मेरा नाम दीपांशु है। मेरी उम्र फिलहाल लगभग 30 साल है। मैं ऑनलाइन काम करता हूँ जिससे मेरी काफी अच्छी कमाई हो जाती है। मेरी पहली शादी 27 की उम्र में हुई थी जो की चल नहीं पाई थी और फिर मेरा तलाक हो गया। फिर मेरे घरवालों ने मेरे लिए दूसरी लड़की देखनी शुरू कर दी। फिर घरवालों की तलाश जल्द ही खत्म हो गई और उन्होंने मेरे लिए एक लड़की देखी जो की हमारे रिश्तेदारी मे ही थी। मुझे भी वो लड़की काफी पसंद आई और फिर हमारा रिश्ता पक्का कर दिया। उसका नाम उमा है। वो 23-24 साल की पतली सी लड़की है। उमा पढ़ने मे कुछ खास नहीं थी तो उसने ग्रैजूएट करके पढ़ाई छोड़ दी थी और फिलहाल घर पर ही रहती थी। उसके घर यानि मेरे ससुराल में उमा, उसके मम्मी पापा और उसका एक छोटा भाई है जो की कॉलेज में पढ़ता है। उसका नाम रवि है। उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक ठाक है। उनका घर ज्यादा बड़ा नहीं है और घर के पीछे काफी खुली जगह है।
उमा वैसे तो काफी सिम्पल लड़की है पर वो थोड़ी ज्यादा बातें करती है और हमेशा हंसी मजाक करती रहती है। फिर मैंने उमा को एक फोन लाकर दिया। वो टच स्क्रीन वाला फोन था। इससे पहले उनके घर में किसी के पास टच स्क्रीन वाला फोन नहीं था। वो फोन पाकर उमा काफी खुश हुई। फिर हम रात दिन फोन पर बातें करने लगे। कुछ दिनों में ही हम एक दूसरे से काफी ज्यादा खुल गए। मेरा सेक्स का काफी मन करता था। फिर मैं उससे सेक्सी बातें करने लगा तो वो पहले तो शरमाती। फिर मैं उसे नंगी लड़कियों और लड़कों की फोटो और सेक्स की विडिओ भेजने लगा। जिन्हे देखकर उसे भी कुछ कुछ होने लगा था। फिर वो भी थोड़ी खुल गई और फिर मेरे साथ मस्ती भरी बातें करने लगी। फिर मेरे कहने पर वो अपने बोबो और चुत की फोटो मुझे भेजने लगी। मैं भी उसे अपने लंड की फोटो भेज देता। फिर एक दिन उमा के पापा और उसका भाई तो बाहर गए हुए थे और उसकी मम्मी भी पड़ोस मे किसी के घर चली गई तो उमा घर पर अकेली थी तब।
फिर मैंने उसे विडिओ काल कर ली। फिर मैंने उसे पूरे कपड़े खोलकर नंगी होने के लिए कहा तो उसने फोन साइड में रख दिया और फिर कपड़े खोलकर नंगी हो गई। ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैं अपना लंड हिलाने लगा। फिर उस दिन के बाद तो मौका मिलने पर हम दोनों विडिओ कॉल पर एक दूसरे के सामने नंगे होकर बात करने लगे। उमा हमारी कुछ कुछ बातें अपनी मम्मी को भी बता देती थी। फिर वो भी काफी खुश होती। फिर एक दो बार उमा ने अपनी मम्मी से मेरी बात भी करवाई। मुझे अपनी सास से बात करने में थोड़ी घबराहट होती थी लेकिन वो काफी अच्छी थी तो मैं उनसे बातें कर लेता था। फिर मैं उमा के लिए ऑनलाइन कपड़े वगैरह ऑर्डर कर देता और फिर उमा का रवि वो सामन ले जाकर उमा को दे देता। फिर उमा भी मुझसे जो कहती मैं वो उसके लिए ऑनलाइन ऑर्डर कर देता। उमा ज्यादातर सलवार सूट ही पहनती थी तो मैंने उसे थोड़ा मॉडर्न बनने के लिए कहा और उसके लिए एक दो जोड़ी जीन्स और टीशर्ट ऑर्डर की। फिर वो जब उसने पहनी तो उसे भी काफी अच्छा लगा।
फिर मैंने उमा से मिलने के लिए कहा तो उमा बोली के मैं और मम्मी हर रविवार को हमारे पड़ोस के गाँव के मंदिर में जाते है तो आप वहाँ आ जाना। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। क्योंकि तब मैं पहली बार उमा से फैस टू फैस मिलने वाला था। फिर मैं अपनी गाड़ी लेकर उस मंदिर में पहुँच गया। फिर मैं वहाँ जाकर उमा और मेरी सास से मिला। फिर हम तीनों मंदिर के अंदर ही एक जगह बैठ गए और फिर बातें करने लगे। मैंने और सास ने उस दिन काफी बातें की तो जिस कारण मैं थोड़ा खुल गया। फिर थोड़ी देर बाद सास हमारे पास से उठकर दूर चली गई और वहाँ कुछ दूर बैठी औरतों के साथ जाकर बातें करने लगी। फिर मैं और उमा अकेले रह गए तो फिर हम बातें करने लगे। हमने काफी बातें की। मैंने उमा का हाथ पकड़ा और फिर उसे एक कोने मे ले जाकर उसकी गाल पर किस भी कर दिया। हम मंदिर में काफी देर बाते करते रहे। फिर वो दोनों जाने लगी तो मैंने उनसे कहा के मैं आपको अपनी गाड़ी में छोड़ देता हूँ। वो तब बस से आई थी। फिर एक बार तो सास ने मना कर दिया। फिर मैं बोला के मैं आप दोनों को घर के पिछली साइड उतार दूंगा फिर आप वहाँ से घर चले जाना। ये सुनकर फिर वो दोनों मेरे साथ गाड़ी में बैठ गई।
फिर मैं उन दोनों को घर के पिछली साइड उतार दिया और फिर सास ने मुझे घर आने के लिए कहा तो फिर मैं बोला के फिर कभी आऊँगा। फिर सास और उमा दोनों अपने घर की तरफ जाने लगी और फिर मैं भी वहाँ से आ गया। उस दिन के बाद लगभग हर रविवार को उमा से मिलने के लिए मंदिर चला जाता था। घर पर भी उमा अपनी मम्मी के सामने ही मुझसे बाते करती रहती। पहले वो अपनी मम्मी के सामने मुझसे बातें नहीं करती थी। फिर मैंने एक बार उमा के लिए शॉर्ट जीन और एक सेक्सी सा टॉप ऑनलाइन ऑर्डर किया। इसके साथ ही कुछ ज्वेलरी और हाई हील सैंडल भी मँगवाए। फिर मैंने उमा से कहा के वो ये सब पहनकर मुझे फोटो और विडिओ भेजे। तब उसके मम्मी पापा कुछ दिनों के लिए किसी शादी में गए हुए थे और घर पर वो और रवि ही था। फिर वो बोली के रवि के सामने कैसे पहनूँ। फिर मैं बोला के वो अभी छोटा ही है। उसके सामने पहनने में क्या दिक्कत है। रवि फोन में गेम खेलने का काफी शौकीन था। तो फिर मैंने उमा से कहा के उसे कुछ देर फोन में गेम खेलने के लिए दे देना। फिर वो भी खुश हो जाएगा। फिर उमा मान गई और फिर उसने उस दिन नहाकर वो ड्रेस पहनी और फिर अपने भाई से उस ड्रेस मे अपनी फोटो और विडिओ बनवाई और फिर मुझे भेजी। उस ड्रेस में उमा काफी सेक्सी लग रही थी।
उमा को भी ऐसी ड्रेस पहनकर काफी अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उमा से कुछ फोटो ब्रा पैंटी में भेजने के लिए कहा। तो फिर उमा ने ब्रा पैंटी पहनकर फिर अपने भाई से फोटो खिंचवाकर भेज दी। उमा की फोटो देखकर मैं काफी गरम हो गया था। फिर मैंने उमा से नंगी होकर फोटो भेजने के लिए कहा तो फिर उमा कमरे मे जाकर विडिओ कॉल करके फिर नंगी होकर खड़ी हो गई और मुझसे बात करने लगी। मेरा तो उमा को चोदने का काफी मन कर रहा था और उधर उमा भी अब अपनी चुत सहलाने लगी थी। हम बातें कर रहे थे तभी उसका भाई कमरे में आ गया और फिर वो उमा को नंगी देखकर वापिस चला गया तो फिर उमा ने कमरे का गेट बंद करके वापिस मुझसे बातें करने लगी। फिर मैंने उमा से चुदाई के लिए कहा तो उमा बोली के मन तो मेरा भी करता है पर अगर हम शादी के बाद करें तो ही अच्छा होता। फिर मैंने उमा से कहा के अब हम दोनों एक दूसरे के प्यार करते है। अब चाहे हम शादी से पहले करें या बाद में क्या फर्क पड़ता है। फिर उमा मान गई। तब उमा के पापा मम्मी तो शादी में गए हुए थे और फिर उमा ने मुझे घर पर आने के लिए बोला। हमने सोचा के हम रवि को फोन में गेम खेलने के लिए दे देंगे तो वो किसी से कुछ नहीं कहेगा।
फिर मैं भी अपने घर पर अपने दोस्त की शादी में जाने का कहकर निकल गया और फिर सीधा अपने ससुराल चला गया। तब दिसम्बर का महिना था और काफी ठंड पड़ रही थी। फिर जब मैं उमा के घर पर गया तो रवि मुझे देखकर थोड़ा हैरान हुआ। लेकिन फिर मैंने और उमा ने उसे समझाया और कहा के वो मेरे यहाँ आने के बारे में किसी को ना बताए। तब शाम हो चुकी थी। तब रवि तो कमरे में मेरे फोन में मस्ती से गेम खेलने लग गया और उधर उमा किचन में थी तो फिर मैंने उमा को अपनी बाहों में ले लिया और फिर हम लिप किस करने लगे। फिर मैंने उसके बदन को सहलाया। वो भी गरम हो चुकी थी। फिर वो बोली के हम रात को करेंगे। फिर उमा खाना वगैरह बनाने लगी और हम आपस मे बाते करने लगे। फिर उमा जल्दी जल्दी घर का सब काम करने लगी और मैं तब उमा के साथ साथ ही रहा। फिर उमा ने जल्दी ही घर का सब काम कर लिया और फिर उसने खाना बनाया। खाना बनाकर उसने रवि को खाना खिलाकर दूसरे कमरे में भेज दिया। जहां वो फिर से गेम खेलने लगा। उधर फिर मैंने और उमा ने साथ मे खाना खाया। फिर मैंने उमा से कहा के आज हमारी सुहागरात है तो वो अच्छे से तैयार हो जाये। फिर उमा ने वैसे ही किया। हालांकि तब उमा के पास कोई ऐसी लाल रंग की ड्रेस नहीं थी तो फिर उसने अपनी मम्मी का शादी वाला लहंगा पहन लिया और फिर मेकअप वगैरह किया। तब उमा काफी सुंदर लग रही थी। उमा ने हमारे लिए दूसरे कमरे में पहले से ही एक नया बिस्तर लगा रखा था। फिर मैं और उमा वहां चले गए। फिर मैंने अपनी जेब से एक मंगलसूत्र, सिंदूर की डिब्बी और कंडोम का पैकेट निकाला। फिर मैंने पहले उमा की मांग भरी और फिर उसके गले मे मंगलसूत्र बांधा। ये सब देखकर उमा काफी खुश हुई। फिर वो मेरे पैर छूने लगी तो मैंने उसे गले लगा लिया। फिर वो मेरे लिए दूध गर्म करके लेकर आई। फिर हमने एक दूसरे को दूध पिलाया और फिर उमा मेरे पास बिस्तर पर आकर बैठ गई।
फिर मैं उमा के चेहरे पर किस करने लगा और एक एक करके उसके कपड़े खोलने लगा। उमा अनछुई थी तो वो भी आंखें बंद करके इसके मजे ले रही थी। फिर उमा के सब कपड़े खोलने के बाद मैं भी कपड़े खोलकर नंगा हो गया और फिर उमा के ऊपर आकर उमा के अंग अंग को चाटने लगा। उमा के बोबो को मैं काफी देर चूसता रहा और फिर जब उमा की झांटो से भरी चुत चाटी तो उमा का तो बुरा हाल हो गया। तब मेरा भी काफी बुरा हाल हो चुका था। फिर मैंने जब पहली बार उमा की चुत में लण्ड डाला तो उमा को दर्द होने लगा और थोड़ा खून भी निकला। मैंने फिर 10-15 धक्के लगाए और फिर मैं जब झड़ने वाला हुआ तो मैंने जल्दी से कंडोम पहना और फिर मैं धक्के लगाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया और उधर उमा भी एक दो बार झड़ चुकी थी। उसे तब काफी मजा आया तो फिर वो मेरे गले लग गई।
फिर मैंने कंडोम निकालकर साइड में रख दिया तो फिर वो कंडोम को गौर से देखने लगी। फिर वो बोली के तो ये वही चीज थी जो कि मम्मी सुबह सुबह कुई में डालकर आती थी। उसकी बात सुनकर मैं सब समझ गया था। फिर मैंने उसे एक दूसरा कंडोम दिया तो वो उसे हाथ मे लेकर देखने लगी और फिर मैंने उसे कंडोम को लण्ड पर लगाना सिखाया। उमा को मैं चुदाई की काफी वीडियो भेज चुका था तो वो अब चुदाई के बारे में सब जान चुकी थी। फिर मैंने उसे अपने लण्ड की तरफ इशारा किया तो फिर वो मेरा लण्ड चुसने लगी। जिस कारण मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया। इस बार मैंने उमा को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चुत मारने लगा। उमा की टाइट चुत का मजा ही कुछ और था। फिर इस बार जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने लण्ड उमा के मुंह मे दे दिया और फिर उसके मुंह मे झड़ गया। फिर वो मेरा सारा पानी पी गई।
फिर चुदाई के बाद हम बातें करने लगे तो उसने मुझसे पूछा के मुझे कैसी बीवी पसंद है तो फिर मैंने उससे कहा के जो सबके सामने तो शरीफ बनकर रहे और मेरे सामने बिल्कुल रंडी की तरह रहे और चुदाई के लिए हमेशा तैयार रहे। मुझे बड़े बड़े बोबो और गाँड वाली लड़की पसंद है। तो फिर उमा अपने बोबो को देखकर बोली के तो आप इन्हें दबा दबाकर बड़े कर दो। फिर मैं उसके बोबो को दबाने लगा। जिस कारण हम दोनों फिर से गर्म हो गए तो फिर हमने एक बार और चुदाई की। बाहर ठंड काफी थी तो फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए। सुबह जब हम उठे तो उमा मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर मैंने सुबह सुबह ही एक बार और उमा की चुदाई कर दी।
फिर उमा कपड़े पहनकर चाय बनाने चली गई। तब उमा ने मंगलसूत्र और मांग का सिंदूर वैसे ही रहने दिया। फिर वो चाय बनाकर लाई तो फिर हम दोनों बैठकर चाय पीने लगे। फिर मैंने रवि के बारे में पूछा तो उमा ने बताया के वो लेट ही उठता है और रात को गेम खेल रहा था तो पता नहीं कब सोया होगा। फिर उमा घर मे झाड़ू लगाने लगी। तब मैं उसे देखने लगा तो फिर मैं अपना लण्ड बाहर निकालकर हिलाने लगा। फिर मुझसे नहीं रहा गया तो फिर मैं उमा के पास गया और उसे पीछे से पकड़ लिया और फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर पीछे से खड़े खड़े ही उसकी चुत में लण्ड डाल दिया। फिर हम वैसे ही आंगन के बीच मे खड़े खड़े चुदाई करने लगे। तभी उमा के फोन पर सास का फोन आया तो फिर उमा वैसे ही अपनी खुली हुई सलवार पकड़कर फोन उठाने चली गई। फिर वो तो फोन पर बात करने लगी और फिर मैं भी उमा के पीछे जाकर खड़ा हो गया और फिर लण्ड उसकी गाँड की दरार में डालकर रगड़ने लगा और फिर वहीं पर झड़ गया। उस टाइम उमा अपनी मम्मी से बात करती रही। उसकी मम्मी ने उसे बताया के वो 2-3 दिन और वही रुकने वाले है। इसलिए वो घर का अच्छे से ख्याल रखे। फिर ये सुनकर उमा काफी खुश हुई। फिर उसने मुझे एक दिन और रुकने के लिए कहा। फिर मैंने कहा के ठीक है।
फिर उमा ने जाकर अपने भाई रवि को उठाया और उससे कहा के तुम्हारे जीजा आज आज यहीं रहेंगे तो तुम आज कॉलेज चले जाना। फिर ये सुनकर वो बोला के फोन दोगी तो चला जाऊंगा। फिर उमा ने उससे हँसकर कहा के हाँ ले जाना फोन। रवि ने जब उमा की मांग में सिंदूर और गले मे मंगलसूत्र देखा तो उसने कुछ नहीं कहा। फिर रवि जल्दी ही उमा का फोन लेकर कॉलेज चला गया। फिर घर पर उमा घर का सब काम करके पहले नहाई और फिर अच्छे से तैयार हुई। मांग में सिंदूर और मंगलसूत्र देखकर ऐसे लग रहा था जैसे के वो कोई नई नवेली दुल्हन हो। फिर मैं भी नहाया और फिर हमने खाना खाया। फिर हम दोनों कमरे में जाकर चुदाई करने लगे। हमने काफी चुदाई की। उमा का फिगर काफी सेक्सी था। फिर मैं उसके फिगर की तारीफ करने लगा तो वो काफी खुश हुई।
फिर दोपहर हुई तो मैंने उमा से चाय पिलाने के लिए कहा। तब घर पर हम दोनों के सिवा कोई नहीं था तो फिर उमा और मैं बिल्कुल नंगे ही कमरे से बाहर आये और फिर कुछ देर घर के आंगन में घूमते रहे। ऐसे नंगी होकर घूमने में उमा को काफी मजा आ रहा था। फिर वो चाय बनाकर लाई तो फिर हम दोनों साथ बैठकर चाय पीते पीते बातें करने लगे। फिर मैंने उमा से कहा के मैं तुम्हे हर वक्त नंगी देखना चाहता हूँ। फिर उमा बोली के आप फिक्र मत करो जब हम दिनों अकेले होंगे तो तब चाहे कितनी ही गर्मी और सर्दी क्यों ना हो मैं नंगी ही रहा करूंगी।
फिर मैंने उमा से कहा के वो अब से ऐसे कपड़े पहनने शुरू कर दे जिसमे वो सेक्सी लगे और उसके बोबे दिखते रहे। ताकि मैं तुम्हें जब भी देखूं तो तुम्हें देखकर ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाये। ये सुनकर उमा बोली के ठीक है। फिर उमा का मन और ज्यादा नंगी घूमने का किया तो मैं और उमा घर के पीछे कि तरफ चले गए। जहां की काफी खुली जगह थी। फिर वहां एक छप्पड़ था तो फिर उस छप्पड़ में मैं उमा को घोड़ी बनाकर चुदाई करने लगा। फिर मैंने अपने फोन से उमा की काफी नंगी फ़ोटो भी ली और उमा ने काफी सेक्सी पोज बनाकर अपनी फोटो खिंचवाई।
फिर हम दोनों वापिस घर के अंदर चले गए। रवि कॉलेज से आने वाला था तो उमा ने अपना एक पुराना सूट पहन लिया। जो कि काफी टाइट था और उसमें से उमा के छोटे छोटे बोबे भी काफी हद तक दिख रहे थे। फिर जब रवि घर आ गया तो फिर वो मेरा फोन लेकर गेम खेलने लग गया। फिर मैंने रवि से कहा के मैं तुम्हे एक नया फोन दिला दूँगा। ये सुनकर वो काफी खुश हुआ। फिर वो तो गेम खेलने में मस्त हो गया और उधर उमा घर का काम कर रही थी। तो फिर मैंने जब उमा को अपना खड़ा लण्ड दिखाया तो फिर वो मुस्कुराती हुई मेरे पास आई और फिर अपनी सलवार खोलकर घोड़ी बन गई तो फिर हम चुदाई करने लगे। चुदाई करने के बाद मैंने सारा पानी उसकी पैंटी में ही डाल दिया।
फिर मैं और उमा रवि के सामने ही एक दूसरे की कमर में हाथ डाल लेते और मस्ती करते रहते। उमा अपने भाई से बिल्कुल शर्म नहीं करती और वो मेरे साथ चिपक कर रहती। फिर मैं भी क्या शर्म करता। फिर मैं भी नजरे बचाकर उमा के बोबो को सहला देता। फिर उमा तो मेरी गाल पर किस भी कर देती। उस दिन हमारी आखिरी रात थी साथ रहने की तो उमा ने काफी जल्दी खाना बना लिया और फिर हम दोनों कमरे में चले गए। तब तक पूरा दिन भी नहीं ढला था।
फिर हम चुदाई करने लगे। जब उमा मेरे लण्ड पर उछल रही थी तो तब रवि ने आकर दरवाजा खटखटाया और फिर उसने चार्जर देने के लिए आवाज लगाई तो फिर उमा नंगी ही मेरे लण्ड पर से खड़ी होकर फिर थोड़ा सा कमरे का गेट खोलकर उसे चार्जर दे दिया और फिर वापिस आकर वो मेरे लण्ड पर बैठ गई। मेरे लाये हुए कंडोम तो कब के खत्म हो चुके थे। मैंने सोचा के इतनी चुदाई नहीं होगी लेकिन यहाँ तो उल्टा हो गया था। लेकिन फिर हमने बिना कंडोम के ही चुदाई की और पानी उमा पी जाती।
फिर अगले दिन मुझे जाना था तो उमा सुबह से ही मेरे कई बार गले लग चुकी थी। उसका बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था मुझसे अलग होने का। फिर मैं जाने लगा तो वो रवि के सामने ही मेरे गले लगकर रो पड़ी। फिर मैंने उसे किसी तरह चुप करवाया और फिर उससे कहा के मैं उससे वो कहेगी तब मिलने आ जाऊंगा। ये सुनकर तब जाकर वो चुप हुई। फिर मैं वापिस आ गया तो कुछ दिन तो वो थोड़ी उदास रही लेकिन फिर सब पहले जैसा हो गया। वो मुझसे काफी प्यार करने लगी थी।
अभी हमारी शादी में कुछ टाइम था। पर हमारे बीच अब चुदाई हो चुकी थी तो अब हम एक दूसरे के बगैर बिल्कुल भी नहीं रह सकते थे। फिर मंदिर जाने के बहाने उमा अपने भाई रवि के साथ घर से आ जाती और आगे मैं उन्हें गाड़ी लेकर तैयार खड़ा मिलता। फिर मैं उन दोनो को गाड़ी में चढ़ाकर, हम कहीं दूर चले जाते। फिर रवि तो गाड़ी से बाहर जाकर गेम खेलने लग जाता और उधर फिर मैं और उमा मिलकर चुदाई करते। उमा अपने भाई से बिल्कुल भी नहीं शर्माती थी। जब उसका भाई गाड़ी के पास बैठा होता तब भी उमा पूरे कपड़े खोलकर नंगी हो जाती और चुदवा लेती।
फिर हम दोनों ही रवि के सामने रोमांस करने लगते। मैं भी उमा की गालों पर किस कर देता था। इतना ही नहीं फिर उमा घर से ही सलवार सूट के नीचे शार्ट ड्रेस पहनकर आ जाती और फिर गाड़ी में बैठते ही सलवार सूट खोल देती। फिर हम जब गाड़ी लेकर किस सुनसान जगह पर जाते तो फिर वो वहां गाड़ी से उतरकर उस शार्ट ड्रेस में ही अपने भाई के सामने घूमने लग जाती। फिर घूमते घूमते मैं और उमा कई बार खेतों और जंगलों में चले जाते और फिर वहां जी भरकर चुदाई करते।
फिर एक बार उमा का मेरे पास फोन आया। उन्हें इमरजेंसी एक लाख रुपये चाहिए थे और कहीं से भी व्यवस्था नहीं हो पा रही थी तो फिर मैंने कहा के मेरे पास पड़े है। लेकिन सास मुझसे पैसे नहीं लेना चाहती थी। फिर मैंने सास से कहा के आपका मन करे तब आप इन पैसों को लौटा देना। इनके कारण हमारे बीच कभी दूरियां नहीं होगी। इस तरह काफी समझाने के कारण वो पैसे लेने के लिए तैयार हो गई। फिर मैं गाड़ी लेकर उन्हें पैसे देने चला गया। फिर सास ने पैसे लेकर मुझे काफी आशीर्वाद दिया और फिर वो रवि को साथ लेकर उन पैसों को बैंक में जमा करवाने के लिए चली गई। फिर घर पर मैं और उमा ही रह गए तो फिर उमा मेरे गले लगकर रोने लगी। फिर मैंने उमा से कहा के मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार हूं। सास और रवि को आने में अभी थोड़ा टाइम लगने वाला था तो फिर हम दोनों चुदाई करने लगे। चुदाई के बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और फिर एक दूसरे से गले लग गए।
उधर जब सास और रवि वापिस आये तो फिर सास ने हमे देख लिया। फिर सास तो कुछ नहीं बोली पर उमा ने अपनी मम्मी से कहा के हम दोनों एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते है। इसलिए हमारी जल्द से जल्द शादी करवा दो। ये सुनकर सास मुस्कुराने लगी और फिर वो बोली के मैं तेरे पापा से बात करती हूँ। फिर उमा तो चाय बनाने चली गई और फिर मैं और सास बैठकर बातें करने लगे। फिर सास मुझसे अपने घर की बातें करने लगी। फिर मैंने उनसे कहा के अब ये मेरा भी घर है तो अब आप इसकी चिंता ना करो। मैं भी अब आपका बेटा हूँ और आपको जिस किसी चीज की जरूरत हो आप मुझे बता देना। ये बात सिर्फ हम दोनों के ही बीच रहेगी। ये बात सुनकर सास काफी खुश हुई।
फिर मैं चाय पीकर वहां से आ गया। फिर उस दिन शाम को उमा का फोन आया तो उसने बताया के आपके जाने के बाद मम्मी काफी खुश हुई और बोली के हमारी किस्मत बहुत अच्छी है जो हमें ऐसा दामाद मिला। फिर तो उमा मुझसे मिलने के लिए अकेली ही आ जाती और फिर हम पूरे दिन जमकर चुदाई करते और फिर शाम को मैं उमा को उसके घर छोड़ देता। अब हमें रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। मुझे पहले लगा था के उमा काफी शर्मीली लड़की होगी। पर वो तो दिन प्रतिदिन काफी ओपन होती जा रही थी। मैंने उमा को जो शार्ट ड्रेस ऑनलाइन दिलवाई थी वो जब उसने अपनी मम्मी को पहनकर दिखाई तो वो तो देखती ही रह गई।
फिर बात यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि सास ने भी उमा की एक ड्रेस पहनने की कोशिश की। हालांकि सास थोड़ी मोटी थी तो वो सास के नहीं आई। ये देखकर उमा को काफी हंसी आई और फिर ये बात उसने मुझे भी बताई। फिर मैंने उमा से कहा के तो मैं उनके लिए भी कोई शार्ट ड्रेस ऑनलाइन मंगवा देता हूँ। फिर उमा ने कहा के मैं मम्मी से पूछकर बताती हूँ। फिर उमा ने जब अपनी मम्मी से पूछा तो फिर उसकी मम्मी ने हाँ कर दी। मुझे तो यकीन नहीं हुआ के सास ने इसके लिए हां कर दी। फिर मैंने उमा से मजाक में कहा के मैं अपनी सास के लिए एक सेक्सी सी शार्ट ड्रेस मंगवाऊंगा। ये सुनकर फिर उमा हँसने लगी। हालांकि सास दिखने में भरे बदन की सेक्सी औरत थी। फिर उमा ने मुझे अपनी मम्मी का साइज बताया जो कि 38 32 40 के लगभग था। फिर मैं कुछ दिन तक ऑनलाइन शार्ट ड्रेस देखता रहा। फिर मुझे एक शार्ट ड्रेस मिली जो कि ज्यादा सेक्सी भी नहीं थी और शार्ट भी थी। फिर उसी टाइम मैंने उमा के लिए एक ट्रांसपेरेंट ड्रेस आर्डर कर दी। फिर वो दोनो ड्रेस जब कुछ दिन बाद आ गई तो फिर उमा ने और सास ने वो ड्रेस पहनी और फिर उमा ने अपनी मम्मी के साथ मुझे एक फोटो भी भेजी। जिसमे सास काफी सेक्सी लग रही थी।
[caption id="" align="aligncenter" width="360"] सास की सेक्सी ड्रेस[/caption][caption id="" align="aligncenter" width="564"] उमा की ड्रेस[/caption]
हालांकि फिर सास ने उमा को फ़ोटो भेजने के लिए डाँटा भी पर फ़ोटो तो मेरे पास आ चुकी थी तो अब कुछ नहीं हो सकता था। सास को थोड़ा बन ठनकर रहने का शौक है तो फिर वो भी कभी कभी मेकअप वगैरह कर लेती और पूरी बन ठनकर रहती। फिर उमा मुझे चोरी छुपे अपनी और सास की फ़ोटो खींचकर मुझे भेज देती। वो दोनो मां बेटी रात को एक कमरे में साथ ही सोती थी तो फिर वो रात को शार्ट ड्रेस पहनकर ही सोती। फिर मैंने उमा से एक दिन नंगी होकर सोने के लिए कहा तो फिर उमा नंगी होकर सोने लगी और फिर उसने अपनी मम्मी को भी नंगी होकर ही सोने के लिए कहा तो वो भी मान गई। फिर उमा की मम्मी उमा से शादी के बाद होने वाली चुदाई के बारे में ज्ञान देने लगी तो उमा चुपचाप सुनने लगी। पर सास को क्या पता था के हम चुदाई कर चुके है।
फिर उमा अपनी मम्मी के सामने ही नंगी होकर मुझसे वीडियो कॉल कर लेती। फिर वो अपनी मम्मी के सामने उंगली भी कर लेती तो तब भी उसकी मम्मी उसे कुछ नहीं कहती। फिर मैंने एक दिन उमा को एक पोर्न वीडियो भेजी जिसमे एक जवान लड़की और एक थोड़ी बड़ी उम्र की औरत आपस मे मस्ती कर रही थी। फिर मैंने उसे अपनी मम्मी से ऐसे मस्ती करने का आईडिया दिया तो वो बोली के आज मैं ट्राय करूंगी। फिर उस दिन रात को उमा अपनी मम्मी से चिपक कर सो गई और फिर वो अपनी मम्मी के बोबो को सहलाने लगी। फिर जब उसकी मम्मी मूड में आ गई तो फिर वो अपनी मम्मी की चुत सहलाने लगी। जिससे कि उसकी मम्मी को मजा आने लगा। फिर उमा उठकर अपनी मम्मी के ऊपर चली गई और फिर अपनी मम्मी के बोबो को चुसने लगी और फिर चुत चुसने लगी। जिससे कि उसकी मम्मी तो खुशी से उछलने लगी और उससे चुत चुसवाने लगी।
फिर थोड़ी देर बाद चुत चुसने के बाद उमा अपनी चुत से अपनी मम्मी की चुत रगड़ने लगी और फिर वो दोनो माँ बेटी एक साथ ही झड़ गई। फिर झड़ने के बाद उमा अपनी मम्मी से लिप किस करने लगी। फिर उसकी मम्मी ने खुश होकर पूछा के एक औरत भी दूसरी औरत को इतना मजा दे सकती है। ये आईडिया तुझे कैसे आया। फिर उमा ने अपनी मम्मी को वो पोर्न वीडियो दिखा दी। जो कि मैंने उसे भेजी थी। वो वीडियो देखकर उसकी मम्मी देखती ही रह गई। फिर उस रात उन्होंने ऐसे ही एक दो बार एक दूसरे से और मस्ती की। इसके बाद तो उमा अपनी मम्मी की सहेली बन गई और फिर वो उमा से सब बातें शेयर करने लगी। फिर अगले दिन जब उमा ने मुझे ये सब बताया तो पहले तो मुझे यकीन नहीं हुआ। लेकिन फिर उमा ने मुझे अपनी मम्मी के साथ एक नंगी फ़ोटो भेजी जिसमे वो दोनो एक दूसरे की चुत सहला रही थी तो ये देखकर तो मैं देखता ही रह गया।
फिर उमा ने अपनी मम्मी से पूछा के चुदाई कैसे करते हैं तो फिर उमा की मम्मी ने कहा के आज रात मैं तेरे पापा से चुदवाऊंगी तो देख लेना। इस तरह उस रात फिर उमा की मम्मी ने उसके पापा से चुदवाया और उमा ने उनकी पूरी चुदाई देखी। फिर चुदाई के बाद उमा ने अपनी मम्मी से अपनी चुत चुसवाई और फिर जाकर शांत हुई। इस तरह उमा के तो अब मजे ही मजे थे। वो दोनो मां बेटी रवि के सामने भी बस अधनंगी सी रहने लगी थी। पर रवि का तो सारा ध्यान बस गेम खेलने में ही होता। उमा मुझसे काफी प्यार करती थी और उसे मुझ पर काफी विस्वास भी था। जिस कारण वो मुझे अपनी मम्मी की नंगी फ़ोटो भी बेहिचक भेज देती थी।
फिर एक दिन जब उमा मुझसे मिलने आई तो मैंने उसे इस बारे में बताया और कहने लगा के हम दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। लेकिन कभी ऐसा हुआ के तुमने या मैंने और किसी से चुदाई कर ली तो फिर क्या होगा। फिर वो बोली के चुदाई तो किसी से भी कर सकते है पर प्यार तो एक से ही होगा। अगर आपको और किसी लड़की को चोदने का मन करे तो बेहिचक चोद लेना पर उससे दिल मत लगा लेना। फिर यही बात मैंने उमा से कहा कि मैं भी तुम्हें अपने प्यार में बांधकर नहीं रखना चाहता। तुम आजाद हो और किसी से भी मस्ती कर सकती हो। इससे हमारे रिश्ते में बिल्कुल भी दरार नहीं आएगी।
फिर मैंने उमा से कहा के मुझे किसी औरत को एक या दो मर्दो के साथ मिलकर चोदना है। उमा मेरी बात फटाक से समझ गई और बोली के शादी के बाद आप जैसा बोलोगे हम वैसी मस्ती करेंगे। यानी उमा की खुली छूट थी। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर मैंने उमा से कहा तुम्हारी मम्मी काफी सेक्सी है। फिर उमा मुस्कुराकर मुझसे बोली के तो लण्ड हिलाकर मजे ले लो। ये सुनकर मुझे पहले तो यकीन नहीं हुआ। फिर उमा ने कहा के आप एक मर्द हो। अगर आपको मेरी मम्मी या और कोई लड़की सेक्सी लगती हो तो उसे देखकर लण्ड हिला लो या पटाकर चोद सकते हो तो चोद लो। ये सुनकर मैं थोड़ा हैरान रह गया। फिर उमा ने खुद ही अपने फोन में से अपनी मम्मी की एक नंगी फ़ोटो निकाली और फिर मेरा लण्ड हिलाने लगी।
फिर जब मैं फुल गर्म हो गया तो फिर मैं उसके सामने ही उसकी मम्मी के बोबो और गाँड की तारीफ करने लगा और ये सुनकर वो हँसने लगी। फिर मैं झड़ने लगा तो वो मेरा सारा पानी पी गई। फिर झड़ने के बाद मुझे बहुत बुरा लगा तो फिर उमा ने कहा के कोई बात नहीं। हम दोनों अब पति पत्नी बनने वाले है तो हम आपस मे कोई भी बात कर सकते है। तब मुझे अपनी किस्मत पर जरा भी भरोसा नहीं हो रहा था के मेरी बीवी इतनी ओपन माइंडेड है। फिर हमने आपस मे चुदाई की और फिर मैं उसे छोड़कर घर आ गया। उस दिन हम दोनों काफी खुश थे। फिर एक दिन उमा की मम्मी ने उससे पूछा के उसने मुझसे चुदवा लिया है या नहि। फिर ये सुनकर उमा मुस्कुराने लगी तो फिर उसकी मम्मी सब समझ गई। फिर उसकी मम्मी ने उसे प्यार से डाँटा पर ज्यादा कुछ नहीं कहा। पता तो चलना ही था के क्योंकि हम सुबह जाते और फिर शाम को वापिस आते। तो इतने टाइम में तो चुदाई ही करते और क्या करते।
लेकिन पता चलने के बाद भी उमा मुझसे मिलने आती रही और हम चुदाई करते रहे। अब जब भी उमा मुझसे बात करती तो सास भी उसके पास ही रहती तो फिर मैं और सास भी आपस मे बातें करने लगे। एक बार तो वीडियो कॉल की हुई थी और वो दोनो मां बेटी नंगी ही थी। फिर उमा तो बस वैसे ही मुझसे बात कर रही थी और तभी उसकी मम्मी पीछे आकर काम करने लगी। वो मुझे साफ दिख रही थी पर फिर उमा हँसने लगी पर उसने कहा कुछ नहीं। फिर उमा ने अपनी मम्मी को फोन पकड़ा दिया और बोली के मैंने इसका पिछला कैमरा चालू कर दिया है अब आपकी फ़ोटो नहीं आएगी। पर उमा ने ऐसा कुछ नहीं किया था। फिर उस दिन सास मुझसे नंगी ही बात करती रही। मुझे तब उनके बोबे साफ दिख रहे थे।
जिन्हें देखकर मैं काफी गर्म हो गया था और फिर बात करते करते ही मैं लण्ड हिलाने लग गया था। फिर कुछ देर बाद उमा ने अपनी मम्मी से फोन वापिस ले लिया और फिर हम बातें करने लगे। उस दिन की उमा की इस शरारत से तो हमें आज भी बहुत हंसी आती है। फिर एक बार उमा के पापा और रवि किसी शादी में जाने वाले थे और वो कुछ दिनों के बाद ही आने वाले थे तो फिर उमा ने पीछे से मुझे अपने घर पर बुलाने के लिए अपनी मम्मी को मना लिया। लेकिन मुझे तब सास के सामने उनके घर पर रहने में शर्म आ रही थी। तो फिर उमा ने अपनी मम्मी से मेरी बात करवाई और फिर उन्होंने भी मुझे कुछ दिन घर पर आकर रहने के लिए कहा। तो ये सुनकर मुझे काफी खुशी हुई के मेरी सास ही मुझे बुला रही है। फिर जिस दिन उमा के पापा और रवि शादी में जाने वाले थे उसी दिन ही मैं उमा के गांव चला गया पर घर नहीं गया।
जब उधर उमा के पापा और रवि घर से निकल गए तो तभी उमा ने मुझे फोन कर दिया और मैं घर के पीछे से उनके घर चला गया। जब घर में गया तो देखा के सास आंगन में घूम रही थी। फिर मैंने उनके पैरों के हाथ लगाया तो उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया। सास तब सलवार सूट में थी लेकिन वो तो मुझे नंगी ही दिख रही थी। फिर तभी उमा जब कमरे से बाहर निकली तो मैं और सास उसे देखते ही रह गए। क्योंकि उमा ने तब एक बहुत ही सेक्सी शार्ट ड्रेस पहन रखी थी। फिर सास तो चाय बनाने चली गई और फिर मैं और उमा कमरे में जाकर किस करने लगे। फिर जब सास चाय बनाकर ले आई तो फिर उन्होंने हमें आवाज लगाई और फिर हम तीनों बैठकर चाय पीने लगे। तब मैं उमा के लिए एक सोने की चेन ले गया था तो फिर वो चेन मैंने उसे अपने हाथों से उसके गले मे पहनाई तो वो काफी खुश हुई। सास भी तब काफी खुश हुई।
उमा को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था तो फिर जब सास घर का काम करने लगी तो फिर मैं और उमा कमरे में चले गए और फिर चुदाई करने लगे। चुदाई के बाद मुझे काफी शांति मिली। फिर जब हम कमरे से बाहर निकले तो सास हमारी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर उमा भी अपनी मम्मी के साथ घर का काम करने लगी और मैं आंगन में ही बैठकर उन दोनों से बातें करने लगा। फिर दोपहर हुई तो उन दोनों माँ बेटी ने घर का सब काम खत्म कर लिया। तो फिर उमा नहाकर तैयार हुई और उसने अपनी मांग में सिंदूर भरा और गले मे मंगलसूत्र बांधा। ये देखकर सास ने भी उसे कुछ नहीं कहा। फिर हम दोनों कमरे में चले गए और फिर नंगे होकर एक दूसरे के बदन को सहलाने लगे।
हम जिस कमरे में थे उस कमरे की खास बात ये थी के वो कमरा एक पूरा लम्बा कमरा था जिसके दो गेट थे और उस कमरे के बीच बस सिर्फ सामान ही रखा हुआ था और दीवार नहीं थी। फिर उमा ने मुझसे कहा के जब पापा और मम्मी चुदाई करते तो मुझे उनकी आवाजें दूसरे कमरे में सुनाई देती थी। आज मैं उन्हें अपनी आवाजें सुनाऊँगी। फिर कुछ देर बाद जब सास नहाकर आई तो उन्होंने जब अपने कमरे का गेट बंद किया तो हमें पता चल गया। फिर उमा ने कमरे के बीच से थोड़ा सामान हटा दिया तो हमे दूसरे कमरे में साफ दिखने लगा। तब सास एक दम नंगी थी। सास को ऐसे नंगी देखकर तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया। इधर उमा नंगी थी तो फिर मैं उमा की चुदाई करने लगा। आज उमा कुछ ज्यादा ही आवाजें निकाल रही थी। उमा की आवाजें सुनकर सास के चेहरे पर एक अलग ही स्माइल थी।
उस दिन मुझे उमा ने कंडोम लगाकर करने के लिए कहा तो फिर मैंने कॉन्डम लगाकर किया था। फिर हम दोनों झड़ गए तो फिर हम बिस्तर पर लेट गए। फिर हमें थोड़ी थोड़ी सास के कमरे से आवाज सुनाई देने लगी। फिर जब हमने सास के कमरे में देखा तो सास अपनी चुत में उंगली कर रही थी। मैंने तब पहली बार इतनी बड़ी उम्र की औरत को उँगली करते देखा था। फिर ये देखकर उमा हंसती हुई दूसरे कमरे में चली गई और फिर वो दोनो माँ बेटी एक दूसरे से मस्ती करने लगी। ऐसा नजारा तो मैंने पहली बार देखा था। तब सास उमा के ऊपर आकर अपनी चुत से उमा की चुत रगड़ रही थी। तब वो इतनी ज्यादा सेक्सी लग रही थी के पूछो मत। तब सास को देखकर मुझे लगा के जब माँ ऐसी है तो फिर बेटी तो ऐसी होनी ही थी। फिर मस्ती करने के बाद सास नंगी ही सो गई और फिर उमा मेरे पास आ गई। फिर मैंने उमा की एक बार और चुदाई की और फिर हम नंगे ही सो गए।
जब मैं उठा तो देखा के उमा बिस्तर पर नहीं थी। फिर मैं कपड़े पहनकर बाहर गया तो देखा के तब उमा नंगी ही घूम रही थी और सास आंगन में ही बैठी थी। फिर मैं सास के पास जाकर बैठ गया तो फिर उमा ने भी एक शार्ट ड्रेस पहन ली। फिर उमा ने मुझे चाय लाकर दी तो फिर मैं चाय पीने लगा और साथ मे हम बातें करने लगे। तभी उमा कमरे से मेरा यूज किया हुआ कंडोम लेकर हमारे पास से गुजरी तो उसने अपनी मम्मी से पूछा के इसे कहाँ डालकर आऊं तो फिर सास ने भी बिना शर्माएं कहा के कुई में डाल आ। अब सास मुझसे बिल्कुल नहीं शर्मा रही थी। फिर कंडोम डालकर आकर उमा भी हमारे साथ आकर बैठ गई और बातें करने लगी। उस दिन हमने काफी बातें की। मेरी सास भी काफी मजाकियां है। फिर मैंने उमा से धीरे से कहा के काश ऐसी मेरी मम्मी भी होती तो फिर उमा ने कहा के ये आपकी मम्मी भी है। फिर ये सुनकर मैं सास के गले लग गया तो फिर सास ने भी मुझे खुलकर अपने गले लगाया।
फिर सास ने मेरी गाल पर किस भी कर दिया तो फिर मैंने भी सास की गाल चूम ली। फिर मैं सास की छाती पर सिर रख दिया तो फिर सास मेरा सिर सहलाने लगी। तब मेरा सिर सास के बोबो पर था तो फिर मैं सास के बोबो की बीच मे अपना सिर डालने लगा तो फिर सास ने मुझसे कहा के तुम्हे मेरा दूध पीना पड़ेगा तब जाकर तुम मेरे बेटे बनोगे। फिर ये कहकर सास ने अपने एक बोबे को बाहर निकाल लिया और फिर मेरे मुंह मे दे दिया। फिर सास बोली के रवि भी मेरा ऐसे ही दूध पीता है। फिर मैं सास के बोबे को चुसने लगा। फिर थोड़ी देर बोबे को चुसने के बाद सास ने अपने बोबे को वापिस अंदर डाल लिया। तब मैं और सास एक चारपाई पर ही साथ मे लेट गए। मुझे सास का एहसास काफी अच्छा लग रहा था तो फिर मैं सास से चिपक कर लेट गया। फिर जो सोने की चेन मैंने पहले उमा को दी थी फिर वो उससे लेकर मैंने सास को दे दी और कहा के उमा को तो मैं चेन कभी भी दे सकता हूँ। वो चेन पाकर सास काफी खुश हुई।
फिर शाम हो गई तो सास और उमा खड़ी होकर घर का काम करने लगी तो तब मैंने सास को पकड़ लिया और फिर सास को अपने गले से लगा लिया। तब मैंने सास से कहा के मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा के हम दोनों सास दामाद का रिश्ता ऐसे माँ बेटे के रिश्ते में बदल जायेगा। फिर ये सुनकर सास ने हंसकर मेरी गाल पर किस करने लगी। तो फिर मैंने भी सास की दोनो गालों पर किस कर दिए। फिर मैं सास को अपनी बाहों में उठाकर गोल गोल घुमाने लगा। तब हम काफी हंसे। फिर सब काम करने के बाद हम तीनों खाना खाने बैठे तो फिर हम तीनों ने एक दूसरे को खाना खिलाया और फिर हम तीनों सास के कमरे में चले गए। फिर मैं सास को मम्मी कहने लगा था और अब आगे कहानी में मैं सास को मम्मी ही बोलूंगा। उधर सास भी मुझे अब अपना बेटा समझकर ही मुझसे बातें वगैरह करने लगी थी।
तब उमा तो सिर्फ ब्रा पैंटी में थी। फिर मम्मी ने हम दोनों को अपने गले से लगाया और फिर बोली के तुम दोनो की जोड़ी ऐसे ही बनी रहे और तुम हमेशा खुश रहो। फिर ये सुनकर उमा अपनी मम्मी के गले से लग गई और फिर उन्होंने लिप किस भी किया। फिर मम्मी ने मुझे भी लिप किस किया। फिर हम बातें करने लगे तो उमा ने मम्मी से कहा के इन्हें आपके बोबे बहुत पसंद है। फिर ये सुनते ही मम्मी ने हँसकर अपने दोनो बोबो को बाहर निकाल लिया और फिर मेरे मुंह मे दे दिया। फिर मम्मी मुझसे बोली के अबसे हम दोनों माँ बेटे है तो हमारे बीच कोई बात छुपी नहीं रहनी चाहिए। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर मैंने जी भरकर मम्मी के बोबो को दबाया और चूसा। मम्मी हंसती हुई काफी सेक्सी लगती है। जब भी मम्मी हंसती तो मैं मम्मी के होंठो को चूम लेता। तब उमा तो ब्रा पैंटी में थी ही और मैंने और मम्मी ने कपड़े पहन रखे थे। फिर उमा ने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा तो फिर मैं उसे मना करने लगा। फिर उधर मम्मी बोली के अब मुझसे क्या शर्माना। तब मैंने फ्रेंच कट अंडरवियर पहनी हुई थी। फिर मम्मी बोली के अगर तुम कपड़े नहीं उतारोगे तो मैं तुमसे नाराज हो जाऊंगी। अब भला मैं क्या करता। फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और तब मेरा लण्ड खड़ा था तो मुझे थोड़ा बुरा लग रहा था। पर मम्मी ने मुझे कुछ नहीं कहा।
फिर कपड़े उतारते ही उमा तो मुझसे चिपक गई और फिर मम्मी भी मेरी बॉडी देखने लगी। मैं जिम वगैरह करता था तो मेरी बॉडी थोड़ी मस्क्युलर थी। फिर मम्मी मेरी छाती पर हाथ फेरते हुए बोली के मेरे बेटे को मेरी नजर ना लग जाये। फिर वो मेरी छाती पर चूमने लगी। मम्मी तब सलवार सूट में थी और मम्मी ने सूट में से अपने बोबे बाहर निकाल रखे थे। जिससे कि मम्मी के बोबो में दर्द होने लग गया था तो फिर मम्मी ने अपना सूट निकाल दिया। फिर मम्मी ऊपर से पूरी नंगी हो गई। ये देखकर तो मेरा लण्ड और ज्यादा टाइट हो गया। उमा गर्म हो चुकी थी और फिर एक दो बार उसने मम्मी के सामने ही अंडरवियर के ऊपर से मेरा लण्ड पकड़ लिया। फिर ये देखकर मम्मी हँसने लगी। फिर मम्मी दूध लाने का बोलकर कमरे से बाहर जाने लगी और फिर उनके बाहर जाते ही मैं और उमा वहीं चुदाई करने लगे। हम लगभग आधे घण्टे तक चुदाई करते रहे तब तक मम्मी कमरे में नहीं आई। फिर जब हमने चुदाई कर ली तो फिर मैंने अंडरवियर पहन लिया और उमा नंगी ही रही।
फिर हमारी चुदाई के बाद मम्मी दूध लेकर आई और फिर हम तीनों दूध पीने लगे। फिर दूध पीने के बाद मैं और मम्मी कमरे से बाहर आ गए। तब मम्मी तो किचन में चली गई और फिर मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया। फिर जाकर मैं उनके गले लग गया और बोला के मैं उन्हें बहुत पसंद करता हूँ। फिर वो मुस्कुराकर बोली के वो भी मुझे पसंद करती है। फिर मैंने उनसे कहा के अगर मैं आपकी कोख से निकला होता तब भी आप मेरे साथ ऐसे ही रहती क्या। फिर मम्मी बोली के कोख से निकले का क्या मतलब। मैंने तो तुम्हे अपनी कोख से निकला हुआ ही माना है। मगर तुम अभी तक पूरी तरह से अपनी मम्मी नहीं मान पाए हो। फिर मैं बोला के मुझे यकीन नहीं ही रहा है के आप मेरी मम्मी हो। फिर वो बोली के एक काम करना पड़ेगा। फिर यकीन हो जाएगा। फिर मैं बोला के क्या। फिर वो मेरा अंडरवियर पकड़कर बोली के जब तक मैं तुझे नंगा करके अपनी गोद मे बैठाकर अपना दूध नहि पिला देती तब तक तुझे यकीन नहीं होगा। फिर ये सुनकर मैं हँसने लगा। फिर मम्मी ने कहा के मैंने कभी उमा और रवि के सामने शर्म नहीं कि। अभी तक भी मैं उनके सामने कपड़े बदल लेती हूँ। ये बात सुनकर मुझे यकीन हो गया के तभी उमा अपनी मम्मी को देखकर इतनी खुली हुई है।
फिर मैंने मम्मी को गले से लगा लिया तो उनके बोबे मेरी छाती में धंसने लगे। फिर मैंने उनकी गाल पर किस किया। फिर हम कमरे में जाने लगे तो जाने से पहले मम्मी ने पेशाब करने के लिए कहा तो फिर मम्मी तो अपनी सलवार नीची करके मेरे सामने ही निचे बैठकर पेशाब करने लगी और फिर मैं भी उनके पास खड़ा होकर अपना लण्ड बाहर निकालकर पेशाब करने लगा। फिर पेशाब करने के बाद मम्मी खड़ी हुई और फिर वो आराम से अपनी सलवार ऊपर करके अपनी सलवार का नाड़ा बांधने लगी। उन्होंने मुझसे जरा भी शर्म नहीं कि। तब तक मैं पेशाब कर रही रहा था तो फिर वो मेरे साथ ही खड़ी होकर बातें करने लगी। तब उन्हें मेरा लण्ड भी साफ दिख रहा था और मैंने उनसे छुपाने की कोशिश भी नहीं कि।
फिर पेशाब करने के बाद हम कमरे में गए तो देखा के उमा तो सो चुकी थी। फिर मैं और मम्मी भी जाकर लेट गए। फिर सोने से पहले मैंने मम्मी से कुछ देर लिप किस किया और फिर मैं अपना मुँह उनके बोबो में दबाकर सो गया। उस रात मुझे काफी अच्छी नींद आई। फिर सुबह मुझे लेट ही जाग आई तो फिर मैं उठा तो देखा के मम्मी और उमा बिस्तर पर नहीं थी। फिर मैं जब बाहर जाने लगा तो देखा के आंगन में चारपाई पर वो दोनो मां बेटी एक दूसरे से मस्ती कर रहे थे। फिर ये देखकर मैं वहीं रुक गया और उन्हें देखने लगा। फिर जब वो दोनो झड़ गई तो फिर मम्मी तो सलवार पहनकर कमरे की तरफ मुझे उठाने आने लगी और उमा नंगी ही घर के कामों में लग गई। फिर ये देखकर फिर से जाकर सो गया। फिर मम्मी मुझे बड़े प्यार से उठाने लगी जैसे कि कोई मां अपने छोटे बेटे को उठाती है। फिर वो उठाकर मुझे बाहर ले गई और फिर मैं आंगन में ही अपना लण्ड बाहर निकालकर पेशाब करने लगा।
फिर पेशाब करने के बाद मैं मुँह हाथ धोने लगा। इतने में वो मेरे लिए चाय ले आई। फिर हम दोनों चारपाई पर बैठकर चाय पीने लगे। फिर चाय पीने के बाद मैं मम्मी की गोद मे सिर रखकर सो गया। फिर मैंने मम्मी से कहा के मुझे कल रात बहुत अच्छी नींद आई। ये सुनकर वो काफी खुश हुई। फिर वो बोली के मेरा मन कर रहा है के मैं तुम्हारा ख्याल एक छोटे बच्चे की तरह रखूं। ये सुनकर मैं बोला के मैं आपका बेटा हूँ। आप जो चाहे वो कर सकती हो। फिर मम्मी बोली के ठीक है तो आज मैं ही तुम्हे नहलाऊंगी और सारा काम मैं ही करूंगी। फिर उमा मेरे पास आकर बैठ गई तो फिर दोनो लिप किस करने लगे। फिर मम्मी उठकर घर का काम करने लगी। मुझे फ्रेश होकर आना था तो फिर मम्मी ने मुझे वहीं आंगन के एक कोने में बैठकर फ्रेश होने के लिए कहा तो फिर मैंने ऐसा ही किया। फिर जब मैं फ्रेश हो लिया तो फिर मम्मी ने ही आकर अपने हाथ से मेरी गाँड धोई। फिर ये देखकर उमा बताने लगी के मम्मी तो अब भी कई बार रवि की गाँड भी धोती है। ये सुनकर मुझे थोड़ा अजीब लगा।
फिर मम्मी ने ही मुझे नहलाया। उन्होंने मुझे सारे शरीर पर साबुन लगाकर अच्छे से नहलाया। मेरे लण्ड के आसपास वाली जगह पर भी साबुन लगाकर अच्छे से धोया। फिर नहाने के बाद मुझे मम्मी ने कमरे में भेज दिया तो फिर मैं कमरे में चला गया। फिर मेरे बाद मम्मी ने उमा को भी नहलाया और फिर नहाने के बाद वो भी कमरे में आ गई। फिर कुछ देर बाद मम्मी खुद भी नहाकर आ गई। तब मम्मी बिल्कुल नंगी थी। तब मैं तो मम्मी को देखता ही रह गया। तब मैं और उमा बेड पर नंगे लेटे थे। फिर मम्मी बेड पर बैठ गई और फिर मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और फिर मुझे अपनी गोद मे लेकर मेरे चेहरे पर हाथ फेरने लगी और फिर मुझे चूमने लगी। फिर मेरे मुंह मे अपना एक बोबा दे दिया जिसे मैं चुसने लगा। तब एक दम वैसे ही लग रहा था जैसे कोई माँ अपने छोटे से बच्चे को दूध पिला रही है। फिर मैं मम्मी के दूसरे बोबे को हाथ से पकड़कर दबाने लगा। तब मेरा लण्ड एक दम खड़ा था। जिसकी तरफ मम्मी ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। हालांकि एक आध बार उनका हाथ मेरे लण्ड से लगा था। फिर उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया तो फिर मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा और उनके दोनो बोबो को दबाने लगा।
फिर वो भी मेरी पीठ सहलाने लगी। फिर मैं उनके चेहरे को चूमने और चाटने लगा तो वो हँसने लगी। वो हंसती हुई काफी सेक्सी लग रही थी। फिर कुछ देर बाद उन्होंने फिर से मुझे अपनी गोद मे सुला लिया और फिर वो मेरी छाती से लेकर मेरे लण्ड तक और फिर लण्ड से नीचे से लेकर मेरी जांघों तक मेरा शरीर अपने हाथ से सहलाने लगी। फिर मुझे उल्टा करके मेरी पीठ और मेरी गाँड भी सहलाई। इस सब के कारण मैं काफी ज्यादा गर्म हो गया। फिर वो फिर से मुझे अपने बोबे चुसवाने लगी तो मेरा लण्ड फट पड़ा और फिर लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी जो कि सीधे मम्मी पर गिरने लगी। तो फिर वो हँसने लगी और फिर मेरे लण्ड को अपने हाथ की एक उंगली से दूसरी तरफ कर दिया। जिससे कि सारा पानी दूसरी तरफ गिरने लगा। मैं तब आंखें बंद करके आराम से मम्मी के बोबो को चूस रहा था। फिर झड़ने के बाद मम्मी ने अपना हाथ हटा लिया और फिर वो मेरे चेहरे को चूमने लगी। फिर इसके लिए मैंने मम्मी से माफी मांगी तो उन्होंने मुस्कुराकर कहा के ये तो तुम्हारे जवान होने की निशानी है और हम अब माँ बेटे है तो तुम मुझसे किसी भी चीज के लिए माफी मत मांगना। फिर वो मेरे होंठों पर होंठ रखकर चूमने लगी।
फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद से नीचे उतारा और फिर वो खड़ी होकर तेल लेने के लिए जाने लगी तो फिर मैं खड़ा होकर जाकर उनके पीछे से चिपक गया। फिर वो मेरी तरफ मुड़ी तो मैं उनके बोबो के बीच मे सिर डालकर खड़ा हो गया। फिर वो भी मेरी कमर में हाथ डालकर कुछ देर वैसे ही खड़ी रही। फिर उन्होंने मुझे अपने से दूर किया और फिर वो मेरे बालों में तेल लगाने लगी। फिर तेल लगाने के बाद मैं जाकर बेड पर लेट गया और फिर मम्मी उमा को अपनी गोद मे लेकर उसके बदन को सहलाने लगी। वो अपनी बेटी के पूरे बदन को सहला रही थी। फिर उन्होने उमा के बालों में तेल लगाया और फिर मम्मी नंगी ही मेरे और उमा के बीच लेट गई तो फिर हम दोनों मम्मी के बदन को सहलाने लगे। पहले तो हम दोनों मम्मी के बोबो को सहलाने लगे और फिर उमा मेरे सामने ही मम्मी की चुत को सहलाने लगी। मम्मी की चुत झांटो से भरी थी।
फिर मम्मी उल्टी लेट गई तो मैं और उमा मम्मी के पीठ को सहलाने लगे और फिर मम्मी की गाँड को दबाने लगे। मुझे मम्मी की गाँड दबाने में काफी मजा आ रहा था। फिर मैं मम्मी के ऊपर लेट गया तो मेरा लण्ड मम्मी की गाँड में चला गया। फिर मैं मम्मी से बोला के मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ। फिर मम्मी बोली के मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। फिर मम्मी ने अपनी गर्दन पीछे की तरफ की तो फिर हम लिप किस करने लगे। मम्मी बिल्कुल नंगी थी और मेरा लण्ड खड़ा था तब भी मुझे मम्मी को चोदने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था। कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद जब मैं खड़ा हुआ तो मेरा लण्ड खड़ा था। फिर मैं मम्मी की गाँड चूमने लगा। जिससे मम्मी को गुदगुदी होने लगी तो वो हँसने लगी। फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई तो फिर मैंने मम्मी से कहा के आप हंसती हुई बहुत अच्छी लगती हो। आप हंसती रहा करो। फिर मैं और उमा मम्मी के गुदगुदी करने लगे तो फिर मम्मी हँसने लगी।
फिर मम्मी भी हमारे गुदगुदी करने लगी और हम सब हँसने लगे। फिर मम्मी ने हम दोनों को गले से लगा लिया और फिर हम तीनों एक दूसरे से गले लगे रहे। मेरा लण्ड तब खड़ा था तो फिर उमा मम्मी के सामने ही मेरा लण्ड पकड़कर हिलाने लगी तो फिर मैं उमा के ऊपर जाकर उसके बदन को चूमने लगा। फिर मैंने लण्ड उसकी चुत में डाला और फिर हम दोनों चुदाई करने लगे। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया और फिर उमा ने जल्दी से मेरे लण्ड पर कंडोम चढ़ाया और फिर हम वापिस चुदाई करने लगे। फिर हम दोनों झड़ गए तो हम एक दूसरे से लिपटकर लेट गए। फिर मम्मी हमे देखकर मुस्कुराने लगी और फिर हमारे माथे पर किस किया। फिर मैं जब उमा के ऊपर से खड़ा हुआ तो मैंने लण्ड से कंडोम निकालकर इधर उधर देखने लगा तो फिर मम्मी ने मेरे हाथ से कंडोम लेकर उसके गांठ लगाकर फिर उसे साइड में रख दिया।
मम्मी भी गर्म हो चुकी थी। फिर उमा खड़ी हुई और मम्मी के ऊपर चली गई और फिर वो दोनो किस करने लगी और फिर मम्मी के बोबो को चुसने लगी। फिर उमा ने मम्मी के दोनो पैरों को ऊपर उठाया और फिर अपनी चुत से चुत रगड़ने लगी। ये मैं काफी बार देख चुका था तो फिर मुझे नींद आने लगी तो मैं सो गया। फिर जब मुझे जाग आई तो देखा के मम्मी पीछे से मुझसे चिपक कर सो रही थी और मम्मी के पीछे से उमा चिपक कर लेटी थी। फिर मैं भी मम्मी की तरफ मुँह करके लेट गया और उनके दोनो बोबो को चुसने लगा। जिससे मम्मी जाग गई। फिर वो उठी और कपड़े पहनकर चाय बनाने चली गई। फिर उमा मेरे पास आकर लेट गई और मेरे लण्ड को पकड़कर सहलाने लगी। फिर मम्मी चाय बनाकर लाई तो हम दोनों उठकर बैठ गए और उमा तब मुझसे चिपक कर बैठी थी। फिर हम तीनों ने साथ मे ही चाय पी।
फिर चाय पीकर मम्मी तो बाहर काम करने लगी और मैं और उमा चुदाई करने लगे। हम शाम तक चुदाई ही करते रहे। हम सिर्फ एक बार पेशाब करने ही कमरे से बाहर गए थे बाकी टाइम हम कमरे में ही रहे। फिर जब शाम को खाना बना तो मम्मी ने हम दोनों को बिस्तर पर ही खाना दे दिया। फिर खाना खाने के बाद जब हमारा चुदाई का मूड हुआ तो फिर मैं उमा को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर जब मम्मी कमरे में आई तो तब भी हम ऐसे ही चुदाई करते रहे। फिर जब मैं झड़ा तो फिर उमा मेरे गले से लगकर बोली के मैं अब आपके बिना एक पल भी नहीं रह सकती। फिर वो मेरे गले लग गई। मम्मी ये सब देखकर मुस्कुराने लगी। फिर उस रात मम्मी कपड़े पहने पहने ही अलग चारपाई पर सो गई। फिर उस रात मैंने और उमा ने कई बार चुदाई की।
फिर अगले दिन सुबह जब हम उठे तो फिर मम्मी ने हमे बिस्तर पर ही चाय दी। फिर उस दिन सब काम करने के बाद मम्मी हम दोनों को लेकर बाथरूम में चली गई और फिर वो खुद भी नंगी हो गई और फिर हमें नहलाने लगी। नहलाने के बाद उन्होंने हमें कमरे में भेज दिया। फिर कमरे में आने के बाद हम दोनों चुदाई करने लगे। जब मम्मी नहाकर कमरे में आई तो फिर वो हमें चुदाई करता देख कुछ नहीं बोली। फिर कल की तरह ही उन्होंने हमें दूध पिलाया और फिर हम तीनों एक साथ नंगे ही लेट गए। फिर उस दिन मैं उमा के ऊपर आकर उमा की चुदाई करने लगा। तब पास ही मम्मी लेटी थी तो मैं और मम्मी लिप किस करने लगे और फिर मैं मम्मी के बोबो को चुसने लगा। फिर मैं मम्मी की चुत सहलाने लगा तो मम्मी कुछ नहीं बोली। फिर तब मैंने कंडोम नहीं पहना था और मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया और फिर झड़ने लगा। जिससे मेरा पानी उमा की छाती और मुंह पर गिरने लगा। फिर उमा खड़ी हुई और मेरे लण्ड को मुंह मे लेकर चुसने लगी। फिर झड़ने के बाद मैं लेट गया तो फिर मम्मी मेरा लण्ड पकड़कर देखने लगी।
फिर मैं मम्मी से चिपक गया और फिर मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर मैं मम्मी के गाँड के छेद को देखने लगा। फिर मम्मी बोली के हम मां बेटे है तो अब तुम्हारा भी मेरे शरीर पर पूरा हक है। फिर मैं अच्छी तरह से मम्मी के बदन को सहलाने लगा। मम्मी तब नंगी काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने अपना मुँह मम्मी की गाँड में डाल दिया तो फिर मम्मी अपनी गाँड हिलाने लगी जिससे कि मुझे काफी मजा आने लगा। ऐसे मस्ती करके मम्मी और मुझे हम दोनों को ही काफी मजा आया। फिर मम्मी मुझसे बोली के सब माँ बेटों को ऐसे मस्ती करनी चाहिए। चाहे वो कितनी ही उम्र के हो चुके हो। इससे उनके बीच प्यार बढ़ता है। मम्मी की इस बात से मैं काफी सहमत था। फिर मैं और उमा दोनो मम्मी के पैरों को दबाने लगे। फिर मैंने मम्मी से कहा के आप मुझे और उमा को कभी डांटते क्यों नही। हम आपस मे प्यार करते रहते है। फिर मम्मी मुस्कुराकर बोली के क्या गलत कर रहे हो तो। फिर मैंने और उमा से कहा के आप हमें डांटिये वरना हम एक दूसरे के प्यार में इतना खो जाएंगे के फिर बाकी सब भूल जाएंगे। फिर मम्मी बोली के ठीक है तो तुम दोनो कंट्रोल करो और मेरे सामने करने से बचो। बेशर्मो की तरह लगे रहते हो तुम मेरे सामने। फिर मम्मी ने हमें कपड़े पहनने के लिए कहा। फिर हमने ऐसे ही किया। फिर मम्मी ने भी कपड़े पहन लिए। फिर मैंने मम्मी और उमा दोनो से ब्यूटी पार्लर के पास जाकर शरीर के सब बाल निकलवाने के लिए कहा।
तो वो दोनो मान गई। फिर मैं उन दोनों को लेकर एक ब्यूटी पार्लर में गया। फिर वहां उन दोनों की पूरी बॉडी की वैक्सिंग की गई और उनको थोड़ा मॉडर्न लुक दिया गया। जिससे वो दोनो काफी सुंदर दिखने लगी। फिर जब हम घर आये तो फिर उमा मुझे नंगी होकर अपने बदन को दिखाने लगी और फिर मम्मी भी नंगी हो गई। फिर मैंने मम्मी की चुत देखी तो देखता ही रह गया। फिर वो दोनो मेरे गले लगी और बोली के ये सब तुम्हारी वजह से ही हुआ है। फिर मैं मम्मी की चिकनी चुत पर हाथ फेरकर देखने लगा तो मम्मी ने अपनी टांगे फैला ली। फिर मैंने मम्मी को अपनी बाहों में ले लिया और फिर मम्मी की गाँड सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी से कहा के अगर आपने कभी दूसरे मर्द की तरफ देखा भी तो मैं आपकी जान ले लूंगा। फिर मम्मी मेरे सिर पर हाथ रखकर बोली के मैं कभी किसी की तरफ नहीं देखूंगी। फिर मैंने मम्मी को अपने हाथों से कपड़े पहनाए और फिर मम्मी को कमरे से बाहर भेज दिया और फिर मैं उमा की चुदाई करने लगा। फिर उस दिन रात को हम एक साथ कपड़े पहनकर सोए।
अब मैं और उमा मम्मी के सामने चुदाई नहीं करते। हालांकि हम एक दूसरे से किस और गले जरूर लग जाते थे। मम्मी और उमा भी आपस मे मस्ती कर लेती थी मौका देखकर। मैं मम्मी को पूरी इज्जत देना चाहता था तो फिर मैं और उमा रोज मम्मी के पैर छूते और फिर हम मम्मी के पैर धोकर पीते। जिससे मम्मी को भी काफी अच्छा लगता था। मुझे मम्मी बहुत अच्छी लगती थी तो फिर मैंने मम्मी से कहा के आप जब नहाओ तो आपके बदन के मैल का पानी मुझे दे देना। फिर मम्मी ने ऐसा ही किया। वो एक बड़ी सी बाल्टी लेकर उसमें खड़ी होकर नहाने लगी और फिर रगड़ रगड़ कर अपने बदन का मैल उतारा और फिर उस पानी की मुझे एक बोतल भरकर दे दी। फिर जब मैंने वो पानी पिया तो मुझे काफी अच्छा लगा। मुझे मम्मी के बदन पर पूरा हक था तो मैं उनके बोबो और गाँड को दबा लेता था। अगर मैं मम्मी की चुदाई करना चाहता तो मम्मी मुझे मना भी नही करती। पर मैंने ऐसा नहीं किया। मेरा मन करता तब मैं मम्मी के बोबो को चूस लेता और गाँड को दबा देता।
मम्मी को अपनी चिकनी चुत काफी पसंद आ गई थी और फिर वो बोली के अब मैं इसे चिकनी बनाकर ही रखूंगी। मम्मी की चिकनी चुत देखकर मेरे मुंह मे भी पानी आ गया था। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं आपकी चुत चाटना चाहता हूँ तो फिर मम्मी मेरी तरफ देखकर हंसी और फिर वहीं सलवार उतार दी। फिर मैं मम्मी की चिकनी चुत चाटने लगा। फिर मम्मी मुझसे बोली के अपना जन्म स्थान देख ले। हालांकि मुझे मम्मी ने जन्म नहीं दिया था लेकिन उन्होंने मान लिया था के मै उनकी चुत से ही निकला हूँ। फिर मैंने उनकी काफी देर चुत चाटी। जिससे हम दोनों को ही काफी मजा आया। फिर मम्मी बोली के उमा उनकी चुत पर अपनी चुत रखकर रगड़ती है अगर तू भी ऐसे करना चाहता है तो कर ले। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर मैंने अपना लण्ड उनकी चुत पर रखा और रगड़ने लगा। मैं ये कब से करना चाहता था। फिर मम्मी बोली के मुझे तेरे मन की बात पता चल गई थी। इस तरह फिर उस दिन मैंने उनकी चुत पर अपने लण्ड को काफी रगड़ा और फिर वहीं पर ही झड़ गया।
ऐसा हमने कई बार किया। फिर जब उमा के पापा और रवि आने वाले थे तो फिर मम्मी ने मुझे रुकने के लिए कहा। फिर मैं बोला के उन्होंने मुझे देख लिया तो। फिर मम्मी बोली के तुम कमरे के अंदर छिपकर रहना। फिर वो दोनो जब आये तो मैं उनके सामने नहीं आया। फिर उस दिन रात को रवि तो बाहर वाले कमरे में सो गया और मम्मी उमा के पापा के साथ अंदर वाले कमरे में सो गई और उधर दूसरी तरफ मैं और उमा सो गए। फिर उमा के पापा भी मम्मी की चिकिनी चुत देखकर काफी खुश हुए और फिर उन्होंने मम्मी को दबाकर चोदा। मैंने और उमा ने उनकी पूरी चुदाई देखी। उधर दूसरी तरफ मैंने और उमा ने भी काफी चुदाई की। फिर सुबह जल्दी ही मम्मी उठकर हमारे कमरे में आ गई। तब वो काफी खुश लग रही थी। फिर जाने से पहले मैं मम्मी और उमा से काफी देर गले लगा रहा और फिर मैं सुबह सुबह ही उनके घर से आ गया।
इस तरह हम तीनो ने काफी मस्ती की। फिर कुछ दिन तो फोन पर ही बातें वगैरह करते रहे। फिर मैं और उमा पहले की तरह ही मिलने लगे। अब मुझे और उमा को किसी का डर या शर्म नहीं थी तो फिर उमा जब मुझसे मिलने आती तो वो नीचे शॉर्ट ड्रेस पहनकर आती और ऊपर सलवार सूट। फिर वो सलवार सूट उतार देती। उमा के बूब अब थोड़े बड़े हो चुके थे तो वो काफी सेक्सी लगते थे। अब रवि के सामने ही मैं और उमा एक दूसरे से मस्ती मजाक करते रहते। फिर एक बार जब उमा, रवि और मैं और एक सुनसान सी जगह पर बैठे थे। तब रवि तो हमेशा की तरह गेम खेलने में मस्त था। उस दिन उमा ने एक सेक्सी शॉर्ट ड्रेस पहनी थी और नीचे कुछ भी नहीं पहना था। फिर धीरे से मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और ये देखकर उमा हंसने लगी। फिर मैंने उमा को मेरी गोद में आकर बैठने के लिए कहा तो फिर वो मेरी गोद में आकर बैठ गई और जब वो मेरी गोद में आकर बैठी तो उसने अपनी ड्रेस थोड़ी से ऊपर उठा ली और फिर वो मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई।
फिर हम ऐसे ही बैठे रहे और बातें करते रहे। तब हम दोनों को ही मजा आ रहा था। फिर गेम खेलते टाइम मोबाईल में कम सिगनल आ रहा था तो रवि दूसरी तरफ मुँह करके बैठ गया। फिर मैंने ऊपर से उमा की ड्रेस नीचे कर दी और उसके बोबो को सहलाने लगा और फिर नीचे से भी उसकी ड्रेस ऊपर कर दी। यानि उमा तब लगभग नंगी थी। फिर मैं नीचे से धक्के लगाने लगा। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो उमा मेरी साइड में बैठ गई और फिर मेरे लंड को चूसने लगी। उस दिन रवि को हमारी चुदाई का जरा भी पता नहीं चला। अगर पता चल भी जाता तो वो क्या कहता। ऐसे ही एक बार बारिश आ गई तो उमा की ड्रेस पूरी भीग गई और उसका बदन पूरा दिखने लगा। उस ड्रेस में उसकी पीठ भी लगभग पूरी नंगी ही दिखाई दे रही थी। तब उमा काफी सेक्सी लग रही थी। मैं और रवि भी अपने सब कपड़े खोलकर बारिश में नहाने लगे। हम तब अन्डरवीयर में थे। फिर एक जगह कीचड़ था तो फिर हम तीनों उस कीचड़ में खेलने लगे और एक दूसरे पर कीचड़ डालने लगे। फिर मैं तो कीचड़ लेकर उमा के बदन पर मसलने लगा। फिर इसी मस्ती मजाक में मेरा हाथ उमा की ड्रेस में अटक गया और फिर उमा की ड्रेस फट गई। जिससे वो आगे से पूरी नंगी हो गई।
ये देखकर मैं और रवि हंसने लगे। तब उमा कुछ देर तो हमारे सामने ऐसे ही खड़ी रही। तब उसके बोबो पर कीचड़ लगा हुआ था। लेकीन फिर भी हम कीचड़ में खेलते रहे और फिर मैं उमा के बदन पर कीचड़ लगाता रहा। वहाँ पास ही एक छोटा सा तालाब था। फिर रवि तो उसमें नहाकर चला गया और फिर मैं और उमा जब उसमें नहाने जाने लगे तो मैंने उमा की पूरी ड्रेस खींचकर निकाल दी। अब उमा पूरी नंगी तालाब की तरफ जा रही थी। फिर तालाब में पहुँचने के बाद मैंने और उमा ने अपना कीचड़ साफ किया और फिर मैं उमा की चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद उमा के पास पहनने के लिए कोई कपड़ा नहीं था तो फिर उमा नंगी ही चलकर गाड़ी तक आई। तब रवि गाड़ी में बैठा था तो फिर मैंने गाड़ी से उमा को कपड़े निकालकर दिए और फिर वो पहनकर गाड़ी में बैठ गई। इस प्रकार हमने उस दिन बहुत मस्ती की। उमा को भी बहुत मजा आया।
फिर मैंने उमा से कहा के जब शादी के बाद घर पर कोई नहीं होगा तो तुम नंगी ही रहना। फिर वो हँसकर बोली के ठीक है। उसे भी नंगी रहना पसंद था। फिर जल्दी ही हमारी शादी की तारीख फिक्स कर दी तो फिर हम शॉपिंग करने लगे और शादी की तैयारियों में जुट गए। हम शादी सिम्पल ही करने वाले थे। तो फिर मेरे घरवालों ने उमा को कपड़े गहने काफी दिलवाएं। जिन्हे पाकर उमा काफी खुश हुई। इसी बीच मैंने मेरी सास यानि मेरी दूसरी मम्मी के लिए चुपके से सोने की कुछ ज्वेलरी और कपड़े दिलवाएं। मैंने मम्मी और उमा को महंगी वाली अच्छे ब्रांड की ब्रा पैंटी भी दिलवाई। ये सब पाकर मम्मी भी काफी खुश हुई। फिर जब शादी की तारीख नजदीक आई तो उमा के साथ साथ मम्मी(सास) ने भी अपनी बॉडी कि फुल वैक्सिंग करवाई। जिसके पैसे मैंने ही दिए थे। फिर मेहंदी लगाने की बात आई तो उमा की एक खास सहेली थी जो की मेहंदी लगाना बहुत अच्छे से जानती थी। फिर उससे उमा ने अपनी चुत के थोड़ा ऊपर मेरा नाम लिखवाया। हमने शादी काफी सिम्पल ढंग से ही की। जहां ज्यादा लोगों को हमने नहीं बुलाया था। शादी से ठीक पहले मैंने रवि को नया मोबाईल दिलवाया जिसे पाकर वो काफी खुश हुआ। इस तरफ अच्छी तरफ से हमारी शादी हो गई।
उमा दुल्हन बनी काफी प्यारी लग रही थी। सब ने उमा को काफी पसंद किया। फिर सुहागरात वाली रात मैंने पहले उमा की चुत चुदाई की। क्योंकि कई दिन से हमने चुदाई नहीं की थी। फिर मैंने उमा की गाँड मारी। जिससे की उमा को दर्द हुआ लेकीन वो मुझसे बहुत प्यार करती थी तो वो सारा दर्द सह गई। मैंने भी इसके लिए कुछ इंतजाम करके रखे थे। मैंने उमा की गाँड काफी सारा तेल लगाकर मारी थी और फिर उसे दर्द वाली टैबलेट दे दी जिससे की उसे काफी आराम मिला। उस रात मैंने कई बार उमा की गाँड मारी। जिससे उमा की चाल में थोड़ा बहुत फर्क आ गया था। लेकीन 2-3 दिन लगातार गाँड मारने के बाद सब ठीक हो गया। फिर गाँड मारने के बाद जब मैं झड़ने लगता तो मैं सारा पानी उमा की चुत में डाल देता। जिससे की उमा कुछ ही दिनों में प्रेग्नेंट हो गई। उमा अपना पुराना फोन अपनी मम्मी को ही दे आई थी और मैंने उमा को नया फोन ला दिया था, तो फिर हम रात को नंगे होकर विडिओ कॉल करते। उमा की प्रेग्नेंट की खबर सुनकर सब काफी खुश हुए। फिर हमारी जिंदगी काफी हंसी खुशी से बीतने लगी। उमा प्रेग्नेंट हो गई थी लेकीन हमने चुदाई फिर भी जारी रखी। जब घर पर कोई नहीं होता तो उमा कोई सेक्सी सी ब्रा पैंटी पहनकर घूमती रहती और कभी कभी तो नंगी ही रहती। उमा को ऐसे देखकर मैं काफी गरम हो जाता और फिर मैं उसे पकड़कर चोदने लग जाता।
फिर शादी के लगभग एक महीने के बाद जब मैं ससुराल गया तो फिर मेरी सास यानि मेरी दूसरी मम्मी ने मुझे एक दो दिन रुकने के लिए कहा तो मैं रुक गया। फिर दिन में तो मैं रवि और ससुर के साथ बातें वगैरह करता रहा। फिर शाम को खाना खाने के बाद सास ने रवि और ससुर को तो बाहर वाले कमरे मे सोने के लिए भेज दिया और मुझे अंदर वाले कमरे मे सोने के लिए कहा और वो दोनों माँ बेटी दूसरे कमरे मे सोने चली गई। फिर जब थोड़ी रात हुई और ससुर और रवि सो गए तो फिर वो दोनों माँ बेटी मेरे कमरे मे आ गई। तब मैं नंगा ही लेटा था। फिर वो मेरे साथ मेरे बिस्तर पर आकर बैठ गई और फिर हम तीनों बातें करने लगे। मैं सास यानि मेरी दूसरी मम्मी से काफी दिनों बाद मिल रहा था तो फिर मैं उनके बदन को सहलाने लगा और फिर उन्हे नंगी कर लिया। फिर उमा भी नंगी हो गई और फिर वो मेरा लंड सहलाने लगी। फिर उमा ने अपनी मम्मी को बताया के मैंने उसकी गाँड की चुदाई की है। ये सुनकर सास हैरान हो गई। उन्हे जैसे पता ही नहीं था के गाँड में भी चुदाई कर सकते है। फिर उमा घोड़ी बन गई तो फिर सास ने जब उसकी गाँड का छेद देखा तो देखती ही रह गई क्योंकि गाँड का छेद काफी खुला हुआ था। फिर सास उमा की गाँड में उंगली डालकर देखने लगी।
तब सास करवट लेकर लेटी थी तो फिर मैंने भी सास की गाँड में उंगली डाल दी तो सास थोड़ी चौंक गई। फिर मैंने देखा के सास की गाँड टाइट ही थी। फिर मैं लगातार सास की गाँड में उंगली करता रहा और जब मैंने उंगली बाहर निकाली तो मेरी उंगली पर सास का लेट्रिन लगा था। ये देखकर सास मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर वो मेरी उंगली साफ करने के लिए कोई कपड़ा ढूँढने लगी लेकीन उससे पहले ही मैंने उंगली अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। ये देखकर सास थोड़ी हैरान रह गई। उमा की गाँड मारते टाइम उमा की गाँड से भी लेट्रिन निकल जाती है तो फिर वो भी मैं चाटकर साफ कर देता हूँ। मैंने उमा को भी उसकी लेट्रिन खिलाई है। फिर ये सब बात जब हमने सास को बताई तो वो सुनकर थोड़ी हैरान रह गई। फिर मैंने सास से कहा के सुंदर औरत की लेट्रिन खाने और पेशाब पीने में कैसी शर्म। ये सुनकर सास हंसने लगी। फिर मैंने सास से पेशाब पिलाने और लेट्रिन खिलाने के लिए बोला तो सास को तब पेशाब आ रहा था फिर सास अपने पैर फैलाकर लेट गई और फिर सास पेशाब करने के लिए तैयार होने लगी और फिर मैं और उमा भी सास की चुत के सामने अपना मुँह लेकर बैठ गए। फिर सास अपने हाथ की दो उंगलियों से अपनी चुत फैलाकर पेशाब करने लगी।
फिर सास का गरम गरम पेशाब मैं पीने लगा और फिर उमा भी अपनी मम्मी का पेशाब पीने लगी और बाकी पेशाब बिस्तर पर गिरने लगा। जब सास ने हम दोनों को ऐसे पेशाब पीते देखा तो वो फिर काफी हैरान रह गई। फिर मैंने सास से लेट्रिन करने के लिए कहा तो फिर सास ने कहा के मैं कोशिश करती हूँ। फिर सास ने लेटे लेटे ही अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा लिया जिससे सास की गाँड का छेद दिखने लगा। फिर सास जोर लगाने लगी तो सास की गाँड का छेद खुलने लगा और फिर थोड़ा सा लेट्रिन सास की गाँड से बाहर आकर बिस्तर पर गिर गया। फिर मैंने अपने मुँह में थोड़ा सा लेट्रिन डाल लिया और खाने लगा। ये देखकर सास थोड़ा मुँह बनाने लगी। फिर उमा ने भी थोड़ा सा लेट्रिन हाथ में लिया और फिर खाने लगी। फिर मैंने बाकी सारा लेट्रिन मुँह मे डालकर फिर सास से लिप किस करने लगा तो फिर सास भी अपने लेट्रिन का स्वाद चखने लगी। फिर उमा भी सास से लिप किस करने लगी। इस तरह हम तीनों एक दूसरे से लिप किस करने लगे। जिससे की लेट्रिन हम तीनों के मुँह पर लग चुका था। अब सास भी अपने लेट्रिन का आनंद ले रही थी।
फिर उमा को पेशाब आने लगा तो फिर वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई और फिर वो पेशाब करने लगी। उसके पेशाब से मेरी छाती और मेरा मुँह भीग गया। फिर इसके बाद मुझे भी पेशाब आने लगा तो फिर मैं सास पर चढ़ कर बैठ गया और फिर अपना लंड पकड़कर अपने पेशाब की धार से सास के चेहरे को धोने लगा। तब पेशाब की धार सीधी सास के चेहरे पर गिर रही थी तो फिर सास ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़कर फिर उसे अपने बोबो की तरफ कर दिया और फिर कुछ देर मेरे लंड को ऐसे ही पकड़े रखा। इस सब में सास को भी मजा आने लगा था। फिर वो दोनों माँ बेटी एक दूसरे से मस्ती करने लगी तो फिर मौका मिलने पर कभी मैं उमा की गाँड में लंड डाल देता तो कभी सास की गाँड की दरार में लंड डालकर रगड़ने लग जाता। फिर इस तरह कुछ देर तो चलता रहा और फिर जब वो दोनों तो झड़ गई और सीधी होकर लेट गई और फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो तब सास मुस्कुरा रही थी। फिर मैं सास के ऊपर आ गया और सास से हंसने के लिए कहा तो वो हंसने लगी। सास को हँसती देख मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और फिर उनके मुँह के पास लंड ले जाकर हिलाने लगा और फिर मैं झड़ने लगा तो फिर सारा पानी उनके मुँह पर डाल दिया। जब झड़ने के बाद मैंने जब सास का मुँह देखा तो सास के पूरे मुँह पर मेरा पानी लगा हुआ था और वो तब काफी सेक्सी लग रही थी।
फिर इसके लिए मैं सास से कहने लगा के मम्मी सॉरी। फिर सास मुस्कुराकर बोली के कोई बात नहीं बेटा। तब मैं सास की एक दम छाती पर बैठा था। फिर सास बोली के अब मुझे उठने तो दे। फिर मैं उनके उपर से खड़ा हुआ तो फिर सास उठकर बैठ गई। तभी उमा सास के पास गई और फिर वो सास के मुँह के लगा मेरा पानी चाटने लगी। तब सास भी अपने होंठों पर लगा मेरा पानी अपनी जीभ से चाटकर इन्जॉय करने लगी। ये देखकर मैं मुस्कुराने लगा। फिर मैं सास से बोला के मैं आपको दिल से अपनी माँ मानता हूँ। फिर ये सुनकर सास मुस्कुराकर बोली के मैं जानती हूँ और मेरा भी फर्ज बनता है के मैं भी अपने जवान बेटे का पूरा ख्याल रखूँ। जवानी होती ही ऐसी ही है तब सिर्फ बस पानी निकालने की ही लगी रहती है। ये कहते हुए फिर सास मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। ये देखकर मैं आँखें बंद करके मजे लेने लगा और सास से बोला के मम्मी आप काफी अच्छी हो। फिर उमा तो सो गई और फिर सास भी उलटी होकर अपनी गाँड पीछे की तरफ निकालकर लेट गई। तो फिर मैं पहले तो सास की गाँड में मुँह डालकर सास की नरम नरम गाँड का मजा लेने लगा और फिर मैं अपने आधे खड़े लंड को सास की गाँड पर रगड़ने लगा और फिर मैं उनके ऊपर ही लेट गया।
फिर जब रात को पेशाब आने लगा तो मुझे सास ने उठाया और फिर हम दोनों नंगे ही आँगन में पेशाब करने चले गए। तब मेरा लंड खड़ा था फिर सास मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर पेशाब करने के बाद जब हम वापिस आकर सोने लगे तो सास सीधी होकर लेट गई तो फिर मैं सास के ऊपर जाकर लेट गया और सास के मुँह और गर्दन पर किस करने लगा। फिर मैं सास के बोबो को चूसने लगा और फिर सास की चुत चूसने लगा जिससे सास बहुत ज्यादा गरम हो गई और फिर झड़ गई। झड़ने के बाद वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगी। फिर मैं अपना लंड सास की चुत पर रखकर सहलाने लगा। तब सास ने अपने ऊपर पूरे फैला दिए। तब चाहता तो मैं सास की चुत मार सकता था। लेकीन फिर सब मजा खराब हो जाता। इस कारण फिर मैं उमा के ऊपर गया और फिर उसकी चुत में लंड डालकर करने लगा। तब उमा सोई हुई थी तो फिर वो जाग गई। तब उसका चुदाई का कुछ ज्यादा मूड नहीं था तो वो ऐसे ही पड़ी रही और मैं उससे करता रहा। फिर मैं झड़ गया तो फिर मैं सास के पास वापिस गया तो फिर सास ने मेरा मुँह अपने बोबो में डाल लिया और फिर हम ऐसे ही लेट गए। तब हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी तो फिर हम बातें करने लगे।
फिर सास मुझसे कहने लगी के हम दोनों माँ बेटे है और मेरा सब कुछ तुम्हारा है। इस कारण दोनों को एक दूसरे की जरूरत का ध्यान रखना चाहिए। अभी तक तुम्हारे ससुर मेरी प्यास बुझा रहे है अगर कल को भगवान ना करे उन्हे कुछ हो गया तो फिर मेरी सब जरूरतों का ध्यान तुम्हें और रवि को ही रखना है। यानि सास सीधे सीधे कहना चाहती थी के ससुर के बाद वो मुझसे और रवि से चुदाई करवाया करेगी। फिर सास अपने बदन को सहलाते हुए बोली के वरना इस हुस्न के तो काफी दीवाने मिल जाएंगे। ये सुनकर मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और फिर मैं सास को सिर के बालों से पकड़कर बोला के उससे पहले साली मेरी चुत को चोद चोद कर इसका भोंसड़ा बना दूंगा। ये सुनकर सास हंसने लगी। फिर वो बोली के मैं तो मजाक कर रही थी। फिर मुझे थोड़ी शर्म आई और मुझे लगा के मैं ये क्या बोल गया। फिर सास खुद ही बोली के मैं समझ सकती हूँ के कोई बेट अपनी माँ को किसी दूसरे मर्द के साथ कैसे देख सकता है। फिर मैं सास से बोला के देख सकता है। अगर आपकी ऐसी कोई इच्छा हो के आप दो या तीन मर्द से एक साथ करवाना चाहती हो तो मैं खुशी खुशी ये इच्छा आपकी पूरी कर दूंगा। पर इसमें मेरी और रवि की भी सहमति होनी चाहिए। ये सुनकर सास हंसने लगी और बोली के अभी तो ऐसी मेरी कोई इच्छा नहीं है। कभी होगी तो बता दूँगी।
उस रात हमें नींद बिल्कुल नहीं आ रही थी तो फिर हम दोनों बातें करते रहे। फिर जब मैं गरम हो गया तो फिर सास ने मेरा लंड हिलाकर मेरा पानी निकाला। फिर सुबह के 4 बज गए तो फिर सास बोली के चलो नहाकर मंदिर चलते है। नींद तो वैसे भी नहीं आ रही है। फिर मैंने कहा के ठीक है। फिर मैं और सास(मम्मी) नंगे ही कमरे से बाहर निकले और फिर सास ने पानी गरम किया और फिर हम एक साथ नहाए। फिर नहाने के बाद हम दोनों कमरे में आ गए। फिर सास ने तो एक नया सूट पहना और फिर वो अच्छे से तैयार हुई। फिर मैंने भी कपड़े पहन लिए। तब तक 5 बज चुके थे। फिर हम दोनों मंदिर जाने लगे। मंदिर उनके घर के एक दम पास में ही था बस थोड़ा घूमकर जाना पड़ता था। फिर हम दोनों मंदिर गए तो वहाँ ना के बराबर लोग थे। फिर मंदिर में माथा टेकने के बाद मैंने सास के पैरों के हाथ लगाया और तो फिर सास बोली के सारी रात तो मुझसे अपना लंड हिलवाता और यहाँ मेरे पैर छू रहा है। ये सुनकर मैं और मम्मी मुस्कुराने लगे। फिर पंडित जी ने हम दोनों को पति पत्नी समझते हुए आशीर्वाद दिया और सास से बोले के सदा सुहागिन रहो। तब हमने पंडित को नहीं बताया के हम माँ बेटे है। फिर जब हम मंदिर से वापिस आने लगे तो फिर सास मुझसे कहने लगी के मुझे तुम जैसा ही पति चाहिए था।
फिर मैं बोला के मैं आपका सब कुछ हूँ। अभी बेटा और बाद मैं पति भी बन जाऊंगा। ये सुनकर वो हंसने लगी। फिर हम घर आ गए तो घर आने के बाद सास ने उमा को भी उठाया और फिर वो कपड़े पहनकर दूसरे कमरे में जाकर सो गई और फिर सास ने हमारे बिस्तर को धोने के लिए डाल दिया। तब 6 बज चुके थे। फिर मैंने सास से पूछा के ससुर और रवि कब तक उठेंगे। फिर सास बोली के मैं उठाऊँगी तब ही उठेंगे वो। फिर मैंने सास से कहा के तब तक आप नंगी रहो। फिर ये सुनकर सास ने अपने कपड़े खोलकर खूंटी पर टाँग दिए। फिर सास घर का काम करने लगी। फिर सास के साथ साथ मैं भी नंगा हो गया और सास के साथ साथ घूमने लगा। घर में सब लोगों के होते हुए मैं और सास नंगे घूम रहे थे। सास को नंगी रहने में ज्यादा शर्म नहीं आ रही थी तो फिर वो तो बाहर वाले कमरे में नंगी ही जाकर आ गई। ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था। फिर मैंने सास से पूछा के उन्होंने कभी लंड चूसा है तो फिर वो समझ गई और फिर आँगन में ही बैठकर मेरा लंड चूसने लगी और फिर मैं झड़ गया तो मेरा सारा पानी पी गई। फिर मैं सास को अपनी बाहों में लेकर खुले आम रोमांस करने लगा।
फिर 8 बज गए तो फिर मैं अपने कमरे में चला गया और कपड़े पहनकर लेट गया और फिर सास ने भी कपड़े पहन लिए और फिर उन्होंने ससुर और रवि को जगाया। फिर उठने के कुछ देर बाद ससुर तो खेत में चले गए और फिर घर पर हम चारों ही रह गए। ससुर के जाने के बाद सास और उमा ऐसे हो गई जैसे उन्हें आज़ादी मिल गई हो। फिर उमा ने तो शॉर्ट्स पहनकर घूमने लगी। फिर सास और रवि के सामने मैं और उमा एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर घूमने लगे। तब सास सलवार सूट में ही थी तो फिर मेरे कहने पर उन्होंने एक शार्ट ड्रेस पहन ली। जिसमे नीचे से उनकी गोरी गोरी जांघें और ऊपर से उनके मोटे मोटे बोबे दिख रहे थे। फिर हम सब आपस मे हंसी मजाक और बातें करने लगे। फिर बातों ही बातों में उमा ने मुझे अपनी बॉडी दिखाने के लिए कहा तो फिर मैं भी अपने सब कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में खड़ा हो गया और फिर उमा मेरे पास आई और अपनी मम्मी और भाई के सामने ही मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी और मेरे साथ चिपक कर खड़ी हो गई।
फिर रवि भी अपने कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में हो गया मेरे कहने पर। इस तरह हम सब तब अधनंगे हो गए थे। फिर ऐसे ही मजाक मस्ती चलती रही। फिर उमा नहाने चली और फिर जब वो नहाकर निकली तो उसने सिर्फ टॉवल बांध रखा था। फिर मैंने उसे टॉवल थोड़ा और नीचे बांधने के लिए कहा तो उसने तब ही ऐसे किया। जिससे कि उसके आधे से ज्यादा बोबे दिखने लगे। फिर वो हम सबकी तरफ हंसती हुई कमरे में चली गई। फिर मैं भी उसके पीछे पीछे कमरे में चला गया। कमरे में गया तब वो अपना टॉवल निकालकर नंगी हो गई। फिर हम चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद जब मैं बाहर निकला तो तब रवि तो आंगन में ही चारपाई पर लेटा फोन में गेम खेल रहा था और सास किचन में थी। फिर मैं किचन में चला गया। फिर मैं सास की ड्रेस ऊपर उठाकर सास की गाँड सहलाने लगा। फिर मैंने सास के दोनो बोबो को सास की ड्रेस से बाहर निकाल दिया और दबाने लगा। फिर सास ऐसे रहकर ही खाना बनाने लगी। फिर उधर थोड़ी देर बाद जब उमा कमरे से निकली तो हम तो उसे देखते ही रह गए। उसने तब ब्लैक कलर की ट्रांसपेरेंट शार्ट ड्रेस पहन रखी थी जिसमे से की उसका शरीर पूरा दिख रहा था और नीचे पैंटी पहनी हुई भी दिख रही थी।
उसे ऐसे देखकर मैं और सास एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर उमा पूरे घर मे ऐसे ही घूमने लगी। फिर मैं सास के पीछे खड़ा होकर उनकी गाँड में उंगली करने लगा। फिर सास को पेशाब आने लगा तो सास ने अपने बोबो को अंदर किया और फिर वो आंगन में एक कोने में जाकर अपनी ड्रेस ऊपर उठाकर बैठ गई और पेशाब करने लगी। तब आंगन में रवि था, उमा थी और मैं भी था। फिर सास पेशाब करके वापिस आने लगी तो उन्होंने अपने दोनो बोबो को बाहर निकाल लिया और अपने हाथों से सहलाने लगी। फिर सास ऐसे ही रवि के पास गई और फिर सास ने उसे कोई काम कहा तो फिर रवि उठकर बाहर चला गया। फिर सास मुस्कुराती हुई मेरे पास आने लगी तो फिर मैंने सास को अपनी बाहों में ले लिया। फिर हम दोनों लिप किस करने लगें। फिर मैंने सास की ड्रेस उनके कंधों से नीचे कमर तक कि तो फिर ड्रेस नीचे गिर गई और सास पूरी नंगी हो गई। फिर मैं सास की गाँड दबाने लगा। फिर सास अपनी ड्रेस उठाकर नंगी ही चूल्हे के पास बैठकर खाना बनाने लगी और मैं और उमा आंगन में चारपाई पर बैठ गई। फिर मैंने उमा से पूछा के सास रवि के सामने नंगी रह लेती है। फिर उमा ने बताया के मम्मी शुरू से ही हम सबके सामने कपड़े बदलती आ रही है तो उनके लिए ये कोई नई बात नहीं है। फिर उमा मेरा लण्ड बाहर निकालकर सहलाने लगी।
फिर जब रवि वापिस आया तो उमा ने मेरा लण्ड वापिस अंदर डाल दिया। फिर रवि सास के पास चला गया और फिर नंगी सास ने रवि को ससुर के लिए खाना डालकर दिया तो फिर रवि खाना लेकर खेत चला गया। रवि के जाने के बाद फिर मैं भी नंगा होकर सास के पास चला गया और फिर जाकर सास से लिपट गया। फिर सास भी मुझे प्यार करने लगी। रवि इतना जल्दी नहीं आने वाला था तो फिर मैं सास के एक बोबे को मुंह मे लिया और दूसरे को एक हाथ से सहलाने लगा और दूसरे हाथ से सास की चुत सहलाने लगा। तब सास रोटियां सेंक रही थी तो फिर अपने आटे से भरे हाथ से वो मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर मैंने उनसे कहा के आप जैसी मम्मी सबको मिले। ये सुनकर वो हंसने लगी। फिर मैं सास को बीच मे ही उठाकर अंदर कमरे में ले गया और फिर उमा रोटियां सेंकने लगी। फिर कमरे में जाते ही मैंने सास को बेड पर लेटाया और फिर उनके पूरे बदन को चूमने लगा जिससे कि सास भी काफी गर्म हो गई। फिर मैं उनकी चुत चाटने लगा तो उन्हें काफी मजा आने लगा। फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और फिर उनकी दोनो टांगों के बीच लण्ड डालकर उनकी गाँड को पकड़कर करने लगा। तब उनकी हिलती हुई गाँड काफी मस्त लग रही थी तो फिर मैंने उनकी गाँड पर एक दो थप्पड़ मारे। जिससे सास मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। तब हम दोनों को ही मजा आ रहा था। फिर सास तो जल्दी ही झड़ गई और तो फिर मैंने सास को सीधा किया और फिर उनके दोनों बोबो के बीच लण्ड डालकर रगड़ने लगा तो फिर सास भी अपने दोनो बोबो से मेरे लण्ड को सहलाने लगी। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने लण्ड सास के मुंह मे डाल दिया तो मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर वो मेरा सारा पानी पी गई।
फिर हम दोनों साथ लेट गए। फिर मैं सास से कहने लगा के मैं आपको काफी तंग करने लगा हूँ। फिर सास हँसकर बोली के मैं ऐसे तंग तो रोज होना चाहती हूं। फिर सास ने मुझे आज आज और रुकने के लिए कहा तो फिर मैंने सास से कहा के मैं नहीं रुक सकता। सब घरवाले शादी में जा रहे है तो घर का ख्याल मुझे और उमा को ही रखना है। फिर सास बोली के ठीक है। फिर इतने में उमा खाना लेकर आ गई तो फिर हम खाना खाने लगे। उस दिन सास ने मुझे अपनी गोद मे बैठाकर खाना खिलाया। जैसे कि कोई मां अपने छोटे बच्चे को खाना खिलाती है। फिर खाना खाने के बाद उमा तो सब बर्तन वगैरह लेकर चली गई पर मैं और सास बेड पर ही बैठे रहे। फिर मैं सास के बोबो को चुसने लगा और सास की चुत सहलाने लगा। तभी रवि खेत से आ गया तो फिर सास जल्दी से उठकर नंगी ही कमरे से बाहर चली गई और फिर सास ने रवि को नहाने के लिए कहा तो फिर रवि नहाने चला गया। फिर मैं भी अंडरवियर पहनकर कमरे से बाहर आ गया। फिर सास अपनी वो ड्रेस पहनकर घूमने लगी।
मैंने फिर उमा से तैयार होने के लिए कहा तो वो फिर वो तैयार होने चली गई और मैं वहीं आंगन में ही बैठ गया। फिर सास पानी की एक बाल्टी लेकर आंगन में पोंछा लगाने लगी। तब सास घोड़ी बनकर पोंछा लगा रही थी। जिससे कि उनके दोनो बोबो नीचे की और झूल रहे थे और पीछे से पैंटी वगैरह ना पहने होने के कारण उनकी गाँड दिख रही थी। फिर सास ने अपनी गाँड से ड्रेस ऊपर की और कर दी और फिर उनकी गाँड नंगी हो गई। फिर वो मेरी तरफ देखकर हँसने लगी। सास काफी मस्तीखोर थी। फिर जब रवि नहाकर आया तो सास ने अपनी गाँड फिर से ढक ली और फिर रवि ने सास से पहनने के लिए कपड़े मांगने लगा। तो फिर सास खड़ी हुई और फिर रवि को कपड़े लाकर दिए। फिर रवि कपड़े लेकर उमा के कमरे की तरफ जाने लगा तो फिर सास ने उससे कहा के उस कमरे में उमा है तो यहीं पहन लें ना। फिर रवि मुस्कुराकर बोला के मैंने नीचे अंडरवियर भी नहीं पहनी हैं। फिर ये सुनकर सास ने मुस्कुराते हुए कहा के तो क्या हुआ बेटा। यहां दूसरा कौन हैं। मैं तेरी मां हूँ और ये तुम्हारे जीजाजी तुम्हारे बड़े भाई जैसे है तो फिर किससे शर्माना। फिर सास की बात सुनकर रवि फिर आंगन में ही कपड़े बदलने लगा।
तब सास भी एक दम हमारे पास खड़ी थी। फिर रवि ने अपना टॉवल निकाला तो वो तब पूरा नंगा हो गया और फिर वो कपड़े पहनने लगा। फिर कपड़े पहनकर रवि बाहर वाले कमरे में जाकर गेम खेलने लगा। फिर सास नंगी हो गई और फिर मैं और सास उमा के पास चले गए। तब उमा नंगी ही थी और मेकअप वगैरह कर रही थी। फिर मैंने उमा से कहा के क्या पहनोगी। तो फिर उमा बोली के क्या पहनूँ तो फिर मैं बोला के एक सेक्सी सी शार्ट ड्रेस पहन लो। फिर उमा बोली के तो ससुराल में सबके सामने उस ड्रेस में ही जाऊं। फिर मैंने कहा के आज पापा और सब शॉपिंग करने जाएंगे। अगर हम जल्दी घर पहुंच गए और घर पर कोई नहीं हुआ तो तुम ऐसे ही रहना। वरना तुम एक ड्रेस और साथ रखना और फिर वो पहन लेना। फिर ये आईडिया उमा को भी काफी पसंद आया तो उसने ऐसा ही किया। फिर मैं कपड़े पहनने वाला था तो आखिरी बार मैंने सास के खूब किस किये और सास के पूरे बदन को चूमा। फिर सास मुझे खुद अपने हाथों से कपड़े पहनाने लगी। फिर मैंने सास से पूछा के हम रवि को भी अपने साथ ले जाएं क्या। फिर सास बोली के हाँ ले जाओ। वैसे भी वो गेम खेलने के अलावा करता क्या है।
फिर उमा ने रवि के भी कुछ कपड़े साथ डाल लिए। फिर जब मैं और उमा तैयार हो गए तो तब उमा भी काफी सेक्सी लग रही थी।
फिर सास ने जाकर रवि को भी हमारे साथ जाने का कहा तो वो बहुत खुश हुआ और फट से तैयार हुआ। फिर मैं, उमा और रवि तीनो कार में बैठकर वापिस आने लगे। फिर जब हम घर पहुंचने वाले हुए तो मैंने पापा को फोन किया तो पता लगा के वो सब शॉपिंग पर गए है। ये सुनकर हम काफी खुश हुए। फिर उमा ऐसे ही घर गई और सबके आने तक वो वैसे ही शार्ट ड्रेस में घूमती रही। जब सब शॉपिंग से आये तो उमा ने सलवार सूट पहन लिया। फिर हम सब बातें करने लगे। पापा और बाकी सब अगले दिन सुबह जल्दी ही शादी में जाने वाले थे। फिर उस दिन रात को रवि हमारे साथ ही सोने वाला था तो फिर खाना वगैरह खाकर मैं और रवि तो कमरे में आ गए और फिर गेम खेलने लगे। कुछ देर बाद जब उमा आई तो फिर उसने रात को पहनने के लिए एक शार्ट ड्रेस अलमारी से निकाली और फिर हमारे पीछे खड़ी होकर पहनने लगी। क्योंकि तब रवि का ध्यान तो गेम खेलने में था। फिर मैंने जब पीछे देखा तो उमा पूरी नंगी होकर खड़ी थी। फिर मैंने उससे इशारों में कहा के ऐसे ही रहो। ये देखकर वो मुस्कुराने लगी और फिर उसने शार्ट ड्रेस पहन ली। जिसमे वो गजब की खूबसूरत दिख रही थी।
फिर वो भी हमारे पास आकर बैठ गई। तब उमा नीचे से तो पूरी नंगी ही लग रही थी। पैंटी भी ऐसी पहनी थी कि उसकी पूरी गाँड दिख रही थी। अब उमा को ऐसे देखकर रवि भी क्या कहता बेचारा। उमा के बोबे भी काफी हद तक दिख रहे थे। उमा को ऐसे देख कर मेरा तो लंड खड़ा हो चुका था। फिर रवि के सामने ही मैं उमा से चिपक कर बैठ गया और फिर उसकी कमर में हाथ डालकर बैठ गया। फिर मैंने उमा से बेड पर चलने का कहा तो फिर वो बेड पर चली गई और फिर मैं भी अपने सब कपड़े निकालकर बेड पर लेट गया। हमने तब अपने ऊपर एक कंबल ले लिया था ताकि रवि ना देख सके। फिर मैंने उमा की पैंटी निकाली और उसकी गाँड में लंड डालकर करने लगा। तब रवि का मुँह दूसरी तरफ था तो फिर मैंने उमा के दोनों बोबो को उसकी ड्रेस से बाहर निकाल लिए और फिर उन्हे चूसने लगा। फिर तभी सास ने उमा के फोन पर एक विडिओ भेजी। जिसमें सास ससुर से चुद रही थी। अपने मम्मी पापा की चुदाई की विडिओ देखकर उमा गरम हो गई। फिर उमा उठकर पेशाब करने जाने लगी तो तब उमा नीचे से पूरी नंगी थी।
उसे ऐसे शायद रवि ने भी देख लिया था। पर उमा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। फिर पेशाब करने के आने के बाद मैंने उमा को घोड़ी बना लिया और फिर हम चुदाई करने लगे। तब रवि हमारे आगे बैठकर गेम खेल रहा था और पीछे हम चुदाई कर रहे थे। फिर मैंने उमा की ड्रेस निकाल दी और फिर वो पूरी नंगी हो गई। फिर कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए तो फिर उमा ने अपनी ड्रेस फिर से पहन ली और फिर उमा ने रवि से सोने के लिए कहा। तब काफी रात हो चुकी थी। लेकीन रवि मान ही नहीं रहा था तो फिर उमा ने जाकर जबरदस्ती उससे फोन ले लिया और टीवी बंद कर दिया और फिर रवि भी बेड पर आकर एक तरफ लेट गया। रवि रात को सिर्फ अन्डरवियर में ही सोता है तो फिर सोने से पहले उसने भी अपने सब कपड़े निकाल दिए थे। फिर उमा हम दोनों के बीच में आकर लेट गई। फिर मैं और उमा चिपक कर लेट गए। फिर हम तो धीर धीरे बातें करने लगे और फिर रवि को नींद आ गई तो उसके खर्राटे बजने लगे। फिर मैंने उमा की ड्रेस निकाल दी और फिर मैं उसके बोबो को चूसने लगा। फिर जब हम फिर से गरम हो गए तो फिर हम वहीं लेटे लेटे ही चुदाई करने लगे।
हमें तब रवि का जरा भी ख्याल नहीं आया। वैसे भी हम आराम से ही चुदाई कर थे। मैं तब उमा के ऊपर था। फिर थोड़ी देर बाद हम करवट लेकर लेट गए और फिर मैं उमा की गाँड मारने लगा। तब रवि हमसे ज्यादा दूर नहीं सोया था और उसकी हमारे तरफ पीठ थी और उमा उसकी तरफ मुँह करके लेटी थी। फिर वो पीछे से रवि से चिपक गई और फिर मैं जब झड़ गया तो फिर हम ऐसे ही सो गए। फिर लगभग आधी रात बाद मैं पेशाब करने उठा तो फिर मैं नंगा ही पेशाब करने चला गया। फिर जब मैं पेशाब करके आया तो फिर रवि भी उठकर पेशाब करने जा रहा था और उसने मुझे नंगा देख लिया था। लेकीन उसने कुछ नहीं कहा। तब उमा सीधी होकर लेटी थी और कंबल उसकी कमर तक था और वो ऊपर से पूरी नंगी थी। फिर ये देखकर मैं रवि की तरफ मुस्कुराया और फिर मैंने कंबल ऊपर कर दिया। फिर पेशाब करके आकर रवि फिर से सो गया। फिर जब सुबह हुई तो उमा उठी तो मुझे भी जाग आ गई। फिर मैं और उमा नंगे ही उठकर टॉइलेट चले गए। फिर मैंने उमा को बताया के रात रवि ने उसे नंगी देख लिया तो फिर उसने कहा के अच्छा हुआ देख लिया तो।
अब मेरा भी कपड़े पहनने का ज्यादा मन नहीं करता है। ये सुनकर हम दोनों हंसने लगे। फिर उमा तो कपड़े पहनकर नीचे चली गई और मैं जाकर नंगा ही लेट गया। फिर थोड़ी देर बाद रवि भी जाग गया तो मुझे नंगा देखकर वो थोड़ा शर्माने लगा। फिर मैंने उससे कहा के हम भाई है तो मुझसे शर्माना कैसा। फिर हम गेम वगैरह की बातें करने लगे। फिर मैंने उसे कहा के अपना अन्डरवियर उतारकर फेंक दो। तो उसने ऐसा ही किया। हालांकि तब तक रवि का मन ज्यादा बस गेम की तरफ ही था और चुदाई की तरफ बिल्कुल भी नहीं था तो उसका लंड नॉर्मल ही था। लेकीन मेरा लंड तो खड़ा हो गया था। फिर जब उमा चाय लेकर आई तो फिर हम दोनों को नंगे देखकर वो हंसने लगी। फिर उमा को देखकर बेचारे रवि को तो शर्म आने लगी और वो कंबल में छुप गया और लेकीन मैं ऐसे ही रहा। उमा ये सब देखकर हंसने लगी। फिर वो चाय छोड़कर अपने भाई के ऊपर से कंबल हटाने लगी लेकीन रवि ने कंबल बहुत मजबूती के साथ पकड़ रखा था। फिर मैं भी रवि की सहायता करने लगा और फिर ऐसे करते करते मैंने उमा को अपनी तरफ खींच लिया तो फिर वो मेरे ऊपर आकर गिर गई। इसमें हम तीनों को काफी मजा आया। तब हम काफी हँसे।
फिर उमा ने हम दोनों को चाय डालकर दी तो फिर हम चाय पीने लगे और फिर उमा अपने भाई से नजरे बचाकर मेरा लंड सहलाने लगी। फिर रवि तो चाय पीकर फ्रेश होने जाने लगा तो फिर उमा ने उसका कंबल खींच लिया और फिर वो नंगा ही टॉइलेट में भाग गया ये देखकर उमा जोर जोर से हंसने लगी और फिर तभी मैंने उमा की सलवार खोल कर उसे बेड पर घोड़ी बनाकर करने लगा। फिर जब हम झड़ गए तो तब हम खड़े थे और उमा की सलवार नीचे जमीन पर गिरी हुई थी और उमा ने अपने कुर्ते को मुँह में दबा रखा था। फिर जब रवि फ्रेश होकर आया तो वो तब भी नंगा ही था और फिर आकर अपना अन्डरवियर पहनने लगा। उसने हमें ऐसे देख लिया था। फिर रवि को देखकर उमा फिर से हंसने लगी और साथ में अपनी सलवार ऊपर करके बांधने लगी। तब मैंने उमा के पीछे ही खड़ा था तो फिर मैंने उमा की सलवार वापिस नीचे कर दी और बोला के तुम मेरे भाई पर हंस क्यों रही हो। तब मैंने उमा की सलवार को अपने पैर से दबा लिया और उमा का अपनी मुँह अपनी तरफ कर लिया। तब रवि के सामने उमा की नंगी गाँड थी। फिर ये देखकर रवि भी हंसने लगा।
फिर मैंने उमा को बेड पर उल्टी पटक दिया और उसकी सलवार को पूरा निकालकर रवि की तरफ फेंक दिया और मैं उमा के ऊपर जाकर बैठ गया और उसे खड़ा नहीं होने दिया। हालांकि तब ऐसे उमा को भी काफी मजा आ रहा था। फिर उमा अपने भाई से अपनी सलवार वापिस देने के लिए कहने लगी। लेकीन उसने नहीं दी। फिर मैंने उमा से धीरे से कहा के तुम्हारा कुर्ता भी उतार दूँ क्या तो फिर उमा ने हाँ में सिर हिलाया तो फिर मैंने उमा का कुर्ता भी खींचकर निकाल दिया और इसमें उमा ने भी मेरा साथ दिया। फिर उमा का कुर्ता लेकर मैं खड़ा हो गया तो फिर कभी उमा उठकर कभी मेरे पास अपना कुर्ता लेने आती तो कभी भागकर रवि के पास जाती। इस तरह उमा काफी देर नंगी घूमती रही। उसे भी ऐसे मजा आ रहा था। फिर मैंने रवि से कहा के अभी मौका है अपनी कुछ डिमांड है तो रख दो। फिर रवि उमा से कहने लगा के मैं सलवार तब ही दूंगा जब आप मुझे गेम खेलते टाइम डिस्टर्ब नहीं करोगी तो उमा ने कहा के नहीं करूंगी। फिर इतना कहते ही रवि ने उमा को सलवार वापिस दे दी। लेकीन सलवार वापिस मिलते ही उमा ने कहा के मैं तुझे गेम खेलने नहीं दूँगी। फिर इतना कहते ही रवि वापिस उमा से सलवार खींचने लगा। फिर वो दोनों बहन भाई लड़ने लगे।
फिर मैं भी उनके बीच चला गया और फिर मैंने उमा को पकड़कर बेड पर कभी इधर फेंकता तो कभी उधर फेंकता। फिर इसी बीच मैं उमा के ऊपर आकर बैठ गया। तब वो सीधी लेटी थी और मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और तब मेरा लंड उमा की चुत पर था तो फिर मैंने लंड उमा की चुत में डाल दिया और मौका मिलने पर धक्का मार देता। फिर मैंने रवि से उमा के गुदगुदी करने के लिए कहा तो फिर उसने वैसे ही किया। फिर उमा जोर जोर से हंसने लगी। फिर मैंने रवि से उमा के हाथ पकड़ने के लिए कहा तो उसने वैसा ही किया और फिर मैं उमा के निपल मसलने लगा। जिससे उमा को मजा और सजा दोनों मिल रही थी। तब मैं खुलकर तो धक्के नहीं लगा सकता था लेकीन फिर भी लंड उमा की चुत में पूरी अंदर तक डाल रखा था। जिस कारण फिर हम दोनों झड़ गए। फिर उमा एक दम ढीली हो गई तो फिर मैंने उससे कहा के अब हम दोनों भाइयों से पंगा मत लेना तो वो हँसकर बोली के नहीं लूँगी। फिर मैंने चुपके से लंड बाहर निकाल लिया और फिर हमने उमा को छोड़ दिया और उसे उसके कपड़े दे दिए। लेकीन कपड़ों की हालत खराब हो चुकी थी।
फिर वो नंगी ही उठकर अलमारी से अपने दूसरे कपड़े निकालकर पहनने लगी और मैं और रवि बेड पर ही लेटे लेटे उसे देखते रहे। फिर उमा कपड़े पहनकर अपना बाल बनाकर नीचे चली गई और फिर मैं और रवि भी कपड़े पहनकर नीचे चले गए। ऐसे खेल कूद करके हमें काफी मजा आया। फिर उस दिन सब शादी में जाने वाले थे तो उनके जाने के बाद हम तीनों हाल में सोफ़ों पर बैठ गए। फिर उमा बोली के अब क्या करें। फिर मैं अपने सब कपड़े खोलकर कहा के मस्ती। तब मैंने अन्डरवियर नहीं खोला था। फिर रवि ने भी अपने सब कपड़े खोल दिए। फिर हमें देखकर उमा ने भी अपने कपड़े खोल दिए। तब उमा ने ब्रा पैंटी पहन रखी थी जो की ट्रांसपेरेट थी। फिर मैंने उमा से कहा के रवि को घर दिखाया या नहीं। तो फिर उमा रवि को लेकर घर दिखाने लगी और फिर मैं भी उनके साथ साथ घूमने लगा। फिर अंदर से पूरा घर दिखाने के बाद हम तीनों छत पर चले गए। फिर मैं और रवि तो छत पर खड़े होकर ही घूम थे थे लेकीन उमा घुटनों के बल थी ताकि उसे कोई ऐसे देख ना लें। फिर जब आसपास के घरों पर कोई छत पर नहीं था तो फिर मैंने उमा को खड़ा कर लिया और फिर कुछ देर तो खड़ी रही और फिर से बैठ गई।
फिर बैठते टाइम उसने हम दोनों के अन्डरवियर पकड़कर नीचे खींच दिए। फिर हम दोनों नंगे हो गए तो उमा जोर जोर से हंसने लगी। फिर ये देखकर मैं और रवि भी नीचे बैठ गए तो तब उमा घोड़ी बनकर भागने लगी तो तब रवि ने उमा की पैंटी में हाथ डाला तो पैंटी फटकर रवि के हाथ में आ गई। ये देखकर रवि हंसने लगा। फिर उमा वहीं बैठकर पीछे की तरफ देखने लगी तो तभी मैंने भी उमा की ब्रा खींचकर निकाल दी। जिससे उमा पूरी नंगी हो गई। फिर उमा फर्श पर लेट गई और हंसने लगी। फिर मैंने उमा से कहा के मैंने कहा था ना के हमसे पंगा मत लेना। फिर उमा हँसकर बोली के क्या कर लोगे आप। फिर उमा अपनी छाती आगे की तरफ निकालकर बैठ गई जैसे की वो हमें अपने बोबे चूसने एक लिए कह रही हो। फिर मैं उमा के एक बोबे को हाथ में लेकर मसलने लगा। फिर मैंने रवि से उमा के दूसरे बोबे को मुँह में लेकर चूसने के लिए कहा तो फिर उसने ऐसा ही किया। फिर मैं भी उमा के बोबे को चूसने लगा और साथ में उसके निपल को काटने लगा। जिससे उसे मजा आने लगा। फिर मैं उमा की चुत सहलाने लगा। फिर मुझसे रहा नहीं गया तो फिर मैं उमा की चुत चाटने लगा तो उमा भी बेशर्मों की तरफ अपने पैर ऊपर करके अपनी चुत चटवाने लगी।
फिर मैं उमा की चुत में लंड डालकर उमा की चुदाई करने लगा। मैं अबकी बार जोर जोर से धक्के लगा रहा था और साथ में कह रहा था के अब लोगी हमसे पंगे। रवि को भी उमा की चुत से अंदर बाहर होता हुआ मेरा लंड साफ दिख रहा था। उमा को तब बहुत मजा आ रहा था तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। फिर रवि पहले तो उमा के बोबो को सहला और चूस रहा था और फिर वो उमा के पीछे जाकर उमा के दोनों हाथों को पकड़ लिया और फिर जैसे ही मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर उसने उमा को ऊपर की तरफ खींच लिया और जिससे की मेरा लंड उमा की चुत से बाहर निकल गया और फिर मेरे लंड से पिचकारियाँ निकलने लगी तो वो देखने लगा। ये देखकर उमा जोर जोर से हंसने लगी। तब एक बार तो मुझे काफी गुस्सा आया रवि पर लेकीन मैंने कुछ नहीं कहा। फिर झड़ने के बाद मैं लेट गया तो फिर उमा बैठ गई और अपने भाई की पीठ थपथपाते हुए हंसने लगी। उमा को हँसती देख मैंने उमा से कहा के तुम ऐसे ही नहीं मानोगी। फिर मैं उठकर बैठा और फिर उमा को घोड़ी बनाकर उसकी गाँड पर मारने लगा।
फिर उमा कुछ देर तो हँसती रही। फिर मैंने उसकी गाँड पर थप्पड़ मार मार कर लाल कर दी। फिर वो बोली के अब से मैं आप दोनों की सब बात मानूँगी। तब जाकर मैंने उसे छोड़। फिर हम तीनों कमरे में चले गए और फिर हम तीनों जाकर साथ ही नहाने लगे। नहाते टाइम भी हमने खूब मस्ती की। नहाते टाइम मैंने उमा से और फिर रवि से भी अपने लंड पर साबुन लगवाई और फिर उमा ने भी रवि से अपने शरीर पर साबुन लगवाई। फिर नहाने के बाद उमा ने अपने बालों का जुड़ा कर लिया और थोड़ा बहुत मेकअप कर लिया। फिर रवि के सामने ही मैं उमा को अपनी बाहों में लेकर उसकी गर्दन पर किस करने लगा और बोबो को सहलाने लगा। फिर हम तीनों नीचे जाने लगे। तब फिर उमा सीढ़ियों पर बैठ गई और उसने रवि को भी अपने साथ बैठा लिया और मुझसे फोटो खींचने के लिए कहा तो फिर मैंने ऐसे ही किया। तभी अचानक सास की विडिओ काल आ गई तो फिर मैंने पिछला कैमरा चालू कर दिया तो फिर सास भी उन्हे नंगे देखकर देखती ही रह गई। तब सास भी नंगी ही थी। फिर हम सास से बाते करने लगे।
इधर हम तीनों नंगे और उधर सास नंगी। फिर उमा ने अपनी मम्मी को सब कुछ बताया के हमने कैसे कैसे मस्ती की। ये सब सुनकर सास भी सब कुछ समझ गई। फिर रवि तो जाकर गेम खेलने लगा और फिर हम तीनों आपस में बातें करने लगे। फिर सास ने बताया के वो भी घर पर अब नंगी ही रहती और रात को ससुर से खूब चुदवाती है। फिर उमा खाना बनाने लगी और हम बाते करते रहे। फिर खाना बनने के बाद हमने खाना खाया और फिर खाना खाकर हम तीनों बेड पर लेट गए और बातें करने लगे। फिर उमा तो रवि के सामने ही मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर उमा ने फोन रवि को दे दिया तो फिर रवि अपनी मम्मी से बाते करने लगा। वो तब हमारे पास ही लेटा था। फिर मैं और उमा भी करवट लेकर लेट गए और चुदाई करने लगे। हालांकि तब सास को पता चल गया था के हम चुदाई कर रहे है। इस तरफ फिर जब तक फोन की बैटरी खत्म नहीं हो गई तब तक हमारी बातें चलती रही। फिर तो लगभग रोज जी हम ऐसे बातें करने लगे। फिर फोन कट करके हम तीनों सो गए।
तब मैं उमा और रवि के बीच लेटा था तो तब मेरी उमा की तरफ पीठ थी तो वो पीछे से मेरे साथ चिपक लेटी थी और रवि की मेरी तरफ पीठ थी तो उसके पीछे से मैं चिपकर लेटा था। तब मेरा लंड उसकी गाँड की दरार में था। फिर जब उमा उठी तो वो हम दोनों को ऐसे सोया देखकर हंसने लगी। फिर हम दोनों भी जाग गए तो फिर मैं उमा की तरफ करवट लेकर लेट गया तो फिर रवि मेरे पीछे से चिपक कर लेट गया। तब उसका लंड ज्यादा हार्ड नहीं था तो मुझे कुछ पता नहीं लग रहा था। फिर मैंने उमा को पकड़कर हमारे बीच लेटा लिया तो फिर रवि उमा के पीछे से चिपक कर लेट गया। फिर उमा मेरे लंड पकड़कर सहलाते हुए रवि से बोली के इनकी पिचकारी फिर से निकाले क्या। ये कहकर फिर वो हंसने लगी। तो फिर मैं उमा को उल्टी लेटाकर उसकी गांड पर मारने लगा। फिर शाम हो गई तो फिर हम नीचे चले गए और फिर नंगे ही खेलने लगे। उमा मेकअप वगैरह करके पूरी सेक्सी बनकर रहती और ऊपर से नंगी और रहने लगी थी तो उमा को देखकर तो किसी की भी नियत खराब हो सकती थी।
उमा भी काफी शरारती थी तो फिर वो भी अपने भाई की नंगी गाँड पर चपात लगा देती। तो फिर रवि भी उमा की गाँड पर मार देता। फिर बाहर जब थोड़ा थोड़ा अंधेरा हो गया तो फिर हम तीनों नंगे ही बाहर घूमने लगे। हालांकि इससे पहले भी मैं उमा को पूरे घर में नंगी घुमा चुका था। फिर थोड़ी और रात हो गई तो फिर खाना वगैरह खाकर हम तीनों फिर बाहर आकर घूमने लगे। हमारा घर गाँव से थोड़ा बाहर है तो वहाँ इतने लोग आते जाते नहीं है। घर के पास एक गली है उसमें तो बिल्कुल भी नहीं आते जाते है। क्योंकि उस गली के आसपास वाली सारी जमीन हमारी ही थी। इस कारण वहाँ कोई आता जाता नहीं था। कोई कभी कभार आ जाता तो वो बात अलग थी। फिर मैं रवि और उमा को लेकर उस गली में चला गया और हम वहाँ घूमने लगे। ऐसे नंगे होकर घूमने में उमा को काफी मजा आता है। फिर घूमने के बाद हम तीनों कमरे में आ गए। फिर रवि तो गेम खेलने लगा और मैं और उमा लैपटॉप पर लोगों से विडिओ चैट करने लगे। फिर मैं उमा की चुदाई करने लगा। उमा की चुदाई देखकर कुछ लोग उमा के बदन की काफी तारीफ करते तो कुछ गंदी गंदी गालियां निकालते। फिर कई बार तो उमा भी उनसे बातें करती।
इस तरह फिर अब मैं रवि के सामने ही उमा की चुदाई करता और फिर चुदाई के बाद रवि उमा से चिपक कर सो जाता। रवि शर्मिला और शांत स्वभाव का था। एक बार जब मैं गेम खेल रहा था तो मेरे लंड पर खुजली होने लगी तो फिर मैंने रवि से खुजाने के लिए कहा तो फिर वो खुजाने लगा। इस तरफ कई बार मैं भी उसका लंड पकड़कर सहला देता। फिर मैंने सास से कहा के वो अपने दोनों बेटों से प्यार करना चाहती है क्या। फिर सास बोली के मैं तो कबसे तैयार बैठी हूँ। फिर मैं बोला के तो इस बार तैयार रहना। फिर जब भी हम सास से विडिओ कॉल पर बात करते तो फिर सास हम दोनों से अलग से बात करती और वो भी नंगी होकर। रवि को तो अपनी माँ बहन को नंगी देखने की आदत हो चुकी थी। जिस कारण उसे कुछ खास फर्क नही पड़ता था। अब तो उमा रवि के सामने मेरा लंड चूसकर खड़ा कर देती और फिर लंड पर बैठकर चुद भी लेती। मैं भी रवि के सामने उमा को काफी अलग अलग पोज में चोदता। उमा अपने भाई के सामने ही मेरे पूरे बदन को चूमती और मेरे साथ काफी खुश रहती। ये देखकर रवि भी खुश होता। उधर उमा अपने भाई के साथ भी काफी मस्ती मजाक करती रहती।
मेरा खड़ा लंड पकड़कर सहलाने में अब रवि को भी मजा आने लगा था तो वो भी मेरा लंड पकड़ लेता और मैं उसे कुछ नहीं कहता। कई बार तो उमा भी रवि के साथ मिलकर मेरे लंड को सहलाती और जब पानी निकलने लगता तो काफी बार तो वो मेरा लंड चूसने लग जाती और कई बार वो दोनों पिचकारियों का आनंद लेते। इस प्रकार हम काफी हद तक एक दूसरे से खुल चुके थे। इस प्रकार कुछ दिनों तक हम काफी मस्ती करते रहे। फिर जब सब लोग शादी से आ गए तो तब हम सिर्फ रात को ही मस्ती कर पाते थे। इस प्रकार रवि लगभग 15 दिनों तक हमारे घर पर रहा। फिर मैंने सास से कहा के मैं रवि को कब छोड़ने आऊँ तो फिर सास बोली के कभी भी आ जाओ। फिर मैंने सास से कहा के ससुर घर पर होंगे तो ज्यादा मजा नहीं आएगा। फिर सास बोली के मैं कुछ करती हूँ। फिर सास ने ससुर को कहीं भेज दिया तो फिर उस दिन मैं रवि को छोड़ने चला गया। जब मैं और रवि घर पहुंचे और फिर आंगन में गए तो देखा के सास एक दम नंगी थी और हम दोनों का ही इंतजार कर रही थी। सास को नंगी देखकर मैं और रवि एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर सास भागकर हम दोनों की तरफ आई और फिर हमारे गले लगी। फिर हम तीनों कमरे में जाकर बैठकर बातें करने लगे।
हम सास से रोज वीडियो कॉल पर नंगे होकर बात करते थे तो अब शर्माना क्या था। वैसे भी सास तो मेरे और रवि के सामने काफी बार नंगी हो चुकी थी तो फिर मैं अपने सब कपड़े खोलकर नंगा हो गया। फिर मैंने रवि से भी कपड़े खोलने के लिए कहा तो फिर रवि ने भी सब कपड़े खोल दिये। अब बेड पर हम तीनों नंगे बैठे थे। सास को अब कुछ देर मैं मम्मी ही बोलूंगा। फिर मम्मी अपने दोनो बेटों को नंगा देखकर काफी खुश हुई। फिर जैसी मस्ती मैं और रवि उमा के साथ करते थे वैसी ही मम्मी के साथ करने लगे। रवि तो मम्मी के बोबो को चुसने लगा और मैं मम्मी की चुत। जिससे कि मम्मी पूरी गर्म हो गई। मैं और रवि मिलकर फिर मम्मी के पूरे बदन को चूमने लगे। जिसमे मम्मी भी हमारा साथ दे रही थी। फिर जब मम्मी उल्टी लेटी थी तो फिर रवि के सामने ही मैं मम्मी पर चढ़ गया और फिर मैं मम्मी की गाँड में लण्ड डालकर रगड़ने लगा। फिर मैं रवि का लण्ड हिलाने लगा जो कि फिर खड़ा हो चुका था तो फिर वो भी अपनी मम्मी पर चढ़कर लण्ड रगड़ने लगा। फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई और मैं और रवि मम्मी के पास अपने लण्ड खड़े करके खड़े थे। फिर ये देखकर मम्मी हम दोनों के लण्ड पकड़कर सहलाने लगी और फिर बोली के तुम्हारे पापा के बाद तुम्हे ही मेरा ख्याल रखना है। फिर मम्मी रवि से लिप किस करने लगी और मैं मम्मी के बोबो में लण्ड डालकर रगड़ने लगा। मम्मी हमारे साथ ऐसे मस्ती करके काफी खुश थी तो फिर उन्होंने हम दोनों के लण्ड को चूमा। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बना लिया और फिर मैं और रवि मम्मी की चुत और गाँड में उँगली करने लगे। जिससे कि मम्मी को भी काफी मजा आ रहा था। मम्मी हम दोनों के सामने काफी देर घोड़ी बनी रही। फिर मम्मी झड़ गई तो बेड पर लेट गई। रवि ने अभी चुदाई नहीं कि थी जिस कारण वो तो बिना झड़े ही लेट गया लेकिन मेरा लण्ड तो फटने वाला था। फिर मम्मी मेरा लण्ड चुसने लगी और फिर मैं मम्मी के मुंह मे ही झड़ गया। फिर मम्मी ने मेरा लण्ड चूसकर साफ कर दिया तो फिर हम दोनों भी लेट गए। तब मम्मी की मेरी पीठ थी तो मैं पीछे से मम्मी से चिपक कर लेटा था। तब मेरा लण्ड भी खड़ा था तो फिर मैं अपने लण्ड को सास की गाँड में घुसाने लगा। फिर घुसाते घुसाते मेरा लण्ड का टोपा मम्मी की चुत में चला गया।
लेकिन फिर मेरा लण्ड मुरझा गया तो फिर मैं भी सो गया। तब तक मम्मी और रवि भी सो चुके थे। फिर थोड़ी देर सोने के बाद मम्मी मेरा लण्ड सहलाने लगी तो मुझे जाग आ गई। तब रवि भी जाग गया था और वो गेम खेल रहा था। फिर मैं और मम्मी आपस मे बातें करने लगे। मम्मी को पता चल गया था के मैने लण्ड उनकी चुत में डाल दिया था। फिर वो हँसकर बोली के जवानी में ऐसी गलतियां हो ही जाती है। मै तो तब डर रहा था के कहीं मम्मी मुझसे नाराज ना हो जाये। पर वो नाराज नहीं हुई थी। फिर मैंने भी मम्मी से कुछ नहीं कहा। फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई और अपने बोबो को सहलाते हुए बोली के तू क्या सारा दिन गेम खेलता रहता है। खेलने वाली चीज तो इधर है। फिर मैं मम्मी से बोला के इसे अभी इसका पता नहीं है।
फिर मैं मम्मी के ऊपर चला गया और मम्मी की गर्दन और बोबो को चूमने लगा। जिससे मम्मी अपने होंठों को काटने लगी। फिर मैं मम्मी से बोला के आप तो काफी सेक्सी हो। फिर मम्मी हँसकर बोली के तुमने अभी मुझे चखा नहीं है। जिस दिन चखोगे तो उस दिन तुम्हारी सारी जवानी उतार दूँगी। मम्मी मुझे खुला चैलेंज कर रही थी। फिर ये सुनकर मैं मम्मी के होंठो पर किस करने लगा और फिर मम्मी के होंठों को खा गया जिससे कि उनके होंठों से खून निकलने लगा। फिर मैंने उनके होंठ छोड़ दिये तो फिर वो अपने होंठो पर लगे खून को चाटने लगी तो फिर कुछ देर बाद खून आना बंद हो गया। फिर मैं मम्मी की चुत सहलाने लगा तो मम्मी अपनी चुत उठाकर उठाकर मजे लेने लगी। फिर जब मैं उनकी चुत में उंगली डालकर करने लगा तो तब तो मम्मी पूरी पागल ही हो गई। फिर मम्मी छटपटाने लगी और चुत उठाकर कभी ऊपर करती तो कभी नीचे। मम्मी को इस तरह करते देख रवि भी देखने लगा। फिर रवि ने भी चुत में उंगली डाल दी और फिर हम दोनों मम्मी की चुत में उंगली करने लगे। तब मम्मी जोर जोर से सिस्कारियाँ ले रही थी। मम्मी को देखकर मेरा लण्ड भी पूरा खड़ा हो चुका था। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर मम्मी की चुत पर लण्ड रगड़ने लगा। तब मैं पीछे से ऐसे धक्के मार रहा था जैसे मैं सच मे ही मम्मी की चुदाई कर रहा हूँ। फिर मैं मम्मी की गाँड थप्पड़ मारने लगा तो फिर रवि भी ऐसे ही करने लगा।
फिर मम्मी तो झड़ गई और फिर मैं भी झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी मम्मी की पीठ पर डाल दिया। फिर झड़ने के बाद जब मैंने लंड वापिस मम्मी की गाँड की दरार में डाला तो तब मेरा लंड मम्मी की चुत में चला गया। तब मम्मी की चुत की गर्मी का एहसास पाकर मुझे अलग ही मजा आ रहा था। फिर पीछे की तरफ देखकर मम्मी हंसने लगी। फिर जब मेरा लण्ड ढीला होने लगा तो फिर मम्मी लेट गई और मेरा लण्ड उनकी चुत से बाहर निकल गया। फिर मैं भी जाकर मम्मी की साइड में लेट गया और फिर मम्मी में हँसकर पूछा के कैसी लगी। फिर मैंने कहा के एकदम जबरदस्त। ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मम्मी बोली के वैसे तो मैं तुम्हारी ही हूँ। तुम्हे करना है तो कर लेना। पर अगर हम तुम्हारे पापा के बाद करे तो ही ज्यादा मजा आएगा। तब तक चाहे तुम झड़ने के बाद लण्ड अंदर डाल लेना।
फिर मैं बोला के पापा तो अभी हट्टे कट्टे है वो आप जैसी औरत को ऐसे ही थोड़ी छोड़ देंगे। फिर मम्मी हँसकर बोली के छोड़ देंगे और फिर मैं बस तुम दोनो की होउंगी। फिर मम्मी खड़ी होकर चली गई और फिर वो मेरे और रवि के लिए ग्लास भरकर दूध लेकर आई। फिर मैंने और रवि ने दूध पिया और फिर दूध पीकर मैंने मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया। फिर मैं और मम्मी रोमांस करने लगे। फिर रवि भी मम्मी से लिपट गया और फिर हम दोनों मम्मी के बदन से खेलने लगे। तब तक शाम हो चुकी थी। फिर हम तीनों कमरे से बाहर आकर घूमने लगे। फिर मम्मी ने मुझे रात को उनके पास ही रुकने के लिए बोला तो मैं मान गया। फिर मैंने इसके बारे में उमा को भी फोन करके बता दिया। फिर मम्मी घर का काम करने लगी तो फिर मैं मम्मी के पीछे पीछे ही रहा और मम्मी को कभी बाहों में ले लेता तो कभी मम्मी के बोबो को चुसने लग जाता।
फिर मम्मी ने खाना बनाया और फिर हमने साथ मे ही खाना खाया। मम्मी ने मुझे और रवि को अपने हाथों से खाना खिलाया और हम दोनों ने मम्मी को खिलाया। उस दिन घर के पास वाला मंदिर जिसमें हम पहले भी गए थे उसमें माता का जागरण था। फिर मम्मी ने मुझसे और रवि से उसमें जाने के लिए पूछा तो फिर मैं बोला के हम घर पर ही लगाते है ना माता के साथ जागरण। फिर तब रवि तो मम्मी को आगे से पकड़कर खड़ा हो गया और मैं पीछे खड़ा हो गया। फिर हम दोनों मम्मी के बदन को चूमने लगे। फिर ये सुनकर मम्मी हँसकर बोली के मैं कहाँ मना कर रही हूँ। थोड़ी देर मंदिर में जाकर आ जाते है। फिर घर पर ही मस्ती करेंगे। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर मम्मी तैयार होने लगी। उन्होंने मेकअप वगैरह कर लिया और अब बस कपड़े पहनने ही बाकी थे। तब मम्मी काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने मम्मी को बाहों में ले लिया और चूमने लगा। फिर मम्मी बोली के अभी लेट हो रहे है। आकर करेंगे मस्ती। फिर मम्मी कपड़े पहनने लगी और मैंने और रवि ने भी कपड़े पहन लिए।
मम्मी की उम्र 45 से भी कम थी। उनकी शादी कम उम्र में ही हो गई थी तो बच्चे जल्दी ही हो गये थे। लेकिन अभी भी मम्मी का बदन काफी कसा हुआ और चमकदार था। मम्मी ने टाइट सूट पहना था तो उनके बोबो और गाँड का उभार काफी मस्त लग रहा था। मम्मी को ऐसे देखकर मैं मम्मी से बोला के मम्मी लंड का पानी निकालना पड़ेगा। फिर मम्मी बोली के पर अब तो मैं तैयार हो चुकी हूँ। फिर मैं मम्मी से बोला के आप बस सलवार खोलकर घोड़ी बन जाओ। फिर मम्मी ने वैसा ही किया। वो घोड़ी बन गई तो फिर मैं उनके पीछे जाकर उनकी चुत में अपने लण्ड का टोपा डालकर रगड़ने लगा। तब रवि मेरे पास ही खड़ा था और उसे भी मम्मी की चुत में मेरे लण्ड का टोपा दिख रहा था। कुछ देर ऐसे करने के बाद मैंने मम्मी को खड़ा लिया और पीछे से उनकी गाँड की दरार में लण्ड डालकर रगड़ने लगा और साथ मे गर्दन पर किस करने लगा। फिर मैं झड़ने लगा तो सारा पानी उनकी गाँड की दरार में ही डाल दिया। फिर मैं मम्मी से बोला के आप बहुत मस्त हो। ये सुनकर मम्मी मुस्कुराने लगी और फिर वैसे ही पैंटी ऊपर करके सलवार बांध ली। फिर मम्मी हम दोनों के गले लग गई और फिर हम मंदिर जाने लगे।
मंदिर पहुंचे तो देखा के मंदिर में काफी भीड़ थी। गांव के लगभग सब लोग ही आये हुए थे। तब मम्मी ने घूंघट निकाल रखा था। फिर मंदिर में जाकर हमने माता की पूजा वगैरह की और फिर हम जब फेरी लगाने लगे तो तब मैं मम्मी के बिल्कुल पीछे ही था और हमारे आसपास भी काफी लोग थे तो फिर भी मैंने पीछे से मम्मी के दोनो बोबो को पकड़ लिया और दबाने लगा। तब मम्मी मुस्कुराने लगी। फिर मैंने रवि को आगे कर दिया तो फिर उसने भी ऐसा ही किया। इस चक्कर मे हमने काफी फेरियां लगा ली। फिर हम जाकर बाकी लोगो के साथ बैठ गए। मम्मी तो औरतों में जाकर बैठ गई और मैं और रवि आदमियों में जाकर बैठ गए। फिर हम जागरण सुनते रहे और देखते रहे। वहां माता के भजनों पर काफी लोग डांस कर रहे थे। फिर मैंने देखा के मम्मी ने भी फिर काफी ठुमके लगाए। फिर मैं और रवि भी जाकर नाचने लगे। नाचते टाइम हमें काफी पसीना आ गया था। तब लगभग आधी रात हो चुकी थी तो फिर मम्मी पानी पीने गई तो फिर मैं और रवि भी वहां चले गए और फिर मम्मी से वापिस चलने के लिए कहा तो फिर मम्मी बोली के प्रसाद लेकर चलते है। फिर हम मंदिर में चले गए तो देखा के वहाँ कोई नहीं था। फिर हम वहां खड़े खड़े बातें करने लगे और मैं मम्मी के डांस की तारीफ करने लगा।
अपनी तारीफ सुनकर मम्मी खुश हो गई। फिर मैंने मम्मी से वहां डांस करने के लिए कहा तो फिर मम्मी बोली के यहां। फिर मैं बोला के हाँ। फिर वो बोली के यहां नहीं और कहीं चलते है। फिर हम मंदिर के ऊपर एक कोने में चले गए और फिर मम्मी वहां डांस करने लगी। फिर मैं भी मम्मी की कमर में हाथ डालकर डांस करने लगा। मम्मी को अपनी गाँड मटकाकर काफी अच्छा डांस करना आता था। फिर हमने देखा के वहाँ से हमारा घर साफ दिखाई दे रहा था। तब हमें पेशाब आ रहा था और काफी गर्मी भी लग रही थी। तो फिर वहां एक कोने में बैठकर मम्मी पेशाब करने लगी। फिर मैंने और रवि ने भी पेशाब किया। मंदिर के ऊपर काफी अच्छी हवा लग रही थी और तब हम पसीने से भीगे हुए थे। फिर हम कुछ देर वहां खड़े रहे और फिर वापिस नीचे आये और फिर पुजारी से प्रसाद लेकर घर चले गए। घर जाने के बाद फिर उस दिन हम तीनों नंगे होकर घर की छत पर जाकर लेट गए। फिर मैं मम्मी से बोला के तो अब हमारी माता का जागरण शुरू करे तो ये सुनकर मम्मी मुस्कुराने लगी और फिर वो मेरा और रवि का लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी के ऊपर चढ़ गया और फिर मम्मी के चेहरे को अपने लण्ड से सहलाने लगा। फिर रवि से भी मैंने ऐसे ही करने के लिए कहा। हमने मम्मी के बदन के हर हिस्से को अपने लण्ड से सहलाया। फिर रवि मम्मी की साइड में लेटकर मम्मी के बोबो को चुसने लगा और एक हाथ से मम्मी की चुत सहलाने लगा। फिर मैं भी मम्मी की चुत को अपने लण्ड से सहलाने लगा। फिर रवि ने मम्मी की चुत को अपने हाथ से खोल दिया तो फिर मैंने अपने लण्ड का टोपा मम्मी की चुत में डाल दिया और हिलाने लगा। फिर इस तरह मैं कभी लण्ड अंदर डाल देता और फिर निकाल लेता।
फिर मैं रवि की जगह जाकर लेट गया और फिर रवि मम्मी की चुत अपने लण्ड से सहलाने लगा। फिर उसका लण्ड पकड़कर मैंने थोड़ा सा अंदर डाल दिया तो फिर मैंने जब मम्मी से ये देखने के लिए कहा तो फिर मम्मी ने आंखें खोली और सामने देखा तो रवि का लण्ड अपनी चुत में देखकर वो मुस्कुराने लगी। फिर मैं और मम्मी लिप किस करने लगे। फिर मैं खड़ा हुआ और रवि को साइड में करके मम्मी के दोनो पैरों को अपने कंधों पर रखकर चूमने लगा। उधर रवि मेरा लण्ड पकड़कर कभी मम्मी की चुत में डालता और फिर बाहर निकाल देता। जब कभी मेरा ध्यान नहीं रहता तो लण्ड आधा अंदर चला जाता। फिर मैं मम्मी की चुत पर लण्ड रगड़ने लगा और साथ मे मम्मी के बोबो को चुसने लगा। तब मम्मी ने भी अपने पैर मेरी कमर के चारो तरफ लपेट लिए। चुत पर लंड रगड़ने से मम्मी को भी मजा आ रहा था तो फिर वो भी सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर मैंने मम्मी से जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने के लिए कहा तो फिर मम्मी ऐसे सिस्कारियाँ लेने लगी के जैसे उन्हें बहुत मजा आ रहा हो। अगर कोई मम्मी को ऐसे सिस्कारियाँ लेते देख और सुन ले तो उसका लण्ड तो ऐसे ही पानी छोड़ दे। फिर मम्मी पहले झड़ गई तो वो फिर ढ़ीली पड़ गई लेकिन फिर मैं करता रहा। फिर मैं भी झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी मम्मी की चुत पर ही डाल दिया और फिर मम्मी के ऊपर ही लेट गया। फिर मम्मी मेरी पीठ सहलाने लगी। फिर मैं साइड हो गया तो फिर मम्मी ने रवि से कहकर अपनी चुत कपड़े से साफ करवाई और फिर उसने मेरा लण्ड भी पोंछकर साफ कर दिया। फिर मम्मी मेरी तरफ करवट लेकर सो गई और रवि मम्मी से पीछे से चिपक कर लेट गया। फिर हम जब सुबह उठे तो देखा के रवि के लण्ड से पानी निकल कर मम्मी की गाँड पर लगा हुआ था। ये देखकर सास हंसती हुई बोली के दो जवान बेटों को संभालना बहुत मुश्किल होता है। फिर मम्मी ने अपनी गाँड और फिर रवि का लण्ड साफ किया और फिर हम तीनों नीचे चले गए। नीचे जाकर हमने चाय वगैरह पी और फिर हम तीनों लैट्रिन करने साथ मे ही गए। फिर वापिस आकर हम साथ ही लेट गए। उस दिन मुझे जाना था पर मेरा जाने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था। फिर मैंने मम्मी से कहा के आप हम दोनों के साथ कहीं भाग चलो तो फिर ये सुनकर मम्मी हँसने लगी और बोली के भागकर क्या करेंगे। मजे तो कर ही रहे हैं। फिर मैं मम्मी से बोला के मजे तो आप ही कर रही है आप तो बस हमारे लण्ड से खेलती रहती है। फिर मम्मी ने कहा के फल जितना पकेगा उतना ही मीठा होगा। फिर मैंने मम्मी को अपनी गोद मे बैठा लिया और तब मम्मी के दोनो बोबे मेरी छाती से लग रहे थे। फिर मैं मम्मी के बोबो और गाँड और चेहरे पर हाथ फेरते हुए बोला के आपकी रसीली जवानी तो निकलती जा रही है। ये सुनकर मम्मी मुस्कुराकर बोली के अभी कुछ और सालों तक मेरी जवानी ऐसे ही रहेगी। तुम फिक्र मत करो। मम्मी जानबूझकर हमे तड़पा रही थी और असल बात ये थी कि हमें भी ऐसे मजा आ रहा था। फिर तब ही उमा की वीडियो कॉल आ गई और फिर उसने मुझे आने के लिए कहा तो मैं बोला के आ जाऊंगा। फिर मैं और मम्मी तो रोमांस करने लगे और रवि उमा से बात करने लगा।
फिर मम्मी ने खाना बनाया और फिर खाना खाकर मैं वापिस आने लगा तो आने से पहले मैंने मम्मी से अपना लण्ड चुसवाया और फिर हम काफी देर एक दूसरे से गले लगे रहे और फिर मैं कार लेकर वापिस आ गया। फिर घर जाते ही मैंने उमा की चुदाई की। वो मेरे बगैर काफी अकेली हो गई थी। फिर दिन यूँही निकलने लगे और उमा का बेबी बम्प बड़ा होता गया। लेकिन हम फिर भी चुदाई कर लेते थे। उमा करवट लेकर लेट जाती और फिर मैं उसकी गाँड मार लेता और कभी कभी तो उसकी चुत में भी कर लेता। उमा से फिर घर का काम वगैरह नहीं होता था तो वो बस घर मे इधर उधर घूमती रहती और थक जाती तो आराम कर लेती। मैं उसका काफी अच्छे से ख्याल रख रहा था। फिर मेरे पापा मम्मी को कहीं जाना था और घर पर काम करने वाला कोई नहीं था और ना ही कोई कुछ दिनों के लिए घर आ सकता था। फिर मैंने सास के बारे में कहा के वो आ जायेगी। फिर जब मेरी मम्मी ने सास को फोन किया तो वो आने के किये झट से तैयार हो गई। हालांकि इससे पहले ही मैंने सास को इस बारे में बता दिया था तो वो तैयार हो चुकी थी आने के लिए। रवि खाना वगैरह बनाना जानता था तो सास के आने में कोई समस्या नहीं थी। फिर मेरे पापा मम्मी जाने वाले थे उससे एक दिन पहले मैं सास को लाने चला गया। सास को लाने गया तब घर पर ससुर भी थे जिस कारण हम घर पर तो ज्यादा मजे नहीं कर पाए। लेकिन फिर जब कार में बैठ कर हम वापिस आने लगे तो सास ने तो कार में बैठते ही मेरा लण्ड बाहर निकालकर सहलाने लगी। फिर मैं कार एक सुनसान सी जगह पर ले गया और फिर हम दोनों लिप किस करने लगे। फिर हम दोनों कार से बाहर निकले और नंगे हो गए। फिर मैंने सास को कार के बोर्नेट पर बैठा लिया और उनकी चुत में आधा लण्ड डाल दिया। फिर मैंने उनके पूरे बदन को चूमा और सहलाया। फिर मैं उनकी चुत चाटने लगा तो वो काफी गर्म हो गई और फिर वो झड़ गई। फिर वो मेरा लण्ड चुसने लगी तो फिर मैं भी झड़ गया। झड़ने के बाद भी लण्ड कुछ देर खड़ा रहता है तो तब मैंने पूरा का पूरा लण्ड सास की चुत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा जब तक कि मेरा लण्ड ढीला नहीं पड़ गया। फिर हम इधर उधर घूमने लगे। सास को भी ऐसे खुलेआम नंगी घूमने में काफी मजा आ रहा था। वहां हम काफी देर तक रहे और मस्ती करते रहे। फिर मैंने और सास ने एक बार और मस्ती की फिर हम वहां से घर चले गए। फिर घर जाकर सास मम्मी से और उमा से मिली। मेरी मम्मी और सास ने बैठकर काफी बातें की। फिर सास तो जाते ही किचन में जाकर काम करने लगी और सबके लिए चाय वगैरह बनाई और शाम को खाना भी बनाया। मम्मी ने सास को काफी रोका पर वो नहीं मानी।
फिर रात को सब काम वगैरह करने के बाद सास और उमा तो कमरे में चले गए और फिर मैं भी कमरे में चला गया। उमा प्रेग्नेंट थी तो इस कारण कभी भी मेरी जरूरत पड़ सकती थी तो इस कारण मैंने रात को कमरे में ही सोने का प्लान बनाया। फिर मैं, सास और उमा तीनो नंगे हो गए और फिर सास पूरे कमरे को देखने लगी। शादी के बाद वो पहली बार ही हमारे घर आई थी। फिर हम तीनों बैठकर बातें करने लगे। साथ मे मैं सास की चुत में उँगली करने लगा तो वो गर्म हो गई। फिर मैंने उमा को तो साइड में रखे सोफे पर लेटा दिया और फिर बेड पर मैं और सास ही रह गए। फिर सास और मैं घुटनो के बल खड़े हो गए और फिर सास मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी और साथ मे लिप किस करने लगी। फिर मैंने भी सास के बदन को खूब सहलाया। जिससे कि वो और ज्यादा गर्म हो गई। फिर हम लेट गए और जब मैं उनकी चुत पर लण्ड रगड़ने लगा तो फिर उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ से पकड़ लिया और फिर चुत में अंदर डाल लिया। जब मैंने सास की तरफ देखा तो उन्होंने हां में सिर हिलाया और फिर चुदाई की इजाजत दे दी तो फिर मैं कस कसकर धक्के लगाने लगा। जिससे कि पूरा बेड ही हिलने लगा। आज मैं सास की पहली बार चुदाई कर रहा था तो मैं कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता था। फिर मैंने सास के दोनो पैर अपने कंधों लर रखकर सास की चुत में धक्के लगाने लगा तो मेरा लण्ड उनकी बच्चेदानी से टकराने लगा। फिर वो भी कहने लगी के और जोर से। फिर तो मैं पूरा दम लगाकर उनकी चुदाई करने लगा। फिर मैंने सास को घोड़ी बना लिया और जब मैं पीछे से धक्का लगाता तो उनकी आह की आवाज निकलती। फच फच की आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था। मेरे हर एक झटके से उनका पूरा शरीर हील रहा था। फिर जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मेरे गर्म गर्म पानी को अंदर महसूस करके उनकी आंखें बंद हो गई। फिर जब उन्होंने आंखें खोली तो फिर वो मुस्कुराने लगी और मेरे गले से लग गई। फिर वो मुझसे लिपट गई। फिर वो बोली के आज तो मजा ही आ गया। मैं आज तक ऐसे कभी नहीं चुदी। फिर सास बोली के तुमने पानी अंदर ही छोड़ दिया कहीं बच्चा हो गया तो फिर मैंने सास से कहा के मैं आपको टेबलेट दे दूंगा जिससे बच्चा नहीं ठहरेगा। फिर ऐसी धमाकेदार चुदाई के बाद मैं उमा को वापिस बेड पर लाकर लेटा दिया। फिर सास उमा से काफी हंस हँसकर बातें करने लगी। फिर मुझे तो नींद आ गई और उस रात फिर सास ही उमा को पेशाब वगैरह करवाकर लाई।
फिर अगले दिन सुबह मैं और सास जल्दी उठ गए तो फिर मैं सास को लेकर बाथरूम में चला गया। फिर मैंने वहां शावर चालू कर दिया और फिर साथ मे मैं सास की चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद सास तो कपड़े पहनकर नीचे चली गई और फिर मैं नंगा ही जाकर उमा के पास लेट गया। फिर उमा जाग गई तो फिर हम हमारे बच्चे के बारे में बातें करने लगे। फिर थोड़ी देर बाद सास हमारे लिए चाय लेकर आई तो फिर हम सब चाय पीने लगे। फिर मैंने सास को गर्भनिरोधक टेबलेट दे दी। फिर कपड़े पहनकर हम सब निचे चले गए और फिर पापा और मम्मी तैयार होकर चले गए। फिर उनके जाने के बाद हम तीनों नंगे हो गए। फिर सास ने उमा को फ्रूट वगैरह काटकर दिए तो वो तो सोफे पर बैठकर फ्रूट खाने लगी और फिर मैं सास को पूरा घर घुमाने लगा। सास को घर काफी पसंद आया। फिर उमा को घूमने जाना था तो फिर हम तीनों नंगे ही घर की साइड वाली गली में चले गए और फिर वहां उमा घूमने लगी और तब सास को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था तो फिर सास मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर वहां पास ही हमारा एक और प्लॉट था जो कि खाली ही पड़ा था और वहां चारदीवारी की हुई थी तो फिर सास और मैं वहां चले गए। हम अपने साथ उमा को नहीं ले गए क्योंकि वहां उबड़ खाबड़ जगह थी। फिर वहां जाने के बाद सास घूम घूम कर सब देखने लगी।
फिर घूमते घूमते मैं सास की गाँड की दरार में हाथ डालकर सास की गाँड में उंगली कर रहा था और सास मेरा लण्ड सहला रही थी। फिर वहां एक पेड़ था तो फिर मैं और सास उसके नीचे बैठ गया। तब मैंने सास को अपनी गोद मे बैठा लिया। फिर मैंने सास से कहा के वो मेरी बीवी बनकर रहे। फिर ये सुनकर सास हँसकर बोली के सिर्फ एक बार चुदाई करने से मैं तुम्हारी बीवी बन जाऊंगी क्या। तुम्हारी माँ हूँ तो माँ ही रहूंगी। फिर सास ने मुझे धक्का देकर लेटा लिया और फिर वो मेरा लण्ड चुत में लेकर उछलने लगी। फिर मैं भी नीचे से धक्के लगाने लगा। फिर तब भी मैं सास की चुत में ही झड़ गया। फिर चुदाई के बाद हम लिप किस करने लगे और फिर सास बोली के वैसे तो हम मां बेटे है और हमारे बीच कुछ छुपा नहीं है। दरअसल मैं भी सोचती थी के मेरा पति तुम्हारे जैसा कोई जवान लड़का हो। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर सास बोली के मैं तुम्हारी माँ हूँ तो मैं तुम्हारी सब इच्छा पूरी करूंगी। फिर मैं बोला के मेरे मन में भी आपके लिए हमेशा एक मां जैसी ही इज्जत रहेगी चाहे आप मेरी बीवी ही क्यों न बन जाओ। फिर ये सुनकर सास बोली के रात मुझे रंडियों की तरह चोद रहे थे तब इज्जत कहाँ थी। ये सुनकर फिर हम दोनों हंसने लगे। फिर मैं बोला के जब तक औरत की रंडी की तरह चुदाई न कि जाए तब तक उसे मजा नहीं आता है। ये सुनकर सास मुस्कुराने लगी। फिर हम दोनों उठकर वापिस घर जाने लगे तो देखा के उमा गली में नहीं थी। शायद वो अंदर चली गई थी। फिर जब हम घर के अंदर गए तो देखा के वो सोफे पर लेटी थी। फिर सास ने खाना बनाया और फिर हम खाना खाकर कमरे में बेड पर लेट गए। तब मैं उन दोनों के बीच लेटा था और वो दोनो ही मेरा लण्ड सहला रही थी। फिर सास ने उमा से कहा के ये मुझे तुम्हारी सौतन बना रहा है। फिर उमा बोली के तो बन जाओ। फिलहाल मैं तो चुदाई नहीं कर सकती हूँ। फिर उमा के मुंह से ये सुनकर सास और मैं काफी खुश हुए।
फिर उस दिन शाम को मैंने और सास ने सुहागरात का प्लान बनाया। मैं सास के साथ बहुत जबरदस्त तरीके से सुहागरात मनाना चाहता था। फिर मैं मार्केट गया और फूल वगैरह लिए कमरे को सजाने के लिए, वियाग्रा की टेबलेट भी ली ताकि मेरी परफॉर्मंस में कोई कमी ना आये और साथ मे सास को गिफ्ट करने के लिए एक प्यारी सी सोने की चेन ली और नोज रिंग ली। फिर ये सब लेकर मैं घर आ गया। फिर मैंने और सास ने एक कमरा फुलों से सजाया। फिर सास बोली के मैं पहनुगी क्या। तो फिर मैंने सास को पहनने के लिए मम्मी की शादी वाली ड्रेस दी। हालांकि वो ड्रेस थोड़ी छोटी थी पर सास ने पहनकर देखी तो वो फिट आ गई थी और वैसे भी पहननी ही कितनी देर थी।
फिर उमा ने फेरे वगैरह लेने का आईडिया दिया तो फिर मैं बोला के तो फिर एक पंडित भी बुला लेते है ताकि सब कुछ सच लगे। फिर सास बोली के पंडित कौन होगा अगर उसने किसी को कुछ बता दिया तो फिर मैं बोला के वो सच मे कोई पंडित नहीं होगा। दरअसल अपने घर पर काम करने वाला एक नौकर है, उसे दारू पिलाकर चाहे कुछ भी बना दो। फिर ये सुनकर सास बोली के फिर ठीक है। फिर इस शादी के लिए हम तीनों काफी उत्सुक थे। फिर उमा ने अपनी मम्मी से कहा के इस शादी पर आप अपने सभी चाव पूरे कर लेना। फिर ये सुनकर सास मुस्कुराने लगी। फिर मैं तो बाहर के काम देखने लगा और सास और उमा घर के अंदर तैयारी करने लगी। फिर मैंने हमारे उस नौकर को बुला लिया और उसे एक पव्वा दारू पिला दी और उसे सिर्फ अंडरवियर में ही कर दिया और फिर मैंने उसे थोड़ी पंडित की तरह एक्टिंग करने के लिए कहा तो एक दम तैयार हो गया। फिर घर के पीछे मैंने एक जगह शादी का मंडप तैयार कर लिया और बीच मे आग जला दी।
फिर ये सब तैयारियां करके जब मैं अंदर गया तो देखा के उमा सास को तैयार कर रही थी। उमा में सास को एक दूसरी ड्रेस पहना दी थी ताकि वो मॉडर्न लग सके। फिर मैंने उमा से कहकर सास के आधे से ज्यादा बोबो को दिखाने के लिए कहा तो उमा ने फिर वैसे ही सास को तैयार कर दिया। सास ने तब नीचे तो उमा का लाल रंग का लहंगा और ऊपर एक ब्रा पहनाई और सिर पर एक ओढ़नी ओढ़ा दी और फिर सास को सारे घर की ज्वेलरी पहना दी। जिसमे उमा की खुद की और मेरी मम्मी की जो भी ज्वेलरी घर पर पड़ी थी वो सब पहना दी थी। सास तब काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मैं तैयार होने लगा और मैंने सिर्फ एक धोती बांध ली। मैंने अंडरवियर भी नहीं पहना था। फिर जब मैं तैयार होकर उमा और सास के सामने गया तो उन्होंने मुझे सेक्सी कहा। फिर उमा ने कहा के आप जाकर बैठो और मैं फिर मम्मी को लेकर आ जाऊंगी। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर मैं ऐसे ही बाहर चला गया और फिर जाकर मंडप पर बैठ गया। तब वो नौकर नशे में ऐसे ही मंत्र वगैरह पढ़ रहा था। फिर जब उमा सास को लेकर आई तो सास की दूध की फैक्ट्री देख कर तो उस नौकर का भी नशा उतर गया। फिर हमने एक दूसरे को माला पहनाई और फिर हम बैठ गए। फिर नौकर ने ऐसे ही आलतू फालतू मंत्र पढ़े और फिर हमने खड़े होकर फेरे लिए। फिर उमा ने मुझे सिंदूर और मंगलसूत्र दिया तो फिर मैंने सास की मांग भर दी और फिर सास के गले मे मंगलसूत्र पहना दिया। फिर झुक कर मेरे पैर छूने लगी तो फिर मैंने सास को रोक लिया और फिर उन्हें अपने गले से लगा लिया। फिर शादी होने के बाद मैंने नौकर को एक दारू की बोतल दी और फिर उसे भगा दिया।
फिर हम घर के अंदर आ गए और फिर सास ने हमें खाना परोसा और फिर हम सबने साथ बैठकर ही खाना खाया। फिर खाना खाने के बाद मैंने वियाग्रा की डबल डोज ले ली। फिर उमा सास को लेकर कमरे में चली गई और फिर कुछ देर बाद जब कमरे में गया तो देखा के सास फूलों से सजे बेड पर बैठी थी। तब उमा भी वहीं बैठी थी तो फिर मुझे देखकर वो उठकर खड़ी हो गई और फिर मेरे पास आकर बोली के बधाई हो। फिर मैंने उसे थैंक यू कहा। फिर उमा कमरे से बाहर चली गई और फिर कमरे को बंद कर दिया। फिर मैं सास के पास गया और फिर सास के घूंघट को उठाया तो सास शर्माने का नाटक करने लगी। फिर वो मेरे लिए दूध लेकर आई और फिर अपने हाथों से मुझे दूध पिलाने लगी। फिर मैं भी सास को दूध पिलाने लगा। इस तरह हम दोनों ने मिलकर दूध खत्म किया। फिर मैंने सास के लिए जो गिफ्ट लाया था वो गिफ्ट दिए। जिन्हें देखकर सास काफी खुश हुई। वैसे तो सास का नाम संतोष था जो की काफी पुराना नाम था तो फिर मैंने सास का नया नाम सोना रखा। सास थी भी सोने जैसी। फिर मैं सास को सोना कहकर पुकारने लगा। ये नाम सास को भी काफी पसंद आया।
फिर मैंने धीरे धीरे सास की सब ज्वेलरी निकाली और फिर सास के सब कपड़े निकाल कर सास को नंगी कर दिया। फिर मैं भी नंगा हो गया तो फिर सास मेरे खड़े लण्ड को देखकर मुस्कुराने लगी। वो साथ मे शर्मा भी रही थी और ऐसे एक्टिंग कर रही थी के जैसे वो पहली बार चुदाई करने जा रही हो। ये देखकर मैं काफी ज्यादा गर्म हो गया। फिर मैं सोना को लिटाकर उसके पूरे बदन को चूमने लगा। जिससे कि सास भी काफी गर्म हो गई। फिर मैं धीरे धीरे मजे लेकर सास की चुत में लण्ड डालकर चुदाई करने लगा। तब हम दोनों का पहला राउंड था तो फिर हम झड़ गए। लेकिन झड़ने के बाद भी मेरा लण्ड ज्यादा ढीला नहीं हुआ था। फिर मैंने सोना से अपना लण्ड चुसवाया तो लण्ड खड़ा हो गया। फिर इस बार मैं सोना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा और साथ मे सोना की गाँड पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा। जिससे सास को भी दुगुना मजा आने लगा। फिर मैंने चुदाई थोड़ी और खतरनाक कर दी। फिर मैं सास के बोबो पर थप्पड़ मारने लगा। उधर मेरा लण्ड तो बैठने के नाम ही नहीं ले रहा था तो मैं तो लगातार सोना की चुदाई किये जा रहा था।
फिर कई राउंड के बाद सोना बोली के मैं थक गई हूं। तब मैंने सोना के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा और फिर कहा के जब तक तुम मुझे दिल से अपना पति नहीं मान लेती और जब तक मेरा लण्ड बैठ नहीं जाता तब तक मैं तुम्हारी चुदाई करता रहूंगा। फिर मैं फिर से सोना की चुदाई करने लगा। फिर सोना बिल्कुल थक गई तो फिर वो मुझसे बोली के मैं आपको दिल से अपना पति मानती हूँ। आज मैं थक गई हूं आप मुझे कल चोद लेना। अब मुझे आराम कर लेने दो। फिर मैंने मेरे खड़े लण्ड की तरफ इशारा किया तो फिर सोना मेरा खड़ा लण्ड देखकर थोड़ी घबरा गई। फिर मैं सोना की फिर से चुदाई करने लगा तो फिर सोना लगभग रोते हुए बोली के आप चाहे मेरी गाँड मार लीजिए लेकिन मुझे छोड़ दीजिए। फिर मैंने सोना से कहा के तुम्हारी गाँड तो मैं तुम्हारे पति से आजाद होने के बाद मारूंगा। फिर ये सुनकर सोना मेरे गले लगकर बोली के अब मैं और नहीं चुदवा सकती। अगर और चुदवाउंगी तो मर जाऊंगी। फिर मैंने सोना एक सिर के बालों को पकड़ते हुए बोला के अगर तुम मुझे दिल से अपना पति मानती हो तो तुम जरूर चुदवाओगी। फिर मैं लेट गया और फिर सोना को मैंने अपने लंड पर बैठा लिया और फिर वो ऊपर नीचे होने लगी। लेकिन काफी थकी हुई होने के कारण वो बस कुछ देर ऊपर नीचे हुई और फिर मेरी छाती पर सर रखकर लेट गई।
लेकिन तब मैंने झड़ने वाला था तो फिर मैं नीचे से धक्के मारता रहा और फिर झड़ गया। तब सोना तो सो चुकी थी और फिर मैं भी सो गया। हमने उस रात लगातार काफी देर तक चुदाई की थी। फिर सुबह मुझे जाग आई तो देखा के सोना मेरी साइड में लेटी हुई थी और अपना हाथ मेरी छाती पर रख रखा था। फिर मैं सोना के चेहरे को सहलाने लगा तो सोना मुझे देखने लगी। मुझे थोड़ा डर भी लगा रहा था के रात मैंने सोना को रंडियों की तरफ चोदा था तो पता नहीं अब वो मुझे क्या कहेगी। पर सोना ने कुछ नहीं कहा। अब सोना की आँखों में मुझे पति पत्नी वाला प्यार दिखाई दे रहा था। फिर मैं और सोना बाथरूम गए और फिर पेशाब वगैरह किया और फिर हम दोनों शॉवर के नीचे खड़े होकर नहाने लगे तो सोना मुझसे चिपक कर खड़ी हो गई और फिर मेरे बदन को चूमने लगी। फिर मैं भी सोना के बदन को सहलाने लगा के फिर मैं शॉवर के नीचे खड़े खड़े ही सोना की चुदाई करने लगा। फिर मैं सोना की चुत में ही झड़ गया। तब सोना काफी खुश लग रही थी। फिर हम दोनों बाथरूम से बाहर आए तो सोना ने एक लाल रंग की शॉर्ट ड्रेस पहन ली और फिर अपनी मांग भरी और गले में मंगलसूत्र तो था ही और हाथों में लाल रंग के चुड़े पहन लिए। जिससे सोना काफी सेक्सी लग रही थी।
फिर हम दोनों एक दूसरे की कमर मे हाथ डालकर कमरे से बाहर निकले तो तब उमा वहीं सोफ़े पर ही बैठी थी। फिर हम तीनों एक दूसरे से तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर उमा ने सोना से कहा के रात को खूब मजे किए लगते है। ये सुनकर सोना मुस्कुराने लगी और फिर वो चाय बनाने चली गई। फिर मैं और उमा बातें करने लगे। फिर मैंने उमा से कहा के जब तक मैं जिंदा हूँ तब तक सोना किसी दूसरे मर्द की तरफ देखेगी भी नहीं। फिर उमा बोली के सोना कौन। फिर मैंने उसे कहा के तुम्हारी मम्मी का मैंने नया नाम सोना रखा है। फिर ये सुनकर उमा हँसकर बोली के अच्छा नाम है। फिर जब सोना चाय लेकर आई तो फिर उमा ने भी अपनी मम्मी को इस नाम से पुकारा तो ये सुनकर सोना मुस्कुराने लगी। फिर चाय वगैरह पीकर उमा तो बाहर घूमने चली गई और फिर मैं सोना के साथ किचन में रोमांस करने लगा। फिर मैं सास को सेल्फ पर लेटाकर सोना की चुत मारने लगा। सोना ने रात की चुदाई के बारे में बिल्कुल भी जिक्र नहीं किया। तब मैं समझ गया था के अगर औरत को दबा कर चोदा जाए तो वो औरत चाहे कोई भी हो, फिर उसकी नजरों में आपके प्रति इज्जत बढ़ जाती है। फिर किचन में हमने काफी देर चुदाई की। फिर हम दोनों नंगे होकर सोफ़े पर चुदाई करने लगे। तब मैं सोना को घोड़ी बनाकर पीछे से चुत मार रहा था। तब सोना काफी जोर से सिसकारियाँ ले रही थी। तभी वहाँ उमा आ गई तो वो हमें देखने लगी। लेकिन तब मेरी और सोना की आँखें बंद थी। फिर जब मैंने झड़ा तो सोना आह आह.... की आवाजें निकालने लगी।
फिर झड़ने के बाद सोना उठी और फिर हम दोनों लिप किस करने लगे। तब सोना ने मुझसे कहा के अपने घरवालों से कहकर मुझे भी अपने साथ अपनी बनाकर रख लो। फिर मैं सोना के चेहरे पर हाथ फेरते हुए कहा के तो फिर ससुर जी का क्या होगा। फिर सोना ने कहा के मैं उनसे तलाक ले लूँगी। फिर मैंने कहा के रवि और उमा का क्या होगा। फिर सोना ने कहा के उमा तो कुछ नहीं कहेगी और रवि को मैं समझा दूँगी। जब हम ये बाते कर रहे थे तो तब उमा हंसने लगी और तब हमारा ध्यान उमा की तरफ गया। फिर उमा कहने लगी के अच्छा मम्मी आप तो सच में मेरी सौतन बन गई हो। फिर ये सुनकर सोना मुस्कुराने लगी। फिर उमा ने अपनी मम्मी से पूछा के रात-रात में ही ऐसा क्या हो गया जो की आप ऐसा बोल रही हो। फिर सोना बोली के बस मत पूछो। फिर सोना ने उमा से भी कहा के वो भी सोना को सोना ही बुलाए। यानि मम्मी वगैरह नहीं कहे। फिर उमा को भी ये आइडिया अच्छा लगा तो फिर वो भी अपनी मम्मी को सोना ही कहने लगी। तब संयोग से उमा को बच्चा होने वाला था तो उमा काफी मोटी हो गई थी और सोना का बदन भी भरा हुआ था। तब वो दोनों माँ बेटी कम और बहने ज्यादा लग रही थी। उम दोनों की शक्ल भी लगभग एक समान ही थी।
फिर सोना जब तक यहाँ रही तो मैंने उसे दबाकर चोदा और साथ में उसे टेबलेट वगैरह भी देता रहा ताकि उसे बच्चा वगैरह ना ठहर ना जाएं। कुछ दिनों बाद जब मेरे मम्मी पापा आ गए तो तब भी सोना कुछ दिन तक हमारे घर पर ही रही और फिर मैं सोना को छोड़ने चला गया। फिर छोड़कर आने से पहले भी मैंने सोना को खूब चोदा। फिर जब हम घर गए तो तब घर पर सिर्फ रवि ही था। फिर रवि से हमने ससुर के बारे में पूछा तो उसने कहा के वो शाम तक ही आएंगे। तो फिर हम दोनों नंगे हो गए और फिर रवि भी नंगा हो गया। रवि तो तब अपने फोन मे गेम खेलने में मस्त हो गया और फिर उसके समाने सोना ने मेरा लंड चूसा और फिर मैंने सोना की खूब चुदाई भी की। फिर शाम तक हमने काफी बार चुदाई की। फिर ससुर के आने से पहले मैं वापिस आ गया। मेरे आने के बाद फिर सोना घर पर नंगी ही रही और जब ससुर घर पर आए तो वो सोना को नंगी देखकर रवि के बारे में पूछा तो सोना ने ऐसे ही कह दिया के वो बाहर गया है। पर वो तो अंदर गेम खेल रहा था। फिर सोना ऐसे ही नंगी काम करती रही। ससुर शाम को दारू वगैरह पीते थे तो फिर वो तो पीने बैठ गए। पीने के बाद उन्हे कुछ होश नहीं रहा तो फिर वो खाना खाकर सो गए। फिर सोना भी उनके पास नंगी ही लेट गई। फिर उसने रात को मेरे पास फोन किया और फिर मुझे याद करके अपनी चुत में उंगली करने लगी। तब मुझे भी यकीन नहीं हुआ के सोना मेरे प्यार में इतनी पागल हो चुकी है। फिर मैंने सोना से कहा के वो ससुर से पहले की तरह ही खूब चुदवाएँ और मजे करें। लेकिन तब तो ससुर आराम से सोये थे। फिर मुझसे बात करके सोना भी सो गई।
अगले दिन सुबह सोना नंगी ही घर के काम करने लग गई। जब ससुर ने सोना को नंगी देखा तो फिर वो सोना को लेकर कमरे में ले गए और फिर वो चुदाई करने लगे। हालांकि तब रवि आँगन में सोया था। फिर सोना की चुदाई करके ससुर खेत चले गए और फिर रवि उठा और फिर वो भी कॉलेज चला गया। फिर दिन मे भी मैंने और सोना ने काफी बातें की और अपने अपने लंड और चुत हिलाए। फिर जब शाम को ससुर घर आए तो तब रवि आँगन में ही था और सोना नंगी ही घूम रही थी। ये देखकर ससुर को अजीब लगा तो फिर सोना ने उनसे कह दिया के वो अभी बच्चा है। उसे क्या पता है। इस तरह कहकर सोना ने बात टाल दी। फिर उस रात सोना ने ससुर से चुदाई की। फिर सुबह खेत जाने से पहले जब रवि उठ चुका था इसके बावजूद भी ससुर ने सोना को कमरे मे ले जाकर चोदा। अब ससुर भी रवि से ज्यादा शर्म नहीं करते और सोना तो बेफिक्र होकर अब रवि और ससुर के सामने नंगी घूमती रहती। इस सबमें सोना को भी मजा आने लगा था तो फिर वो मुझे सब कुछ बताती। सोना के थोड़ा मोटापा था तो फिर मैंने सोना से खाना वगैरह कम करके कसरत करने के लिए कहा तो फिर सोना ने ऐसा ही किया। फिर मैंने भी कसरत करने के लिए कुछ सामान वगैरह सोना के पास पहुँचा दिया। फिर सोना रोज कसरत करने लगी। एक बार जब सुबह ससुर सोना की चुदाई करने के लिए अंदर आए तो तब आँगन मे रवि नंगा ही लेटा था तो उसे नंगा देखकर ससुर ने कुछ नहीं कहा।
फिर सोना जब रवि सोया होता तो ससुर से आँगन मे ही चुदवा लेती। सोना अब हर दिन नंगी ही रहने लगी थी। रवि सोया होता तब तक ससुर खेत मे चले जाते और फिर शाम को जब खेत से आते तो रवि अंदर कमरे में होता या कहीं बाहर गया होता तो सोना फिर ससुर के सामने नंगी रह लेती। किसी दिन जब ससुर घर पर होते तो तब भी सोना किसी तरह उन दोनों बाप बेटों से बचकर नंगी रह लेती। पर ये ज्यादा दिन नहीं चलने वाला था। एक न दिन तो ससुर और रवि को भी एक दूसरे के सामने नंगा आना ही था और सोना को भी एक साथ उनके सामने नंगी रहना था। हालांकि सोना ने ससुर को रवि के लिए बोल दिया था के रवि अभी छोटा ही है तो क्या फर्क पड़ता है और इसी तरह रवि भी अपने पापा को नंगा देखा चुका था। अब तो बस उन दोनों के नंगे होकर एक दूसरे के सामने आने की देर थी। फिर एक दिन ये भी हो गया। एक दिन सुबह सुबह ससुर नंगे ही आंगन में आ गए और फिर सोना की चुदाई करने लगे।
तब रवि आंगन में चारपाई पर नंगा ही लेटा था। तब सोना अपना एक पैर चारपाई पर रखकर थोड़ा झुक कर खड़ी थी और ससुर चुदाई कर रहे थे। तभी रवि जाग गया तो फिर उसने अपने मम्मी पापा को चुदाई करते देखा तो वो कुछ देर तो देखता रहा और फिर वो खड़ा होकर पेशाब करने चला गया। तब रवि को देखकर ससुर सोना से अलग हो गए और तब उनका लंड खड़ा था। फिर रवि के जाने के बाद सोना और ससुर कमरे में जाकर करने लगे और फिर चुदाई के बाद ससुर ने नंगे ही बाहर वाले कमरे में जाने लगे और तब रवि आंगन में ही बैठकर चाय पी रहा था। फिर ससुर तो खेत मे चले गए और फिर रवि भी कॉलेज में चला गया। रवि को तो अपने मम्मी पापा को नंगे देखकर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा था। उधर फिर शाम को जब ससुर घर पर आए तो सोना ने ससुर से कहा के आप भी अपने बेटे से क्या शर्माते हो। आप भी नंगे रहो। साथ में गर्मी भी आ रही है। फिर सोना के कहने पर ससुर उस दिन नहाने के बाद नंगे ही बाथरूम से निकले तो ससुर को नंगा देखकर रवि ने ज्यादा कुछ रिएक्शन नहीं दिया। फिर ये देखकर ससुर खुश हुए और फिर वो जाकर दारू पीने लगे।
फिर सोना उनके लिए खाना वगैरह लेकर गई। फिर खाना खाने के बाद सोना ससुर के ऊपर आकर चुदने लगी। फिर चुदाई के बाद वो नंगे ही सो गए। फिर अगले दिन ससुर खेत जाने के लिए थोड़ा लेट हो गए और तब तक रवि भी उठ चुका था। लेकिन फिर भी सोना ससुर से खुलेआम आंगन में ही चुदवाने लगी। तब रवि गेम खेल रहा था तो उसका ध्यान पूरा गेम में ही था। फिर चुदाई के बाद ससुर तो खेत चले गए और फिर सोना ने भी रवि को कॉलेज भेज दिया। इस तरह ससुर अब थोड़ा खुल गए थे। फिर उस दिन शाम को खेत से आने के बाद ससुर नंगे ही अपना लण्ड हिलाते हुए घूमने लगे। फिर रात को खाना वगैरह खाने के बाद सोना ससुर के लण्ड पर बैठकर चुदने लगी। लेकिन तभी वहाँ रवि आ गया और उसने कहा के मेरा पंखा खराब हो गया है तो मैं यहां सो जाऊं तो फिर फिर सोना ने उसे अपनी चारपाई पर सोने के लिए कहा। फिर रवि वहां चारपाई पर लेट गया और फिर सोना फिर से ससुर के लण्ड पर उछलने लगी। फिर जब वो झड़ गए तो फिर सोना ससुर के लण्ड से नीचे उतरी और फिर कंडोम निकालकर वहीं पास में ही रख दिया और फिर खुद नंगी ही रवि के साथ जाकर लेट गई।
फिर रवि भी सोना से चिपक कर लेट गया। फिर सुबह जब चाय लेकर आई तो उसने उन दोनों बाप बेटों को साथ मे ही उठा दिया। फिर वो दोनो उठे तो तब उन दोनों के ही लण्ड खड़े थे। फिर वो तीनो चाय पीने लगे। फिर सोना हंसी मजाक करने लगी और फिर वो उन दोनों को अपने बोबे चुसवाने लगी। फिर ससुर गर्म हो गए तो फिर उन्होंने सोना को वहीं घोड़ी बनाकर चुदाई करने लगे। फिर झड़ने के बाद सोना और ससुर साथ मे ही लेट गये और फिर सोना ने ससुर के लण्ड से कंडोम निकालकर अब वाला और रात वाला दोनो कॉन्डम रवि से टॉयलेट में डालकर आने के लिए कहा। फिर रवि ने वैसा ही किया। फिर उस दिन के बाद वो तीनो साथ मे ही सोने लगे। सोना अब अपने बदन का काफी ख्याल रखने लगी थी और आंगन में ही नंगी होकर कसरत करती। जिससे सोना पसीने से भीग जाती। कई बार जब ससुर घर और ही रहते तो तब वो तीनो सब काम साथ मे ही करते। वो तीनो साथ मे ही रहते और वो ससुर और रवि से अपने बदन को खूब मसलवाती। रवि अपने पापा के सामने ही अपनी मम्मी के बदन को खूब मसलता। फिर जब वो तीनो साथ मे लेटे रहते तब भी रवि सोना की चुत सहलाता रहता। लेकिन इन सबसे ससुर को कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था।
लेकिन फिर जब ससुर सोना कि चुदाई करते तो रवि सोना के बोबो को चुसने लग जाता। फिर सोना रवि से अपनी चुत भी चटवाने लगी। चुत चटवाने के बाद जब सोना गर्म हो जाती तो फिर ससुर सोना की चुदाई करते। सोना ससुर के सामने ही रवि से अपने पैर ऊंचे करके अपनी चुत चटवाती और काफी मजे करती। एक दिन जब ससुर और रवि सोए थे और सोना उनके बीच मे लेटी थी तो फिर सोना ने मुझे अपनी सेल्फी लेकर भेजी। वो सेल्फी देखकर मैं काफी गर्म हो गया था। इस तरह अब सोना के मजे ही मजे थे। फिर सोना जब रवि और ससुर के साथ लेटी होती तो वो उन दोनों के लण्ड पकड़कर सहलाने लग जाती। अब जब कुछ खुल्लम खुल्ला होने लगा था तो ससुर अपना लण्ड हिलाते हुए सोना के पास मंडराते रहते और फिर सोना ससुर का लण्ड चूस लेती या उनसे चुदवा लेती। सोना अब खुले आम घोड़ी बनकर ससुर से चुदवा लेती थी। अपने पापा को लण्ड हिलाते देख रवि भी अपना लण्ड हिलाने लग जाता। सोना खुद भी ससुर के सामने अपने जवान बेटे का लण्ड पकड़कर हिलाने लग जाती। कई बार तो ऐसा होता के उधर सोना ससुर से चुदवा रही होती और इधर रवि का लण्ड हिला रही होती। जब रवि झड़ता तो उसके लण्ड का पानी सोना के मुंह पर पड़ता तो सोना उसे चाट लेती और मौका मिलने पर सोना उसके लण्ड को चाटकर साफ भी कर देती।
फिर रवि सोना के ऊपर चढ़कर सोना के बोबो को चुसने लगता और अपना लण्ड सोना की चुत पर मसलता रहता। रवि अपने पापा के सामने भी ऐसे ही करता। एक बार जब रवि सोना के ऊपर था तो सोना ने रवि का लण्ड पकड़कर अपनी चुत में डाल लिया और जब रवि सोना से अलग होने लगा तो उसने जब अपना लण्ड अपनी मम्मी की चुत में देखा तो फिर सोना हँसने लगी। तब रवि का आधा लण्ड सोना की चुत में था। फिर सोना ने अपने हाथ से उसका खड़ा लण्ड अपनी चुत से बाहर निकाला और अपने हाथ से सहलाने लगी। फिर रवि जब साइड में आकर बैठ गया तब भी सोना उसका लण्ड सहलाती रही। फिर उधर ससुर सोना के ऊपर उसकी चुदाई करने लगे। फिर जब ससुर झड़ने वाले हुए तो वो कंडोम पहनने लगे तो फिर एक कंडोम लेकर सोना ने रवि को दे दिया तो फिर रवि ने भी कंडोम पहन लिया। फिर इसके बाद ससुर सोना की फिर से चुदाई करने लगे और सोना भी रवि का लण्ड जोर जोर से हिलाने लगी। फिर वो तीनि साथ मे ही झड़े। झड़ने के बाद ससुर और रवि सीधे होकर लेट गए तो फिर सोना ने उन दोनों के लण्ड से कंडोम निकालकर साइड में रख दिये। फिर वो तीनो चिपक कर लेट गए। अब सब कुछ सोना के हाथ मे था तो वो काफी खुश थी। सोना उन दोनों बाप बेटों के साथ अपनी नंगी फ़ोटो मुझे भेजती। जिन्हें देखकर मैं भी काफी गर्म हो जाता। फिर मैं भी उमा की गाँड मारकर शांत हो जाता और कभी कभी तो चुत में भी कर लेता। अभी उमा का लास्ट महीना चल रहा था तो मेरी मम्मी उमा का काफी ध्यान रखती थी। मुझे अब एक मस्त सी चुदाई की सख्त जरूरत थी।
फिर इसके बारे में मैंने सोना से कहा के वो बोली के घर पर आ जाओ। फिर मैं बोला के ऐसे घर पर आऊंगा तो ससुर को पता चल जाएगा। फिर वो बोली के घर के पीछे से चुपके से आ जाना। फिर हम रवि को समझा देंगे तो फिर वो किसी से कुछ नहीं कहेगा। फिर मौका देखकर हम मस्ती कर लेंगे। फिर मैंने ऐसा ही किया। ससुर के खेत और रवि के कॉलेज जाने के बाद मैं घर चला गया और फिर मैंने और सोना ने शाम तक जमकर चुदाई की। सोना का बदन अब काफी सेक्सी हो गया था कसरत वगैरह करने से। फिर जब रवि कॉलेज से आ गया तो सोना ने उससे कहा के वो मेरे बारे में ससुर को ना बताए। फिर वो मान गया तो फिर उसके सामने भी मैंने सोना की चुदाई की। फिर शाम को जब ससुर घर पर आए तो मैं तो कमरे के अंदर छुप गया और फिर उन तीनों को देखने लगा। ससुर खेत से आते ही नंगे हो गए और फिर आंगन में सरेआम ही वो सोना को चोदने लगे। फिर रवि भी अपने पापा के सामने ही अपनी मम्मी की गाँड सहलाने लगा और फिर बोबो को चुसने लगा। ये सब नजारा देखकर तो मैं काफी गर्म हो गया। तब अंधेरा हो चुका था और तब लाइट भी नहीं थी तो फिर सोना ने खाना बनाया और उधर ससुर दारू पीने लगे। फिर सोना ने ससुर को तो वहीं खाना दे दिया और मैं और रवि आंगन में बैठकर खाना खाने लगे। फिर खाना खाने के बाद रवि आंगन में चारपाई पर लेटकर गेम खेलने लगा और फिर अंधेरे का फायदा उठाकर मैं नंगा ही जाकर ससुर के पास चारपाई पर लेट गया।
तब ससुर ने मुझे रवि समझा और ज्यादा गौर नहीं कि। फिर ससुर सोना की चुदाई करने लगे। चुदाई के बाद ससुर तो सो गए और फिर सोना मेरे पास आकर लेट गई तो फिर हम दोनों चुदाई करने लगे। ससुर के पास लेटकर ऐसे चुदाई करने में मुझे और सोना को काफी मजा आ रहा था। उस रात हमने काफी चुदाई की। फिर सुबह सोना जल्दी उठ गई तो फिर उसने मुझे भी उठाया और फिर उठकर हम दोनों अंदर आ गए। फिर सोना ने चाय बनाई तो फिर हम चाय पीने लगे। तब हम बातें करने लगे। फिर मैंने सोना से पूछा के मुझसे प्यार करती हो तो फिर वो झट से बोली के हाँ। ये कोई पूछने की बात तो नहीं थी। सोना के मेरे प्रति व्यवहार में अब काफी फर्क एक चुका था। वो अब मुझे दिल से अपना पति मान चुकी थी। फिर सोना ने बताया के ससुर के लण्ड में अब पहले जैसी बात नहीं रही है। ससुर सोना से 8-10 साल बड़े थे और मैं सोना से 14-15 साल छोटा था। बस मेरे और ससुर के बीच 4-5 साल का ही अंतर था। फिर मैं और सोना काफी देर एक दूसरे से गले लगकर बातें करते रहे। फिर मैं कमरे के अंदर चला गया तो फिर सोना ने ससुर और रवि को उठाया। फिर उठने के बाद ससुर सोना के बदन को सहलाने लगे और फिर सोना भी उनका लण्ड पकड़कर सहलाने लगी।
फिर उस दिन सोना ने ससुर के लण्ड को चूसकर ही झाड़ दिया और फिर ससुर खेत चले गए तो फिर मैं कमरे से बाहर आ गया। फिर रवि भी कॉलेज चला गया तो फिर मैं और सोना साथ ही नहाए और फिर कमरे में चले गए। फिर मैं सोना के निप्पल जो कि बड़े बड़े थे उनको पकड़कर मसलने लगा। जिससे कि थोड़ा बहुत दूध निकला। फिर मैं निप्पलों को दो उंगलियों में लेकर दबाने लगा और मसलने लगा जिससे कि सोना को दर्द होने लगा और साथ मे मजा भी आने लगा। फिर जब सोना को दर्द होता तो वो काफी चीखती और फिर सिस्कारियाँ भी लेती। इसके बाद मैंने सास की जमकर चुदाई की तो फिर चुदाई के बाद वो काफी खुशी हुईं। फिर सोना ने मुझसे कहा के ऐसा चुदाई में मजा मुझे किसी के साथ नहीं आया। फिर रवि कॉलेज से आ गया तो फिर रवि के सामने ही सोना मेरे लण्ड पर बैठ कर ऊपर नीचे होकर चुदने लगी। फिर उस दिन शाम को मैं वापिस जाने वाला था तो फिर सोना ने मुझसे कहा के कम से कम रवि को तो हमारे बारे में बता ही देते है। फिर मैं बोला के अभी किसी को कुछ नहीं बताना है। अगर तुम मुझसे सच मे प्यार करती हो तो भगवान कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल देंगे। फिर ये सुनकर वो मेरे पैर छूने के लिए झुकी तो मैंने सोना को अपने गले से लगा लिया। फिर मैंने उससे कहा के तुम ऐसे ही मजे करो जो होगा वो अच्छा ही होगा।
फिर मैं वहां से आ गया। फिर कुछ दिनों के बाद उमा की नॉर्मल डिलिवरी हुई और हमारे बेटा हुआ। ये जानकर सब काफी खुश हुए। उमा की डिलीवरी नॉर्मल ही हुई थी तो फिर हम उमा को जल्दी ही घर ले आये। फिर घर आने के बाद सोना कुछ दिनों के लिए हमारे घर आ गई। फिर सोना और मम्मी मिलकर उमा का काफी ख्याल रखते। मौका देखकर मैं और सोना चुदाई कर लेते। फिर कुछ दिन रहकर सास तो चली गई और फिर उमा को लेने के लिए रवि आ गया। तब तक उमा ठीक हो चुकी थी। वो चलने फिरने लगी थी और उसकी चुत भी कुछ हद तक ठीक हो चुकी थी। फिर मैंने रवि से कहा के कुछ दिन बाद मैं तुम्हें और उमा को खुद छोड़ आऊंगा तो फिर रवि कुछ दिनों के लिए रवि यहीं रह गया। फिर दिन में तो सब उमा और हमारे बेटे के साथ रहते और बेटे के साथ खेलते रहते। लेकिन फिर भी मौका मिलने पर मैं उमा की चुदाई कर देता। फिर शाम को जब सब अपने अपने कमरों में सोने चले जाते तो फिर मैं, उमा और रवि हम तीनों एक ही कमरे में सोते। कमरे में जाते ही हम तीनों नंगे हो जाते। फिर उमा तो दूध वगैरह पिलाकर हमारे बेटे को पालने में सुला देती। फिर वो जब हमारे साथ सोने आई तो तब मैं और रवि अपना अपना लण्ड पकड़कर सहला रहे थे। ये देखकर उमा मुस्कुराने लगी। अब उमा का बदन काफी भर चुका था और उसके बोबे दूध से पूरे भरे हुए रहते थे। बेटा तो थोड़ा बहुत दूध ही पीता था। बाकी का दूध तो मैं और रवि ही पीते। फिर पीछे से मैंने उमा की गाँड में लण्ड डाल दिया और एक बोबे को मुँह में लेकर चुसने लगा। फिर मैंने रवि से उमा के दूसरे बोबे को चुसने के लिए कहा तो फिर उसने ऐसा ही किया।
कहानी आगे जारी रहेगी...
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1 वर्ष पहले
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