन सन्डे था तो सब काम करने के बाद बहन पूरे घर की सफाई के लग गई। पहले सारे कमरों झाड़ू लगाई। बहन झुक कर झाड़ू लगा रही थी तो उसके लटकते बोबो को देखकर तो मुर्दे का लंड भी खड़ा हो जाये। फिर जब बहन पापा के कमरे में झाड़ू लगाने गई तो फिर पापा उठकर अपने कमरे में चले गए और गेट भी बंद कर लिया। तब मैं और मम्मी हॉल में ही बैठे थे। फिर करीब 20-25 मिनट बाद बहन मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर निकली। तब तक पापा कमरे में ही थे। फिर मम्मी ने बहन से इशारे से मुस्कुराने का कारण पूछा तो फिर बहन अपनी गाँड हमारी तरफ करके खड़ी हो गई। गाँड पर लंड का पानी लगा हुआ साफ दिख रहा था। फिर बहन हाल और बाकी कमरों की झाड़ू लगाने लगी। फिर मेरे कमरे में बहन झाड़ू लगाने के लिए जाने वाली थी तो फिर मैं पहले से ही कमरे में चला गया। तब तक पापा भी वापिस हाल में आकर बैठ गए थे। फिर बहन ने साफ करने के बहाने कमरे के गेट बंद कर दिए और फिर वो मेरे पास बिस्तर में आ गई। फिर हम चुदाई करने लगे। मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था जिस कारण पूरा बेड ही हिलने लग गया था। फिर चुदाई के बाद मैंने भी सारा पानी बहन की गाँड पर निकाल दिया। फिर बहन ऐसे ही कमरे से बाहर चली गई। उसकी सेक्सी गाँड पर मेरे और पापा का पानी लगा देखकर कोई भी कह सकता था के बहन की चुदाई हुई है। फिर बहन पोछा लगाने लगी तो पोछा लगाते टाइम बहन की पोजीशन बिल्कुल घोड़ी के समान थी। वो कुछ ज्यादा ही अपनी गाँड ऊपर उठाए हुए थी। फिर जब बहन पापा के कमरे में पोंछा लगाने गई तो फिर पापा भी कमरे में चले गए। फिर बहन ने पोंछा लगाकर बाल्टी और पोंछा तो कमरे से बाहर रख।दिये और फिर गेट बंद कर लिए। उनके कमरे में जाने के बाद फिर मैं मम्मी को लंड चुसवाने लगा। फिर कुछ देर बाद बहन कमरे से बाहर आ गई और बाल्टी और पोंछा लेकर फिर से पोंछा लगाने लगी। फिर मैं सोफे पर जाकर बैठ गया और फिर पापा भी आ गए। फिर हमारे सामने बहन गाँड उठा उठा कर।पोंछा लगाने लगी। मेरा लंड खड़ा तो था ही पापा नहीं होते तो मैं जाकर बहन की गाँड में लंड डाल देता। बहन पोंछा कम अपनी गाँड ज्यादा दिखा रही थी। फिर वो जब मेरे कमरे में पोंछा लगाने गई तो मुझसे तो बिल्कुल नहीं रहा गया और मैं उसके पीछे पीछे ही अंदर चला गया और फिर उसकी गाँड मे लंड डालकर करने लगा और फिर जल्दी ही झड़ गया। इस प्रकार उस पूरे दिन यही सब चलता रहा। फिर मैंने मम्मी को पण्डित की वो वाली बात बताई की जिसमे वो बहन का रिश्ता किसी बड़े घर मे करवाने की बात कर रहा था। ये सुनकर मम्मी बहुत ज्यादा खुश हुई। फिर मम्मी बोली के अगर पण्डित तुम्हारी बहन का रिश्ता किसी अच्छे और बड़े घर मे करवा देता है तो उसका एहसान मैं कभी नहीं भूलूंगी। फिर मैंने मम्मी से कहा के वो कह तो यही रहा था। बाकी उस पर अभी इतनी जल्दी विस्वास नहीं कर सकते। फिर मम्मी बोली के हाँ ये तो है ही। फिर यूं ही दिन निकलने लगे।
फिर एक बार बहन पापा के साथ शॉप पर गई हुई थी। फिर पापा तो बहन की चुत और गाँड पर अपना लंड रगड़कर शांत हो जाते और बहन शांत नहीं हो पाती थी तो फिर वो डिल्डो।डालकर झड़ जाती थी। ये रोज का काम था और पापा भी ये बात अच्छे से जानते थे। फिर एक दिन पापा और बहन नंगे लेटे हुए थे तभी हमारी शॉप पर काम करने वाले एक लड़के ने आवाज लगाई तो फिर पापा लुंगी बांधकर कमरे से बाहर निकले और उसे काम समझाने लगे। तब उस लड़के ने ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था। वो काफी मेहनत वाला काम करता था तो उसकी बॉडी अच्छी थी। उसकी बॉडी देखकर पापा ने बहन को बुलाया तो बहन नंगी ही जाकर गेट के पीछे खड़ी हो गई।फिर पापा ने बहन से पूछा के ये लड़का कैसा है। फिर बहन ने पूछा के किसके लिए। फिर पापा ने कहा के तुम्हारे लिए। फिर बहन बोली के मैं अभी शादी नहीं करूंगी। फिर पापा बोले के शादी के लिए नहीं सेक्स के लिए। ये थोड़ा भोला है और ये किसी को कुछ बताएगा भी नहीं। तुम शादी होने तक इसके साथ कर लेना। मैं तो तुम्हे खुश कर नहीं पाता हूँ। पापा के मुंह से ये बात सुनकर बहन पापा की तरफ देखती ही रह गई और मन ही मन काफी खुश भी हुई। फिर पापा बोले के ये विश्वास के लायक भी हैं। ये हमारे यहां काफी टाइम से काम कर रहा है। तुम इसे जल्दी से पटा लो। फिर मैं और पापा उसे देखने लगे। तूम इससे यहां करना चाहती हो तो यहां कर लेना और तुम्हारे भाई और मम्मी के जाने के बाद चाहे इसे घर भी ले जाना। सोच लो। फिर उस दिन घर आने के बाद ये बात बहन ने मुझे और मम्मी को बताई तो हम काफी खुश हुए। 3-4 लोगो से एक साथ चुदवाने के बाद अब बहन की रातें भी अच्छी नहीं गुजर रही थी। फिर मम्मी ने बहन से कहा के जल्दी से चुदवालो उससे। तुम्हारे पापा ने जो कहा है। फिर मम्मी की बात पर बहन हंसने लगी।
बहन अब पापा के साथ ही सुबह ही शॉप पर जाने लगी और फिर शाम को पापा के साथ ही आती। बहन के लिए अब किसी को भी पटाना और फिर उससे चुदवाना ज्यादा मुश्किल नहीं था। दुकान में तब ज्यादा ग्राहक वगैरह नहीं आते थे तो पापा और वो लड़का दुकान में ही खाली बैठे रहते थे। उस लड़के का नाम राजू था। फिर बहन भी सेक्सी ड्रेस पहनकर पापा और राजू के साथ दुकान मे ही रहने लगी। बहन को सेक्सी ड्रेस में देखकर पहली बार तो राजू देखता ही रहा गया। बहन अब राजू से ज्यादा बातें करती और फिर कई बार वो दोनों शॉप के पीछे की तरफ चले जाते और बातें करते रहते। फिर राजू बहन के साथ खुल गया और भी अब बहन के बदन को निहारता रहता। पर वो पापा से डरता था। बहन फिर और ज्यादा सेक्सी ड्रेस पहनने लगी। फिर बहन बिकिनी ही पहनने लगी। बहन को बिकिनी में देखकर तो राजू का लंड खड़ा हो जाता और उसकी पेंट में तम्बू बन जाता। जिसे देखकर पापा और बहन दोनो समझ गए के अब राजू चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार है। फिर एक दिन पापा और राजू शॉप के अंदर बैठे थे और उस दिन बहन नेट वाली ब्रा पैंटी पहनकर उनके सामने गई तो राजू की आंखें फ़टी की फटी रह गई। फिर बहन पापा के सामने ही राजू को लेकर शॉप से बाहर आ गई और फिर उसे लेकर ऊपर बने कमरे में ले गई। फिर बहन ने उसकी पेंट खोल दी और फिर उसका लंड हाथ मे ले लिया और सहलाने लगी। फिर राजू ने भी बहन को अपने से चिपका लिया और उसके बदन को चूमने लगा। फिर बहन ने राजू का कुर्ता भी निकाल दिया। अब राजू बहन के सामने पूरा नंगा खड़ा था। फिर बहन ने खुद की ब्रा पैंटी भी निकाल दी। फिर राजू बहन के बोबो को सहलाने और चुसने लगा। फिर बहन ने राजू को ले जाकर बेड पर लेटा दिया और फिर उसके लंड को चुसने लगी। जिससे राजू बहुत ज्यादा गर्म हो गया और वो झड़ गया। बहन उसका सारा पानी पी गई और उसके लंड को चाटकर साफ कर दिया। राजू का ये पहली बार था। फिर बहन लेट गए और राजू से अपनी चुत चटवाने लगी। फिर चुत चाटते चाटते राजू का लंड खड़ा हो गया तो फिर बहन ने उसका लंड पकड़कर अपनी चुत में डाल लिया और फिर उससे धक्के लगाने के लिए कहा तो फिर राजू धक्के लगाने लगा। जिससे उन दोनों को बहुत मजा आने लगा। फिर बहन घोड़ी बन गई और राजू से गाँड मरवाने लगी। पापा को बहन ने पहले ही बता दिया था के वो आज राजू से चुदवाने वाली हैं। फिर पापा भी कमरे के बाहर खड़े होकर उनकी चुदाई देखने लगे। अंदर बहन घोड़ी बनी हुई थी और राजू बहन की गाँड मार रहा था अपने मोटे लंड से ये देखकर पापा भी काफी गर्म हो गए। फिर वो अपनी पेंट खोलकर अपने लंड को मसलने लगे। बहन बहन जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी जो कि कमरे से बाहर तक सुनाई दे रही थी। जिन्हें सुनकर पापा से रहा नही गया और फिर वो कमरे के अंदर चले गए। पापा को देखकर राजू घबरा गया और फिर वो बेड से नीचे उतरकर खड़ा हो गया। फिर पापा अपने कपड़े खोलने लगे और फिर नंगे होकर बहन के पास चले गए तो फिर बहन उनका लंड सहलाने लगी। ये देखकर राजू तो कुछ समझ ही नहीं पा रहा था। फिर पापा ने राजू से कहा के तुम आज से मेरी बेटी के बॉयफ्रेंड हो और अब से तुम्हारा काम इसे खुश करना है। ये जो कहेगी वो करना होगा और अगर किसी को कुछ बताया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। फिर पापा की बात सुनकर राजू अभी सदमे में था ही तभी बहन ने उसका लंड पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और फिर वो मुस्कुराते हुए उसका लंड सहलाने लगी। फिर उसका लंड खड़ा हो गया जो कि पहले पापा के डर के कारण ढीला हो गया था तो बहन फिर घोड़ी बन गई और वो फिर से पापा के सामने बहन की गाँड मारने लगा। फिर कुछ देर बाद वो झड़ गया तो फिर उसने सारा पानी अंदर ही डाल दिया। फिर उसने लंड बाहर निकाला तो बहन की गाँड से राजू का पानी बहकर बाहर निकलने लगा। पापा ये सब देख रहे थे। फिर पापा ने बहन को सीधा लेटाया और फिर उसके ऊपर लेटकर अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगे और फिर झड़ गए। फिर पापा साइड में लेट गए और फिर बहन ने राजू को भी अपनी दूसरी साइड लेटा लिया। फिर बहन ने उन दोनों के साथ एक सेल्फी ली और फिर चुपके से वो मुझे भेज दी। मैं और मम्मी वो सेल्फी देखकर काफी खुश हुए। फिर उस दिन बहन ने राजू से पापा के सामने कई बार चुदवाया। फिर राजू का डर भी थोड़ा निकल गया तो फिर उसे भी मजा आने लगा। राजू से चुदकर बहन के मुंह पर एक अलग ही खुशी झलक रही थी। बहन को खुश देखकर पापा भी काफी खुश थे। फिर उस दिन जब शाम को बहन घर आई तो वो काफी खुश दिखाई दे रही थी।
फिर पापा के सो जाने के बाद हमारे कमरे में आ गई। फिर बहन ने हमें राजू के साथ चुदाई की फ़ोटो और वीडियो दिखाई। खास बात ये थी कि वो फ़ोटो और वीडियो पापा ने बनाई थी। एक बाप अपनी ही बेटी की चुदाई की वीडियो बना रहा है। अब इससे ज्यादा क्या हो सकता था। वो सब फ़ोटो और वीडियो देखकर मैं गर्म हो गया तो फिर मैं बहन की चुदाई करने लगा। फिर उस रात बहन हमारे साथ ही सो गई। फिर अगले दिन सुबह सुबह जब बहन खड़ी होकर हमारे कमरे से बाहर निकली तो तभी पापा अपने कमरे से बाहर निकले। फिर बहन जाकर पापा के गले से लग गई। फिर पापा बहन की गाँड सहलाने लगे। तब बहन मूड में थी तो फिर उसने पापा के लोअर को नीचे किया और फिर पापा का लंड पकड़कर उन्हें किचन में ले गई। फिर बहन तो चाय बनाने लगी और पापा उसके पीछे से चिपक कर खड़े हो गए अपना लंड उसकी गाँड में घिसने लगे। फिर पापा झड़ गए तो फिर पापा ने बहन की गाँड पर लगा पानी पोंछ दिया और फिर वो जाकर हॉल में बैठ गए। फिर मैं और मम्मी भी उठकर बाहर चले गए और चाय पीने लगे। फिर चाय पीते पीते हम सब बातें करने लगे। अब घर पर सिर्फ मैं और पापा ही थे जो कि कपड़ो में रहते थे। लेकिन अगर हम भी बिना कपड़ों के रहने लग जाये तो फिर तो और ज्यादा मजा आ जाये। लेकिन ये इतनी जल्दी नहीं हो सकता था और एक दिन ये होना पक्का है। इसके साथ साथ अगर पापा के सामने भी हम चुदाई करने लग जाये तब तो हमारा घर स्वर्ग ही बन जाये। लेकिन अब जैसे ये लग रहा था के इसमे अब ज्यादा टाइम लगने वाला नहीं है।
फिर बहन और पापा अब जल्दी शॉप पर चले जाते और फिर बहन राजू से दिन भर चुदवाती। बहन राजू से नीचे दुकान में और दुकान के पीछे लगभग हर जगह चुदवा चुकी थी। बहन अब वहां नंगी ही रहती और घर आने के बाद भी नंगी रहती ही थी तो बहन जब दुकान जाती तो वो अब ऊपर सिर्फ एक जैकेट पहन लेती और नीचे बस लेग्गी ही पहनती। जो कि वो दुकान या घर पर आते ही खोल देती। फिर एक बार पापा ने बहन से कहा के अगर तुम्हारी मम्मी और भाई को ये सब पता चल गया तो वो कुछ कहेंगे तो नहीं। फिर बहन बोली के मम्मी ने तो मुझे खुद कहा था बॉयफ्रेंड बनाने के लिए। ये सुनकर पापा बोले के क्या। फिर बहन बोली के और नहीं तो क्या और भाई के खुद के तो कई गर्लफ्रैंड है तो फिर वो मुझे कुछ क्यों कहेगा। ये सब सुनकर पापा ने रिलैक्स फील किया। फिर बहन को लगा के जैसे यही सही मौका है पापा को मेरे और मम्मी के बारे में बताने का। फिर बहन ने पापा को थोड़ा सा हिंट देते हुए बताया के अब मम्मी भाई को अपना बॉयफ्रेंड मानती है और उसके साथ उसकी गर्लफ्रैंड की तरह ही रहती है। वो अब मॉडर्न हो गई है तो वो काफी खुल गई है। फिर पापा ये सुनकर थोड़ा हैरान हुए और फिर पापा ने मम्मी से पूछा के क्या उनके बीच सेक्स हो चुका है। फिर बहन ने पापा से कहा के अब हम भी तो बाप बेटी कम और बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड ज्यादा है तो सेक्स होना आम बात है। फिर पापा बोले के मेरा लंड अब खड़ा नहीं होता है और मैं बीमार भी रहता हूँ तो उसने सही किया। कहीं अगर उसने बाहर किसी से किया होता तो हमारी काफी बेइज्जती होती। फिर बहन ने मुस्कुराते हुए पूछा के आपको मम्मी और भाई के सेक्स से कोई एतराज नहीं है। तो फिर पापा बोले के एतराज क्यों होगा। तुम्हारी मम्मी की भी खुद की जिंदगी है। अब हमारे बीच पहले जैसी बात तो रही नहीं तो वो चाहे अब अपनी जिंदगी जैसे चाहे वैसे जीये। ये सुनकर बहन काफी खुश हुई। फिर बहन बोली के फिर तो हम भी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड की तरह रह सकते है। फिर हमें भी वो कुछ नहीं कहेंगे। ये सुनकर पापा काफी खुश हुए।
फिर जब बहन ने ये सब मुझे और मम्मी को बताया तो हमारी।तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा। क्योंकि अब पापा को सब पता चल चुका था और अब हमें किसी से डरने की कोई जरूरत नहीं थी। फिर इसके बाद मैं पापा के सामने ही मम्मी से चिपका रहने लगा और फिर पापा भी हमारे सामने बहन की कमर में हाथ डालकर रखने लगे और फिर एक बार हमारे सामने ही बहन ने पापा के हाथ पकड़कर अपनी गाँड पर रख दिये। ये देखकर हम सब हँसने लगे। फिर पापा हमारे सामने ही बहन की गाँड पर हाथ रखकर खड़े रहे। मैं भी फिर सबके सामने मम्मी की गाँड को अपने हाथों से दबा देता और सहलाता रहता। मम्मी के बोबो को भी सहलाता और निप्पल को चुसने लग जाता। लेकिन हमने अभी तक एक दूसरे के साथ चुदाई नहीं कि थी। मुझे और मम्मी को पता था के इसके लिए पहल हमें ही करनी पड़ेगी। फिर एक बार सन्डे के दिन हम सब धूप में बैठे थे। फिर मम्मी ने तेल मालिश करने के लिए बहन से कहा तो फिर बहन कमरे से तेल लेकर आ गई। फिर वो तेल को बोतल मम्मी ने मुझे दे दी और अपनी मालिश करने के लिए कहा। फिर मम्मी सीधी लेट गई तो फिर मैं मम्मी की मालिश करने लगा। पापा और बहन हमे देख रहे थे। मैं उनके सामने ही मम्मी के बोबो और चुत की मालिश कर रहा था। ये देखकर बहन अपनी चुत सहलाने लगी। फिर बहन ने पापा से मालिश करने के लिए बोला और वो खुद मम्मी के साइड में लेट गई। अब पापा भी क्या करते। फिर वो भी बहन की मालिश करने लगे। पापा हमारे सामने ही बहन के बोबो और चुत की मालिश करने लगे। मैं भी मम्मी के बोबो की काफी मसल मसल कर मालिश कर रहा था। फिर मम्मी घोड़ी बन गई। मम्मी उल्टी तो लेट नहीं सकती थी तो वो घोड़ी बन गई और अपने एक हाथ से अपने पेट को पकड़ लिया। वो उस पोज में बहुत ही सेक्सी लग रही थी। फिर मैं मम्मी की कमर और फिर गौरी चिकनी गाँड की मालिश करने लगा। मालिश करते करते मैं गर्म हो चुका था और मेरा लंड मेरे अंडर वियर में खड़ा था। फिर बहन भी उल्टी लेट गई तो पापा पीछे से उसकी मालिश करने लगे। मैं मम्मी की गाँड और चुत के छेद में उंगली डाल डाल कर मालिश कर रहा था। फिर मम्मी अपने पैरों के बल बैठ गई और मुझे अपने सामने आकर खड़ा होने के लिए कहा। फिर मैं जब मम्मी के सामने गया तो मम्मी ने मेरे अंडरवियर को पकड़कर खींच दिया और मेरा खड़ा लण्ड सबको दिखने लगा। फिर ये देखकर बहन जोर जोर से हंसने लगी। मैं भी अपने लण्ड को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगा। लेकिन मेरी सब कोशिशें नाकामयाब रही। फिर मम्मी मुझसे पापा के सामने बोली के मैं और तुम्हारी बहन सारा दिन तुम दोनों के सामने नंगी घूमती ही रहती है ना। हमें तो नहीं आती शर्म। फिर तुम क्यों शर्मा रहे हो। फिर मम्मी ने मेरे खड़े लंड पर तेल डाला और फिर दोनों हाथों से मेरे लंड की मालिश करने लगी। पापा तो आंखें फाड़ फाड़ कर मेरे लंड को देख रहे थे। मम्मी हंसती हुई मेरे लंड की मालिश किये जा रही थी। फिर मम्मी फिर से घोड़ी बन गई और मुझे गाँड मारने का इशारा किया तो मैं फट से मम्मी के पीछे पहुंच गया और फिर अपना लंड मम्मी की गाँड में घुसेड़ दिया। पापा के सामने मेरा लंड मम्मी की बड़ी गाँड में अंदर बाहर हो रहा था। मैंने अपने दोनों हाथों से मम्मी की गाँड पकड़ रखी थी और मम्मी की गाँड की चुदाई किये जा रहा था। फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैं झड़ गया और फिर सारा पानी मम्मी की गाँड में ही डाल दिया। फिर मम्मी ने मुस्कुराते हुए पीछे मेरी तरफ देखा और फिर वो सीधी होकर बैठ गई और मेरे मुरझाए हुए लंड को सहलाने लगी। ये सब देखकर पापा ने कुछ नहीं कहा। फिर बहन पापा का अंडर वियर खोलने लगी तो पापा कुछ नहीं बोले। फिर बहन पापा के लंड को हमारे सामने सहलाने लगी। ये नजारा देखने वाला था। फिर बहन सीधी लेट गई तो फिर पापा बहन की चुत चाटने लगे। थोड़ी देर चुत चाटने के बाद जब पापा का लंड थोड़ा खड़ा हो गया तो फिर वो बहन की चुत मारने लगे और फिर झड़ने लगे तो पानी बहन की चुत पर निकाल दिया और फिर बहन के ऊपर ही लेट गए और बहन प्यार से उनकी पीठ सहलाने लगी। फिर मैं और मम्मी भी लेट गए। थोड़ी देर लेटे रहने के बाद हम सबको धूप लगने लगी तो फिर हम सब खड़े होकर अंदर कमरे में चले गए और जाकर बेड पर लेट गए। तब मैं और बहन बीच मे और पापा मम्मी हमारे साइड में लेटे थे। फिर हम थोड़ी हल्की फुल्की बातें करने लगे। फिर बहन ने कहा के उसने राजू को अपना बॉयफ्रेंड बना लिया है और उससे सेक्स भी कर लिया है। हालांकि ये बात बहन हमें पहले बता चुकी थी लेकिन पापा के सामने पहली बार बताया था। फिर बहन की बात सुनकर मम्मी बोली के अब बनाया है पहले ही बना लेती। फिर मैं बोला के और कोई नहीं मिला। फिर बहन मुंह बनाकर बोली के तुम्हे तो कुछ फिक्र है नहीं मेरी। तुम्हे मेरी जवान सहेलियां दिख जाती है लेकीन बहन की जवानी दिखाई नहीं देती। ऐसा कहते हुए बहन मेरे ऊपर चढ़ गई और फिर उसने मुझे लिप किस कर लिया। फिर बहन बोली के मुझे तुम्हारे जैसा बॉयफ्रेंड नहीं मिला तो क्या करती। फिर बहन मेरे लंड को चुसने लगी और फिर जब मेरा लंड पूरा कड़क हो गया तो फिर वो मेरे लण्ड पर बैठकर उपर नीचे होने लगी। तब पापा मम्मी हम दोनों को ही देख रहे थे। फिर कुछ देर बाद बहन तो झड़ चुकी थी। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर वहीं पापा मम्मी के बीच मे ही मैं बहन को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। तब मैं इतने कस कस कर धक्के लगा रहा था के मेरे धक्कों से पूरा बेड हिलने लगा था और बहन भी जोरो से सिसकारियां लेने लगी थी। फिर मैं झड़ गया तो मैंने पानी से बहन की गाँड भर दी। फिर हम दोनों लेट गए और आराम करने लगे। मम्मी हम दोनों के माथे पर से पसीना पोंछने लगी और फिर माथे पर किस किया।
फिर बहन पापा से चिपक कर सो गई फिर मम्मी दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गए तो फिर मैं भी मम्मी के पीछे से चिपक कर सो गया। हम सबको नींद आ गई। फिर हम सब शाम को उठे और फिर बहन तो चाय बनाने चली गई और हम तीनों हॉल में बैठ गए। फिर हम चाय पीने लगे और साथ मे बातें करने लगे। तब मम्मी के पास मैं और पापा बैठे थे तो फिर मम्मी हमारे लंड सहलाने लगी। फिर तभी बहन ने हमसे कहा के वो राजू को इस घर मे रखना चाहती है। ताकि वो जब चाहे उससे सेक्स कर सके। फिर मम्मी बोली के साथ मे वो घर के कुछ काम भी कर दिया करेगा। फिर मैं बोला के वो बाहर किसी को कुछ बोल दे ना। फिर बहन बोली के इसकी चिंता तुम मुझ पर छोड़ दो। फिर पापा बोले के वो बिल्कुल सीधा साधा सा है वो किसी को कुछ नहीं बताएगा। फिर मम्मी बोली में ठीक है तो फिर रख लेते है उसे घर मे। मेरे और बेटे के जाने के बाद बेटी घर मे अकेली थोड़े ही रहेगी। फिर हम सबकी सहमति बन गई तो फिर बहन ने पापा से उसे घर पर लाने के लिए कहा। तब तक रात होने में कुछ टाइम पड़ा था। फिर पापा ने उसे दुकान पर बुलाया और फिर वो खुद भी स्कूटी लेकर दुकान पर चले गए। पापा के जाने के बाद बहन खुशी से नाचने लगी। फिर मैं और मम्मी भी बहन के साथ नाचने लगे। फिर पापा उसे लेकर आते तब तक बहन ने खाना वगैरह बना लिया था। फिर जब पापा उसे लेकर आये तो।फिर वो हम सबको नंगा देखकर हैरान हो गया। फिर बहन उसके पास गई और फिर उसे भी नंगा कर लिया। फिर हम सबने मिलकर खाना खाया। फिर खाने के बाद हम राजू से मस्ती करने लगे। मैंने राजू से कहा के मेरी बहन को खुश रखने की अब जिम्मेदारी तुम्हारी है। खुश नहीं रखा तो देख लेना। फिर मम्मी उसका लण्ड अपने हाथ मे लेकर बोली के खुश क्यों नहीं रखेगा। फिर हम सब हँसने लगे। फिर बहन उसे लेकर दूसरे कमरे में चली गई और फिर हम तीनों अपने कमरे में आ गए। फिर मम्मी बीच मे सो गई और मैं और पापा मम्मी के दोनों साइड सो गए। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था के आज पापा पूरे होशोहवास में हमारे साथ नंगे सोये है। फिर मम्मी की तरफ करवट लेकर सो गई और पापा से लिप किस करने लगी। पापा भी मम्मी के बोबो को सहलाने लगे। फिर पीछे से मैं मम्मी की गाँड मारने लगा। फिर पापा मम्मी की गाँड सहलाने लगे और फिर सहलाते सहलाते जब उन्होंने हाथ आगे और बढ़ाया तो उनका हाथ मेरे लन्ड और मम्मी की गाँड के छेद पर पहुंच गया। मैं धीरे धीरे मम्मी की गाँड मार रहा था तो फिर पापा ने अपनी दो उंगली खोलकर मम्मी की गाँड के छेद पर रख दी तो मेरा लंड पापा की उन दो उंगलियों के बीच में से होकर मम्मी की गाँड से अंदर बाहर होने लगा। फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया तो फिर पापा ने अपनी दो तीन उंगलियां मम्मी की गाँड के छेद में डाल दी। फिर मम्मी ने भी अपना एक हाथ पीछे करके मेरा लन्ड सहलाने लगी। फिर मम्मी ने पापा के हाथ को अपनी गाँड से निकालकर पता नहीं क्यों मेरे लण्ड पर रख दिया। फिर पापा मेरा लंड सहलाने लगे। फिर मम्मी उठकर बैठ गई और फिर मैं घुटनो के बल खड़ा हो गया तो फिर मम्मी मेरा लंड चुसने लगी।और फिर वो फिर से पापा से लिप किस करने लगी। फिर मम्मी घोड़ी बन गई तो फिर पापा मम्मी के पीछे जाकर मम्मी की गाँड चाटने लगे और फिर मैं भी मम्मी की गाँड हाथ से सहलाने लगा। साथ मे दूसरे हाथ से मैं अपना लंड सहलाये जा रहा था। फिर मैं अपने लन्ड से मम्मी की गाँड सहलाने लगा। तब पापा मम्मी की गाँड चुम रहे थे तो फिर चूमते चूमते उन्होंने मेरे लण्ड।पर भी किस कर दिया। फिर वो अपने हाथ से मेरा लण्ड सहलाने लगे। फिर वो साइड में हो गए और फिर मैं मम्मी के पीछे गया तो फिर पापा ने अपने हाथ से मेरा लंड मम्मी की गाँड में डाला और वो फिर से मम्मी की गाँड चाटने लगे। उन्होंने अपने दोनों हाथों से मम्मी की गाँड खोल दी और फिर ऐसे ही पकड़े रखी। मैं धीरे धीरे मम्मी की गाँड में धक्के लगा रहा था। फिर पापा जीभ से मम्मी की गाँड के छेद और मेरे लन्ड को चाटने लगे। फिर जब एक बार मैंने लंड को गाँड से बाहर निकाला तो फिर पापा ने मेरा लंड अपने मुंह मे ले लिया और चुसने लगे। फिर थोड़ी देर चुसने के बाद मैंने फिर से लंड गाँड में डाल दिया। इस प्रकार हम 1 घण्टे तक मम्मी की गाँड से खेलते रहे। फिर मैं झड़ गया तो पापा फिर से मम्मी की गाँड चाटने लगे और साथ मे मेरा पानी भी चाटने लगे। फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई और मैं और पापा भी लेट गए। फिर मम्मी ने बहन को देखकर आने और साथ मे पेशाब करके आने के लिए कहा तो फिर हम तीनों उठकर कमरे से बाहर आ गए। फिर हमने बहन के कमरे का थोड़ा सा गेट खोलकर देखा तो बहन घोड़ी बनकर चुदवा रही थी। फिर हम कुछ देर उसे देखते रहे और फिर पेशाब करके आकर सो गए।
फिर सुबह हमे जल्दी जाग आ गई तो फिर मम्मी बेड का सहारा लेकर बैठ गई तो फिर मैं और पापा साथ मे मम्मी की चुत चाटने लगे। कभी पापा चाटते तो कभी मैं। मम्मी पैर फैलाकर बैठी थी तब। फिर हम मम्मी के बोबो को चुसने लगे। फिर मैं मम्मी के सामने घुटनो के बल खड़ा हो गया तो फिर मम्मी मेरा लन्ड चुसने लगी। तब पापा भी मम्मी के साइड में बैठे थे तो फिर बीच बीच मे वो मम्मी से लिप किस कर रहे थे। बीच मे कई बार मैंने भी मम्मी से लिप किस किये। फिर पापा ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और पकड़कर मम्मी के मुंह मे देने लगे और मम्मी चुसने लगी। हमारे बीच ऐसे ही चल रहा था। फिर अचानक पापा ने मेरा लण्ड मुंह मे ले लिया और चुसने लगे। मम्मी ये देखकर थोड़ी हैरान हुई लेकिन वो कुछ नहीं बोली। फिर वो दोनों बारी बारी से मेरे लंड को चुसने लगे। फिर मैं उन दोनों के बीच खड़ा हो गया तो फिर वो दोनों एक साथ मेरे लंड को चूमने और चुसने लगे। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मम्मी दोनो हाथों से मेरे लंड को हिलाने लगी और फिर मेरा पानी निकलकर मम्मी के मुंह, गर्दन और बोबो पर पड़ने लगा। फिर मैं साइड में हो गया तो फिर मम्मी बेड का सहारा लेकर लेट गई तो फिर पापा ने मम्मी के मुंह, गर्दन और बोबो को चाटकर साफ कर दिया। मम्मी का जैसे जैसे डिलीवरी का टाइम नजदीक आ रहा था वैसे वैसे मम्मी और भी ज्यादा खूबसूरत होती जा रही थी। मम्मी हंसती तब तो इतनी सेक्सी लगती के पूछो मत। मम्मी की चिकनी और गौरी गाँड को देखकर तो किसी का मन भी फिसल जाए। फिर थोड़ी देर बाद हम तीनों उठकर कमरे से बाहर आ गए और हॉल में बैठ गए। फिर मम्मी ने बहन को आवाज दी तो फिर थोड़ी देर बाद बहन और राजू कमरे से बाहर निकले। फिर मम्मी ने राजू को अपने पास बैठा लिया और बहन चाय बनाने चली गई। फिर मम्मी ने राजू का लंड अपने हाथ मे लेकर सहलाने लगी और उससे बातें करने लगी। राजू मम्मी से थोड़ा शर्मा रहा था। फिर बहन चाय बनाकर ले आई तो फिर हम सब चाय पीने लगे। तब बहन पापा के साथ बैठी थी तो फिर पापा बहन की चुत सहलाने लगे और फिर बहन भी अपनी टांगे चौड़ी करके बैठ गई।
फिर मैं भी अपने लंड को सहलाने लगा। फिर बहन लेट गई और पापा उसकी चुत चुसने लगे। ये देखकर मम्मी ने राजू को अपने सामने खड़ा कर लिया और फिर उसका लंड चुसने लगी। पापा मम्मी को राजू का लंड चूसते देखकर देखते ही रह गए। फिर थोड़ी देर बाद बहन झड़ गई और फिर राजू भी झड़ गया तो मम्मी ने उसका सारा पानी पी लिया और उसके लंड को भी चाटकर साफ कर दिया। ये सब देखकर मैं गर्म हो चुका था तो फिर मैं उठा और बहन के पास चला गया तो फिर बहन मेरा लंड चुसने लगी और फिर मैं झड़ गया। फिर बहन घर का काम करने लगी और मम्मी ने राजू को कुछ सामान लाने के लिए मार्केट भेज दिया और पापा नहाने चले गए। मैं भी उठकर अपने कमरे में चला गया। फिर पापा तो तैयार होकर दुकान चले गए। बहन ने पापा से कहा के वो राजू के साथ बाद में आ जायेगी। फिर घर का सब काम करने के बाद बहन राजू के साथ दुकान पर चली गई। फिर घर और मैं और मम्मी ही रह गए। धूप निकलने के बाद मैंने मम्मी की तेल मालिश की और फिर मम्मी की गाँड भी मारी। फिर मैं और मम्मी धूप में लेट गए। फिर मम्मी ने नानी को फोन करने के लिए कहा। फिर मैंने फोन मिलाकर मम्मी को दे दिया। फिर मम्मी बोली के हम कब आये। फिर नानी बोली के अभी मैं किसी रिश्तेदार के यहां आई हूँ। तो अभी थोड़े दिन और लगेंगे। फिर मम्मी बोली के फिर मैं यहां ही डिलीवरी करवा लेती हूँ और फिर बाद में तुम्हारे पास आ जाऊंगी। फिर नानी बोली के हां ये सही रहेगा। फिर बाद मे 2-3 महीने मेरे पास ही रहना। फिर मम्मी बोली के हां रह लूँगी। फिर कुछ और बातें करके मम्मी ने फोन काट दिया। फिर मैं मम्मी से बोला के ये तुमने सही किया। अब घर मे सबको सब कुछ पता चल गया है तो हम यहीं डिलीवरी करवा लेंगे। फिर मम्मी बोली के हाँ।
मैं धूप में आंखें बंद करके लेटा था और धूप के मजे ले रहा था। फिर मम्मी ने मुझसे पूछा के पण्डित का फोन आया था क्या। फिर मैंने आंखें खोली और मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी का बदन धूप में चमक रहा था। तब मम्मी का एक हाथ अपने पेट पर और दूसरे हाथ अपनी चुत पर था। फिर मैंने कहा के उसका फोन तो आता ही रहता है। क्यों क्या हुआ। फिर मम्मी बोली के अब बच्चे को यहीं जन्म देना है और डिलीवरी में भी अभी काफी टाइम पड़ा है तो मैं एक बार उससे मिलकर आने का सोच रही थी। साथ मे उससे तेरी बहन के रिश्ते की बात भी चलानी थी। पण्डित मुझे अच्छा आदमी लगता है तो उसे हमारी सच्चाई भी बता देंगे। क्योंकि अगर अब नहीं बताएंगे तो उसे कभी न कभी तो पता चल ही जायेगा। फिर मैं बोला के हां ये तो सही है। फिर मम्मी बोली के अगर वो बेटी का रिश्ता किसी अच्छे और बड़े घर मे करवा देता है तो उसका एहसान मैं कभी नहीं भूलूंगी। फिर मैं बोला के लगता है तुम्हें पण्डित का लंड बहुत पसंद आ गया है। ये सुनकर मम्मी खिलखिलाकर हंसने लगी। तब मुझे मम्मी इतनी सेक्सी लगी के मेरा मन किया के अभी जाकर मम्मी के मुंह मे लंड दे दु। फिर मैं मम्मी से अपना लंड सहलाते हुए बोला के तुम्हे अभी 5 वां महीना चल रहा है। फिर मम्मी बोली के तभी तो कह रही हूँ। अभी तो 5 वां ही चल रहा है। अभी एक बार जाकर आ जाते है। बाद मैं तो पता नहीं कब जाया जाए। फिर मैं बोला के ठीक है मैं पण्डित से बात करके मिलने का प्रोग्राम बनाता हूँ। फिर तभी मेरे पास बहन की वीडियो कॉल आ जाती है तो मैं देखता हूँ के बहन दुकान में नंगी होकर राजू से चुद रही थी। तब बहन जोर जोर से सिसकारियां के रही थी। फिर बहन फोन पापा को पकड़ा देती है और खुद घोड़ी बनकर चुदने लग जाती है। तब पापा ज़ूम करके हमे बहन की गाँड से अंदर बाहर होता हुआ राजू का लण्ड दिखाते है। फिर चुदाई के बाद बहन पापा से फोन लेकर हमसे बात करने लग जाती है। फिर कुछ देर बात करने के बाद बहन फोन काट देती है। बहन की चुदाई देखकर मैं गर्म हो जाता हूँ तो फिर मैं मम्मी की चुत में लंड डालकर धीरे धीरे करने लग जाता हूँ और फिर अंदर ही झड़ जाता हूँ।
फिर शाम को ठंड काफी बढ़ गई थी तो फिर पापा, बहन और राजू दुकान से जल्दी घर आ जाते है। अब राजू पूरा खुल चुका था तो फिर वो हमारे सामने ही बहन के बदन को सहलाने लगता है। कभी बहन के बोबो को सहलाता है तो कभी बहन की चुत। फिर एक बार तो उसने बहन को दीवार के सहारे लगाकर उसकी एक टांग उपर उठाकर उसकी चुत मारने लगा। तब बहन खाना बना रही थी और राजू बहन को डिस्टर्ब कर रहा था। फिर मम्मी ने राजू को बहन से अलग किया और फिर उसे लेकर कमरे में जाने लगी। मैं और पापा भी उनके पीछे पीछे जाने लगी। फिर मम्मी ने राजू का हाथ अपनी नंगी गाँड पर रख दिया तो फिर राजू मम्मी की गाँड सहलाने लगा। कमरे में पहुंचने तक राजू मम्मी की गाँड सहलाता रहा। फिर कमरे में जाते ही मम्मी बेड पर घोड़ी बन गई तो फिर राजू मम्मी की गाँड चूमने और चाटने लगा। मैं और पापा ये देखकर अपने लंड सहला रहे थे। फिर कुछ देर चूमने चाटने के बाद राजू ने लंड मम्मी की गाँड में डाल दिया और फिर धक्के लगाने लगा। मम्मी मेरे और पापा के सामने राजू से चुदवा रही थी। मम्मी की आहे पूरे कमरे में गूंजने लगी। फिर कुछ देर बाद जब राजू झड़ा तो उसने सारा पानी मम्मी की गाँड में ही डाल दिया। झड़ने के बाद उसके मुंह पर एक अलग ही मुस्कान थी। जिसे देखकर कोई भी कह सकता था के उसे चुदाई में बहुत मजा आया था। फिर इतने में बहन आ गई और उसने हम सबको खाने के लिए बुलाया। फिर खाना खाते टाइम मम्मी ने सबको बताया के वो डिलीवरी यहीं पर करवाएगी। ये सुनकर पापा और बहन काफी खुश हुए। फिर खाना खाने के बाद हम सब कमरे में आ गए। फिर बहन हम सबके लिए दूध लेकर आई। फिर दूध पीकर हम सब बातें करने लगे। तब बहन पापा के साथ बैठी थी और उनका लंड सहला रही थी और मम्मी मेरे और राजू का सहला रही थी। फिर कुछ देर बाद पापा का लंड खड़ा हो गया। ये देखकर पापा हैरान हो गए और बोले के आज मेरा लन्ड कैसे खड़ा हो गया। ये देखकर बहन, मैं और मम्मी एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। क्योंकि हमें था के बहन ने पापा को दूध में वियाग्रा दिया है। फिर बहन खड़ी हुई और पापा के लण्ड को पकड़कर खींचने लगी। फिर पापा भी खड़े हो गए तो फिर बहन पापा के लंड को पकड़े पकड़े उन्हें दूसरे कमरे में ले गई। फिर वो चूदाई करने लगे। उधर मैं और राजू भी मम्मी को बारी बारी से अपना लन्ड चुसवाने लगे। फिर हमने मम्मी को घोड़ी बनाकर गाँड भी मारी और फिर हम सो गए।
इस प्रकार फिर तो मैंने और पापा ने साथ मिलकर बहन की चुदाई की। फिर मैंने, पापा और राजू ने एक साथ मिलकर बहन की चुदाई की। जिसमे हम सबको बहुत मजा आया। बहन पापा को सुबह शाम वियाग्रा देती जिससे कि उनका लन्ड खड़ा ही रहता और वो फिर बहन और मम्मी की चुदाई करते रहते। लेकिन ज्यादा वियाग्रा उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं था तो फिर बहन ने पापा को वियाग्रा देना बंद कर दिया। ये बात पापा भी जानते थे। पर वो अब खुश थे और फिर जब उन्हें चुदाई करनी होती तब ही वो वियाग्रा ले लेते। मम्मी को एक बार डिलीवरी से पहले पण्डित के पास जाना था तो फिर ये मैंने बहन को भी बताया तो फिर बहन बोली के चलते है। फिर मैंने पण्डित को बताया तो वो भी तैयार था। तब हमने पापा को पण्डित के बारे में बताना उचित नहीं समझा तो फिर हमने कहा के एक छोटी सी पूजा करवानी है तो मन्दिर जा रहे है। फिर मैं बहन और मम्मी को लेकर सुबह जल्दी ही मन्दिर के लिए निकल पड़ा। हमने मन्दिर में ही मिलने का प्रोग्राम बनाया था। फिर मन्दिर में पहुंचते ही हम सब मन्दिर के पीछे जाकर नंगे हो गए और चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद हम सब बातें करने लगे। फिर हमने पण्डित को सब सच बता दिया के हम असल मे कौन है। हमारा आपस मे रिश्ता क्या है। ये सुनकर पण्डित बहुत हैरान हुआ। फिर हमने उसे ये सब कैसे हुआ उसकी पूरी कहानी बताई। लेकिन पण्डित को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था। फिर पण्डित ने मम्मी से कहा के आप तो किसी भी हिसाब से ज्यादा उम्र के नहीं लगते हो। आप की डिलीवरी के बाद मैं आपको कुछ दिन अपने पास ही रखूंगा। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के रख लेना। लेकिन पहले मेरी बेटी का रिश्ते किसी अच्छे और बड़े घर मे करवा दो। फिर पण्डित बोला के मैं एक औरत की चुदाई करता हूँ जो कि बड़े घर की है। उसका बेटा ना मर्द है। तो उसने मुझसे अपने लड़के के लिए कोई लड़की ढूंढने के लिए कहा था। उसने कहा था के वो सिर्फ लोगो को दिखाने के लिए अपने बेटे की शादी करना चाहती है। वो बोली के शादी के बाद हम दोनों सास बहू की चुत की प्यास भुजाने के इंतजाम वो खुद कर लेगी। ये सब सुनकर मम्मी पण्डित से बोली के मैं इस रिश्ते के लिए तैयार हूं। हमे ऐसा ही रिश्ता चाहिए था। तुम हमे एक बार उस औरत से मिलवा दो। फिर पण्डित बोला के हाँ मैं उससे बात करके आपको उससे मिलवा दूंगा। फिर मैंने और पण्डित ने एक साथ मिलकर बहन की चुदाई की। अब पण्डित को सब कुछ पता चल गया था तो फिर वो और ज्यादा गर्म हो गया और फिर उसने जमकर बहन की चुदाई की। उस दिन हमने बहन और मम्मी को पूरे दिन भर चोदा। फिर शाम हो गई तो हम घर आ गए। उस दिन के बाद से पण्डित और मम्मी फोन पर बातें करने लगे। मम्मी पण्डित के साथ सारा दिन लगी रहती। फिर इसी तरह दिन निकलने लगे।
अब घर पर कोई किसी से भी कर सकता था और रात को कोई किसी के साथ सो जाता था। पापा भी अब खुद मेरे और राजू के लंड को सहलाते और कभी कभी चूसते और फिर मम्मी या बहन की गाँड और चुत में डाल देते। मम्मी की डिलीवरी तक ऐसा ही चलता रहा। फिर मम्मी की डिलीवरी हुई तो हम सब काफी खुश हुए क्योंकि मम्मी ने लड़के को जन्म दिया था। जब ये हमने नानी को बताया तो नानी भी बहुत खुश हुई। डिलीवरी के बाद मम्मी के बड़े बड़े बोबो के दूध भर गया। बच्चे को दूध पिलाने के बाद भी उसके बोबो में काफी दूध बच जाता था तो फिर मैं, बहन, पापा और राजू मम्मी के बाबे चुसने लग जाते। ये एक अलग ही एहसास था। फिर मम्मी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर आ गई तो फिर वो पहले की तरह ही नंगी रहने लगी। फिर दिनभर हम बच्चे से खेलते रहते और मम्मी और बच्चे का काफी ध्यान रखते। मम्मी अभी चुत चुदाई नहीं करवा सकती थी तो हम मम्मी की गाँड चुदाई कर लेते थे। पहले ना तो पापा ने पूछा और ना ही मैंने और मम्मी ने बताया के ये बच्चा किसका है। लेकिन फिर मम्मी ने पापा को बताया के ये बच्चा किसका है तो फिर पापा बोले के मुझे तो पहले से पता था के ये बच्चा मेरा नहीं है। फिर पापा ने कुछ नहीं कहा। मम्मी मुझे बोली के मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा के हमारा एक बच्चा हो गया है। फिर मम्मी मुझे और ज्यादा प्यार करने लगी। मैं भी मम्मी की खूब चुदाई करता। हमारे घर मे खुशी का माहौल था। फिर मम्मी जब ठीक हो गई तो फिर नानी में हमे बुलाया। फिर मैं और मम्मी बच्चे को लेकर कार में नानी के पास चले गए। नानी और नाना गांव में रहते थे। उनके पास गांव में अच्छी जमीन थी। मम्मी अब काफी जवान लगने लगी थी और वो किसी नई नवेली दुल्हन की तरह सज संवरकर रहती थी। फिर हम नानी के पास पहुंचे तो नानी बच्चे को देखकर काफी खुश हुई। मम्मी और नानी सारा दिन बच्चे की देखभाल में लगी रहती और और नाना मुझे गांव और खेत मे घुमाने ले जाते।
कहानी आगे जारी रहेगी...
कमेंट्स
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1 महीने पहले
Main ne ab tak 200 se ziyada kahani padha hai Leki is kahani me woh maza aya ke zindagi me pahli baar koi kahni aysi mili Mujhe ab khud aysa karne ka Mann ho Raha hi
@Sahil●
7 महीने पहले
I need only mom (35 plus) for all life (whatsapp 9717226102)
@Sahil0088●
9 महीने पहले
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My whataap (7266864843)कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो bacche na ho to mujhse contact Kare मुझे व्हाट्सएप करे (7266864843)
ज्यादा दिखाएं@Rk32kr●
1 वर्ष पहले
This is my favourite story
@Neetendr●
1 वर्ष पहले
Hot
@Charanshah786●
1 वर्ष पहले
बहुत बढ़िया कहानी है
@KamukAadmi●
2 वर्ष पहले
बहुत मस्त कहानी हैं😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘❤️❤️❤️❤️❤️😘😘😘😘😘😘😘❤️😘😘😘❤️❤️😘😘😘😘