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मेरी मम्मी का बदन इतना सेक्सी है के देखने वाला देखता ही रह जाये। मम्मी अपने बदन का शुरू से ही काफी ध्यान रखा है. मम्मी के ऐसे बदन का राज सिर्फ और सिर्फ मालिश है. शादी के बाद से ही मम्मी रोज पापा से अपने बदन की तेल से मालिश करवाती थी. मुझे अच्छी तरह याद है की जब मैं छोटा था तब मम्मी मेरे सामने ही नंगी होकर पापा से अपने बदन की मालिश करवा लेती थी.
मैं तब छोटा था मुझे कुछ पता नहीं था तो मैं मम्मी के बदन से खेलने लग जाता था और मम्मी भी मुझे नहीं रोकती थी. मैं मम्मी के बोबो को अपने हाथों में पकड़ने की कोशिश करता लेकिन सिर्फ मम्मी के निप्प्प्ल ही हाथ में आते थे. फिर मम्मी उलटी लेट जाती तो मैं मम्मी की गांड सहलाने लगता और गांड पर किस भी कर देता। मम्मी की गांड काफी मुलायम थी. मालिश के बाद सिर्फ मेरे लिए मम्मी कुछ देर नंगी ही रहती थी और मैं फिर मम्मी के बदन के साथ खेलता। अपने बदन से खेलता देखकर मम्मी को काफी गुदगुदी होती और वो काफी हंसती। उन्हें भी मजा आता था इसमें।
फिर मैं थोड़ा बड़ा और हुआ तो फिर मम्मी के कपड़े पहने होते तब भी मैं जाकर मम्मी के बोबो को दबाने लगता और गांड को सहलाने लग जाता। ऐसे करते करते मैं 10 साल का हो गया लेकिन तब भी मैं मम्मी के बोबो और गांड को दबा देता। हालांकि मैं पापा के सामने ऐसा नहीं करता था लेकिन जब मम्मी अकेली होती तो मैं मम्मी के बदन को कहीं से भी छू लेता था.
धीरे धीरे पापा का ध्यान मम्मी से हटने लगा तो वो अब कभी कभार ही मम्मी के बदन की मालिश करते थे। पापा ज्यादातर अपने काम में ही बिजी रहते। इससे मम्मी थोड़ी उदास रहने लगी। अब मम्मी मेरे सामने पहले की तरह नंगी तो नहीं रहती थी लेकिन नहाते टाइम कभी मैं उनकी पीठ पर साबुन लगा देता या वो कभी अपने कपड़े भूल जाती तो मैं उन्हें कपड़े देकर आता तो तब मैं मम्मी को नंगी देख लेता था। कभी कभार मम्मी मेरे सामने कपड़े भी बदल लेती थी। तब मम्मी ब्रा पैंटी में होती थी। मुझे अब मम्मी को नंगी देखने की लत लग चुकी थी।
मैं अब तक मम्मी पापा के साथ ही सोता था। रात को सोते टाइम मैं मम्मी के बोबो को बाहर निकाल लेता और फिर चूसने लग जाता। मम्मी तब जाग रही होती लेकिन वो मुझे कुछ नहीं कहती थी। ऐसा मैं लगभग रोज रात को ही करता था। फिर एक बार मैंने मम्मी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और फिर सलवार निचे सरकाने लगा। मम्मी ने निचे कुछ नहीं पहना था। मम्मी तब सीधी लेटी हुई थी जिस कारन मैं मम्मी की सलवार को ज्यादा निचे नहीं कर पाया। फिर मम्मी ने खुद ही अपनी सलवार घुटनो तक कर दी और फिर उलटी होकर लेट गई। मम्मी की नंगी गांड देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाया और मम्मी की गांड पर टूट पड़ा।
मैं दोनों हाथो से मम्मी की गांड को सहलाने और दबाने लगा। फिर मम्मी खुद भी अपने हाथ से अपनी गांड सहलाने लगी और देखने लगी। उस दिन पापा कहीं गए हुए थे तो और हम दोनों घर पर अकेले ही थे। फिर मम्मी उठी और अपने सब कपड़े निकालकर नंगी हो गई। फिर मम्मी ने मुझसे पूछा के तू मेरी मालिश कर देगा क्या। फिर मैंने झट से हाँ भर दी। फिर मम्मी सीधी लेट गई और तेल की बोतल लेकर तेल की कुछ बुँदे अपने बोबो पर डाल दी तो फिर मैं बोबो की मालिश करने लगा। फिर मम्मी ने तेल की बुँदे अपने पेट पर और अपनी चुत पर भी डाली। फिर मैं मम्मी के पेट की और चुत की मालिश करने लगा. तब मम्मी की चुत एकदम चिकनी थी। फिर मम्मी उलटी लेट गई तो फिर मैंने काफी सारा तेल मम्मी की गांड पर डाला और फिर काफी देर तक मम्मी की गांड की मालिश करता रहा।
अपनी मालिश करवाकर मम्मी और मैं दोनों काफी खुश थे। फिर उस रात मम्मी नंगी ही सो गई। उस रात के बाद मम्मी लगभग हर रोज मुझसे अपने बदन की मालिश करवाने लगी। रात को पापा पास में सोये रहते लेकिन फिर भी मम्मी नंगी होकर सो जाती और मैं मम्मी के बदन सहलाते सहलाते सो जाता। इसके बाद मम्मी पहले की तरह ही खुश रहने लगी।
फिर नहाते टाइम भी मम्मी मुझे बुला लेती और फिर मैं मम्मी के बदन पर साबुन लगाकर खूब मसलता। लेकिन ऐसा हम तभी करते थे जब पापा घर पर नहीं होते थे। मालिश करते करते मैं मम्मी की चुत में भी ऊँगली डाल देता था लेकिन फिर भी मम्मी कुछ नहीं बोलती थी मुझे। तब मुझे चुदाई वगैरह का कुछ ज्यादा नहीं पता था। ऊँगली डालने से मम्मी गर्म हो जाती तो फिर वो खुद ही ऊँगली करने लग जाती और फिर झड़ जाती थी। ऐसा ही सब चलता रहा और फिर पापा ने मुझे अंकल के यहाँ भेज दिया पढ़ने के लिए। फिर मैं थोड़ा और बड़ा हुआ तो मुझे चुदाई के बारे में पता चला। फिर मैं छुट्टियों में घर आता तो मैं और मम्मी आपस में काफी बातें करते लेकिन फिर मेरी हिम्मत मम्मी को छूने की नहीं हुई।
मेरा सारा ध्यान पढ़ाई में हो गया। लेकिन मैं कभी कभी मम्मी को सोचकर लंड जरूर हिला लेता था। फिर मेरी पढ़ाई पूरी हो गई तो मैं घर पर आकर रहने लगा। तब मेरा चुदाई का काफी मन करता था। फिर एक बार हिम्मत करके मम्मी के गले लगने के बहाने से मैंने मम्मी की गांड दबा दी। फिर मम्मी मुझसे बोली के बेटा तुम पहले की बातों को भूल जाओ। फिर मैंने मम्मी के दोनों हाथ अपने हाथों में लेकर कहने लगा के मम्मी मैं आपको बचपन से ही काफी पसंद करता हूँ और अब मैं आपके बिना नहीं रह सकता।
फिर मैंने मम्मी के दोनों बोबे बाहर निकाल लिए और उन्हें सहलाने लगा। फिर मैं मम्मी की गोद में बैठ गया और मम्मी से कहा के अब मुझे आपकी सबसे ज्यादा जरूरत है अब मुझे खुद से दूर मत करो वरना मैं मर जाऊंगा। मम्मी भी समझ चुकी थी के मेरे कहने का क्या मतलब है। फिर मैं खड़ा हुआ और मम्मी से लिप किस करने लगा और मम्मी भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैं मम्मी को बैडरूम में ले गया और मम्मी को नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया। मम्मी मेरे लंड को देखकर हाथ में लेकर देखने लगी। फिर मैंने मम्मी को लेटाया और मम्मी की चुत चाटने लगा। फिर मम्मी गर्म हो गई तो फिर मैंने मम्मी की काफी जोरदार तरिके से चुदाई की तो मम्मी मेरी चुदाई से काफी खुश हुई। फिर मम्मी मुझसे रोज ही चुदने लगी। मेरी शादी तक मैंने मम्मी को काफी बार चोदा। फिर शादी के बाद पापा गुजर गए जिस कारण थोड़े समय तक हम काफी दुखी रहे।
लेकिन फिर जब मेरी बीवी मायके गई होती तो मैं मम्मी की चुदाई कर देता। जिससे मम्मी पहले की तरह ही खुश रहने लगी। हमारी इसी ख़ुशी में चार चाँद मेरी बीवी ने लगा दिए। मेरी बीवी को मॉडलिंग करने का काफी शौक है इस कारन सेक्स के टाइम वो सेक्सी बिकिनी वगैरह पहनकर मझे ललचाती और मैं उसकी काफी चुदाई करता। लेकिन बात यहीं नहीं खत्म हुई उसे अब घर में मम्मी के सामने बिकिनी पहनकर रहना था। फिर मैंने कहा के मम्मी से पूछ लो। वो हाँ कर दे तो पहन लेना। इसके बारे में मैंने पहले ही मम्मी को बता दिया था तो मम्मी ने भी हाँ कर दी। फिर बीवी काफी खुश हुई और फिर वो घर में बिकिनी में रहने लगी।
फिर मैं बीवी को मम्मी के सामने ही छेड़ने लगा। कभी उसके बोबो को सहला देता तो कभी उसकी ब्रा के पीछे से हुक खोल देता। फिर तो मैंने हद ही कर दी उसके एक बॉबे को बाहर निकालकर चुसने लगा। मेरी इन सब हरकतों से बीवी पहले तो काफी गुस्सा होती और कहती के मम्मी क्या कहेगी। फिर एक दिन मम्मी ने भी कह दिया के बेटा यही तो तुम्हारे खेलने कूदने के दिन है तो खूब मजे करो। फिर इसके बाद तो बीवी भी मुझे कुछ नहीं कहती चाहे मैं उसके साथ कुछ भी करूँ। एक बार मैंने बीवी के दोनों बोबो को उसकी ब्रा से बाहर निकाल दिए तो फिर बीवी ने ब्रा निकालकर ही फेंक दी। मैं बीवी को मम्मी के सामने ही उठाकर कमरे में ले जाता और फिर हम कमरे का गेट बिना बन्द किये ही चुदाई करने लग जाते। फिर धीरे धीरे बीवी की भी शर्म काफी कम हो गई। फिर वो मैं नहीं होता तब नंगी ही कमरे से बाहर आ जाती। वो मम्मी के सामने भी नंगी रह लेती। लेकिन फिर जैसे ही मैं आता तो फिर वो भागकर कमरे में चली जाती और पैंटी पहनकर आ जाती। फिर एक बार ऐसा ही हुआ। वो अपनी चुत को अपने दोनों हाथों से छुपाकर कमरे की तरफ जाने लगी तो मैंने उसे पकड़ लिया और फिर उसके दोनों हाथों को उसकी चुत से हटा दिया। उसने छुड़ाने की काफी कोशिश की लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा। मम्मी भी वहीं बैठी थी। फिर मम्मी ने मुझे उसे छोड़ने के लिए कहा लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा। वो हमारे सामने तब बिल्कुल नंगी खड़ी थी। फिर मैंने उसे छोड़ा तो फिर वो मेरे गले लग गई और हंसने लगी। फिर मैंने उसे कहा के तुम नंगी रह सकती हो मेरे सामने भी। फिर उस दिन के बाद वो मेरे और मम्मी के सामने नंगी ही रहकर सब काम करने लगी।
हमारी जिंदगी ऐसे ही काफी मजे से कट रही थी। फिर जैसे मैं मम्मी की मालिश करता था वैसे ही मम्मी के सामने बीवी की मालिश करने लगा। जिससे मुझे और मम्मी को हमारे पुराने दिन याद आ गए। फिर एक दिन ऐसे ही मालिश करते करते मैं काफी गर्म हो गया और फिर मम्मी के सामने ही मैं बीवी की चुदाई करने लगा। फिर मम्मी वहां से उठकर चली गई। फिर चुदाई के बाद बीवी ने मुझे काफी डांटा और फिर वो मुझे मम्मी के पास ले गई औऱ फिर उसने और मैंने मम्मी से सॉरी मांगी तो फिर मम्मी बोली के इसमे सॉरी वाली कोई बात नहीं है। तुम्हारा जहां मन हो वहां करो। मेरे लिए तुम दोनों बच्चे ही हो और मैं कोई बच्ची नहीं हूँ। तुम दोनों को देखकर मुझे भी अपने पुराने दिन याद आ जाते है। फिर मम्मी की ये बात सुनकर हम तीनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। फिर बीवी के ना चाहते हुए भी मैंने बीवी को मम्मी के सामने कई बार चोद दिया। फिर चुदाई के बाद मैं अंडरवियर पहन लेता था तो फिर एक दिन बीवी ने मम्मी के सामने मेरा अंडरवियर खींचकर निकाल दिया और बोली के आप तो मम्मी के सामने बचपन मे काफी बार नंगे रहे हो तो अब आपको कैसी शर्म। इस तरह बीवी ने मेरा अंडरवियर पहनना बन्द करवा दिया। बीवी तो अब पूरी बेशर्म हो ही चुकी थी तो फिर वो मम्मी के सामने ही मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लग जाती और फिर मेरा खड़ा हो जाता तो मैं उसकी चुदाई कर देता।
इस प्रकार अब माहौल काफी खुल गया था हमारे घर का। अब हम चुदाई करते तो मम्मी वहीं बैठी हमे देखती रहती थी। हमारी चुदाई देखकर वो भी गर्म हो जाती थी तो फिर वो कमरे में जाकर उंगली कर लेती थी या रात को मैं उनकी चुदाई कर देता था। एक बार बीवी ने मम्मी को उंगली करते देख लिया तो फिर मेरी सेक्सी बीवी जाकर मम्मी की चुत चाटने लगी और अपनी चुत मम्मी की चुत से रगड़ने लगी। मैं ये सब कमरे के बाहर खड़ा होकर देख रहा था और अपना लन्ड हिला रहा था। फिर मम्मी ने भी बीवी की चुत चाटी और फिर वो दोनों झड़ गई तो लेटकर आराम करने लगी। मैं उन दोनों को देखकर काफी गर्म हो चुका था तो मुझसे नहीं रहा गया तो फिर मैं कमरे के अंदर चला गया और जाकर बीवी की चुत मारने लगा। पास में मम्मी नंगी लेटी हुई थी तो फिर उन्होंने अपनी चुत के ऊपर एक चद्दर डाल ली और वैसे ही लेटी रही। फिर मैंने बीवी को घोड़ी बना लिया और गाँड मारने लगा। फिर बीवी ने मम्मी के ऊपर से चद्दर हटा दी और मम्मी की चुत चाटने लगी। मेरी बीवी मेरे सामने ही मम्मी की चुत चाट रही थी। फिर मैं झड़ गया तो मैं जाकर बेड पर लेट गया और बीवी मम्मी की चुत चाटती रही। उन दोनों की सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मम्मी झड़ गई तो बीवी भी आकर मेरी साइड में लेट गई।
बीवी हम दोनों के बीच मे लेटी थी। मम्मी बिल्कुल नंगी लेटी थी। फिर हम बातें करने लगे। फिर बीवी ने मुझसे कहा के मम्मी को भी किसी पार्टनर की जरूरत है। फिर बीवी ने मम्मी से कहा के अब ससुर जी भी इस दुनिया मे नहीं है तो अब अपने आप को एक कुंवारी लड़की समझो और फिर से किसी से शादी करके जिंदगी के मजे लो। फिर मम्मी ने कहा के अगर तुम दोनों को इसमे कोई एतराज नहीं है तो मैं तैयार हूं। फिर बीवी ने मेरी तरफ देखा तो फिर मैंने कहा के मैं भी तैयार हूं। फिर मैंने बीवी से कहा के लेकिन हम मम्मी की शादी करवाएंगे किससे। फिर बीवी बोली के कोई न कोई मिल जाएगा। फिर बीवी हमारे बीच से उठ गई तो फिर मैं और मम्मी एक दूसरे को देखने लगे। फिर बीवी मम्मी से बोली के आप अब अपने बेटे से मत शर्माओ। फिर मम्मी बोली के अब कैसा शर्माना। अब मेरी जिंदगी इसके हाथ मे है। ये जैसा कहेगा वैसा करने के लिए मैं तैयार हूं। फिर बीवी बोली के ये हुई ना बात। मैं चाय बनाकर लाती हूँ इतने आप दोनों बातें करो। फिर बीवी के जाने के बाद मैं मम्मी से चिपक कर लेट गया। फिर मम्मी ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और सहलाने लगी। मैं भी मम्मी की चिकनी चुत सहलाने लगा। फिर इतने में बीवी चाय बनाकर ले आई और उसने मेरा हाथ मम्मी की चुत पर देखा तो बोली के हाँ हाँ देख लो अपना जन्मस्थान। अच्छी तरह से देख लो। फिर उसने मम्मी से पैर फैलाने के लिए कहा तो मम्मी ने वैसा ही किया। फिर मैं भी उठकर मम्मी के दोनों पैरों के बीच जाकर बैठ गया और मम्मी की चुत को देखना लगा। मैं तब गर्म हो चुका था तो मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था। फिर मैंने लन्ड मम्मी की चुत में डालकर करने लगा। मेरा लण्ड मम्मी की चुत में अंदर बाहर होता देखकर बीवी देखते ही रह गई। फिर मैंने मम्मी को अच्छे से चोदा। चुदाई के बाद मम्मी भी काफी खुश लग रही थी। फिर बीवी बोली के अब आपको अपने बेटे की पूरी मंजूरी मिल चुकी है दूसरी शादी करने की। बीवी की ये बात सुनकर हम सब हंसने लगे। फिर हम सब ने चाय पी। फिर इसके बाद तो मैं बीवी और मम्मी को एक साथ चोदने लगा।
फिर साथ ही हम मम्मी के लिए कोई आदमी ढूंढने लगे। फिर इस बीच एक ऐसा वाकया हुआ जिसने की हमारी जिंदगी बदल दी। मेरे बीवी के भाई यानी कि मेरे साले की शादी एक साल पहले ही हुई थी और उसकी बीवी ने उसे हिंजड़ा घोसित कर दिया था। मेरा साला बार बार कह रहा था के वो झूठ बोल रही है ऐसी कोई बात नहीं है। लेकिन हम सबको ही उसकी बात पर ज्यादा विस्वास नहीं हो रहा था। मैं और बीवी भी वहां गए हुए थे। मैंने भी साले से खुलकर बात की तो उसने मुझे सब कुछ खुलकर बताया। उसकी बातों से मुझे तो विश्वास हो गया था। फिर मैंने सोचा के क्यों न इसकी जिंदगी को रंगीन किया जाए। फिर मैंने बीवी से कहा के अगर तुम्हारा भाई बिल्कुल ठीक है तो तो कोई दिक्कत ही नहीं है। पर अगर उसे ये दिक्कत सच मे हुई तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी। फिर बीवी बोली के तो क्या करे अब। फिर मैंने बीवी से कहा के या तो तुम या तुम्हारी मम्मी ही अब इसका पता लगा सकती हो। मेरी बात सुनकर बीवी सब समझ गई और वो मुस्कुराने लगी। फिर वो बोली के मैं इसके बारे में मम्मी से बात करती हूँ अगर वो मान जाती है तो ठीक है वरना मैं तो कर ही लूँगी। फिर मैं बोला के हां ठीक है। फिर बीवी ने अपनी मम्मी से बात की और उन्हें सब कुछ समझाया। बीवी ने कहा के ये हमारी घर की इज्जत का सवाल है। इसके लिए हम दोनों माँ बेटी में से ही किसीको कुछ करना पड़ेगा। फिर बीवी की मम्मी बोली के मुझे इसके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। तू ही कर ले। बीवी की मम्मी से इजाजत मिलने के बाद हमने बीवी के भाई से बात की। फिर बीवी ने उसे कहा के देख ये हमारे घर की बात है और घर मे ही रहेगी। तू मुझे अब बहन नहीं बल्कि अपनी बीवी ही समझ। इससे किसी को कोई एतराज नहीं हैं। फिर मैंने भी उससे कहा के तुम्हारी बीवी ने तुम्हारी मर्दानगी पर उंगली उठाई है। ये तुम्हारी बहन कैसे सह सकती है। इसलिए बात मान और तुम्हारी बहन जो तुमसे कहे वो कर। फिर वो भी बात मान गया।
फिर हम सब आंगन में बैठ गए। मेरे ससुर थोड़े बीमार रहते है तो हमने उन्हें कुछ नहीं बताया। फिर बीवी कमरे में गई और कुछ देर बाद एक शार्ट ड्रेस पहनकर आई जिसमे हम सब उसे देखते ही रह गए। फिर बीवी अपने भाई को लेकर कमरे में चली गई और कमरा अंदर से बंद कर लिया। मैं और मेरी सास कमरे के बाहर ही बैठे रहे और अंदर वो दोनों भाई बहन चुदाई करने लगे। कुछ देर बाद बहन की सिस्कारियों की आवाजें बाहर तक आने लगी। फिर थोड़ी देर बाद थप थप की आवाजें आने लगी। तब शायद बीवी अंदर अपने भाई से घोड़ी बनकर चुद रही थी। ऐसी आवाजें सुनकर मैं गर्म होने लगा। फिर आवाजें और तेज हो गई तो सास वहां से उठकर दूसरे कमरे में जाने लगी। फिर मैं भी उठकर सास के पीछे पीछे चला गया। सास कमरे में जाकर खड़ी हो गई। फिर मैं सास के नजदीक गया और पीछे से चिपक कर खड़ा हो गया और सास की गर्दन पर किस करने लगा तो सास कुछ नहीं बोली। इतना इशारा मेरे लिए काफी था। फिर मैंने सास की सलवार खोली और सास को बेड पर घोड़ी बना लिया और पीछे से करने लगा। फिर सास सिस्कारियाँ लेने लगी। सास की बड़ी बड़ी गाँड देखकर मैं काफी गर्म हो चुका था। सास की चुत झांटो से भरी थी। फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैं झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी सास की गाँड पर डाल दिया। फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और अपनी पेंट पहनने लगा। फिर सास ने अपनी गाँड पर लगा मेरा पानी साफ नहीं किया और वैसे ही पैंटी और सलवार पहनने लगी। फिर हम दोनों बाहर आकर बैठ गए। लेकिन अभी भी बहन और भाई की चुदाई चल रही थी। शायद वो दोबारा करने लगे। फिर मैं सास के नजदीक जाकर बैठ गया और सास के बोबो को सहलाने और दबाने लगा। मुझे और सास दोनो को पता था के वहाँ कोई आने वाला नहीं है। इस कारण सास ने भी मुझे नहीं रोका।
फिर मैं सास का कुर्ता उतारने लगा तो सास ने मुझे रोक दिया। फिर मैं सास से बोला के वो दोनों भाई बहन अभी नहीं बाहर निकलने वाले है। आपकी बेटी को मैं अच्छे से जानता हूँ। मेरी बात सुनकर सास शर्माने लगी। फिर मैंने सास को ऊपर से नंगी कर दिया। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सास के हाथ मे दे दिया तो सास मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर मैंने सास की सलवार और पैंटी भी निकाल दी और सास को पूरी नंगी कर दिया। फिर मैं भी पूरा नंगा हो गया और सास को वहीं चोदने लगा। मैं सास को अलग अलग पोज में खड़ी करके चोद रहा था और सास बेचारी चुदी जा रही थी। इस बार मैं जल्दी झड़ने वाला नहीं था तो मैं लगातार सास को चोद रहा था। फिर अचानक बाहर वाले कमरे से कुछ आवाज आई तो मैं और सास एक दूसरे की तरफ देखने लगे। फिर सास नंगी ही बाहर वाले कमरे की तरफ जाने लगी और मैं भी सास के पीछे पीछे जाने लगा। फिर सास ने कमरे में जाकर देखा तो ससुर सोए थे। फिर सास वापिस आने के लिए पीछे की तरफ मुड़ी तो सास के बिल्कुल पीछे मैं खड़ा था जिस कारण सास के बोबे मेरी छाती से लगने लगे। फिर मैंने सास की कमर में हाथ डालकर अपने से पूरा चिपका लिया। फिर सास थोड़ा डर गई और बोली के बाहर जाकर करते है। फिर मैं सास से बोला के मैं बस झड़ने वाला हूँ। इतना कहकर मैंने सास को वहीं चारपाई पर लेटा लिया और सास की चुत मारने लगा। तब ससुर गहरी नींद में थे और हम भी ज्यादा आवाज नहीं कर रहे थे। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा। फिर मेरे लंड से पिचकारी निकलने लगी और मेरे लंड की पिचकारी सीधी जाकर सास के पेट, बोबो और मुँह पर गिरने लगी। फिर मैं पूरा झड़ गया तो मैं साइड हो गया। फिर सास उठी और अपने बदन को साफ करने लगी। फिर हम दोनों कमरे से बाहर आये और आकर अपने कपड़े पहन लिए। उन दोनों भाई बहन को अंदर गए 3 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका था। फिर सास ने मुझसे कहा के उन्हें आवाज वगैरह देकर बाहर बुलाओ। फिर मैं बोला के वो अपने आप बाहर आ जाएंगे। फिर कुछ देर बाद ही कमरे का गेट खुला और बीवी कमरे से बाहर निकली। उसने तब एक चद्दर लपेटी हुई थी। फिर वो बोली के इसमे कुछ दिक्कत नहीं है ये एकदम सही है। फिर बीवी दूसरे कमरे में चली गई। फिर बीवी का भाई कमरे से बाहर आया वो सिर्फ अंडरवियर में था। फिर सास उसके पास मुस्कुराती हुई गई और उसे अपने गले लगा लिया।
फिर साले ने कपड़े पहने और फिर हम दोनों जाकर बाहर वाले कमरे में बैठ गए। फिर सास हमारे लिए चाय बनाकर लाई। ससुर भी उठ चुके थे तो फिर हम सब चाय पीने लगे और बातें करने लगे। शाम को सास और बीवी किचन में खाना बना रही थी तो फिर मैं किचन में चला गया और फिर हम बातें करने लगे। फिर मैंने कहा के अब मम्मी भी तैयार है। मेरे इतना कहते ही बीवी समझ गई और फिर वो कभी मेरी तरफ देखती तो कभी सास की तरफ। फिर सास शर्माने लगी और मुस्कुराने लगी। फिर बीवी सास के पास गई और बोली के अपने बेटे से करने के लिए कहा तब तो किया नहीं। फिर सास बोली के तब मुझे शर्म आ रही थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था के मैं क्या करूँ। फिर बीवी बोली के तो आज रात को चली जाना उसके पास। अब तो आपकी सब शर्म इन्होंने दूर कर दी है। फिर सास कुछ नहीं बोली और सिर्फ मुस्कुराती रही। फिर मैं उन दोनों के पास गया और पीछे से उन दोनों की गाँड पकड़कर सहलाने लगा। फिर मैंने बीवी के सामने ही सास को अपनी बाहों में ले लिया। ये देखकर बीवी हम दोनों की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मैं सास के बोबो को दबाने लगा। फिर मैंने बीवी को भी पकड़कर अपनी बाहों में ले लिया और फिर दोनों के बोबो को पकड़कर सहलाने लगा। ऐसे ही कुछ देर सहलाने के बाद मैंने उन दोनों को छोड़ दिया। फिर वो अपना काम करने लगी। फिर रात को सास साले के पास सोने चली गई। बीवी ने अपने भाई को पहले ही इसके बारे में बता दिया था तो वो तो तैयार ही था। फिर उस रात उन दोनों ने जमकर चुदाई की और मैंने भी बीवी को खूब चोदा।
अगली सुबह मैं और बीवी जल्दी उठ गए थे। बीवी को नंगी रहने की आदत थी पर अब उसे किसी की शर्म नहीं थी। क्योंकि वो अपने भाई से चुदवा चुकी थी और मुझसे तो वो क्या शर्म करती। फिर बीवी ने एक सेक्सी सी बिकिनी पहनी और फिर बिकिनी में ही घूमने लगी। फिर कुछ देर बाद जब सास और साला कमरे से बाहर आये तो बीवी भागकर सास के पास गई और फिर पूछा के मम्मी सब ठीक है ना। फिर सास ने मुस्कुराकर कहा के हां। भगवान का शुकर है। फिर सास साले की तरफ देखकर बोली के मुझे तो पहले ही पता था के मेरा बेटा बिल्कुल ठीक है। फिर सास बोली के मैं नहाकर मन्दिर जाकर आती हूँ। फिर सास तो नहाने चली गई और फिर बीवी अपने भाई को लेकर मेरे पास आ गई। साला भी अपनी बहन को बिकिनी में देखकर देखता ही रह गया था। फिर बीवी हम दोनों के लिए चाय लेने चली गई। फिर हम दोनों बातें करने लगे। इतने में बीवी चाय लेकर आ गई तो फिर हम तीनों साथ बैठकर चाय पीने लगे। फिर सास भी चाय पीकर मन्दिर चली गई।
सास के जाते ही बीवी ने अपनी बिकिनी खोल दी और नंगी होकर हमारे सामने बैठ गई। अपनी बहन को नंगी देखकर साला तो देखता ही रह गया। फिर बीवी बोली के अच्छा हुआ जो मम्मी चली गई अब कुछ देर खुलकर तो रह लूँगी। तब मैं बीवी के साथ ही बैठा था तो फिर मैंने बीवी को पकड़कर अपने से चिपका लिया और बीवी के बोबो को चुसने लगा। फिर मैं बीवी की चुत सहलाने लगा। बीवी गर्म हो गई थी तो वो सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर मैंने बीवी को घोड़ी बनाया और उसकी गाँड चाटने लगा। कुछ देर गाँड चाटने के बाद बीवी सीधी होकर बैठ गई। मैं बीवी के सामने ही खड़ा था तो फिर बीवी ने मेरा अंडरवियर खींच के निकाल दिया और मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर वो मेरा लंड चुसने लगी। ये देखकर तो मेरे साले की हालत खराब हो रही थी। मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था तो फिर मैं बीवी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। साथ मे बीवी की गाँड पर जोर जोर से थप्पड़ भी मार रहा था। मेरे धक्कों से बीवी के बोबे हिल रहे थे। फिर ऐसे ही मैं कुछ देर तक बीवी को साले के सामने चोदता रहा और फिर झड़ गया। हमारी चुदाई के बाद मेरे साले ने मुझसे कहा के जीजाजी आप काफी अच्छी चुदाई करते हो। साले की बात सुनकर मैं और बीवी एक दूसरे को देखकर हंसने लगे। फिर बीवी ने अपने भाई से कहा के हमने तुम्हारे सामने चुदाई कर ली और तुम अभी तक अंडरवियर में ही बैठे हो। फिर बीवी अपने भाई के पास गई और फिर खींचकर उसका अंडरवियर निकाल दिया और फिर उसका लन्ड अपने हाथ मे लेकर हिलाने लगी। तभी उसके लण्ड से पिचकारी निकलने लगी और वो झड़ने लगा। ये देखकर बीवी बोली के थोड़ी देर और अंडरवियर ना निकालती तो तू अंडरवियर में ही झड़ जाता। झड़ने के बाद भी बीवी अपने भाई के लंड को सहलाती रही।
फिर कुछ देर बाद बीवी खड़ी होकर घर के काम मे लग गई और हमसे बोली के मम्मी आये तो बता देना। फिर मैं और साला बीवी को देखने लगे और अपना लंड सहलाने लगे। फिर थोड़ी देर बाद ही हमारे लंड खड़े हो गए तो फिर हम उठकर बीवी के पास चले गए। बीवी हम दोनों के खड़े लंड देखकर मुस्कुराने लगी और फिर हमारे बीच मे आकर खड़ी हो गई और हमारे लंड पकड़कर सहलाने लगी। तभी मेरी सास मन्दिर से आ गई और फिर वो जैसे ही आंगन में आई तो सामने अपनी बेटी को हम दोनों के लंड पकड़े देखा तो वो हमें देखती ही रह गई। अब हम एक दूसरे को चोद चुके थे तो शर्म वाली तो कोई बात नहीं थी पर जो थोड़ी बहुत शर्म का पर्दा था आज वो भी खत्म हो गया था। अब सास को भी समझ नहीं आ रहा था के वो क्या करें। फिर सास ने हम तीनों को अपने पास बुलाया तो फिर हम तीनों नंगे ही सास के पास जाकर खड़े हो गए। फिर सास ने हमारे टीका किया और फिर हमें प्रसाद दिया। फिर सास हमसे बोली के इसमे कोई कमी नहीं है ये तो पता चल गया पर बाहर इसकी काफी बदनामी हो चुकी है। इसके लिए हम क्या करें। फिर बीवी बोली के इसका भी कोई रास्ता निकाल लेंगे। आप फिकर मत करो। हम बाते कर रहे थे तो मैं फिर से अपने लंड को पकड़कर सहलाने लगा। जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया। सास बात करते करते मेरे लंड को ही घूर रही थी।
फिर अचानक बात करते करते सास मेरे पास आई और मेरे लंड को मुंह मे लेकर चुसने लगी। ये देखकर बीवी अपने भाई की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और उसे इशारे से बताया के मम्मी तुम्हारे जीजाजी से चुद चुकी है। फिर बीवी अपने भाई के पास जाकर खड़ी हो गई तो फिर वो बीवी के बोबो को सहलाने लगा और बीवी भी उसका लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैंने भी सास के कपड़े खोलकर सास को नंगी कर दिया। फिर मैं सास को लेकर अंदर कमरे में ले गया और करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद बीवी भी आकर अपनी मम्मी की साइड में घोड़ी बन गई और उसका भाई उसकी चुदाई करने लगा। मैं और साला काफी देर तक उन दोनों माँ बेटी की चुदाई करते रहे। फिर कुछ देर बाद हम झड़ गए तो फिर हम सब साथ मे बिस्तर पर ही लेट गए। मैं साले के सामने ही उसकी मां के बोबो और चुत को सहला रहा था। फिर बीवी बोली के अपने भाई के लिए मैं कोई लड़की ढूंढ लुंगी। फिर मैं और बीवी कुछ दिन और वहाँ रहे और हम सबने मिलकर जमकर चुदाई की। फिर हम वापिस आ गए। वापिस आने के बाद हमने मेरी मम्मी को सारी बात बताई। फिर मम्मी बीवी से बोली के मेरे लिए आदमी और तुम्हारे भाई के लड़की कहाँ से मिलेगी। फिर बीवी बोली के आप फिकर मत करो मिल जाएंगे अपने आप। फिर हम पहले की तरह ही मस्ती करने लगे। मैं बीवी और मम्मी की खूब चुदाई करता। वो दोनों भी मुझसे खूब चुदवाती।
अब हमारे बीच कुछ शर्म तो बची नहीं थी तो वो दोनों साथ मिलकर मेरे लंड को चुस्ती और फिर मैं बारी बारी से उन दोनों की चुदाई करता। मैं उन दोनों को संतुष्ट कर देता था लेकिन फिर भी एक साथ दो औरतो को संभालना मुश्किल हो रहा था। फिर मम्मी ने मुझे सफेद मूसली वगैरह के लड्डू बनाकर दिए। उनसे मुझे काफी फायदा मिला और फिर मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया। मम्मी की उम्र 45 साल के लगभग थी लेकिन वो ऐसे चुदवाती जैसे की कोई जवान लड़की चुदवाती है। मम्मी दिखने में भी ज्यादा बूढ़ी नहीं लगती थी। मैंने और बीवी ने मेरे ससुराल वालों को इस बारे में कुछ नहीं बताया था। उधर बीवी की मम्मी और भाई की चुदाई रोज होने लगी थी। मेरा साला जब मन करता तब सास को पकड़कर चोदने लग जाता और सास भी कुछ नहीं कहती थी।
फिर थोड़े दिन बाद हमारे घर के सामने एक घर था उसमें एक फैमिली रहने आई। फिर हमें धीरे धीरे पता चला के उस परिवार में वो दो लोग ही थे जो के बाप बेटी थे। उनका नाम लीलाधर और उनकी बेटी का नाम सोनम था। फिर एक बार जब मैं कुछ काम से कहीं जा रहा था तो लीलाधर जी अपने घर के बाहर ही खड़े थे। फिर उन्हें देखकर मैंने उन्हें हेलो किया और फिर मैं जाने लगा तो उन्होंने मुझे पीछे से आवाज देकर बुलाया और फिर वो मेरे पास आ गए। फिर हम बातें करने लगे। उन्होंने बताया के वो दूसरे शहर से यहां आए है। उन्होने वो मकान खरीद लिया था। इस तरह हमने थोड़ी बाते की और फिर इसके बाद तो लगभग रोज ही हमारे बीच बातें होने लगी। फिर उन्होंने मुझे अपने घर चाय पर बुलाया। तब मैं पहली बार उनकी बेटी से मिला जो कि दिखने में काफी खूबसूरत थी। उस दिन हमने काफी बातें की। फिर इसके बाद मैंने उन दोनों बाप बेटी को भी अपने घर पर चाय पर बुलाया। फिर मेरी बीवी और मम्मी ने सोनम से काफी बातें की। मेरी बीवी और सोनम के बीच दोस्ती हो चुकी थी। फिर सोनम जब चाहे तब हमारे घर आ जाती। लीलाधर भी आ जाते थे और फिर वो भी मम्मी और मुझसे बातें करते। ये सब ऐसे ही चलता रहा। लीलाधर मम्मी को मन ही मन पसंद करने लगे थे। मम्मी जब नहाकर बालकनी में जाती तो लीलाधर उन्हें देखते रहते। फिर इस तरफ उनका हमारे घर पर आना जाना भी काफी बढ़ गया था। फिर मम्मी ने पहले ये बात बीवी को बताई और फिर उन दोनों ने मुझे बताई तो फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम भी उन्हें पसंद करती हो तो मम्मी ने हां में सिर हिलाया और फिर मुस्कुराने लगी। फिर बीवी ने इस बारे में सोनम से बात की। तो सोनम ने कहा के मेरी मम्मी का देहांत हुए काफी टाइम हो गया है। उन्हें भी किसी की जरूरत है।
फिर एक दिन मैं और बीवी उनके घर गए और तब सोनम भी वहीं थी। फिर हमने लीलाधर जी से इस बारे में बात की तो वो पहले तो शर्मा गए लेकिन फिर उन्होंने कहा के अगर आपकी मम्मी और आप राजी हो तो मैं भी तैयार हूं। फिर मैं बोला के मैं तो बस अपनी मम्मी को खुश देखना चाहता हूँ। फिर लीलाधर जी बोले के मैं उन्हें बहुत खुश रखूँगा। फिर हम दोनों परिवारों ने ही ये तय किया कि इस शादी की खबर हमारे किसी भी रिश्तेदार को नहीं होनी चाहिए। अब सब कुछ तय हो चुका था तो अब किसकी देर थी। फिर हमने मिलकर 10 दिन बाद कि शादी की एक तारीख तय की और हम सब तैयारियों में जुट गए।
तो दोस्तों अगले भाग में बताऊंगा के मेरी मम्मी की शादी कैसे हुई और फिर सुहागरात पर क्या क्या हुआ और हम सबने कैसे कैसे मस्ती की...
कहानी जारी रहेगी...
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