हैलो मेरा नाम दिवाकर हैं। मैं मेट्रो सिटी मे रहता हूँ और मेरा खुद का अपना बिजनस हैं जिससे मैं काफी अच्छा कमा लेता हूँ। मेरे घरवाले मेरे लिए लड़की ढूंढ रहे थे और फिर उन्हे एक लड़की मिली जो की उसी शहर की थी जहां की मैं रह रहा था। मेरे घरवाले सभी दूसरी सिटी मे रह रहे थे। फिर वो सब आए और मुझे साथ लेकर लड़की देखने चले गए। लड़की किसी बड़े घराने की थी। उसके चाचा ताऊ सब राजनीति मे थे और उसके पापा एक बड़े मंत्री थे। फिर लड़की चाय लेकर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया। वो गजब की सुन्दर थी। वो कपड़ों मे थी तब ही बहुत सेक्सी लग रही थी और यदि वो बिकीनी वगैरह मे या जाती तो कोई न कोई हार्ट अटैक से जरूर मर जाता। वो मुझे काफी पसंद या गई थी और मैं भी उसे काफी पसंद आ गया था। फिर मैंने उससे अकेले मैं उससे बात की। उसकी आवाज भी बहुत मीठी थी। फिर हमें खुश देखकर हमारे घरवाले सब समझ गए और उन्होंने उसी दिन हमारा रिश्ता पक्का कर दिया। फिर हम रोज फोन पर बात करने लगे। उसका नाम कोमल था। वो थी वही बिल्कुल कोमल। उसकी एक छोटी बहन भी थी यानि की मेरी साली वो उसके जैसी ही बहुत खूबसूरत थी। उसका नाम कणिका था। जब मैं कोमल से बात करता तो वो भी अक्सर मुझसे बात कर लिया करती थी। वो काफी फ्रैंक थी। हम काफी मस्ती मजाक करते थे। फिर कुछ महीनों के बाद हमारी शादी हो गई और फिर हम दोनों चुदाई के मजे करने लगे। हमारे घर पर हमारे सिवा कोई दूसरा नहीं होता था। बस एक नौकरानी थी जो की काम करके चली जाती थी। फिर शुरू मे मैं सारा दिन कोमल की चुदाई करता रहता। वो भी काफी मजे लेकर करती थी। फिर वो मुझसे पूछने लगी के मुझे किस तरह की चुदाई पसंद हैं तो मैं उसे बताने लगा। मैं उससे कहने लगा के मुझे चुदाई के लिए ऐसी औरत पसंद हैं जो की बिल्कुल किसी पोर्नस्टार की तरह चुदाई करवाए और चुदाई के टाइम जी भर के गाली दे।
फिर वो बोली पोर्नस्टार तो ठीक है पर गाली कैसी। फिर मैं उसे बताने लगा के जैसे भोंसड़ी के, चूतिया जैसी। फिर वो भी बोलने की कोशिश करने लगी। उसके मुँह से गाली काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने उसे कई विडिओ दिखाई जिसमे की लड़की ऐसी गालियां बकती है। वो विडिओ देखकर कोमल सब कुछ सीख गई। मैं कोमल की बेडरूम से बाहर लाकर कभी हाल मे तो कभी कीचन मे चुदाई करता। इसमे हम दोनों को काफी मजा आता। कोमल चुदाई के टाइम मुझे काफी गालियां भी निकालती जिसे सुनकर मैं काफी गरम हो जाता और उसकी कसकर चुदाई करता।
फिर हम एक दिन चुदाई की विडिओ देख रहे थे जिसमे एक आदमी औरत की गांड पर बेल्ट से मारता है और औरत जोर से चिल्लाती है। वो विडिओ देखकर कोमल का मन भी वैसे ही करने को हुआ तो मैंने कोमल को समझाया के वो असली मे नहीं मारते हैं। पर कोमल नहीं मानी और घोड़ी बनकर मेरे सामने अपनी गांड निकाल लि। उसकी गौरी गांड देखकर मैं गरम हो गया और फिर अपना बेल्ट लेकर उसकी गांड पर धीरे धीरे मरने लगा। फिर उसने मुझसे कहा के चूतिये जोर से मार। ये सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और फिर मैं जोर से मारने लगा। उसे दर्द होता तो वो चिल्लाती पर मैं रूका नहीं। फिर मैंने कसकर 10-20 बेल्ट उसकी गांड पर मारी। लेकिन वो कोमल जितनी दिखती थी उतनी थी नहीं। उसने दर्द सहन कर लिया। उसकी गांड लाल हो गई थी और बेल्ट के निशान भी पड़ गए थे। फिर उसकी गांड देखकर मुझसे रूका नहीं गया और फिर मैं उसकी गांड मारने लगा। उसे तब मजा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था। फिर मैं झड़ गया। फिर हम रोज ऐसे ही नए नए तरीकों से करने लगे। जब हम अकेले होते और बीवी मुझे गाली देकर ही बुलाती और मुझसे तू तड़ाक से बात करती। फिर मुझे कई बार ऐसे लगता हैं जैसे मैं किसी रंडी के साथ रह रहा हूँ। इससे मुझे भी काफी मजा आता। इस तरह हम दोनों की सेक्स लाइफ काफी अच्छी चल रही थी। फिर बीवी प्रेग्नेंट हो गई। फिर हमारी चुदाई बंद हो गई। पर मैं कोमल की गांड मार लेता था।
फिर कोमल की मम्मी यानि मेरी सास का फोन आया और उन्होंने बताया के कणिका यानि मेरी साली किसी के साथ भाग गई है। ये बात हमारे लिए काफी शर्म की बात थी। इससे सब गुस्से मे थे। कणिका को देखने आने वाले थे फिर वो आए तो उन्हे भी कोई बहाना लगाकर वापिस भेजा। फिर धीरे धीरे ये बात सब लोगों मे फैल गई के इनकी छोटी लड़की भाग गई है। इससे तो गुस्सा और भी बढ़ गया था। फिर एक दिन मैं जब ऑफिस से घर आ रहा था तो मैंने एक लड़की तो देखा जो की मुझे कणिका की तरह लग रही थी। फिर मैं कार रोक कर उसके पास गया तो वो रो रही थी। फिर मैंने उसके मुँह से उसका कपड़ा उठाया तो वो कणिका ही थी। उसे देखकर मैं काफी हैरान हो गया। मैंने पूछा के तुम यहाँ क्या कर रही हो। वो भी मुझे देखकर काफी घबरा गई और बोली के जीजू आप किसी को बताना मत। मैं बोला के नहीं बताऊँगा। तुम घर चलो। फिर वो बोली के नहीं सब गुस्से मे हैं वो मुझे मार डालेंगे। फिर मैं बोला के तुम मेरे घर चलो। फिर मैंने उसे किसी तरह मनाया तो वो राजी हो गई। फिर उसे लेकर मैं घर आ गया।
जब हम घर पर आए तो कोमल ने पहले उसके गालों पर थप्पड़ों की बौछार कर दी और फिर मुझसे पूछने लगी के ये कहाँ मिली थी। फिर मैंने उसे सब बताया। फिर कोमल ने कणिका के पूछा के वो यहाँ क्या कर रही थी तो कणिका ने बताया के वो जिसके साथ भागी थे वो उसे कई दिन तक तो घुमाता रहा और फिर एक दिन छोड़कर चला गया। फिर मैं वापिस इस शहर में आ गई और घर नहीं जा सकती थी तो बैठकर रोने लगी और फिर जीजू मुझे यहाँ ले आये। फिर इतना कहने के बाद कोमल उसकी फिर पिटाई करने लगी। फिर कोमल ने अपनी मम्मी को फोन करके बताया तो वो भी सब बहुत गुस्सा हो गए। फिर सास बोली के इसे कुछ खिलाकर मार दो। फिर कोमल के हाथ से फोन लेकर मैं बात करने लगा और मैंने सास को समझाया के आप शांति से काम लीजिए। अब ये वापिस आ गई है तो इसके साथ लोगो के सामने घूमिये ताकि लोगो का भी भ्रम दूर हो जाये के ये भागी हैं। फिर सास को मेरी बात ठीक लगी। तो फिर अगले दिन हम सब मेरे ससुराल चले गए। फिर उन सबने उसे काफी कुछ कहा। फिर मेरे कहे अनुसार कणिका को लेकर हम शॉपिंग पर गए और साथ मे घूमने लगे। फिर लोगो का शक दूर हो गया। फिर सास कोमल से बोली के तू इसे ले जा मेरी आंखों से दूर। नहीं तो मैं इसे मार दूंगी। फिर हम कणिका को लेकर वापिस घर आ गए। फिर आते ही कोमल ने कणिका को बालों से पकड़ लिया और फिर उसे ऐसे ही घर के अंदर ले गई और फिर ले जाकर उसे पटक दिया। फिर कोमल एक छोटा हंटर लेकर आई और उल्टी पड़ी कनिका के गाँड पर मारने लगी। जिससे कणिका रोने लगी और चिल्लाने लगी। मैंने भी कोमल को रोकने की कोशिश की तो कोमल मुझे भी गाली निकालकर बोली के तू चुप हो जा नहीं तो तेरी गाँड पर भी पड़ेंगे। फिर ये सुनकर मैं तो एक कोने में खड़ा हो गया। फिर कोमल ने कणिका को घोड़ी बना लिया और उसकी गाँड पर काफी हंटर मारे।
फिर कणिका वैसी ही पड़ी रही और कोमल और मै बैडरूम में चले गए। फिर कोमल ने कपड़े चेंज करके शॉर्ट्स पहन लिए। फिर वो हाथ मे हंटर लेकर फिर कमरे से बाहर चली गई। फिर मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर कोमल ने कणिका को बालों से पकड़कर एक कमरे में ले गई और उसके कपड़े खोलने लगी। फिर मैं ये देखकर वहां से जाने लगा तो कोमल ने मुझे एक नाइटी लाने को कहा। फिर मैं वो नाइटी लेने चला गया। वो नाइटी देखी तो मैं देखता ही रह गया। वो नाइटी घुटनो तक ही थी और ऊपर से भी गहरे गले वाली थी। फिर वो लेकर मैं वापिस गया तो कणिका बिल्कुल नंगी थी और कोमल ने उसे उल्टी सुला रखा था और उसकी गाँड पर मारे जा रही थी और कणिका बहुत जोरो से चिल्ला रही थी। फिर मैं ये देखकर नाइटी कमरे के गेट से ही कोमल की तरफ फ़ेंक कर बाहर आ गया। फिर जब कोमल और कणिका कमरे से निकली तो कणिका उस नाइटी में काफी सेक्सी लग रही थी। और तो और उसने उस नाइटी के नीचे पहन भी कुछ नहीं रखा था। फिर कोमल उसे बालो से पकड़कर कमरे से बाहर लाई। फिर कणिका भागकर मेरे कदमो में पड़ गई तो उसकी नाइटी ऊपर सरक गई और उसकी गाँड साफ दिखने लगी। फिर कोमल पीछे से आई और उसकी गाँड पर बिना रुके हंटर से मारने लगी। मैंने कोमल को रोकने की कोशिश की तो कोमल मुझसे बोली के तुम्हे बहुत रहम आ रहा हैं तुमसे तो मैं बाद मैं निपटती हूँ। फिर कोमल कणिका के मारती रही। कणिका थोड़ी इधर उधर होती तो कोमल उसे फिर से घोड़ी बनवा लेती और फिर उसकी गाँड पर मारने लग जाती।
कोमल की मार से कणिका इधर उधर होकर कोमल की मार से बचने की कोशिश करती तो उसकी नाइटी ऊपर चढ़ जाती तो वो फिर उसे नीचे कर लेती। उसने कई बार ऐसा किया तो कोमल उसे बोली के अब इसे शर्म आ रही हैं और उसके साथ तो पता नहीं कितने मजे किये होंगे। ये कहकर कोमल उसे फिर से पीटने लग जाती हैं। फिर कुछ देर बाद कोमल उसे पीटना बंद कर देती हैं और मुझे पकड़कर कमरे में ले जाती हैं और मुझसे कहती हैं के अब तुझे बताती हूँ। कोमल ने कमरे का गेट भी बंद नहीं किया था और मुझे कपड़े उतारकर घोड़ा बनने के लिए कहती हैं और फिर बोलती हैं के आज तुम्हारी गाँड का देखो क्या हाल करती हूँ। फिर कोमल मुझे बेड पर उल्टा लेटा देती हैं और मेरी गाँड पर हंटर घुमाने लगती हैं। कोमल तब काफी गुस्से में लग रही थी तो मैं चुपचाप उसकी मार खाने के लिए तैयार हो जाता हूँ।
लेकिन तभी कणिका कमरे में आ जाती हैं और बोलती हैं के दीदी जीजू को कुछ मत कहो। आप मुझे और पीट लो। फिर कणिका हमारी तरफ पीठ करके खड़ी हो जाती हैं और अपनी गाँड से नाइटी ऊपर उठा लेती हैं ये देखकर मैं खड़ा हो जाता हूँ और कोमल कणिका की गाँड हंटर से सहलाने लगती हैं। ये सब देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो जाता हैं। तभी कोमल कणिका को बेड पर धक्का दे देती हैं जिससे कणिका बेड पर उल्टी पड़ जाती हैं और उसकी नाइटी कमर तक चढ़ जाती हैं। फिर कोमल का ध्यान मेरे खड़े लंड पर जाता हैं तो कोमल मेरी तरफ देखने लग जाती हैं और मैं गर्दन नीचे कर लेता हूँ। कणिका भी मुझे नंगा देख लेती हैं पर वो क्या कर सकती हैं। फिर कोमल कणिका को बालों पकड़कर उसे घसीटते हुए दूसरे कमरे में ले जाती हैं और फिर वापिस आते हुए मेरी आँखों के सामने नंगी हो जाती हैं और फिर मेरे लंड पर बैठकर करने लग जाती हैं। मैं भी कोमल की काफी कसकर चुदाई करता हूँ। फिर जब कोमल पूरी संतुष्ट हो जाती हैं तो कोमल मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगती हैं।
फिर उस दिन के बाद कणिका नोकरानी बनकर घर का सब काम करती हैं और कोमल उससे मनचाहा सलूक करती हैं। फिर कणिका सुबह की चाय से लेकर रात के खाना बनाने तक सब काम करती हैं। फिर मेरी सास आई एक दिन और कणिका को ऐसे काम करते देखा तो सास बोली के ये इसी लायक हैं। फिर कोमल कणिका से कोई शर्म नहीं करती और उसके सामने ही मेरा लंड चुसने लग जाती तो कभी मुझसे अपनी चुत चूसवाती और गाँड भी मरवाती। फिर तो वो घर पर नंगी ही रहने लगी और मैं भी। उसके सामने कोमल जानबूझकर मेरा लंड पकड़कर हिलाने लग जाती। कणिका भी एक औरत ही थी वो कितने दिन सहन करती। फिर जब एक दिन मैं और कोमल कर रहे थे तो वो भी अपनी चुत में उंगली करने लग जाती हैं। ये देखकर कोमल उसके पास जाती हैं और कहती हैं के ये देखो रंडी कैसे चुदाई के लिए तरस रही हैं। ऐसे कहते हुए कोमल उसकी नाइटी खींच लेती हैं जिससे कि वो पूरी नंगी हो जाती है और अपने हाथों से अपने बदन को छुपाने लगती हैं। फिर कोमल उसे कहती हैं के तू रंडी हैं तुझे किसकी शर्म आ रही हैं। चल अपने हाथ फैला। फिर कोमल उसके बदन पर हंटर चलाने लगती हैं तो वो डर के मारे हाथ फैला देती हैं और हमारे सामने वो पूरी नंगी हो जाती हैं। फिर कोमल उसे ऐसे ही काम करने के लिए कहती हैं तो वो फिर फर्श पर पोचा लगाने लग जाती हैं। उसे देखकर मेरी हालत बुरी हो जाती हैं तो मैं कोमल से कहे बगैर उसकी गाँड में अपना लंड घुसा देता हूँ। मैं और कोमल लगभग हर दिन चुदाई किया करते थे। लेकिन अब कोमल प्रेग्नेंट हो गई थी तो वो जल्दी थक जाती थी। फिर कोमल को ये चिंता सताने लग जाती हैं के इतने दिन मैं कैसे चुदाई के बगैर रह पाऊँगा।
फिर अगले दिन ही कोमल मेरा हाथ पकड़कर मुझे किचन में ले जाती हैं जहां कणिका नंगी काम कर रही होती हैं। फिर कोमल कणिका को मेरी तरफ धक्का देती हैं जिससे कणिका मेरी बाहों में आ जाती हैं। फिर कोमल कहती हैं के आज से ये तुम्हारी रखैल हैं। तुम इससे जितना चाहे उतना कर सकते हो। ये सुनकर मैं खुश हुआ लेकिन फिर मैंने एक्टिंग की और कणिका से नहीं करने के लिए कहा। फिर कोमल बोली के बाहर कहीं मुँह मारने से अच्छा हैं के इससे कर लो। लेकिन फिर भी मैं नहीं माना तो कोमल बोली के तुम ऐसे नहीं मानोगे। फिर कोमल मुझे और कणिका को कमरे में ले गई और फिर कणिका को घोड़ी बनने के लिये कहा तो वो घोड़ी बन जाति हैं और तभी कोमल मेरा लंड पकड़कर पीछे से उसकी चुत में डालने लगती हैं। ये नजारा देखकर मैं काफी गर्म हो जाता हूँ। फिर मेरा लण्ड कणिका की चुत में चला जाता हैं तो मैं फिर उससे करने लगता हूँ और कोमल पास खड़ी खड़ी देखती रहती हैं। फिर कणिका की चुत की गर्मी पाकर मैं जल्दी ही झड़ जाता हूँ तो कोमल कहती हैं के बस हो गया। फिर मैं कुछ नहीं बोलता हूँ। फिर हम वापिस आ जाते हैं और कणिका काम करने लग जाती हैं। फिर रात को कोमल एक साइड में बैठ जाती हैं और कणिका को घोड़ी बना लेती हैं और फिर मैं पीछे से उसकी चुत मारने लग जाता हूँ और काफी देर तक करता हूँ। फिर कोमल मुझे कणिका की गाँड में लंड डालने के लिए कहती हैं तो कणिका कहती हैं के दीदी वहाँ नहीं प्लीज बहुत दर्द होगा। फिर कोमल उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मारती हैं और उसे चुप करवा देती हैं। फिर मैं उसकी गाँड में डालने लगता हूँ और जब आधा चला जाता हैं तो कणिका काफी जोर से चिल्लाती हैं। लेकिन मैं फिर उसकी गाँड में पूरा डाल देता हूँ और अंदर बाहर करने लग जाता हूं। फिर मैं कभी उसकी चुत तो कभी गाँड में डालकर काफी देर तक करता रहता हूँ। फिर कोमल सो जाती हैं तो मैं कणिका को धीरे से सीधा करके सुला देता हूँ तो वो मेरी तरफ देखने लग जाती हैं। फिर मैं उसे अपने कमरे में जाने के लिए कहता हूँ तो फिर वो जैसे तैसे खड़ी होकर जाने लगती हैं पर उससे चला ही नहीं जाता हैं तो फिर मैं उसे अपने हाथों में उठाकर उसे कमरे में छोड़ आता हूँ। फिर मैं उससे इस सबके लिए सॉरी मांगता हूं तो वो कहती हैं के इसमें आपकी कोई गलती नहीं हैं आप वैसा ही करो जैसे कि दीदी कहती हैं। फिर उसे दर्द काफी हो रहा होता हैं तो फिर मैं उसकी गाँड पर क्रीम लगा देता हूँ और फिर वो सो जाती हैं। फिर मैं जैसे ही उसके कमरे से बाहर निकलता हूँ तो सामने कोमल खड़ी मिलती हैं। वो सब देख चुकी होती हैं। फिर वो कहती हैं के किसी और से प्यार किया तो तुम्हारी जान ले लूँगी भोसड़ी के। फिर मैं कहता हूँ के उस बेचारी को दर्द हो रहा था तो मुझे दया आ गई तो मैं बस क्रीम लगा रहा था और मैं प्यार तो तुमसे ही करता हूँ चाहे चुदाई किसी की भी कर लूँ। फिर बीवी मुझसे लिप किस करने लग जाती हैं तो फिर हम सो जाते हैं।
इसके बाद तो हमारे घर का माहौल बिल्कुल ही बदल गया। कोमल को चौथा महीना लग गया था तो उसका पेट बाहर निकल चुका था और अब उससे चुदाई नहीं हो पाती थी तो मेरा मन करता तब मैं कणिका से करने लग जाता। कणिका भी मेरा पूरा साथ देती। वो भी काफी एन्जॉय कर रही थी ये सब। कोमल को रात को पेशाब करने के लिए जाना पड़ता था तो उसके साथ मुझे जाना पड़ता था। फिर कोमल ने सोचा के मेरी नींद ना खराब हो इसलिए उसने कणिका को हमारे साथ ही बेड पर सोने के लिए कहा। फिर मैं कणिका की जी भरकर चुदाई करता और फिर वो हमारे साथ ही सो जाती। वो दोनों बहनें मेरे साथ एकदम नंगी होती ये देखकर मैं काफी गर्म हो जाता था। रात को मैं उनके बीच मे सोता तो जब बीवी की तरफ करवट लेकर सोता तो लंड बीवी की गाँड में डाल लेता और कणिका की तरफ सोता तो कणिका की गाँड में डालकर सो जाता। फिर सीधा होकर सोता तो दोनों बहनें एक साथ मेरा लंड सहलाती रहती। फिर धीरे धीरे कोमल का स्वभाव कणिका के प्रति नरम हो गया। फिर एक दिन कणिका ने कोमल से कहा के दीदी मुझे अपने साथ ही रख लो हमेशा के लिए। मैं जीजू की रखैल बनकर ही रह लूँगी और घर का सब काम भी कर दूँगी। फिर कोमल बोली के क्यों अपने जीजू का लंड इतना पसंद आ गया हैं क्या। ये सुनकर कणिका नीची गर्दन करके हँसने लग जाती हैं तो फिर कोमल भी हँसने लग जाती हैं। फिर कोमल उसकी बात मान लेती हैं। फिर कोमल का डिलीवरी का टाइम नजदीक आ जाता हैं तो कोमल मायके चली जाती हैं और पीछे मैं और कणिका ही रह जाते है। फिर मैं और कणिका जमकर चुदाई करते हैं। कणिका मेरी गुलाम बन जाती हैं और उसे मैं जो कहता हूँ वो ही करती हैं। फिर कोमल से मेरी सास ने कणिका के बारे में पूछा तो कोमल बोली के वो पति के साथ काम करने लगी हैं और कह रही हैं के अब शादी नहीं करेगी। फिर सास कहती हैं के चलो अच्छा हुआ वरना पता नहीं कल को और क्या कर ले। इस तरह कणिका का हमारे घर रहना पक्का हो गया। फिर मैं कणिका को अपनी सेक्रेट्री बनाकर आफिस ले जाने लगा और आफिस में भी मौका देखकर उसकी चुदाई कर लेता।
कणिका काफी फैशनेबल थी तो वो ऐसी सेक्सी ड्रेस पहनती के उसको देखने वाला सोचता के वो उसकी वहीं चुदाई कर दे। मैं हर रोज दिन में कम से कम 3 बार तो उसकी चुदाई कर ही देता था। इस प्रकार कोमल की डिलीवरी हो गई और हमारे बेटा हुआ तो सभी काफी खुश थे। फिर इसके दो तीन महीने तक कोमल पूरी तरह रिकवर हो गई। यानी लगभग 6 महीने तक मैं कणिका से करता रहा। फिर मैं कोमल को लेकर वापिस आ गया तो अब कोमल भी चुदाई करने लायक हो गई थी तो फिर तो वो दोनों बहनें मुझसे करने लगी और मैं भी एक बार मे ही उन दोनों को निपटा देता था। डिलीवरी के बाद तो कोमल और भी ज्यादा सेक्सी हो गई थी। फिर उन दोनों से करने के कारण मुझे थकावट हो जाती थी। फिर ये देखकर कणिका और कोमल मुझसे एक दो बार ही चुदाई करवाने लगी। फिर एक दिन हम कोई पोर्न फिल्म देख रहे थे तो उसमें एक औरत दो मर्दों से कर रही थी। फिर मैं उन दोनों से बोला के अगर वो किसी और से करना चाहती हैं तो कर सकती हैं। ये सुनकर कोमल बोली के मतलब किसी और मर्द का लंड मेरी चुत में जाए तो तुम्हे कोई दिक्कत नहीं हैं। फिर मैं बोला के नहीं। ये सुनकर कोमल हँसने लगी। फिर मैं बोला के मेरी वजह से तुम क्यों प्यासी रहो। मैं तुम दोनों की अब एक साथ प्यास नहीं बुझा सकता हूँ। अगर एक मर्द और होगा तो मुझे भी हेल्प हो जाएगी। फिर ये सुनकर वो दोनों एक दूसरे को देखकर हँसने लगी.....
अगले भाग में बताऊंगा के उन दोनों ने किससे चुदाई करवाई....
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