हैलो दोस्तों मेरा नाम कुणाल है और मैं एक बड़े शहर में एक फैक्ट्री में जॉब करता हूँ। मैं इस फैक्ट्री में कई सालों से जॉब कर रहा हूँ फैक्ट्री के पास ही एक किराये के मकान मे रहता हूँ। शहर से मेरा घर थोड़ा दूर है तो मैं महीने में एक-आध बार ही गाँव जा पाता हूँ। मेरे घर में मेरी एक बूढ़ी दादी, मेरे मम्मी-पापा और एक छोटी बहन है। जिसका नाम राखी है। फैक्ट्री में रजाइयाँ, कंबल और गद्दे आदि बनाने का काम बड़े लेवल पर किया जाता है। इस कारण फैक्ट्री में काफी संख्या में लोग काम करते है। फैक्ट्री में औरतें भी काम करती है।
मैं दिखने में लंबा-चौड़ा और हैंडसम हूँ। सुबह शाम अपने कमरे पर ही मैं एक्सरसाइज़ करता हूँ जिससे मेरी बॉडी मस्कुलर बन गई है। मैं अकेला ही रहता हूँ तो मैं पहले तो अंडरवियर में रहता था पर अब नंगा ही रहता हूँ और कई दिनों से मूठ भी मार लेता हूँ। फिर मेरी फैक्ट्री में एक औरत से दोस्ती हो गई। वो औरत विधवा थी और उसे लण्ड की जरूरत थी और मुझे चुत की। फिर फैक्ट्री में ही एक बार मैंने उस औरत की चुदाई कर दी। फिर इसके बाद तो वो मेरे कमरे पर भी आने जाने लगी। फिर वो मेरे कमरे पर ही रहने लगी और फिर हम काफी चुदाई करते। मैं उसे नंगी ही रखता और उसके खूब मजे लेता। ऐसा लगभग एक साल तक चलता रहा। फिर वो काम छोड़कर कहीं और चली गई। उसके घरवालों ने उसकी शादी किसी दूसरे आदमी से कर दी थी तो फिर वो उसके साथ चली गई। वो 35 साल की थी और उसका बदन पूरा भरा हुआ था और वो सेक्स में काफी मजे देती थी। उसके साथ ही मैंने पहली बार सेक्स किया था तो उसने मुझे सेक्स के बारे में काफी कुछ सिखाया था। फिर तो मैं उसे पटक पटक कर चोदने लगा था। जिसमे हम दोनों को ही काफी मजा आता था।
उसके जाने के बाद मुझे उसकी काफी याद आती और उसकी याद में मैं अपना लण्ड हिलाता रहता था। फिर इसी बीच जब मैं अपने घर गया तो मेरी मम्मी ने मुझे राखी को फैक्ट्री में नौकरी दिलाने के लिए कहा। ऐसा मम्मी मुझे कई बार कह चुकी थी। लेकिन मैं टालता रहा था। लेकिन इस बार क्यों मैं मान गया और फिर मैं राखी को लेकर शहर आ गया। राखी दिखने में सुंदर है और वो मेरे साथ काफी मस्ती मजाक करती रहती है। जिस कारण मैं भी अब खुश रहने लगा। मैने उसे फैक्ट्री में नौकरी लगवा दिया। वो मेरे साथ आकर काफी खुश थी। हम साथ मे फैक्ट्री जाते और फिर शाम को साथ ही आते। राखी के आ जाने के कारण मैं बाहर से तो खुश था लेकिन अंदर से उदास ही था। मुझे अब चुत की बहुत जरूरत थी। मैं और राखी रात को एक गद्दे ओर ही सोते और अब तो बात यहाँ तक पहुंच चुकी थी के मैं रात को उसके साथ लेटा लेटा ही मूठ मारने लगा था। फिर धीरे धीरे मुझे वो अच्छी लगने लगी थी। राखी को अपनी फोटो खिंचवाने का काफी शौक था तो फिर मैं उसकी फोटो देखकर मूठ मारने लगा। वो रात को मेरे पास सोई रहती तो मैं उसका देख देख कर मूठ मारता।
पर अभी ये तो शुरुआत थी। फिर मैं कमरे पर राखी के सामने ही अंडरवियर में ही रहने लगा। इस कारण राखी ने भी मुझे कुछ नहीं कहा। फिर रात को जब मैं राखी के साथ सोता तो कई बार तो मैं अपना अंडरवियर खोलकर नंगा होकर ही सो जाता और मूठ मारता। जब मैं कसरत करता तो राखी मेरी बॉडी देखकर मुस्कुराती रहती। फिर एक दिन रात को जब हम लेटे तो राखी मेरी तरफ करवट लेकर लेट गई और फिर मुझसे पूछने लगी के तुम इतने उदास उदास क्यों रहते हो। फिर मैं उससे बोला के नहीं तो। मैं कहाँ रहता हूँ उदास। लेकिन राखी ने मुझसे फिर पूछा तो फिर मैंने उसे एक झूठी कहानी सुना दी के मैं एक लड़की से प्यार करता था और फिर वो मुझे छोड़ कर चली गई। फिर ये सुनकर राखी हँसकर बोली के कोई बात नहीं तुम उदास मत हो कोई दूसरी आ जायेगी। फिर इतना कहकर वो मेरे गले लग गई। फिर मैंने भी उसकी कमर में हाथ डाल लिया। फिर जब वो मुझसे दूर होने लगी तो मैंने झट से उसकी गाल पर किस कर दिया। फिर मेरे किस करने पर वो हंसने लगी। फिर उस रात हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सोए। फिर तो रोज रात ही हम ऐसे ही सोने लगे। राखी भी मुझसे चिपक कर लेट जाती और फिर मेरी बिना बालों की छाती सहलाते हुए मुझसे काफी बातें करती।
फिर मैं भी रात को जब उससे चिपक कर सोता तो उसके बोबो को सहला देता और कभी उसकी गाँड पर हाथ रख लेता। इसका वो भी बुरा नहीं मानती थी। फिर राखी कई बार रात को मेरी छाती में अपना मुंह डालकर सो जाती तो फिर मैं भी कई बार उसकी छाती में मुंह डाल लेता। राखी रात को ब्रा नहीं पहनती तो मुझे उसके दोनो बोबो का एहसास होता रहता। कई बार जब मेरे अंडरवियर में मेरा लण्ड खड़ा रहता तो ये देखकर भी राखी कुछ नहीं कहती। एक बार रात को मूठ मारने के बाद मैंने अपना पानी अंडरवियर पर डाल दिया और फिर नंगा ही सो गया। फिर अगले दिन सुबह राखी मुझसे चिपक कर सो रही थी तो तब मेरा लण्ड खड़ा था जिस कारण कम्बल का तंबू बना हुआ था। फिर जब ये राखी ने देखा तो फिर उसने जब कम्बल हटाकर देखा तो मेरा लण्ड देखकर वो देखती ही रह गई और फिर वापिस मेरे ऊपर कम्बल डाल दिया। ये बात राखी ने मुझे काफी बाद में बताई थी। फिर राखी तो उठकर चाय वगैरह बनाने लगी और फिर मैं करवट लेकर सो गया। तब मैं गहरी नींद में था तो मुझे कुछ पता नहीं चला और मेरे पीछे से कम्बल हट गया और मैं नंगा हो गया।
फिर जब राखी चाय लेकर आई तो उसने मुझे जब ऐसे देखा तो वो हँसने लगी। फिर उसने मेरी ऐसे एक फोटो ली और फिर मुझे उठाने लगी और साथ मे मुझे कम्बल से ढकने लगी। लेकिन कम्बल मेरी दोनो टांगों के बीच मे था। फिर जब मैं उठ नहीं रहा था तो फिर राखी मेरी नंगी गाँड पर थप्पड़ मारने लगी। फिर जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा के राखी मेरे पास बैठी थी और हंस रही थी और मैं बिल्कुल नंगा था। फिर मैं उठकर बैठ गया और इधर उधर मेरा अंडरवियर ढूंढने लगा। मुझे ऐसा करता देख राखी समझ गई थी और फिर वो भी मेरा अंडरवियर ढूंढने लगी। फिर राखी को गद्दे के पास ही मेरा अंडरवियर मिल गया और जब वो उसे उठाकर मुझे देने लगी तो उसके हाथ मेरे लण्ड का पानी लग गया। फिर जब उसने अंडरवियर को फैलाकर देखा तो वो सब समझ गई। फिर राखी वो अंडरवियर बाथरूम में छोड़ आई और फिर मुझे दूसरा अंडरवियर लाकर दिया तो फिर कम्बल में बैठे बैठे ही मैंने वो दूसरा अंडरवियर पहन लिया और फिर चाय पीने लगा।
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। फिर राखी ने मुझे जब मेरी वो फ़ोटो दिखाई जो उसने कुछ देर पहले ही ली थी तो वो फ़ोटो देखकर मैं तो हिल गया। मेरा मुँह उतर गया और राखी तब जोर जोर से हंस रही थी। फिर जब हम दोनों तैयार होकर फैक्ट्री जाने लगे तो मेरा उतरा हुआ मुँह देखकर राखी बोली के तुम ऐसे उदास मत हो। मैं ये सब किसी को नहीं बताऊंगी और फिर उसने मेरे सामने ही वो फ़ोटो डिलीट कर दी। फिर ये देखकर मैं खुश हुआ और राखी को अपने गले से लगा लिया। फिर राखी ने मेरी गाल पर किस भी किया। फिर हम फैक्ट्री चले गए। फिर फैक्ट्री से आने के बाद मैंने पूरे कपड़े पहन लिए तो फिर राखी ने मुझसे कहा के आज सुबह वाली बात का तुम बुरा मत मानो और जैसे मेरे आने से पहले रहते थे वैसे ही रहो। फिर मैंने कहा के पहले तो मैं अंडरवियर भी नहीं पहनता था। ये सुनकर वो मुस्कुराने लगी और कुछ नहीं बोली।
उस दिन राखी के पीरियड चल रहे थे और वो बार बार बाथरूम जा रही थी। फिर जब मैं बाथरूम गया तो मुझे उसकी छुपाई हुई खून लगी पैंटी मिल गई। फिर ये देखकर मैं मेडिकल से पेड लेकर आया और लेकर सीधा राखी के हाथ मे दे दिए। फिर पेड देखकर राखी कुछ नहीं बोली और सीधे बाथरूम में चली गई। फिर इस बारे में हमारी कोई बात नहीं हुई। लेकिन उस दिन के बाद से राखी मेरे और ज्यादा नजदीक आ गई। फिर रात को खाना वगैरह खाकर राखी बिस्तर में जाकर बैठ गई और फिर मैं भी अपने सब कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में बिस्तर में चला गया। हम दोनों तब दीवार के सहारे बैठे थे। फिर राखी मेरे गले लग गई और मैं उसकी पीठ सहलाने लगा। फिर मैंने उससे पूछा के अब कैसे है फिर वो बोली के ठीक है। पीरियड्स के कारण वो थक गई थी तो फिर वो जल्दी ही सो गई। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।
फिर मैंने अपना अंडरवियर खोल दिया और फिर अपना लण्ड निकालकर हिलाने लगा। तब राखी तो सोई थी और मैं उसके पास बैठा बैठा बिना किसी शर्म और डर के अपना लंड हिलाए जा रहा था। फिर थोड़ी देर बाद लंड का पानी निकलने के बाद मैं फिर से अन्डरवियर पहनकर राखी से चिपक कर सो गया। अगले दिन सुबह मैं राखी को अपनी बाहों में लेकर बड़े प्यार से उसकी तबीयत के बारे में पूछा। फिर उसने कहा के वो ठीक है। फिर हम तैयार होकर फैक्ट्री चले गए। फिर फैक्ट्री में दोपहर को खाना खाने के बाद मैं राखी को लेकर एक खाली जगह पर चला गया जहां कोई नहीं था। फिर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर खड़े हो गए और बातें करने लगे। हम ऐसे बातें कर रहे थे जैसे हम कोई बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड हो। फिर उस दिन शाम को फैक्ट्री से आने के बाद हम दोनों मस्ती मजाक करने लगे और फिर हम साथ में डांस करने लगे। तब मैंने कई बार राखी के बोबो को दबाया और सहलाया। फिर मैंने राखी को शॉपिंग करवाकर लाने के लिए कहा तो वो काफी खुश हो गई। फिर राखी बोली के आप मुझे टॉप जीन्स वगैरह दिलवा दोगे क्या। क्योंकि घर पर तो मम्मी ये सब पहनने नहीं देगी। फिर मैं बोला के जो तुम्हें पसंद हो वो ले लेना और जो मन करें वो पहन लेना। ये सुनकर तो राखी काफी ज्यादा खुश हुई।
फिर उस दिन रात को राखी के सोने से पहले ही अपना अन्डरवियर निकालकर चुपके से कंबल के नीचे नंगा हो गया और तब राखी मुझसे चिपक कर लेटी थी। फिर मैंने राखी को अपने ऊपर खींच कर लेटा लिया। फिर थोड़ी देर बाद मैं खुद राखी के ऊपर आकर लेट गया। फिर मैं उसके बोबो पर अपना सिर रख कर लेट गया। तब उसके बोबो के उभार सूट से बाहर आ गए थे तो फिर मैंने अपने सिर से उसके बोबो को ऊपर की तरफ धकेलने लगा जिससे की उसके बोबे आधे से ज्यादा सूट से बाहर आ गए। ये देखकर तो मैं गरम हो गया। फिर मेरा लंड हिलाने का मन करने लगा तो मैंने राखी से सोने के लिए कहा तो फिर थोड़ी देर बाद जब सो गई तो फिर मैं कंबल साइड करके उसके ऊपर खड़ा होकर अपना लंड हिलाने लगा। फिर जब झड़ने लगा तो मेरे लंड की पिचकारियाँ बिस्तर पर और राखी पर गिरने लगी। थोड़ा सा अपनी उसके बोबो पर गिर गया तो फिर झड़ने के बाद मैंने उसके बोबो को पोंछ दिया और फिर मैं साइड में होकर लेट गया। फिर सोने से पहले मैंने राखी की गालों और बोबो पर कई बार किस किए। फिर अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा अन्डरवियर बिस्तर के ऊपर पड़ा था जो की फिर राखी ने मुझे उठाकर दिया। फिर मैंने वो पहन लिया और फिर हम दोनों जल्दी से तैयार होकर मार्केट चले गए।
फिर हम एक शॉप पर गए तो वहाँ से राखी इस टाइप की ड्रेस ली। इन ड्रेसेज में राखी काफी सेक्सी लग रही थी। तो मेरे मुँह से निकल गया के तुम काफी सेक्सी लग रही हो। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। फिर हम एक दूसरी दुकान पर गए वहाँ से राखी ने मेरे लिए अन्डरवियर लिए। वो अन्डरवियर ऐसे थे के उनमे से मेरे लंड का साइज़ एक दम साफ दिख रखा था। फिर मैंने भी राखी के लिए तीन चार ब्रा पैंटी लिए अपनी पसंद के। फिर हम मार्केट में इधर उधर घूमने लगे। फिर हम एक रेस्टोरेंट गए वहाँ हमने काफी कुछ खाया। फिर दोपहर हो गई तो हम एक बस में बैठ कर अपने कमरे पर आने लगे। हम दोनों तब सीट पर बैठे थे और बस पूरी भरी हुई थी तो फिर मैं राखी की कमर में हाथ डालकर बैठ गया। राखी काफी खुश थी आज। फिर हम में बातें करने लगे। बातें करते करते हम कब पहुंच गए पता ही नहीं चला।
फिर हम जल्दी से अपने कमरे पर गए और फिर राखी ने पहले मुझे अंडरवियर पहनकर आने के लिए कहा तो मैं उसके सामने ही अपने कपड़े खोलने लगा। फिर जब मैं सिर्फ अंडरवियर में रह गया तो फिर मैं अपना अंडरवियर पकड़कर नीचे करने लगा तो राखी ने मेरे पास आकर मेरा अंडरवियर पकड़ लिया और फिर मुझे नया अंडरवियर पहनने के लिए बाथरूम में भेज दिया। जब मैंने नए वाला अंडरवियर पहना तो देखा के वो अंडरवियर छोटा था और उसमें मेरा खड़ा लण्ड बहुत मुश्किल से फिट हो रहा था। लेकिन मुझे क्या। जब मैं बाथरूम से बाहर आया तो राखी मेरा अंडरवियर देखने लगी। फिर वो बोली के बिल्कुल फिट आया है। लेकिन फिर मैंने कहा के बहुत टाइट है तो वो बोली के नहीं बिल्कुल ठीक है।
फिर मैंने राखी से ड्रेस पहनकर आने के लिए कहा तो उसने सब ड्रेस बिखेर दी और फिर एक एक ड्रेस पहनकर मुझे दिखाने लगी। राखी उन ड्रेसेज में काफी अच्छी दिख रही थी। फिर जब राखी टॉप और शार्ट जीन पहनकर आई तो उसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर मैं उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा और फिर उसके पास जाकर उसे अपने गले से लगा लिया और फिर उसकी कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया। फिर मैंने उसे कहा के सेक्सी लग रही हो तो फिर वो मुस्कुराने लगी। फिर मैं उसके टॉप को अपने हाथों से ठीक करने लगा और फिर उसके बोबो पर हाथ रख दिया। फिर मैं अपने हाथ पीछे ले जाकर उसकी जीन के ऊपर उसकी गाँड पर हाथ रखकर खड़ा हो गया। ऐसे करने पर राखी कुछ नहीं बोली। तब मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो चुका था और मेरे अंडरवियर से बाहर आने को तैयार था। फिर मैं राखी के सामने ही अपने लण्ड को एडजस्ट करने लगा और फिर राखी से कहा के अंडरवियर काफी टाइट है। फिर राखी कुछ बोले इससे पहले ही मैंने राखी की एक पैंटी उठाकर कहा के ये पहन लूँ क्या। फिर ये सुनकर राखी जोर जोर से हँसने लगी। लेकिन फिर मैं राखी की पैंटी लेकर बाथरूम में चला गया और फिर राखी की पैंटी पहन ली। उस पैंटी में लण्ड बाहर आ रहा था तो फिर मैंने लण्ड को एक जगह सेट किया और फिर जब बाथरूम से बाहर आया तो मुझे देखकर राखी खूब हंसी। फिर जब मैं चलता तो मेरा लण्ड पैंटी की साइड से बाहर आ जाता और फिर मैं उसे वापिस पैंटी में डाल लेता।
फिर राखी ने मुझे अपनी फ़ोटो खींचने के लिए कहा तो फिर राखी अलग अलग पोज में खड़ी होकर अपनी फोटो खिंचवाने लगी। फ़ोटो खींचते टाइम जब मेरा लण्ड पैंटी से बाहर निकल आता तो राखी इधर उधर देखकर मुस्कुराने लग जाती और फिर जब मैं अपना लण्ड अंदर कर लेता तो फिर वो वापिस मेरी तरफ देखने लग जाती। फिर फ़ोटो खींचने के बाद मैं एक ब्रा लेकर पहनने लगा। ये देखकर तो राखी बहुत ज्यादा हंसी। फिर ब्रा पहनने के बाद मैंने राखी से ब्रा के हुक लगवाए और फिर ब्रा में कपड़े ठूंस लिए। जिससे मेरे भी राखी जैसे बोबे बन गए। ये देखकर फिर राखी मेरी फ़ोटो लेने लगी। उसने एक दो फ़ोटो ले भी ली थी और फिर मैं उससे फ़ोन छिनने लगा तो वो कमरे में इधर उधर भागने लगी। फिर मैं भी उसे पकड़ने के लिए भागने लगा। जिस कारण मेरा खड़ा लण्ड पैंटी से बाहर निकल गया और मैं बेशर्मो की तरह ऐसे ही भागता रहा। फिर मैंने उसे गद्दे पर पटक दिया और खुद भी उसके साथ लेट गया।
तब हम दोनों खूब हंस रहे थे। तब मैं सीधा लेटा था और मेरा लण्ड पैंटी से बाहर निकला हुआ खड़ा था। जिसे मैंने अंदर नहीं किया। फिर कुछ देर बाद भी जब मैंने लण्ड को अंदर नहीं किया तो राखी ने मेरे ऊपर एक चद्दर डाल दी। फिर राखी और मैं उठकर बैठ गए तो फिर राखी मेरे साथ अपनी सेल्फी लेने लगी। फिर वो बोली के तुम्हारे साथ आज बहुत मजा आया। फिर मैंने राखी की कमर में हाथ डालकर कहा के मुझे भी। वहीं पास में ही राखी की ब्रा पैंटी पड़ी थी तो फिर ब्रा लेकर मैं राखी के बोबो पर रखते हुए बोला के ये ट्राय करके नहीं देखोगी। तो फिर राखी हंसती हुई बोली के आपने ट्राय करके देख ली ना। फिर राखी ने मुझसे अपनी ब्रा पैंटी देने के लिए कहा तो फिर राखी मेरी ब्रा के हुक खोलकर ब्रा खोलने लगी और तभी मैंने उसकी पैंटी निकालकर उसे दे दी। फिर राखी ने वो साइड में रख दी और फिर राखी मेरी छाती से लिपटकर लेट गई। फिर कुछ देर ऐसे सोने के बाद फिर मैं खिसक कर थोड़ा नीचे हुआ और मेरा मुँह राखी के बोबो के सामने आ गया। फिर मैंने अपने हाथों से राखी के बोबो को राखी के टॉप से थोड़ा बाहर निकाला तो मुझे राखी के निप्पल भी दिखने लगे। तब शायद राखी सोई नहीं थी लेकिन फिर भी उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैं राखी के बोबो के बीच मुँह डालकर लेट गया। फिर मैं उसके बोबो मैं अपना मुंह मसलने लगा। फिर मैंने अपने ऊपर से चद्दर हटा दी और फिर एक हाथ से अपने खड़े लण्ड को हिलाने लगा।
फिर तभी अचानक फोन की घण्टी बजी तो राखी की आंख खुली। फिर वो वैसे ही उठकर बैठ गई और फोन उठाकर बात करने लगी। उसने अपने बोबो को वैसे ही रखा। फिर मुझे नंगा देखकर वो दूसरी तरफ मुँह करके बैठ गई और बात करने लगी। फिर मैंने अपने चद्दर डाल ली और फिर मैं भी उठकर बैठ गया। तब मैं काफी ज्यादा गर्म हो चुका था और मुझे राखी के बोबो को देखकर झड़ना था। तो फिर मैंने राखी को वापिस अपनी तरफ घुमाया और फिर मैं चद्दर के नीचे अपना लण्ड हिलाने लगा और फिर झड़ गया। मेरे पानी से चद्दर गीली हो गई। फिर राखी ने थोड़ी देर बाद फ़ोन काट दिया और फिर गीली चादर देखकर मेरी तरफ देखने लगी। फिर मैंने उसे सॉरी कहा। फिर वो ये सुनकर मुझे अपने गले से लगा लिया। फिर वो बोली के कोई बात नहीं। फिर गले लगने के बाद हम दोनों एक दूसरे के आमने सामने बैठकर एक दूसरे को देखने लगे। फिर राखी बोली के मैं जानती हूँ के आप दिल के बहुत अच्छे हो पर आप जवान हो तब आप ऐसी हरकते कर रहे हो। तब राखी के एक बोबे के निप्पल बाहर दिख रहा था पर राखी उसे अंदर किये बिना मुझसे बातें किये जा रही थी।
फिर वो मुझसे बोली के आप मेरे भाई कम दोस्त ज्यादा हो। इसलिए मैं कुछ नहीं कहूँगी। राखी के मुँह से ये बात सुनकर मैंने राखी को कसकर अपने गले से गले लिया। जिससे राखी के बोबे मेरी छाती से लगने लगे। फिर राखी ने हँसते हुए मेरे मुँह को अपने बोबो मे डाल लिया। फिर मैं बेशर्मी से राखी के बोबो को चूमने लगा। जिससे राखी को गुदगुदी होने लगी तो वो हंसने लगी। फिर जब मेरे हाथ राखी की जीन पर गए तो फिर मैंने राखी से पूछा के तुम्हारा है क्या कोई लड़का दोस्त। फिर राखी बोली के नहीं है। फिर मैंने राखी से पूछ लिया के तुमने किया है किसी से। वो मेरा मतलब समझ गई थी के मैं क्या पूछ रहा हूँ। फिर ये सुनकर राखी ने अपनी जीन का बटन खोलकर बोली के तुम्हें विस्वास ना हो तो देख लो। जीन का बटन खुलने के बाद राखी की चुत के बाल दिखने लगे थे। अब मैं क्या करूँ मुझे समझ नहीं आ रहा था। फिर राखी बोली के तुम मेरे भाई हो तो तुम्हारा मुझ पर पूरा हक है। फिर राखी कि ये बात सुनने के बाद तो मुझसे नहीं रहा गया और मैंने राखी की जीन में अपना हाथ डाल दिया और फिर राखी की चुत को मैं सहलाने लगा। जिससे राखी ने आँखें बंद कर ली।
मुझे पता था के राखी को मजा आ रहा है। फिर मैंने राखी को घुटनों के बल खड़ा किया तो राखी की जीन नीचे खिसक गई और राखी नीचे से नंगी हो गई। फिर मैंने राखी की चुत में उंगली डाली तो मेरी उंगली आराम से अंदर चली गई। तब राखी की चुत गीली थी। ये देखकर मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया। फिर मैंने जब दूसरी उंगली चुत में डाली तो दूसरी उंगली बहुत मुश्किल से अंदर जा रही थी तो मैं समझ गया के राखी अभी कुंवारी ही है। फिर मैंने दूसरी उंगली बाहर निकाल ली और फिर एक उंगली ही अंदर बाहर करने लगा। जिससे राखी को मजा आने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी। फिर मैं उसके बोबो को चूमने लगा तो उसने फिर मेरे मुँह को अपने बोबो में दबा लिया। फिर मैंने दूसरे हाथ से चद्दर दूर फेंक दी और फिर मैं भी दूसरे हाथ से अपना लंड हिलाने लगा। राखी काफी गरम हो गई तो उसने फिर अपने हाथ से अपने टॉप को नीचे करके अपने दोनों बोबो को बाहर निकाल लिया। फिर मैं राखी के बोबो को चूसने लगा। जिससे राखी को और ज्यादा मजा आने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद जब राखी झड़ने लगी तो वो मेरे गले लग गई और फिर मैं उसकी पीठ सहलाने लगा। फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया तो वैसे ही लेट गई। उसने ना ही अपने बोबो को अंदर किया और ना ही अपनी जीन ऊपर की। फिर मैं अपने लंड को हिलाने लगा। तब राखी की आँखें खुली थी और वो ये सब देख रही थी। फिर जब मैं झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी उसके शरीर पर डाल दिया। उसने तब कुछ नहीं कहा। फिर झड़ने के बाद मैंने राखी के शरीर से पानी पोंछा और फिर उसकी जीन ऊपर करके बटन बंद करने लगा और फिर राखी ने अपने दोनों बोबो को अपने टॉप में डाल लिया। फिर मैंने राखी के गालों पर किस किये और फिर नंगा ही उसके पास लेट गया। फिर मैंने राखी से कहा के तुम कोई बॉयफ्रेंड बना लो और उसके साथ मजे करो। मैं कुछ नहीं कहूँगा। तो ये सुनकर वो बोली के मुझे नहीं बनाना कोई बॉयफ्रेंड। फिर मैंने उसे कहा के तो मेरी ही कोई सेटिंग करवा दो। ये सुनकर वो हंसने लगी। फिर मैंने कहा के मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैं तुम्हारी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ। ये सुनकर राखी ने फिर से मुझे अपने गले से लगा लिया।
फिर मेरे दिमाग मे एक विचार आया। मेरे पास एक कोंडोम का पैकेट पड़ा था। फिर मैं नंगा ही खड़ा हुआ और फिर एक कोंडोम निकाला और फिर किचन से जाकर एक केला ले आया। फिर उस केले पर वो कोंडोम चढ़ाकर राखी तो देते हुए बोला के ये लो तुम्हारा नया बॉयफ्रेंड। राखी देखकर सब कुछ समझ गई और फिर राखी वो केला लेकर उसे अपनी साइड में रख दिया। तब शाम हो चुकी थी तो फिर हम दोनों कमरे से बाहर आकर घूमने लगे। तब मैं नंगा ही था। वहाँ हमें कोई देखने वाला नहीं था। फिर मैंने राखी से कहा के वो जो चाहे वो पहन सकती है। फिर मैंने उसे रात को ब्रा पैंटी पहनने की सलाह दी तो फिर वो बोली के ठीक है। फिर हम पहले की तरह ही मस्ती मजाक करने लगे जैसे के कुछ हुआ ही नहीं हो। मैं बेशर्मों की तरह राखी के सामने नंगा ही घूम रहा था और जब मन करता तो लंड पकड़कर हिलाने लग जाता। ये देखकर शायद राखी भी गरम हो रही थी। फिर मैंने राखी से कहा के तुम यहाँ जब तक मेरे पास हो तब तक खुलकर जियो। मैं और लड़कों जैसा नहीं हूँ जो के अपनी बहन को कुछ भी करने से रोकते है। फिर राखी भी मेरे सामने अपनी जीन में हाथ डालकर या ऊपर से ही अपनी चुत को सहलाने लग गई।
फिर खाना खाने के बाद मैं तो बिस्तर में पैर फैलाकर लेट गया और अपना लंड हिलाने लगा और तभी बाथरूम से राखी बाहर निकली तो वो ब्रा पैंटी में थी। उसे ब्रा पैंटी मे देखकर मैं तो देखता ही रह गया। फिर वो मुसकुराती हुई मेरे सामने आकर खड़ी हो गई। उसे ब्रा पैंटी में देखकर मैं तो देखता ही रह गया। फिर मैं अपना फ़ोन लेकर उसकी फोटो खींचने लगा तो वो भी पोज देकर अपनी फोटो खिंचवाने लगी। राखी को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था तो मैं एक हाथ से अपना लण्ड भी सहला रहा था। फिर फ़ोटो खींचने के बाद मैंने राखी को अपनी बाहों में लेकर उसकी गाल पर किस किया। फिर मैं उससे थोड़ा दूर होकर खड़ा हो गया और फिर उसे देखकर बेशर्मो की तरह अपना लण्ड हिलाने लगा। मुझे ऐसे लण्ड हिलाते देख राखी हँसने लगी। फिर राखी जाकर बिस्तर पर बैठ गई और फिर मैं भी जाकर उसकी साइड में बैठ गया। फिर राखी एक चद्दर लेकर लेट गई और फिर चद्दर को अपनी कमर तक कर लिया। फिर अपनी साइड कंडोम चढ़ा केला लेकर अपनी पैंटी नीचे करके अपनी चुत में घुसा लिया और फिर अंदर बाहर करने लगी। अपने सामने ही अपनी बहन को जब मैंने ऐसे करते देखा तो मैं फूल गर्म हो गया।
तब राखी आंखें बंद करके लेटी थी और मजे ले रही थी। फिर तभी राखी ने अपने एक हाथ से अपने एक बोबे को बाहर निकाला और फिर उसके निप्पल को सहलाने लगी। ये सब देखकर मैं अपना लण्ड और जोर से हिलाने लगा। फिर कुछ देर बाद जब राखी झड़ने लगी तो उसे बहुत मजा आने लगा। फिर झड़ने के बाद उसने केला अपनी साइड में रख दिया और फिर मेरी तरफ देखकर हँसने लगी। फिर मैं लेटकर अपना लण्ड हिलाने लगा और फिर मेरे लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी तो ये देखकर राखी हँसने लगी। फिर झड़ने के बाद मैं शांत हो गया तो फिर राखी मुझसे चिपक कर मेरी तरफ करवट लेकर लेट गई। फिर मैंने भी राखी को अपनी छाती से चिपका लिया। उसका एक बोबा अभी भी बाहर ही था। फिर मैं राखी की पीठ सहलाने लगा। फिर जब मैं मेरा हाथ थोड़ा नीचे ले गया तो देखा के राखी की पैंटी अभी भी नीचे ही थी। फिर हम दोनों को ऐसे ही नींद आ गई। हम उस दिन थोड़ा जल्दी सो गए थे तो फिर रात को हम दोनों पेशाब करने के लिए उठे। फिर मैं तो सीधा ही खड़ा होकर पेशाब करने जाने लगा और उधर राखी ने अपने ऊपर से चद्दर हटाकर अपनी पैंटी ऊपर की और फिर वो भी खड़ी होकर मेरे पीछे पीछे आने लगी।
फिर मैं तो बाथरूम में एक कोने में जाकर खड़ा होकर पेशाब करने लगा और फिर राखी भी मेरे पास ही अपनी पैंटी नीचे करके बैठकर पेशाब करने लगी। फिर पेशाब करने के बाद वो खड़ी हुई और फिर मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मेरा भी पेशाब हो गया था तो फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम से बाहर आये और फिर बिस्तर में जाकर लेट गए। तब हमें नींद नहीं आ रही थी तो फिर हम बातें करने लगे। फिर राखी बोली के आज मुझे काफी अच्छी नींद आई और ऐसे ब्रा पैंटी में रहना और भी अच्छा लग रहा है। फिर मैंने कहा के बिल्कुल नंगा रहने में और भी मजा आता है। ये सुनकर राखी मुस्कुराने लगी। फिर हमने खूब बातें कि और मस्ती मजाक किया और फिर सो गए। जब फिर मैं अगली सुबह उठा तो देखा के राखी बिस्तर पर नहीं थी लेकिन फिर वो कुछ देर बाद ही चाय लेकर आ गई। वो तब ब्रा पैंटी में ही थी। फिर हमने साथ बैठकर चाय पी और फिर तैयार होकर फैक्ट्री चले गए। फिर राखी ने फैक्ट्री में मुझे एक दो लड़कियों से मिलवाया सेटिंग करने के लिए। लेकिन वो मुझे पसंद नहीं आई। फिर राखी बोली के कोई बात नहीं मैं और लड़कियों को ढूंढती हूँ। उनमें से शायद कोई तुम्हे पसंद आ जाये। फिर मैं बोला के ठीक है।
फिर बस इस तरह दिन निकलने लगे। अब राखी ब्रा पैंटी में रहती और मैं बिल्कुल नंगा ही। मैं राखी के सामने अपना लण्ड खूब हिलाता और पानी निकाल देता। राखी भी मेरी फीलिंग को समझती थी तो फिर जब मैं लण्ड हिलाता तो फिर वो अपने बोबो को अपनी ब्रा से बाहर निकाल देती। ये देखकर तो मैं और ज्यादा गर्म हो जाता। फिर तो राखी अपने बोबो को अपनी ब्रा से बाहर ही रखने लगी। फिर एक दिन मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिये तो फिर उसने ब्रा निकाल दी और फिर वो सिर्फ पैंटी में ही रहने लगी। अब राखी भी बेशर्म हो चुकी थी। एक दिन फैक्ट्री में हाफ डे था तो फिर दोपहर तक लगभग सभी लोग जा चुके थे, बस कुछ ही लोग बचे थे। फिर मैं और राखी फैक्ट्री में घूमने लगे और फिर घूमते घूमते ऐसी जगह चले गए जहां कोई नहीं था और कोई आने वाला भी नहीं था। ऐसा मौका देखकर फिर मैं तो नंगा हो गया और राखी सिर्फ ब्रा पैंटी में रह गई। फिर हम वहां ऐसे ही घूमने लगे। ऐसे घूमने में मुझे और राखी को काफी मजा आ रहा था। फिर मैं अपना लण्ड हाथ मे लेकर सहलाने लगा तो राखी फिर मेरा लण्ड देखने लगी। फिर राखी ने मुझसे पूछा के कितना लंबा होगा ये। फिर मैंने कहा के 7 इंच के लगभग तो होगा ही।
फिर राखी मेरे सामने अपनी चुत सहलाने लगी और फिर पैंटी में हाथ डालकर उँगली करने लगी। फिर मैंने राखी की पैंटी थोड़ी नीचे खिसका दी तो फिर राखी ने तब अपना हाथ अपनी चुत से हटा लिया और फिर हम दोनों राखी की चुत देखने लगे। राखी की चुत बहुत प्यारी लग रही थी। फिर हम दोनो अपने अपने चुत और लण्ड सहलाने लगे और फिर झड़ गए। तब हम दोनों को काफी मजा आया। फिर हम दोनों कपड़े पहनकर हमारे कमरे पर आ गए। कमरे पर आने के बाद मैं फिर से नंगा हो गया और राखी भी मेरे सामने ही अपने कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी में रह गई। कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन आने वाला था तो मेरे मन मे राखी को पूरी नंगी करके मेरे लण्ड पर राखी बंधवाने का विचार आया। ये विचार आते ही मेरा लण्ड उछल पड़ा और खड़ा हो गया। फिर राखी ये देखकर मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर राखी ने कहा के क्या हुआ तो फिर मैंने जब उसे ये बताया तो वो सुनकर हँसने लगी।
फिर वो बोली के लेकिन घर पर तो सब होंगे। तब मैं नंगी होकर राखी कैसे बाँधूगी। फिर मैं बोला के वो सब देख लेंगे। फिर रक्षाबंधन पर मैं और राखी घर जाने की तैयारी करने लगे। घर जाने के लिए मैंने बस में एक डबल स्लीपर बुक करवाया। फिर हम बस में चढ़कर बैठ गए। फिर कुछ देर बाद ही मैं तो नंगा हो गया और फिर राखी भी अपने कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी में लेट गई। फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर बातें करने लगे। फिर राखी दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई तो मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिये। फिर मैं धीरे धीरे उसकी पैंटी भी नीचे खिसकाने लगा। ये देखकर वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गई और बोली के रक्षाबंधन तो कल हैं। तुम अभी से मुझे नंगी करने पर तुले हो। ये सुनकर हम दोनों हँसने लगे। लेकिन मैंने उसकी ब्रा खोल दी तो उसने ब्रा निकालकर साइड में रख दी और फिर मैंने उसकी पैंटी उसके घुटनो तक खिसका दी और उसकी चुत सहलाने लगा। जिससे वो गर्म हो गई तो फिर उसने अपनी पैंटी पूरी निकालकर साइड में रख दी और फिर वो उंगली करने लगी।
फिर मैं भी अपना लण्ड हिलाने लगा। तब केबिन में अंधेरा था तो मैंने फोन की लाइट जला ली और राखी के बदन को देखकर लण्ड हिलाने लगा। फिर वो झड़ने लगी तो उसके मुंह के रिएक्शन देखकर मैं और ज्यादा गर्म हो गया। फिर मैं उठकर उसके मुंह के पास ले जाकर अपना लण्ड हिलाने लगा और सारा पानी उसके मुंह और बालों पर गिरा दिया। फिर वो अपने होंठों पर लगे मेरे पानी को थोड़ा चाटने लगी और फिर अपनी पैंटी लेकर अपने मुंह को पोंछने लगी। मुझे लगा इससे वो नाराज ना हो जाये लेकिन वो नाराज नहीं हुई। फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए। मैंने राखी के बदन के हर हिस्से को सहलाया। उसका हाथ भी मेरे लण्ड पर कई बार टच हो गया था पर उसने कभी सहलाया नहीं था। इस तरह रात भर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे। फिर जब सुबह हुई तो हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए। फिर बस से उतरकर हम अपने घर चले गए।
घर पर हमें देखकर सब काफी खुश हुए। फिर खाना वगैरह खाकर मैं और राखी सो गए क्योंकि रात भर हम सोए नहीं थे। रक्षाबंधन अगले दिन था। फिर उठकर मम्मी हमसे बातें करने लगी। फिर बातों ही बातों में मम्मी ने हमे बताया के कल वो और पापा अपने मायके अपने भाई से राखी बंधवाने जाएगी। ये सुनकर मैं और राखी बहुत खुश हुए। फिर अगले दिन पापा मम्मी तो जल्दी ही तैयार होकर चले गए और पीछे घर और मैं, राखी और मेरी दादी ही रह गई। फिर दादी को तो हमने कमरे में सुला दिया। फिर नहा धोकर मैं तो होल में बैठ गया और फिर कुछ देर बाद राखी दूसरे कमरे से बाहर निकली। वो तब एक दम नंगी थी और उसके हाथ मे एक पूजा की थाली थी। मैं तो उसे देखता ही रह गया। फिर वो सामने आकर नीचे ही घुटनो के बल बैठ गई और फिर मेरी और मेरे लण्ड की आरती उतारने लगी। वो तब काफी हंस रही थी। फिर उसने मेरे माथे पर और मेरे लण्ड पर तिलक लगाया और फिर लण्ड की जड़ में राखी बांधने लगी। उसे मुझे ऐसे राखी बांधकर काफी मजा आया। फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया तो फिर वो हंसती हुई मेरा लण्ड हिलाने लगी। तब मजे से मेरी तो आंखें ही बंद हो गई थी। फिर थोड़ी देर बाद जब मेरे लण्ड से पानी निकलने लगा और सीधा जाकर उसके बोबो पर गिरने लगा।
फिर झड़ने के बाद मैं तो सोफे पर ही बैठा रहा और राखी खड़ी होकर अपनी सेल्फी लेने लगी। फिर उसने अपनी कुछ नंगी फ़ोटो मुझसे भी खिंचवाई। इस तरह हम उस पूरे दिन नंगे ही रहे और सारे घर मे नंगे ही घूमते रहे। इस बीच मैंने राखी से मैंने कई बार अपना लण्ड सहलवाया। फिर शाम को हमने कपड़े पहन लिए और राखी मैंने अपने हाथ पर बांध ली। फिर मम्मी पापा भी आ गए। फिर हमने काफी बातें की और फिर रात को हम दादी वाले कमरे में बदल बेड पर सोए। दादी तो चारपाई पर सोती थी। फिर दादी जब सो गई और मम्मी पापा भी सो गए तो हम दोनों फिर से नंगे हो गए। वैसे तो हमने पूरे दिन काफी मस्ती की थी तो फिर हम ऐसे ही नंगे लेटे रहे। फिर हमें नींद आने लगी तो हम कपड़े पहनकर सो गए। हम 4-5 दिन गांव रहे और फिर वापिस शहर आ गए। आते टाइम भी मैं और राखी बस में नंगे लेटकर आये और मैंने राखी से अपना लण्ड हिलवाया। उसे भी अब मेरा लण्ड हिलाने में मजा आने लगा था।
फिर आने के बाद हम दोनों कमरे पर नंगे ही रहने लगे और खूब मस्ती करने लगे। मैं राखी से दिन में कई बार अपना लण्ड हिलवाता और साथ मे मैं उसकी चुत भी सहलाता। जिससे हम दोनों को काफी मजा आता। फिर एक बार तो मैं किचन से एक बैगन लेकर आया और उस पर कंडोम चढ़ाकर उसकी चुत में डाल दिया। फिर इस कारण राखी ने अपने दोनो पैर ऊपर उठा लिए और मैं कंडोम चढ़ा बैगन अंदर बाहर करने लगा तो उसे काफी मजा आने लगा। फिर उस दिन जब वो झड़ी तो उसे काफी मजा आया। उसे देखकर मैं भी झड़ने वाला था तो फिर मैंने अपना सारा पानी उसकी चुत और पेट पर डाल दिया। फिर झड़ने के बाद हम दोनों लेटकर बातें करने लगे। फिर राखी मेरे लण्ड को हाथ मे लेकर बोली के आपका ये कितना बड़ा है तो ये लड़की के अंदर कैसे जाएगा। फिर मैंने उससे कहा के ये कहा है। तो वो मुस्कुराने लगी और फिर धीरे से बोली के लण्ड। फिर मैंने कहा के फिर से पूछो। फिर वो बोली के आपका लण्ड इतना बड़ा है तो ये लड़की की चुत में कैसे जाएगा। फिर मैंने कहा के लड़की की चुत बड़ी होती है वो बड़े से बड़ा लण्ड ले सकती हैं
फिर राखी को कुछ समझ नहीं आया तो मैंने अपने फोन में एक पोर्न वीडियो चलाया और फिर उसे दिखाने लगा। जिसमें एक आदमी अपने बड़े लण्ड से लड़की की गाँड मार रहा था। फिर हम और भी वीडियो देखने लगे। वीडियो देखकर राखी गर्म हो गई तो वो मेरा लण्ड हिलाने लगी। फिर मैं भी गर्म हो गया तो फिर मैं फोन साइड में रखकर राखी के ऊपर चला गया और फिर राखी के बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चूमने लगा। फिर मैं उसकी चुत चुसने लगा जिससे उसे काफी मजा आने लगा। मैंने उसकी चुत को बहुत चूसा। जिससे उसका पेशाब भी निकल गया तो मैं उसका सारा पेशाब पी गया। फिर वो झड़ भी गई थी। फिर उसके झड़ने के बाद मैं उसकी छाती पर जाकर खड़ा हो गया और फिर वो दोनो हाथों से मेरा लण्ड हिलाने लगी। फिर मैं झड़ने लगा तो मेरा सारा पानी राखी के मुंह पर गिर गया और फिर वो अपने हाथों से अपना मुंह पोंछते हुए मुस्कुराने लगी और फिर मैं भी मुस्कुराने लगा। फिर मैं राखी के ऊपर ही लेट गया।
फिर मैंने उससे पूछा के तुम पहला लण्ड किसका लेना चाहती हो। फिर वो बोली के मैं शादी के बाद अपने पति का लेना चाहती हूँ। मगर आप मेरे साथ कुछ भी करना चाहते हो तो कर सकते हो। मैं आपको कुछ नहीं कहूंगी। आपका मुझ पर पूरा हक है। फिर मैंने कहा के मैं अपनी खातिर तुम्हारी जिंदगी खराब नहीं करूंगा। फिर मैंने राखी के माथे पर किस किया और फिर हम दोनों चिपक पर लेट गए। फिर हमने लिप किस भी किया। फिर उस दिन के बाद हम दोनों आपस मे काफी मस्ती करते और खुश रहते। मैं राखी की चुत चाटता तो फिर मेरे कहने पर राखी ने मेरा लण्ड भी चूसा जिसमें मुझे काफी मजा आया। फिर हम दोनों एक दूसरे की चुत और लण्ड चूसते और खूब मजे करते। फिर काफी दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। फिर मैंने राखी की चुत पर भी अपना लण्ड कई बार रगड़ा। मैं राखी को घोड़ी बनाकर उसकी दोनो टांगो के बीच लण्ड डालकर रगड़ता और फिर झड़ जाता। इसमें राखी को भी काफी मजा आता।
फिर हम एक बार सर्दियों में गांव गए। तब मम्मी ने राखी के रिश्ते का जिक्र किया। ये सुनकर मैं अंदर से निराश हो गया। फिर पापा और मम्मी कुछ दिनों के लिए एक शादी में चले गए। उनके जाने के बाद मैंने राखी से कहा के मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुमसे सिर्फ मैं ही शादी करूंगा। मेरी ये बात सुनकर राखी मुझे प्यार से समझाने लगी के ऐसा नहीं हो सकता है। मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। अगर हम ऐसा करेंगे तो हमारी समाज मे बहुत बेइज्जती होगी। मैं शाद के बाद ही तुमसे ऐसे ही प्यार करती रहूंगी बल्कि ज्यादा ही करूंगी। फिर राखी की बात सुनकर मेरा मूड अच्छा हो गया। फिर उस दिन रात को मैं, राखी और दादी एक कमरे में ही सोए थे। मेरी दादी बूढ़ी है और सर्दियों में उनके जोड़ो में काफी दर्द होता है तो वो तेल से अपनी मालिश करवाती है। दादी को चश्मे के बिना बिल्कुल भी नहीं दिखता है। फिर उस रात राखी दादी की मालिश करने लगी। फिर राखी ने दादी के सब कपड़े खोलकर दादी को नंगी कर लिया और दादी की मालिश करने लगी। फिर कुछ देर बाद राखी भी सब कपड़े खोलकर नंगी हो गई।
मैं तब कमरे में ही था और अपनी चारपाई पर लेटा लेटा उन्हें देख रहा था। फिर मैं भी नंगा हो गया। मुझे अपना लण्ड सहलाता देख राखी मुस्कुराने लगी। फिर राखी ने दादी को उल्टा किया और फिर उनकी गाँड की मालिश करने लगी। दादी बूढ़ी तो थी पर उनका शरीर अभी भी जवान था। उस दिन राखी ने दादी को नींद की गोली दे दी थी तो वो तब सो चुकी थी। फिर राखी ने मुझे अपने पास बुलाया तो फिर मैं खड़ा होकर उनके पास चला गया। उस दिन दादी बेड पर सोई थी तो फिर मैं दादी की साइड में लेट गया और फिर दादी के नंगे बदन को देखने लगा। मुझे तो विस्वास ही नहीं हो रहा था। फिर मैं दादी के बोबो और गाँड को सहलाने लगा। तब राखी दादी की चुत सहला रही थी। ये सब देखकर मैं और राखी काफी गर्म हो गए तो फिर मैं और राखी मेरी चारपाई पर गए और हम एक दूसरे के लण्ड और चुत चुसने लगे। फिर थोड़ी देर बाद झड़ गए तो राखी मेरा सारा पानी पी गई और फिर हम रात को नंगे ही सो गए।
जब सुबह हुई तो दादी हमसे पहले जाग गई और फिर वो राखी को आवाज देने लगी। फिर जब हम दोनों की आंखें खुली तो फिर राखी नंगी ही खड़ी होकर दादी के पास गई और फिर दादी को कपड़े पहनाकर बाहर ले गई। जब दादी ने अपने चश्मे के बारे में पूछा तो राखी ने कहा के वो गुम हो गया है। फिर राखी और मैं दादी के सामने नंगे ही घूमने लगे और दादी को कुछ पता ही नहीं चल रहा था। फिर जब धूप आ गई तो राखी ने दादी को आंगन में धूप में लेटा दिया और फिर दादी को नंगी करके दादी की मालिश करने लगी। दादी को भी मालिश से अपने दर्द में काफी आराम मिला तो वो भी कुछ नहीं कह रही थी। फिर दादी की मालिश के बाद मैंने राखी को लेटाकर राखी की मालिश करने लगा और फिर राखी ने मेरे लण्ड की खूब मालिश की। फिर मालिश के बाद मैंने राखी को घोड़ी बनाया और फिर अपना लण्ड रगड़ने लगा और झड़ गया। फिर उस पूरे दिन हम नंगे ही रहे। दादी को कुछ पता नहीं चल रहा था तो फिर मैं और राखी उनकी आंखों के सामने ही एक दूसरे से मस्ती कर रहे थे। पापा मम्मी के वापिस आने तक हम इसी तरह से मस्ती करते रहे।
फिर पापा मम्मी के आने के बाद मम्मी ने हमें राखी के लिए जो रिश्ता आया था उसके बारे में बताया। जो कि हम सबको काफी पसंद आया तो फिर मैंने भी मम्मी से कहा के लड़का देख लेंगे। अगर पसंद आया तो कर लेंगे। मेरी बात सुनकर राखी मुस्कुराने लगी। फिर एक दिन दोपहर को राखी मेरे पास आई और मुझे फोन में एक फोटो दिखाई। वो फ़ोटो देखकर तो मैं देखता ही रह गया। वो फ़ोटो मम्मी की थी और वो पूरी नंगी थी। मम्मी शायद कपड़े बदल रही थी तब राखी ने खींच ली थी। वो फ़ोटो देखकर हम खूब हंसे। फ़ोटो देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था तो फिर राखी मेरा लण्ड चुसने लगी। तब दोपहर थी तो सब सो रहे थे तो फिर मैंने भी राखी की सलवार खोलकर उसकी चुत चूसी। इस तरह हम कुछ दिन और गांव में रहे और फिर वापिस शहर आ गए। फिर शहर आने के बाद राखी मुझसे बोली के आपके लण्ड को हिला हिलाकर और चूस चूसकर मेरे हाथ और मेरा मुँह दर्द करने लग गया है। मै आपकी सेटिंग मेरी एक फ्रेंड से करवा देती हूँ। फिर मैंने कहा के मुझे तुम बहुत पसंद हो। तुम्हारे अलावा मुझे अब और कोई लड़की अच्छी नहीं लगती है। इतना कहकर मैं थोड़ा मायूस हो गया और अपनी गर्दन नीचे कर ली। फिर मुझे ऐसे देखकर राखी हँसकर बोली के ओके ठीक है। मेरी शादी तक हम ऐसे ही मस्ती करते रहेंगे। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ।
फिर हम ऐसे ही मस्ती करते रहे। अब नंगी होने में राखी को जरा भी शर्म नहीं आती। वो और मैं फैक्ट्री में नंगे होकर खूब मस्ती करते। फैक्ट्री के अलावा भी जब हमें ऐसी कोई जगह मिलती जहां कोई नहीं होता तो राखी वहीं नंगी हो जाती। इसके अलावा घर पर जब राखी दादी की मालिश करती तो फिर एक दिन उसने मुझे पास बुलाया और फिर मुझे दादी की मालिश करने के लिए कहा। फिर मैंने अपने हाथों से दादी के नंगे बदन की मालिश की। फिर उस दिन रात को मैं और राखी नंगे होकर दादी के साथ सो गए। फिर रात को मैंने दादी के चूतड़ों में अपना लण्ड डालकर खूब सहलाया और फिर झड़ गया। पर बात यहीं खत्म नहीं हुई। रात को दादी तो नींद की गोली लेकर बेसुध होकर सोई रहती और फिर एक दिन राखी ने मुझे दादी के ऊपर चढ़ाया और फिर मेरा लण्ड पकड़कर दादी की चुत में डाल दिया। फिर मैं धक्के लगाने लगा। तब मुझे काफी मजा आ रहा था। फिर मैं दादी की चुत में ही झड़ गया। फिर झड़ने के बाद राखी ने मुस्कुराकर पूछा के कैसा लगा तो फिर मैंने कहा के बहुत मजा आया। फिर ये सुनकर हम दोनों हँसने लगे।
फिर हमने कई बार ऐसा किया। दादी के बड़े बड़े बोबो को चूसकर तो मजा ही आ जाता था। फिर राखी यहीं पर नहीं रुकी। राखी फिर मम्मी के सामने ही कपड़े बदल लेती और फिर धीरे धीरे वो और मम्मी एक दूसरे से काफी खुल गई। राखी ने तो मुझे मम्मी की नंगी फ़ोटो दिखा दिखा कर ऐसा कर दिया था के अब अगर मम्मी घर पर कपड़ो में रहती तो भी मुझे नंगी ही दिखती। फिर एक दिन राखी ने ऑनलाइन एक तेल मंगवाया और फिर मम्मी से कहा के ये तेल लगाने से औरत का बदन सुंदर और टाइट हो जाता। फिर क्या था मम्मी राखी की बातों में आ गई और फिर एक दिन दोपहर को वो राखी को लेकर छत पर चली गई और फिर वहां मम्मी बिल्कुल नंगी हो गई और फिर राखी से अपने पूरे बदन की मालिश करने को कहा। फिर राखी ने मम्मी के पूरे बदन की मालिश की। फिर राखी ने मम्मी से कहा के अगर रात को इस तेल की मालिश की जाए तो ये ज्यादा फायदा देता है। फिर क्या रोज रात को सबके खाना खाने के बाद वो दूसरे कमरे में चली जाती और फिर वहां राखी मम्मी की मालिश करती। मालिश के बाद मम्मी अपने बदन पर एक कपड़ा लपेटकर अपने कमरे में चली जाती। फिर इसके आगे असली खेल शुरू हुआ।
फिर एक दिन राखी ने मम्मी से कहा के आप भी मेरे बदन की तेल से मालिश कर दो। फिर मम्मी बोली के हां तुझे तो इसकी जरूरत है। तेरा रिश्ते करने के बाद जब तेरी शादी होगी तो तुझे बहुत सुंदर दिखना होगा। फिर क्या था उसी दिन से राखी भी नंगी होकर मालिश करवाने लगी। मालिश करते वक्त राखी जानबूझकर मम्मी की चुत और बोबो को सहलाती जिससे मम्मी गर्म हो जाती। ऐसे ही जब मम्मी राखी की चुत के आसपास की मालिश करती तो राखी आंखें बंद करके मजे लेने लग जाती। तब उन दोनों की चुतो से ही पानी निकलने लग जाता था। फिर एक दिन राखी ने मम्मी की चुत में उंगली डाल दी तो मम्मी ने आंखें बंद कर ली और मजे लेने लगी। फिर कुछ देर बाद जब राखी ने मम्मी की चुत से उंगली निकाल दी तो फिर मम्मी ने आंखें खोली और फिर वो दोनो एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। मम्मी तो सीधी और उल्टी लेटकर ही मालिश करवाती पर राखी घोड़ी बनकर मालिश करवाती और फिर वो मम्मी को भी घोड़ी बनाकर मालिश करती। फिर मालिश के बाद वो दोनो एक दूसरे से चिपक कर सो जाती। उन दोनों को अब एक दूसरे का साथ भाने लगा था। मम्मी अब राखी की लगभग सभी बात मानने लगी थी और राखी जैसा कहती मम्मी वैसा ही करती थी। रात को जब मम्मी मालिश करवाती तो राखी मम्मी को काफी गर्म कर देती और फिर वो भागकर पापा के पास जाती और फिर उनसे चुदाई करवाती।
फिर एक दिन मालिश से पहले राखी ने मुझे छत पर एक जगह छिपाकर बैठा दिया। फिर उस दिन जब मैंने उन दोनों माँ बेटियों को मालिश करते देखा तो मैं देखता ही रह गया। वो दोनो अब मालिश कम और आपस मे मस्ती ज्यादा करती थी। मम्मी को नंगी घोड़ी बना हुआ देखकर तो मैं देखता ही रह गया। फिर राखी ने मालिश के बाद मम्मी को नीचे भेज दिया। फिर मम्मी तो जाकर नहाने लगी और फिर मैं नंगा होकर राखी के पास चला गया। फिर राखी और मैंने एक दूसरे के खूब चुत और लण्ड चूसे। हमें तब बहुत मजा आया। फिर राखी तो नीचे चली गई और मैं कुछ देर नंगा ही छत पर लेटा रहा। मेरे दिमाग से घोड़ी बनी हुई मेरी नंगी मम्मी की तस्वीर जा ही नहीं रही थी। राखी तो मुझसे भी ज्यादा सेक्सी मिजाज की निकली। आखिर वो मेरी बहन जो थी। पर हम दोनों में ये सेक्सिपन कहाँ से आया। क्योंकि मेरे पापा तो ज्यादा रोमांटिक नहीं थे। अब रही मम्मी तो उनकी हरकते देखकर मुझे विस्वास हो गया थे के मम्मी भी बड़े सेक्सी मिजाज की औरत है।
मेरे पापा एक ट्रांसपोर्ट में काम करते थे तो उनकी कभी कभी दूसरे शहर जाना पड़ता था। जब पापा चले जाते तो पीछे से मम्मी राखी को अपने पास सुला लेती और वो दोनो नंगी होकर सोती और खूब मस्ती करती। उधर मैं दादी के साथ मस्ती करता। राखी के कहने पर मम्मी ने अपनी चुत के बाल काट लिए और फिर अपनी चिकिनी चुत को सहलाकर मम्मी को काफी मजा आता। फिर मम्मी ने राखी को बताया के उन्होंने अपनी चुत के बाल कभी साफ करने का सोचा भी नहीं था। फिर राखी ने घर पर ही अपनी और मम्मी की वैक्सिंग कर ली। जिससे उन दोनों के शरीर पर कोई बाल नहीं रहा। राखी ने अपनी चुत के बाल वैक्सिंग द्वारा ही हटाये थे। जिस कारण उसकी चुत एकदम चिकिनी हो गई। मैं तो अपने लण्ड के बाल साफ करके रखता ही था। फिर राखी ने दादी की चुत के बाल भी साफ कर दिए थे। इस प्रकार पापा को छोड़कर अब हम सबके नीचे के बाल साफ थे। राखी ने जब मुझे मम्मी की चिकिनी चुत की फ़ोटो दिखाई तो मैं देखता ही रह गया। उस फ़ोटो में मम्मी बेड पर अपनी टांगे फैलाकर बिल्कुल नंगी बैठी थी और हंस रही थी। अपनी मम्मी की ऐसी नंगी फ़ोटो देखकर कौन बेटा ऐसा होगा जिसका लण्ड खड़ा नहीं होगा। फिर जब पापा घर पर नहीं थे तो एक दिन राखी ने मुझे रात को 10 बजे मम्मी के कमरे में नंगा होकर आने के लिए कहा। फिर मैंने कहा के लेकिन वहां तो मम्मी होगी ना। फिर राखी मुस्कुराकर बोली के वो सब मैं संभाल लुंगी आप बस आ जाना। फिर मैं बोला के ठीक है।
वो सर्दियों के दिन थे तो शाम को जल्दी ही हम सब खाना खाकर अपने अपने कमरों में चले जाते थे। उधर मम्मी और राखी तो नंगी होकर मस्ती करने लग जाती और इधर दादी मुझे राखी समझकर मुझसे नंगी होकर अपनी मालिश करवाती और फिर वो जब सो जाती तो मैं उनकी चुत मारने लग जाता। फिर जब रात को 10 बजे तो मैं नंगा ही अपने कमरे से बाहर निकला और फिर मम्मी के कमरे में चला गया। तब मैंने देखा के तब राखी जाग रही थी और मम्मी आंखें बंद करके लेटी थी। फिर मुझे देखकर राखी ने मुझे मम्मी की दूसरी साइड लेटने के लिए कहा। क्योंकि एक साइड तो राखी खुद लेटी थी। फिर मैं जैसे ही मम्मी की दूसरी साइड लेटने के लिए गया तो राखी ने रजाई हटा दी और मम्मी मुझे पूरी नंगी दिखने लगी। मम्मी को नंगी देखकर मैं और राखी धीरे धीरे हँसने लगे। फिर मैं मम्मी की साइड में जाकर लेट गया और मम्मी के नंगे बदन को देखने लगा। फिर राखी बोली के आज उसने मम्मी को नींद की दो गोली दे दी थी तो आज पूरी रात मजे करेंगे।
ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर मैं मम्मी के बोबो को चुसने लगा और उधर राखी मम्मी की चुत सहलाने लगी। फिर राखी मम्मी के पैर चौड़े करके मुझे मम्मी की चिकिनी चुत दिखाने लगी और बोली के अपना जन्मस्थान देख लो। जो कि जिंदगी में बहुत कम लोगो को देखने को मिलता है। फिर जब मैंने मम्मी की चुत को सहलाया तो मैं तो एकदम पागल हो गया। फिर मैं मम्मी के ऊपर चढ़कर मम्मी की चुत को चूमने लगा। फिर राखी ने मम्मी को उल्टा लेटा दिया तो फिर मम्मी की गाँड देखकर मैं तो देखता ही रह गया। फिर मैं मम्मी की गाँड चाटने लगा। फिर मैंने मम्मी को वापिस सीधा किया और मम्मी की गालों और गले पर किस करने लगा। तब मैं और राखी दोनो काफी गर्म हो चुके थे। फिर राखी मेरे ऊपर आकर 69 पोजिशन में लेट गई और फिर हम एक दूसरे की चुत और लण्ड को चुसने लगे। फिर राखी झड़ गई तो वो मेरे ऊपर से उतर गई लेकिन मैं नहीं झड़ा था। फिर मैं खड़ा होकर मम्मी के ऊपर गया और मम्मी की चुत पर अपना लण्ड मसलने लगा। फिर राखी ने मुझे लण्ड अंदर डालने का इशारा किया पर मैंने अंदर नहीं डाला और फिर अपना लण्ड मम्मी की चुत पर ही रगड़ने लगा और झड़ गया। फिर राखी मम्मी की चुत चाटकर साफ करने लगी। फिर मैं मम्मी को अपने गले से लगाकर लेट गया। फिर मैंने राखी से पूछा के मम्मी मुझसे पट जाएगी क्या। फिर ये सुनकर राखी बोली के तबियत से पटाने की कोशिश करोगे तो जरूर पट जाएगी। मम्मी में अभी काफी जवानी बाकी है। फिर मैंने राखी से कहा के तो मैं मम्मी को पटाकर ही उनकी चुत में लण्ड डालूंगा। ये सुनकर राखी ने धीरे से हँसकर कहा के ठीक है।
फिर उस पूरी रात मैं मम्मी के साथ नंगा ही लेटा रहा और मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई। मैं रात भर मम्मी के बदन को सहला रहा था। फिर जब सुबह हुई तो मैं वापिस अपने कमरे में चला गया और जाने से पहले मम्मी के पूरे बदन को चूमा। फिर उस दिन से मेरा मम्मी को देखने का नजरिया पूरी तरह बदल चुका था। फिर उस दिन जब मम्मी उठकर मम्मी अपने कमरे से बाहर आई तो मैं घर के आंगन में ही अपनी शर्ट खोलकर एक्सरसाइज करने लगा और फिर जब मम्मी ने मुझे देखा तो मैं उन्हें अपने डोले सोले दिखाने लगा। जो कि कुछ ज्यादा तो बड़े नहीं थे पर फिर भी मैं कोशिश कर रहा था उन्हें पटाने की। जब राखी ने मुझे देखा तो वो सब समझ गई और फिर मम्मी के सामने वो मेरी बॉडी की तारीफ करने लगी। फिर वो खुद भी मेरे साथ आकर एक्सरसाइज करने लगी। अब पापा तो घर पर थे नहीं तो फिर राखी ने मम्मी से घर पर शॉर्ट्स पहनने की इजाजत मांगी तो फिर मैंने भी मम्मी से कहा के आजकल सभी लड़कियां यही पहनती है। फिर मम्मी ने कहा के ठीक है पर तभी पहनना जब तुम्हारे पापा घर पर ना हो। ये सुनकर राखी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। फिर उसने कुछ शॉर्ट्स ऑनलाइन आर्डर किये जो कि जल्दी ही आ गए। फिर राखी घर पर शॉर्ट्स पहनने लगी। वो अब काफी खुश थी।
राखी नीचे शार्ट जीन और शार्ट पेंट पहनती जो कि उसके घुटनो से ऊपर तक ही आती थी और ऊपर टीशर्ट वगैरह पहनती। फिर राखी बाद में ऊपर शार्ट टॉप पहनने लगी जिससे कि उसका पेट भी दिखता रहता। राखी ने मम्मी को बताया के आजकल की मॉडर्न लड़कियां ऐसी ही ड्रेस पहनती है और ऐसी लड़कियां ही लड़को को ज्यादा पसंद आती है। फिर ये बात सुनकर मम्मी ने सोचा के अगर राखी का रिश्ता किसी बड़े घर मे हो जाये और शादी के बाद वो ऐसी सिंपल सी बनकर रहेगी तो उसे कोई पसंद नहीं करेगा। ये सोचकर फिर मम्मी ने उसे कहा के वो आजकल की लड़कियों की तरह ही बनकर रहे और उसे जो अच्छा लगे वो ही पहनें। ये सुनकर राखी काफी ज्यादा खुश हुई। उधर मैं भी मम्मी के सामने अपनी बॉडी दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ता था। मम्मी भी मेरी बॉडी देखकर मुझे देखती रहती। उन्हें भी शायद मैं थोड़ा थोड़ा अच्छा लगने लगा था। मेरे पापा उम्र में मम्मी से थोड़े बड़े है तो वो तो अब दिखने में बूढ़े लगने लगे है। पर मम्मी अभी भी जवान और खूबसूरत लगती थी। राखी मम्मी के सामने मम्मी के बदन की तारीफ करती रहती और उनसे कहती के आप तो अभी भी काफी जवान लगती हो। जिस कारण मम्मी भी अपने बदन का काफी ख्याल रखती और सारा दिन टिपटॉप बनकर रहती। राखी ने मम्मी के लिए भी कुछ ड्रेस ऑनलाइन मंगवाई। जिसमे मम्मी काफी सेक्सी लग रही थी। फिर पहले तो मम्मी सिर्फ राखी के सामने ही वो ड्रेस पहनती लेकिन एक दिन राखी मम्मी को खींचकर मेरे सामने ले आई। तब मम्मी को मुझसे काफी शर्म आ रही थी। लेकिन फिर मैंने कहा के आजकल शहरों में तो औरते ऐसे ही कपड़े पहनती है। फिर मैंने और राखी ने मम्मी को काफी समझाया तब जाकर मम्मी की शर्म दूर हुई। फिर मम्मी भी थोड़ी मॉडर्न बनकर रहने लगी।
फिर कुछ दिनों बाद राखी का बर्थडे था तो फिर राखी ने कहा के वो अपना बर्थडे अबकी बार काफी अच्छे से मनाएंगी। इसके लिये हमने घर के एक कमरे को अच्छे से सजाया और राखी सिर्फ मेरे और मम्मी के साथ ही अपना जन्मदिन मनाना चाहती थी तो हमने और किसी को नहीं बुलाया। फिर बर्थडे वाले दिन राखी ने एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनी जिसमें वो काफी सेक्सी लग रही थी। राखी ने मम्मी के लिए भी एक सेक्सी ड्रेस मंगवाई। जब वो मम्मी ने पहनी तो उसमें नीचे से मम्मी की गौरी टांगें और ऊपर से बोबो के उभार साफ दिख रहे थे। मम्मी ने मेकअप वगैरह किया था तो वो ऐसे बिल्कुल भी नहीं लग रही थी के वो हमारी मम्मी है। फिर उस दिन शाम को हम सबने तैयार होकर केक काटा और फिर हम डांस करने लगे। मैंने राखी से ज्यादा मम्मी के साथ डांस किया। उस दिन हम सबको काफी मजा आया। फिर जब काफी रात हो गई तो फिर हम तीनों ऐसे ही जाकर लेट गए। मैं तो ऊपर से नंगा होकर सो गया और मम्मी मेरी छाती से चिपक कर सो गई। फिर जब हम सुबह उठे तो मैंने मम्मी को अपने गले से लगाया तो मम्मी मेरे गले लग गई और फिर मेरी पीठ सहलाने लगी। फिर वो उठकर चाय बनाने चली गई और मैं भी उनके पीछे पीछे किचन में चला गया। फिर किचन में मैं उनके सामने खड़ा होकर उन्हें अपने डोले सोले दिखाने लगा तो फिर वो मेरे पास आई और मेरे डोलो पर हाथ फेरकर देखने लगी। फिर वो मुस्कुराती हुई मेरी छाती पर हाथ रखकर खड़ी हो गई और फिर हम ऐसे ही बातें करने लगे।
अब राखी भी मुझे और मम्मी को ज्यादा से ज्यादा एक साथ रखने की कोशिश करने लगी। मैंने भी मम्मी से ज्यादा शर्म करनी और उनसे डरना छोड़ दिया। मैं मम्मी को ऐसे समझने लगा के जैसे वो मेरी बीवी ही हो। ऊपर से मुझे राखी से ये पता चला के पापा मम्मी से ज्यादा देर तक नहीं कर पाते है। राखी ने कई बार उनकी चुदाई देखी थी। ये बात पता चलने के बाद तो मैं मम्मी के साथ थोड़ा और ज्यादा खुल गया। फिर एक दिन रात को मैं मम्मी के कमरे में चला गया और फिर कमरे के गेट बंद करके मैं बेड की तरफ जाने लगा। तब मम्मी ने मुझे राखी के बारे में पूछा तो मैंने कहा के वो दादी की मालिश कर रही है और फिर वो वहीं सो जाएगी। तब मम्मी सलवार सूट में बेड पर रजाई ओढ़कर लेटी थी तो फिर मैं भी जाकर मम्मी से चिपक कर लेट गया। फिर मैं उठा और ऊपर के कपड़े खोलने लगा। ये देखकर मम्मी लेटी लेटी मुझे देखने लगी। फिर मैंने ऊपर के सब कपड़े खोल दिए और फिर मम्मी की तरफ करवट लेकर लेट गया और फिर मम्मी का हाथ पकड़कर अपनी छाती पर रख लिया। फिर मम्मी मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी। फिर उन्हें मेरे पेट पर एक तिल दिखा तो वो बोली के जिसके पेट पर तिल होता है वो खाने पीने का काफी शौकीन होता है। फिर मम्मी ने कहा के मेरे पेट पर भी तिल है। फिर मैंने मम्मी के सूट को ऊपर कर दिया और फिर मम्मी के पेट पर तिल ढूंढने लगा। फिर जब मुझे तिल मिल गया तो फिर मैं उस पर उंगली रखकर हिलाने लगा तो मम्मी को गुदगुदी होने लगी तो वो हँसने लगी। फिर मैंने अपना हाथ मम्मी के हाथ मे डाल लिया और फिर हम घर के बारे में और पैसों के बारे में बातें करने लगे। हमारे पास इतने पैसे थे जिनसे हम राखी की शादी बड़े धूमधाम से कर सकते थे। हम दोनों ने मिलकर सब हिसाब लगा लिया था।
फिर मैं अपना मुंह मम्मी की छाती में डालकर लेट गया तो फिर मम्मी मेरे सिर और हाथ फेरने लगी। फिर मैंने जब अपना मुँह ऊपर की तरफ करके मम्मी की तरफ देखा तो फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी को अपनी छाती से लगा लिया तो फिर मम्मी मेरी छाती में अपना सिर डालकर लेट गई और मैं मम्मी की पीठ सहलाने लगा। मम्मी ने ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी तो उनके बदन का मुझे एहसास हो रहा था। फिर मैं मम्मी के ऊपर चला गया और मम्मी के चेहरे पर किस करने लगा। तब सोए होने के कारण उनके बोबे आधे से ज्यादा सूट से बाहर आ गए थे। फिर वो मेरी पीठ सहलाने लगी। फिर वो धीरे से बोली के मुझे पेशाब आ रहा है तो फिर मैं उनके ऊपर से साइड हट गया और फिर हम दोनों उठकर बैठ गए। फिर हम दोनों साथ मे पेशाब करने जाने लगे तो वो बोली के ऊपर कुछ पहन लो बाहर ठंड बहुत है। फिर मैंने कहा के मुझे ठंड नहीं लगती हैं। फिर कमरे से निकलकर हम टॉयलेट के पास गए और फिर पहले मम्मी पेशाब करके आई और फिर मैं। फिर हम दोनों साथ मे ही वापिस आ गए। फिर कमरे में आकर मैंने नीचे से पेंट भी निकाल दी और फिर बस अंडरवियर में ही लेट गया। फिर लेटते ही मम्मी मुझसे चिपक कर लेट गई और फिर अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख ली। फिर मैंने मम्मी को अपने ऊपर खींच लिया तो फिर मम्मी मुस्कुराने लगी और फिर मेरे ऊपर ही लेटी रही। फिर मैं मम्मी की पीठ सहलाने लगा और फिर सहलाते सहलाते हाथ मम्मी की गाँड तक ले गया। फिर हाथ ले जाकर मम्मी की गाँड पर रख दिये। फिर मैंने मम्मी को अपने ऊपर से नीचे उतारा तो फिर मम्मी दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई तो फिर मैं पीछे से उनसे चिपक कर लेट गया। तब मेरा लण्ड खड़ा था जो कि मैंने मम्मी की गाँड की दरार में डाल रखा था। फिर जब मम्मी सीधी होकर लेट गई और उन्हें नींद आ गई तो फिर मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। फिर मैंने उनकी चुत पर भी हाथ फेरा पर शायद उन्हें पता नहीं चला। फिर मैंने मम्मी को अपनी तरफ करवट लेकर सुलाया तो मम्मी जाग गई और फिर वो मुझसे चिपक कर लेट गई। फिर थोड़ी देर बाद मैं सीधा होकर लेट गया तो फिर मम्मी मेरी छाती पर अपना सिर रखकर लेट गई। फिर मैंने मम्मी को पकड़कर अपने ऊपर खींचने लगा। तब मम्मी की सलवार खुली हुई थी तो वो नीचे सरक गई। इसका मुझे तो पता नहीं चला पर शायद मम्मी को जरूर पता चल गया था। लेकिन वो कुछ नहीं बोली। फिर मुझे मेरे पैरों पर किसी कपड़े का एहसास हुआ तो फिर मैं उसे अपने एक पैर से नीचे धकेलने लगा। वो मम्मी की सलवार थी जिसे मैंने पूरा नीचे कर दिया था। फिर तभी मैंने मम्मी की गाँड पर हाथ रखा तो फिर मुझे पता चला। फिर तभी मम्मी मेरे ऊपर से उतरकर साइड में लेट गई और फिर अपनी सलवार को ऊपर करके बांधने लगी। लेकिन मुझसे कुछ नहीं कहा। फिर सलवार बांधने के बाद मैं मम्मी के ऊपर चला गया। फिर मम्मी ने भी अपने हाथ मेरी गाँड पर रख लिए।
फिर मैं अपनी छाती मम्मी के मुंह के पास ले गया और अपना एक निप्पल मम्मी के होंठों पर रख दिया तो फिर मम्मी अपने होंठों से मेरे निप्पल को चुसने लगी। ये देखकर मुझे काफी अच्छा लगा। फिर मैं बारी बारी से मम्मी को अपने दोनो निप्पल चुसवाने लगा। फिर मम्मी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी तो फिर मैं उठकर बैठ गया और फिर मम्मी को भी बैठा लिया और फिर मम्मी को अपनी छाती से चिपका लिया। फिर मम्मी मेरे गले से लग गई। तब उनकी सांसे तेज चल रही थी शायद वो गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने मम्मी का कुर्ता ऊपर उठाया और उनकी कमर को सहलाने लगा। फिर थोड़ी देर ऐसे करने के बाद मैंने मम्मी को सुला दिया। तब सुबह के 3 बज रहे थे और हम पूरी रात थोड़े बहुत ही सोए थे। फिर मैं भी सो गया। सुबह मुझे मम्मी से पहले जाग आ गई तो फिर मैं अपना अंडरवियर नीचे करके सोने की एक्टिंग करने लगा। फिर जब मम्मी उठी और उठकर जाने लगी तो तब उन्हें रजाई में तंबू बना दिखा तो फिर उन्होंने मेरे ऊपर से रजाई हटाई तो मेरा लण्ड देखकर वो देखती ही रह गई। मैं चोरी छुपे उन्हें देख रहा था। वो कुछ देर मेरा लण्ड देखती रही और फिर मेरे ऊपर रजाई वापिस करके वो चली गई। बस अब मेरा काम हो चुका था।
फिर उस दिन मम्मी ने राखी से कहा के तेरे भाई के लिए भी लड़की देख लेते है तो फिर राखी ने तब ही मम्मी को मना कर दिया और बोली के वो अभी नहीं शादी करवाएगा। ये सुनकर मम्मी कुछ नहीं बोली। फिर तो मैं और राखी मम्मी से चिपक कर ही रहने लगे। राखी मम्मी के गले लगती और मम्मी के किस वगैरह कर देती और फिर राखी के सामने ही मैं भी मम्मी को अपने गले लगा लेता और मम्मी खुद भी मेरे गले लग जाती। मैंने और राखी ने मिलकर मम्मी को काफी स्पेशल फील करवाया। जिस कारण मम्मी थोड़ा बन ठनकर रहने लगी। राखी फिर घर पर ऐसे शॉर्ट्स पहनने लगी जो कि नीचे से उसके घुटनो के ऊपर और ऊपर उसका टॉप छोटा होने के कारण उसका पेट दिखता रहता। पर अब मम्मी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बल्कि एक बार राखी ने मम्मी को भी एक टॉप जीन पहनाया जिसमें वो काफी सेक्सी दिख रही थी। वो पहनकर जब मम्मी मेरे सामने आई तो मम्मी शर्मा रही थी। लेकिन फिर मैंने मम्मी से कह दिया के वो मेरे सामने बेहिचक कुछ भी पहन सकती है। इस प्रकार जब पापा घर पर नहीं होते तो हम काफी मस्ती करते। फिर तो कभी मैं और कभी राखी मम्मी के साथ सोते और खूब मजे करते। मैं और मम्मी बस चिपक कर सो जाते और बाकी कुछ ज्यादा खास नहीं करते थे। मैं चाहता था के मम्मी मेरे साथ पूरी तरह से खुल जाए। फिर राखी भी मालिश करते टाइम मम्मी की चुत सहलाकर मम्मी को गर्म कर देती। तब पापा तो घर पर होते नहीं थे तो बेचारी मम्मी को बस उँगली करके ही काम चलाना पड़ता था। राखी ने मम्मी को कई बार उंगली करते देख भी लिया था। लेकिन फिर राखी ने कुछ नहीं कहा। फिर तो मम्मी रात को राखी के साथ लेटी लेटी ही उंगली करने लगी।
राखी मम्मी को गर्म करके छोड़ देती और फिर मैं रात को मम्मी के साथ सो जाता। पर कभी मम्मी की हिम्मत नहीं हुई मुझसे कुछ करने की। राखी तो मुझसे मम्मी की चुदाई करने के लिए कई बार कह चुकी थी पर मैं ही रुका हुआ था। मैं तो मम्मी का हाथ पकड़कर अपने साथ कमरे में ले जाकर सुला लेता और फिर मम्मी के साथ जो मन मे आता वो करता। मै मम्मी के बोबो पर हाथ रखकर सहलाता रहता और मम्मी के बदन को कहीं से भी पकड़ लेता। राखी के सामने भी मैं मम्मी को पीछे से पकड़कर खड़ा हो जाता और फिर मैं मम्मी के गालों और गर्दन पर किस करता रहता। मेरे और मम्मी में से पहल कोई भी नहीं करना चाहता था। फिर राखी ने मुझसे कहा के तुम दोनो से कुछ नहीं होगा मुझे ही कुछ करना पड़ेगा। फिर राखी ने मुझे एक प्लान बताया। फिर हम उसी प्लान के हिसाब से काम करने लगे। एक दिन मैं और मम्मी कमरे में एक दूसरे से चिपक कर खड़े थे और मैं दोनो हाथों से मम्मी के बोबो को सहला रहा था। मम्मी तब आंखें बंद करके खड़ी थी। फिर अचानक से राखी ने कमरे का गेट खोला और हमें इस हालत में देखा और फिर वो वापिस चली गई। फिर उस दिन मालिश करते टाइम राखी ने मम्मी की चुत सहलाते हुए मम्मी से कहा के आप अपनी जवानी बर्बाद मत करो और भाई से गुपचुप शादी कर लो। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। पापा अब आपकी प्यास नहीं बुझा पाते है। ये मुझे पता हैं। फिर राखी बोली के अगर आपने बाहर किसी और से किया तो भाई आप को मार देगा। इससे अच्छा घर मे ही कर लो। फिर राखी ने जब मम्मी से पूछा के आप तैयार हो तो मम्मी ने हाँ में सिर हिलाया।
फिर मालिश के बाद राखी मम्मी को लेकर मेरे पास आई। तब मैं कसरत कर रहा था। फिर राखी ने मुझसे कहा के तुम दोनो शादी कर लो। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर राखी ने मम्मी को मेरी तरफ धक्का दे दिया तो फिर मम्मी मेरी छाती से लगकर खड़ी हो गई। फिर राखी बोली के कुछ दिनों में तुम दोनो की शादी होगी तो इसलिए तैयारी में लग जाओ। ये कहकर राखी तो वहां से चली गई और फिर मैंने जब मम्मी की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रही थी। मम्मी को लण्ड की सख्त जरूरत थी इस कारण वो कुछ भी नहीं बोल रही थी। वो बस चुदवाना चाहती थी। फिर मैंने मम्मी के हाथ पकड़कर चूमे और फिर मम्मी के बोबो को सरेआम खुलकर दबाने लगा। तब राखी वहीं घूम रही थी तो फिर मम्मी अपने बोबो से मेरे हाथों को हटाते हुए बोली के राखी यहीं हैं। फिर राखी चाय लेकर आ गई तो हम तीनों बैठकर चाय पीने लगे। फिर राखी ने मम्मी से कहा के अपने बेटे को अभी बस में कर लो। कल को तुम्हारी बहु आएगी तो ये तुम्हारी ही सुनेगा। ये बात सुनकर मम्मी काफी खुश हुई। फिर राखी बोली के आजकल आपकी उम्र की औरतें भी भाग जाती है। पर आप को तो किसी से भी डरने की कोई जरूरत नहीं है। बाहर किसी को क्या पता चलने वाला है। राखी बात सुनकर मम्मी खुश होकर बोली के सही कहा। अब मम्मी और मैं पूरी तरह से तैयार थे एक दूसरे से शादी करने के लिए। फिर चाय पीने के बाद मैंने मम्मी को अपनी तरफ खींचकर अपनी गोद मे बैठा लिया। लेकिन मम्मी को शर्म आ रही थी। फिर राखी भी हमारे पास आकर बैठ गई। फिर मैं मम्मी की गालों पर किस करने लगा और गर्दन पर किस करने लगा।
फिर मैंने राखी से हमें शादी जल्दी से करवाने के लिए कहा। ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर राखी बोली के जल्दी बिल्कुल नहीं करेंगे। सब काम तरीके से करेंगे। फिर राखी शादी के प्लान बनाने लगी। फिर हम सबसे पहले शॉपिंग करने गए। मेरे लिए शेरवानी और मम्मी और राखी के लिए लहंगा चोली खरीदा। फिर शादी के लिए मैंने एक पंडित से भी बात कर ली। शादी की तैयारियों में 2-3 दिन कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। हमारी शादी मंदिर में होने वाली थी जो कि गांव से थोड़ा दूर था। वहां जाने के लिए मैंने अपने दोस्त से गाड़ी पहले ही मांग ली थी। राखी ने हमारी सुहागरात के लिए एक कमरा पहले ही तैयार कर दिया था। फिर हम तीनों तैयार होने लगे। जब राखी और मम्मी तैयार होकर कमरे से बाहर निकली तो गजब की सेक्सी लग रही थी। मम्मी ने एक लाल रंग का लहंगा चोली पहन रखा था और उसमें से मम्मी के बोबे बहुत सेक्सी लग रहे थे। राखी ने तो हद ही कर दी थी। उसने ऊपर सिर्फ एक ब्रा पहन रखी थी और नीचे लहंगा। ब्रा में से उसके छोटे छोटे बोबे भी बाहर झांक रहे थे। वो दोनो मां बेटी बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी। शेरवानी में मैं भी काफी हैंडसम लग रहा था। मुझे देखकर मम्मी काफी खुश हुई।
फिर हम तीनों शाम को दादी से थोड़ी देर में आने का कहकर कार में बैठकर मंदिर चले गए। मंदिर में पंडित ने सब तैयारियां पहले से ही कर रखी थी तो फिर हमारे जाते ही वो हमारी शादी करवाने लगा। पंडित भी मम्मी और राखी को तिरछी नजर से देख रहा था। राखी हमारी शादी की वीडियो बना रही थी। फिर मैंने मम्मी के साथ सात फेरे लिए और फिर मैंने मम्मी की मांग में सिंदूर भर दिया और मंगलसूत्र बांध दिया। फिर शादी होने के बाद हम तीनों वापिस घर आ गए। घर आने के बाद राखी ने मम्मी का वैसे ही स्वागत किया जैसे नई दुल्हन का करते है। फिर हम तीनों ने साथ मे डांस किया और खूब मजे किये। फिर हमने खाना खाया और फिर खाने के बाद राखी मम्मी को लेकर कमरे में चली गई और फिर थोड़ी देर बाद मैं भी कमरे में चला गया। तब मम्मी तो सजी संवरी बेड पर बैठी थी। मम्मी को देखकर तो मेरा लण्ड जोर जोर से फुदक रहा था। फिर राखी हमारे साथ मस्ती मजाक करने लगी। राखी बातों ही बातों में मम्मी से खूब मजे लेने का कह रही थी और ये सुनकर मम्मी बस मुस्कुरा रही थी। फिर थोड़ी देर बाद राखी चली गई और कमरे का गेट बंद कर दिया।
राखी के जाने के बाद मैं मम्मी के पास गया और मम्मी के सब गहने उतारने लगा। फिर मैं मम्मी से लिप किस करने लगा। फिर मैंने मम्मी के सब कपड़े निकालकर मम्मी को नंगी कर दिया और फिर खुद भी नंगा हो गया। फिर मम्मी मेरे लण्ड को देखने लगी। फिर मैंने मम्मी का हाथ अपने लण्ड पर रखा तो वो मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी के सामने घुटनो के बल खड़ा हो गया और मम्मी को अपना लण्ड चुसवाने लगा। मम्मी भी मेरा लण्ड काफी मजे से चूस रही थी। फिर मैंने मम्मी को लिटाया और फिर मम्मी के बदन को चूमने लगा। तब मम्मी इतनी गर्म हो गई के वो चुत में लण्ड लेने के लिए तड़पने लगी। फिर मैंने भी ज्यादा देर न करते हुए मम्मी की चुत की गहराइयों में लण्ड पूरा उतार दिया। जिससे कि मम्मी और मुझे काफी मजा आया। फिर मैं जोर जोर से मम्मी की चुदाई करने लगा और मम्मी भी मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने सारा पानी मम्मी की चुत में ही डाल दिया। चुदाई के बाद मैं और मम्मी एक दूसरे की तरफ देखकर हँसने लगे। फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गए। मम्मी मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर मैंने मम्मी से पूछा के उन्होंने कभी गाँड मरवाई है तो वो बोली के नहीं। फिर मैं पीछे हाथ ले जाकर एक उंगली उनकी गाँड में डालकर अंदर बाहर करने लगा। उनकी गाँड काफी टाइट थी। उनकी गाँड मारने के ख्याल से ही मेरा लण्ड तनकर फिर से खड़ा हो गया। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और उनके पीछे जाकर उनके गाँड के छेद को चाटने लगा। फिर मैंने उनकी गाँड में तेल लगाया और अपने लण्ड को भी तेल से चिकना किया। फिर मैं अपने खड़े लण्ड को उनकी गाँड में घुसाने लगा। जिससे मम्मी को काफी दर्द हुआ तो वो जोर से चिल्लाने लगी। लेकिन मैं नहीं रुका। फिर मैंने अपना पूरा लण्ड गाँड में घुसा दिया और फिर धक्के मारने लगा। क्या मजा आ रहा था तब। मम्मी की हालत काफी बुरी हो गई थी। फिर मैं लण्ड गाँड से निकालकर उनकी चुत में डाल दिया। तब मम्मी को मजा आने लगा। फिर मैंने फिर से उनकी गाँड में डाल दिया। इस तरह मैं चुदाई करता रहा और फिर गाँड में ही झड़ गया। इस तरह उस रात मैं मम्मी को सुबह तक चोदता रहा और वो चुदती रही। फिर हम सो गए।
सुबह जब 10 बजे तक हम कमरे से बाहर नहीं निकले तो फिर राखी कमरे के अंदर आ गई। तब हम दोनों नंगे ही सोए थे। फिर राखी ने पहले मुझे जगाया तो फिर मैं उठकर बैठ गया। फिर राखी रजाई साइड करके मम्मी को देखने लगी जो कि नंगी ही सोई थी। ये देखकर राखी हँसने लगी। तब मम्मी करवट लेकर लेटी थी तो फिर मैं राखी को मम्मी की गाँड खोलकर दिखाने लगा। गाँड का छेद देखकर राखी सब समझ गई। फिर मैंने राखी से मम्मी को दर्द वाली टेबलेट देने के लिए कहा। तब मेरा लण्ड खड़ा था तो फिर राखी मेरे लण्ड को सहलाने लगी। फिर कुछ देर सहलाने के बाद मैं नंगा ही खड़ा होकर कपड़े पहनकर कमरे से बाहर आया। फिर मेरे बाहर आने के बाद राखी ने मम्मी को उठाया और फिर उन्हें चाय वगैरह पिलाई और फिर उन्हें टेबलेट वगैरह दी। फिर जब मम्मी और वो कमरे से बाहर निकली तो मम्मी बड़ी मुश्किल से चल रही थी। मेरी तरफ देखकर मम्मी मुस्कुराने लगी। फिर कुछ देर बाद जब मम्मी का दर्द कम हो गया तो वो नहाकर फिर से एक नई दुल्हन की तरह तैयार हो गई। फिर मैं भी नहाकर दूसरे कपड़े पहन लिए। फिर दोपहर को हम तीनों छत पर जाकर बैठ गए और बातें करने लगे। तब राखी के सामने ही मैं मम्मी के किस कर देता और चुपके से मम्मी के बोबो को भी दबा देता। राखी के सामने मम्मी को अपनी बाहों में लेकर चूमने लगा। तब मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था तो फिर जब राखी चाय बनाने नीचे गई तो मैं मम्मी से अपना लण्ड चुसवाने लगा और फिर मम्मी की सलवार खोलकर घोड़ी बनाकर मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर जब राखी चाय लेकर ऊपर आने लगी तो वो हमारी चुदाई देखकर सीढ़ियों पर ही रुक गई और फिर चुदाई के बाद हमारे पास आई। फिर हम चाय पीने लगे। अब मम्मी बहुत ज्यादा खुश थी। फिर राखी ने मम्मी से कहा के अब आपकी एक नई जिंदगी की शुरुआत हुई है तो इसे आप खुलकर जिओ।
फिर शाम को जब मम्मी और राखी दोनो किचन में थी तो मैंने राखी के सामने ही मम्मी को गर्भनिरोधक टेबलेट लाकर दी और फिर मम्मी ने वो ले ली। फिर उस रात भी मैंने मम्मी की काफी चुदाई की। मम्मी को भी चुदाई करवाने का चस्का लग चुका था तो अब तो वो घर मे कहीं भी मेरा लण्ड बाहर निकालकर चुसने और हिलाने लग जाती और फिर मुझसे नहीं रहा जाता तो मैं मम्मी की वहीं चुदाई करने लग जाता। मम्मी को अपनी जवान बेटी तक कि फिक्र नहीं थी के वो क्या सोचेगी। राखी हमें चुदाई करते हुए कई बार देख भी चुकी थी। लेकिन अब तो ये सब उसके लिए भी नॉर्मल हो गया था। कुछ दिन बाद जब पापा वापिस आये तब तक मैं और मम्मी काफी बार चुदाई कर चुके थे। फिर पापा के आने के बाद मम्मी ने पापा का बिस्तर दूसरे कमरे में लगा दिया और खुद पापा को दिखाने के लिए दादी वाले कमरे में सोने लगी। लेकिन रात को हम दूसरे कमरे में जाकर खूब चुदाई करते। पापा अब मम्मी की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते थे तो उन्हें ज़रा भी शक नहीं हुआ। फिर उस बार राखी घर पर ही रह गई और मैं मम्मी को लेकर शहर चला आया। फिर हमने बस में नंगे होकर चुदाई की और शहर आने के बाद मैं फैक्ट्री से छुट्टी लेकर कमरे पर बस मम्मी की चुदाई ही करता। फिर मैं मम्मी को शहर भी घुमाकर लाया। जिससे मम्मी काफी खुश हुई। अब मैं और मम्मी एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते थे। फैक्ट्री में काफी साल काम करने के बाद भी मेरी सैलरी कुछ ज्यादा नहीं बढ़ी थी तो फिर मम्मी ने नौकरी छोड़कर गांव चलने के लिए कहा तो फिर मैं वहां से सब छोड़कर गांव चला आया।
गांव आने के बाद राखी के रिश्ते की बात चलने लगी। तो हम एक लड़का देखकर आये जो कि एक बड़ी सरकारी नौकरी में था और उसका घर परिवार भी काफी अच्छा था। फिर वो लोग जब राखी को देखने आए तो उन्होंने राखी को फटाक से पसंद कर लिया और रिश्ता पक्का कर दिया। उन्होंने दहेज वगैरह की भी कुछ ज्यादा डिमांड नहीं रखी थी। जिस कारण हम सब काफी खुश थे। जब पापा घर पर होते तब तो हम ज्यादा कुछ नहीं करते पर उनके जाने के बाद हम बहुत मस्ती करते। अब मम्मी पहले से ज्यादा खुश रहने लगी थी। वो और राखी जब मालिश करते तो काफी मस्ती करते। वो दोनो एक दूसरे की चुत चाटते और फिर राखी तो मम्मी के सामने ही बैंगन पर कंडोम चढ़ाकर अपनी चुत में अंदर बाहर करने लग जाती। तब मम्मी भी उसे कुछ नहीं कहती। फिर उन दोनों की मालिश के बाद राखी तो मम्मी के पास से आ जाती और फिर मैं और मम्मी एक दूसरे की मालिश करते। एक बार मैं, राखी और मम्मी तीनो बैठकर बातें कर रहे थे तो फिर मैं मम्मी का एक बोबा बाहर निकालकर चुसने लगा। फिर मम्मी कुछ नहीं बोली तो फिर मैंने मम्मी का दूसरा बोबा भी बाहर निकाल लिया। फिर राखी वो चुसने लगी। फिर तो मैं और राखी मम्मी के दोनो बोबे बाहर निकालकर कभी भी चुसने लग जाते। फिर तो मम्मी को राखी के सामने ऊपर से बिल्कुल नंगी कर लेता और बोबो को खूब दबाता। मम्मी को भी इस सब में काफी मजा आया।
फिर मम्मी खुद भी ऊपर से नंगी रहने लगी। फिर एक दिन मैंने मम्मी को राखी के सामने नीचे से भी नंगी कर दिया। अब मम्मी बेचारी क्या कहती। वो भी अब बिल्कुल बेशर्म हो चुकी थी। एक बार राखी आंगन में बैठी दादी को नंगी करके मालिश करने लगी। तब मम्मी नहा रही थी। फिर मम्मी जब नहाकर बाहर निकली तो वो ये देखकर हँसने लगी। फिर वो भी आंगन में नंगी घूमने लगी। मम्मी को नंगी देखकर मुझसे रहा नहीं जाता था तो मैं राखी के सामने ही अपना लण्ड बाहर निकालकर मम्मी की चुदाई शुरू कर देता। अब घर पर सब नंगे ही हो गए थे राखी क्यों शर्म करती और फिर वो घर पर ब्रा पैंटी में रहने लगी। राखी ब्रा पैंटी में काफी सेक्सी लगती थी। राखी रात को नंगी ही सोती और अपनी चुत में बैगन लेती थी। तो मम्मी के सामने मैं राखी को ऊपर से काफी बार नंगी देख चुका था और वो हमारे सामने ही रजाई में लेटकर बैगन अंदर बाहर करती रहती और सिस्कारियाँ लेती रहती। और तो और तेल मालिश के टाइम भी मम्मी के सामने राखी कई बार मेरे सामने नंगी रह चुकी थी। जब मम्मी नहीं होती तो मैं राखी को बाहों में लेकर उससे मस्ती करने लग जाता था।
एक बार मजाक मजाक में राखी ने मेरा अंडरवियर नीचे खिसका दिया। फिर मैंने भी राखी की पैंटी नीचे खिसका दी और उसकी गाँड पर एक थप्पड़ भी मारा वो भी मम्मी के सामने। फिर एक बार मैंने उसकी ब्रा भी नीचे कर दी। जिससे उसके दोनो बोबे दिखने लगे। फिर तो ये सब मस्ती मजाक नॉर्मल हो गया था।
अब रात को हम सब दादी वाले कमरे में ही सोते थे। तब मैं और मम्मी एक चारपाई पर और राखी एक अलग चारपाई पर और दादी बेड पर सोती थी। हम सब तब अपनी अपनी रजाई में नंगे ही होते। मैं और मम्मी तो राखी के सामने कई बार खुलकर चुदाई कर चुके थे और राखी भी हमारे सामने पूरी नंगी लगभग हर रोज होती थी क्योंकि लाइट का स्विच उसकी चारपाई के पास था। जब वो पहले लाइट का स्विच ऑफ करने के लिए खड़ी होती थी तो वो अपने बोबो और चुत को अपने हाथ से छुपा लेती थी। पर फिर तो वो बिना किसी शर्म के ही बिल्कुल नंगी होकर स्विच ऑफ कर देती और कई बार दूसरे काम भी कर देती। अब माँ नंगी रहती थी तो बेटी को नंगी रहने में क्या दिक्कत थी। एक दिन रात को दादी बेड पर नंगी ही सोई थी। उन्हें नींद आ चुकी थी। फिर राखी खड़ी होकर नंगी ही जाकर दादी की रजाई में घुस गई। फिर वो हमें भी बुलाने लगी तो फिर मैं और मम्मी भी जाकर दादी के साथ बेड पर लेट गए। तब मम्मी दादी की तरफ लेटी थी और राखी दादी के दूसरी तरफ थी। ये मम्मी के लिए पहला अनुभव था तो उन्हें काफी मजा आ रहा था। पर मैं और राखी तो ऐसा कई बार कर चुके थे। मम्मी को दादी के साथ ऐसे नंगी सोकर काफी मजा आ रहा था। फिर वो बोली के सबको घर पर ऐसे नंगे ही सोना चाहिए। तब घर पर हम 5 लोग थे उनमें से हम चार साथ मे नंगे सोए थे। फिर राखी ने रजाई साइड में हटाई और फिर दादी की चुत सहलाकर कहने लगी के पापा इसमें से निकले थे।
ये सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर मैं मम्मी की चुत सहलाकर बोला के और हम दोनों इसमें से। फिर राखी भी मम्मी की चुत सहलाने लगी। फिर राखी ने अचानक मुझसे फ़ोटो खींचने के लिए कहा तो फिर मैं उठा और फिर वो तीनो नंगी होकर लेट गई और फिर मैं उन तीनों की फ़ोटो खींचने लगा। फिर राखी ने मम्मी के साथ लेटकर और फिर खड़े होकर काफी अलग अलग पोज में अपनी काफी फ़ोटो खिंचवाई। फिर राखी मेरी और मम्मी की फ़ोटो खींचने लगी। फिर राखी ने फ़ोन मम्मी के हाथ मे दिया और फिर राखी मेरे साथ आकर खड़ी हो गई। तब मेरा लण्ड खड़ा था। फिर मैं भी राखी की कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया और फिर मम्मी हमारी फ़ोटो लेने लगी। फिर राखी मेरे गले लग गई और बोली के वो शादी के बाद ये सब बहुत मिस करेगी। फिर मम्मी भी मेरे पास आ गई और फिर वो दोनो मेरे गले लग गई। फिर राखी बोली के हम तीनों कहीं भाग चलते है और फिर आराम से रहेंगे। ये सुनकर मम्मी हंसते हुए बोली के ऐसा नहीं हो सकता। तू फिक्र मत कर शादी के बाद जब तू यहां आएगी तो तब भी हम ऐसे ही रहा करेंगे। ये सुनकर राखी मुस्कुराने लगी। फिर राखी बोली के भाई की शादी के बाद हम क्या करेंगे। फिर मैं बोला के उसे भी किसी तरह हम मना लेंगे और फिर सब एक साथ खुशी से रहा करेंगे। ये सुनकर मम्मी बोली के अगर ऐसा हो जाये तो मजा ही आ जाये।
चाहे कुछ भी हो जाये पर हम रहेंगे ऐसे ही। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम फिक्र मत करो। सब ऐसे ही रहेगा। फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा और राखी पास खड़ी खड़ी चुत में उँगली करने लगी। फिर जब मम्मी ने उसे ऐसे करते हुए देखा तो वो राखी से बोली के अब तो थोड़े ही टाइम की बात है। फिर मम्मी झड़ गई पर मैं नहीं झड़ा तो मैं अपना लण्ड बाहर निकालकर सहलाने लगा। फिर ये देखकर राखी बोली के मैंने कभी लण्ड छूकर नहीं देखा तो मैं छूकर देख लूँ तो फिर मेरे और मम्मी के कुछ बोलने से पहले ही राखी मेरा लण्ड पकड़कर हिलाने लगी। वो ऐसे एक्टिंग कर रही थी जैसे उसने पहली बार लण्ड पकड़ा हो और उसे बहुत मजा आ रहा हो। वो मेरा लण्ड हिलाकर काफी खुश हो रही थी। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने लण्ड मम्मी के मुंह मे दे दिया और मम्मी मेरा सारा पानी पी गई। फिर हम तीनों एक साथ एक चारपाई पर लेट गए। मैं बीच मे लेटा था और मम्मी और राखी मुझसे चिपक कर लेटी थी। फिर उस रात हम तीनों एक साथ ही सोए। अगले दिन सुबह मम्मी तो जल्दी उठकर चाय बनाने चली गई और मैं और राखी साथ मे ही लेटे रहे। फिर चाय बनाने के बाद मम्मी चाय लेकर आई और हम दोनों को उठाया। फिर हम दोनों उठे तो फिर हम दोनों को देखकर मम्मी हँसकर बोली के वो मेरी शादी के बाद मुझे और मेरी बीवी को ऐसे ही बिस्तर पर चाय पिलाया करेगी। ये सुनकर राखी और मैं मुस्कुराने लगे। फिर राखी मुझसे चिपक कर बैठ गई। फिर चाय पीने के बाद हम तीनों कमरे से बाहर आकर घूमने लगे।
नंगी राखी को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। फिर हम तीनों एक साथ छत पर जाकर मालिश करने लगे। मालिश करते टाइम मैंने राखी और मम्मी के बदन को खूब सहलाया और उन दोनों ने भी मेरे लण्ड की खूब मालिश की। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो फिर साइड में राखी भी घोड़ी बन गई। फिर मम्मी चुदते हुए राखी से बोली के तू भी हमें देखकर सब अच्छे से सीख ले। ये सुनकर राखी हँसने लगी। राखी हमें देखकर गर्म हो चुकी थी तो फिर वो उंगली करने लगी। फिर कभी कभी वो बैगन वगैरह पर कंडोम चढ़ाकर उसे अपनी चुत में लेकर कर लेती। राखी मेरा लण्ड सहला लेती थी तो फिर मम्मी के सामने मैं उसकी चुत भी सहला देता और कभी कभी तो उँगली भी अंदर डाल देता। अब रात में क्या दिन में भी हम सब नंगे ही रहते। दादी को भी नंगी करके आंगन में बैठा लेते।
भरपूर चुदाई होने के कारण मम्मी अब खिली खिली रहने लगी थी। मम्मी का बदन अब पहले से ज्यादा सुंदर और आकर्षक हो गया था। अब मेरे साथ साथ मम्मी और राखी भी एक्सरसाइज करने लगी थी। राखी का बदन तो एकदम जीरो साइज था जो कि काफी सेक्सी लगता था। उधर मम्मी का गदराया बदन भी कम नहीं था। अब हम तीनों आपस मे खुल चुके थे। एक दिन मजाक मजाक में मैंने मम्मी के सामने दादी की चुत में लण्ड डालकर चुदाई कर दी थी। ये देखकर मम्मी को काफी हंसी आई। फिर मैंने राखी और मम्मी से कहा के मुझे दिन में दादी की चुदाई करनी है तो फिर मम्मी बोली के इसमें क्या है जैसे रात में करते हो वैसे ही दिन में भी कर दो। तो फिर अगले दिन राखी जब दादी की मालिश कर रही थी तो उसने दादी के दोनो ऊपर उठा दिए और फिर मैंने जाकर दादी की चुत में लण्ड डाल दिया। दादी को इसका ज्यादा कुछ पता नहीं चला और मैं दादी की चुदाई करता रहा। ये देखकर पास खड़ी खड़ी मम्मी को बहुत हंसी आ रही थी। फिर चुदाई के बाद मैं दादी की चुत में ही झड़ गया। फिर तो दिन हो या रात मैं दादी की चुत भी मारने लगा। मम्मी को भी अपनी सास की चुदाई देखकर काफी मजा आता।
सर्दियों के दिनों में तो जब पापा घर पर होते तो हम सब दूसरे कमरे में सो जाते और चुदाई कर लेते। लेकिन जब गर्मी आ गई तो तब ऐसा हो पाना मुश्किल हो गया। क्योंकि हम सब आंगन में एक साथ ही सोते थे। लेकिन फिर भी मौका देखकर मैं और मम्मी चुदाई तो कर लेते थे लेकिन मजा नहीं आता था। पापा नहीं होते तब तो हम नंगे ही रहते थे। अगर मैं और मम्मी अलग सोते हैं तो फिर तो पापा को जरूर शक हो जाता। तो हम क्या करें।।फिर मम्मी बोली के तेरे पापा को एक न एक दिन तो पता चल ही जाना है। इससे अच्छा है के हम पहले ही उन्हें सब कुछ बता दे। फिर मैंने कहा के उन्हें सब सीधे सीधे बताना तो ठीक नहीं रहेगा। फिर मम्मी बोली के तो कैसे बताना है। फिर मेरे दिमाग मे एक विचार आया और वो मैंने मम्मी को बताया तो वो मान गई पर इसमें उनकी पिटाई बहुत होने वाली थी। पर अगर एक बार इससे बात बन गई तो फिर मुझे और मम्मी को एक साथ सोने से कोई भी नहीं रोक सकता था। राखी ने भी मेरे इस प्लान के लिए हाँ कर दी।
फिर जब पापा घर पर आते है तो प्लान ऐसे शुरू होता है। पापा के आने के बाद मैं मम्मी को सिर के बालों से पकड़कर पापा के पास ले जाता हूँ और फिर पीटने लग जाता हूँ। फिर ये देखकर पापा मुझसे पूछते है क्यों पीट रहे हो अपनी मम्मी को। फिर मैंने कहा के खुद ही इससे पूछ लो। फिर जब पापा ने मम्मी से पूछा तो वो रोने लगी और कुछ नहीं बोली। फिर मैंने कहा के ये किसी दूसरे आदमी के साथ नयनमटका कर रही थी। ये सुनकर पापा को तो कुछ खास गुस्सा नहीं आया पर मैं मम्मी को पीटने लगा। फिर पापा ने मुझे मम्मी को पीटने से रोका। फिर पापा बोलने लगे के ये सब उनकी वजह से हुआ है। वो बोले के मैं तेरी मम्मी को खुश नहीं रख पाता हूँ तो तब शायद ऐसे कर रही थी। फिर इतना सुनता ही मैंने गुस्से में भरकर मम्मी से कहने लगा के चुत में इतनी ही आग लगी हैं तो मुझसे कहा देती। मैं घर पर ही मिटा देता। कम से कम बाहर तो बेइज्जती ना होती। फिर मैं मम्मी को पकड़कर छत पर ले जाने लगा और साथ मे कहने लगा के मैं मिटाता हूँ आज तेरी प्यास। फिर क्या था पापा ने हमे कुछ नहीं कहा और फिर मम्मी को छत पर ले जाकर मैंने छोड़ दिया। फिर जब पापा छत पर आने लगे तो फिर मैं मम्मी की सलवार खोलकर मम्मी की चुदाई करने लगा। जब पापा छत पर आए तो हमे चुदाई करते देख वो कुछ देर तो देखते रहे और फिर वापिस नीचे चले गए। बस फिर क्या था उस रात के बाद मैं और मम्मी एक साथ सोने लगे और हम फिर खूब चुदाई करते। पापा हम दोनों को कुछ नहीं कहते। फिर राखी भी हमारे साथ छत पर ही सोने लगी तो पापा ये सोचते के हम राखी के सामने तो नहीं करते होंगे। पर हम तीनों छत पर नंगे होकर सोते और खूब मस्ती करते। पापा ने फिर कभी छत पर आकर हमें नहीं देखा।
हम यही तो चाहते थे। कुछ दिनों बाद सब नॉर्मल हो गया। पापा मम्मी से बात करने लगे और मुझसे भी। फिर कभी इसके बाद मैंने मम्मी पर कभी हाथ नहीं उठाया। अब तो हमारी सारी मुश्किल ही हल हो गई थी। एक बार राखी और दादी मेरी भुआ के यहां गई थी और घर पर मैं, मम्मी और पापा ही थे। फिर दिन में मैं मम्मी की चुदाई कर रहा था और कमरे का गेट खुला ही था तो फिर पापा कमरे के बाहर खड़े होकर हमारी चुदाई देखने लगे। वो साथ मे अपना लण्ड भी सहला रहे थे। फिर मैंने पापा को देखा तो फिर मैं अपना लण्ड निकालकर साइड में खड़ा हो गया और फिर पापा मम्मी की चुत में लण्ड डालकर करने लगे। लेकिन वो कुछ देर बाद ही झड़ गए। फिर उनके झड़ने के बाद मैं मम्मी की फिर से चुदाई करने लगा और फिर मम्मी को घोड़ी बनाकर भी चोदा। मेरी चुदाई के बाद मम्मी एकदम खुश हो गई। ये देखकर पापा भी खुश हुए। फिर चुदाई के बाद हम तीनों एक साथ सो गए। फिर उठने के बाद मम्मी नंगी ही जाकर चाय बनाकर लाई। फिर हम नॉर्मल बाते करने लगे। फिर रात को पापा के सामने मैंने फिर से मम्मी की चुदाई की। तब पापा ने कुछ नहीं किया। इस तरह उसके बाद तो मैं और मम्मी पापा के सामने बिना किसी शर्म के चुदाई करने लगे। जब ये बात राखी को पता चली तो वो भी काफी खुश हुई। वैसे पापा जानते थे के राखी भी ये सब जानती है। फिर राखी पापा के सामने भी बिना किसी शर्म के शॉर्ट्स पहनने लगी। मम्मी भी थोड़ा खुलकर रहने लगी। मम्मी नहाकर आती तो वो बस टॉवल में ही बाहर आ जाती और फिर वो ऐसे ही घूमती रहती।
पापा मम्मी को कुछ नहीं कहते के वो अपनी जवान बेटी के सामने ऐसे क्यों घूम रही है। लेकिन कुछ दिनों बाद राखी ने भी अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए और उसके शॉर्ट्स और शार्ट हो गए। ये देखकर तो पापा कुछ कह ही नहीं पाते और जो कुछ घर मे हो रहा होता वो बस देखते रहते। अब हम तीनों को फुल आजादी मिल चुकी थी और इस आजादी का हम तीनों जमकर फायदा भी उठा रहे थे। वैसे पापा भी खुश थे के मम्मी किसी बाहर वाले के बजाय मुझसे चुदवा रही है। फिर मम्मी को देखकर जब कभी पापा का मूड बन जाता तो फिर वो भी मम्मी के बदन को सहलाने लग जाते और फिर चुदाई भी कर देते। लेकिन पापा जल्दी झड़ जाते थे। उन्हें डाइबिटीज थी तो वो दिन प्रतिदिन कमजोर होते जा रहे थे। इस कारण फिर तो वो बस मम्मी को देखकर हाथ से ही हिलाकर काम चला लेते। राखी तो अब घर पर एक शार्ट पेंट पहनती जो कि उसकी जांघों से भी ऊपर थी और ऊपर एक शार्ट टॉप पहनती जिसमे से उसके बोबे हिलते डुलते दिखते रहते। गर्मी का टाइम आ गया था और मम्मी को अब कपड़े पहनने वैसे भी अच्छे नहीं लगते थे तो मम्मी बस एक कपड़ा ही अपने शरीर और लपेटकर रखती और मन करता वहीं नंगी हो जाती। हम छत पर सोते तो जब मम्मी सुबह सुबह ऊपर से आती तो एकदम नंगी ही आती और घर का काम करने लग जाती। मैं भी मम्मी के साथ उठकर नीचे आ जाता। पापा भी जल्दी उठ जाते थे। फिर मम्मी बस नंगी ही रहकर काम करती। वो दादी को भी नंगी रहकर ही चाय देती। मम्मी को नंगी देखकर पापा मम्मी को बेशर्म कहते तो ये सुनकर मम्मी हँसने लग जाती। मम्मी को नंगी देखकर मुझसे रहा नही जाता तो मैं और मम्मी कभी किचन में तो कभी आंगन में ही चुदाई करने लग जाते। जब राखी उठकर ऊपर से आती तो मम्मी कोई भी कपड़ा लेकर अपने शरीर पर डाल लेती। कई बार कोई कपड़ा नहीं मिलता तो वो राखी के सामने ही भागकर कमरे में चली जाती और फिर कोई कपड़ा लपेटकर आ जाती।
एक बार जब राखी कहीं गई हुई थी तो मम्मी आंगन में दादी को नंगी करके मालिश करने लगी। जब ये पापा ने देखा तो देखते ही रह गए। उन्होंने शायद पहली बार अपनी मां को नंगी देखा था। फिर मैं और पापा अपनी अपनी मां को देखकर अपना लण्ड सहलाने लगे। तब ये नजारा देखने वाला था। फिर मम्मी एक हाथ से दादी की चुत खोलकर दिखाने लगी और फिर मम्मी दूसरे हाथ से अपनी चुत खोलकर भी दिखाने लगी। अपनी अपनी मां की चुत देखकर तो मैं और पापा गर्म हो गए। फिर मैं तो अपनी हाफ पैंट खोलकर गर्म हो गया और अपना खड़ा लण्ड हिलाने लगा। फिर मैं उनके पास गया और फिर मम्मी को दीवार के सहारे लगाकर खड़ा खड़ा ही मम्मी की चुदाई करने लगा। उधर पापा अपना लण्ड हिलाने लगे और फिर झड़ गए। इस प्रकार घर मे अब फुल मस्ती चालू थी। फिर राखी के आने के बाद भी मम्मी खुद तो नंगी नहीं रहती पर दादी को जरूरी नंगी रखकर मालिश करती। फिर राखी भी नंगी दादी की मालिश कर देती। फिर मेरे कहने पर मम्मी राखी और पापा के सामने काम करती करती अपना कपड़ा ढीला कर देती और फिर वो कपड़ा जमीन पर गिर जाता तो मम्मी हमारे सामने पूरी नंगी हो जाती। राखी तो ये देखकर मुस्कुराने लग जाती और फिर बेचारे पापा भी क्या कहते। ऐसा मम्मी दिन में कई बार करती। जब पापा और राखी एक साथ होते तो तब तो मम्मी कपड़ा उठाकर वापिस लपेट लेती वरना वो नंगी ही घूमती रहती। अब भला मम्मी को रोकने टोकने वाला कौन था। उन्हें मेरे अलावा कोई कुछ नहीं कहता था। अब बेचारी राखी बची थी लेकिन वो भी इतने छोटे कपड़े पहनती के उसका नंगी होना ना होना एक बराबर था। अब पापा उसे भी क्या कहते।
राखी को भी पापा से बिल्कुल शर्म नहीं आती। जब पापा सोए होते या रात को वो जब नीचे पानी लेने जाती तो वो पूरी नंगी ही जाती। अब हमारे घर मे शर्म नाम की चीज नहीं बची थी। मम्मी ने पापा के बारे में बताया के वो अक्सर अपने फ़ोन में नंगी औरतों को देखकर मूठ मारते है। उन्हें ये करना बहुत पसंद हैं। रात को जब कई बार हम नीचे देखते तो वो यही कर रहे होते। एक बार दिन में जब राखी पापा को चाय देने गई तो पापा यही कर रहे थे। उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल रहे थे और दूसरे हाथ मे शायद कोई पोर्न वीडियो देख रहे थे। फिर जब उन्होंने राखी को देखा तो उन्होंने अपने लण्ड को तो छुपा लिया पर फ़ोन में पोर्न वीडियो की आवाजें सुनाई दे रही थी। वो उसे बंद नहीं कर पाए थे। फिर जब राखी उनके पास चाय रखकर आई तो उसने सब कुछ देख लिया। वो ये सब देखकर तब मुस्कुराने लगी। फिर उसने वहां से आकर जब हमें ये बात बताई तो वो हँसने लगी। इसके बाद तो बेचारे पापा राखी से आंख ही नहीं मिला पा रहे थे। ये सब राखी से देखा नहीं गया तो उसने एक दिन इसके बारे में पापा से बात की तो उसने पापा से कहा के आप उस दिन के बारे में गिल्टी फील ना करो। आप कोई गलत काम नहीं कर रहे थे। फिर राखी ने पापा से हमारे बारे में कहा के वो मेरे और मम्मी के बारे में सब कुछ जानती है। भाई मम्मी का काफी ख्याल रखता है और अब मम्मी भी काफी खुश रहती है। अब आप भी खुश रहा करो। इतना कहने के बाद पापा की जान में जान आई। फिर राखी ने पापा को अपने गले से लगा लिया। फिर पापा पहले की तरह ही राखी से बातें करने लगे। जिस वजह से राखी भी खुश रहने लगी।
मम्मी तो अधनंगी हालत में रहती थी और राखी का भी अब हाल कुछ ऐसा ही था। अब उसके जो मन मे आता वो पहन लेती वो। क्योंकि अब उसे कहने वाला कोई नहीं था। फिर तो वो बिकिनी पहनकर घर मे घूमने लगी। पापा थोड़े दिन तो राखी को देखकर शर्म मानते रहे लेकिन फिर वो भी राखी को बिना किसी शर्म के देखने लगे। अब हम चारो साथ बैठकर बातें वगैरह करते और खूब मस्ती करते। फिर एक दिन पापा के सामने मैं और राखी मम्मी के दोनो बोबो को बाहर निकालकर चुसने लगे। फिर पापा से भी चुसवाया। फिर तो मम्मी ऊपर से नंगी रहने लगी और हम सब मम्मी के बोबो को चूसते, सहलाते और दबाते। मम्मी नीचे कोई कपड़ा लपेट कर रखती तो वो कई बार हमारे सामने नीचे से भी नंगी हो जाती। ये देखकर हम सब हँसने लग जाते। फिर मम्मी कभी कभी नीचे पैंटी पहन लेती और बस फिर ऐसे ही रहती। मम्मी को ऐसे देखकर खुद को रोक पाना मुश्किल था। तो फिर कई बार मैं और मम्मी पापा और राखी के सामने चिपक कर लेट जाते और मैं पीछे से लण्ड डालकर मम्मी की चुदाई करने लग जाता। उन दोनों को भी इस बात का पता होता पर वो कहते कुछ भी नहीं। वो बस अपना काम करते रहते। फिर तो ऐसा हो गया कि जब मैं और मम्मी चुदाई कर रहे होते और मम्मी की सिस्कारियाँ भी निकल रही होती तब भी राखी और पापा इसे इग्नोर करते और अपना काम करते रहते। फिर चुदाई के बाद मैं और मम्मी पापा और राखी के पास जाकर बैठ जाते और उनसे बातें वगैरह करने लगते।
मम्मी तो अब पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी। वो मेरे लंड के बगैर बिल्कुल भी नहीं रह पाती थी। उधर राखी भी बेशर्म होती जा रही थी। एक दिन जब मम्मी मेरा लण्ड चूस रही थी तो फिर राखी भी मेरे पास आकर मेरा लण्ड पकड़कर चुसने लगी। मम्मी ने ये सब देखकर कुछ नहीं कहा और फिर उस दिन उन दोनों ने मिलकर मेरा लण्ड चूसा। मम्मी के सामने मैं राखी के बदन को तो पहले भी सहला लेता था लेकिन अब मैं राखी के चूतड़ों और चुत पर अपना लण्ड मसलने लगा। जब मैं और मम्मी चुदाई करते तो अब राखी भी हमारे पास बिस्तर पर आ जाती और फिर हम तीनों मिलकर खूब मस्ती करते। राखी और मम्मी भी एक दूसरे की चुत चुस्ती और मजे करती। फिर तो मैं बिस्तर में उन दोनों के खूब मजे लेता और वो भी मेरा पूरा साथ देती। फिर ऐसा ही कुछ पापा के साथ भी करने लगे। पापा मम्मी की चुत और बोबो को चूसकर मम्मी को गर्म कर देते और फिर मैं मम्मी की खूब चुदाई करता। मैं पापा के सामने ही मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदता और साथ मे उनकी गाँड पर थप्पड़ मार मार कर लाल कर देता। अपनी गाँड पर थप्पड़ खाकर मम्मी को काफी सुकून मिलता। अब तो पापा भी पूरी तरह से मान चुके थे के अगर घर मे कोई किसी को खुश नहीं रख पा रहा है तो उन्हें घर पर ही इसका समाधान कर लेना चाहिए। ताकि बाहर किसी को कुछ पता ना चल सके और बेइज्जती भी ना हो। क्योंकि हमारे गांव में आये हफ्ते कोई न कोई किसी के साथ घर से भाग रही थी। जिसमें जवान लड़की से लेकर मम्मी जैसी औरते भी थी।
मम्मी पापा और राखी के सामने ही मुझसे चिपक कर रहती और घर पर खुशी से उछल कूद करती रहती। मैं भी सबके सामने मम्मी के बदन को सहला देता। हम दोनों एक दूसरे से किस भी कर लेते थे। अब तो कई बार रात को हम एक साथ सोते। मैं और मम्मी एक चारपाई पर सो जाते और पापा और राखी अलग अलग चारपाई पर सोते। रात को अंधेरा होता या नहीं भी होता तो मम्मी तो एकदम नंगी हो जाती। मम्मी रात को अपना बदन बिल्कुल भी नहीं ढकती। एक बार रात को बारिश आने लगी तो हम सब अपनी अपनी चारपाई लेके अंदर जाने लगे। तब लाइट वगैरह जलाई तो तब भी मम्मी बिना किसी शर्म के हम सबके सामने नंगी ही घूमती रही। ऐसे ही सुबह जब तक राखी नहीं उठ जाती तब तक मम्मी नंगी ही काम करती रहती। एक बार रात को हम सब आंगन में साथ ही सोए थे और सुबह एक साथ ही उठे तो तब मम्मी हम तीनों को चाय देने आई और वो भी नंगी ही। जब राखी ने इशारा करके मम्मी को ये बताया तो मम्मी सिर्फ मुस्कुराने लगी और फिर सबको चाय देकर चली गई। फिर मम्मी ने पैंटी पहन ली थी। लेकिन अब ये सब नॉर्मल हो गया था तो अब कोई इस तरफ इतना ध्यान नहीं देता था। एक बार दिन मैं, पापा और राखी एक साथ बैठकर कोई बात के रहे थे तो फिर मम्मी भी हमारे बीच आकर बैठ गई। तब वो बिल्कुल नंगी थी। लेकिन इस तरफ हमारा किसी का ध्यान नहीं गया। फिर थोड़ी देर बाद जब मम्मी उठकर चाय बनाने गई तो तब उनकी पीछे से नंगी गाँड देखकर हम सबको पता लगा। फिर ये देखकर हम हँसने लगे। लेकिन मम्मी को तो तब भी एहसास नहीं हुआ और फिर वो नंगी ही चाय लेकर आ गई और फिर हम सबके साथ बैठकर चाय पीने लगी। तब हममें से किसी ने उन्हें नहीं बताया। फिर चाय पीने के बाद जब राखी वहां से चली गई और मैंने अपना लण्ड बाहर निकालकर उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा तो फिर जब उनका ध्यान नीचे गया तो फिर वो खुद ही हँसने लगी। फिर वो घोड़ी बन गई तो मैं उनकी चुदाई करने लगा। फिर वो चुदते हुए कहने लगी के मुझे तो इसके बारे में बिल्कुल भी पता ही नहीं लगा के मैं इतनी देर से नंगी हूँ। फिर वो हँसने लगी।
फिर चुदाई के बाद मैंने कहा के अब सबने सब कुछ देख ही लिया है तो अब से नंगी ही रहना। बस फिर क्या था। फिर तो मम्मी दिन रात नंगी ही रहने लगी। मम्मी अब हम सबके घर मे नंगी घूमती रहती। मम्मी को देखकर मैं तो अपना लण्ड ही सहलाता रहता। इतना ही नहीं मैं, राखी और पापा मम्मी के बोबो को हाथ मे लेकर सहला देते और फिर चुसने भी लग जाते। फिर मौका मिलने पर मैं मम्मी की चुत और गाँड भी सहला देता। लेकिन मुझे ऐसा करते हुए पापा और राखी कई बार साथ मे देख भी चुके थे। पर अब किसे फर्क पड़ने वाला था। अब माँ नंगी रहने लगी थी तो बेटी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी। राखी अब ऐसी ब्रा पैंटी पहनती जिसमें से उसके बोबो और चुत का साइज साफ पता चलता रहता। मैं और पापा तो अब बेशर्मो की तरह राखी को घूरते रहते और राखी हमें देखकर मुस्कुरा देती। राखी का फिगर देखकर तो किसी बूढ़े का भी लण्ड खड़ा हो जाये। इतना ही नहीं राखी एक बार नहाकर निकली तो वो बस टॉवल में थी। उसने टॉवल ऐसे बांध रखा था जिससे कि उसके आधे से ज्यादा बोबे और नीचे से उसकी जांघे साफ दिख रही थी। तब पापा, मैं और मम्मी आंगन में चारपाई पर बैठे थे। फिर राखी जब अपने कमरे में चली गई तो फिर मम्मी ने जब मुझे और पापा को राखी को ऐसे घूरते हुए देखा तो फिर मम्मी मुस्कुराकर बोली के शर्म नहीं आती तुम दोनो को जो राखी को ऐसे घूर रहे हो। फिर मम्मी की बात सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। तब पापा मम्मी के आगे बैठे थे तो फिर मम्मी पापा का लण्ड चुसने लगी। फिर पापा तो तब ही झड़ गए और कुछ देर बाद फिर मैं भी झड़ गया। फिर हम सब शांत होकर बैठ गए। फिर कुछ देर बाद जब राखी कमरे से बाहर आई तो उसने एक बिकिनी पहन रखी थी जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर वो आकर हमारे पास बैठ गई और फिर हम सब बातें करने लगे। फिर राखी हम सबकी फ़ोटो खींचने लगी। फिर राखी मुझे खड़ा करके मेरे साथ फोटो खिंचवाने लगी और फिर राखी ने पापा के साथ भी फ़ोटो खिंचवाई। तब राखी ने पापा का हाथ अपनी नंगी कमर पर रखा और कई पोज में फ़ोटो खिंचवाई। फ़ोटो खिंचवाते टाइम हम सब काफी हंस रहे थे और फिर हंसते हंसते राखी कई बार पापा के गले भी लग गई। फिर जब राखी ने मेरे साथ खड़ी होकर फ़ोटो खिंचवाई तो मैंने तो बिना शर्म किये राखी की कमर को पकड़कर खड़ा हो गया और फिर हमने काफी फ़ोटो खिंचवाई।
उधर मम्मी के साथ भी हम सबने काफी फ़ोटो खिंचवाई। मम्मी अब बेशर्म हो चुकी थी तो फिर मेरे कहने पर मम्मी एक हाथ से अपनी चुत खोलकर खड़ी हो गई। ये देखकर तो हम सब हँसने लगे और फिर मम्मी अपनी गाँड पर हाथ रखकर खड़ी होकर भी फ़ोटो खिंचवाए। फिर मम्मी अलग अलग पोज में ऐसे फ़ोटो खिंचवाने लगी जैसे कि वो कोई पोर्न एक्ट्रेस हो। इस सब के बाद तो हम चारो काफी गर्म हो चुके थे। मम्मी की चुत से तो पानी टपकने लगा था साथ मे राखी की पैंटी भी गीली हो गई थी। मेरा और पापा का लण्ड भी तन चुका था। फिर पापा तो अपने कमरे में जाकर अपना लण्ड हिलाने लगें। पापा के जाने के बाद मैं आंगन में ही नंगा होकर मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर हमें देखकर राखी भी अपनी पैंटी में हाथ डालकर उंगली करने लगी। फिर मम्मी के झड़ने के बाद राखी मेरा लण्ड पकड़कर हिलाने लगी और फिर चुसने लगी। फिर वो अपनी पैंटी खोलकर खड़ी हो गई तो फिर मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया और फिर अपना लण्ड उसकी गाँड पर रगड़ने लगा और फिर झड़ गया। झड़ने के बाद मैंने सारा पानी राखी की गाँड पर ही निकाल दिया तो फिर राखी ने अपनी गाँड बिना साफ किये ही पैंटी पहन ली। फिर हम तीनों बैठकर बातें करने लगे। फिर कुछ देर बाद पापा भी कमरे में से आकर हमारे पास आकर बैठ गए। तब मैंने अपना अंडरवियर पहन लिया था। फिर बातें करते टाइम भी पापा का ध्यान राखी के बदन पर ही था। पर राखी को इससे जरा भी दिक्कत नहीं थी और वो बिंदास तरीके से बातें किये जा रही थी। फिर राखी पापा के साथ चिपक कर बैठ गई और पापा का हाथ अपनी कमर पर रख लिया। उधर मैं पापा और राखी के सामने मम्मी को किस कर रहा था और उनके बदन को सहला रहा था।
फिर मैंने मम्मी को अपनी गोद मे बैठा लिया और फिर मम्मी की कमर में हाथ डालकर बैठ गया। तब हम मस्ती मजाक कर रहे थे। फिर मैंने मम्मी को उठाकर चारपाई पर उल्टा पटक दिया तो फिर मम्मी उठकर घोड़ी बन गई। तब मम्मी की गाँड राखी और पापा की तरफ थी तो फिर उन्हें मम्मी की चुत और गाँड का छेद साफ दिख रहा था। तब मम्मी कुछ देर घोड़ी बनी रही और फिर वो सीधी होकर बैठ गई। फिर राखी उठकर मेरी साइड में आकर बैठ गई और फिर वो मुझसे लड़ाई करने लगी तो फिर मैंने उसके दोनो हाथों को पीछे की तरफ करके पकड़ लिया और फिर उसे अपनी गोद मे बैठा लिया। उसे कुछ देर ऐसे ही पकड़े रखा और फिर उसे चारपाई पर पटक कर मैं आँगन में भागने लगा। तो फिर राखी भी मेरे पीछे पीछे भागने लगी। फिर मैंने राखी को फिर से पकड़ लिया और उसे पकड़कर घुमाने लगा। तब मैं उसके बदन को साथ मे सहला रहा था। फिर मैंने पीछे से राखी के ब्रा के हुक खोल दिये तो उसकी ब्रा आगे की तरफ लटक गई और उसके बोबे दिखने लगे। फिर मैंने उसे छोड़ दिया और फिर वो हंसती हुई अपनी ब्रा ठीक करने लगी। ये देखकर मम्मी और पापा भी हँसने लगे। अब ऐसे मस्ती करना तो हमारे घर आम सी बात हो गई थी। घर पर अब मम्मी और दादी तो हरदम नंगी रहती थी और अब राखी की बारी थी।
मैं और पापा साथ मे होते तो हम दोनों अपना लण्ड निकालकर सहलाने लग जाते। अब हम बाप बेटे कम और दोस्त ज्यादा थे। पापा मुझे अक्सर कहते के अच्छा हुआ जो तूने तेरी मम्मी को चोद दिया वरना पता नहीं बाहर वो किस किस से चुदवाती फिरती। अब पापा के सामने मैं मम्मी को ऐसे चोदता जैसे के वो कोई रंडी हो। ये देखकर पापा को काफी मजा आता। पापा मम्मी की चुत चाटकर मम्मी को फुल गर्म कर देते और फिर मैं ताबड़तोड़ मम्मी की चुदाई करता। फिर मैंने पापा से भी दादी की चुत चोदने के लिए कहा तो तब पापा ने मना कर दिया। तब वहीं मम्मी थी तो उन्होंने कहा के अपनी जवान बेटी को देखकर तो बहुत मजे लेते हो और अपनी बूढ़ी माँ को चोदने के लिए मना कर रहे हो। ये सुनकर पापा तैयार हो गए। फिर पापा नंगे होकर दादी के ऊपर चढ़ गए और फिर दादी की चुत में अपना लण्ड डालकर करने लगे। ये देखकर मैं और मम्मी हँसने लगे। फिर मैंने भी मम्मी की चुदाई शुरु कर दी। फिर मैं और पापा अपनी अपनी मां की चुदाई करने लगे। पापा को अपनी मां की चुदाई करने में काफी मजा आ रहा था। फिर पापा दादी की चुत में ही झड़ गए और साइड होकर लेट गए। फिर मैंने पहले मम्मी की चुदाई की और फिर पापा के सामने ही दादी की चुदाई करने लगा। मेरा लण्ड दादी की चुत से अंदर बाहर होता देखकर पापा देखते ही रह गए। फिर मम्मी साइड में आकर लेट गई और दादी की चुत को सहलाने लगी। फिर जब मैं झड़ने लगा तो सारा पानी दादी की चुत में डाल दिया। फिर दादी की चुत से मेरे और पापा का पानी बाहर निकलने लगा।
फिर ये देखकर मम्मी दादी की चुत चाटने लगी और सारा पानी चाट गई। इसके बाद तो पापा भी दादी की चुदाई करने लगे। इसके अलावा मैं और पापा साथ मे पोर्न वीडियो देखते और फिर मम्मी की खूब चुदाई करते। फिर तो पापा हमारे सामने ही अपने फोन में राखी की फ़ोटो निकालकर अपना लण्ड हिलाने लग जाते। ये देखकर अब मम्मी भी क्या कहती क्योंकि वो खुद मेरा लण्ड ले रही थी। उधर राखी भी बिकिनी में मेकअप वगैरह करके टिप टॉप बनकर रहती। जिससे कि किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाये। राखी को ऐसे देखकर तो मुझसे भी नहीं रहा जाता था। फिर एक दिन दोपहर को मैं राखी को लेकर पापा के पास चला गया। फिर राखी को बीच मे बैठाकर मैं और पापा अंडरवियर के ऊपर से ही अपने लण्ड को सहलाने लगे। ये देखकर राखी मुस्कुराने लगी। फिर मैं राखी की गर्दन पर किस करने लगा तो राखी भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने राखी की ब्रा को नीची करके राखी के दोनो बोबो को ब्रा से बाहर निकाल लिया। ये देखकर तो मैं और पापा फुल गर्म हो गए। फिर मैं तो अपना अंडरवियर नीचे करके लण्ड हिलाने लगा। ये देखकर पापा ने भी अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। हम दोनों को ऐसा करते देख राखी हँसने लगी। फिर मैं और पापा राखी के सामने खड़े होकर राखी को देखकर अपना लण्ड हिलाने लगे। फिर कुछ देर बाद पापा तो झड़ गए और सारा पानी राखी के बोबो और ब्रा पर डाल दिया। लेकिन झड़ने के बाद पापा को थोड़ी शर्म आई। तो ये देखकर राखी ने पापा से कहा के अब हम घर पर दोस्तो की तरह रहते है। इसलिए शर्म वाली कोई बात नहीं हैं। आपका जब भी हिलाने का मन करें तो मुझे बुला लेना। राखी के मुंह से ये सुनकर पापा काफी खुश हुए।
फिर अगले दिन जब मम्मी नहा रही थी और राखी नहा चुकी थी। तो राखी अपने कमरे में बिल्कुल नंगी खड़ी थी। फिर मैं पापा को लेकर राखी के कमरे में चला गया। तो राखी को नंगी देखकर तो पापा के होश उड़ गए। फिर जब राखी ने हमें देखा तो वो सिर्फ अपनी चुत पर हाथ रखकर खड़ी हो गई और मुस्कुराने लगी। फिर थोड़ी देर कमरे में रुकने के बाद हम राखी को कमरे में आने का कहकर कमरे से बाहर आ गए। फिर मैं और पापा दूसरे कमरे में जाकर नंगे होकर पोर्न वीडियो और नंगी लड़कियों की फ़ोटो देखने लगे। जिससे कि हम दोनों फुल गर्म हो चुके थे। फिर जब दोपहर हुई तो हम दोनों नंगे ही लेटे थे। फिर राखी हमारे कमरे में आई तो वो हम दोनों को नंगे देखकर बिल्कुल भी नहीं शरमाई और आकर हमारे बीच में बैठ गई। फिर वो मेरे और पापा का खड़ा लण्ड देखकर मुस्कुराने लगी और मैं और पापा राखी के बदन को देखने लगे। फिर हम राखी के बदन को सहलाने लगे। जिससे राखी और हम दोनों गर्म हो गए। राखी की पैंटी चुत के पानी से भीग गई थी और हम दोनों के लंड से भी पानी निकलने लगा था। फिर मैंने पापा की तरफ इशारा किया तो पापा ने राखी की ब्रा के हुक खोल दिये और फिर राखी ने अपनी ब्रा निकालकर नीचे फर्श पर फेंक दी। राखी को ऊपर से नंगी देखकर तो पापा जोर जोर से अपना हाथ लण्ड पर चलाने लगे। फिर मैं एक हाथ से राखी के बोबो को सहलाने लगा तो फिर पापा भी राखी के बोबो को सहलाने लगे और फिर वो तभी झड़ गए और उनका सारा पानी राखी के बदन पर गिर गया। फिर राखी उनके पानी को अपनी उंगली से लगाकर चाटने लगी।
उधर मैं भी काफी गर्म हो चुका था तो मैंने राखी को अपनी तरफ खींचकर अपने से चिपका लिया। फिर मैं राखी के बदन को चूमने लगा। फिर मैंने राखी को बेड पर लेटा दिया और फिर उसकी पैंटी खींचकर निकाल दी। फिर राखी की नंगी चुत देखकर पापा तो देखते ही रह गए। राखी भी अपने पैर चौड़े करके अपनी चुत अपने हाथ से सहला रही थी। फिर मैं राखी की चुत चूमने लगा तो फिर पापा ने भी अपनी जवान बेटी की चुत को चूमा। इससे वो काफी खुश हुए। फिर मैंने राखी को घोड़ी बना लिया और फिर मैंने और पापा ने राखी के गाँड के छेद को भी काफी देर तक चूसा। फिर मैंने पीछे से लण्ड डालकर राखी के दोनो पैरों के बीच मे से लण्ड को आगे पीछे करने लगा। फिर मैंने राखी को सीधा लेटाया और फिर राखी के दोनो पैरों को ऊपर सीधा खड़ा करके उसकी चुत और पैरों के बीच लण्ड को रगड़ने लगा। ये देखकर पापा को थोड़ा अजीब लगा। फिर जब थोड़ी देर बाद राखी का और मेरा पानी निकल गया तो फिर पापा ने मुझसे कहा के तू इसे चोद दे। ये सुनकर राखी हँसने लगी। फिर मैंने पापा से कहा के ये पहला लण्ड शादी के बाद अपने पति का लेना चाहती है। तो ये सुनकर पापा ने कुछ नहीं कहा। फिर हम तीनों एक साथ लेट गए। पापा राखी की चिकिनी चुत सहलाकर देखने लगे। पापा को राखी की चुत सहलाने में काफी मजा आ रहा था। तब राखी अपने बोबो को अपने हाथों से सहला रही थी और मजे ले रही थी। फिर मैंने राखी को उल्टा लेटाया तो पापा राखी की गाँड सहलाने लगे। फिर राखी सीधी होकर लेट गई और पापा का फ़ोन हाथ मे लेकर देखने लगी। जब उसने फोन का लॉक खोला तो उसमें एक पोर्न वीडियो चलने लगी। फिर ये देखकर राखी मुस्कुराने लगी और वो वही पोर्न वीडियो देखने लगी। जिसमे एक आदमी एक लड़की की चुत को चाट रहा था और मजे ले रहा था। फिर राखी के साइड में लेटे लेटे मैं और पापा भी वो वीडियो देखने लगे। जिस कारण हम तीनों फिर से गर्म होने लगे। फिर राखी अपनी चुत सहलाने लगी। फिर वो अपनी उंगलियों से अपनी चुत की फांकों को फैलाकर पापा की तरफ देखने लगी। फिर पापा सब समझ गए। फिर वो उठे और जाकर राखी की चुत चाटने लगे। जिससे उन दोनों को काफी मजा आने लगा। फिर राखी ने फ़ोन वैसे ही चलता हुआ साइड में छोड़ दिया और फिर वो जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर राखी घोड़ी बन गई तो पापा राखी की चुत और गाँड चाटने लगे।
मैं तब लेटा लेटा उन दोनों को देख रहा था। फिर राखी मेरे ऊपर आकर अपनी चुत मेरे मुंह पर रगड़ने लगी। ये देखकर फिर पापा भी पीछे से आकर राखी से लिपट गए और अपने लण्ड को राखी की गाँड पर रगड़ने लगे। जिससे थोड़ी देर बाद पापा झड़ गए तो फिर भी वो राखी के बदन को सहलाते रहे। फिर राखी मेरे लण्ड पर आकर बैठ गई और अपनी चुत मेरे लण्ड पर रगड़ने लगी। जिससे थोड़ी देर बाद हम दोनों झड़ गए। फिर राखी मेरे ऊपर ही लेट गई। इस तरह हम पूरी दोपहर ही मजे करते रहे। फिर राखी अपनी ब्रा पैंटी उठाकर नंगी ही अंदर चली गई। उस दिन हम तीनों ने काफी मजे किये। फिर शाम को जब मम्मी घर के काम मे बिजी थी तो मैं, राखी और पापा छत पर चले गए और नंगे हो गए। फिर मैंने राखी का हाथ अपने लण्ड पर रख दिया तो फिर वो मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर वो पापा का भी लण्ड सहलाने लगी। फिर पापा ने राखी को अपनी बाहों में ले लिया और फिर वो दोनो आपस मे मजे करने लगे। फिर मैंने नीचे देखा तो मम्मी इधर उधर घूम रही थी। फिर मैं अपना अंडरवियर लेकर नंगा ही नीचे आया और फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। पास ही दादी बैठी थी। लेकिन फिर भी मम्मी सिस्कारियाँ ले रही थी और मजे से चुदवा रही थी। फिर चुदाई के बाद मम्मी ने खुश होकर मुझे गले से लगा लिया और फिर मम्मी नहाने चली गई तो फिर मैं वापिस छत पर चला गया तो देखा के पापा ने राखी को अपनी गोद मे बैठा रखा था और वो दोनो बातें कर रहे थे। फिर मैंने उन दोनों से नीचे चलने के लिए कहा। तब मम्मी नहाने गई थी तो फिर पापा और राखी नंगे ही नीचे आंगन में आ गए। फिर हम तीनों चारपाई पर लेटकर बातें करने लगे। फिर जब मम्मी नहाकर आने वाली हुई तो फिर मैंने राखी को वहां से भेज दिया। फिर राखी नहाने चली गई और मैं और पापा नंगे ही लेटे रहे। फिर जब मम्मी नहाकर आई और हम दोनों को नंगा देखा तो फिर वो मुस्कुराकर हम दोनों के बीच मे आकर लेट गई।
फिर पापा मम्मी की चुत चाटने लगे। फिर चाटने के बाद वो वापिस मम्मी की साइड में आकर लेट गए। तभी राखी नहाकर आई तो हम तीनों नंगे थे। तब राखी सिर्फ टॉवल में थी। फिर वो सीधी कमरे में चली गई और वो कमरे में गई तब मैं और पापा करवट लेकर लेट गए। ताकि मम्मी के सामने हम राखी के सामने नंगे ना दिख सके। फिर राखी के कमरे में जाने के बाद मैंने और पापा ने अंडरवियर पहन लिया। फिर कुछ देर बाद राखी भी हमारे पास आकर बैठ गई और फिर हम सब बातें करने लगे। तब अंधेरा हो चुका था और लाइट भी नहीं थी। गांवों में अक्सर लाइट कम ही रहती है। फिर मैंने अपना अंडरवियर खोल दिया और नंगा होकर मम्मी के साथ लेट गया। उधर अंधेरे का फायदा उठाकर पापा भी राखी की नंगी जांघो को सहलाने लग गए थे। फिर मैंने मम्मी की गाँड में लण्ड डालकर लेट गया और हम धीरे धीरे चुदाई करने लगे। फिर मम्मी ने राखी से दूध लाने के लिए कहा। हम सब शाम को दूध पीकर सोते है। फिर जैसे ही राखी दूध लाने के लिए उठी तो उसका टॉवल खुलकर नीचे गिर गया। राखी तब पूरी नंगी हो गई। तब अंधेरा ज्यादा भी नहीं था और हम सब एक दूसरे को देख सकते थे। फिर राखी ने अपना टॉवल उठाया और फिर दूध लाने चली गई। फिर जब वो दूध लेकर आई तो मैने मम्मी को अपनी गोद मे बैठा लिया और फिर मम्मी मेरे लण्ड पर बैठी बैठी ही दूध पीने लगी। दूध पीने के बाद हम सब अपनी अपनी चारपाई पर जाने लगे। तो मैं और मम्मी नंगे ही उठकर अपनी चारपाई पर चले गए। मैं और मम्मी एक ही चारपाई पर सोते थे और हमारी चारपाई बिल्कुल लास्ट में थी। फिर राखी की चारपाई थी तो फिर वो भी अपनी चारपाई पर लेट गई। फिर पापा की चारपाई थी और फिर दादी की चारपाई थी।
फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो फिर मम्मी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। जिसे सुनकर राखी गर्म हो गई तो फिर वो अपना टॉवल खोलकर नंगी हो गई और उँगली करने लगी। उधर पापा भी अपना अंडरवियर खोलकर लण्ड हिलाने लगे। फिर राखी की सिस्कारियाँ भी शुरू हो गई और फिर पापा भी अपना अपना लण्ड हिलाते हिलाते आह आह करने लगे। फिर थोड़ी देर के बाद पापा उठे और जाकर दादी के साथ लेट गए। तब दादी नंगी सोई थी। फिर वो दादी की गाँड और बोबो को दबाने लगे। फिर वो दादी के ऊपर आकर दादी की चुदाई करने लगे। फिर ये देखकर मैं, राखी और मम्मी धीरे धीरे हँसने लगे। पापा दादी की चुदाई करने में बिल्कुल मस्त हो गए थे। फिर मम्मी की चुदाई के बाद मैं राखी की चारपाई पर लेट गया तो फिर राखी मेरे खड़े लण्ड को चुसने लगी। फिर मैं राखी की चुत चाटने लगा। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो राखी मेरे सारा पानी पी गई। फिर मैं राखी के साथ ही लेटा रहा। उधर पापा भी झड़ने के बाद दादी के ऊपर ही लेट गए थे। उधर मम्मी सो चुकी थी। फिर पापा जब अपनी चारपाई पर आकर लेटने लगे तो तब उन्होंने हम दोनों को साथ देखा तो फिर वो भी राखी की चारपाई पर आकर हमारे साथ लेट गए। फिर उन्होंने जब मम्मी की तरफ देखा तो मैंने धीरे से कहा के वो सो चुकी है। ये सुनने के बाद पापा निश्चिन्त होकर राखी के बदन को सहलाने लगे। फिर थोड़ी देर के बाद हम तीनों साथ मे पेशाब करके आये। तब राखी ने हम दोनों के लण्ड पकड़कर खूब सहलाये। फिर आकर हम नंगे ही लेट गए।
अगली सुबह जब मम्मी उठी तो साथ मे मुझे भी जाग आ गई। तब देखा के हमारा सब परिवार नंगा ही सोया हुआ है। ये देखकर हम दोनों गर्म हो गए तो फिर हम चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद मम्मी तो उठकर काम करने लगी और मैं नंगा ही लेटा रहा। राखी तो घोड़े बेचकर नंगी ही सो रही थी। जैसे उसे किसी का डर और शर्म नहीं हो। फिर मम्मी चाय बनाकर लाई और पहले राखी को उठाया। फिर नंगी ही उठकर बैठ गई। फिर उसने जब पापा की तरफ देखा तो तब पापा का लण्ड खड़ा था। ये देखकर राखी मेरे और मम्मी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर मम्मी हमारे सामने ही पापा को उठाने लगी। ये देखकर राखी ने अपना टॉवल लपेट लिया। फिर पापा उठे तो फिर वो हमें देखकर अपना अंडरवियर ढूंढने लगे। तब हम दूसरी तरफ मुँह करके बैठ गए थे। फिर पापा अंडरवियर पहनकर चाय पीने लगे। दादी लेट उठती तो मम्मी ने उन्हें नहीं जगाया। फिर दिन में जब मम्मी इधर उधर चली जाती तो फिर राखी तुरंत हमारे कमरे में पहुंच जाती और मेरा और पापा का लण्ड सहलाने लग जाती। फिर उस दिन नहाने के बाद राखी ने एक ट्रांसपेरेंट ब्रा पहनी जिसमे से राखी के बोबे साफ दिख रहे थे और नीचे पैंटी भी ऐसी पहनी के जिसमे से राखी की आधी से ज्यादा गाँड दिख रही थी। राखी को ऐसे देखकर तो हम सब देखते ही रह गए। राखी तब काफी कमाल की लग रही थी। यहां तक कि मम्मी ने भी राखी की तारीफ की। फिर दोपहर को जब राखी जब मेरे और पापा के पास आई तो हमने राखी को दबाकर मसला। फिर उस दिन पापा ने राखी को एक पोर्न वीडियो दिखाई जिसमे एक सेक्सी लड़की एक काले मर्द का लण्ड चूस रही थी। फिर पापा ने राखी से कहा के तुम लण्ड तो चूस ही सकती हो शादी से पहले। ये सुनकर राखी हंसती हुई पापा के पास गई और फिर पापा का लण्ड चुसने लगी। फिर राखी ने मेरा लण्ड भी चूसा। फिर राखी सहलाकर हमारे लण्ड खड़े कर देती और फिर मुँह से चूसकर झाड़ देती। ऐसा राखी ने कई बार किया। अब राखी भी घर पर नंगी रहना चाहती थी तो मैंने मम्मी को सब कुछ बता दिया। फिर शाम को जब राखी, मैं और पापा छत पर चले गए और राखी हम दोनों का लण्ड हिलाने लगी तो तब मेरे कहने पर वहां मम्मी आ गई। मम्मी के आने पर पापा थोड़े से घबरा गए और राखी भी थोड़ा शर्माने का नाटक करने लगी। लेकिन फिर मैंने मम्मी को अपनी तरफ खींचकर चिपका लिया और मम्मी से लिप किस करने लगा।
फिर राखी के साथ साथ मम्मी भी मेरा लण्ड हिलाने लगी। ये देखकर राखी ने मेरा लण्ड हिलाना छोड़ दिया। फिर राखी नीचे बैठकर पापा का लण्ड चुसने लगी तो फिर मैं भी मम्मी से अपना लण्ड चुसवाने लगा। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर जब पापा झड़ गए तो राखी पापा का सारा पानी पी गई। राखी भी अब काफी गर्म हो चुकी थी तो फिर राखी मम्मी के आगे अपने पैर खोलकर लेट गई तो फिर मम्मी राखी की चुत चाटने लगी। ये देखकर पापा तो देखते ही रह गए। फिर मैं झड़ गया और राखी भी झड़ गई तो फिर मम्मी और राखी एक दूसरे से चिपक कर लिप किस करने लगी और फिर हमारी तरफ देखकर हँसने लगी। ये देखकर पापा का लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो फिर राखी मम्मी के सामने ही पापा का लण्ड पकड़कर हिलाने लगी। तब अंधेरा हो चुका था और नीचे से दादी भी आवाज देने लगी तो हम चारो नीचे आ गए। फिर हम चारों ने नंगे ही एक साथ बैठकर खाना खाया। फिर रात को सोने की बारी आई तो मैं और मम्मी तो एक साथ लेट गए और उधर राखी नंगी ही पापा के साथ लेट गई। अब सब कुछ सबके सामने था तो शर्म क्या करनी थी। उधर राखी पापा के ऊपर 69 पोजीशन में लेट गई और फिर वो दोनो एक दूसरे के लण्ड और चुत चुसने लगे। इधर मम्मी भी वैसे ही लेट गई। फिर हम दोनों भी एक दूसरे के लण्ड और चुत चूसने लगे। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो मम्मी की सिस्कारियाँ पूरे घर मे गूंजने लगी। उधर राखी भी पापा के लण्ड पर बैठकर पापा के लण्ड पर अपनी चुत पर रगड़ने लगी। जिसमें उसे काफी मजा आ रहा था तो फिर वो भी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। वो दोनो मां बेटी तब पूरी तरह खुलकर मजे ले रही थी। उस दिन आंगन में लाइट भी जल रही थी। फिर कुछ देर के बाद जब हम सब झड़ गए तो हम सब एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए। फिर पापा तो मम्मी के सामने ही राखी के बोबो को दबाने और चुसने लगे। हालांकि राखी अपने बोबो को ज्यादा दबाने नहीं देती थी पर वो पापा को बिल्कुल भी मना नहीं कर रही थी। ये देखकर मम्मी ने भी सोचा के जैसे मैं अपने जवान बेटे के लण्ड से मजा ले रही हूँ तो इन्हें भी अपनी जवान बेटी से मजे लेने का पूरा हक है। फिर उस रात हम चारो ने मिलकर काफी मस्ती की।
फिर जब अगले दिन सुबह हम सब उठे तो हम सबके लिए एक नई जिंदगी की शुरुआत हुई। अब पापा और राखी भी हमारे सामने खुलकर मस्ती कर रहे थे। राखी घोड़ी बनकर पापा से अपनी चुत और गाँड चटवाती और खूब मजे करती। ये देखकर मैं और मम्मी गर्म हो जाते तो फिर हम खूब चुदाई करते। अब दोपहर को हम सब एक साथ सोते तो राखी मेरा लण्ड भी चूस लेती। राखी और मम्मी पहनती तो कुछ नहीं पर मेकअप वगैरह करके रखती और पूरी बन ठन कर रहती। जिससे वो काफी सेक्सी लगती। फिर जब राखी मेरे साथ अपनी फ़ोटो खिंचवाती तो मम्मी कहती के तुम दोनो की जोड़ी काफी अच्छी लगती है। ये सुनकर मैं और राखी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लग जाते और फिर हम लिप किस भी कर लेते। फिर जब मैं ज्यादा ही गर्म हो जाता तो राखी को झुकाकर खड़ा कर लेता और फिर पीछे से उसकी गाँड की दरार में लण्ड डालकर रगड़ने लग जाता और फिर झड़ जाता। ये देखकर उधर पापा भी मम्मी की चुदाई करने लग जाते। पापा तो राखी के पीछे पूरे पागल थे और इधर मम्मी मेरे लण्ड के लिए। हम चारो जब एक साथ बातें करने के लिए बैठते और हमारी बातें कब चुदाई में बदल जाती हमें पता ही नहीं चलता। राखी के बोबे पापा के दबाने के कारण अब थोड़े बड़े हो गए थे और उसकी कमर तो पतली थी ही। जिस कारण वो अब और भी कातिल लगने लगी थी। उधर मम्मी के पेट का साइज भी अब काफी कम हो गया था तो मम्मी भी अब काफी सेक्सी दिखने लगी थी।
अब दादी हरदम नंगी ही रहती और हम सब दादी के आसपास ही घूमते रहते तो दादी भी अब क्या कहती। दादी का पहले हम चश्मा छुपा देते थे और दादी को नींद की गोली देकर ही उनके साथ मस्ती करते थे पर अब ऐसा नहीं होता था। अब दादी भी बचारी क्या कहती। वैसे दादी मम्मी से थोड़ा डरती थी तो वो ज्यादा कुछ नहीं कहती थी। वो वैसा ही करती जैसा उन्हें हम कहते। फिर मेरा मन हुआ के दादी सबके सामने मेरा लण्ड हिलाए तो फिर मैं दादी के पास गया और अपना खड़ा लण्ड सहलाने लगा। ये देखकर दादी मेरा लण्ड गौर से देखने लगी। फिर मैंने दादी का हाथ अपने लण्ड पर रख दिया तो फिर दादी मेरा लण्ड हिलाने लगी। फिर कुछ देर लण्ड हिलाने के बाद मैं दादी से बिल्कुल चिपक कर बैठ गया और दादी के बदन को सहलाने लगा। ये देखकर दादी हँसने लगी। दादी बुढ़ी जरूर हो चुकी थी पर उनका बदन किसी जवान औरत से कम नहीं था। फिर तो मैंने दादी के बिल्कुल सामने मम्मी की जबरदस्त ठुकाई की। ये देखकर दादी समझ गई थी के मम्मी को अब पापा खुश नहीं कर पाते है। फिर तो दादी के सामने पापा भी राखी के बदन को सहलाकर खूब मजे लेते। जिससे पापा काफी गर्म हो जाते तो फिर एक बार वो दादी के ऊपर चढ़कर दादी की चुत मारने लगे। फिर चुदाई के बाद दादी ने पापा से कुछ नहीं कहा तो फिर मैं भी दादी की चुत मारने लगा। फिर तो मैं और पापा दादी से अपना लण्ड भी चुसवाने लगे। फिर तो दादी भी हमारे साथ मिलजुलकर रहने लगी। दादी के घुटनो का दर्द अब कम हो चुका था कम क्या बिल्कुल खत्म हो चुका था तो अब दादी अच्छे से घूमने फिरने भी लगी थी। फिर एक दिन राखी ने दादी का मेकओवर किया और दादी को मॉडर्न लुक दिया। राखी ने दादी का मेकअप वगैरह किया। दादी के बाल सफेद हो गए थे तो राखी ने उनके बाल काले कर दिए। राखी ने दादी को एक काला चश्मा पहनाया और दादी के कानों में बड़ी बड़ी बालियां डाल दी। फिर दादी को उल्टी खड़ी करके राखी ने पीछे से दादी की एक फोटो ली। उस फ़ोटो में दादी की गाँड और दादी का मुस्कुराता हुआ चेहरा इतना सेक्सी लग रहा था के पूछो मत।
फिर जब वो फ़ोटो राखी ने हम सबको दिखाई तो वो फ़ोटो देखकर ही मेरा और पापा का लण्ड खड़ा हो गया। कसम उस फ़ोटो में दादी मम्मी और राखी से भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। फिर राखी हमारे सामने ही दादी की अलग अलग पोज में फ़ोटो खींचने लगी। हालांकि तब राखी और मम्मी भी सज धजकर तैयार होई हुई थी। जो कि काफी सेक्सी लग रही थी। पर दादी के उस गाँड वाले पोज के सामने वो दोनो फीकी लग रही थी। आप मानोगे नहीं फिर मैं और पापा दादी को लेकर दूसरे कमरे में ले गए और फिर फोन में उनकी फोटो लगाकर उनकी चुदाई शुरू कर दी। मैं और पापा उस पूरे दिन दादी की ही चुदाई करते रहे। हमने राखी और मम्मी को हाथ भी नहीं लगाया। दादी को घोड़ी बनाकर भी चोदा। उस दिन हमने काफी मजे किये।
मम्मी की चुदाई के साथ साथ मैं मम्मी से काफी गन्दी गन्दी बातें भी करने लगा था। मम्मी भी कुछ कम नहीं थी वो भी पापा के सामने ही मुझसे खूब गन्दी गन्दी बातें करती। चुदाई के टाइम मम्मी गन्दी गन्दी गालियां निकालती। जिसे सुनकर तो कोई भी कह सकता था के अब मम्मी पूरी रंडी बन चुकी है। दादी भी इतनी बुढ़ी होने के बावजूद भी काफी रंगीन मिजाज औरत थी। वो अब खुद ही घोड़ी बन जाती और चोदने के लिए कहती। जब मैं मम्मी की चुदाई करता तो दादी मुझे मम्मी को कसकर चोदने के लिए कहती और वो मम्मी की गाँड पर थप्पड़ भी मार देती। इसी प्रकार मम्मी भी दादी को मेरे और पापा से कसकर चोदने के लिए कहती। मैं दादी और मम्मी को एक साथ भी चोद चुका हूँ। ये देखकर दादी ने कहा के तेरी शादी तो 4-5 औरतों से करवानी पड़ेगी। फिर मैंने कहा के शादी तो एक से ही करूंगा और बाकी तुम दोनो हो ना। ये सुनकर दादी हँसने लगी। फिर दादी मेरा लण्ड चुसने लगी। दादी पापा से भी काफी चुदवाति और पापा भी दादी को काफी चोदते। फिर एक बार मम्मी ने दादी को बूढ़ी होने का ताना मार दिया तो इसके जवाब ने दादी ने मुझसे और पापा से रात भर चुदवाया। ये देखकर तो फिर मम्मी की बोलती बंद हो गई। ये सब देखकर पापा को शक हुआ के उसकी मां ने अपनी जवानी के दिनों में काफी मजे लिए है। फिर ये बात मुझे पापा ने बताई और फिर हमने इसके बारे में दादी से पूछा तो दादी ने बताया ने उन्होंने दादा के सिवाय किसी से नहीं किया। वो वैसे ही रंगीन मिजाज की है। फिर वो तीनो औरतें एक दूसरे की चुत और बोबो को चाटकर काफी मजे करती।
दादी को भी नंगी रहना काफी अच्छा लगता था तो वो नंगी तो रहती ही थी। कुछ वो बुढ़ी हो चुकी थी तो उन्हें ज्यादा शर्म नहीं आती थी। हमारे घर के बाहर तुलसी का पौधा लगा है तो दादी तो सुबह सुबह नहाकर नंगी ही उस तुसली के पौधे में पानी देकर आ जाती। हालांकि हमारा घर की चारदीवारी थोड़ी ऊंची है जिस वजह से किसी को दिखाई तो कुछ नहीं देता था और घर के आगे एक मैन गेट और भी था। फिर तो मम्मी भी नंगी ही बाहर झाड़ू वगैरह लगाने के लिए चली जाती। फिर तो उनका ये रोज का ही काम हो गया। फिर तो राखी भी नंगी ही बाहर चली जाती। हालांकि वहां और लोगो के देखने का खतरा बहुत था पर रिस्क में ही असली मजा था। वो तीनो सुबह सुबह या शाम होने के बाद ही ऐसा करती थी। बाकी टाइम वो बस घर मे ही रहती थी। पापा तो राखी के बोबो को चूसते दबाते और दादी की गाँड मारते। उधर मैं और मम्मी चुदाई करते। मम्मी मुझसे काफी प्यार करने लगी थी। जब मैं राखी और दादी के साथ होता तो मम्मी मुझे उनके साथ देखकर जलती। और तो और वो मुझे फोन में भी किसी और नंगी लड़की की फ़ोटो या वीडियो देखते हुए देख लेती तो वो मुझसे नाराज हो जाती। वो खुद भी अब पापा से बहुत कम चुदवाती और बस मुझसे ही चिपकी रहती। लेकिन फिर मैंने मम्मी को समझाया के मैं चाहे किसी के साथ भी चुदाई करूँ। चाहे मेरी शादी के बाद मैं अपनी बीवी के साथ भी क्यों न चुदाई करूँ। लेकिन मैं प्यार तुमसे ही करता रहूंगा। तुम्हारे बाद ही मेरी बीवी का नम्बर होगा। ये सुनकर मम्मी ने भी मुझसे यही कहा के वो भी पहले मुझसे प्यार करती है और बाद में पापा से। फिर मैंने मम्मी से मजे करने के लिए कहा और हमेशा खुश रहने के लिए कहा तो फिर धीरे धीरे मम्मी में काफी सुधार आ गया। वो अब मुझसे और पापा से खूब चुदवाती और मैं भी दादी और राखी से खूब मजे करता। जब पापा घर पर नहीं होते तब तो वो तीनो मुझसे ही चिपकी रहती। मैं पहले राखी की चुत चाटकर और बोबो को चूसकर राखी का पानी निकालता और फिर मम्मी की खूब चुदाई करता। जब मम्मी भी झड़ जाती तो फिर मैं दादी की चुदाई करता और झड़ जाता। ज्यादा उम्र होने के कारण अब दादी की चुत और गाँड ज्यादा चिकिनी तो नहीं रहती थी। इस कारण दादी सुबह सुबह नहाने के बाद अपनी चुत और गाँड में काफी सारा तेल लगा लेती और फिर कभी भी दिन में जब चुदाई करनी होती तो मुझे और पापा को कुछ खास दिक्कत नहीं होती।
इस प्रकार घर पर हमारी रासलीला चरम पर थी। फिर एक बार मैं कुछ सामान लाने के लिए मार्केट गया हुआ था तो वहां मुझे रोहन मिल गया। रोहन वो लड़का है जिससे हमने राखी का रिश्ता तय कर रखा था। फिर वो मुझे एक रेस्टॉरेंट ले गए और वहां हमने चाय चाय पीते हमने काफी बातें की। फिर रोहन ने मुझसे पूछा के आप क्या करते है तो फिर मैंने कहा के फिलहाल तो कुछ नहीं करता। बस घर पर ही रहता हूँ। फिर उन्होंने मुझे अपने साथ काम करने का आफर दिया। वो एक बड़े पद पर थे और उन्हें ऊपर की काफी कमाई होती थी। बस उसे ही संभालने के लिए वो मुझे अपने साथ रखना चाहते थे। फिर मैंने उन्हें हां कर दी। फिर जब ये बात मैंने घर पर आकर बताई तो घर पर सब काफी खुश हुए। फिर मैं रोहन के साथ काम करने लगा और फिर बस एक दो महीनों में ही पैसों की बारिश होने लगी। जो भी ऊपर की कमाई होती तो उसे हम आधी आधी बांट लेते। उन पैसों को फिर मैं बाकी जगहों पर इन्वेस्ट करने लगा। जिससे हमारा काम काफी अच्छे से चलने लगा। अब मैं और रोहन आपस मे दोस्त बन गए थे। फिर दिन जब मुझे रोहन से मिलने जाना था तो मैं साथ मे राखी को भी ले गया। राखी को देखकर रोहन काफी खुश हुआ। फिर उन दोनों ने उस दिन काफी बातें की। फिर इसके बाद वो फोन पर भी बातें करने लगे। अब राखी घर पर नंगी रहती तो वो घर मे कभी कहीं तो कभी कहीं नंगी लेटकर रोहन से बातें करती रहती। उधर पैसा आने के बाद मैंने मम्मी के लिए कई गोल्ड की ज्वैलरी वगैरह करवाई। जिससे मम्मी इतनी खुश हो गई के पूछो मत। फिर मैंने एक नई गाड़ी भी ले ली थी। फिर मैं मम्मी को कई बार शार्ट ड्रेस पहनाकर रात को डिनर वगैरह करवाने ले जाता तो कभी मूवी दिखाने। पापा घर पर ही दादी से मस्ती करते रहते। अब राखी कई बार मेरे साथ चली जाती रोहन से मिलने के लिए। फिर हम तीनों मिलकर काफी बातें करते। हालांकि रोहन और राखी को कई बार सेक्स करने का मौका भी मिला। लेकिन रोहन काफी शरीफ लड़का था। इस कारण बस किस के अलावा उसने कुछ नहीं किया।
फिर राखी तो मेरे सामने ही रोहन का हाथ पकड़ लेती और उसके साथ चिपक चिपक कर फ़ोटो खिंचवाती। पर मेरे सामने ऐसे रोहन को शर्म आती। तो फिर मैंने रोहन को समझाया के मेरी बहन अब उसकी बीवी बनने वाली है तो वो उसके साथ जैसे चाहे वैसे फ़ोटो खिंचवा सकता है और वैसे भी अब हम भी दोस्त है। तो मेरी ये बात सुनकर फिर रोहन भी थोड़ा खुलकर राखी की कमर वगैरह में हाथ डालकर फ़ोटो खिंचवा लेता। उधर राखी तो रोहन के गले मे हाथ डाल लेती और कभी कभी तो रोहन के साथ डांस भी करने लग जाती। राखी रोहन को काफी पसंद करती थी और राखी ने रोहन को मेरे बारे में बताया के ये मेरा भाई कम और दोस्त ज्यादा है। फिर राखी तो रोहन के गले लग जाती। फिर वो दोनो मेरे सामने खूब गले लगते।
फिर इस तरफ दिन निकलने लगे और फिर रोहन और राखी की शादी तय कर दी तो फिर हम सब शादी की तैयारियों में लग गए। उधर मैंने रोहन की भी हेल्प की शॉपिंग वगैरह करवाने में। रोहन के घर वालों ने राखी को काफी अच्छे अच्छे कपड़े और सोने की काफी सारी ज्वैलरी करवाई। फिर राखी के लिए लहंगा लेना था तो रोहन ने मुझे और राखी को बुलाया। फिर हम दोनों गए। फिर राखी अपने लिए लहंगा देखने लगी। राखी ने अपने लिए एक लहंगा सेलेक्ट किया। जब राखी वो लहंगा पहनकर आई तो हम राखी को देखते ही रह गए। एक तो राखी का फिगर ही इतना सेक्सी था और ऊपर से लहंगा की चोली छोटी थी। जिस कारण उसके बोबे काफी सेक्सी लग रहे थे। उसे ऐसे देखकर तो रोहन का मन वहीं सुहागरात मनाने का किया। फिर राखी ने वो ही लहंगा अपनी शादी के लिए ले लिया। फिर उस शॉप से राखी ने और भी काफी सामान लिया और फिर हम वापिस आ गए। अब शादी का दिन नजदीक था और हम सब काफी खुश थे। अब मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं थी तो मुझे शादी के खर्चे की कोई चिंता ही नहीं थी। अब राखी तो बस सारा दिन रोहन के साथ बातें लगी रहती और पापा दादी के साथ। पापा ने दादी की मांग में सिंदूर भरकर दादी को अपनी बीवी बना लिया था और वो बस सारा दिन दादी की ही चुदाई करते रहते। उधर दादी को हमने ताकत वाली कुछ देसी दवाई दिलवाई। जिस कारण दादी तो भागने लगी और घर का काम भी करने लगी। उधर रोज रात को मम्मी छोटे छोटे कपड़े पहनकर मेरे साथ जाती। फिर हम कोई अच्छे से होटल में जाते और वहां खूब चुदाई करते। इसके बाद तो मैं मम्मी को सड़क के किनारे और जहां भी जगह मिलती वहां चुदाई कर देता। फिर कई बार तो मम्मी गाड़ी में नंगी ही बैठकर वापिस घर जाती। मम्मी हाई हील के सैंडल और सेक्सी शार्ट ड्रेस में इतनी मस्त लगती के पूछो मत। उन दिनों मम्मी की मैंने बहुत चुदाई की और फिर मुझे लगने लगा था के मैं किसी और लड़की से शादी करने के बजाय मम्मी को ही सारी जिंदगी के लिए अपनी बीवी बना लूँ। पर लोक लाज के कारण हम ऐसा नहीं कर सकते थे। फिर मेरी चुदाई से मम्मी प्रेग्नेंट हो गई। मुझसे प्रेग्नेंट होकर मम्मी काफी खुश हुई। जब ये बात राखी और दादी को पता चली तो वो भी खुश हुए। फिर दादी ने मुझसे कहा के ये तेरा बेटा होगा या भाई। ये सुनकर फिर मम्मी हंसते हुए बोली के बेटा ही होगा। मम्मी की उम्र तब 44 साल थी। वो अब भी मां बन सकती थी। ये बात हम सबको पता चल गई थी। फिर हमने डॉक्टर से भी बात की तो उन्होंने कहा के मम्मी की बॉडी की कंडीशन काफी अच्छी है और वो 50 साल से पहले पहले कभी भी मां बन सकती है। ये सुनकर हम काफी खुश हुए। फिर मैंने मम्मी से कहा के हम अभी ये बच्चा गिरवा देते है। अगर मेरी शादी के बाद मेरी बीवी को बच्चा करने में कोई दिक्कत हुई तो फिर तुम तो हो ही। मम्मी मेरी बात मान गई और फिर हमने वो बच्चा जल्द ही गिरवा दिया और पहले की तरह फिर से मस्ती करने लगे।
फिर जब राखी की शादी के बहुत थोड़े ही दिन बचे थे तो हमारे घर काफी रिश्तेदार आ गए और सब शादी की तैयारियों में जुट गए। लेकिन फिर भी टाइम निकालकर मैं और मम्मी चुदाई कर लेते। मम्मी की खुशी तो अब सातवें आसमान पर थी। वो खूब नाचती और मस्ती करती। फिर शादी वाले दिन तो मम्मी काफी अच्छे से तैयार हुई। जिस कारण मैं मम्मी को दो बार मे गाड़ी में बैठाकर कोई काम के बहाने से घर के बाहर ले गया और फिर मम्मी की चुदाई की। रात को शादी थी तो फिर मैं शाम को राखी को अकेले ही ब्यूटी पार्लर के पास ले गया। वहां पर उन्होंने राखी को अच्छी तरह से दुल्हन मनाया। राखी को देखकर तो मेरा लण्ड बार बार खड़ा हो रहा था। ये बात उसे भी पता चल गई थी। फिर मैं राखी को लेकर वापिस आ रहा था तो हमने एक जगह गाड़ी रोकी और फिर राखी गाड़ी के सहारे झुक कर खड़ी हो गई और फिर मैं पीछे से राखी की पैंटी नीचे करके राखी की गाँड पर लण्ड रगड़ने लगा। फिर मैं झड़ गया तो मैने सारा पानी राखी की दोनो टांगो के बीच औ गाँड पर डाल दिया। फिर मैं जैसे ही राखी को लेकर घर पर आया तो सब राखी को देखते ही रह गए। राखी को देखकर मम्मी बोली के इसे देखकर तुझसे कैसे रहा गया। फिर मैंने मम्मी को सब बात बताई के मुझसे नहीं रहा गया था। ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। राखी को देखकर अब पापा का भी मन करने लगा। तो इसमें मम्मी ने हमारी मदद की और वो किसी तरह राखी को लेकर अकेले छत पर चली गई। जहाँ मैं और पापा पहले से ही वहां थे। फिर बारात आने में अभी वक्त था तो फिर राखी तो अपना लहंगा खोलकर नीचे से नंगी हो गई और फिर पापा उसकी चुत चाटने लगे। उधर मम्मी भी अपनी सलवार खोलकर नंगी हो गई। फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर मम्मी तो झड़ गई और उधर पापा भी झड़ गये तो फिर मैं राखी को घोड़ी बनाकर उसकी गाँड पर फिर से लण्ड रगड़ने लगा। फिर मैं भी झड़ गया। इसके बाद हम सब शान्त हो गए। फिर हम सब वापिस नीचे आ गए। फिर बारात भी आ गई तो सब काम काफी अच्छे से हो गए। हमने राखी को शादी में बड़ी कार और काफी रुपये भी दिए। ये सब देखकर सभी ने हमको काफी बधाई दी।
फिर राखी की विदाई के टाइम पापा और मम्मी तो भावुक होने की काफी अच्छी एक्टिंग करने लगे। पर अंदर से वो काफी खुश थे। फिर राखी तो अपने ससुराल चली गई और आये हुए सब रिश्तेदार ही एक एक करके चले गए। फिर जब कुछ दिन बाद जब मैं राखी को वापिस लेकर आया तो राखी काफी खुश दिखाई दे रही थी। राखी ने हमें बताया के उसने कैसे कैसे चुदवाया। ये सुनकर मैं और पापा गर्म हो गए। फिर पापा ने अपना लण्ड राखी की चुत में डाल दिया और उन्होंने 2-3 धक्के मारे होंगे के वो झड़ गए। फिर ये देखकर राखी ने कहा के आप तो रोहन के जैसे हो। वो भी जल्दी झड़ जाता है। फिर मैंने कहा के उसका पहली बार है और कुछ तुम ही इतनी सेक्सी हो के किसी का भी बिना डाले ही पानी निकल जाए। फिर ये सुनकर राखी हँसने लगी। फिर मैंने एक झटके में ही राखी की चुत में अपना पूरा लण्ड उतार दिया और राखी की जबरदस्त तरीके से चुदाई करने लगा। फिर कुछ देर की चुदाई के बाद राखी झड़ गई तो वो बोली के मजा आ गया। लेकिन तब तक मैं नहीं झड़ा था तो फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर मम्मी भी झड़ गई। मैंने अपने शरीर को ऐसा बना लिया था के मेरा पानी जल्दी से नहीं निकलता था। मैं इस पर कंट्रोल कर लेता था। फिर मैंने उन दोनों मां बेटियों की एक एक बार और चुदाई की और फिर मैंने अपना पूरा लण्ड राखी के मुंह मे डाल दिया और फिर झड़ गया। इस तरह मैंने उन दोनों की जमकर चुदाई की। फिर एक बार तो हम के दादी को भी अपने साथ सुला लिया। फिर तो मैंने उन तीनों की काफी चुदाई की। मैंने उन तीनों को घोड़ी बना लिया और फिर मैं बदल बदल कर उन तीनों को चोदने लगा। राखी ने अभी तक गाँड नहीं मरवाई थी तो मैंने सिर्फ उसकी चुत ही मारी पर मम्मी और दादी की चुत और गाँड काफी मारी। फिर दादी ने कहा के तू शादी कर ले। वरना राखी तो ससुराल चली जायेगी और तू मेरी और तेरी मां की चुदाई कर कर के हमें पागल कर देगा। फिर मम्मी बोली के राखी की शादी में इसके रिश्ते की बात चला दी। अभी कुछ महीनों में ही इसके लिए भी रिश्ते आने लगेंगे और फिर पूरी तरह देख परखकर ही शादी करेंगे।
इस तरह फिर कुछ दिन रहने के बाद राखी ससुराल चली गई। फिर वो और रोहन शहर में जाकर रहने लगे। जहां रोहन नौकरी करता था। वहां मैं भी कई बार जाता था और फिर मौका देखकर मैं राखी की चुदाई कर देता। फिर राखी ने मेरे सामने फिर से ये बात रखी के रोहन के जल्दी झड़ने के कारण हम हमारी मैरिड लाइफ का सही तरीके से मजा नहीं ले।पा रहे है। फिर मैंने उससे कहा के वो समझदारी से काम ले और वो रोहन का पूरा साथ दे। फिर राखी ने कहा के मैं रोहन से काफी प्यार करती हूँ। हम इसके बारे में कई बार बात भी कर चुके है। अब तुम ही उसे कुछ समझाओ। फिर मैं बोला के मैं उसे सीधे सीधे तो कुछ नहीं कह सकता हूँ। अगर वो सामने से मुझसे बात करें तो मैं उसकी मदद करने के लिए तैयार हूँ। फिर राखी बोली के ठीक है मैं उनसे तुमसे बात करने के लिए कहूंगी। फिर कुछ दिनों के बाद एक बार जब मैं और रोहन साथ मे बैठे थे तो उसने मुझसे इस बारे में बात की। तो फिर मैंने उसे कई ट्रिक बताई। मैंने एक दोस्त की तरह उसे सब खुलकर समझाया। मैंने उसे कंडोम पहनकर चुदाई की सलाह दी और साथ मे पेशाब को रोक रोक कर करने के लिए कहा। फिर मैंने उसे कहा के वो चुदाई के टाइम अपना ध्यान राखी के अलावा कहीं और लगाएं। फिर ये सब सुनकर उसने ट्राय किया तो उसे काफी फायदा हुआ। अब मैं और रोहन आपस मे खुल गए थे तो एक बार मैं रोहन के सामने पूरा नंगा हो गया। तो वो मेरी बॉडी देखकर देखता ही रह गया। फिर मैंने भी उसे नंगा होने के लिए कहा। रोहन की बॉडी कुछ खास नहीं थी। फिर रोहन को थोड़ा और खोलने के लिए हम साथ मे पोर्न वीडियो देखते और मजे करते। फिर रोहन भी मुझे राखी के साथ चुदाई की हर बात बताने लगा। मैंने उससे कहा के राखी अब उसकी बीवी है और मैं उसके दोस्त जैसा हूं तो वो मुझसे सब बात खुलकर कर सकता है। फिर वो राखी की चुत जैसे शब्द बिना शर्म के कहने लगा। फिर मैंने उससे कहा के वो राखी मेरी बहन है तो क्या हुआ। वो राखी की रगड़कर चुदाई करें। फिर मैंने उसे राखी को घोड़ी बनाकर और बाकी अन्य पोज में चुदाई करने की सलाह दी। फिर वो वैसे ही राखी की चुदाई करने लगा। तब मैं उनके साथ ही रहता था और मैं और रोहन दूसरे कमरे में बैठकर नंगे होकर ये सब बातें करते थे। फिर रोहन नंगा ही अपने कमरे में चला जाता और उधर राखी भी नंगी होकर रोहन का इंतजार कर रही होती। फिर वो खूब चुदाई करते।
फिर एक बाए जब मैं पानी पीने गया तो रोहन और राखी चुदाई कर रहे थे। तब उनके कमरे का गेट थोड़ा खुला था। शायद जल्दबाजी में भूल गए थे। फिर मैं गेट के पास खड़े होकर उनकी चुदाई देखने लगा। तब मैं भी बिल्कुल नंगा था। फिर उनकी चुदाई देखकर मैं अपना लण्ड भी हिलाने लगा। तब राखी घोड़ी बनी हुई थी और रोहन उसकी गाँड पकड़कर चुदाई कर रहा था। फिर रोहन ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे स्माइल करके चुदाई जारी रखने को कहा तो वो लगा रहा। फिर मैंने उसे राखी की गाँड पर थप्पड़ मारने के लिए कहा तो फिर रोहन ने वैसा ही किया। जिससे राखी चिल्लाने लगी। राखी की आवाजें सुनकर तो मेरा मन भी चुदाई का करने लगा। फिर मैं वापिस अपने कमरे में चला गया और जाकर राखी को चुदाई के बाद मिलने के लिए कहा। फिर चुदाई के बाद रोहन सो गया तो राखी नंगी ही मेरे कमरे में आ गई। फिर मैंने राखी को जमकर चोदा और फिर राखी वापिस चली गई। अगले दिन जब सुबह हम तीनों उठे तो हम तीनों ही काफी खुश थे। फिर तो रोहन और राखी मेरे सामने ही एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर खड़े हो जाते और फिर एक दूसरे से किस भी कर लेते। मैं और रोहन अब एक साथ पोर्न वीडियो और नंगी लड़कियों की फ़ोटो देखते और लण्ड हिलाते। फिर एक बार जब मैंने रोहन से उसका फोन लिया किसी को कॉल करने के लिए। क्योंकि मेरा फोन डिस्चार्ज हो गया था। फिर कॉल करने के बाद अचानक फोन की गैलरी खुल गई और उसमें राखी की नंगी फ़ोटो आ गई। फिर वो फ़ोटो देखकर रोहन थोड़ा शर्मा गया। फिर वो बोला के ये फोटो राखी ने ही उससे खिंचवाई थी। फिर मैंने कहा के हां उसे फ़ोटो खिंचवाने का काफी शौक है। रोहन और मैं एक दूसरे से चुदाई की बातें करते और रोहन मेरे सामने किसी और लड़की के बदन को देखकर कहता के इसकी क्या गाँड है, क्या बूब हैं। फिर मैंने रोहन से राखी की गाँड मारने के लिए कहा तो उसे भी ये बात काफी पसंद आई। फिर वो मेरे साथ ही बैठा था तो फिर उसने अपना फोन निकाला और राखी की गाँड देखने लगा। फिर ये देखकर मैंने कहा के सिर्फ देखकर लण्ड ही हिलाओगे क्या। तो ये सुनकर रोहन मुस्कुराने लगा। फिर रोहन ने मुझसे कहा के वो काफी खुशनसीब है जो उसे राखी जैसी बीवी मिली हैं। फिर मैंने एक पोर्न वीडियो चला दी जिसमे एक आदमी एक औरत की गाँड मार रहा था। फिर वो वीडियो देखकर तो रोहन बहुत ज्यादा गर्म हो गया।
फिर वो वैसे ही राखी के पास चला गया और फिर राखी की चुदाई करने लगा। फिर उसने राखी से गाँड में करने के लिए कहा तो राखी भी मान गई। फिर उसने जैसे ही राखी की गाँड में डाला तो राखी चिल्लाने लगी। फिर राखी की आवाजें सुनकर मैं उनके कमरे के आगे जाकर खड़ा हो गया। फिर मैंने रोहन से तेल लगाकर डालने के लिए कहा। तो रोहन ने मुझे तेल की बोतल दिखाते हुए कहा के तेल लगाकर ही डाला है। हालांकि राखी को ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था। कुछ तो वो ऐसे ही एक्टिंग ही कर रही थी। क्योंकि राखी कई बार बड़े बड़े बैगन अपनी गाँड में डालती थी। तो उसकी गाँड का छेद थोड़ा खुला हुआ ही था। फिर मैं राखी को गाँड चुदवाते हुए देखने लगा। फिर करने के बाद रोहन तो सो गया और फिर राखी जब कमरे से बाहर निकली तो मैं राखी को लेकर अपने कमरे में चला गया। फिर मैंने राखी की गाँड में लण्ड डाल दिया। फिर राखी बोली के तुम्हारे लण्ड डालने से ज्यादा दर्द हो रहा है। लेकिन वो चुप चाप दर्द सहती रही और फिर मैंने उसे पेन किलर दे दी तो फिर वो जाकर लेट गई। अगले दिन जब राखी लंगड़ाते हुये चल रही थी तो उसे देखकर मैं और रोहन मुस्कुराने लगे। फिर रोहन तो आफिस चला गया और फिर मैंने राखी की गाँड की सिकाई की। फिर इसके कुछ दिनों बाद ही जब मैं और रोहन एक साथ मेरे कमरे में नंगे बैठे तो मैंने धीरे से मैसेज करके राखी को अपने कमरे में बुला लिया। हालांकि इसके बारे में राखी को पहले ही बता चुका था। फिर राखी जब कमरे में आई तो वो एक्टिंग करने लगी। उसने हम दोनों को नंगे लण्ड हिलाते देखा और सामने टीवी पर पोर्न वीडियो चलती देखकर रोहन के पास आकर बोली के आप गे हो क्या। तब मैं तो अपना लण्ड छुपाते हुए खड़ा हो गया और रोहन वैसे ही खड़ा हो गया और उसने राखी को जवाब दिया के नहीं। फिर राखी रोहन की अच्छे से क्लास लेने लगी। फिर राखी ने टीवी में चलती हुई पोर्न फिल्म की तरफ इशारा करते हुए कहा के ओह तो आपको यहां से आते रोज रोज नए तरीके से सेक्सी करने के आईडिया।
फिर राखी अपनी गाँड पर हाथ रखते हुए बोली के तो आपने ये वीडियो देखकर ही मेरे साथ पीछे से सेक्स किया। फिर राखी बोली के इनमें ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं हैं। फिर राखी वहीं पर अपने कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी में खड़ी हो गई। इसकी उम्मीद तो मैंने भी नहीं कि थी। फिर मैं धीरे से वहां से जाने लगा तो फिर राखी मेरे सामने आकर मुझे रोक लिया और बोली के ले मुझे देख ना। मैं क्या इन जैसी सेक्सी नहीं हूँ। फिर राखी मुझसे कहने लगी के तुमने ही बिगाड़ा हैं इन्हें। खुद तो शादी करता हैं नहीं और लोगो को उल्टी सीधी राय देता रहता है। राखी को ब्रा पैंटी में देखकर हम दोनों के लण्ड खड़े हो चुके थे। अब राखी फॉर्म में आ चुकी थी। फिर वो हम दोनों की गाँड पर अपने हाथ से थप्पड़ मारने लगी। फिर उसकी नजर बेल्ट पर पड़ी तो वो बेल्ट उठाकर ले आई। राखी के हाथ मे बेल्ट देखकर रोहन तो जाकर राखी के पैरों में गिर गया और फिर राखी के पैरों पर किस करने लगे। फिर रोहन ने राखी से हम दोनों को छोड़ने के लिए कहा। लेकिन राखी नहीं मानी। फिर राखी बोली के मजे लेने का हक सिर्फ मर्दो के पास ही हैं क्या। आज मैं भी तू दोनो के मजे लुंगी और अब मैं वो ही करूंगी जो मेरा मन करेगा। फिर राखी ने रोहन को और मुझे घोड़ा बनने के लिए कहा तो फिर हम दोनो ने वैसे ही किया। फिर राखी हम दोनों की गाँड पर बेल्ट घुमाने लगी। मुझे तो आज सच मे लगा के राखी बेल्ट से मारेगी। फिर राखी हमारे आगे खड़ी होकर हंसने लगी और बोली के मुंह देखो खुद के। फिर राखी को हंसता देख रोहन खड़ा होकर राखी के पास चला गया। फिर उसने राखी को गले लगा लिया। फिर वो मेरे सामने ही राखी की गाँड को दबाने लगा। फिर राखी हम दोनों से बोली के आज मेरा मूड भी मजाक करने का था। फिर मैं तो अपने कपड़े पहनने लगा और फिर रोहन और राखी एक दूसरे को चूमने लगे। फिर मैं कमरे से बाहर जाने लगा तब रोहन ने राखी की ब्रा निकालकर फेंक दी और फिर उसकी पैंटी भी निकाल दी और फिर वो दोनो चुदाई करने लगे। फिर मैं बाहर जाकर बैठ गया तो कुछ देर बाद वो दोनो भी चुदाई करके आ गए।
फिर उस दिन के बाद राखी घर पर ऐसे कपड़े पहनती जो कि कोई औरत सिर्फ अपने पति के सामने बैडरूम में ही पहनती हैं। फिर तो बो दोनो मेरे सामने ही लिप किस करने लग जाते। अब रोहन तो राखी को मेरे सामने नंगी करने में जरा भी शर्म नहीं करता था और राखी भी बेशर्म हो ही चुकी थी। फिर तो एक बार राखी एक बार नहाकर निकली तो हम दोनों कमरे में ही बैठे थे। फिर राखी ने हम दोनों को देखकर अपने बोबो और चुत को अपने हाथों से छुपा लिया और मुस्कुराते हुए वहां से चली गई। फिर राखी घर पर बिकिनी ही पहनने लगी। उसे अब रोहन भी कुछ नहीं कहता। क्योंकि राखी को मैं कई बार नंगी देख चुका था। फिर रोहन तो मेरे सामने ही राखी की पैंटी में हाथ डालकर राखी की चुत सहलाने लग जाता और कभी उसके बोबो को चुसने लग जाता। ये सब देखकर मैं काफी गर्म हो जाता था। फिर एक बार रात को तो मैं नंगा होकर राखी और रोहन के बेडरूम में चला गया और फिर जाकर उनके साथ लेट गया। फिर मैंने राखी को जगाया तो राखी मुझे ऐसे नंगा लेटा देखकर थोड़ी घबरा गई। लेकिन रोहन को सोया देखकर उसकी सांस में सांस आई। फिर वो मेरा लण्ड चुसने लगी और फिर मैं उसकी चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद मैं वापिस अपने कमरे में आकर सो गया। इसके बाद एक दिन मैंने और रोहन ने एक साथ दारू पीने का प्लान बनाया तो राखी भी हमारे साथ आकर बैठ गई। फिर रोहन ने राखी को समझाया के ये पार्टी सिर्फ हम दोनों ही साथ मे करना चाहते है। लेकिन राखी नहीं मानी। राखी ने तब एक सेक्सी बिकिनी पहन रखी थी। फिर राखी हम दोनों को दारू डालकर पिलाने लगी। फिर जब रोहन को नशा हो गया तो वो अपना लण्ड बाहर निकालकर हिलाने लगा और फिर उसने राखी की ब्रा खोल दी और फिर राखी के बोबो को चुसने लगा। फिर राखी लगातार रोहन को दारू पिलाती रही तो फिर रोहन नंगा हो गया और फिर उसने राखी को भी नंगी कर लिया। राखी भी हमारे साथ दारू पी रही थी। फिर हम तीनों फूल नशे में हो चुके थे। फिर मैं भी नंगा हो गया। फिर राखी तो रोहन के ऊपर चढ़कर अपनी चुत में उसका लण्ड ले लिया। फिर मैं भी उनके पास चला गया और राखी के बदन को चूमने लगा। फिर राखी रोहन के ऊपर से खड़ी होकर हम दोनों के लण्ड पकड़कर हम दोनों को बेड पर ले गई और फिर हम तीनों एक साथ चुदाई करने लगे। मैं और रोहन एक साथ मिलकर राखी की चुत और गाँड मारने लगे। फिर उस रात हम तीनों चुदाई चुदाई करते करते ही सो गए।
फिर जब अगली सुबह उठे तो मैंने रोहन और राखी से इसके लिए माफी मांगी। लेकिन फिर रोहन ने कहा के अब जो हो गया सो हो गया। फिर राखी ने कहा के वैसे भी तुम मेरे भाई ही हो। फिर राखी हम दोनों के लण्ड सहलाने लगी तो फिर हम तीनों फिर से चुदाई करने लगे। रोहन को भी ऐसे राखी को मेरे साथ चोदकर काफी मजा आया। फिर इसके बाद तो हम तीनों मिलकर खूब चुदाई करते। अब राखी घर पर नंगी ही रहती। रोहन के जाने के बाद हम दोनों खूब चुदाई करते। फिर मैंने एक लड़की से सेटिंग करके उसे रोहन से चुदवा दिया। रोहन को उस लड़की की चुदाई करके काफी मजा आया। फिर जब राखी को इस बात का पता चला तो उसने बाहर चुदाई करने की रोहन को इजाजत दे दी। ये सुनकर रोहन काफी खुश हुआ। फिर रोहन ने राखी से कहा के तुम्हारी कुंवारी चुत चोदकर मुझे भी बहुत मजा आया। मैं भी तुम्हे कैद में नहीं रखना चाहता। तो तुम भी किसी से भी कर सकती हो। इसके बाद हम तीनों एक साथ काफी मस्ती करते। राखी अब घर पर रहती तो तब तो नंगी ही रहती थी और जब बाहर जाती तो तब भी बस छोटे छोटे कपड़े ही पहनती थी। एक बार हम शहर के बाहर घूमने गए। तो राखी ने टॉप और जीन पहनी थी। उसमें वो गजब की सेक्सी लग रही थी। फिर हमने एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोकी और फिर वहीं नंगे होकर चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद हम वहीं नंगे ही घूमने लगे। तब वहां भेड़ बकरियां चराने वाले दो लोग आ गए। फिर उनके सामने भी हम तीनों नंगे ही रहे। फिर राखी ने हमारे सामने ही उनसे अपनी चुत चटवाई और अपने बोबे दबवाये। फिर मैंने और रोहन ने राखी की जमकर चुदाई की और उन दोनों ने हमारी चुदाई देखकर अपने लण्ड का पानी निकाल दिया। फिर हम तीनों एक साथ गोआ घूमने गए। वहां पर राखी ने एक अफ्रीकन से खूब चुदवाया और मैंने और रोहन ने भी कई लड़कियां चोदी। इस प्रकार गोआ में हमने काफी मस्ती की।
फिर हमारी मस्ती ऐसे ही चलती रही। मेरा और राखी का जब मन करता तो हम रोहन के सामने ही कर लेते। फिर जब राखी घर पर आती तो तब भी हम काफी मस्ती करते। मम्मी, पापा और दादी को भी हमने इस बारे में सब बता दिया था। इस तरफ और रोहन और राखी की मैरिड लाइफ मस्त चलने लगी। रोहन को हमने हमारी घर की चुदाई के बारे में कुछ नहीं बताया। उधर मैं मेरी सेक्सी मम्मी के साथ मजे करने लगा। उधर राखी तो दूसरे मर्दो से चुदकर मजे ले रही थी। फिर मैंने मम्मी को भी दूसरे मर्द से चुदवाने के बारे में सोचा। मैं मम्मी को हर रात को लेकर बाहर तो जाता ही था तो फिर मैंने एक आदमी को मम्मी को दिखाकर चुदाई के लिए कहा तो वो तो झट से मान गया। फिर वो मुझे और मम्मी को अपने घर ले गया। फिर वहां पर मैंने और उस आदमी ने मिलकर मम्मी की काफी चुदाई की। फिर हम कुछ दिन उसके घर पर ही रहे और काफी मजे किये। फिर मैंने दो आदमियों को मम्मी की चुदाई के लिए तैयार किया। फिर हम उनके कमरे पर चले गए जहां पर वो रहते थे। फिर हम तीनों ने मिलकर मम्मी की चुदाई की तो इसमें मम्मी को और हम तीनों मर्दो को काफी मजा आया। फिर हम उनके कमरे पर नंगे ही रहे और दिन रात खूब चुदाई की। मम्मी ने उन दोनों को पूरा निचोड़ लिया था। इसी तरह करते करते बस कुछ दिनों में ही मैने मम्मी को 10 मर्दो से चुदवा दिया। फिर हम वापिस घर आ गए। फिर हमने ये बात राखी को बताई तो वो काफी खुश हुई। उधर वो भी खूब मजे कर रही थी। फिर जब भी मम्मी ज्यादा चुदासी होती तो मैं मम्मी को ले जाकर चुदवा लाता। सबको मम्मी को चोदकर काफी मजा आता था तो उन्होंने मुझसे मेरे नम्बर ले लिए थे। फिर वो फोन कर देते तो मैं मम्मी को लेकर उनके पास चला जाता और फिर हम सब मिलकर काफी मजे करते। मम्मी ने एक साथ 5 मर्दो से चुदवा लिया था। एक बार तो हम 8 मर्द और मम्मी अकेली औरत। तो हम सबने मिलकर मम्मी को काफी चोदा। मम्मी अब जितनी भी चुदती वो उतनी ही और ज्यादा हसीन और जवान होती जा रही थी। फिर मम्मी ने मेरे लिए एक लड़की देखी। जो कि काफी खूबसूरत थी। उस लड़की के घर पर उसका एक छोटा भाई और उसके मम्मी पापा थे। फिर उस लड़की से मेरा रिश्ता पक्का कर दिया। उसका नाम रीमा था। फिर मैं और रीमा फोन पर बातें करने लगे और फिर धीरे धीरे बात सेक्स तक पहुंच गई तो फिर हमने शादी से पहले ही चुदाई कर ली। वो एकदम कुंवारी थी और उसे चुदाई करके काफी मजा आया। फिर हमने काफी मजे किये। फिर जब हमारी शादी हो गई तो शादी के बाद वो और मम्मी एक दूसरे के लगभग दोस्त बन गए थे। मैं रीमा के सामने ही मम्मी के गले लग जाता और ऐसे ही मम्मी के सामने रीमा की गालों पर किस वगैरह कर देता। पहले पहले तो रीमा को इस सबमें थोड़ी शर्म आती थी लेकिन फिर वो भी खुल गई। फिर तो हम तीनों लगभग साथ मे ही रहते और खूब बातें करते। मम्मी घर के कामो में रीमा की काफी हेल्प कर देती थी। जिससे रीमा काफी खुश होती। फिर मैंने रीमा को घर पर शॉर्ट्स पहनकर रहने के लिए कहा तो वो मान गई। फिर एक दिन रीमा के सामने ही मम्मी ने भी शॉर्ट्स पहन लिए। जिसमे की मम्मी बहुत सेक्सी लग रही थी।
रीमा अभी भी पापा और दादी के सामने शॉर्ट्स पहनकर जाने में शर्माती थी। फिर मैंने राखी को बुलाया। राखी ने जब रीमा को अपनी मालदीव वाली फ़ोटो दिखाई जिसमे उसने बिकिनी पहन रखी थी। वहां उसने अपना फोटोशूट करवाया था और उन सब फ़ोटो का उसने एक एलबम तैयार करवा रखा था। फिर मैंने रीमा से कहा के राखी की ये फोटो घर पर सबने देख रखी है तो ये सुनकर रीमा काफी हैरान हो गई। राखी घर पर बस शॉर्ट्स पहनकर सबके सामने घूमती रहती थी। ये देखकर भी रीमा देखती ही रह जाती। लेकिन फिर धीरे धीरे राखी रीमा को अपना जैसा बनाने लगी। वो आपस मे खूब बातें करती और मस्ती करती। राखी रीमा के बोबो को दबा देती तो फिर रीमा भी राखी के बोबो को मस्ती मजाक में दबा देती। रीमा मम्मी और राखी के साथ काफी ज्यादा घुल मिल गई थी और वो मेरे से तो प्यार करती ही थी तो रीमा मायके बहुत कम जाती और बस हमारे पास ही रहती। फिर राखी और मम्मी ने तेल मालिश करना शुरू कर दिया तो फिर वो तीनो नंगी होकर एक दूसरे की तेल मालिश करती और खूब मस्ती करती। इसके बाद तो रीमा काफी हद तक खुल गई और उसकी शर्म लगभग चली गई। फिर रीमा भी घर पर सबके सामने शॉर्ट्स में रहने लगी। वो अब पापा से भी नहीं शर्माती थी। उधर राखी एक कदम आगे निकल गई। राखी अब घर पर ब्रा पैंटी में रहने लगी। ये देखकर तो रीमा का मन भी करने लगा के वो भी राखी की तरह बिल्कुल खुलकर रहे। फिर एक दिन राखी और रीमा बैठी बातें कर रही थी तो फिर राखी ने रीमा को बिकिनी पहनने के लिए कहा तो वो मान गई। फिर वो दोनो बिकिनी पहनकर एक दूसरे की फ़ोटो लेने लगी और मस्ती करने लगी।
तभी मैं और मम्मी कमरे में आ गए तो हमें देखकर रीमा थोड़ा शर्माने लगी। लेकिन फिर मैंने रीमा को अपनी बाहों में ले लिया और फिर उसके बदन को सहलाने लगा। जिससे रीमा गर्म होने लगी और उसे शर्म भी आ रही थी। फिर मैं रीमा के बोबो को सहलाने लगा। ये देखकर मम्मी और राखी हँसने लगी और राखी भी मुस्कुराने लगी। उधर राखी ने जो बिकिनी पहन रखी थी उसमें से उसके आधे से ज्यादा बोबे दिख रहे थे। फिर राखी हमारे पास आकर खड़ी हो गई तो फिर मैं उन दोनों की कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया। रीमा गर्म हो चुकी थी तो वो सब शर्म छोड़कर बस मेरे साथ मस्ती करना चाहती थी तो फिर मैंने पीछे से उसकी ब्रा खोल दी और उसके बोबे नंगे हो गए। ये देखकर मम्मी और राखी और खुद रीमा भी हँसने लगी। फिर मैं रीमा के बोबो को चुसने लगा। मै भी गर्म हो चुका था तो फिर मैंने रीमा की पैंटी की डोरी भी खोल दी और रीमा हम सबके सामने पूरी नंगी हो गई। फिर वो अपने हाथ से अपनी चुत छुपाने लगी लेकिन मैंने उसके हाथ पकड़ कर फैला दिए। जिससे कि रीमा बस हँसने लगी और कुछ नहीं बोली। फिर मैं रीमा के बदन को सहलाने लगा। फिर हम दोनो एक दूसरे से किसिंग करने लगे। ये देखकर मम्मी और राखी कमरे से बाहर आ गए और फिर मैंने रीमा की जमकर चुदाई की। फिर चुदाई के बाद मैं रीमा को नंगी ही लेकर मम्मी और राखी के पास चला गया। इसके बाद तो रीमा नंगी ही रहने लगी। फिर मैंने रीमा को एक झूठी कहानी सुनाते हुए कहा के राखी की शादी के बाद रोहन काफी बीमार हो गया था। जिस कारण राखी चुदाई के लिए तड़प रही थी। फिर मैंने उसकी चुदाई कर दी। ये सुनकर रीमा को पहले तो यकीन नहीं हुआ। लेकिन फिर जब राखी ने उसे सब कुछ वैसे ही बताया जैसे मैंने उससे कहा था तो रीमा को विस्वास हो गया। फिर मैंने रीमा के सामने ही राखी की चुदाई कर दी। हमारी चुदाई देखकर रीमा तो फुल गर्म हो गई। फिर मैंने रीमा को भी चोदा। फिर तो हम तीनों नंगे होकर एक साथ चुदाई करने लगे। फिर उधर मम्मी भी रीमा के सामने अपनी चुत रगड़ती रहती। जिससे रीमा को लगे के उन्हें लण्ड की बहुत जरूरत हो। फिर एक दिन जब वो तीनो तेल मालिश कर रही थी तो फिर राखी ने मुझे वहां बुला लिया और मुझे मम्मी को चोदने के लिए कहा तो फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लगा। फिर उस हम चारो ने मिलकर एक साथ चुदाई की। जिसमें रीमा को काफी मजा आया। फिर वो बोली के सबको अपने घर पर ऐसे ही चुदाई करनी चाहिए।
फिर ये सुनकर मैं, मम्मी और राखी हँसने लगे। फिर हमने रीमा को सब कुछ सच सच बता दिया। ये सब सुनकर तो रीमा हक्की बक्की रह गई। फिर मैंने रीमा को बताया के मम्मी 40-50 लंड ले चुकी है और राखी का तो पता भी नहीं हैं। ये सुनकर तो रीमा सन्न रह गई। फिर हम चारो नंगे ही पापा और दादी के पास चले गए। तब वे दोनो नंगे थे। फिर मैं दादी के पास चला गया तो दादी मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। उधर मम्मी ने रीमा को पापा की गोद मे बैठा दिया तो फिर पापा उसके बोबो और चुत को सहलाने लगे। जिससे रीमा फूल गर्म हो गई। फिर मैं तो दादी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो फिर पापा भी रीमा की चुदाई करने लगे। फिर पापा के झड़ने के बाद मैंने रीमा की चुदाई की। फिर जब रीमा ने पापा को राखी के साथ मस्ती करते देखा तो वो फिर से गर्म हो गई। इस तरह उस दिन तो रीमा का बुरा हाल हो गया था। लेकिन उसे मजा बहुत आया था। फिर मैंने और पापा ने मिलकर रीमा की एक साथ भी चुदाई की। रीमा भी अब पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी तो फिर उसने काफी मजे लिए। फिर तो हम सब पहले की तरह ही घर पर नंगे रहने लगे और खूब मजे करने लगे। पापा तो रीमा और राखी के साथ मस्ती करते और मैं मम्मी और दादी के साथ। फिर एक दिन मैंने उन चारों से एक साथ चुदने के लिए कहा। तो फिर वो चारो मेकअप वगैरह करके और खूब सज सवँरकर आ गई। उस दिन सच बताऊं तो उन सबमे दादी बहुत सेक्सी लग रही थी। दादी की बड़ी गाँड उन तीनों पर भारी पड़ रही थी। फिर मैं पहले दादी से किसिंग करने लगा। फिर मैंने मम्मी और राखी को एक साथ उनकी कमर में हाथ डालकर चिपका लिया और उनके बदन को मसलने लगा। फिर मैं काफी गर्म हो चुका था और रीमा भी अपनी चुत में उंगली करने लगी थी। फिर मैं रीमा के ऊपर चढ़कर रीमा को चोदने लगा। फिर रीमा झड़ गई तो मैंने राखी को नीचे लेटा लिया। फिर कुछ देर बाद जब राखी भी झड़ गई तो मम्मी मेरे पास आई और मेरे लण्ड को बड़े शान से हिलती हुई बोली के तुम दोनो तो जवान हो फिर भी जरा भी नहीं टिक पाई। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा और फिर जब मम्मी का भी पानी निकल गया तो ये देखकर रीमा और राखी हँसने लगी। फिर मैं दादी की गाँड मारने लगा और फिर मैं कुछ देर बाद झड़ गया। लेकिन फिर भी मैं रुका नही और उन चारों को घोड़ी बनाकर उनकी गाँड पर थप्पड़ मारने लगा। जिससे कि कमरे में सिर्फ उन चारों की ही आवाजें आ रही थी। उन चारों की गाँड एक दम लाल हो चुकी थी। फिर मैंने मम्मी और राखी को बिस्तर पर लेटाया और फिर उनकी गालों पर और उनके बदन पर थप्पड़ मारने लगा। जिससे उनका बदन लाल हो गया। फिर मैंने रीमा को बिस्तर पर लेटाया और उसके दोनो बोबो के बीच अपना लण्ड डालकर मसलने लगा। साथ मे उसके गालों पर एक साथ 10 थप्पड़ मारे। जिससे कि वो रोने लगी। लेकिन फिर भी मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसकी खूब पिटाई की और फिर खूब चुदाई भी की। लेकिन जब वो झड़ी तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी।
इस तरह मैंने उन चारों को काफी रगड़कर चोदा। इसके बाद तो रीमा को भी ऐसी घमासान चुदाई में मजा आने लगा था। फिर राखी तो वापिस चली गई और फिर मैं मम्मी और रीमा दोनो को सेक्सी ड्रेस पहनाकर रात को बाहर ले जाने लगा। फिर रीमा के सामने मम्मी दूसरे मर्दो से खूब चुदवाती। ये सब देखकर तो रीमा काफी गर्म हो जाती और फिर वो भी दूसरे मर्दो के सामने नंगी होकर उनसे अपने बोबो और चुत को खूब चुस्वाती। फिर मेरे कहने पर उसने एक दिन दूसरे मर्द से चुदवा लिया। उस दिन वो काफी खुश हुई। फिर इसके बाद तो मैंने उसे कई मर्दो के साथ मिलकर चोदा। इससे रीमा की सब शर्म दूर हो गई। फिर एक दिन रीमा के पापा यानी मेरे ससुर आये हुए थे तो रीमा ने एक सूट पहना जिसमे की उसके बोबे दिख रहे थे। अपनी बेटी को ऐसे देखकर तो उसका बाप भी लण्ड मसलने लगा था। जब ये रीमा को पता चला तो वो हँसने लगी। फिर जब मैं ससुराल रीमा को लेने जाता तो ससुराल में कई दिन तक रहता और फिर हर रात हो या दिन में रीमा की चुदाई कर लेता। रीमा की मम्मी यानी मेरी सास ने तो हमे चुदाई करते हुए कई बार देख भी लिया था। लेकिन उन्होंने कहा कुछ नहीं। फिर एक मैं रीमा की चुदाई कर रहा था तो फिर रीमा के भाई ने भी हमे देख लिया था। मैंने मेरे फोन में रीमा की नंगी फ़ोटो और वीडियो डाल रखी थी और मैंने अपना फोन अनलॉक करके उसे दे दिया तो फिर उसने वो सब फ़ोटो और वीडियो अपने फोन में ट्रांसफर कर ली और फिर वो उन्हें देखकर रोज मूठ मारता। फिर ऐसा करते हुए रीमा ने उसे पकड़ भी लिया और उसे खूब डांटा। फिर वो थोड़ा रीमा से डरकर रहने लगा तो फिर रीमा उसके सामने ही मुझसे चिपकने लगती और फिर मैं भी रीमा के भाई के सामने रीमा के बदन को खूब सहलाता।
उधर रीमा के पापा थोड़ा बीमार रहने लगे थे तो उन्हें शहर से दवाई वगैरह दिलाने के लिए एक बार मैं और रीमा गए। फिर हमें वहां एक दिन रुकना पड़ा तो मैंने हम तीनों के लिए एक रूम बुक कर लिया। फिर रात को मैंने रीमा की काफी चुदाई की और रीमा की सिस्कारियाँ पूरे कमरे में गूंजती रही। फिर जब सुबह जब हम उठे तो रीमा बेशर्मो की तरह अपने पापा के सामने घूमने लगी और उसके पापा भी कुछ नहीं बोले। रीमा का फिगर अब काफी सेक्सी हो गया था। रीमा को भी नंगी रहने का चस्का था तो वो रात को और कभी कभी दिन में नंगी ही रहती। ससुराल में रीमा अपनी मम्मी के साथ नंगी होकर ही सोती। अब उसकी मम्मी उसे कुछ नहीं कहती थी तो वो जो चाहे वो करती। उसे पता था के उसका भाई उसकी नंगी फ़ोटो और वीडियो देख चुका था तो वो अपने भाई के सामने भी कई बार नंगी हो चुकी थी। अब रीमा को ही शर्म नहीं आ रही थी तो मैं क्यों शर्म करता। फिर मैं रीमा की मम्मी के सामने रीमा को अपनी बाहों में लेकर उसके बदन को सहलाने लग जाता। ये देखकर उसकी मम्मी मुस्कुराकर वहां से चली जाती। फिर तो रीमा छोटे कपड़े पहनने लगी जिसमे वो काफी सेक्सी लगती और फिर वो ऐसे ही अपने पापा, मम्मी और भाई के सामने घूमती रहती। एक बार रीमा का भाई किसी कारण से हमारे कमरे में सोफे पर सोया रात को और मैं और रीमा बेड पर सोए थे। फिर उसके भाई के सोने के बाद मैं और रीमा नंगे होकर चुदाई करने लगे। रीमा मेरे ऊपर बैठकर मेरा लण्ड अपनी चुत से अंदर बाहर ले रही थी और सिस्कारियाँ ले रही थी। फिर थोड़ी देर बाद रीमा का भाई जाग गया और वो चोरी चोरी हमें देखने लगा। इसका मुझे पता लग चुका था। लेकिन फिर भी मैंने चुदाई जारी रखी। फिर मैं रीमा को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। रीमा के भाई का लण्ड खड़ा हो चुका था और वो कम्बल में ही अपना लण्ड हिला रहा था।
फिर ये सब रीमा ने भी देख लिया था। लेकिन वो कुछ नहीं बोली। फिर हम झड़ गए तो नंगे ही सो गए। सुबह जब मैं उठा तो देखा के रीमा पास में नहीं थी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे लिए चाय लेकर आई। तो उसने कपड़े पहन रखे थे। फिर मैंने उससे कहा के बिना कपड़ों के ही चाय लेकर आती। तो वो बोली के कहीं मम्मी कुछ कह न दे इसलिए कपड़े पहन लिए। फिर मैंने कुछ सोचा और फिर उस दिन मैं रीमा और उसकी मम्मी को लेकर शहर चला गया। फिर मैंने रीमा की मम्मी को काफी सारी सोने की ज्वैलरी दिलवाई। जिससे वो बहुत खुश हुई। फिर मैंने रीमा के भाई के लिए एक आईफोन लिया। फिर घर आकर जब मैंने उसे आईफोन दिया तो वो भी काफी खुश हुआ। उधर रीमा के पापा पर कुछ कर्ज था तो फिर मैंने पैसे देकर उनका वो कर्ज भी निपटा दिया। इस तरह मैंने सबको खुश कर दिया। फिर एक दिन शाम को मेरे कहने पर रीमा सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर घूमने लगी और सबके सामने ही मैं रीमा को फ्लाई किस देने लगा और उसे इशारे करने लगा। ये देखकर रीमा बस मुस्कुरा देती। फिर जब खाना खाकर रीमा का भाई और पापा अपने अपने कमरे में चले गए तो फिर मैंने रीमा से नंगी होने के लिए कहा तो वो नंगी हो गई। फिर वो नंगी होकर अपनी मम्मी के सामने गई तो उसकी मम्मी ने पूछा के नंगी क्यों घूम रही हो तो फिर रीमा ने कहा के उन्होंने कहा था। फिर ये सुनकर रीमा की मम्मी ने कुछ नहीं कहा। फिर वो दोनो बातें करने लगी। इतने में मैं वहां चला गया। फिर मैं रीमा को बाहों में लेकर खड़ा हो गया। फिर कुछ देर रीमा की मम्मी तो वहीं खड़ी रही और मैं रीमा के बदन को सहलाने लगा। तब हम तीनों घर के आंगन में थे। फिर कुछ देर बाद रीमा की मम्मी अंदर कमरे में चली गई और मैं शरेआम आंगन में ही रीमा की चुदाई करने लगा। फिर मैंने ध्यान दिया के रीमा की मम्मी हम दोनों को देख रही थी। फिर इतने में वहां रीमा का भाई आ गया तो फिर वो किचन से पानी पीकर वापिस चला गया और कुछ नहीं बोला। फिर चुदाई के बाद मैं चारपाई पर लेट गया और रीमा मेरे साथ ही लेट गई। फिर कमरे का गेट खोलकर रीमा की मम्मी हमारे पास आने लगी तो रीमा उठकर बैठ गई और मैंने अपने लण्ड पर एक कपड़ा डाल लिया।
फिर रीमा की मम्मी हमारे पास आकर बैठ गई। तब रात के 10 बज रहे थे। फिर वो मुझसे और रीमा से बच्चा करने के लिए कहने लगी तो फिर मैं बोला के अभी हम दोनों की खेलने कूदने की उम्र है। फिर रीमा की मम्मी बोली के बच्चा करने के बाद भी खेलते कूदते रहना। तुम दोनो को कौन रोक रहा है। फिर रीमा बोली के मुझे अभी बच्चा नहीं करना है। फिर रीमा की मम्मी उसे समझाने लगी। फिर हम ऐसे ही बातें करते रहे। फिर मैं उठकर बैठ गया और रीमा के बोबो और चुत को सहलाने लगा। ये देखकर भी रीमा की मम्मी वहीं बैठी रही। फिर मैं रीमा की मम्मी यानी मेरी सास से बोला के आपकी बेटी बहुत मस्त माल है। ये सुनकर बेचारी सास थोड़ी शर्मा गई। उधर रीमा भी अपने बदन पर हाथ फेरकर अपने बदन को सहलाने लगी। फिर ये देखकर सास बोली के तुम दोनो यही सो जाओ मैं तुम्हारे पापा के पास जाकर सो जाती हूँ। फिर सास उठकर जाने लगी तो तभी रीमा ने मुझे लेटाकर मेरा लण्ड अपनी चुत में लेने लगी। फिर उसी वक्त मैंने और सास ने एक दूसरे की तरफ देखा तो वो शर्माकर चली गई। फिर अगली सुबह जब सास उठकर आई तो मैं और रीमा नंगे ही लेटे थे। फिर सास ने पास आकर पहले रीमा को जगाया। तब मैं पूरा नंगा था और मेरा लण्ड खड़ा था। फिर मुझे भी जाग आ गई तो फिर मैं अपना लण्ड ढकने लगा। लेकिन तब तक सास तो सब देख ही चुकी थी। फिर रीमा तो उठने के बाद नंगी ही घूमने लगी। फिर सास ने रीमा को ससुर को चाय देकर आने के लिए कहा तो फिर रीमा नंगी ही चाय लेकर चली गई और फिर कमरे में जाकर चुपके से चाय रख कर आ गई और फिर आने लगी तो पापा को आवाज देकर आ गई। फिर उनके उठने से पहले ही रीमा वहां से आ गई। फिर ये सब रीमा ने आकर मुझे और सास को बताया तो फिर रीमा हँसने लगी और फिर मैं और सास भी हँसने लगे।
फिर जब रीमा का भाई उठकर आया तो रीमा एक ब्रा पैंटी पहनकर आ गई। जिसमें से उसके बोबे और गाँड काफी हद तक दिख रहे थे। पर रीमा को अब अपने भाई से शर्म नहीं आती थी और अब मैं भी रीमा को उसके भाई के सामने नंगी करके चोद देता था। वो तो सास के कारण रीमा ने ब्रा पैंटी पहन ली थी बस। रीमा का बदन भर चुका था और जब रीमा का चुदाई का ज्यादा ही मन करता तो मैं उसे बाहर ले जाता। एक बार तो मैं और रीमा ससुराल में थे तो फिर रीमा का बहुत ज्यादा चुदाई का मन करने लगा तो वो मेकअप वगैरह करके तैयार हो गई और फिर एक छोटी सी ड्रेस पहन ली। फिर मैं जब ऐसे रीमा को बाहर लेकर गया तो रीमा की मम्मी और भाई ने कुछ नहीं कहा क्योंकि रीमा मेरे साथ जा रही थी। मैंने उनसे कहा के हम पार्टी में जा रहे है। पर हम कैसी पार्टी में जा रहे है ये हम ही जानते थे। फिर उस रात रीमा को मैंने 2-3 मर्दो के साथ मिलकर चोदा। जिससे रीमा एक दम खुश हो गई। फिर हम सुबह वापिस आने लगे तो देखा के रात को हमने रीमा की ड्रेस फाड़ दी थी तो फिर रीमा अपनी फ़टी हुई ड्रेस लेकर नंगी ही कार में बैठ गई और फिर मेरे साथ वो ऐसे ही ससुराल आ गई। फिर घर आने के बाद मैं और रीमा कार से उतरे। तब रीमा ने हाई हील सैंडल पहन रखे थे और बाल खुले थे और कानों में बड़ी बड़ी बालियां। कुल मिलाकर वो तब किसी पोर्न एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थी।
रीमा को देखकर मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैं रीमा को वही लेटाकर चोदने लगा। तभी वहां ससुर पता नहीं कहाँ से आ गए। लेकिन हम दोनों तो अपनी चुदाई में मशगूल थे। फिर जब हमने चुदाई खत्म की तो फिर सामने ससुर को देखकर हम दोनों खड़े हो गए। फिर हम दोनों घर के अंदर चले गए। फिर अंदर जाते ही रीमा और मुझे देखकर सास काफी खुश हुई। तब थोड़ा थोड़ा अंधेरा था। फिर मैं और रीमा एक साथ ही आंगन में बने बाथरूम में जाकर नहाने लगे और फिर कमरे में जाकर नंगे ही सो गए। क्योंकि हम सारी रात चुदाई कर रहे थे। फिर उठने के बाद रीमा नंगी ही और मैं सिर्फ अंडरवियर पहनकर घूमने लगा। फिर मेरा जहां भी मन करता मैं वहीं रीमा की चुदाई करने लग जाता। फिर तो रीमा के भाई के सामने दिन में ही मैं रीमा को पेल देता। हमारी चुदाई देखकर उसका भाई अपना लण्ड हिलाकर पानी निकाल लेता। उसकी एक गर्लफ्रैंड थी तो वो अपनी गर्लफ्रैंड की चुदाई कर लेता था। उसको मैंने एक बाइक भी दिलवा दी थी। जिसके बाद तो वो बहुत ज्यादा खुश हो गया। सास को सूट और साड़ी पहनने का काफी शौक था तो मैंने सास को लगभग एक लाख रुपये के सूट और साड़ी दिलवाए। इसके बाद तो सास और भी ज्यादा खुश हो गई। फिर एक दिन जब सास और रीमा का भाई एक साथ थे तो रीमा उसके सामने नंगी ही चली गई। फिर उनके सामने ही मैंने रीमा के बोबो और गाँड को सहलाने लगा। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। फिर तो मैं और रीमा उनके सामने चुदाई भी करने लगे। फिर तो ये सब इतना नॉर्मल हो गया के मैं रीमा की चुदाई करता रहता और सास और रीमा का भाई हमारे आस पास ऐसे ही घूमते रहते। अब तो जो मैं कहता वही उस घर मैं होता। इस प्रकार अब तो मेरे और रीमा के फुल मजे थे।
फिर एक बार सास ने घर पर पूजा रखवाई और इसके लिए एक पंडित को बुलवाया जो कि हरिद्वार से आया हुआ था। फिर इस पूजा के लिए सास ने मुझे और रीमा को भी बुलाया। पूजा लगभग एक हफ्ते तक चलने वाली थी तो वो पंडित छत पर बने कमरे में रहने लगा है। उस पंडित की मैं शक्ल देखकर ही पहचान गया था के वो एक नम्बर ठरकी है। फिर पूजा के पहले दिन मैंने रीमा को सेक्सी ड्रेस पहनने के लिए कहा तो रीमा ने ऊपर सिर्फ ब्रा और नीचे लहंगा पहन लिया और ऊपर एक दुपट्टा ले लिया। उसमें रीमा के बड़े बड़े बोबे काफी हद तक दिखाई दे रहे थे। जब रीमा पंडित का आशीर्वाद लेने के लिए झुकी तो पंडित तो रीमा के बोबो को देखता ही रह गया। पंडित सुबह हवन करता और शाम को पूजा वगैरह करता। फिर मैं धीरे धीरे पंडित से जान पहचान बढ़ाने लगा और फिर आखिरकार पंडित अपनी औकात पर आ ही गया। पंडित की उम्र लगभग 40 साल थी और उसका पेट आगे की और निकला हुआ था। दिखने में ठीक ठाक था। फिर मैंने रीमा से पहले ही पंडित से मजा लेने के लिए कह दिया था तो वो तो एकदम तैयार थी। फिर मैं और पंडित थोड़ा खुल गए तो फिर हम आपस मे गन्दी गन्दी बातें करने लगे। फिर मैंने पंडित को रीमा के बारे में बताया और फिर मैंने पंडित को रीमा की दूसरे मर्द से चुदाई की वीडियो दिखाई तो वो वीडियो देखकर काफी गर्म हो गया। फिर मैंने पंडित से पूछा के मजे करने है क्या। तो वो तैयार हो गया। फिर एक दिन रात को मैंने रीमा को पंडित वाले कमरे में बुलाया। फिर रीमा ने हम दोनों के सामने ही अपने कपड़े खोलकर नंगी हो गई। पंडित तो रीमा को नंगी देखकर देखता ही रह गया। फिर मैं भी नंगा हो गया और रीमा से मस्ती करने लगा। फिर रीमा ने पंडित की धोती खोलकर पंडित को नंगा कर दिया और फिर जाकर उससे चिपक गई। फिर पंडित रीमा के बोबो को चुसने लगा।
पंडित तब काफी ज्यादा गर्म हो गया था। फिर रीमा घोड़ी बन गई तो पंडित ने अपना मुंह रीमा की गाँड में घुसा दिया और फिर वो रीमा की चुत और गाँड चाटने लगा। फिर जैसे ही पंडित अपना लण्ड रीमा की चुत में डालने लगा तो रीमा ने उसे कंडोम पहना दिया और फिर पंडित रीमा को चोदने लगा। फिर कुछ देर बाद ही पंडित झड़ गया तो फिर मैं रीमा की चुदाई करने लगा। मैंने रीमा को काफी अलग अलग पोज में चोदा। हमारी चुदाई देखकर तो पंडित देखता ही रह गया। फिर मैं और रीमा भी झड़ गए। तब सर्दियां थी तो फिर हम तीनों एक रजाई में घुस गए। फिर पंडित रीमा के ऊपर आकर रीमा के बदन को चूमने लगा। फिर रीमा ने मेरा लण्ड भी चूसकर खड़ा कर दिया तो फिर मैंने और पंडित ने एक साथ मिलकर रीमा की चुदाई की। पंडित को रीमा की चुदाई करने में काफी मजा आया। फिर हम रात भर यूँही मस्ती करते रहे। फिर सुबह मुझे जल्दी जाग आ गई तो मैंने देखा के रीमा और पंडित एक दूसरे से चिपक कर लेटे थे। फिर मैंने उठकर कमरे का गेट खोला तो देखा के सास हमारे लिए चाय लेकर आ रही थी। फिर मैंने जल्दी से रीमा को उठाया और मैं अपने कपड़े लेकर कमरे से बाहर आ गया। फिर मुझे नंगा देखकर सास मुस्कुराने लगी। फिर मैंने सास के हाथ से चाय लेकर वहीं साइड में रख दी और फिर सास को लेकर टॉयलेट में घुस गया। फिर टॉयलेट में जाते ही मैंने सास की कमर में हाथ डाल लिया और फिर सास मुझसे कुछ पूछती इससे पहले ही मैंने सास की गाल पर किस कर दिया तो सास शर्मा गई।
फिर मैं सास से गले लगकर खड़ा हो गया तो फिर सास मेरी पीठ सहलाने लगी। मैं सास की चुदाई आराम से कर सकता था लेकिन मुझे सास में ज्यादा कुछ इंटरेस्ट नहीं था। उधर सास तो मुझ पर मरती थी। मैं उसे जो भी कहूँ वो करने के लिए एकदम तैयार थी। तब मेरा लण्ड पूरा खड़ा था तो फिर मैंने सास का हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया। इससे तो सास की सांस ही रुक गई और फिर वो बस मेरे लण्ड को पकड़कर खड़ी रही। उधर इतने में रीमा कपड़े पहनकर कमरे से बाहर आ चुकी थी। फिर मैं सास को लेकर टॉयलेट से बाहर आ गया। जब ये रीमा ने देखा तो फिर उसने अपनी मम्मी से इस बारे में पूछा तो फिर वो हँसने लगी और फिर नीचे चली गई। फिर मैंने रीमा को सारी बात बताई के उसको बचाने के चक्कर मे मुझे ये सब करना पड़ा। फिर रीमा भी नीचे चली गई और फिर मैं और पंडित चाय पीकर छत पर घूमने लगे। पंडित तो बस रात की चुदाई की ही बातें किये जा रहा था। फिर इतने में रीमा एक्सरसाइज करने के लिए छत पर आ गई। तब उसने स्पोर्ट्स ब्रा और नीचे शॉर्ट्स पहन रखा था। रीमा को ऐसे देखकर तो पंडित का मुंह खुला का खुला ही रह गया। फिर रीमा के साथ साथ मैं भी एक्सरसाइज करने लगा और पंडित रीमा का गदराया बदन देखकर अपना लण्ड हिलाने लगा। सुबह का टाइम था और हल्की हल्की ठंड भी थी। पर रीमा को देखकर सबकी ठंड उड़ी हुई थी। फिर एक्सरसाइज करने के बाद मैं और रीमा नीचे चले गये। फिर पंडित भी नहाकर नीचे आ गया और हवन वगैरह की तैयारी करने लगा। उधर रीमा भी अपने कमरे में जाकर तैयार होने लगी। तब रीमा का भाई तो उठा ही नहीं था वो लेट ही उठता था और ससुर पंडित के साथ बातें कर रहे थे। तब सास किचन में अकेली थी तो मैंने सोचा जाकर सास के मजे लिए जाए। फिर मैं किचन में गया तो सास मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और फिर वो थोड़ा शर्माने भी लगी।
सास के बारे में बता दूँ। सास पैसों की बहुत लालची है और पैसों के लिए कुछ भी कर सकती है। फिर मैं जाकर सास के पीछे से चिपक कर खड़ा हो गया और सास के बोबो पर हाथ रखकर उन्हें दबाने लगा। सास ने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया। सास किचन में अपना काम करती रही और मैं सास के मजे लेता रहा। फिर मैंने सास को अपनी तरफ घुमाया और कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया। उधर बाहर आंगन में पंडित और ससुर खड़े थे और बातें कर रहे थे। फिर कुछ देर बाद वहां तैयार होकर रीमा आ गई। तब रीमा ने नीचे लहंगा और ऊपर एक सेक्सी सी ब्रा पहन रखी थी। उस दिन रीमा ने ऊपर कोई दुपट्टा भी नहीं लिया था। तब उसके बोबो के उभार काफी सेक्सी दिख रहे थे। रीमा को देखकर तो मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था। फिर मैंने सास के गले से दुपट्टा उतारकर सास के बोबो के उभारों पर हाथ फेरने लगा। उधर रीमा बेशर्मो की तरह अपने पापा और पंडित के पास खड़ी खड़ी बातें किये जा रही थी। फिर मैंने सास से धीरे से पूछा के क्या खाकर पैदा किया था इसे। तो ये सुनकर सास हँसने लगी। फिर रीमा किचन की तरफ आने लगी तो फिर सास मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने सास को पकड़ कर रखा और फिर सास के बोबो के निप्पल दबाने लगा। जिससे सास को दर्द होने लगा। जब रीमा किचन में आ गई तो वो हमें ऐसे देखकर मुस्कुराने लगी। फिर वो हमारे पास आकर खड़ी हो गई और हमें देखने लगी। अब सास भी बेचारी क्या बोलती। तब खाना बन रहा था तो फिर रीमा खाना संभालने लगी और मैं सास को लेकर वहीं साइड में खड़ा हो गया। फिर मैं सास के बदन को सहलाने लगा। इसमें सास को भी मजा आ रहा था। अब सास भी रीमा से क्या शर्माती तो फिर उन्होंने भी मुझे कसकर पकड़ लिया। फिर मैं सास की गालों पर किस करने लगा। फिर उधर आंगन में रीमा का भाई भी आ गया और पंडित और ससुर से बातें करने लगा। तब अपने बेटे को देखकर भी सास बिल्कुल नहीं शरमाई और बस मेरे से चिपकी रही। फिर मैं भी सास के बदन को खूब दबाता रहा। फिर जब रीमा का भाई किचन की तरफ आने लगा तो मैंने सास को पकड़े रखा और फिर वो जैसे ही किचन में आने लगा तो मैं सास को छोड़कर रीमा से चिपक कर खड़ा हो गया। फिर रीमा ने मुझे और अपने भाई को नहाने के लिए कहा तो फिर मैं बोला के मेरी पीठ पर साबुन लगाना था। तो फिर सास तपाक से बोली के चलो में लगा देती हूँ। फिर मैंने कहा के चलिए।
फिर मैं, रीमा का भाई और सास तीनो छत पर चले गए। क्योंकि वहां भी एक बाथरूम था। फिर रीमा का भाई तो अपने सब कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में आ गया और फिर मैंने तो अपने सब कपड़े खोल दिये। फिर वो दोनो माँ बेटे मेरी बॉडी को देखते ही रह गए। कमाल की बात ये थी के मैं तो सास के सामने पूरा नंगा था और सास के उसका बेटा अंडरवियर में था। फिर हम तीनों बाथरूम में घुस गए। बाथरूम थोड़ा छोटा था। फिर मैंने शावर चालू कर दिया तो हमारे साथ साथ सास पर भी पानी गिरने लगा और वो भीग गई। फिर वो मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगी और साथ मे मसलने लगी। भीगने के कारण सास के बोबे दिखने लगे थे। फिर रीमा का भाई तो जल्दी ही नहाकर नीचे चला गया और फिर मैं और सास ही रह गए तो फिर मैं सास से अपने पूरे शरीर पर साबुन लगवाने लगा। फिर सास भी मेरी गाँड, छाती और यहां तक कि मेरे लण्ड पर भी साबुन लगाकर मसलने लगी। फिर मैं भी सास के बदन को सहलाने लगा। फिर इतने में रीमा छत पर मेरे कपड़े लेकर आ गई तो फिर मैं बाथरूम से बाहर आ गया। जब रीमा ने सास को भीगा हुआ देखा तो फिर वो सास के लिए कपड़े लेने के लिए जाने लगी तो मैंने रीमा को पकड़ लिया और फिर उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा। उधर बाथरूम का गेट खुला ही था और फिर सास अपने कपड़े खोलकर नहाने लगी। सास को नंगी देखकर मैं मुस्कुराने लगा तो फिर सास भी मुस्कुराने लगी। फिर रीमा ने भी अपनी मम्मी को नंगी देख लिया था पर कुछ नहीं बोली। फिर चुदाई के बाद मैंने कपड़े पहन लिए और उधर रीमा ने भी अपने कपड़े ठीक किये और फिर हम दोनों नीचे आ गए।
नीचे पंडित, ससुर और रीमा का भाई यानी मेरा साला हवन करने बैठ चूके थे। वो हमारा ही इंतजार कर रहे थे। फिर रीमा ने उनसे कहा के हम बस आ रहे है। फिर मैं और रीमा कमरे में घुस गए। रीमा उस दिन बहुत मस्त लग रही थी। फिर रीमा सास के कपड़े ढूंढने लगी और मैं अपने बाल वगैरह सही करने लगा। फिर रीमा को अपनी मम्मी के कपड़े मिल गए तो वो तो कपड़े लेकर चली गई और मैं हवन के पास जाकर बैठ गया। फिर थोड़ी देर बाद ही सास और रीमा ऊपर से आ गए। उस दिन सास ने अपने बाल खुले छोड़ रखे थे और सास थोड़ी अलग सी लग रही थी। फिर वो दोनो आकर भी हमारे पास बैठ गई। तब ससुर, मेरा साला और सास आगे बैठे थे और मैं और रीमा पीछे बैठे थे। फिर पंडित ने सबसे आंखें बंद करके मंत्र जाप करने के लिए कहा लेकिन मैं रीमा के बदन को सहलाने लगा। फिर रीमा ने भी अपनी आंखें खोल ली और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैं वहीं बैठे बैठे ही रीमा के एक बोबे को बाहर निकालकर चूसने लगा। ऐसे वहां बैठकर मजे करने में मुझे और रीमा को काफी मजे आ रहे थे। फिर रीमा ने पंडित को फूल फ़ेंककर मारा तो उसकी भी आंखें खुल गई। फिर जब उसने रीमा को देखा तो वो देखता ही रह गया। फिर रीमा ने अपनी ब्रा खोलकर साइड में रख दी और ऊपर से नंगी होकर बैठ गई। ये देखकर तो पंडित का बुरा हाल हो गया। फिर मैं तो दोनो हाथों से रीमा के बोबो को दबाने लगा। मन्त्रो का जाप काफी देर तक चलने वाला था और इससे पहले कोई नहीं आंखें खोलने वाला था तो फिर हम दोनों मस्ती करते रहे। रीमा को देखकर पंडित भी अपना लण्ड सहलाने लगा था। फिर जैसे ही मंत्र खत्म होने वाले हुए तो रीमा ने अपनी ब्रा पहन ली और फिर थोड़ी देर बाद सबने आंखें खोल ली। फिर हम सब हवन में आहुति देने लगे। हवन करने के बाद हम सब मर्द एक लाइन में बैठ गए और फिर रीमा हम सबको खाना परोसने लगी और सास किचन में चली गई।
रीमा हम सबको झुक झुक कर खाना परोस रही थी तो उसके आधे से ज्यादा बोबे दिख रहे थे। पर रीमा को अब किसकी परवाह थी। फिर खाना खाने के बाद ससुर तो अपने कमरे में चले गए और फिर मेरा साला भी बाइक लेकर बाहर चला गया। फिर पंडित छत पर चला गया। फिर हम तीनों ही रह गए तो फिर मैं और रीमा तो नंगे हो गए और फिर मैं सास से मस्ती करने लगा। तब मेरे पास एक रुपयों का बैग था। जिसमें लगभग 50 लाख रुपये थे। फिर मैं वो बैग लेकर आया और फिर उसमें से रुपये निकालकर सास के ऊपर बरसाने लगा। पैसे देखकर तो सास की आंखों में चमक आ गई और वो बहुत खुश हुई। फिर मैंने सास से कहा के आप इसमें से जितना चाहे उतना पैसे ले सकती हो। ये सुनकर तो सास की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिर मैंने कहा के लेकिन पहले कपड़े खोलो तो सास ने आव देखा न ताव और झट से अपने कपड़े खोलकर सिर्फ ब्रा पैंटी में खड़ी हो गई। ये देखकर रीमा हँसने लगी। फिर मैंने सास की तरफ ब्रा पैंटी उतारने का इशारा किया तो सास ने झट से ब्रा पैंटी भी उतार दी और पूरी नंगी हो गई। ये देखकर तो मैं और रीमा दोनो हँसने लगे। रीमा अपनी लालची मम्मी को देखकर थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था। लेकिन फिर भी वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने सास से कहा के अब आप जितना चाहे उतना पैसा ले सकते हो। फिर सास ने अपने हाथ फैलाकर काफी सारे पैसे उठा लिए और फिर दूसरे कमरे में चली गई। अपनी बेशर्म माँ को देखकर रीमा गर्म हो चुकी थी। फिर वो ऊपर जाने का कहने लगी। फिर मैंने कहा के चलते है। फिर जब सास वापिस आई तो मैं नंगी सास को बाहों में लेकर घुमाने लगा और सास के पूरे बदन को दबाकर सहलाया। फिर मैंने सास से पूछा के ससुर उनकी चुदाई करते है क्या तो फिर सास ने कहा के कभी कभी ही करते है। फिर रीमा भी हमारे पास आ गई तो फिर मैं उन दोनों माँ बेटियों की कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया। सामने एक बड़ा सा शीशा लगा था तो फिर सास अपने आपको ऐसे नंगी देखकर हँसने लगी। फिर मैंने सास और रीमा की गालों पर किस करने लगा।
फिर तभी ससुर सास को आवाज देने लगे तो फिर सास जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी और फिर कपड़े पहनकर वो कमरे से बाहर चली गई। जबकि मैं और रीमा कमरे के अंदर ही रहे। फिर सास ससुर के साथ ही उनके कमरे में चली गई तो फिर मैं और रीमा कपड़े पहनकर पंडित के पास चले गए। पंडित तो जाते ही रीमा से लिपट गया और रीमा की चुदाई करने लगा। फिर मैं और पंडित मिलकर एक साथ रीमा की चुदाई करने लगे। हम तीनों को चुदाई करके काफी मजा आया। फिर पंडित ने कहा के उसने रीमा जैसी औरत आज तक नहीं देखी। फिर रीमा की तारीफ करने लगा। ये सुनकर रीमा हँसने लगी। फिर रीमा ने मेरा और पंडित का लण्ड चूसकर फिर से खड़ा कर दिया तो हम फिर रीमा की चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद पंडित तो सो गया। फिर मैंने रीमा से कहा के अब तुम्हारी मम्मी हमे कुछ कहने वाली तो हैं नहीं तो उन्हें तुम्हारी दूसरे मर्दों के साथ चुदाई के बारे में बता देते है। फिर तो तुम खुलकर पंडित से चुदाई कर सकती हो। ये सुनकर रीमा ने हँसकर कहा के और आप मेरी मम्मी की चुदाई करोगे। तो फिर मैंने हँसकर कहा के हाँ क्यों नहीं। फिर रीमा इसके लिए मान गई। फिर शाम को आरती के बाद जब सब खाना खाकर अपने अपने कमरों में चले गए तो तब रीमा पंडित के साथ ही ऊपर वाले कमरे में चले गए और वो चुदाई करने लगे और ससुर और मेरा साला भी अपने अपने कमरों में थे। फिर मैं और सास नंगे लेटे थे और मैंने जब सास का हाथ अपने लण्ड पर रखा तो वो मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर मैंने सास को एक वीडियो चलाकर दिखाने लगा जिसमे रीमा दो मर्दो से चुद रही थी। अपनी बेटी को दो मर्दो के साथ चुदता देखकर सास तो देखती ही रह गई। फिर मैंने सास से कहा के वो अभी तक कई मर्दो से चुद चुकी हैं। ये सुनकर तो सास हैरान हो गई। फिर मैं सास को लेकर कमरे से बाहर आया और फिर हम दोनों नंगे ही ससुर के कमरे की तरफ गए तो देखा के ससुर सो रहे थे। फिर हम मेरे साले के कमरे की तरफ गए तो देखा के वो पूरा नंगा होकर अपना लण्ड हिला रहा था और साथ मे किसी लड़की से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था। अपने बेटे को ऐसे देखकर सास देखते ही रह गई। फिर मैं सास को लेकर छत पर चला गया। फिर कमरे की खिड़की से मैंने सास को दिखाया के कैसे उसकी बेटी पंडित से मजे कर रही है।
ये सब देखकर सास तो फुल गर्म हो गई। फिर मैं वहीं सास से अपना लण्ड चुसवाने लगा। फिर मैं जब गर्म हो गया तो मैं सास को लेकर नीचे चला गया और फिर बेड पर ले जाकर सास के पूरे बदन को चूमने लगा। फिर मैंने लण्ड सास की चुत में डाल दिया और फिर जमकर सास की चुदाई की। फिर मैं सास को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। तभी कमरे में मेरा साला आ गया। पर वो पूरा कमरे के अंदर नहीं आया और गेट पर खड़ा खड़ा ही मुझसे किसी चीज के बारे में पूछने लगा। फिर मैंने उसे बता दिया तो वो फिर से चला गया। उसने सोचा शायद में रीमा की ही चुदाई कर रहा हूँ। लेकिन थी वो उसकी मम्मी। फिर उसके जाने के बाद सास मेरी तरफ देखकर हँसने लगी और हम दोनों फिर से चुदाई करने लगे। उस रात मैंने सास की कई बार चुदाई की। फिर सुबह रीमा नंगी ही नीचे आ गई। तब मैं और सास भी उठ चुके थे और हम किचन में थे। तब सास चाय बना रही थी। फिर जब वो दोनो मां बेटी एक दूसरे से मिली तो एक दूसरे को देखकर हँसने लगी। फिर रीमा ने अपनी मम्मी से कहा के रात को अपने दामाद से खूब मजे किये होंगे। फिर सास भी हँसकर बोली के तू कौनसी कम है जो दूसरे मर्दो से भी चुदने लगी हैं। ये सुनकर रीमा और हम सब हँसने लगे। फिर रीमा जाकर सास के गले लग गई और फिर वो दोनो एक दूसरे के बदन को सहलाने लगी। फिर मैं उन दोनों के पास जाकर उनकी गाँड को सहलाने लगा। फिर हम तीनों ऐसे ही मस्ती मजाक करने लगे। फिर मैं रीमा के सामने ही सास को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। रीमा ये देखकर मुस्कुराने लगी। फिर चुदाई के बाद रीमा ने सास से अपनी चुत और शरीर के बाल साफ करने के लिए कहा तो फिर सास बोली के तू ही करवा देना मुझे नहीं पता। फिर रीमा बोली के ठीक हैं। हम दोनों ब्यूटी पार्लर चलेंगी। मुझे भी बाल हटवाने हैं।
फिर हम तीनों बातें करते करते चाय पीने लगे। फिर जब सब उठने वाले हुए तो सास ने जाकर कपड़े पहन लिए और फिर मैं और रीमा भी एक्सरसाइज करने के लिए छत पर चले गए। फिर रीमा और मैं एक्सरसाइज करने लगे और पंडित रीमा को देखकर अपना लण्ड सहलाने लगा। उधर सास पनपे ससुर को चाय देकर आई और फिर जब वो अपने बेटे को उठाने गई तो देखा के वो नंगा सोया था और उसका लण्ड खड़ा था। अपने बेटे का खड़ा लण्ड देखकर सास उसका लण्ड गौर से देखने लगी और फिर अपने हाथ मे लेकर सहलाया भी। फिर वो उसे उठाकर कमरे से बाहर आ गई। ये सब बात मुझे सास ने बाद में बताई। फिर उस दिन रीमा का भाई भी एक्सरसाइज करने के लिए छत पर आ गया। रीमा को अपने भाई के सामने ही छोटे कपड़ो कपड़ो में एक्सरसाइज करते देख पंडित हैरान हो गया। फिर मैंने पंडित को बताया के मैंने रीमा को कई बार उसके भाई के सामने नंगी करके चोदा है। ये सुनकर पंडित गर्म हो गया। फिर एक्सरसाइज करके हम तीनों तो नीचे आ गए और फिर रीमा जाकर नहा आई। तब मेरा साला तो अपने कमरे में था और मैं किचन में सास के साथ। तब किचन में कोई आने वाला नहीं था तो मैंने सास को नंगी कर दिया था और सास के बदन को सहला रहा था। फिर आंगन में पंडित और ससुर आकर बैठ गए और बातें करने लगे। फिर थोड़ी देर बाद ही जब रीमा तैयार होकर कमरे से निकली तो हम सब उसे देखते ही रह गए। उसने आज नीचे एक थोड़ा ट्रांसपेरेंट लहंगा पहना था। जिसमे से उसकी गाँड साफ दिख रही थी और ऊपर छोटी से ब्रा पहनी थी जिसमें उसके बोबे समा ही नहीं रहे थे। रीमा को ऐसे देखकर तो पंडित के साथ साथ ससुर भी देखते रह गए। पर वो देखने के सिवा कर भी क्या सकते थे। फिर उधर रीमा का भाई भी नहाकर तैयार होकर वहां आ गया। तब तक मैं और सास किचन में नंगे ही थे। फिर नहाने के लिए मैं और सास छत पर आ गए और साथ मे मैं मेरे साले को भी ले आया। ताकि कोई मेरे और सास पर शक ना कर सके। फिर मेरा साला तो जाकर ऊपर कमरे में चला गया और फोन पर गेम खेलने लगा और मैं और सास बाथरूम में घुस गए।
हमने बाथरूम का गेट बंद भी नहीं किया था और सास मेरे पूरे शरीर पर साबुन लगाने लगी। पहले तो सास ने कपड़े पहने थे और वो पूरी भीग चुकी थी। लेकिन फिर मैंने सास को नंगी कर लिया और फिर हम दोनों नंगे ही नहाने लगे। फिर मैं सास की चुदाई करने लगा। चुदाई करने के बाद मैं तो नंगा ही बाथरूम से बाहर आ गया और फिर कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगा। फिर उधर सास भी नहाकर कपड़े पहनकर आ गई तो फिर हम तीनों नीचे चले गए और फिर हवन करने बैठ गए। फिर आज जैसे ही मंत्र जाप शुरू हुआ तो सबने आंखें बंद कर ली और मंत्र जाप करने लगे। तभी रीमा अपने सब कपड़े निकालकर बिल्कुल नंगी होकर बैठ गई। जब थोड़ी देर बाद पंडित ने आंखें खोली तो वो तो ये देखता ही रह गया। फिर रीमा अलग अलग पोज करने लगी। कभी वो घोड़ी बनती तो कभी घुटनो के बल खड़ी होकर अपने बोबो को सहलाने लग जाती। फिर तो वो खड़ी होकर नंगी ही आंगन में घूमने लगी। ये सब देखकर मैं और पंडित दोनो गर्म हो चुके थे। फिर जैसे ही मंत्र जाप खत्म हुए तो रीमा ने कपड़े पहन लिए। फिर इसके बाद खाना वगैरह खाकर पंडित नीचे कमरे में चला गया और ससुर बाहर वाले कमरे में चले गए और फिर साला भी बाहर चला गया तो फिर रीमा तो पंडित वाले कमरे में चली गई और मैं दूसरे कमरे में सास को लेकर चला गया। फिर मैं और पंडित उन दोनों माँ बेटी की चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद पंडित तो छत पर चला गया और फिर मैं सास और रीमा को लेकर ब्यूटी पार्लर चला गया। रीमा ने उस ब्यूटी पार्लर वाली को पहले ही फोन कर दिया था तो फिर जाते ही वो उन दोनों माँ बेटी की वैक्सिंग वगैरह करने लगे। इसके अलावा रीमा के कहने पर उन्होंने तो सास का लुक बिल्कुल चेंज कर दिया। अब सास गांव में रहने वाली नहीं बल्कि शहर में रहने वाली मॉडर्न औरत लग रही थी। सास इतनी सेक्सी और सुंदर लग सकती हैं ये तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था।
फिर शाम को हम तीनों घर आये तो ससुर भी सास को देखते ही रह गए। तब सास ससुर की बीवी नहीं बल्कि बेटी लग रही थी। फिर जब मेरा साला आया तो वो भी अपनी मम्मी को देखता ही रह गया। फिर शाम की आरती के बाद खाना वगैरह खाकर मैं और ससुर बातें करने लगे। फिर ससुर ने मुझसे कहा के उनके गांव में जमीन बिकाऊ हैं और उस जमीन को खरीदना उनकी इज्जत का सवाल है। अगर वो जमीन हम खरीद लेते है तो गांव में हमारी इज्जत और ज्यादा बढ़ जाएगी। फिर मैंने ससुर से उस जमीन की कीमत के बारे में पूछा और फिर मैंने अनुमान लगाया के इसमें कितना रुपया लगेगा। फिर मैंने 2-3 लोगो को फोन किया और फिर जमीन खरीदने के लिए रुपयों का जुगाड़ हो गया। फिर मैंने ससुर से कहा के वो जमीन अब हम खरीद लेंगे और मैं आपके नाम करवा दूंगा वो जमीन। ये सुनकर ससुर तो जैसे खुशी से उछल पड़े। फिर ससुर तो सोने चले गए और रीमा भी पंडित के साथ चली गई। तब सास किचन में थी तो मैंने सोचा के साले से थोड़ी बातें कर ली जाए। फिर मैं साले के कमरे में चला गया। फिर मेरा साला मुझसे कहने लगा उसे अपनी गर्लफ्रैंड की चुदाई के लिए कोई जगह चाहिए। बाहर तो कोई जगह मिल नहीं रही है। अगर मैं उसे चुपके से घर पर ले आऊं तो कैसा रहेगा। फिर मैंने कहा के ठीक है तो ले आओ फिर। फिर वो बोला के कहीं मम्मी कुछ न कहे। आप मेरी मम्मी से बात कर लो। फिर मैंने उससे कहा के तो इसके लिए तुम्हारी मम्मी को पटाना पड़ेगा। फिर वो बोला के आप चाहे जो करो। बस मेरा ये काम कर दो। फिर मैं बोला के ठीक है।
फिर मैं साले के कमरे से निकलकर सीधा सास के पास चला गया। सास ने तब घर का सब काम कर लिया था। फिर मैंने सास को साले वाली बात बताई तो वो मान गई और बोली के घर के पीछे एक दो कमरे खाली पड़े है। वो अपनी गर्लफ्रैंड को वहां लाकर रख सकता है। फिर मैं सास से लिप किस करने लगा और फिर मैंने सास से कहा के हम दोनों अभी जाकर ये बात उसे बता देते है तो फिर सास बोली के ठीक है। तब मैं और सास दोनो नंगे थे तो फिर सास ने अपना सूट पहन लिया। जिसका गला थोड़ा बड़ा था तो उनके बोबे आधे से ज्यादा दिख रहे थे। फिर हम दोनों ऐसे ही साले के कमरे की तरफ जाने लगे। जाते जाते सास मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर हम जैसे ही साले के कमरे में पहुंचे तो साला अपने कानों में हैडफ़ोन लगाकर आंखें बंद करके अपना लण्ड हिला रहा था। उसे हमारे आने का बिल्कुल भी पता नहीं चला। तब वो अपनी गर्लफ्रैंड से बात करते करते मूठ मार रहा था। फिर मैंने जाकर उसका हैडफ़ोन उसके कानों से हटाया तो फिर सामने अपनी मम्मी को देखकर वो घबरा गया और अपना लण्ड छुपाने लगा। लेकिन फिर मैंने उसे छुपाने नहीं दिया और कहा के अब अपनी मम्मी से क्या शर्माना। फिर ये सब देखकर सास मुस्कुराने लगी। फिर सास अपने बेटे का लण्ड देखते हुए उसके पास आकर बैठ गई और फिर उससे कहा के वो घर के पीछे वाले कमरे में अपनी गर्लफ्रैंड को ला सकता है। ये सुनकर तो साला बहुत खुश हुआ। फिर वो सास के गले से लग गया। फिर सास उसका मुंह अपने बोबो में देकर बोली के जा मजे कर। फिर सास ने उससे नाराज होकर कहा के तू सीधे मुझे ही कह देता ये बात। अपने जीजाजी से क्यों कहा। फिर वो बोला के मुझे शर्म आ रही थी आपको कहने में। फिर सास हँसकर बोली के अब शर्म छोड़ दे और जो बात हो वो सीधे मुझसे ही कहना।
फिर साला बोला के ठीक है। फिर सास के सामने ही मैं और साला अपना लण्ड सहलाने लगे। फिर सास साले का फोन हाथ मे लेते हुए बोली के कौन हैं लड़की। तो फिर जैसे ही फ़ोन अनलॉक हुआ तो सामने एक लड़की की नंगी फ़ोटो दिखाई दी। फिर वो फ़ोटो देखकर सास बोली के लड़की तो सुंदर है। फिर जब साले ने ये देखा तो उसने सास से फोन छिनने की कोशिश की लेकिन सास ने फोन नहीं दिया। फिर सास के हाथ से लेकर मैं भी उस लड़की की फ़ोटो देखने लगा। फिर हम तीनों काफी देर तक आपस मे बातें करते रहे। फिर हम दोनों साले के कमरे से वापिस आने लगे तो फिर मैंने साले का लण्ड पकड़कर कहा के अब तुम बड़े हो गए हो तो अब कुछ छुपाने की जरूरत नहीं हैं। फिर ये देखकर सास हँसने लगी। फिर हम दोनों उसके कमरे से बाहर आ गए। फिर जब हम अपने कमरे में जाने लगे तो ऊपर से रीमा नीचे आ रही थी। फिर मैंने उससे पूछा के वो नीचे कैसे आ गई तो उसने कहा के आज पंडित से ज्यादा कुछ हुआ ही नहीं। फिर हम तीनों कमरे में आ गए। फिर रीमा को मैंने साले वाली बात बताई तो वो भी खुश हुई। फिर सास नंगी हो गई तो फिर मैं उन दोनों माँ बेटी की चुत चाटने लगा। फिर जब वो दोनो गर्म हो गई तो फिर वो मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर मैं उन दोनों को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर पूरी रात मैंने उन दोनों की काफी चुदाई की। जिसमें हम तीनों को काफी मजा आया।
फिर सुबह जब हम उठे तो उठकर हम तीनों नंगे ही रहे। फिर सास नंगी ही जाकर ससुर और साले को चाय देकर आ गई और रीमा पंडित को चाय देने चली गई। फिर जब साला अपने कमरे से बाहर निकला तो सास ने रीमा के कहने पर ब्रा पैंटी पहन ली। फिर जब साले ने अपनी मम्मी को ब्रा पैंटी में देखा तो देखता ही रह गया। तब साला अंडरवियर में था तो फिर मेरे और सास के कहने पर साला अपना अंडरवियर खोलकर नंगा हो गया। फिर साले ने धीरे से मुझसे पूछा के आपने मम्मी को कैसे मनाया तो मैंने कहा के बस मना लिया। फिर मैं साले के सामने ही सास की नंगी कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया और सास भी मुझसे चिपक कर खड़ी हो गई। फिर उधर रीमा अपने भाई के साथ जाकर खड़ी हो गई। फिर रीमा ने अपने भाई के गले लगते हुए उसके सिर को अपने नंगे बोबो के बीच दबा लिया। उधर सास ने भी ऐसा ही किया। इस सबसे साला काफी खुश हुआ और उसकी शर्म दूर हो गई। फिर मैंने सास को अपनी बाहों में ले लिया तो फिर सास भी खुलकर मेरी बाहों में आ गई। फिर रीमा ने एक्सरसाइज करने के लिए चलने के लिए कहा तो फिर मैंने और साले ने तो सिर्फ अंडरवियर पहन लिए और रीमा ने ब्रा पैंटी पहन ली। फिर हम तीनों छत पर जाकर एक्सरसाइज करने लगे। फिर उधर पंडित लो तड़पाने के लिए रीमा अपने भाई के सामने ही पंडित को झुक झुक कर अपने बोबे दिखाने लगी। ये देखकर साला भी मजे ले रहा था। रीमा को देखकर पंडित का तो बुरा हाल हो रहा था। फिर साले और पंडित के सामने ही मैं और रीमा एक दूसरे से लिप किस करने लगे। ये देखकर तो पंडित का बुरा हाल हो गया था।
फिर मैंने रीमा से साले के सामने ही अपने बोबो को दिखाने के लिए कहा तो फिर रीमा ने एक्सरसाइज करते करते अपने दोनो बोबो को ऐसे बाहर निकाला जैसे के वे अपने आप बाहर निकल आये हो। ये देखकर तो पंडित का मुंह खुला का खुला रह गया और हम तीनों हँसने लगे। फिर एक्सरसाइज के बाद हम जैसे ही नीचे गए तो आंगन में ससुर बैठे थे। ससुर अपनी बेटी को ऐसे ब्रा पैंटी में देखकर देखते ही रह गए। तब मैंने रीमा की कमर में हाथ भी डाल रखा था। फिर ससुर को देखकर रीमा बिना शरमाये ही घूमने लगी और फिर वो नहाने चली गई। फिर मैं कुछ देर ससुर के पास बैठकर बातें करने लगा। उधर साला अपने कमरे में चला गया। फिर इतने में पंडित आ गया तो फिर मैं किचन में सास के पास चला गया। फिर कुछ देर बाद जब रीमा नहाकर आई तो वो सिर्फ ब्रा पैंटी में थी और फिर वो अपने कमरे में चली गई। उधर फिर साला नहाने चला गया। फिर कुछ देर बाद रीमा तैयार होकर आई तो उसने हमेशा की तरह लहंगा चोली ही पहना और उसने अपनी मम्मी से भी आज यही पहनने के लिए। फिर रीमा, मैं और सास तीनो छत पर चले गए। फिर मैं और सास नंगे होकर नहाने लगे। फिर नहाने के बाद रीमा ने सास को लहंगा और ऊपर एक डिज़ाइनर ब्रा पहनाई। जिसमे सास बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी। जिस कारण मैंने एक बार तो सास की चुदाई वहीं कर दी थी। फिर हम तीनों नीचे गए तो सब सास को ही देख रहे थे। सास के बड़े बड़े बोबे आधे से ज्यादा दिख रहे थे। मन कर रहा था के सास को वहीं पटक कर चोदने लग जाऊं।
लेकिन फिर मैंने खुद पर कंट्रोल किया। फिर हवन वगैरह होने के बाद सबने खाना खाया और फिर पंडित और ससुर के जाने के बाद मैं, साला और रीमा तो एकदम नंगे हो गए और सास ने अपना लहंगा खोल दिया। तब सास ने नीचे ऐसी पैंटी पहन रखी थी जिसमे उनकी आधी गाँड दिख रही थी। लेकिन अब साले को इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं था। फिर सास के कहने पर एक डबल बेड और एक बिस्तर साला पीछे वाले कमरे में छोड़ आया। फिर उसके साथ मैं और रीमा भी चले गए। फिर रीमा ने अपने भाई से कहा के तू आज चुत के मजे लेने वाला है। ये सुनकर साला मुस्कुराने लगा। फिर हम तीनों बेड पर लेटकर बातें करने लगे। फिर रीमा मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर रीमा ने अपने भाई से हमारी सेक्स वीडियो बनाने के लिए कहा तो फिर रीमा घोड़ी बन गई और मैं रीमा की गाँड मारने लगा और वो हमारी वीडियो बनाने लगा। तब रीमा ऐसे एक्टिंग कर रही थी जैसे के वो पोर्न फिल्मों में काम करती हो। फिर मैं रीमा की अलग अलग पोज में चुदाई करता रहा और मेरा साला वीडियो बनाता रहा। तभी वहां सास भी आ गई। पर हम अपना काम करते रहे। सास भी अपनी बेटी को ऐसे चुदते देख गर्म हो गई। फिर सास और मेरा साला वो दोनो मां बेटे अपनी चुत और लण्ड को सहलाने लगे। फिर जब मैं और रीमा झड़ गए तो फिर रीमा अपने भाई के पास गई और फिर उसके हाथ से फोन लेकर अपनी चुदाई की वीडियो देखने लगी। फिर इतना ही नहीं फिर हम फोटोशूट करने लगे। रीमा ने अपने भाई के साथ अपनी खूब नंगी फ़ोटो खिंचवाए। और फ़ोटो भी ऐसे ऐसे के पूछो मत। रीमा अपने भाई की बाहों में बाहें डालकर खड़ी हो गई और फिर अपने भाई के मुंह में अपना निप्पल दे दिया। फिर रीमा ने अपने भाई के हाथ अपने बोबो और अपनी गाँड पर रखकर भी फ़ोटो खिंचवाए। फिर रीमा अपने भाई को लेकर बिस्तर में लेट गई और ऊपर से रजाई ले ली। फिर रीमा अपने भाई के लण्ड को अपनी गाँड से सहलाने लगी तो वो झड़ गया। तब जाकर मेरे साले को शांति मिली। लेकिन रीमा अपने भाई के साथ ऐसे ऐसे सेक्सी पोज में फ़ोटो खिंचवा रही थी के किसी मुर्दे का भी लण्ड खड़ा हो जाये।
फिर तो मेरा साला भी बेशर्म होकर अपनी बहन के बदन को सहलाने लगा। ये सब देखकर तो सास और मेरा बुरा हाल हो चुका था। लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी। फिर रीमा ने मुझे और सास को फ़ोटो खिंचवाने के लिए कहा। फिर मैं सास को अपनी बाहों में लेकर फ़ोटो खिंचवाने लगा। पहले पहले तो सब फ़ोटो नॉर्मल ही थी। लेकिन आगर क्या क्या होने वाला था ये तो भगवान ही जानता था। फिर रीमा मुझे और सास को सेक्सी पोज देकर फ़ोटो खिंचवाने के लिए कहा और फिर उसने मुझे सास के बोबो पर हाथ रखने के लिए कहा तो फिर मैंने ऐसा ही किया। फिर मेरे हाथ कभी सास के बोबो पर तो कभी सास की गाँड पर होते। फिर रीमा के कहने पर सास भी कभी अपनी छाती आगे की तरफ निकाल लेती तो कभी पीछे से अपनी गाँड। अपनी मम्मी को ऐसे देखकर मेरा साला तो अपना लण्ड सहलाने लगा था। फिर रीमा ने मुझे और सास को रजाई।लेकर बेड पर लेटने के लिए कहा तो हमने ऐसा ही किया। मैं और सास एक दूसरे से चिपक कर लेट गए। फिर कभी सास मेरे ऊपर तो कभी मैं सास के ऊपर लेटकर फ़ोटो खिंचवाई। फिर रीमा के कहने पर मैं साले के सामने ही सास की गाल और गर्दन पर किस करने लगा। मैं और सास अब थोड़े बेशर्म हो चुके थे। सास भी रीमा और साले के सामने बेशर्म होकर मुझसे चिपक रही थी। फिर मैं और सास उठकर बैठ गए और फिर एक दूसरे की आंखों में देखने लगे जैसे के हम पति पत्नी हो। फिर ऐसे रीमा हमारी फ़ोटो खींचने लगी। फिर रीमा ने सास को अपनी पैंटी खोलकर मुझे देने के लिए कहा। ये सुनकर मैं और सास हँसने लगे। लेकिन फिर सास ने रजाई में बैठे बैठे ही अपनी पैंटी खोली और एक हाथ से मुझे देने लगी। फिर तभी रीमा ने हमारी एक फोटो खींची। फिर रीमा के कहने पर मैं सास की पैंटी सूंघने लगा। ये सीन तो बहुत ही ज्यादा कामुक था। लेकिन आगे तो और भी बहुत कुछ होने वाला था।
फिर रीमा ने अपनी मम्मी से कहा के वो अपनी चुत पर हाथ रखकर अपने पैरों को रजाई से बाहर निकालकर बैठ जाये तो सास ने ऐसा ही किया। सास ने एक हाथ से अपनी चुत छुपा रखी थी और उनकी दोनो नंगी टांगे बिस्तर पर थी। फिर रीमा ने मुझे सास की टांगे चूमने के लिए कहा तो फिर मैं वैसे ही करने लगे। फिर रीमा ने इसकी फोटो ली। फिर रीमा ने सास को मेरी तरफ पीठ करके बैठने के लिए कहा तो फिर सास हम सबकी तरफ पीठ करके बैठ गई। फिर रीमा के कहे अनुसार मैंने सास की ब्रा के हुक खोले और फिर सास ने अपनी ब्रा खोलकर पूरी उतार दी। अब तो सास पूरी नंगी हो चुकी थी। फिर रीमा ने अपनी मम्मी एक हाथ अपनी चुत पर और एक हाथ अपने बोबो पर रखकर सामने की तरफ मुँह करके बैठने के लिए कहा तो।फिर सास ने वैसा ही किया। अपनी मम्मी कक ऐसे देखकर मेरा साला तो देखता ही रह गया था। फिर रीमा ने रजाई लेकर लेटने के लिए कहा तो फिर मैं मेरे और सास के ऊपर रजाई लेकर लेट गया। अब सास पूरी नंगी मुझसे चिपकी हुई थी। फिर मैं और सास रजाई में एक दूसरे के लण्ड और चुत सहलाने लगे थे। फिर मैं सास के ऊपर चढ़कर सास की गर्दन और सास के बोबो पर किस करने लगा। इसी बीच सास ने मेरा लण्ड पकड़कर अपनी चुत में डाल लिया। फिर रीमा के कहे अनुसार सास ने अपने दोनो बोबो को अपने हाथों से छुपा लिया। फिर सास मेरे ऊपर आकर मेरा लण्ड लेकर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। अब रीमा हम दोनों की वीडियो बनाने लगी थी। फिर सास के बोबो पर मैंने हाथ रख दिये टी सास ने अपने हाथ हटा दिए और फिर मैं सास के बोबो को दबाने लगा। ये देखकर तो रीमा और साला दोनो अपने लण्ड और चुत जोर जोर से सहलाने लगे थे। उधर मैं और सास पूरे गर्म हो चुके थे। तो फिर उधर रीमा ने सास को घोड़ी बनने के लिए कहा तो सास घोड़ी बन गई और फिर पीछे से मैं सास की चुत मारने लगा। तब रजाई तो हमारे ऊपर से उतर चुकी थी तो फिर रीमा और साले को सास की गाँड साफ दिखाई दे रही थी और मैं उनके सामने ही सास की गाँड पर हाथ फेर रहा था। फिर रीमा ने सास से फ़क मी फक मी बोलने के लिए कहा और जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने के लिए कहा तो फिर सास ने वैसा ही किया। ये देखकर तो साले के लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी और वो झड़ गया। उधर रीमा भी अपनी चुत में उंगली करने लगी थी। फिर मैं सास के दोनो हाथों और सिर के बालों को पीछे की तरफ पकड़कर चोदने लगा।
इस पोज में तो सास पूरी रंडी लग रही थी। फिर मैं झड़ गया और सास तो कई बार झड़ चुकी थी। फिर झड़ने के बाद सास जब घुटनो के बल खड़ी हुई तो उनकी चुत से मेरे लण्ड का पानी निकल रहा था। फिर ये देखकर रीमा ने सास को बेड पर सीधा लेटाया और फिर सास की चुत चाटने लगी। फिर चुत चाटकर साफ करने के बाद सास मुझसे आकर चिपक गई और अपना सिर मेरी छाती पर रख लिया। तब सास अपने जवान बेटे के सामने मेरे साथ बिल्कुल नंगी खड़ी थी। तब दोपहर से ज्यादा ही समय हो चुका था तो फिर हम चारो नंगे ही पीछे से घर मे आ गए और किचन में चले गए। अब साले को भी समझ आ चुका था के उसकी मम्मी कैसे मान गई थी। उसे तो बस अब रात का इंतजार था। फिर सास चाय बनाने लगी और हम तीनों खड़े खड़े ही बातें करने लगे। साला तो अपनी मम्मी के नंगे बदन को ध्यान से देख रहा था। फिर चाय बनने के बाद हम चारो वहीं चाय पीने लगे। फिर सास ने अपने बेटे से पूछा के रात को उसकी गर्लफ्रैंड कब आएगी तो साले ने खुश होकर बताया के वो उसे रात को 8 बजे लेकर आएगा। ये सुनकर फिर सास हँसकर बोली के तो फिर रात को खूब मजे करना। ये सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर साला तो चाय पीकर अपने कमरे में चला गया और रीमा पंडित के पास चली गई और फिर मैं और सास किचन में ही फिर से चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद मैं सास को उठाकर कमरे में ले गया और फिर हम लेट गए।
फिर शाम को जब आरती का टाइम हुआ तो फिर तो सास और रीमा दोनो मां बेटी सज धजकर नई नवेली दुल्हन की तरह तैयार हुई। तब वो दोनो काफी सेक्सी लग रही थी। ससुर भी सास के रंग ढंग देखकर शायद समझ चुके थे के वो मुझसे चुद चुकी है। फिर बाकी सब तो पूजा में लगे थे पर पीछे की तरफ मैं और सास एक दूसरे से चिपक कर खड़े थे। फिर पूजा के खत्म होने के बाद खाना वगैरह खाने के बाद पंडित और ससुर तो अपने अपने कमरों में चले गए और सास और रीमा घर के कामो में बिजी हो गई। फिर मैं और साला पीछे की तरफ चले गए। फिर साले को मैं उसकी बहन की दो तीन गैर मर्दो से चुदाई की वीडियो दिखाते हुए बोला के वो गैर मर्दो से भी चुदवाती है तो ये देखकर वो बोला के वो तो एकदम चुदक्कड़ बन चुकी है। जीजू आप उसकी अच्छे से चुदाई किया करो। फिर वो बोला के ये अच्छा हुआ जो आपने मम्मी को पटा लिया। अब मैं भी खुलकर मजे कर सकूंगा। ये सुनकर हम दोनों काफी खुश हुए। फिर साले के पास उसकी गर्लफ्रैंड का फोन आ गया तो वो उसे लाने के लिए चला गया और फिर मैं वहां से आ गया। तब रीमा भी पंडित के कमरे में जा चुकी थी तो फिर मैं ससुर के कमरे में चला गया तो फिर सास भी वहां आकर बैठ गई। फिर हम तीनों बातें करने लगे। तब सास बिल्कुल खुलकर बातें कर रही थी। वो काफी हंस हंस कर बात कर रही थी। फिर जब रात ज्यादा हो गई तो फिर ससुर सो गए और मैं और सास वहां से आ गए। फिर आने के बाद मैं और सास चुदाई करने लगे। उस रात हमने काफी चुदाई की।
फिर सुबह सास तो जल्दी उठकर घर के कामों में लग गई। फिर थोड़ी देर बाद मैं भी उठ गया तो फिर मैं सास के साथ साथ ही घूमने लगा और सास से मस्ती करने लगा। फिर जब मैं और सास गर्म हो गए तो फिर मैं सास की आंगन में ही चुदाई करने लगा। तब थोड़ा दिन निकल चुका था और मैं और सास आंगन में ही बेशर्मो की तरह चुदाई कर रहे थे। फिर तभी मेरा साला वहां आ गया। लेकिन उसे देखकर मुझे और सास को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा और हम ऐसे ही चुदाई करते रहे। फिर रीमा भी ऊपर से आ गई और वो नंगी ही थी। उसे ऊपर से नंगी आता देखकर साला समझ चुका था के वो पंडित से चुदवाकर आई है। फिर थोड़ी देर के बाद मैं और सास झड़ गए तो झड़ने के बाद सास के चेहरे पर अलग ही मुस्कान थी। फिर हम चारो किचन में चले गए। फिर सास ने चाय उबलने के लिए रख दी और फिर वो अपने बेटे के पास जाकर खड़ी हो गई और उससे रात के बारे में पूछने लगी तो उसने बताया के रात को उसने अपनी गर्लफ्रैंड के साथ काफी मजे किये। फिर सास नंगी ही अपने बेटे के गले लग गई। फिर सास फिर से चाय बनाने लगी। फिर रीमा अपने भाई के पास चली गई तो फिर वो दोनो एक दूसरे की गालों पर किस करने लगे। फिर रीमा ने अपने भाई का एक हाथ पकड़कर अपने बोबो पर रख दिया और फिर दूसरा हाथ अपनी गाँड पर रख दिया तो फिर मेरा साला हम सबके सामने ही अपनी बहन के बदन को सहलाने लगा। फिर मैंने भी सास को अपनी बाहों में ले लिया और फिर मैं भी सास के बदन को सहलाने लगा। फिर मैंने पीछे से सास की गाँड में उंगली डाल दी। जिससे सास हँसने लगी। फिर चाय बनने के बाद सास के कहने पर साला ससुर और पंडित को चाय देने चला गया। फिर पीछे से मैंने रीमा को बता दिया के उसके भाई को उसके गैर मर्दो से चुदाई के बारे में सब पता है। फिर ये सुनकर रीमा बोली के तो आज पंडित के सामने नंगी ही एक्सरसाइज करूंगी। ये सुनकर तो मैं थोड़ा गर्म हो गया।
फिर चाय वगैरह पीने के बाद मैं, रीमा और साला तीनों छत पर चले गए। तब रीमा ने पहले तो ब्रा पैंटी पहन ली थी। लेकिन फिर जब पंडित हमारे पास आया तो फिर उसे देखकर रीमा ने अपनी ब्रा पैंटी उतार दी और फिर बिल्कुल नंगी होकर एक्सरसाइज करने लगी। फिर ऊपर से साला रीमा के बोबो के निप्पल को पकड़कर खींचने लगा और मैं रीमा की चुत को सहलाने लगा। ये देखकर तो पंडित बेहोश होते होते रह गया। फिर इसके बाद मैं और साला भी नंगे हो गए और फिर हम रीमा को बीच मे खड़ी करके एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर खड़े हो गए। ये देखकर तो पंडित देखता ही रह गया। फिर रीमा पंडित के सामने ही मेरा और अपने भाई का लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। मेरा और साले का लण्ड तब पूरा खड़ा था। फिर रीमा अपनी चुत सहलाती हुई पंडित के पास गई जो कि हमसे थोड़ा दूर खड़ा था। फिर उसके पास जाते ही रीमा ने उसके कपड़े खोलकर उसे नंगा कर दिया और फिर उसका खड़ा लण्ड सहलाने लगी। अपनी बहन को पंडित का लण्ड सहलाते देख साला तो देखता ही रह गया। फिर रीमा कमरे में जाने लगी और हम तीनों मर्द उसके पीछे पीछे अपना लण्ड सहलाते हुए चलने लगे। फिर कमरे में पहुंचकर हमने कमरे का गेट बंद कर दिया और फिर रीमा हम तीनों मर्दो के खड़े लण्ड देखकर मुस्कुराने लगी। फिर रीमा जाकर पंडित से चिपक गई तो फिर पंडित रीमा के बदन को सहलाने लगा। फिर मैंने साले को भी रीमा के पा जाने के लिए कहा तो फिर वो जाकर भी अपनी बहन के बदन को सहलाने लगा। फिर मैं भी उन सबके पास जाकर रीमा के बदन को सहलाने लगा। फिर रीमा पंडित का लण्ड चुसने लगी और अपने हाथों से मेरा और अपने भाई का लण्ड हिलाने लगी। इसी तरह उसने बारी बारी से हम तीनों का लण्ड चूसा। फिर रीमा घोड़ी बन गई तो फिर पंडित पीछे से रीमा की चुत मारने लगा। रीमा की चुत में पंडित का लण्ड देखकर तो साला बहुत गर्म हो गया था। फिर पंडित तब ही झड़ गया तो इसके बाद मैं नीचे लेट गया और रीमा मेरा लण्ड अपनी चुत में लेकर मेरे ऊपर उल्टी लेट गई। फिर मैंने साले से पीछे से अपनी बहन की गाँड में लण्ड डालने के लिए कहा तो उसने ऐसा ही किया। फिर हम दोनों एक साथ रीमा की चुदाई करने लगे। जिसमे रीमा के साथ साथ हम दोनो को भी काफी मजा आ रहा था और पंडित भी देखकर मजे ले रहा था। फिर काफी देर की घमासान चुदाई के बाद पहले साला झड़ गया और फिर मैं और रीमा भी झड़ गए। फिर रीमा खुश होकर बोली के काफी दिनों के बाद तीन मर्दो से एकसाथ चुदकर बहुत मजा आया। फिर पंडित रीमा की चुत और गाँड चाटकर साफ करने लगा।
फिर हम चारो बातें करने लगे। फिर हमारा मूड फिर बन गया तो फिर हम चुदाई करने लगे। चुदाई के कारण उस दिन हम थोड़ा लेट हो गए तो फिर हम चारो एक साथ ही ऊपर बने बाथरूम में घुस गए और नहाने लगे। नहाते टाइम हमने रीमा के बदन को खूब सहलाया। फिर नहाने के बाद मैं, रीमा और साला तीनो नंगे ही नीचे आ गए। तब सास भी नहा चुकी थी और वो कमरे में थी। फिर साला तो अपने कमरे में चला गया और फिर मैं सास और रीमा के बदन पर क्रीम लगाने लगा। साथ में रीमा चुदाई के बारे में बताने लगी। फिर उस दिन रीमा ने एक नेट वाली ब्रा और नेट वाला ही लहंगा पहना। जिसमे से उसका बदन काफी हद तक दिख रहा था। उधर सास ने भी एक सेक्सी ब्रा और लहंगा पहना। फिर जब हम सब तैयार होकर आंगन में आये तो सब रीमा को ही देख रहे थे। फिर हवन शुरु हुआ तो सास और ससुर तो अगर की तरफ बैठे थे। इस बात का फायदा उठाकर रीमा नंगी होकर बैठ गई। फिर मैं और साला भी नंगे हो गए तो फिर रीमा हम दोनों के लण्ड सहलाने लगी। फिर मैं तो वहीं रीमा को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। ये सब देखकर तो पंडित भी गर्म हो गया। फिर साला भी गर्म हो चुका था तो फिर हम तीनों उठकर कमरे में चले गए और फिर रीमा की एक साथ चुदाई करने लगे। फिर जब हम तीनों झड़ गए तो फिर हम वापिस हवन में आकर बैठ गए। फिर पंडित पेशाब करने के बहाने से उठकर जाने लगा तो उसने रीमा की तरफ देखा तो फिर रीमा खड़ी होकर उसके साथ चली गई। फिर वो जाकर चुदाई करने लगे और फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनो आ गए। तब तक सास और ससुर आंखें बंद करके बस मंत्र जाप ही कर रहे थे। फिर रीमा ने कपड़े पहन लिए। पंडित सास को भी ऐसे कपड़ो में देखकर हैरान था। फिर उसने मुझसे कहा के अगर तुम्हारी सास मान जाए तो हम एक पूजा रखते है जिसमे हम सब नंगे ही होंगे। फिर मैंने उससे कहा के सास तो तैयार ही है। मैं तुम्हे शाम को बताऊंगा इस बारे में। फिर उस दिन खाना वगैरह खाने के बाद मैं और ससुर उस जमीन का सौदा करने के लिए बाहर चले गए। उस दिन जमीन खरीदने की सब फॉर्मेलिटी हो गई और मैंने सब पैसे दे दिए और जमीन ससुर के नाम हो गई। उस दिन ससुर काफी खुश हुए। फिर जब हम घर आये तो ससुर अपने साथ एक दारू की बोतल आये और फिर शाम होते ही वो अपने कमरे में बैठकर दारू पीने लगे।
दारू पीने के कारण वो पूजा में नही आ सकते थे तो फिर इस बात का हमने फायदा उठाया। फिर नंगे होकर पूजा करने वाली बात मैंने जब सास, रीमा और साले को बताई तो वो मान गए। फिर मैंने पंडित को भी इस बारे में बता दिया। फिर शाम को पूजा के टाइम मैं, साला और पंडित तो पूरे नंगे हो गए और उधर रीमा भी पूरी नंगी थी और सास ने ब्रा पेंटी पहन ली थी। फिर पंडित पूजा करने लगा। ऐसे नंगे होकर पूजा करने में हम सबको काफी मजा आ रहा था। फिर पूजा करते टाइम मैंने सास की ब्रा पैंटी खोलकर सास को भी पूरी नंगी कर दिया। फिर मैं तो सास के बोबो को सहलाने लगा और उधर साला भी रीमा के बोबो को सहलाने लगा। ये देखकर पंडित का लण्ड तो खड़ा होना ही था। फिर पूजा के बाद पंडित भी रीमा के बदन को सहलाने लगा। फिर मैं तो सास की चुदाई करने लगा और उधर पंडित और साला भी रीमा की चुदाई करने लगे। फिर मैंने साले को अपने पास बुलाया और फिर सास को साले की बाहों में दे दिया। फिर साला अपनी मम्मी के बड़े बड़े बोबो को और चुत को सहलाने लगा। उधर सास भी अपने बेटे के लण्ड को सहलाने लगी। फिर सास नीचे लेटकर अपने दोनो पैर खोलकर अपनी चुत अपने बेटे के सामने कर दी तो फिर साला अपनी मां की चुत मारने लगा। तब उन दोनों को काफी मजा आ रहा था। फिर ज्यादा गर्म होने के कारण साला तो जल्दी ही झड़ गया तो फिर मैं सास की चुत मारने लगा। उधर पंडित भी झड़ चुका था तो फिर रीमा हमारे पास आकर अपनी मां की चुत में जाते हुए मेरे लण्ड को चाटने लगी। फिर वो अपने भाई का लण्ड चुसने लगी। फिर मैंने सास को अपने ऊपर बैठा लिया तो सास उछल उछल कर मेरा लण्ड लेने लगी। ये देखकर तो साले का लण्ड लाज़मी खड़ा होना ही था। फिर उधर रीमा भी अपने भाई के लण्ड लर चढ़कर ऐसे ही उछलने लगी। घर मे एक छोटे से कमरे में पूजा घर बना था और हम सब उसी में चुदाई कर रहे थे। तब पूजा घर मे उन दोनों माँ बेटियों की सिस्कारियाँ की आवाजें ही सुनाई दे रही थी।
फिर जब हम सब झड़ गए तो रीमा और सास काफी खुश हुई। फिर मैंने सास की चुत पंडित से चटवाई। उस दिन हम शाम को 6 बजे के लगभग पूजा करने लगे थे और हमें 10 बज गए थे रात को। फिर पूजा के बाद हम सबने खाना खाया। ससुर को खाना वगैरह सब पहले ही दे दिया था तो वो दारू पीकर खाना खाकर सो गए थे। फिर उस दिन साले की गर्लफ्रैंड नहीं आई थी तो फिर हम सब एक कमरे में ही लेट गए। फिर पंडित सास के ऊपर जाकर सास के बदन को चूमने लगा। ये देखकर तो साला फुल गर्म हो गया। फिर साले और मैंने मिलकर सास की एक साथ चुदाई की। सास को ऐसे दो मर्दो से एक साथ चुदकर काफी मजा आया। फिर जब पंडित सास की चुदाई करने लगा तो वो तो लण्ड अंदर डालते ही झड़ गया। फिर रात काफी हो चुकी थी तो सास मेरे और पंडित के बीच सो गई और रीमा अपने भाई के साथ सो गई। फिर अगली सुबह ससुर जल्दी उठ गए तो वो हम सबको आवाज देने लगे। फिर उनकी आवाज सुनकर हम सबको जाग आई तो फिर सास जल्दी से कपड़े पहनकर बाहर गई तो ससुर उन्हें चाय बनाने का कहकर वापिस चले गए। हालांकि उस दिन 7 दिन पूरे हो चूके थे। तो फिर मैं और पंडित उठकर ससुर के पास कमरे में जाकर बैठ गए। ससुर काफी खुश थे। फिर वो पंडित से बोले के तुम्हारे किये हवन और पूजा के कारण हमें काफी फायदा हुआ है। हालांकि फायदा हम सभी को हुआ था और हम सब खुलकर मजे कर रहे थे। फिर ससुर ने पंडित से कहा के तुम 7 दिन और हमारे घर पर रहकर पूजा और हवन करो। तो ये सुनकर पंडित काफी खुश हुआ और बोला के जैसा आप कहो। फिर ये बात जब मेरे साले, रीमा और सास को पता चली तो वो भी काफी खुश हुई। फिर उस दिन चाय वगैरह पीकर रीमा, पंडित और साला तो छत पर चले गए और मैं और सास नीचे ही रहे। फिर मैंने सास से कहा के हम ससुर के सामने चुदाई कर लेते है। अब ससुर भी खुश है तो वो कुछ नहीं कहेंगे। फिर ये सुनकर सास बोली के आपने उन्हें जमीन जो दिलवा दी है अब तो वैसे भी कुछ नहीं कहेंगे। फिर ये सुनकर मैं और सास मुस्कुराने लगे। तब ससुर कमरे में ही थे तो भी सास नंगी होकर ही आंगन में घूम रही थी। फिर वो नहाकर सिर्फ ब्रा पैंटी में कमरे में जा रही थी तो तभी ससुर आंगन में आ गए और जब उन्होंने सास हो ऐसे देखा तो कुछ नहीं कहा और बस सास को किसी काम का कहकर वापिस चले गए।
फिर उस दिन हवन करते टाइम ससुर आगे बैठे रहे और पीछे मैं और साला सास और रीमा से मजे लेते रहे। तब सास और रीमा दोनो एकदम नंगी होकर बैठ गई थी। फिर जब हवन खत्म हुआ तो खाना वगैरह खाने के बाद साला तो बाइक लेकर कहीं चला गया। फिर सास ने ससुर से नई वाली जमीन दिखाकर लाने के लिए कहा तो फिर ससुर तैयार हो गए। फिर मैं, सास और ससुर तीनो गाड़ी लेकर वो जमीन देखने के लिए चले गए। तब सास ने ऊपर सिर्फ एक ब्रा और निचे लहंगा पहना था। वो तब बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी। जब सास ऐसे कपड़ो में हमारे साथ गई तो फिर ससुर ने भी कुछ नहीं कहा। पीछे घर पर रीमा पंडित के साथ अकेली रह गई थी तो फिर उन दोनों ने भी काफी मजे किये। फिर हम तीनों उस जमीन पर पहुंच गए। उस जमीन पर खेती होती थी तो खेत मे सरसों की फसल खड़ी थी। संयोग से उस दिन खेत मे और आसपास कोई नहीं था। फिर हम तीनों खेत मे घूमने लगे। खेत मे घूमते घूमते फिर एक जगह पर सास मेरे और ससुर के सामने ही अपने लहंगे को ऊपर उठाकर पेशाब करने लगी। तब सास की नंगी गाँड देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। फिर पेशाब करके सास झुककर खड़ी हो गई और अपनी चुत पर हाथ फेरने लगी। ये देखकर मैं और ससुर एक दूसरे के तरफ देखने लगे। लेकिन फिर मैंने बिना शर्माते हुए अपना लण्ड निकालकर जाकर सीधा सास की चुत में डाल दिया और ससुर के सामने ही सास की चुत मारने लगा। हालांकि ससुर को शायद हम पर पहले ही शक हो गया था तभी उन्होंने हमसे कुछ नहीं कहा और मैं सास की चुदाई करता रहा। फिर ससुर वहीं हमारे सामने ही अपना लण्ड बाहर निकालकर पेशाब करने लगे। फिर चुदाई के बाद मैं सास की चुत में ही झड़ गया तो फिर सास की चुत से मेरा पानी बाहर निकलने लगा। फिर सास सीधी खड़ी हो गई और मेरे लण्ड को देखकर मुस्कुराने लगी। फिर सास भी लहंगा ऊपर करके अपनी चुत सहलाने लगी। फिर ये सब देखकर ससुर मुझसे बोले के मैं तो इसकी बहुत चुदाई कर चुका हूँ अब तुम ही सम्भालो। हालांकि हमारी चुदाई देखकर ससुर का लण्ड थोड़ा खड़ा हो चुका था और वो अपना लण्ड सहला भी रहे थे। फिर ससुर के मुंह से ये सुनकर सास हँसने लगी।
फिर हम वापिस घर आने लगे। अब मैं और सास काफी खुश थे। फिर घर पर आने के बाद ये बात हमने किसी को नहीं बताई। मैंने ही सास से कहा था के वो किसी को ना बताए। फिर जमीन देखकर वापिस आने के बाद ससुर तो गांव में ही किसी के घर पर चले गए थे तो फिर पीछे से मैं, सास, रीमा और पंडित छत पर चुदाई करने लगे। पंडित का बेचारे का पेट कुछ ज्यादा ही बड़ा था इस कारण उससे अच्छी तरह से चुदाई नहीं हो पाती थी। वो बहुत ज्यादा गर्म हो जाता और फिर जल्दी ही झड़ जाता था। फिर ससुर तो घर पर नहीं थे तो फिर सास और रीमा ने घर पर ही कई जगह अपना फ़ोटो शूट करवाया। उन दोनों ने साथ मे भी अपना फ़ोटो शूट करवाया। इस तरह शाम तक हम मस्ती करते रहे। फिर शाम को पूजा के बाद खाना खाकर रीमा तो पंडित के साथ चली गई, साला अपनी गर्लफ्रैंड को लाने चला गया। फिर उस रात सास मेकअप वगैरह करके अच्छे से तैयार हुई। वो तब काफी सेक्सी लग रही थी। फिर हम दोनों ससुर के कमरे में चले गए। तब ससुर बेड पर लेटे थे। फिर कमरे में जाने के बाद सास और मैं नंगे होकर जाकर ससुर के पास लेट गए। सास हम दोनों के बीच लेट गई थी। फिर सास ने ससुर को भी नंगा कर लिया था। फिर सास ससुर और मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर सास ने एक सेल्फी ली जिसमें हम तीनों नंगे नजर आ रहे थे। फिर ससुर सास के बदन को सहलाने लगे। फिर ससुर सास की चुत पर अपना आधा खड़ा लण्ड रगड़ने लगे। बीमारी के कारण ससुर कमजोर हो चुके थे। जिस कारण वो सेक्स नहीं कर पा रहे थे। फिर सास ससुर के ऊपर चढ़ गई और उन्हें अपने बोबे चुसवाने लगी। फिर सास अपनी चुत से ससुर का लण्ड रगड़ने लगी तो थोड़ी देर बाद ही ससुर का पानी निकल गया। फिर सास मेरे ऊपर आ गई और मेरी बॉडी को चूमने लगी। फिर वो मेरे लण्ड को पूरा मुँह में लेकर चुसने लगी। सास को ऐसे करते देख ससुर तो देखते ही रह गए। फिर सास मेरा लण्ड अपनी चुत में लेकर ऊपर नीचे होने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मैं सास के ऊपर जाकर सास की चुदाई करने लगा। जिससे सास की सिस्कारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी। फिर मैंने सास को घोड़ी बनाकर भी चोदा। फिर चुदाई के बाद सास ससुर की तरफ करवट लेकर लेट गई और मैं पीछे से सास से चिपक कर लेट गया। फिर हम सो गए।
फिर सुबह मैं और सास जल्दी उठकर किचन में चले गए। फिर जब साला और रीमा आये तो हमने उन्हें वो रात वाली फ़ोटो दिखाई तो वो फ़ोटो देखकर तो उन दोनों के होश उड़ गए। फिर वो पूछने लगे के ये कैसे हुआ तो मैंने और सास ने सब बताया। जिसे सुनकर वो दोनो गर्म हो गए। फिर उन दोनों ने पूछा के क्या हमने ससुर को उनके बारे में भी बता दिया तो फिर मैंने कहा के नहीं बताया। उन्हें धीरे धीरे अपने आप ही पता चल जाएगा। फिर ससुर की दवा खत्म होने वाली थी तो फिर मैं और रीमा ससुर को लेकर शहर चले गए। फिर दवा वगैरह लेने के बाद शाम हो चुकी थी तो हम होटल में चले गए। हम तीनों ने एक ही कमरा बुक करवाया था। फिर मैंने रीमा से कहा के मैं आज तुम्हे तुम्हारे पापा के सामने नंगी करके चोदने वाला हूँ। ये सुनकर रीमा थोड़ी गर्म भी हो गई और उसे थोड़ी शर्म भी आ रही थी। फिर मैंने रीमा को एक ब्रा पैंटी पहनने के लिए दी। जिसमे सिर्फ रीमा की चुत और निप्पल ही कवर हो रहे थे और पूरी बॉडी दिख रही थी। पहले तो रीमा उसे पहनने के लिए मना कर रही थी लेकिन फिर मेरे कहने पर उसने पहन ली। जब रीमा वो ब्रा पैंटी पहनकर आई तो तब पहले से ही मैं और ससुर बेड पर बैठे थे और खास बात ये थी कि हम दोनों ही नंगे थे और रजाई में थे। फिर रीमा आकर हमारे पास बैठ गई। तब उसे काफी शर्म आ रही थी। फिर हम तीनों ऐसे ही बातें करने लगे। फिर मैं ससुर के सामने ही रीमा के बोबो पर हाथ फेरने लगा। फिर हाथ फेरते फेरते मैंने रीमा की ब्रा को उसके निप्पल से हटा दिया। जिस कारण उसके दोनो बोबे अब नंगे हो चुके थे। फिर मैंने रीमा से पानी मंगवाया तो वैसे ही खड़ी होकर पानी लाने चली गई। तब उसकी पीछे से नंगी गाँड और बोबो को देखकर तो ससुर भी अपने लण्ड पर हाथ फेरने लगे थे। फिर पानी पिलाने के बाद वो फिर से हमारे पास आकर बैठ गई। रीमा हमारे सामने अपनी गर्दन झुकाकर बैठी थी। फिर मैं रीमा की कमर में हाथ डालकर बैठ गया और फिर रीमा के बोबो को चुसने लगा। फिर मैंने रीमा का हाथ अपने लण्ड पर रख दिया तो फिर वो मेरा लण्ड सहलाने लगी।
फिर मैंने अपने ऊपर से रजाई हटा दी और फिर रीमा से कहा के अपने पापा के सामने मेरा लण्ड सहलाते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती। फिर ये सुनकर ससुर मुस्कुराने लगे लेकिन रीमा ने मेरे लण्ड से हाथ नहीं हटाया। फिर मैंने रीमा को लेटा लिया और फिर रीमा की ब्रा पैंटी उतारकर रीमा को नंगी करके उसकी चुत चाटने लगा। फिर जब हम दोनों गर्म हो गए तो फिर मैं रीमा की चुदाई करने लगा। मेरे धक्कों से रीमा के बोबे हिल रहे थे तो फिर ससुर ने अपने दोनो हाथों से रीमा के दोनो बोबो को पकड़ लिया और सहलाने लगे। फिर ससुर रीमा के मुंह को चूमने लगे। फिर चुदाई के बाद रीमा उठकर बैठ गई तो ससुर ने उसे अपने सीने से लगा लिया और फिर उसके माथे पर किस भी किया। फिर ससुर रीमा के बोबो को सहलाने लगे तो फिर रीमा ने अपने पापा के मुंह को अपने बोबो में दबा दिया तो फिर ससुर तो रीमा के बोबो को चुसने लगे। फिर जब रीमा लेट गई तो ससुर रीमा की चिकनी चुत सहलाने लगे। फिर ससुर रीमा से बोले के तुम तुम्हारी माँ जैसी हो। फिर रीमा हँसकर बोली के तो आप फिर मुझे मम्मी के जैसा ही प्यार करो। फिर ससुर अपने लण्ड को हाथ मे पकड़कर बोले के अब कैसे करूँ। अब मेरा शरीर ही साथ नहीं देता। फिर रीमा अपने पापा का लण्ड पकड़कर सहलाने लगी और उन्हें अपने गले से लगा लिया। फिर रात ज्यादा हो चुकी थी तो मैं और ससुर रीमा से चिपक कर लेट गए।
फिर जब सुबह हमारी आंख खुली तो इतने में चाय आ गई। फिर चाय पीने के बाद हम जाने की तैयारी करने लगे। फिर हम तीनों एक साथ ही नहाकर आये और नहाते टाइम रीमा ने अपने शरीर पर साबुन ससुर से लगवाई। फिर नहाने के बाद रीमा को फोटोशूट का याद आया तो फिर तो वो अपने पापा के साथ फोटोशूट करवाने लगी। ससुर भी अपनी बेटी के बदन को हर जगह से पकड़कर अपनी फोटप खिंचवाने लगे। रीमा कभी अपने पापा से अपने बोबे चुसवाते हुए फ़ोटो खिंचवाती तो कभी वो अपनी गाँड पर किस करवाती। उन दोनों बाप बेटी को फ़ोटो खिंचवाते देखकर तो भगवान भी शर्मा जाए। फिर रीमा ने मुझसे से वीडियो बनाने का बोला। फिर रीमा घोड़ी बन गई और फिर अपने पापा से पीछे से करने के लिए कहा तो ससुर बोले के बेटी मेरा खड़ा ही नहीं होता है तो मैं करूंगा कैसे। फिर रीमा बोली के ओ हो पापा आप सिर्फ एक्टिंग करना जैसे कि आप मेरी चुदाई कर रहे हो। फिर ससुर समझ गए तो फिर ससुर रीमा की कमर पकड़ कर रीमा की गाँड की दरार में अपना लण्ड डालकर रगड़ने लगे। फिर ससुर जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगे और रीमा की गाँड पर अपना लण्ड रगड़ने लगे। देखने वाले को ऐसा ही लग रहा था जैसे के वो रीमा की चुदाई कर रहे हो। उधर रीमा भी साथ मे ऐसे सिस्कारियाँ लेने लगी के जैसे उसे बहुत मजा आ रहा हो। फिर कुछ देर बाद जब ससुर झड़ गए तो फिर रीमा उठकर अपने पापा के गले लगकर बोली के आज तो मजा ही गया। फिर जब मैंने उन्हें उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाई तो रीमा काफी खुश हुई। उस वीडियो में ऐसा ही लग रहा था जैसे ससुर ने रीमा की कसकर चुदाई की हो। पर असलियत कुछ और ही थी। रीमा की एक्टिंग भी लाजवाब थी। फिर मैंने इस बारे में रीमा को भी बताया तो फिर रीमा ने अपनी पोर्न फिल्म बनाने की इच्छा जाहिर की और जब उसने इस बारे में अपने पापा से पूछा तो फिर ससुर ने रीमा के माथे पर किस करते हुए कहा के जिससे तुम्हे खुशी मिले तुम वो करो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। फिर ये सुनकर रीमा अपने पापा से लिप किस करने लगी। फिर वो दोनो बाप बेटी बिल्कुल नॉर्मल होकर बातें करने लगे। तब वो दोनो बिल्कुल नंगे थे और हंस हँसकर ऐसे बाते कर रहे थे जैसे के कुछ हुआ ही ना हो। फिर मैं गरम हो चुका था तो फिर मैं ससुर के सामने ही रीमा की चुदाई करने लगा। फिर साथ मे ससुर भी रीमा के बोबो को दबाने लगे। फिर मैं रीमा की गाँड में झड़ गया तो फिर रीमा के इशारे पर ससुर रीमा की गाँड और चुत चाटने लगे। फिर ससुर रीमा के बोबो को चुसने लगे। फिर वो रीमा के ऊपर ही लेट गए। फिर कुछ देर बाद वो दोनो उठे और फिर कपड़े पहनकर हम तीनो वापिस आने लगे। वापिस आते टाइम रास्ते मे सुनसान सड़क पर रीमा ने नंगी होकर अपनी काफी फ़ोटो खिंचवाई। इनमें से कुछ फोटो खुद ससुर ने खींची थी।
फिर हम शाम होने से पहले घर पहुंच गए। घर पहुंचकर रीमा ने अपनी मम्मी और भाई को सब बताया और उन्हें फ़ोटो दिखाई तो वो तो देखते ही रह गए। फिर जब सास ससुर को चाय देने गई तो उन्होंने ससुर से हँसकर कर कहा के कौन बाप अपनी बेटी के साथ ऐसी फ़ोटो खिंचवाता है। फिर इस बात पर मैं ससुर को मेरी और सास की फ़ोटो दिखाने लगा। फिर वो फ़ोटो देखकर ससुर बोले के क्यों तुम अकेली ही मजे ले सकती हो मैं नहीं ले सकता। तब फिर हम सब हँसने लगे। फिर ससुर और रीमा की वीडियो देखकर सास ससुर से बोली के अपनी बेटी को देखकर खड़ा हो गया आपका जो उसकी चुदाई कर रहे हो। फिर मैंने कहा के इस वीडियो में ससुर और रीमा सिर्फ एक्टिंग कर रहे है। फिर सास बोली के अच्छा पर लग तो ऐसा रहा है जैसे के ये दोनों सच मे चुदाई कर रहे है। उधर मेरा साला भी अपने पापा और बहन की ऐसी फ़ोटो और वीडियो देखकर टेंशन फ्री हो गया था। क्योंकि वो भी अब खुलकर मजे कर सकता था। फिर उस रात को मैंने ससुर के साथ रीमा और सास दोनो को एक साथ चोदने का प्लान बनाया और इस बारे में उन दोनों को भी बता दिया। फिर शाम को आरती के टाइम सास और रीमा बहुत अच्छे से तैयार हुई। उन दोनों ने तब शार्ट ड्रेस पहनी थी और वो गजब की सेक्सी लग रही थी। उन दोनों को देखकर तो हम सब मर्द अपना लण्ड मसल रहे थे। फिर आरती के बाद खाना वगैरह खाने के बाद ससुर को तो हमने कमरे में भेज दिया और साला भी अपनी गर्लफ्रैंड के पास चला गया। फिर पंडित चुदाई की जिद करने लगा तो फिर पंडित के साथ मैं, रीमा और सास छत पर चले गए। फिर मैं और रीमा तो छत पर कमरे के बाहर खड़े होकर बातें करने लगे और सास कमरे में पंडित के साथ चली गई। फिर सास पंडित के लण्ड पर बैठकर उसके लण्ड पर उछलने लगी। फिर थोड़ी देर बाद सास पंडित से करके बाहर आ गई तो फिर हम तीनों ससुर के कमरे में चले गए।
ससुर के कमरे में जाते ही मैं नंगा हो गया और ससुर तो नंगे ही लेटे थे। फिर ससुर ने रीमा को अपनी बाहों में ले लिया और मैंने सास को। मैंने ससुर को।पहले ही कह दिया था के वो वैसे वैसे करते जाए जैसा मैं सास के साथ करता हूँ। फिर मैं सास की गर्दन पर किस करने लगा और सास के बदन को सहलाने लगा तो फिर ससुर भी वैसा ही करने लगे। फिर मैंने सास के बोबे उनकी शार्ट ड्रेस से बाहर निकाल लिए तो फिर ससुर ने भी रीमा के बोबे बाहर निकाल लिए और चुसने लगे। फिर हमने रीमा और सास को नंगी कर दिया और उनके बदन को चूमने लगे। जिससे थोड़ी देर बाद ही रीमा और सास गर्म हो गई। लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी। फिर मैं और ससुर लगातार उन दोनों के बदन को सहलाते रहे तो वो दोनो और ज्यादा गर्म हो गई। उनकी आंखों में हवस साफ दिखने लगी। वो दोनो फिर लण्ड मांगने लगी। फिर सास मेरा और रीमा ससुर का लण्ड चुसने लगी। लेकिन फिर मैंने और ससुर ने रीमा और सास को बेड पर लेटा लिया और उनकी चुत पर लण्ड रगड़ने लगे। उस दिन मैंने ससुर को वियाग्रा की दो गोली पहले ही दे दी थी। हालांकि ये खतरनाक हो सकता था। लेकिन एक बार लेने से क्या हो सकता था। फिर सास और रीमा को काफी तड़पाने के बाद हमने उन दिनों की चुत में लण्ड डाल दिये और फिर उनकी चुदाई करने लगे। फिर पहले राउंड में तो हम सब जल्दी ही झड़ गए। फिर झड़ने के बाद जब रीमा ने अपने पापा के खड़े लण्ड की तरफ देखा तो वो काफी खुश हुई। हालांकि लण्ड ज्यादा टाइट नहीं था लेकिन इतना टाइट जरूर था के सेक्स किया जा सकता था। फिर मैंने रीमा को वियाग्रा वाली बात बताई तो वो काफी खुश हुई। फिर दूसरे राउंड के लिए हम चारो एक दूसरे को तैयार करने लगे।
रीमा और सास अपने बोबो और अपनी गाँड को हमारे सामने ऐसे हिला रही थी के उन्हें देखकर तो किसी मुर्दे का भी लण्ड खड़ा हो जाये। फिर इस बार हमने उन दोनों माँ बेटी को घोड़ी बनाया और फिर काफी देर तक उनकी चुत और गाँड मारते रहे। फिर इस बार झड़ने के बाद ससुर काफी थक गए तो वो आराम करने लगे। फिर रीमा मेरे और सास के पास आ गई। फिर वो दोनो मुझे तीसरे राउंड के लिए तैयार करने लगी। सास मेरा लण्ड चुसने लगी और रीमा मेरी बॉडी चुमने लगी। मैं भी उन दोनों के बदन को सहलाने लगा। फिर मैं उन दोनों को बारी बारी से चोदने लगा। फिर सास झड़ गई और थक भी गई तो फिर वो तो लेटकर आराम करने लगी और फिर मैं और रीमा चुदाई करने लगे। फिर हम भी झड़ गए तो फिर झड़ने के बाद रीमा ससुर के साथ फिर सास और फिर मैं लेट गया। तब काफी रात हो चुकी थी तो फिर हम सब सो गए। फिर जब हम चारो सुबह उठे तो हम काफी खुश थे। फिर ससुर एक हाथ से सास के बोबो को सहलाने लगे और मुंह से रीमा के बोबो को चुसने लगे। फिर उस दिन हमने नंगे रहने का प्लान बनाया। लेकिन ससुर अपने बेटे के कारण थोड़ा शर्मा रहे थे तो फिर मैंने कहा के आप उसकी फिक्र मत करो। फिर हम चारो खड़े होकर बिल्कुल नंगे किचन में चले गए। तब काफी सर्दी थी लेकिन हम चारो को बिल्कुल भी सर्दी नहीं लग रही थी। फिर चाय वगैरह पीने के बाद रीमा अपने पापा को लेकर नहाने चली गई और मैं सास के साथ किचन में ही रहा। फिर नहाने के बाद रीमा और ससुर आंगन में ही चारपाई पर बिल्कुल नंगे बैठ गए। फिर मैं और सास भी नहाकर आये और उनके पास बैठ गए। फिर रीमा और सास ने हम दोनों के शरीर की तेल से मालिश की और फिर वो दोनो कमरे में चली गई। फिर वो दोनो थोड़ी तैयार होकर आई। उनके पैरों में हाई हील सैंडल, गले मे नेकलेस वगैरह और बालों का जुड़ा किया हुआ था। फिर तब रीमा आकर ससुर की गोद मे बैठ गई और सास मेरी। फिर हम चारो बातें करने लगे। हम चारो हंस हँसकर ऐसे बातें कर रहे थे मानो घर पर हमारे अलावा कोई और हो ही ना।
फिर रीमा खड़ी होकर अपने बदन को दिखाने लगी और वो बोली के मुझे अपनी पोर्न फिल्म बनवानी है। फिर सास बोली के तुम अभी कोई बच्चा कर लो। फ़िल्म वगैरह बाद में बनाती रहना। फिर रीमा बोली के अभी मेरी फिगर एकदम सही है। बच्चा होने के बाद फिगर खराब हो जाएगी और फिर कई साल ऐसे ही निकल जाएंगे। फिर मेरे मन मे एक आईडिया आया के बच्चा तो टेस्ट ट्यूब के द्वारा मेरी मम्मी पैदा कर देगी। फिर मैंने सास से कहा के दोनो काम हो जाएंगे। फिर हम इस मुद्दे पर बात ही कर रहे थे के तभी वहां मेरा साला आ गया। फिर वो हम सबको ऐसे देखकर अपने कमरे की तरफ जाने लगा तो फिर रीमा उसे पकड़कर हमारे पास ले आई। तब वो और पापा एक दूसरे से थोड़ा शर्मा रहे थे। ससुर को हमने साले और पंडित के साथ चुदाई के बारे में बस पहले ही बता दिया था। फिर रीमा अपने भाई के कपड़े खोलने लगी और फिर उसे नंगा कर दिया। फिर रीमा सबके सामने अपने भाई का लण्ड पकड़कर सहलाने लगी तो उसका लण्ड खड़ा हो गया। ये देखकर सास और रीमा हंसने लगी। फिर सास भी उठकर उनके पास चली गई और फिर उससे चिपक कर खड़ी हो गई। फिर सास भी अपने बेटे का लण्ड सहलाने लगी। फिर रीमा अपने भाई को लेकर अपने पापा के पास जाकर बैठ गई। तब रीमा उन दोनों के बीच बैठी थी। फिर ससुर ने साले से कहा के बेटा तुम खुलकर मस्ती करो और जो मन मे आये वो करो। फिर ये सुनकर साला खुश हो गया। फिर रीमा अपने पापा और भाई की कमर में हाथ डालकर बैठ गई और फिर साले और ससुर ने भी रीमा की कमर में हाथ डाल लिया। उधर मैंने भी सास को अपनी गोद मे बैठा लिया और सास की चुत सहलाने लगा। फिर रीमा साले और ससुर का लण्ड हिलाने लगी।
फिर तब रीमा फिर से अपनी पोर्न फिल्म बनाने के बारे में बात करने लगी। फिर इसके लिए ससुर ने तो पहले ही हाँ कर दी थी और फिर साले ने भी अपनी बहन को इसके लिए इजाजत दे दी। वैसे भी साले को इससे कोई नहीं पड़ता था क्योंकि अब साला अब अपनी गर्लफ्रैंड के साथ मजे करता था और अब ससुर की तरफ से भी खुली छूट मिल चुकी थी। फिर ऐसे ही बाते करते करते हमें काफी देर हो गई। लेकिन पंडित अभी ऊपर से आया ही नहीं था। फिर रीमा बोली के अब तो हम घर पर नंगे रहकर ही हवन और पूजा करेंगे। फिर इतना कहकर रीमा खड़ी होकर ऊपर जाने लगी और कहा के मैं पंडित को बुलाकर लाती हूँ। फिर रीमा के जाने के बाद सास ने साले को हमारे पास बैठा लिया। फिर साला ससुर के सामने ही अपनी मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर सास भी हम दोनों के लण्ड को सहलाने लगी। हमारी चुदाई का मूड पूरा बन चुका था लेकिन तभी रीमा ने ऊपर से आवाज लगाई की पंडित उठ ही नहीं रहा है। ये सुनकर तो हम सबके होश उड़ गए। फिर हम सब खड़े होकर ऊपर जाने लगे। ऊपर जाने के बाद देखा तो पंडित एक दम सीधा लेटा था और उसका शरीर अकड़ा हुआ था और आंखें खुली थी और लण्ड खड़ा था। फिर मैंने उसकी नब्ज देखी तो नब्ज नहीं चल रही थी। वो मर चुका था। फिर सास कहने लगी कल मैं जब उससे चुदकर गई तब ही इसने हिलना डुलना बंद कर दिया था और जल्दी जल्दी में मैंने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। फिर हम सब थोड़ा घबरा गए। लेकिन मैंने सबको हौंसला दिया। पंडित को शायद हार्ट अटैक आया था। जिसके कारण वो मर गया था। फिर सास उसका लण्ड पकड़कर हिलाने लगी और बैठाने की कोशिश करने लगी। फिर रीमा भी सास का साथ देने लगी। लेकिन फिर कुछ देर बाद ही किसी तरह उसका लण्ड बैठ गया और फिर हमने पंडित को कपड़े पहनाए और पूरे कमरे को चेक किया तो वहां वियाग्रा की गोलियां और कंडोम के पैकेट मिले। जिन्हें रीमा नीचे ले गई। फिर हम सब भी नीचे आकर कपड़े पहन लिए। फिर ससुर ने गांव के एक दो जनों को फोन किया और फिर पंडित के घरवालों को भी फोन किया। फिर ससुर ने पोलिस को भी बुला लिया। फिर हमने उन्हें सब कुछ बताया और फिर वो पंडित की बॉडी को अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसकी मौत का कारण हार्ट अटैक को बताया।
फिर उस दिन सब सहम गए थे। बस दिनभर यही सब चलता रहा। काफी लोग घर पर जमा हो गए थे। फिर शाम होते होते सब चले गए तो फिर माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए मैंने सास से कहा आपकी जवानी ने उसका कत्ल कर दिया। ये सुनकर वो थोड़ा मुस्कुराने लगी। फिर मैंने सास को समझाया के वो मजे लेते लेते मरा है। इसमें उनकी कोई गलती है। फिर वो समझ गई। फिर खाना वगैरह खाने के बाद हम सब कमरे में चले गए। फिर उस दिन साले ने अपनी गर्लफ्रैंड को नहीं बुलाया। फिर हम सब नंगे होकर लेट गए। फिर रीमा तो अपने पापा के पास लेट गई और सास मेरे और साले के बीच। फिर मैं और साला सास के बदन को सहलाने लगे और फिर जब हम गर्म हो गए तो फिर हम सास की चुदाई करने लगे। इस उम्र में भी सास काफी अच्छे से चुदवाती थी। फिर जब सास झड़ गई तो फिर हम दोनों रीमा को चोदने लगे। ऐसे दो मर्दो से एक साथ चुदाई देखकर ससुर तो देखते ही रह गए थे। फिर रीमा तो ससुर के पास वापिस चली गई और फिर मैं और साला सास से चिपक कर लेट गए। फिर सुबह उठकर हम सब पहले की तरह ही मस्ती करने लगे। फिर हम सब खेतों में घूमने चले गए। वहां वो दोनो मां बेटी नंगी हो गई तो मैंने और साले ने उन दोनों की चुदाई की। इस प्रकार कुछ दिनों बाद पंडित के बारे में सब भूल गए।
हम सब घर पर नंगे रहकर काफी मस्ती करते। हम बस दिन रात चुदाई ही करते रहते। रीमा और सास जब घर का काम करती तो उन्हें मैं, ससुर और साला कहीं भी पकड़ लेते और बस शुरू हो जाते। साला तो रात को अपनी गर्लफ्रैंड के पास चला जाता तो फिर रात को मैं उन दोनों मां बेटी की एक साथ चुदाई करता। उधर ससुर रोज तो नहीं पर कभी कभी वियाग्रा की गोली लेकर रीमा की चुदाई कर लेते। वरना वो उन दोनों के बदन को चूमकर और चाटकर उन्हें गर्म कर देते और फिर मैं उन दोनों की चुदाई करता। लेकिन फिर इसमें हमे कम मजा आने लगा तो फिर मैंने सास को बाहर के मर्दो से चुदवाने का सोचा। अब इससे ससुर और साले को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं था तो फिर एक दिन रात को रीमा के साथ साथ मैं सास को भी अपने साथ बाहर ले गया। उस रात सास ने एक सेक्सी ड्रेस पहनी जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी। वो दोनो मां बेटी मेरे साथ पूरी सेक्सी बनकर गई। उन्हें देखकर तो ससुर और साला भी देखता रह गया था। फिर हमारे जाने से पहले ससुर रीमा के बोबो को चुसने लगे और मेरा साला अपनी मां की गाँड में मुंह घुसाकर गाँड चुसने लगा। फिर वो खड़े खड़े ही सास की चुदाई करने लगा। उधर रीमा अपने पापा के आधे खड़े लण्ड को अपने बोबो के बीच डालकर सहलाने लगी तो फिर कुछ देर में ही ससुर झड़ गए। फिर उधर साला भी सास की गाँड में झड़ गया। फिर मैं उन दोनों को लेकर एक जगह चला गया। वहां मैंने पहले ही सब इंतजाम कर रखा था। मैंने वहां अच्छी बॉडी वाले 5 मर्द बुला रखे थे। फिर जब हम पहुंचे तो सब उन दोनों मां बेटी के गले लगकर मिले। सास का ये पहली बार था तो सास काफी खुश थी। फिर वो सब सास और रीमा को बारी बारी से अपनी गोद मे बैठाकर उनका बदन सहलाने लगे। फिर सास और रीमा भी उन मर्दो की बॉडी को सहलाने लगी। फिर हम सब नंगे हो गए तो फिर वो दोनो मां बेटी हम सब के लंड चुसने लगी। फिर सबके लंड खड़े हो गए तो फिर हम 3-3 मर्द मिलकर एक साथ उन दोनों माँ बेटी की चुदाई करने लगे।
तब उन दोनों मां बेटी के तीनों छेदो में हमारे लण्ड थे। मैं साथ मे इस सबकी की वीडियो भी बना रहा था। फिर उस रात हम सबने मिलकर काफी चुदाई की। सास को तो बहुत मजा आया। फिर रीमा ने उनसे अपनी पोर्न फिल्म की बातें करने लगी तो उनमें से कुछ लोग कैमरे के सामने अपना मुंह दिखाकर रीमा के साथ फ़िल्म बनाने के लिए तैयार हो गए। लेकिन अभी भी कुछ और लोगो की जरूरत थी। वो भी हमे पता था के हमे ऐसे लोग मिल जाएंगे। फिर सुबह जब हम घर आये तो सास काफी खुश थी। फिर मैंने रात वाली चुदाई की वीडियो टीवी पर चला दी और फिर हम सब देखने लगे। वो वीडियो देखकर ससुर और साला काफी गर्म हो गए। फिर ससुर ने वियाग्रा की टेबलेट ली और फिर पहले साला उन दोनों माँ बेटी की चुदाई करने लगा। फिर इतने में ससुर का लण्ड खड़ा हो गया तो फिर ससुर ने भी उन दोनों की चुदाई की। इस तरह मैं एक हफ्ते में कई बार उन दोनों माँ बेटी को बाहर ले जाकर चुदवाकर ले आता। फिर साला भी हमारे साथ जाने लगा। मैं और साला उन दोनों मां बेटी को छोटे छोटे कपड़े पहनाकर दिन में ही बाहर ले जाते और फिर उनकी खूब चुदाई करते। अब साले को अपनी गर्लफ्रैंड से ज्यादा हमारे साथ मजा आने लगा था। तो वो अब ज्यादा टाइम हमारे साथ रहने लगा था। जिस कारण अब हम चारो साथ में घूमते और खूब मस्ती करते। फिर तो ससुर भी कभी कभी हमारे साथ चले जाते और सबके सामने अपनी बेटी की कमर में हाथ डालकर ऐसे घूमते जैसे वो उनकी गर्लफ्रैंड या बीवी हो।
इतना ही नहीं अब वो दोनो मां बेटी ससुर और साले के सामने पराए मर्दो से बहुत मजा लेकर खूब चुदवाती और मजे करती। ससुर भी वियाग्रा की गोली लेकर उन दोनों की काफी चुदाई करते। एक बार उन दोनों मां बेटी पर पूरी हवस चढ़ी हुई थी और वो दोनो काफी प्यासी थी। तो मैंने ससुर और साले के साथ मिलकर एक प्लान बनाया। मैंने एक जगह पर अच्छी बॉडी वाले 10 मर्द बुलाये। मैंने उन्हें जब उन दोनों मां बेटी की नंगी फ़ोटो भेजी तो वो सब झट से तैयार हो गए। फिर मैं, ससुर और साला उन दोनों माँ बेटी को लेकर उस जगह पर चले गए। तब उन दोनों ने सेक्सी शार्ट ड्रेस पहन रखी थी। फिर हम सब दारू पीने लगे। फिर नशा चढ़ने लगा तो फिर धीरे धीरे करके हम सब नंगे हो गए। फिर रीमा और सास हम सब मर्दो के लण्ड बारी बारी से चुसने लगी और वो सब मर्द भी उन दोनों के बदन को सहलाने लगे। फिर चुदाई शुरू हो गई तो सब बारी बारी से उन दोनों माँ बेटी की चुदाई करने लगे। जब एक झड़ता तो दूसरा तैयार हो जाता। इस तरह पूरी रात उन दोनों की चुदाई चलती रही। फिर जब सबने 2 से 3 बार कर लिया तो फिर सब सो गए। इतना ही नहीं हम सब उस घर मे 3 दिन तक नंगे रहे और उन तीन दिनों में सबने मिलकर उन दोनों माँ बेटी की काफी चुदाई की। फिर उस दिन की चुदाई के बाद तो वो दोनो मां बेटी एक दम रंडी बन गई। रीमा के साथ साथ अब सास भी पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी। अब ऐसा हाल हो गया था के उन दोनों को अब किसी से भी कोई फर्क नहीं पड़ता था। वो अब कहीं भी और कभी भी किसी के सामने भी नंगी हो सकती थी। चुद चुदकर अब सास भी जवान दिखने लगी थी। घर मे ही अपनी मम्मी और बहन से ऐसा मजा पाकर साले को तो अपनी गर्लफ्रैंड की बिल्कुल भी याद नहीं आती थी। वो भी अपनी मम्मी और बहन का दीवाना हो गया था। रीमा और सास भी उससे मजे लेकर चुदवाती।
गांव में ससुर की काफी इज्जत थी। इस कारण सभी ससुर को अच्छे से जानते थे। लेकिन फिर भी जब रीमा और सास कार में बैठकर कहीं बाहर जाती तो वो या तो कम कपड़ो में होती या बिल्कुल नंगी ही होती। हमने अपनी गाड़ियों के शीशों पर ब्लैक फ़िल्म चढ़वा रखी है तो बाहर तो किसी को कुछ नहीं पता चलता और गाड़ी के अंदर वो दोनो मां बेटी मस्ती करती रहती। कई बार तो हम कार में ही चुदाई भी करते रहते। कई बार हम जब शहर से आते तो फिर दिन में ही सास या रीमा कार से नंगी ही उतरकर घर का मैन गेट खोल देती। उन्हें अब बिल्कुल भी किसी का डर और किसी से शर्म नहीं थी। गांव में जहां ससुर का घर है वहां ज्यादा घर नहीं है और आसपास की अधिकतर जगह ससुर की ही थी तो वहां ज्यादा लोग नहीं आते जाते थे। इस कारण रात को हम सभी नंगे होकर खाने के बाद घूमने के लिए चले जाते और घर के आगे नंगे ही घूमते रहते। फिर वहीं हम चुदाई भी कर लेते। ऐसे करके हम सभी को काफी मजा आता। फिर तो सास सुबह के टाइम नंगी ही जाकर घर के आगे से झाड़ू निकालकर आ जाती। उन्हें ऐसा करके बहुत मजा आता। हालांकि तब गली में कोई नहीं होता था तो हमे अभी तक गली में नंगे घूमते हुए किसी ने नहीं देखा था। मैंने और रीमा ने मेरी मम्मी को तो इस बारे में बता दिया था पर हमने सास को मेरी मम्मी और बहन के बारे में अभी तक कुछ नहीं बताया था। उधर मैं जब अपने ससुराल में होता तो मम्मी अकेली ही जाकर मर्दो से चुदकर आ जाती। फिर एक बार जब साला अपनी गर्लफ्रैंड को लेकर कहीं घूमने चला गया था और ससुर भी किसी की शादी में चले गए थे तो फिर मैं और रीमा सास को लेकर मेरे घर चले गए। फिर पहले पहले तो हम सब आपस मे नॉर्मल बातें ही करते रहे। लेकिन फिर धीरे धीरे हमने सब कुछ एक दूसरे को बता दिया। हालांकि ये सब सुनकर सास ज्यादा हैरान नहीं हुई। अब सब कुछ एक दूसरे को पता चल चुका था तो अब क्या शर्माना था। फिर हम एक दूसरे के सामने नंगे हो गए।
फिर सास के सामने ही रीमा तो जाकर पापा की गोद मे बैठ गई और फिर मैं सास को अपनी गोद मे बैठाकर उनके बदन को सहलाने लगा। फिर पापा ने सास को अपनी गोद मे बैठा लिया और उनके बदन को सहलाने लगे। उधर सास भी पापा का साथ देने लगी। फिर पापा सास को घोड़ी बनाकर चोदने लगे। चुदाई के बाद सास काफी खुश हुई। फिर रीमा ने सबको अपनी पोर्न फिल्म बनाने की बात बताई और फिर साथ मे मैंने अपनी मम्मी से बच्चा पैदा करने के वाली बात बताई तो फिर वो हँसकर बोली के तू कहाँ टेस्ट ट्यूब बेबी के चक्करों में पड़ रहा है। तू अपने लण्ड का पानी सीधे ही मेरी चुत में ही डाल दे। मैं तेरा बच्चा पैदा कर दूंगी। फिर मम्मी की इस बात पर सब हँसने लगे। फिर रीमा ने कहा के आखिर एक बच्चा ही तो पैदा करना है। चाहे मैं करूँ या मम्मी। इसमें क्या फर्क पड़ेगा। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर मैं और रीमा मम्मी को लेकर हॉस्पिटल गए और फिर वहां पर डॉक्टर ने मम्मी का चेकअप किया और फिर कहा के ये बच्चा पैदा कर सकती है। कोई दिक्कत नहीं होगी। ये सुनकर मम्मी और हम सब काफी खुश हुए। अब घर पर चार औरतें और हम दो मर्द थे तो फिर मैं और पापा दो दो औरतों के साथ मजे करने लगें। पर मम्मी मेरे साथ हमेशा होती और मैं झड़ने वाला होता तो हमेशा पानी मम्मी की चुत में ही डालता। एक बात तो माननी पड़ेगी के चुदाई से औरत और ज्यादा जवान दिखने लग जाती है। मेरी दादी जिनकी उम्र अभी 60 साल से ऊपर है वो भी 40 साल की लगती है और मेरी सास और मम्मी तो 25-30 साल की ही लगती है। हालांकि उन सबके बोबे और गाँड बड़े बड़े है पर चेहरे से वो काफी जवान लगती है। मेरी दादी तो अगर मेकअप वगैरह करके और हाई हील सैंडल वगैरह पहनकर अगर खड़ी हो जाये और अगर उन्हें कोई पीछे से नंगी देख ले तो वो तो उनका दीवाना ही हो जाये।
फिर एक रात तो मैंने उन चारों औरतों की एक साथ चुदाई की। उस रात हमने काफी मजे किये। इस तरह फिर कुछ दिनों में ही मम्मी प्रेग्नेंट हो गई तो हम सब बहुत ज्यादा खुश हुए। फिर हम सब अनुमान लगाने लगे के लड़का होगा या लड़की। फिर मेरी सास बोली के चाहे जो भी हो उसके मजे ही होंगे। फिर हम सब बच्चे की सलामती के लिए मंदिर गए और फिर हमने वहां पूजा वगैरह की। फिर मम्मी तो सारा दिन बस अपने पेट को ही सहलाती रहती और खुश होती रहती। फिर ऐसे ही कुछ दिन रहने के बाद मैं, रीमा और सास वापिस मेरे ससुराल आ गए। फिर मैं बीच मे टाइम निकालकर मम्मी के पास चला जाता और उनकी चुदाई कर देता। क्योंकि डॉक्टर ने उन्हें सावधानी रखने के लिए कहा था। इस कारण उन्होंने अब बाहर चुदवाना बंद कर दिया था। उधर रीमा की पोर्न वीडियो बनाने के लिए कुछ आदमी कैमरे के सामने अपना चेहरा दिखाकर चुदाई करने के लिए तैयार हो गए। फिर मैंने एक कैमरामैन और एक राइटर और एक मेकअप करने वाले आदमी को काम पर रख लिया। फिर सबसे पहले हमने रीमा का फोटोशूट का काम करना शुरू किया। रीमा इसमें काफी माहिर थी तो वो तरह तरह के पोज देकर अपना फ़ोटो शूट करवाती। जिसे देखकर तो हम सबके लण्ड खड़े हो जाते। तब मेरे साथ कैमरामैन और मेकअप करने वाला होता तो फिर हमसे रहा नहीं जाता तो हम तीनों रीमा की चुदाई करने लग जाते। इसी बीच राइटर फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखने में बिजी था। हमने रीमा के काफी जगह जाकर फोटोशूट किये। खेत मे, सड़क पर और शहर में भी कई जगहों पर हमने फोटोशूट किया। फिर जब राइटर ने फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिख ली तो फिर हम शूटिंग करने लगे। शूटिंग के टाइम रीमा बस अकेली औरत होती और हम सब मर्द ही होते। फिर जब रीमा की चुदाई का सीन शूट करना होता तब तो हम सब ही रीमा की चुदाई कर लेते। रीमा की पोर्न फिल्म के टाइटल कुछ इस प्रकार थे। इससे आप अंदाजा लगा सकते है के फ़िल्म किस तरह की रही होंगी - 7 पतियों की एक पत्नी - इस फ़िल्म रीमा 7 मर्दो से शादी करती है और फिर उन सातों के साथ एक घर मे रहती है और खूब चुदाई करती है।
7 भाइयों की एक बहन - इस फ़िल्म में रीमा के 7 भाई होते है और फिर वो बस उनसे चुदवाति है।
ससुर बहु का प्रेम - इसमें रीमा अपने ससुर के साथ मजे करती है।
11 बॉयफ़्रेंड - इस फ़िल्म में रीमा के 11 बॉयफ़्रेंड होते है। वो पहले तो उनसे अलग अलग चुदवाती है। लेकिन फिर जब उन सबको पता चल जाता है तो फिर वो सब मिलकर रीमा की एक साथ चुदाई करते है।
इस तरह और भी कई फिल्में थी। फ़िल्म में रीमा खूब गाली निकालती और नंगी होकर नाचती। फिर ससुर और साला भी शूटिंग देखने आने लगे तो फिर वो भी रीमा को देखकर काफी गर्म हो जाते। इस तरह हमने लगभग छोटी मोटी करके लगभग 20-21 फिल्में बनाई। फिर उन सब फिल्मों को हम पेनड्राइव में डालकर वहां आसपास ही बांटने लगे। हालांकि रीमा के चेहरे पर मेकअप वगैरह काफी किया होता था तो इस कारण वो ज्यादा पहचान में नहीं आ सकती थी। फिर हमने देखा के लोगो उन फिल्मों को ही आपस मे एक दूसरे को भेजने लगे और मजे लेने लगे। हालांकि हमे पैसों से कोई मतलब नहीं था। इन सब फिल्मों को बनाने में हमे 7-8 महीने लग गए। तभी मम्मी की डिलीवरी का टाइम नजदीक आ गया तो फिर मैं और रीमा मम्मी के पास जाकर रहने लगे। हम सब काफी उत्सुक थे ये जानने के लिए की लड़का होगा या लड़की। फिर आखिरकार कुछ टाइम बाद जब मम्मी की डिलीवरी हुई और मम्मी ने एक लड़के को जन्म दिया। ये देखकर तो हम सब बहुत खुश हुए। मम्मी की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी तो फिर कुछ दिनों में ही हम घर आ गए। फिर ये बात सब रिश्तेदारों में फैल गई तो सब हमें बधाई देने आने लगे। हालांकि सब यही मान रहे थे के रीमा को लड़का हुआ है तो फिर सबके सामने रीमा बच्चे को लेकर बैठी रहती और सबके जाने के बाद मम्मी बच्चे को दूध वगैरह पिला देती। रात को मैं, रीमा और मम्मी तीनो एक साथ सोते। रीमा और मम्मी में भी एक अनोखा प्रेम बन गया था। वो दोनो मिलकर बच्चे का काफी ध्यान रखती। मम्मी के बोबे दूध से भर गए थे तो फिर बच्चे के साथ साथ मैं और रीमा भी मम्मी के बोबो से दूध पी लेते। मम्मी बच्चे खूब प्यार करती। ये देखकर रीमा का मन भी प्रेग्नेंट होने का हुआ तो फिर मैने रीमा से कुछ महीने रुकने के लिए कहा। उधर कुछ दिनों के लिए जब सास हमारे पास रहने आई तो वो भी ये सब देखकर काफी प्रभावित हुई। फिर उनका मन भी अपने बेटे का बच्चा पैदा करने के लिए होने लगा।
फिर सास ने ये बात मुझे और रीमा को बताई और फिर हम सबने एक साथ बैठकर इस बारे में बात की। फिर साला बोला के आजकल की लड़कियां भी काफी नखरे वाली होती है। इस कारण अभी तो ऐसी लड़की मिलना मुश्किल है जो कि इस सबके लिए तैयार हो जाये। फिर मैंने कहा के अगर सास को बच्चा पैदा करना ही है तो हम कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल लेंगे। उधर सास की बच्चा पैदा करने की बहुत अधिक इच्छा हो रही थी। तो ये देखकर मैंने सबको एक प्लान बताया। इस प्लान में मेरा साला अपनी किसी गर्लफ्रैंड के साथ नकली शादी कर लेगा और वो बाहर ही रहेगा। फिर साला बोला के उसकी एक गर्लफ्रैंड है जो वो ये सब करने के लिए उसे मना लेगा। फिर साले ने ऐसा ही किया। फिर सब रिश्तेदारों में ये खबर फैला दी के साले ने अपने आप ही शादी कर ली है। फिर साला जब अपनी गर्लफ्रैंड को अपनी बीवी बनाकर घर लाया तो हमने एक पार्टी रखी और सबने उन दोनों का बहुत स्वागत किया। फिर इसके बाद कुछ दिन तो साला घर से बाहर ही रहा। फिर वो घर आकर रहने लगा और इसी बीच साले ने सास को प्रेग्नेंट कर दिया। फिर ऐसे ही कुछ महीने बीत गए। फिर जब सास की डिलीवरी का टाइम आया तो हमने सबसे छुपाकर सास की डिलीवरी करवा दी और फिर साथ मे ये बात फैला दी के डिलीवरी के बाद साले की बीवी की मौत हो गई। हमने ऐसे प्लान बनाया के सबने इस पर विस्वास कर लिया। उधर सास ने भी एक लड़के को जन्म दिया था। फिर हम सब ऊपर से दुखी होने की एक्टिंग करने लगे। फिर कुछ दिनों बाद सब नॉर्मल हो गया और सास खुशी से अपने बेटे को पालने लगी और उधर साला भी अब सास से प्यार करने लगा।
अब सिर्फ रीमा रह गई थी तो फिर मैंने उसे भी प्रेग्नेंट कर दिया और फिर उसने एक लड़की को जन्म दिया। इस प्रकार फिर वो तीनो अपने अपने बच्चों को पालने में बिजी हो गई। उधर सबने साले पर दूसरी शादी का दबाव बनाया तो साले ने मना कर दिया और फिर वो सास के साथ खुशी से रहने लगा। इस तरह फिर कुछ सालों तक मेरी मम्मी, रीमा और सास अपने बच्चों की परवरिश करने लगी। पर बीच बीच मे हम बाहर जाकर पहले के जैसी मस्ती भी करने लगे। इस तरह फिर हम और ज्यादा मस्ती करने लगे और मजे से जिंदगी जीने लगे।
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1 वर्ष पहले
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