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मेरी मम्मी को पापा बिल्कुल भी खुश नहीं रख पाते है और मम्मी को चुदाई की काफी जरूरत थी। फिर एक दिन मैं अपने कमरे मैं बैठा अपना लंड हिला रहा था के तभी मम्मी कमरे में आ गई। फिर वो मेरे लंड को देखने लगी। मम्मी को देखकर मैं घबरा गया के आज मम्मी मेरी बहुत पिटाई करेगी। लेकिन मम्मी ने मुझे कुछ नहीं कहा और वहाँ से चली गई। फिर मैं भी कमरे से बाहर आ गया। मम्मी तब किचन में थी और पापा ऑफिस जाने की तैयारी कर रहे थे। फिर मम्मी ने मुझे किचन में बुलाया और फिर मुझे स्टोर रूम मे जाने के लिए कहा और वहीं इंतजार करने के लिए कहा। फिर मैं स्टोर रूम मैं जाने लगा और सोचने लगा के मम्मी मेरी स्टोर रूम में पिटाई करेंगी। फिर मम्मी पापा को टिफिन दे दिया तो पापा ऑफिस चले गए और फिर मम्मी स्टोर रूम में आई। मम्मी को देखकर मैं घबराकर खड़ा हो गया। फिर मम्मी मेरे सामने बैठ गई और मेरी पैंट नीची करके मेरा लंड सहलाने लगी और फिर चूसने लगी।
इससे मुझे भी काफी मजा आने लगा और मैं सब कुछ भूल गया। फिर थोड़ी देर चूसने के बाद मम्मी मेरे सामने झुककर खड़ी हो गई और अपनी पैंटी नीचे कर दी। ये देखकर मैं देखता ही रह गया। फिर मैंने कुछ नहीं सोचा और सीधा लंड मम्मी की चुत में डालकर करने लगा। इससे हम दोनों को काफी मजा आने लगा और हम कुछ देर तक ऐसे ही करते रहे। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैं मम्मी से बिल्कुल चिपक कर खड़ा हो गया और फिर मम्मी की चुत में ही झड़ गया। फिर झड़ने के बाद भी मैं मम्मी से चिपका रहा और फिर वहीं नीचे बैठ गया। फिर मम्मी मुसकुराते हुए अपनी सलवार पहनने लगी और मैं भी मुस्कुराने लगा। फिर हम दोनों स्टोर रूम से बाहर आ गए। फिर मम्मी नंगी होकर घर में घूमने लगी और फिर मुझे नहाने के लिए बोला। फिर मैं नहाकर आ गया तो फिर मम्मी भी नहाकर आ गई। मैं तब बेड पर लेटा हुआ था और मेरा लंड खड़ा था। फिर मम्मी मेरा लंड चूसने लगी और हम फिर से चुदाई करने लगे। फिर शाम तक हम ऐसे ही चुदाई करते रहे।
पहले मम्मी उदास उदास रहती थी पर उस दिन मम्मी काफी खुश थी। फिर शाम को पापा आ गए। फिर खाना खाने के बाद हम अपने अपने कमरों मे चले गए। फिर कुछ देर बाद मम्मी मेरे कमरे मे आई और मुझे बुलाकर अपने कमरे में ले गई। फिर मैं उनके कमरे मे गया तो पापा बैठे थे। फिर पापा मुझसे कहने लगे के बेटा मैं अब काफी कमजोर हो गया हूँ और अब मुझसे कोई भी काम नहीं होता है। अब सारी जिम्मेदारियाँ तुझे ही संभालनी है। तेरी मम्मी की जिम्मेदारी भी तुझे ही लेनी है। फिर पापा उठकर बाहर चले गए और मम्मी मेरा हाथ पकड़कर मुझे बिस्तर पर ले गई और फिर मुझे नंगा कर दिया और फिर खुद भी नंगी हो गई और फिर हम करने लगे। मम्मी तब जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी। फिर उस दिन के बाद मैं मम्मी के कमरे में और पापा दूसरे कमरे मे सोने लगे।
फिर धीरे धीरे हमारे बीच शर्म का पर्दा हटने लगा तो मैं मम्मी की चुदाई कर रहा होता तो पापा कमरे मे आ जाते लेकिन फिर भी हम करते रहते और पापा से शर्म नहीं करते। फिर मम्मी भी चुदाई के बाद घर में नंगी रहने लगी और फिर तो नंगी ही रहने लगी। मम्मी लोगों के सामने पापा के साथ रहती और घर में मेरे साथ रहती। फिर मैं भी बिना शर्म किए मम्मी को घर में कहीं भी चोदने लग जाता। फिर पापा भी हमारे सामने ही नंगे हो जाते और वो भी नंगे ही रहते। उन्हे टीबी हो गई थी और साथ में डायबिटीज भी थी। जिस कारण वो काफी कमजोर हो चुके थे। वो बस ऑफिस जाते और ऑफिस से घर आकर अपने कमरे में सो जाते। इसके अलावा वो कुछ नहीं करते। लेकिन मेरे और मम्मी के लिए अब हर दिन काफी खास होता। मुझे फिर चुदाई का काफी अनुभव हो गया तो मैं मम्मी की अलग अलग पोज में चुदाई करता जिससे की मम्मी और भी खुश हो जाती। अब मम्मी को मैं गर्लफ्रेंड समझता और जो मन में आता वो करता। इसी तरह मेरी शादी होने तक मैं मम्मी को इतनी बार चोद चुका था के मम्मी की चुत और गाँड पूरी खुल गई थी। फिर शादी के बाद जब बीवी मायके चली जाती तो तब मैं मम्मी को चोद लेता। इसी तरह हमारी चुदाई चलती रही।
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