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हेलो दोस्तो मेरा नाम महेंद्र सिंह है और मैं एक छोटे से गांव में रहता हूँ और खेती बाड़ी का काम करता हूँ। मेरे पास एक मुरब्बा यानी 25 बीघा जमीन है। जिससे मेरा गुजारा अच्छे से हो जाता है। खेती करने के कारण फिर मैं मेरे खेत मे ही घर बनाकर रहने लगा जिसे देहाती भाषा मे हम ढाणी बोलते है।
मेरे परिवार में मेरी बीवी सपना और मेरे दो बच्चे जिनमे लड़की रिया और लड़का माधव है। रिया बड़ी है जो कि 10 साल की है और लड़का 8 साल का है। हम ढाणी में रहते है इस कारण वहां आसपास कोई स्कूल नहीं है तो मेरे दोनो बच्चे अपने ननिहाल रहकर पढ़ाई करते है और वो छुट्टियों में ही घर पर आते है। मेरे माता पिता मेरे दुसरे भाई के साथ रहते है।
इस प्रकार घर पर मैं और मेरी बीवी सपना ही रहते है। सपना घर का काम करती है और मैं सुबह होते ही खेत मे काम करने चला जाता हूँ। सपना भी काफी मेहनती है इस कारण वो घर का काम करने के बाद मेरे साथ खेत मे भी काम करवा देती है। वो थोड़ा बहुत ट्रेक्टर भी चला लेती है। उसे ट्रेक्टर चलाने में काफी मजा आता है। मैं भी उसे सीखा रहा हूँ अभी।
हमारी जिंदगी काफी हंसी खुशी से कट रही थी। सपना दिखने में सुंदर है और उसका बदन भी एक दम मस्त है। मैं सपना की बहुत चुदाई करता हूँ और वो भी मस्ती से चुदवाती है। घर पर जब सिर्फ हम दोनों ही होते तो कई बार हम नंगे ही रहते। पहले हम थोड़ी बहुत देर नंगे रहते थे। लेकिन फिर धीरे धीरे हमें नंगे रहने में मजा आने लगा तो फिर हम नंगे ही रहने लगे। सर्दी हो या गर्मी हम रात को नंगे ही सोने लगे।
हमारे बच्चे छोटे छोटे थे हम तब से ही नंगे रह रहे थे। फिर खेत मे काम करते तो काफी पसीना आता। फिर मैं तो खेत मे भी नंगा होकर ही काम करने लगा। फिर सपना भी जब खेत मे मेरे साथ काम करवाती तो मैं उसे भी नंगी कर लेता। फिर तो वो खुद ही नंगी हो जाती। गर्मियों के दिनों में हम दोनों ट्यूबवेल के ठंडे ठंडे पानी से नहाते और काफी देर तक पानी मे ही रहते। फिर शाम को हम ट्यूबवेल के ठंडे ठंडे पानी से नहाकर फिर नंगे ही सो जाते।
सपना नंगी बहुत मस्त लगती थी। उसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था। हमारी शादी को 13 साल होने लगे थे और इन सालों में मैंने सपना की चुत और गाँड खूब मारी। लेकिन फिर भी उसे नंगी देखता हूँ तो लण्ड खड़ा हो ही जाता है।
जब रिया 5 साल की और माधव 3 साल का था तो तब सपना बच्चों को भी नंगा रखती थी और हम सब नंगे ही साथ मे सोते थे। जब मेरा लण्ड खड़ा हो जाता तो फिर मेरे दोनो बच्चे मेरे लण्ड से खेलते और ये देखकर मेरा और सपना का हंस हँसकर बुरा हाल हो जाता।
अब बच्चे थोड़े बड़े हो गए है फिर भी सपना तो कई बार बच्चों के सामने नंगी रह लेती है और मैं भी बस अंडरवियर पहन लेता हूँ और रात को तो नंगा ही सोता हूँ। अब हमारे बच्चे भी हमे काफी बार नंगा देख चुके है तो उन्हें ज्यादा अजीब नहीं लगता है। रिया अब 10 साल की है तो सपना उसे बस एक पैंटी ही पहना देती है और वो बस उसी में घूमती रहती है घर पर।
मैं और सपना बच्चे पास में हो तब भी चुदाई कर लेते है। सपना काफी गर्म औरत है और वो चुदाई के लिए तो हरदम तैयार ही रहती है। हम खेत मे भी काफी बार चुदाई कर चुके है। सपना मुझसे कहीं भी और कैसे भी चुदवा लेती थी।
पहले मैं जब सपना को लेने ससुराल जाता तो मैं एक रात वहीं रुकता था। फिर वहां उनके घर पर एक कमरा बना था तो फिर हम दोनों रात को वहां चुदाई करते। फिर एक बार हमें चुदाई करते हुए मेरी सास ने देख लिया। लेकिन उन्होंने हमें कुछ नहीं कहा। फिर जब इसके बाद फिर मैं ससुराल गया तो इस बार भी हमने चुदाई की।
हम पति पत्नी है और चुदाई करने का हमारा पूरा हक है तो हमे रोकने वाला कौन होता है। मैं और सपना हम दोनों ही काफी सेक्सी मिजाज के है। जब कभी हमारी लड़ाई भी तो फिर मैं सपना की चुदाई कर देता और वो खुश हो जाती।
नंगी रहने के बाद सपना अपने कपड़ों का कम ही ख्याल रखती थी। सपना सूट पहनती थी और कभी कभी साड़ी भी बांधती थी पर ज्यादातर वो सूट ही पहनती और उसके सूट से उसके मम्मे दिखते रहते थे। जिन पर वो बिल्कुल भी ध्यान नहीं देती थी। जब वो झुकती तो उसके मम्मे पूरे दिखाई दे जाते थे। जिन्हें देखकर ही मैं बहुत गर्म हो जाता।
सपना का एक छोटा भाई था जो कि तब कुंवारा ही था। ये काफी साल पहले की बात है। फिर वो कुछ दिन के लिए हमारे पास रहने आ जाता था और फिर मेरे साथ खेती वगैरह में हाथ बंटाता। मैं ठहरा सेक्सी मिजाज का आदमी तो मैं उससे काफी खुलकर बात करता था। मैं थोड़ा मजाकिया हूँ तो मेरी बातों पर वो काफी हंसता।
वो आया हुआ होता तो हम सब साथ ही सोते और खूब बातें करते। उसका नाम नरेश है। फिर नरेश के सामने ही मैं सपना से हंसी मजाक करता रहता। फिर सपना मुझे थोड़ा बहुत डांट भी देती थी पर मैं कहाँ मानने वाला था। फिर भी मैं सपना से शरारत करता रहता था।
तब नरेश के लिए रिश्ता ढूंढ रहे थे तो फिर सपना ने मजाक मजाक में मुझसे कहा के मेरे भाई को भी कुछ ज्ञान दे दो इसकी शादी होने वाली है। फिर मैं बोला के बोलो क्या ज्ञान चाहिए। तुम्हारी बहन ने तो मुझे पूरा ज्ञान से भर दिया है। फिर मेरी बात सुनकर सपना मुस्कुराती हुई धीरे से मेरे थप्पड़ मारती है।
फिर उससे अगले दिन जब मैं और नरेश खेत मे काम कर रहे थे तो फिर हम ऐसे ही बातें करने लगे और हमारी बातें बातें फिर सुहागरात तक पहुंच गई। फिर मैं उसे खुलकर बताने लगा के क्या क्या करना होता है। शादी से पहले मेरी कुछ सेटिंग थी तो मैं तो शादी से पहले चुदाई कर चुका था। फिर मैंने नरेश से कहा के मैं तुम्हारे लिए भी कुछ इंतजाम कर देता हूँ ताकि तुम्हारा भी डर निकल जायेगा।
फिर मेरी बात सुनकर नरेश थोड़ा खुश हुआ और फिर शर्माने लगा। फिर कोई जुगत लगाकर मैंने कुछ सेटिंग करके एक औरत का बंदोबस्त कर लिया। फिर मैं नरेश को लेकर उसके पास गया। फिर मैंने नरेश से कहा के तुम कमरे में जाकर उससे कर लो। फिर वो बोला के आप भी चलो साथ मे। फिर मैं बोला के मेरे सामने तुम उससे कर लोगे। फिर वो बोला के हां। फिर हम दोनों कमरे में जाकर नंगे हो गए।
फिर मैंने उस औरत को नंगी किया और फिर नरेश उस औरत पर टूट पड़ा। जब उसका लण्ड पूरा खड़ा हो गया तो फिर मैंने उसे कंडोम लगाना बताया और फिर कंडोम लगाकर वो उससे करने लगा। मैं उनके पास खड़ा खड़ा अपना लण्ड हिला रहा था। नरेश का पहली बार था तो वो जल्दी ही झड़ गया। फिर मैं उस औरत की चुदाई करने लगा। मैंने उस औरत को काफी देर तक अलग अलग पोज में चोदा। मेरी चुदाई देखकर नरेश काफी प्रभावित हुआ उधर वो औरत भी मुझसे चुदकर काफी खुश हुई और बोली के तुम जैसे मर्द तो कोई कोई ही आते है।
हमारी चुदाई देखकर नरेश का फिर से खड़ा हो गया तो फिर मेरे कहने पर उस औरत ने नरेश से फिर से चुदवाया। इस बार नरेश ने काफी देर चुदाई की और उसे बहुत मजा आया। फिर हम वहां से वापिस आ गए और नरेश ने इस सबके लिए मेरा बहुत शुक्रिया अदा किया।
फिर जब हम घर पर आए तो सपना को पता नहीं कैसे शक हो गया। फिर उसने मुझे अपनी कसम दे दी तो फिर मुझे उसे सब कुछ सच बताना पड़ा। मैंने कहा के नरेश थोड़ा शर्मा रहा था तो बस उसके लिए ही इसे ले गया था। फिर सपना गुस्सा हो गई और हमे डांटने लगी। फिर वो नरेश के सामने ही मुझसे पूछने लगी के कंडोम लगाकर किया था क्या। फिर मैंने कहा के हां। फिर उसने मुझसे पूछा के आपने किया था। अब मैं फस गया। इसका क्या जवाब देता मैं। फिर मैंने सच बोलना ही ठीक समझा। फिर मैंने कहा के हां। फिर मेरा जवाब सुनकर सपना गुस्सा हो गई।
फिर नरेश बोला के अब क्या करे। फिर मैं उसे बोला के तुम फिक्र मत करो। मैं उसे अपने आप मना लूँगा। फिर उस दिन सपना मुझसे बोली नहीं। फिर रात को मैंने नरेश को छत पर जाकर सोने के लिए कहा तो वो चला गया। फिर मैंने सपना से कहा के मैं झूठ भी बोल सकता था। पर मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ इसलिए मैंने तुमसे सच ही कहा। फिर मैं धीरे धीरे सपना के बदन को सहलाने लगा तो सपना गर्म होने लगी। फिर मैंने उसे नंगी कर लिया और फिर हम चुदाई करने लगे।
फिर चुदाई के बाद सपना मुझसे पहले की तरह ही बातें करने लगी। फिर हम सो गए। जब सुबह नरेश ऊपर से नीचे आया तो उसने सपना को मुझसे पहले की तरह ही हंसते हुए बात करते हुए देखा तो वो देखता ही रह गया। फिर सपना ने नरेश से कहा के तूने अगर शादी से पहले और किसी से किया तो देख लेना। तुम्हारी टांगे तोड़ दूंगी। फिर नरेश बोला के मैं किसी से नहीं करूंगा बस आप और जीजू आपस मे लड़ाई मत करो। फिर सपना मेरी तरफ देखकर मुस्कुराती हुई बोली के हमारी तो रात को ही सुलह हो गई थी।
सपना की बात सुनकर नरेश को यकीन नहीं हुआ और वो सोचने लगा के जीजू में एक रात में ऐसा क्या कर दिया के मेरी बहन ने उन्हें माफ कर दिया। फिर जब मैं और नरेश खेत मे गए तो फिर नरेश में मुझसे पूछा के आपने ऐसा क्या किया के सपना ने आपको कुछ नहीं कहा। फिर मैंने कहा के हम जिससे प्यार करते है उसके साथ ईमानदार रहो और उसे बहुत प्यार करो। पर मेरी बातें सुनकर नरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने पूछा के आपने किया क्या। फिर मैंने उसे सीधे सीधे कह दिया के बस हमने चुदाई की।
फिर नरेश बोला के आपने कैसे की। मुझे भी सीखा दो। ताकि मैं भी शादी के बाद अपनी बीवी को ऐसे खुश रख सकूँ। फिर मैंने उससे कहा के मैं अब कैसे बताऊँ बातों से। फिर नरेश बोला के आप मुझे चाहो कैसे भी बताओ पर बता दो या आप मुझे दिखा दो करके। मैं समझूंगा के सपना मेरी बहन नहीं बल्कि और कोई दूसरी औरत है। फिर मैं बोला के ठीक है। अगर तुम्हें कोई दिक्कत नहीं है तो मुझे क्या दिक्कत होगी।
फिर उसी दिन रात को मैंने सपना की चुदाई का मन बनाया और फिर नरेश से उस दिन छत पर जाकर सोने के लिए कहा। ताकि ऊपर से वो हमारी चुदाई देख सके। फिर रात को खाना खाकर नरेश जल्दी ही ऊपर चला गया। फिर नरेश के जाते ही मैं आंगन में नंगा होकर लेट गया और फिर सपना भी नंगी हो गई। फिर सब काम करने के बाद सपना मेरे पास आई और फिर मैं सपना के अंग अंग को चूमने लगा।
जब मैंने ऊपर की तरफ देखा तो नरेश हमारी चुदाई देख रहा था। फिर मैं सपना की चुत चुसने लगा और तब सपना पूरी गर्म हो गई और वो जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर सपना मेरा लंड चुसने लगी। फिर मैं सपना की चुदाई करने लगा। पहले मैंने सपना के दोनो पैर अपने कंधों पर रखकर सपना की चुदाई की और फिर कुछ देर उसे घोड़ी बनाकर चोदा। फिर वो चारपाई पर अपना एक पैर रखकर खड़ी हो गई तो फिर पीछे से मैंने उसकी खड़े खड़े चुदाई की। उस रात मैंने सपना को तबियत से चोदा और फिर वो काफी खुश हुई।
तब आंगन की लाइट जल रही थी और हमारी चुदाई का रंगारंग कार्यक्रम ऊपर से नरेश देख रहा था। फिर चुदाई के बाद जब सपना लाइट बंद करने गई तो उसने नरेश को देख लिया। फिर सपना के देखते ही नरेश पीछे की तरफ हट गया और फिर लाइट बन्द करके आकर मुझे ये सपना ने बताया। फिर मैंने सपना से कहा के वो जवान है तो उसका भी देखने को मन किया होगा तो देख लिया होगा।
तुम उसे डांटना मत बल्कि उससे प्यार से बात करना। वरना तुम्हारा भाई बहन का रिश्ता हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। फिर सुबह जब नरेश औरों दिनों से थोड़ी देरी से ऊपर से नीचे आया और जब आया तो वो सपना से आंखें भी नहीं मिला पा रहा था। फिर उसे देखकर सपना ने उसे हँसकर अपने गले से लगा लिया। फिर वो सपना के पैरों में पड़ गया और बोला के मैं तो सिर्फ ये देखना चाहता था के आप दोनो ऐसा क्या करते हो जो इतना खुश रहते हो।
फिर ये सुनकर सपना ने उसे हंसते हुए ऊपर उठाया और बोली के कोई बात नहीं। ऐसी उम्र में ये आम बात है। मैं तुमसे बिल्कुल भी नाराज नहीं हूँ। तुम्हें अगर कुछ पूछना हो तो मुझसे पूछ लेना शर्माना मत मुझसे। तू किसी बात की चिंता मत करना। जब नरेश ने ये सुना तब जाकर नरेश की जान में जान आई।
फिर सपना पहले के जैसे ही नरेश से बातें करने लगी। मैंने सपना से कहा के नरेश तुम्हारा छोटा भाई है और वो सब कुछ देख चुका है तो अब उससे क्या शर्माना। फिर हम पहले के जैसे ही आंगन में लाइट जलाकर खूब चुदाई करते। तब हम ये नहीं सोचते के नरेश देख रहा है या नहीं। जब हमें चुदाई करनी होती तो तब सपना खुद नरेश को छत पर जाकर सोने के लिए कह देती थी।
फिर नरेश ने सपना से पूछा के एक औरत को कैसे खुश रखा जाए। तो सपना ने उसे बताया के उसे खूब सारा प्यार करो और उसकी हर इच्छा पूरी करो। फिर मैंने बीच मे धीरे से कहा के और खूब सारी चुदाई भी करो। मेरी बात सुनकर सपना ने मुस्कुराते हुए मेरे धीरे से थप्पड़ मारा और फिर नरेश भी मुस्कुराने लगा। अब हमारे बीच काफी खुलकर बातें होने लगी थी। फिर सपना ने नरेश से कहा के तुझे ये तो पता है ना बच्चे कहाँ करने से होते है।
फिर नरेश झुंझलाकर बोला के क्या दीदी आपने मुझे बच्चा समझा है क्या। फिर सपना और मैं हंसने लगे। फिर नरेश ने पूछा के हिजड़ा क्या होता। फिर सपना ने बताया के ना तो वो आदमी होता है और ना ही औरत। फिर नरेश ने पुछा के कैसे। फिर सपना ने उसे अपने बोबो की तरफ इशारा करते हुए बताया के उसके दूध नहीं होते है और ना ही नीचे आदमियों के जैसे पेशाब करने वाली जगह होती है।
फिर नरेश सेक्सी लड़कियों की फ़ोटो देखकर मुठ मारने लगा। वो मेरे सामने ही मुठ मार लेता था। फिर उसे देखकर मैं जब गर्म हो जाता तो मैं सपना की चुदाई कर लेता। फिर एक दिन जब नरेश पूरा नंगा होकर मुठ मार रहा था और उसके आस पास सेक्सी लड़कियों की फ़ोटो वगैरह पड़ी थी। तभी सपना ने उसे देख लिया और फिर उसे डांटने लगी। फिर मैंने सपना से कहा के बेचारे को कर लेने दो। अब तुम सब कुछ तो बन्द मत करो इसका। तुमने कहा था के ये दूसरी औरत के पास नहीं जा सकता तो कम से कम इसे हिला तो लेने दो। मेरी बात सुनकर फिर सपना ने तब तो उसे कुछ नहीं कहा लेकिन फिर जब हम सब साथ बैठे तो सपना ने कहा के ज्यादा हिलाने से कमजोरी आ जाती है। मैं तो तब कह रही थी।
फिर मैं बोला के 2-3 दिन में एक बार करने से कोई कमजोरी नहीं आती। बल्कि इससे तो मूड अच्छा हो जाता है। वरना दिमाग मे चुदाई ही चुदाई घूमती रहती है। फिर सपना कुछ नहीं बोली। फिर सपना नरेश का ध्यान रखने लगी के वो कितने दिनों से मूठ मारता हैं। जब वो एक दो दिन लगातार मूठ मारता तो सपना उसे कह देती।
मैं और नरेश खेत मे काम करते तो सपना हमारे लिए खाना लेकर खेत मे ही आ जाती थी। तब कई बार मैं और नरेश नंगे होकर ही काम कर रहे होते थे। फिर नरेश अपने हाथों से अपना लण्ड छुपाता हुआ हमसे दूर चला जाता और फिर अंडरवियर पहनकर आ जाता। कई बार उसकी अंडरवियर सपना के पास पड़ी होती तो फिर वो सपना के पास आकर अंडरवियर उठाने में उसे शर्म आती थी तो फिर सपना उसकी तरफ अंडरवियर फेंक देती थी।
मैं तब नंगा ही रहता और जब मेरा मूड बना होता तो मैं सपना को दूर फसल में ले जाकर चोदने लग जाता। फिर चुदाई के बाद मैं खाना खाता और फिर सपना वापिस चली जाती। मैं नरेश के सामने ही नंगा रहता और सपना के सामने तो पता नहीं कितनी बार नंगा रह चुका था। इस कारण मैं कई बार घर पर भी उनके सामने बिल्कुल नंगा रहता। फिर कई बार जब मेरा लंड खड़ा होता तो सपना मेरे लण्ड को देखकर मुस्कुराती रहती और फिर मैं सपना को दूसरे कमरे में ले जाकर चोद देता। लेकिन फिर कई बार मुझे उन दोनों भाई बहनों के सामने नंगा रहना अच्छा नहीं लगता था तो फिर मैं अंडरवियर पहनकर रहने लगा। पर अंडरवियर में भी मेरा खड़ा लण्ड साफ दिखाई देता था।
इस तरह हमारी जिंदगी काफी मस्ती के साथ गुजर रही थी। नरेश अब लगभग हमारे पास ही रहने लगा था। क्योंकि उसे यहाँ पर सब कुछ खुलकर करने की इजाजत थी। सपना भी अब अपने भाई से शरमाये बिना मुझसे चुदाई करवा लेती। इस कारण मुझे और सपना को नरेश के हमारे साथ रहने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं थी। क्योंकि हम पहले की तरह ही मजे कर लेते थे। मैं कई बार सपना से कहता के तुम्हारा भाई जब तुम्हे मेरे साथ ऐसे चुदाई करते हुए देखता होगा तो पता नहीं क्या सोचता होगा। फिर सपना बोली के जो सोचता है सोचते रहे अब किसे फर्क पड़ता है। यानी सपना भी अपने भाई के सामने खुलकर मजे लेना चाहती थी।
मैं भी सपना को दबाकर चोदता और खूब मजे लेता। अपनी बहन को मेरे साथ ऐसे खुलकर मजे करते देख नरेश ने सपना से कहा के मुझे तुम्हारे जैसी बीवी चाहिए। फिर सपना हँसकर नरेश से कहने लगी के वो तो तुम्हारी किस्मत ही बताएगी के तुम्हे कैसी बीवी मिलती है। पर मैं कोशिश करूँगी तुम्हे मेरे जैसी ही बीवी मिले। पर एक बात ध्यान रखना। अगर तुम्हे मेरी जैसी ना मिले तो तुम उसे मेरे जैसी बनाने की कोशिश मत करना।
नरेश लण्ड हिलाते हिलाते नंगा ही सो जाता। फिर सपना जब उसके कमरे में जाति तो उसे नंगा देखकर हँसने लगती। फिर वो कई बार उसके खड़े लण्ड को अपने हाथ से छेड़ देती और हँसने लग जाती। अब नरेश लगभग नंगा ही रहने लगा था और रात को भी नँगा ही सो जाता। जब सपना उसे उठाने छत पर जाती तो वो उल्टा सोया होता तो फिर सपना उसकी नंगी गाँड पर हल्के से थप्पड़ मारकर उसे उठाती। इन सब बातों से नरेश बुरा मान जाता था तो फिर सपना उससे कहती के तू मेरा छोटा भाई है मैं तेरे साथ इतनी मस्ती मजाक भी नहि कर सकती क्या और फिर नरेश सपना को कुछ नहीं कहता।
एक बार सर्दियों के दिन थे और मेरे सास ससुर को कुछ दिन के लिए किसी शादी में जाना था तो फिर उन्होंने कुछ दिन घर पर रहने के लिए मुझे और सपना को बुलाया तो हम चले गए। नरेश उनके साथ शादी में नहीं गया था। फिर हम तीनों घर पर रहने लगे। रात को हम एक साथ एक कमरे में ही सोते। मैं और सपना बेड पर सो जाते और तब रिया भी थी जो कि तब 2 साल की थी। नरेश पास ही में चारपाई पर सोता।
रात को हम सब ही नंगे होकर सोते थे। चाहे कितनी ही सर्दी क्यों ना हो। फिर एक रात सपना गर्म हो गई तो फिर वो मेरे ऊपर आ गई और अपनी चुत में लण्ड डालकर करने लगी। तब हमारे ऊपर रजाई थी पर कोई हमे देखकर आसानी से पता लगा सकता था के हम चुदाई कर रहे है। तब नरेश भी अपनी रजाई में लेटा लेटा लण्ड हिला रहा था। फिर जब मैं और सपना झड़ गये तो फिर सपना मुझसे नीचे उतरकर साइड में लेट गई। तब रजाई सपना के कमर तक थी। फिर मैं सपना के बोबो को सहलाने लगा। फिर मैंने सामने देखा तो नरेश ने अपना लण्ड रजाई से बाहर निकाल रखा था और हिला रहा था। फिर मैंने रजाई और नीची कर दी और फिर सपना की चुत सहलाने लगा।
तब नरेश तो आंखें बंद करके बस अपना लण्ड हिलाने में व्यस्त था। फिर जब उसके लण्ड से पिचकारी निकलने लगी तो वो रजाई पर गिरने लगी। मैं ये देख रहा था। फिर जब नरेश पूरा झड़ गया तो फिर उसने हमारी तरफ देखा। तब सपना तो आंखें बंद करके लेटी थी। शायद वो सो चुकी थी। फिर नरेश हमारी तरफ देखकर और फिर दूसरी तरफ करवट लेकर सो गया। सुबह सपना काफी देर तक सोती रही। फिर मैं सबके लिए चाय बनाकर लाया और सबको उठाया।
तब सपना नंगी ही थी तो उसने फिर अपने बोबो को रजाई से ढक लिया और फिर चाय पीने लगी। तब सामने ही नरेश भी बैठा चाय पी रहा था। फिर चाय पीकर सपना ने पहले कुर्ता पहना और फिर रजाई में बैठे बैठे ही सलवार पहनकर और स्वेटर वगैरह पहनकर बाहर जाकर काम करने लगी। मैं और नरेश भी काम मे उसकी थोड़ी मदद करवा देते। फिर एक दिन मेरा और सपना का पूरे घर मे चुदाई करने का मूड हुआ तो फिर सपना ने नरेश से कहा के वो रिया को लेकर कुछ देर के लिए बाहर वाले कमरे में चला जाये और फिर वहीं रहे। फिर नरेश कर जाने के बाद मैं और सपना नंगे होकर चुदाई करने लगे।
मैंने सपना को पहले आंगन में चोदा और फिर उसे आंगन के बाहर ले जाकर चोदा। इस तरह हम घूम घूम कर पूरे घर मे चुदाई करने लगें। फिर मैंने सपना को छत पर ले जाकर भी खूब चोदा। उस दिन धूप काफी थी तो फिर मैंने सपना की तेल से मालिश भी की। फिर हम दोनों आंगन में सोए थे तो तब वहाँ नरेश आ गया। फिर सपना नंगी ही खड़ी होकर कमरे में जाने लगी। तब सपना पीछे से पूरी नंगी थी। फिर वो कपड़े पहनकर आ गई और मैं नंगा ही लेटा रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने भी कपड़े पहन लिए। क्योंकि सर्दी ज्यादा बढ़ चुकी थी। इस प्रकार तब हमने काफी मजे किये।
फिर नरेश के लिए हम लड़कियां देखने लगे। लड़की देखने सपना भी जाति और वो लड़की से अच्छी तरह से बात करती और उससे काफी सवाल जवाब करती ताकि वो अपने भाई के लिए सही लडक़ी को चुन सके। फिर हम सबने मिलकर एक लड़की पसंद की और फिर उसके साथ नरेश का रिश्ता पक्का कर दिया। फिर उन दोनों की फोन पर बातें होने लगी। नरेश को वो लड़की काफी पसंद आई थी और वो लड़की जिसका नाम सोनम था उसे भी नरेश काफी पसंद था।
नरेश हमारे पास आता तो बस फोन पर ही लगा रहता। फिर सपना ने भी सोनम से बात की। फिर वो दोनो भाई बहन सारा दिन बस सोनम से ही बाते करते रहते। फिर लगभग एक साल ले बाद नरेश की शादी की तारीख पक्की कर दी। तब सपना तो पहले ही चली गई थी और फिर शादी से कुछ दिन पहले मैं भी चला गया। वहां काफी लोग और रिश्तेदार आये हुए थे तो मुझे सपना से चुदाई करने का कोई मौका ही नहीं मिला। मैं सपना से चुदाई के लिए बार बार कहता पर वो भी क्या करती। शादी काफी धूमधाम से हुई और फिर सुहागरात की बारी आई।
तब मैं और नरेश ऊपर छत पर खड़े थे। छत पर दो कमरे थे और उनमे से एक कमरा सुहागरात के लिए तैयार किया था। फिर हम दोनों कमरे के आगे खड़े होकर ऐसे ही बातें कर रहे थे। तब छत पर हमारे अलावा कोई नहीं था। फिर थोड़ी देर बाद सपना कमरे से बाहर निकली और हमारे पास आकर खड़ी होकर बाते करने लगी। फिर वो नरेश से बातें करने लगी और मैं सपना के पीछे खड़ा होकर उसके बोबो को दबाने लगा। सपना नरेश से पूछ रही थी के उसने नीचे के बाल साफ किये या नहीं। फिर नरेश ने कहा के कर लिए। फिर सपना कहने लगी ले ज्यादा जल्दबाजी मत करना और सिर्फ आगे ही करना पीछे से करने की कोशिश मत करना। फिर नरेश बोला के पीछे से मतलब। तब सपना थोड़ी मुस्कुराकर और गुस्से से बोली के आज ही गाँड मारना शुरू मत कर देना उसकी।
सपना की बात सुनकर हम सब हंसने लगे और नरेश थोड़ा शर्माने लगा। फिर सपना ने नरेश को काफी ज्ञान दिया। इसी बीच सपना ने अपने बाल एक तरफ किये तो फिर मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा। फिर मैंने सपना से कहा के और हमारी सुहागरात का क्या। फिर सपना बोली के ये साथ वाला कमरा हमारा ही है। फिर सपना ने नरेश से बोला के आराम से करना सब कुछ हो जाएगा। ज्यादा मुश्किल काम भी नहीं है। फिर सपना ने नरेश से कहा के तुम्हारा खड़ा होने में कोई दिक्कत तो नहीं है ना। फिर नरेश बोला के नहीं। फिर सपना बोली के अगर कोई दिक्कत है तो वियाग्रा वगेरह ले लो। फिर नरेश बोला के नहीं। फिर सपना नरेश के कंधों पर हाथ रखकर बोली के जा मेरे शेर और दिखादे उसे की तुझमे में कितना दम है।
फिर थोड़ी देर बाद नरेश कमरे के चला गया और मैं और सपना दूसरे कमरे में चले गए। हम जाकर नंगे होकर चुदाई करने लगे। फिर मैं सपना को घोड़ी बनाकर चोद रहा था और झड़ने वाला ही था के इतने में नरेश हमारे कमरे में आ गया। हमने अंदर से कुंडी नहीं लगाई थी। फिर नरेश को देखकर सपना खड़ी होने लगी तो फिर मैंने सपना से कहा के मेरा पानी निकलने वाला है। फिर सपना मुझसे चुदाई करवाते हुए ही नरेश के बातें करने लगी और उससे पूछने लगी के क्या हुआ। फिर नरेश बताने लगा के सोनम का सिर दर्द कर रहा है कोई टैबलेट है क्या। फिर सपना बोली के मेरे पर्स में है देती हूँ अभी। फिर मैं सपना की कमर पकड़कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा और फिर झड़ गया। फिर झड़ने के बाद मैं नंगा ही बेड पर लेट गया और फिर सपना ने नंगी ही खड़ी होकर अपने पर्स से नरेश को टेबलेट निकालकर दी।
फिर नरेश टेबलेट लेकर जाने लगा तो फिर सपना उससे बोली के अगर उसकी ज्यादा तबियत खराब है तो मत करना। लेकिन फिर तभी बोली के पर एक बार तो कर ही लेना। वरना वो क्या सोचेगी। मामूली सा सिर दर्द ही है टेबलेट लेने पर ठीक हो जाएगा। फिर नरेश चला गया तो फिर मैं और सपना सो गए।
सुबह जल्दी उठकर मैं और सपना नरेश के आने का इंतजार करने लगे। फिर नरेश आया तो उसने हमें सब बताया। उसने कहा के हमने दो बार सेक्स किया और बहुत मजा आया। फिर ये सुनकर सपना काफी खुश हुई। फिर सपना सोनम के पास चली गई और हम दोनों बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद हम सब नीचे जाकर चाय पीने लगे। कुछ रिश्तेदार अभी भी यहीं रुके थे। फिर उससे अगले दिन मैं और सपना वापिस आ गए। फिर एक दो दिन बाद नरेश का फोन आया के उसे अब चुदाई में बहुत मजा आ रहा है और सोनम भी उसका पूरा साथ देती है। अपने भाई को खुश देखकर सपना भी काफी खुश हुई।
फिर कुछ दिन बाद जब सोनम वापिस चली गई तो फिर नरेश हमारे पास आ गया। तब सपना नरेश के सामने बिल्कुल नंगी भी रह सकती थी पर तब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में रही। ब्रा पैंटी में भी सपना का भरा हुआ बदन बहुत मस्त दिखता था। अब नरेश और सोनम एक दूसरे से फोन पर काफी सेक्सी सेक्सी बातें करते। नरेश लाउडस्पीकर पर फोन रखकर हमे बातें सुनाता था। जिन्हें सुनकर हम गर्म हो जाते। फिर नरेश तो अपना लण्ड हिलाने लग जाता और फिर मैं सपना को नरेश के सामने ही चोदना शुरू कर देता।
फिर चुदाई के टाइम मैं सपना की ब्रा पैंटी निकाल देता और सपना को बिल्कुल नंगी करके चोदता। जिससे सपना प्रेग्नेंट हो गई और फिर हमारे एक बेटा हुआ। इधर सोनम भी प्रेग्नेंट हो गई थी और सपना की डिलीवरी के कुछ महीने बाद उसके भी एक लड़का हुआ। जिससे मैं और नरेश काफी खुश हुए। फिर नरेश सोनम को लेकर हमारे घर पर आया और तब हमने आपस मे खूब बातें की। सोनम काफी अच्छी लड़की थी। वो सबसे बहुत अच्छे से बात करती थी।
सोनम और सपना तो आपस मे पक्की सहेलियां बन गई थी और उनकी बातें तो खत्म ही नहीं होती थी। सोनम को जब भी कोई अपने शरीर से सम्बंधित कोई दिक्कत आती तो फिर वो सपना को ही फोन करती। इस कारण वो आपस मे खुल गई थी। अब नरेश हमारे पास कम ही आ पाता था क्योंकि अब वो खुद की जमीन संभालने लगा था। पर फोन पर हमारी बात लगभग रोज ही हो जाया करती थी। फिर नरेश मुझे उसके और सोनम के चुदाई के किस्से सुनाता और फिर मैं भी उसे सपना की चुदाई की बातें बताता। नरेश ने बताया के जब घर पर कोई नहीं होता तब वो भी सोनम को नंगी रखता और फिर वो खूब चुदाई करते। फिर हम दोनों चुदाई करने के नए नए तरीके निकालते जिससे कि चुदाई करने में खूब मजा आये।
अब मैं और नरेश जीजा साला कम बल्कि दोस्त ज्यादा बन गए थे। सपना और सोनम वो नंदन भाभी भी आपस मे चुदाई वगैरह की बातें करने लगी थी। सपना सोनम से चुदाई की बातें करती तो सोनम शर्माने लगती। पर सोनम को भी ऐसी बातें करना काफी पसंद थी। सपना सोनम को हमारी चुदाई के किस्से सुनाती जिन्हें सुनकर सोनम हैरान रह जाती। फिर सोनम भी नरेश के साथ हमारे जैसे ही चुदाई के मजे लेने लगी। फिर सोनम खुद जब घर पर कोई नहीं होता तो अपने कपड़े खोलकर नंगी हो जाती। फिर नरेश सोनम को कभी खेत मे घुमाने ले जाता तो फिर खेत मे वो दोनो नंगे होकर खूब चुदाई करते। ऐसे खुलकर चुदाई करने में उन्हें भी काफी मजा आने लगा था।
अब नरेश जब कभी हमारे पास आता तो फिर नरेश के सामने ही मैं सपना की चुदाई करने लग जाता। फिर नरेश भी नंगा होकर अपना लण्ड हिलाने लगता। सपना नरेश के सामने ही मेरे लण्ड पर बैठकर खूब जोर से चुदवाती। फिर वो नंगी ही रहती। मैं भी नरेश के सामने सपना की चुत और बोबो को सहलाता रहता। सपना खुद भी कम नहीं थी वो भी नरेश के सामने टांगे चौड़ी करके अपनी चिकनी चुत सहलाने लग जाती और फिर मैं सपना की जमकर चुदाई करता।
फिर एक बार मैं और सपना नरेश और सोनम से मिलने गए। तब सास ससुर कहीं गए हुए थे। फिर हम सब ने साथ बैठकर खूब बातें की। सोनम मेरी ही जात की थी तो वो भी मेरी बहन ही लगती थी। जिस कारण हम दोनों एक दूसरे से खुलकर बातें कर लेते। फिर शाम को खाना वगैरह खाकर मैं और सपना तो नीचे आंगन में सो गये और सोनम और नरेश छत पर सो गये। फिर सोने से पहले मैंने सपना की खूब चुदाई की। तब आंगन का बल्ब जल रहा था और ऊपर से हमारी चुदाई साफ दिखाई दे रही थी। फिर अगले दिन सोनम सपना से हमारी कल रात की चुदाई के बारे में बात करने लगी। अब सपना को और क्या चाहिये था। फिर सपना सोनम से पूछने लगी के तुम्हे कैसी लगी हमारी चुदाई तो ये सुनकर सोनम शर्माने लगी। लेकिन सपना आज सोनम को छोड़ने वाली नहीं थी।
तब मैं और नरेश तो किसी काम से बाहर गए थे और घर पर वो दोनो अकेली ही थी। फिर सपना सोनम के बोबो को सहलाते हुए पूछने लगी तो फिर सोनम मुस्कुराते हुए बोली के आप दोनो एक दुसरे को काफी प्यार करते हो। फिर सपना ने सोनम से कहा के क्यों मेरा भाई नहीं करता तुमसे प्यार। फिर सोनम बोली के हां वो तो बहुत करते है। फिर सपना नंगी हो गई और फिर सोनम से कहा के घर पर कोई नहीं है तो वो भी नंगी हो जाये। फिर सोनम भी तपाक से नंगी हो गई। फिर सपना सोनम के बदन को सहलाने लगी तो सोनम गर्म होने लगी। फिर सोनम भी सपना के बदन को सहलाने लगी। फिर सपना सोनम की चुत से अपनी चुत रगड़ने लगी। जिसमे की उन दोनों को ही बहुत मजा आने लगा। फिर जब वो दोनो झड़ी तो सपना को काफी मजा आया।
फिर सपना सोनम को मेरे और नरेश के बारे में बताने लगी के कैसे हम दोनों नंगे होकर साथ मे लण्ड सहलाते है और मजे करते है। ये सुनकर सोनम सुनती ही रह गई। फिर वो दोनो कमरे से बाहर आकर घर मे नंगी ही घूमने लगी। फिर सपना ने नरेश के बारे में बताया के कैसे वो हमारी छुप छुप कर चुदाई देखता था। फिर सोनम बोली के हां वो कल रात भी आप दोनो की चुदाई देख रहे थे। फिर मैंने उनसे कहा भी आपको अपनी बहन को ऐसे देखकर शर्म नहि आती। फिर वो बोले के इसमे शर्म वाली क्या बात है। फिर सपना बोली के हां सही तो कह रहा था। असल मे उसे चुदाई करना उसके जीजाजी ने ही सिखाया था। फिर ये सुनकर सोनम गर्म होने लगी।
फिर वो दोनो एक दूसरे की चुत सहलाने लगी। फिर सपना ने जैसे ही सोनम की गाँड में उंगली डाली तो उसकी उंगली आसानी से चली गई। फिर सपना ने सोनम की तरफ देखा तो सोनम मुस्कुराने लगी। तब सपना समझ गई के सोनम ने गाँड भी मरवाली है। फिर उन्होंने एक दूसरे की चुत चाटकर मस्ती की। जिसमे उन्हें काफी मजा आया। उसके बाद से सोनम और सपना की दोस्ती और ज्यादा गहरी हो गई।
सोनम को मॉडर्न कपड़े पहनना काफी पसंद था। फिर सपना के कहने पर सोनम ने टीशर्ट और जीन पहन ली। जिसमे की सोनम काफी सेक्सी लग रही थी। फिर सोनम ने सपना से कहा के आप भी कुछ पहन लो। मुझे अकेले ऐसे कपड़े पहनने में शर्म आ रही है। फिर सपना बोली के मैं क्या पहनूँ। फिर सोनम बोली के आप कुछ भी पहन लो। फिर सपना ने कहा के चलो ठीक है तो मैं ब्रा पैंटी पहन लेती हूँ। फिर सोनम बोली के क्या आप सिर्फ ब्रा पैंटी ही पहनोगे। फिर सपना बोली के हां। फिर सोनम ने कहा के आपको शर्म नहीं आएगी। फिर सपना बोली के शर्म कैसी मेरे पति और भाई के सामने। फिर सपना ने एक सेक्सी सी ब्रा पैंटी पहन ली। ब्रा पेंटी तो सपना ने पहन रखी थी और शर्म सोनम को आ रही थी। फिर जब मैं और नरेश घर पर आए तो हम दोनों उन दोनों को ऐसे देखकर काफी खुश हुए।
नरेश में सपना को ब्रा पैंटी में देखकर कहा के आप बहुत सेक्सी लग रही हूँ। फिर ये सुनकर सपना हँसकर नरेश के गले लग जाती है। उधर फिर मैं सोनम को भी कह देता हूँ के आप भी बहुत सेक्सी लग रही हो। ये सुनकर तो बेचारी सोनम पानी पानी हो जाती है। फिर सपना सोनम से कहती है के तुम शर्माना छोड़ दो तो ही ज्यादा अच्छा होगा। फिर सपना सबके सामने ही मुझसे चिपक कर खड़ी हो जाती है और फिर हम एक दुसरे की गालों पर किस कर देते है। फिर मैं अपने हाथ सपना के बोबो पर रख देता हूँ तो फिर सपना हँसकर मेरे हाथ अपने बोबो से अपने पेट पर रख देती है। फिर सपना नरेश से सोनम के लिए और भी सेक्सी मॉडर्न ड्रेस लाने के लिए कहती है। ये सुनकर बेचारी सोनम तो शर्म से लाल हो जाती हैं।
फिर उस दिन शाम को सपना में मुझसे कहा के आप और नरेश आज आंगन में साथ सो जाना और मैं और सोनम छत पर सो जाएंगी। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर खाना वगैरह खाकर जब सपना और सोनम छत पर चली गई तो फिर मैं और नरेश नंगे होकर लेट गए। ऊपर जाकर सपना और सोनम भी नंगी हो गई। फिर उन्होंने जब नीचे हमे देखा तो सोनम देखती ही रह गई। फिर नरेश ने फोन में एक पोर्न फिल्म चला ली और फिर वो दोनो पोर्न देखकर लण्ड हिलाने लगे। ये देखकर तो सोनम की आंखें फ़टी की फटी रह गई। फिर मैं बोली के इनके लिए ये कोई नई बात नहीं है। मैं तो इन्हें कई बार साथ मे लण्ड हिलाते हुए पकड़ चुकी हूँ। फिर सोनम ने सपना से कहा के तो आपने इन्हें कुछ कहा नहीं। फिर सपना ने कहा के मैं क्या कहती। हर मर्द को दूसरी सेक्सी औरत अच्छी ही लगती है। हम औरतो को भी तो दुसरे हट्टे कट्टे मर्द बहुत पसंद आते है तो बस हमे भी उन्हें देखकर मजे लेने चाहिए।
फिर सपना समझ गई के शर्माना छोड़कर बस चुदाई के मजे लेने चाहिए। फिर सपना बोली के हर दम सेक्सी बनकर रहो तो कभी हमारे मर्द हमे छोड़कर कभी दूसरी औरत के पास जाएंगे ही नहीं। सोनम सपना की बात बहुत ध्यान से सुन रही थी। फिर सपना सोनम से लिप किस करने लगी तो फिर सोनम भी साथ देने लगी। फिर वो दोनो एक दूसरे के बदन को चूमने लगी। फिर उन दोनों ने जमकर एक दूसरे की चुत से अपनी चुत रगड़ी। फिर वो झड़ गई लेकिन काफी गर्म भी हो गई। अब उन्हें लण्ड चाहिए था। फिर सपना नंगी ही नीचे आई और फिर नरेश को ऊपर भेज दिया और खुद सपना मुझसे चुदने लगी। फिर चुदाई के बाद मैं और सपना नंगे ही सो गए। फिर सुबह जब सोनम नीचे आई तो उसने सपना को उठाया और फिर सपना को उसकी ब्रा पैंटी लाकर दी तो फिर सपना ब्रा पैंटी पहनकर घूमने लगी।
फिर जब सोनम आंगन से बाहर काम करने गई तो फिर सपना ने मुझे उठाया और फिर मैंने अंडरवियर पहन लिया। फिर कुछ देर बाद ऊपर से नरेश आ गया तो फिर हम सब साथ बैठकर चाय पीने लगे और खूब बातें करने लगे। फिर हमने शॉपिंग का प्लान बनाया। फिर सपना और सोनम ने जल्दी से घर का सब काम किया और फिर हम शॉपिंग करने चले गये। फिर सपना और सोनम ने अपने लिए काफी सारी सेक्सी ब्रा पैंटी ली और फिर फिर सपना ने सोनम के लिए शार्ट और सेक्सी ड्रेस ली। फिर मैं और नरेश एक दुकान से सेक्स टॉयज लेकर आये। जिसमे बड़े बड़े रबड़ के लण्ड, रिमोट वाले वाइब्रेटर और भी बहुत कुछ था। फिर वो सब सामान देखकर सोनम और सपना एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी।
फिर हम घर आये तब तक शाम हो चुकी थी। फिर घर आने के बाद मेरे कहने पर सपना ने एक ट्रांसपेरेंट ब्रा पैंटी पहन ली। जिसमे सपना बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर नरेश ने भी सोनम को एक छोटा सा टॉप और नीचे एक शार्ट जीन पहनाई। जिसमे की वो काफी सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने सोनम की चुत में एक वाइब्रेटर डाल दिया और फिर रिमोट से उसकी स्पीड कम ज्यादा करने लगा। जिससे सपना को बहुत ज्यादा मजा आने लगा। फिर शाम को खाना वगैरह खाने के बाद हम आंगन में ही बैठकर बातें करने लगे। तब मैं और नरेश सिर्फ अंडरवियर में थे। फिर नरेश ने भी सोनम को एक सेक्सी ब्रा पैंटी पहना दी थी। जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी।
फिर मैं वाइब्रेटर की स्पीड बढ़ाने लगा तो सपना का बुरा हाल होने लगा। उसे देखकर हम सब हंसने लगे। फिर कुछ देर तो वो खुद पर कंट्रोल करती रही लेकिन फिर जब मैंने वाइब्रेटर की स्पीड बढ़ा दी तो फिर सपना खुद को कंट्रोल नहीं कर पाई और फिर वो सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर उसने अपनी चुत पर हाथ रख लिया और बिस्तर पर लोटपोट होने लगी। जिस कारण उसके बोबे उसकी ब्रा से बाहर आ गए। फिर सपना उठी और मुझसे आकर चिपक गई और फिर वो मेरे लण्ड को बाहर निकालकर सहलाने लगी। ये देखकर फिर सोनम और नरेश वहां से जाने लगे। फिर उनके जाते जाते ही लगभग उनके सामने ही मेरे लण्ड को चुसने लगी। फिर मैंने सपना को नंगी कर दिया और फिर उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा और वाइब्रेटर को उसकी चुत में ही रहने दिया और उसकी स्पीड फुल कर दी। जिससे की सपना काफी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी।
उधर सोनम और नरेश भी काफी गर्म हो चुके थे तो फिर वो भी जाकर चुदाई करने लगे। मैं सपना की गाँड मारे जा रहा था। जिससे कि हम दोनों को ही बहुत मजा आ रहा था। फिर हम झड़ गये तो फिर हम लेटकर आराम करने लगे। फिर आराम करने के बाद मैंने सपना को हथकड़ियों से बिस्तर पर बांध दिया और फिर उसकी चुत और गाँड में रबड़ के बड़े बड़े लण्ड डाल कर आगे पीछे करने लगा। जिसमे की सपना को काफी मजा आया। सपना को देखकर मैं भी बहुत ज्यादा गर्म हो चुका था तो फिर मैं सपना की चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद हम सो गये।
फिर सुबह मैं और सपना देर तक सोते रहे। तब तक ऊपर से नरेश और सोनम नीचे आ चुके थे। फिर सोनम तो चाय बनाने लगी और नरेश हमारे पास आकर बैठ गया तो फिर उसने हमें उठाया। फिर सपना नंगी ही उठकर टॉयलेट चली गई और फिर मैं अंडरवियर पहनकर बैठ गया। तब सोनम हमारे लिए चाय लेकर आई तो मैं तो सोनम को देखता ही रह गया। तब सोनम ने पिंक कलर की ब्रा पैंटी पहन रखी थी। जिसमे से की उसके आधे से ज्यादा बोबे और गाँड दिख रही थी। फिर नरेश ने सोनम को अपने पास ही बैठा लिया और फिर उसकी कमर में हाथ डालकर बैठ गया। फिर इतने में सपना भी आ गई और वो नंगी ही आई और फिर रात वाली ब्रा पैंटी पहनकर हमारे साथ बैठकर चाय पीने लगी। तब बिस्तर पर रबड़ वाले लण्ड, हथकड़ियां और भी काफी समान पड़ा था। वो सब सामान देखकर नरेश और सोनम समझ गए थे के हमने रात कितनी मस्ती की है।
तब नरेश ने सोनम की चुत में वाइब्रेटर डाल रखा था उसका रिमोट उसके हाथ मे ही था। फिर जब नरेश ने वाइब्रेटर की स्पीड बढ़ाई तो सोनम को झटका सा लगा। जिसे देखकर हम सब हंसने लगे। फिर मैंने भी सपना को वाइब्रेटर अपनी गाँड में डालने के लिए कहा तो फिर उसने डाल लिया। फिर मैं और नरेश वाइब्रेटर की स्पीड घटा बढ़ाकर उन दोनों के मजे लेने लगे। जिससे की उन दोनों का बुरा हाल हो गया। फिर सोनम ने नरेश से कहा के प्लीज बंद कर दो इसे वरना मैं मर जाऊँगी। लेकिन नरेश कहाँ मानने वाला था उसने स्पीड और बढ़ा दी। सपना की गाँड मे वाइब्रैटर था तो सपना की गाँड थोड़ी थोड़ी हिलती हुई दिखाई दे रही थी। फिर वो दोनों आँगन में इधर उधर घूमने लगी। फिर जब वो सहन नहीं कर पाई तो फिर सोनम ने किचन में जाकर अपनी चुत से वाइब्रैटर निकाल दिया और फिर वो किचन में ही फर्श पर लेट कर आराम करने लगी। फिर उधर सपना ने भी अपनी गाँड से वाइब्रैटर निकाल दिया।
फिर मैंने कहा के बस इतनी ही देर सहन नहीं कर पाई। फिर सपना बोली के आप अपनी गाँड मे डालकर देखो। सपना की बात सुनकर हम सब हंस पड़े। फिर वो दोनों घर का काम करने लगी। फिर मैं और नरेश ऐसे ही कई दिनों तक उन दोनों के मजे लेते रहे। फिर मैं और सपना वापिस आने लगे तो सोनम और नरेश ने हमें बहुत कहा के कुछ दिन और रुक जाओ फिर चले जाना। वो दोनों हमें आने ही नहीं दे रहे थे। फिर मैंने सोनम और नरेश से कहा के तुम दोनों हमारी ढाणी आ जाना फिर वहाँ यहाँ से भी ज्यादा मजे करेंगे। फिर मैं और सपना वापिस आ गए। वापिस आने के बाद हम नरेश और सोनम से दिन में कई बार फोन पर बात करते। अब हमारा एक दूसरे के बिना दिल ही नहीं लग रहा था। अब हम काफी खुल चुके थे। सोनम बोली के मुझे तो अब मजा आने लगा था और इतने में आप दोनों वापिस ही चले गए। फिर मैं बोला के आप हमारे पास आ जाओ। फिर हम आपका मजा दुगुना कर देंगे। फिर सोनम बोली के मन तो करता है के सब छोड़ कर आ जाऊँ पर क्या करूँ नहीं आ सकती।
फिर एक महीने बाद ही मेरी बेटी रिया का जन्मदिन आने वाला था तो फिर उसके जन्मदिन पर मैंने नरेश और सोनम को कुछ दिनों के लिए आने के लिए कहा। फिर वो बोले के हम जरूर आएंगे। तब रिया 5 साल की होने वाली थी। फिर मैंने और सपना ने मिलकर जन्मदिन की पार्टी की तैयारी करने लगे। उस पार्टी में सिर्फ मैं, सपना, नरेश और सोनम और हमारे बच्चे ही होने वाले थे। इस कारण मैंने सपना से कहा के पार्टी कोई भी कैसे भी कपड़े पहन सकता है। फिर सपना बोली के मैं तो नंगी ही रहूँगी। फिर मैंने नरेश से भी यही कहा तो फिर वो बोला के मैं तो सोनम को सेक्सी सी बिकनी पहनने के लिए कहूँगा। फिर ऐसे ही पार्टी की तैयारी करते करते दिन निकल गए और फिर रिया का जन्मदिन आ गया।
फिर उसके जन्मदिन के लिए मैंने और सपना ने मिलकर एक रूम सजाया और एक बड़ा सा केक लेकर आए। सपना ने रिया के लिए एक सुंदर सी फ्रॉक ली और फिर वो ही उसे पहनाई। फिर मैंने तो तैयार होकर सिर्फ एक अन्डरवियर पहन लिया जिसमे की मेरा लंड साफ दिख रहा था। सपना ने कुछ नहीं पहना और उसने मेकअप वगैरह किया और गले मे एक गोल्ड की चैन पहनी और पैरों में हाई हील के सैंडल पहने। वो तब इतनी सेक्सी लग रही थे के पूछो मत। फिर इतने मैं नरेश और सोनम भी आ गए। तब उन्होंने पूरे कपड़े पहन रखे थे। लेकिन फिर घर के अंदर आते ही उन दोनों ने हमारे सामने ही अपने कपड़े खोल दिए। तब नरेश ने अन्डरवियर पहना था और सोनम ने बिकीनी। सोनम की बिकनी ऐसी थी के उसमे से सोनम की गाँड पूरी की पूरी दिख रही थी। वो थॉंग वाली पैंटी थी जो की सोनम की गाँड की दरार में फसी हुई थी।
फिर हम एक दूसरे से गले मिले। सोनम भी मेरे गले लगी। फिर मैं सोनम की कमर मे हाथ डालकर खड़ा हो गया और सोनम को जरा भी शर्म नहीं आ रही थी। फिर तब हमारे लड़के 3 साल के थे। फिर हमने केक काटा और फिर म्यूजिक लगाकर नाचने लगे। पहले हम बच्चों के साथ नाच रहे थे। लेकिन फिर रात ज्यादा हो गई तो सोनम और सपना ने बच्चों को खाना खिलाकर सुला दिया। फिर हम चारों नाचने लगे। तब सोनम और सपना अपनी गाँड मटका कर ऐसे नाच रही थी के मेरा और नरेश का तो लंड खड़ा हो गया। फिर मैंने अपना अन्डरवियर उतार दिया और फिर सपना की गाँड मे लंड रगड़ रगड़ कर नाचने लगा। फिर नरेश ने भी ऐसा ही किया। सपना तो पूरी नंगी थी ही तो फिर मैं उसे वहीं घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर हमें देखकर नरेश ने भी सोनम को घोड़ी बना लिया और उसे चोदने लगा। चुदाई के टाइम नरेश ने सोनम की बिकीनी को खोल दिया और फिर सोनम को पूरी नंगी करके चोदने लगा। फिर चुदाई के बाद मैं और नरेश सपना और सोनम के बदन को सहलाने और दबाने लगे।
फिर ऐसे काफी देर मस्ती करने के बाद हमने म्यूजिक बंद किया और फिर हम छत पर चल गए। छत पर हमने सोने के लिए गद्दे लगा रखे थे। फिर वहाँ जाकर सोनम और सपना हमारे लंड चूसने लगी और फिर हम उन दोनों की चुदाई करने लगे। फिर चुदाई के बाद रात ज्यादा हो गई थी तो फिर हम सो गए। फिर जब सुबह उठे तो हम सब नंगे थे। सोनम थोड़ी बहुत शर्मा रही थी और बाकी हममे से किसी को भी रत्ती भर भी शर्म नहीं आ रही थी। फिर सोनम नंगी ही जाकर हम सबके लिए चाय बनाकर लाई। फिर चाय पीने के बाद हम चारों नंगे ही खेतों मे घूमने चले गए। ऐसे सरेआम नंगे खेत मे घूमने में सोनम को काफी मजा आ रहा था। हम चारों फिर दौड़ लगाने लगे। फिर दौड़ लगाने के बाद हम चारों एक जगह जाकर बैठ गए। तब गलती से मैं सोनम के पास जाकर बैठ गया और नरेश सपना के साथ। फिर सपना ने बिना देखे ही नरेश का लंड पकड़ कर सहलाने लगी और फिर सोनम ने भी मेरा लंड पकड़ लिया।
फिर उसने जब सामने नरेश को देखा तो फिर उसने मेरी तरफ देखा और फिर उसने मेरे लंड से हाथ हटा लिया और हंसने लगी। लेकिन सपना नरेश का लंड सहलाती रही। फिर सपना सोनम से बोली के इन दोनों ने तो पता नहीं कितनी दूसरी चूतों से मजे किये है। क्यों न हम भी आज दूसरे लंड से मजे कर ले। कभी न कभी तो ये होगा ही। फिर आज ही क्यों नहीं। फिर इतना कहकर सपना नरेश के ऊपर जाकर नरेश का लंड अपनी चुत में लेकर ऊपर नीचे होने लगी। मैं और सोनम उन्हे देखने लगे। फिर सोनम ने मेरी तरफ देखा तो फिर सोनम मेरी आँखों मे देखती रही। फिर मैं सोनम से लिप किस करने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर वो फिर से मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैंने सोनम को घोड़ी बनाया और फिर सोनम की चुदाई करने लगा। मैंने पीछे से सोनम की चुत और गाँड मारने लगा। उधर हमारे सामने सपना और नरेश दोनों भाई बहन मिलकर चुदाई का फुल मजा ले रहे थे।
फिर चुदाई के बाद सोनम मेरे गले लग गई और उधर सपना नरेश के। फिर नरेश सपना से बोला के दीदी आप बहुत मस्त हो। आपको चोदने का मेरा बहुत मन करता था पर मैं कभी कह ही नहीं पाया था। फिर सपना बोली के कहना क्या था सीधा ही मुझसे कर लेता। मैं बिल्कुल बुरा नहीं मानती। फिर मैं सोनम के बोबो को सहलाने लगा। फिर सपना बोली के दूसरे लंड से चुदने में बहुत मजा आया। आज पता लगा के आप दोनों दूसरी औरतो को चोदकर इतना खुश क्यों होते हो। फिर हम साथ में घर आने लगे। तो आते आते मैं सोनम की गाँड की दरार सहलाये जा रहा था। लेकिन सोनम ने मुझे कुछ भी नहीं कहा। उधर नरेश भी सपना के बदन को सहला रहा था। फिर हम घर पहुंचे। फिर सोनम और सपना और खाना वगैरह बनाया और फिर उन्होंने बच्चों को एक कमरे मे बंद कर दिया ताकि वो वहीं खेलते रहे और फिर खेलते खेलते सो जाए। फिर हम सब ने भी नहाकर खाना खाया और फिर हम बेड पर जाकर लेट गए। फिर नरेश तो सपना की चुदाई फिर से करने लगा।
फिर मैं भी सोनम को चोदने लगा। हम चारों को ही तब इतना मजा आ रहा था के पूछो मत। सोनम भी मेरे लण्ड से चुदवाकर काफी खुश थी। फिर मैंने और नरेश ने एक साथ चुदाई करने का प्लान बनाया। फिर शाम को मैं और नरेश सपना के पास गए तो सपना हम दोनों के लण्ड सहलाने लगी। फिर नरेश नीचे लेट गया तो फिर सपना उसके ऊपर उसका लण्ड चुत में लेकर घोड़ी बन गई। फिर मैं पीछे से सपना की गाँड मारने लगा। हम दोनों के लण्ड एक साथ लेकर सपना बहुत ज्यादा खुश हुई। सोनम भी ये देखकर काफी खुश हुई। फिर हम तीनों एक साथ झड़े और हमे बहुत मजा आया। फिर सपना तो साइड में होकर लेट गई और फिर नरेश ने सोनम से हम दोनों के लंड चुसने के लिए कहा तो फिर सोनम वैसे ही करने लगी। फिर जब हमारे लण्ड खड़े हो गए तो फिर मैं नीचे लेट गया और सोनम सपना के जैसे ही मेरे लण्ड चुत में लेकर बैठ गई। फिर पीछे से नरेश सोनम की गाँड मारने लगा। दो लण्ड का लेकर सोनम की तो मजे से आंखें बंद हो गई।
फिर कुछ देर बाद जब हम झड़े तो हमने अपना पानी सोनम की गाँड और चुत में छोड़ दिया। इस तरह फिर हम चुदाई कर मजे लेने। नरेश और सोनम कुछज दिन हमारे पास रहे। इन दिनों में हमने काफी मजे किये। फिर वो दोनो चले गए। लेकिन उनके जाने के बाद मुझे सोनम की बहुत याद आने लगी और उधर नरेश भी सपना को याद कर करके मूठ मारता। अब मैं और सोनम फोन पर काफी सेक्सी बातें करते। जिससे वो गर्म हो जाती तो फिर वो नरेश से खूब चुदवाती। इधर मैं सपना की खूब चुदाई करता। फिर ऐसे ही चलता रहा। लेकिन नरेश से अब सपना की चुदाई के बगैर बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा था। फिर मैंने नरेश से कहा के वो आकर सपना को कुछ दिन के लिए अपने पास ले जाये और सोनम को यहां छोड़ जाए और सास ससुर से कह देना के सोनम अपने गांव चली गई। ये आईडिया इसे काफी पसंद आया। फिर वो अगले दिन ही आया और सोनम को छोड़ गया और सपना को ले गया।
फिर वहां सास ससुर से छुपकर वो दोनो भाई बहन खूब चुदाई करते और इधर मैं सोनम को नंगी ही रखता और हम भी चुदाई के खूब मजे लेते। फिर ऐसे ही चलने लगा। सपना काफी मस्त औरत है उसे चोदकर किसी का मन भरता ही नहीं है। जिस कारण नरेश सपना को कई महीनों तक अपने पास ही रखता और इधर सोनम मेरे पास रहती और हम खूब मजे लेते। फिर मेरी सास को शक ना हो इसलिए नरेश सपना को 2-3 महीनों बाद छोड़ जाता और सोनम को ले जाता। फिर मैं और सपना जमकर चुदाई करते।
अब सपना के साथ साथ सोनम भी पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी। मैंने और नरेश ने उन दोनों को इतना चोदा के उनके सभी छेद पूरी तरह से खुल गए। हम उन दोनों को लगभग हर एक पोज में चोद चुके थे। फिर हम सोचते रहते के और नया क्या किया जाए कि जिसमे बहुत मजा आये।
फिर मेरे ससुर यानी सपना के पापा कुछ दिनों के लिए हमारे पास रहने आये। उनके आ जाने के कारण मैं और सपना फिर ज्यादा मस्ती नहीं कर पाते थे। लेकिन फिर भी मौका मिलने पर हम चुदाई कर लेते। सपना मुझे कहती रहती थी के सारे मर्द एक जैसे होते है और सबकी नजर दूसरी औरतो पर ही होती है। फिर मैं बोला के उन मर्दो में तुम्हारे पापा भी आते हैं क्या। फिर सपना बोली के नहीं मेरे पापा ऐसे नहीं है। फिर मैंने कहा के मर्द तो वो भी है। मन तो उनका भी करता होगा। फिर सपना बोली के वो तो अब बूढ़े हो गए है। उनका मन अब कहाँ करता होगा। फिर मैं बोला के आजमा के देख लो। फिर सपना बोली के कैसे। फिर मैं बोला के उन्हें कुछ दिन अपनी जवानी के जलवे दिखाओ। फिर देखते है क्या होता है। फिर सपना बोली के देख लेना। मेरे पापा औरों जैसे नहीं है। फिर मैं बोला के ये तो बाद में ही पता चलेगा। फिर शुरू हुआ असली खेल। जिसमे बहुत मजा आने वाला था।
सपना की सारी शर्म अब जा चुकी थी। वो अब कभी भी किसी के भी सामने नंगी हो सकती थी। मेरे ससुर जो कि काफी बड़े आदमी है लेकिन वो जमीन से जुड़े हुए इंसान है। मैं जब सुबह सुबह खेत मे काम करने जाता तो फिर वो भी मेरे साथ चले आते और मेरे साथ काम करवाते। मैं उन्हें मना करता लेकिन वो मानते ही नहीं थे। उनका मानना था के शरीर से जितना काम लिया जाए शरीर उतना ही फिट रहता है। फिर जब खाने का टाइम होता तो सपना खाना लेकर खेत मे ही आ जाती और फिर हम वहां बैठकर खाना खाते। सपना भी हमारे साथ ही खाना खाती। सपना अपने पापा के सामने मुझसे कुछ ज्यादा शर्म नहीं करती थी। फिर खाना खाने के बाद सपना भी हमारे साथ काम करवाने लग जाती। सपना की बॉडी काफी सुडौल है और काम वगैरह करने की वजह से वो काफी सेक्सी हो गई है। सपना खेत मे पुराने कपड़े पहनकर ही आती जो कि घिसे हुए होते। फिर पसीना आता तो सपना के घिसे हुए सूट में से सपना के बोबे साफ दिखाई देते।
जिन्हें सपना बिल्कुल भी नहीं छुपाती और कई बार तो अपने दुपट्टे से अपने बोबो का पसीना पोंछ भी लेती। कुछ देर काम करने के बाद फिर हम तीनों घर पर जाकर नहाकर सो जाते। अब ससुर आये हुए थे तो मैं ससुर के साथ ही बाहर वाले कमरे में सोता था। जब ससुर को नींद आ जाती तो फिर मैं अंदर जाकर सपना की चुदाई कर लेता और फिर वापिस आकर सो जाता। फिर दोपहर बाद हम उठते और फिर चाय वगैरह पीकर मैं तो फिर से खेत मे चला जाता और ससुर कमरे में ही आराम करते। फिर जब शाम हो जाती तो फिर ससुर खेत मे घूमने के लिए आ जाते। तब गर्मियों के दिन थे और काफी गर्मी पड़ती थी।
फिर शाम को मैं और ससुर दोनो साथ मे ही खाना खाते और फिर बाहर आकर सो जाते। हमारे बाहर आते ही सपना नंगी हो जाती। क्योंकि एक बार खाना खाने के बाद ससुर वापिस अंदर नहीं जाते थे। इस प्रकार हमारी दिनचर्या चल रही थी।
फिर सपना ने अपने जलवे दिखाने शुरू कर दिए। वो अब बिल्कुल घिसे हुए पतले सूती सूट पहनने लगी। जो कि जल्दी ही पसीने से भीग जाते और फिर सपना के बोबे साफ दिखाई देते। सपना अपने बोबो को ढकने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं करती थी जिस कारण उसे देखने वाले कि सीधी निगाह उसके बोबो पर ही जाती। सपना गहरे गले के टाइट सूट पहनती थी जिस कारण उसके बदन का आकार साफ दिखाई देता था और उसके बोबो की गहराइयाँ भी साफ नजर आती रहती थी।
फिर एक दिन जब हम तीनों सुबह काम करके वापिस आ रहे थे तो फिर सपना ट्यूबवेल के पानी मे नहाई। जिससे के वो पूरी की पूरी भीग गई। भीगने के कारण उसका सूट उसके बदन पर चिपक गया जिससे कि उसके बोबे इतने साफ दिखने लगे जैसे कि उसने कुछ पहना ही ना हो। ये नजारा देखकर ससुर का तो पता नहीं पर मेरा लण्ड जरूर खड़ा हो गया था। फिर घर जाते ही मैंने सपना की चुदाई की।
सपना जब झुक कर झाड़ू लगाती तो उसके बोबे उसके सूट से बाहर आने को बेताब हो जाते और ये नजारा सपना अपने पापा को रोज दिखाती। सपना के इन सब कारनामो की वजह से अब ससुर को भी सपना को ऐसे देखना अच्छा लगने लगा था और ये बात सपना ने ही मुझे बताई थी।
एक दिन शाम को सपना घर के पीछे पशुओं का दूध निकाल रही थी। तब वहां ससुर चले गए। तब वहां ससुर चले गए। फिर जब सपना दूध निकाल कर उठी तो उसके सूट में से उसके बोबे दिख रहे थे। तब ससुर की आंखें सपना के मुंह को नहीं बल्कि सपना के बोबो को देख रही थी। सुबह सुबह सपना जब झाड़ू लगाती तो तब भी ससुर सपना के लटकते हुए बोबो को देखते रहते थे। ऐसा करते हुए सपना ने उन्हें खुद पकड़ा था। फिर जब ये सब सपना ने मुझे बताया तो फिर सपना बोली के मैं गलत थी। फिर मैंने सपना से कहा के इसमे तुम्हारे पापा या तुम्हारी गलती नहीं हैं। मर्द औरत होते ही ऐसे है। वो दोनो एक दुसरे की तरफ आकर्षित होते ही हैं। यही प्रकृति का नियम है। कल को अगर रिया भी मेरे सामने बिकिनी पहनकर आएगी तो मेरा भी उसे देखना का नजरिया ऐसा ही होगा। अगर तुम्हारे पापा बॉडी बिल्डर होते और जब तुम उन्हें नंगा देख लेती तो तुम्हारा मन भी उनके साथ चुदाई करने का जरूर करता।
फिर सपना कहती के सही कह रहे हो आप। फिर सपना बोली के तो अब क्या करें। फिर मैं बोला के बस मजे करो। फिर सपना बोली के कैसे। फिर मैं बोला के मैं बस जैसे कहता हूँ वैसे ही करती जाओ। फिर सपना हँसकर बोली के ठीक है।
फिर एक दिन रात को ससुर के सो जाने के बाद मैं सपना के पास चला गया और फिर हमने खूब चुदाई की। फिर चुदाई के बाद हम ऐसे ही बातें करने लगे। फिर मैंने सपना से पूछा के तुमने अपने मम्मी पापा की चुदाई देखी है। फिर सपना बोली के हां एक बार देखी थी। फिर मैंने कहा के तुम्हारा उनके सामने नंगी होने का मन नहीं करता। फिर सपना हँसकर बोली के करता तो है पर शर्म भी आती है उनसे। फिर मैंने कहा के चलो मैं तुम्हारी शर्म को दूर कर देता हूँ। फिर सपना बोली के वो कैसे। फिर मैंने कहा के तुम अभी अपने पापा के पास नंगी ही जाओ। फिर सपना बोली के नहीं नहीं मैं नहीं जाऊंगी। फिर मैंने सपना से कहा के अरे अभी वो सोए हुए है तो अभी उनके पास नंगी जाने में क्या प्रॉब्लम है। मेरी बात सुनकर सपना हंसने लगी और बोली के ये तो मैंने सोचा ही था। फिर वो बोली के चलो।
फिर मैं और सपना खड़े होकर पापा के पास चले गए और सपना अपने बोबो को सहलाती हुई ससुर की चारपाई के आसपास घूमने लगी। उसे तब काफी मजा आ रहा था। फिर कुछ देर के बाद हम वापिस अंदर आ गए। वो तब काफी खुश थी। फिर मैंने सपना से कहा के कल ससुर के सो जाने के बाद तुम नंगी होकर आ जाना। फिर हम मेरी चारपाई पर चुदाई करेंगे। फिर सपना बोली के ठीक है।
फिर अगली रात ससुर के सो जाने के बाद मैं नंगा होकर लेट गया और सपना के आने का इंतजार करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद सपना आई और आकर मेरे साथ लेट गई। वो तब पूरी नंगी ही थी। फिर मैं उसके बदन को सहलाने लगा। फिर हम चुदाई करने लगे। मैंने सपना को तब सीधी लेटाकर और घोड़ी बनाकर काफी देर तक चोदा। फिर चुदाई के बाद हम दोनों घर के अंदर चले गए। तब सपना बोली के आज तो मजा आ गया। फिर मैंने उसे कहा के आगे आगे देखती जाओ। कितने मजे आते है।
अब सपना की हिम्मत काफी हद तक बढ़ गई थी तो सपना रात को ससुर की चारपाई पर बैठ जाती और ससुर की चारपाई के चारो तरफ नंगी होकर चक्कर लगाती। फिर मैं भी सपना को ससुर की चारपाई के पास खड़ा करके चुदाई करता। जिससे कि हम दोनों को ही खूब मजा आता। फिर मैंने सपना से दिन में कमरे में नंगी होकर आने के लिए कहा। फिर एक दिन जब दोपहर को मैं और ससुर कमरे में सोए हुए थे तो फिर सपना नंगी होकर कमरे में आई। फिर वो कमरे में किसी मॉडल की तरह घूमने लगी। फिर मैंने सपना का हाथ पकड़कर उसे अपने पास बैठा लिया और उसके बदन को सहलाने लगा। फिर हम कुछ देर तो ऐसे ही मस्ती करते रहे और फिर वो मेरा लण्ड चुसने लगी। जब मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो फिर हम दुसरे कमरे में जाकर चुदाई करने लगे।
फिर सपना लगभग रोज ही दोपहर और रात को आती और फिर हम मस्ती करते। सपना को भी ऐसे बहुत मजा आने लगा था। फिर एक बार दोपहर को जब ससुर गहरी नींद में बेड पर सोए थे तो तब सपना उनके साथ बेड पर ही नंगी लेट गई थी। ये देखकर तो मैं देखता ही रह गया।
रोज रात को सोने से पहले सपना मेरे और ससुर के लिए दूध लेकर आती थी। तब मैं और ससुर कमरे के बाहर चौकी पर लेटे होते थे। तब चौकी पर अंधेरा ही होता था और जब सपना ससुर को दूध देती तो तब सपना ससुर के एक दम पीछे होती थी तो ससुर सपना को देख नहीं पाते थे। फिर इसी बात का फायदा उठाकर मैंने सपना से नंगी आने के लिए कहा। फिर पहले तो सपना मना करने लगी लेकिन फिर मान गई। फिर रात को खाने के बाद मैं और ससुर तो कमरे के बाहर जाकर बैठ गए और बातें करने लगे। लेकिन मुझे तो तब सपना का इंतजार था। फिर कुछ देर बाद सपना दूध लेकर आई और वो तब पूरी नंगी थी।
फिर सपना आकर ससुर के पीछे खड़ी हो गई और दूध के ग्लास सपना के सामने कर दिए। फिर ससुर ने बिना पीछे मुडे ही दूध का एक ग्लास लेकर पीने लगे और फिर मैंने भी दूध का ग्लास उठा लिया। फिर सपना वापिस जाने लगी तो उसकी मटकती गाँड देखकर मैं तो देखता ही रह गया। फिर दूध पीते ही पापा तो सो गए और फिर मैं अंदर चला गया। फिर सपना हंसते हुए मेरे गले लग गई और बोली के अगर पापा पीछे देख लेते तो। फिर मैं बोला के तो फिर वो भी अपनी बेटी की जवानी के दर्शन कर लेते। ये सुनकर मैं और सपना जोर जोर से हंसने लगे। फिर मैंने और सपना ने जमकर चुदाई की।
फिर इसके बाद तो सपना रोज रात को नंगी ही आकर हमे दूध देने लगी। अगर पापा कभी सपना की तरफ देखने की कोशिश भी करते तो सपना पापा के पीछे हो जाती और वैसे भी अंधेरा होता तो उन्हें कुछ खास दिखाई भी नहीं देता था। साथ मे उनकी आंखें भी खराब थी तो उन्हें चश्मे के बगैर कम ही दिखाई देता था। फिर इसी तरह सपना दोपहर को ससुर के उठने से पहले ही कमरे में चाय रखकर चली जाती। फिर मैं ससुर को उठाता और फिर हम चाय पीते। ससुर आंगन में कम ही जाते थे तो फिर सपना अब नंगी रहकर ही काम करने लगी।
ससुर रोज कमरे के बाहर चौकी पर बैठकर नहाते थे और नहाते टाइम वो कभी कभी अपनी पीठ मसलवाते थे। फिर सपना रोज ही उनकी पीठ मलने लगी। ससुर नहाते तब उनकी पीठ कमरे की तरफ ही होती थी तो सपना चाहे कपड़े पहनकर उनकी पीठ मले या नंगी होकर उन्हें क्या फर्क पड़ने वाला था। फिर मैंने सपना से नंगी होकर पीठ मलने के लिए कहा तो वो झट से तैयार हो गई। फिर अगले दिन जब ससुर चौकी पर बैठकर नहाने लगे तो तब सपना कमरे में आ गई और फिर कपड़े खोलकर नंगी हो गई। फिर जब ससुर साबुन लगाने लगे तो फिर सपना नंगी ही उनके पीछे जाकर बैठ गई और फिर ससुर के हाथ से साबुन लेकर उनकी पीठ पर लगाने लगी।
फिर साबुन लगाने के बाद सपना वापिस कमरे में आ गई और फिर कपड़े पहनकर फिर से काम करने लगी। फिर तो सपना लगभग रोज ही ऐसे ही करने लगी। सपना का डर शर्म अब सब खत्म हो चुका था। फिर सपना अपने पापा के साथ छोटी छोटी शरारतें करने लगी। सपना अपने ब्रा पैंटी खुलेआम सुखाने लगी। जहां सबकी नजर पड़ जाती थी। फिर एक दिन जब सपना अपने पापा को कपड़े देने गई तो उसने उनके साथ अपनी ब्रा पैंटी भी रख दी। फिर नहाने के बाद ससुर ने अपने कपड़े तो पहन लिए और सपना की ब्रा पैंटी को वहीं बेड पर छोड़ दिये। फिर जब सपना चाय देने गई तो फिर वो अपनी ब्रा पैंटी उठाकर ले आई। ऐसा सपना ने कई बार किया। एक बार तो सपना ने ट्रांसपेरेंट ब्रा पैंटी रख दी थी और जब सपना चाय लेकर कमरे में गई तो तब उसके पापा उसकी ब्रा को हाथ मे लेकर देख रहे थे। फिर सपना को देखकर उन्होंने ब्रा छोड़ दी और फिर चाय पीने लगे। फिर चाय देकर सपना सीधे ही आने लगी तो फिर उसके पापा ने उसे ब्रा पैंटी ले जाने के लिए बोला तो फिर सपना मुस्कुराकर ब्रा पैंटी उठाकर ले आई।
बात यहीं तक खत्म नहीं हुई थी। सुबह सुबह ससुर ने मेरे साथ खेत में आना बन्द कर दिया था तो फिर वो आंगन में जाकर चारपाई पर बैठ जाते और फिर सपना से बातें करते रहते। फिर एक दिन सपना ने चारपाई पर बिस्तर के नीचे कंडोम का पैकेट रख दिया था। फिर बिस्तर समेटने के लिए उसने पापा से उठने के लिए कहा तो फिर उसके पापा जैसे ही बिस्तर से उठे तो फिर सपना ने बिस्तर समेटना शुरू किया और फिर उन दोनों बाप बेटी की नजर उस कंडोम वाले पैकेट पर गई। फिर सपना ने उस कंडोम के पैकेट को बिना किसी शर्म के उठाया और फिर अंदर चली गई। फिर वो और उसके पापा फिर से बातें करने लगे।
मैं और सपना लगभग रोज ही चुदाई करते थे तो फिर चुदाई के बाद सपना कंडोम को टॉयलेट में बाहर ही रख देती। फिर जब पापा टॉयलेट जाते तो फिर वो कंडोम को कुई में डाल देते। लेकिन अगले दिन फिर सपना कंडोम बाहर ही छोड़ आती और उसके पापा फिर उसे अंदर डाल देते। एक दिन तो हद ही हो गई। सपना ने चुदाई के बाद कंडोम को चारपाई के नीचे ही रख दिया। जब उसके पापा अंदर आये तो उन्होंने जब वो कंडोम देखा तो फिर वो सपना के सामने ही उस कंडोम को उठाकर टॉयलेट में डालने चले गए। ये देखकर सपना हंसने लगी। फिर सपना अलग अलग जगह कंडोम रखने लगी। कभी वो आंगन के एक कोने में कंडोम रख देती तो कभी आंगन के बाहर। फिर जब उसके पापा वो कंडोम देखते तो वो उन्हें उठाकर टॉयलेट में डाल आते। बेचारे करते भी क्या।
इस तरह सपना अपने पापा के मजे लेती रही। अब ससुर को भी अपनी बेटी में काफी इंट्रेस्ट आने लगा था। उन्हें अब अपनी बेटी की जवानी को निहारने में मजा आने लगा था। सपना भी कहाँ कम थी। वो भी खुलकर अपनी जवानी दिखाती। जिस कारण ससुर का भी लण्ड खड़ा हो जाता था। ये देखकर सपना भी और ज्यादा बेशर्म होने लगी। उन दोनों माँ बेटी के बीच तब एक अलग ही तालमेल बैठ गया था। ससुर से अब अपनी बेटी के बोबे देखे बगैर नहीं रहा जाता था और सपना से अपने पापा को बोबे दिखाए बगैर नहीं रहा जाता था। जब सपना पापा को झुककर चाय वगैरह देती तो वो एक हाथ अपने बोबो के नीचे रखकर अपने बोबो को ऊपर कर देती जिससे कि आधे से ज्यादा सपना के बोबे दिखाई देने लग जाते। फिर ससुर भी सपना के बोबो को देखते।
ऐसे ही जब सपना का कुर्ता पसीने से भीगा होता तो वो अपने पापा को देखकर अपने कुर्ते को पीछे से पकड़कर थोड़ा टाइट कर लेती जिससे कि उसके बोबे साफ दिखाई देने लग जाते। ये नजारा देखकर तो ससुर क्या कोई और आदमी भी देखता ही रह जाये। लेकिन फिर बात यहीं कहाँ रुकने वाली थी। अब सपना अपने पापा को अपनी चुदाई दिखाना चाहती थी। ससुर को भी पता था के हम रोजाना चुदाई करते है। लेकिन वो हमें देखते हैं या नहीं ये हमे नहीं पता था।
फिर रात को मैं पापा के सोने से पहले ही अंदर जाने लगा और फिर आंगन की लाइट जलाकर मैं और बीवी खूब चुदाई करते। बाहर वाले कमरे की खिड़की आंगन में खुलती थी और जब खिड़की खुली होती तो पता चल जाता था। ससुर हमें उस खिड़की के द्वारा ही देख सकते थे। फिर चुदाई करते करते जब हमने देखा तो खिड़की खुली हुई थी। ये देखकर मैं सपना की और अच्छे से चुदाई करने लगा और फिर सपना भी काफी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी।
इस प्रकार उस रात मैंने सपना की काफी अलग अलग पोज में चुदाई की। फिर मैं सपना के साथ ही आंगन में ही सो गया। फिर अगले दिन सुबह सुबह जब सपना बाहर वाले कमरे की झाड़ू लगाने गई तो देखा के फर्श पर लण्ड का पानी पड़ा था। ये देखकर सपना सब कुछ समझ गई के रात को उसके पापा ने उसकी चुदाई देखकर अपना लण्ड हिलाया था। फिर ये बात उसने मुझे भी बताई। फिर तो सपना रोज मुझसे चुदने लगी और ससुर भी हमे रोज देखने लगे। ऐसा कई दिन तक चलता रहा।
फिर चुदाई के टाइम हम ऐसे जताने लगे के जैसे मैं सपना को संतुष्ट नहीं कर पाता हूँ और वो प्यासी ही रह जाती है। फिर सपना अपने पापा को सुनाते हुए मुझसे जोर से कहती के मेरी चुत की प्यास बुझाओ। फिर मैं ने कहा के तुम बहुत गर्म हो। तुम्हारी चुत की प्यास अब मुझ अकेले से नहीं बुझेगी। अब तो 2-3 मर्द चाहिए जो तुम्हे रंडी की तरह चोदकर तुम्हारी प्यास बुझायें। फिर ये सुनकर सपना नाराज हो गई और फिर वो लाइट बन्द करके लेट गई। इस तरह फिर ये ड्रामा हमने एक दिन और किया।
फिर पहले तो ससुर ने कुछ नहीं कहा और एक दिन जब सपना चाय देने गई तो ससुर ने सपना को अपने पास बैठाया और फिर उससे पूछने लगे के बेटी सब कुछ ठीक है ना। फिर सपना ने कहा के हां पापा सब ठीक है। फिर ससुर ने उससे कहा के तू खुश है ना। फिर सपना बोली के हां। ससुर की इन सब बातों से हम समझ गए थे के ससुर का भी अब थोड़ा थोड़ा मन करने लगा है। उनकी आंखों में अब सपना के प्रति वासना साफ दिखाई देने लगी थी। फिर सपना ससुर से चिपकने लगी। वो कभी उनके गले लग जाती तो कभी उनके पैर दबाती। जिस कारण ससुर अपनी बेटी के बदन को सहलाते। जिस तरह से वो सपना के बदन को सहलाते तो वो एक बेटी के प्रति एक बाप का प्यार तो बिल्कुल नहीं था।
इस प्रकार पापा कुछ दिन और हमारे पास रहे और फिर वो वापिस चले गए। उनके वापिस जाने से पहले सपना कई बार पापा के गले लगी और पापा ने भी सपना के बदन को खूब सहलाया। जिससे कि उनकी नीयत साफ पता चल गई थी। फिर पापा के जाने के बाद मैंने सपना से पूछा के अपने पापा से चुदना हैं क्या। फिर सपना मुस्कुराकर बोली के अब क्या फर्क पड़ता है चाहे चुत में किसी का भी लण्ड जाए। आएगा तो मजा ही। सपना की ये बात सुनकर मैं और सपना दोनो हँसने लगे।
ससुर के जाने के बाद मैं और सपना अकेले रह गए थे। हमारा किसी चीज में मन ही नहीं लगता था। फिर हमने रिया को कुछ दिनों के लिए हमारे पास बुला लिया। तब रिया के स्कूल की कुछ दिनों की छुट्टियां थी। तब रिया 8 साल की थी। फिर रिया के आने बाद भी मैं और सपना नंगे ही रहते। फिर सपना ने रिया को भी नंगी रहने के लिए कहा। रिया मेरे लण्ड से खेल खेल कर ही बड़ी हुई थी। लेकिन इस बार वो शर्मा रही थी। लेकिन फिर मेरे कहने पर वो अपनी सब शर्म छोड़कर मेरे लण्ड से फिर से खेलने लगी। वो मेरे लण्ड को खूब सहलाती और फिर कई बार तो मेरे लण्ड से पिचकारी निकल जाती जिसे देखकर वो खूब हंसती।
फिर मैं और सपना रिया के सामने ही चुदाई करने लगे। मेरा लण्ड सपना की चुत में जाता तो ये देखकर रिया देखती ही रह जाती। फिर सपना ने रिया को चुदाई के बारे में सब कुछ बताया। फिर सपना में रिया से कहा के तुम अपनी चुत संभालकर रखना और अगर कोई आदमी तुम्हारे शरीर को गलत तरीके से छुए तो हमे बताना। फिर सपना ने रिया से कहा के हम तीनों मिलकर ऐसे मजे करते है। ये बात भी किसी को मत बताना और यहां के अलावा ना ही तुम नंगी होना। रिया सब समझ गई थी तो उसने कहा के ठीक है। तब रिया की चुत एकदम चिकनी थी और थोड़े बहुत ही बाल आये हुए थे। मैं रिया की चुत सहला लेता था और रिया तो मेरा लण्ड पकड़े ही रखती थी। फिर जब सपना मेरा लण्ड चुस्ती तो फिर रिया का मन भी लण्ड चुसने का करने लगा तो फिर सपना ने उससे मेरा लण्ड चुसवाया। सपना बोली के ये अभी नहीं सीखेगी तो कब सीखेगी। फिर रिया का मन करता तब वो मेरा लण्ड चुसने लग जाती है। रिया को भी हमारे साथ अब मजा आने लगा था।
सपना की चुदाई से पहले रिया मेरे लण्ड को चूसकर खड़ा कर देती और फिर मैं सपना की जमकर चुदाई करता। रिया को अभी पीरियड नहीं आये थे। रिया को अगर एक बार पीरियड आने लग जाएंगे तो फिर वो भी लण्ड मांगने लगेगी। ये बात मुझे और सपना दोनो को मालूम थी। फिर सपना बोली के मैं तो इसके लिए उसे खुली छूट दे दूंगी के वो अपनी पहली चुदाई किसी से भी करवाये। पर मैं चाहता था के पहली बार रिया मुझ से ही चुदवाये। रिया मुझसे काफी प्यार करती थी। फिर मैं उसे पटाने लगा के वो अपनी पहली चुदाई मुझ से ही करवाएं। मैं सपना की चुदाई करता तो रिया को चुदाई के बारे में सब कुछ मालूम हो गया था। चुदाई करते टाइम रिया हमें काफी गौर से देखती थी।
फिर रिया हर शनिवार को हमारे पास आने लगी और फिर रविवार को हमारे पास ही रहती और फिर वो चली जाती। जब वो आती तो वो हमसे मिलकर काफी खुश होती और मैं और सपना भी रिया से मिलकर काफी खुश होते। रिया और सपना दोनो मिलकर मेरे लण्ड से खेलती और फिर रिया के सामने ही सपना मेरा लण्ड अपनी चुत में लेकर चुदने लगती। हम तीनों एक साथ नंगे ही सोते थे। जब रिया मेरे पास सोती तो मेरा लण्ड उसकी टांगो के बीच मे चला जाता और फिर कई बार मैं अपना लण्ड उसकी चुत पर रगड़ भी देता। तब रिया के मटर के दाने जितने ही बूब थे। रिया सपना के बोबो के साथ खूब खेलती। फिर सपना तो रिया से अपनी चुत भी चटवा लेती।
इस तरह सपना को देखकर रिया भी दिनों दिन काफी कुछ सीख गई थी। फिर इसके बारे में भी हमने किसी को भी नहीं बताया और मैं, सपना और रिया ऐसे ही मस्ती करते रहे। हालांकि रिया तब इन सब के लिए छोटी थी तो उसे तब ये सब एक खेल की तरह ही लग रहा था। लेकिन जब रिया थोड़ी बड़ी और होगी तो वो ये सब समझ जाएगी। फिर उसे मजा आने लगेगा तो तब वो चुदने के लिए बेकरार हो जाएगी।
रिया हफ्ते में एक दो दिन के लिए ही हमारे पास आती और बाकी दिन अपने ननिहाल ही रहती। मैं और सपना नंगे ही खेत और घर मे घूमते रहते। क्योंकि वहाँ खेतो में ज्यादा लोग आते जाते नहीं थे। कई बार तो मुझे और सपना को बिना कपड़ों के रहते हुए कई कई दिन निकल जाते। हम दोनों बोर हो जाते थे और बस फिर चुदाई ही करने लग जाते थे।
फिर एक दिन सुबह सुबह सपना दूध निकालने के लिए पीछे गई तो मैं भी उसके साथ चला गया। तब हम दोनों ही नंगे थे। फिर सपना तो दूध निकालने लगी और मैं वहां बैठ गया। तब मेरा लण्ड खड़ा था। फिर एक छोटी भैंस पेशाब करने लगी तो उसकी चुत से निकलते हुए पेशाब को देखकर मुझे आईडिया आया। मैं फिर उस भैंस के पीछे जाकर खड़ा हो गया। फिर मैं भैंस का पूँछ पकड़कर भैंस की गाँड में अपना लण्ड डाल दिया। जिससे भैंस हिलने लगी। जब सपना ने ये सब देखा तो फिर वो भी दूध निकालकर मेरे पास आकर खड़ी हो गई। फिर मैंने जब लण्ड बाहर निकाला तो लण्ड गोबर से भरा हुआ था।
ये देखकर सपना ने मेरे लण्ड पर पानी डालकर मेरे लण्ड को धोया। फिर मैंने लण्ड भैंस की चुत में डालने लगा तो भैंस काफी हिलने लगी। फिर सपना भैंस के आगे खड़ी हो गई। जिससे कि भैंस ने हिलना बन्द कर दिया। फिर मैंने भैंस की चुत में पूरा लण्ड डाल दिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। भैंस की चुत टाइट थी। फिर ये देखकर सपना हंसने लगी। फिर जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने सारा पानी भैंस की चुत में ही छोड़ दिया। ये देखकर सपना हँसकर बोली के कहीं भैंस के तुम्हारा बच्चा ना हो जाये। लेकिन मैं जानता था के ऐसा कुछ भी नहीं होगा। फिर जब कुछ देर बाद जब हमने भैंस की चुत देखी तो वो काफी सूज गई थी।
इसके बाद तो मैं मन करता तब भैंस की चुत मार लेता। ये देखकर सपना का मन भी किसिस जानवर से चुदवाने का हुआ। तब हमने एक कुत्ता पाल रखा था जो कि काफी बड़ा था। जब उसका चुदाई का मन करता या कोई उसके लण्ड वाली जगह को हिलाए तो उसका लण्ड खड़ा हो जाता था और लाल लाल बाहर निकल आता था। ये देखकर फिर सपना उसका लण्ड सहलाने लगती। फिर एक दिन सपना घोड़ी बन गई तो फिर किसी तरह मैंने कुत्ते को खड़ा करके उसके लण्ड को पीछे से सपना की गाँड में डालकर अंदर बाहर करने लगा। फिर वो कुत्ता खुद ही आगे पीछे होने लगा।
फिर उस दिन के बाद वो कुत्ता सपना के आगे पीछे ही घूमने लगा और जब सपना घोड़ी बन जाती तो वो सपना की गाँड चाटने लग जाता और फिर खुद ही अपना लण्ड सपना की गाँड या चुत में डालकर करने लग जाता। अब तो सपना को एक परमानेंट चुदाई करने वाला मिल गया था। जिससे कि सपना काफी खुश हुई। अब दिन हो या रात। सपना कभी भी उससे चुदाई करवा लेती। सपना जब रात को सोई होती तब भी वो कुत्ता सपना की गाँड को चाटने लग जाता।
इस प्रकार हम दोनों की मस्ती चलती रहती। फिर एक दिन एक आदमी आया। वो कोई साधु था और भीख मांगने आया था। तब उसकी हालत काफी खराब थी। उसके कपड़े काफी मैले थे और वो भूखा भी था। फिर हमने उसे खाना खिलाया और फिर वो चारपाई पर सो गया। जब वो उठा तो मैंने उसे नहाने के लिए कहा। फिर वो नहाया और नहाने के बाद मैंने उसे मेरे कपड़े पहनने के लिए दिए और फिर सपना ने उसके कपड़े धोकर साफ कर दिए। फिर मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो उसने अपना नाम गोपीनाथ बताया और वो हरियाणा का था। उसने बताया के वो पहले काफी नशा करता था। जिससे उसका सब कुछ बिक गया और उसके घरवालोम ने उसे घर से निकाल दिया। फिर वो भीख मांगने लगा।
फिर वो बोला के मुझे बस दो टाइम का खाना चाहिए और मैं यहीं कहीं पड़ा रहूंगा। फिर मैं बोला के लेकिन यहां नशा वगैरह नहीं मिलेगा तो फिर वो बोला के उसने अब सब नशे छोड़ दिये है। फिर मैंने सपना से इस बारे में पूछा तो वो बोली के रहने देते है। अपना भी बढ़िया टाइम पास हो जाएगा। फिर मैं उस गोपीनाथ से बोला के तुम रह सकते हो यहाँ। मेरे खेत के पास ही एक पुराना मंदिर था जो कि बन्द पड़ा था। फिर मैंने उसे उसमें पूजा अर्चना करने के लिए कहा तो फिर उसने ऐसा ही किया। वो सुबह शाम उस मंदिर में जाकर पूजा पाठ करता और फिर हमारे पास आकर खाना खाता। फिर कई बार तो वो हमारे पास ही सो जाता और कई बार मंदिर में चला जाता। फिर धीरे धीरे में उससे खुलकर बाते करने लगा तो फिर मैं उससे चुदाई की बातें करने लगा। फिर उसने बताया के अब उसका लण्ड कोई काम का नहीं रहा है। फिर मैंने पूछा के क्यों क्या हुआ। फिर उसने बताया के ज्यादा नशे के कारण अब इसमें बिल्कुल भी जान नहीं बची है।
गोपीनाथ 35-40 साल का था और पतला सा था। फिर धीरे धीरे सपना भी उससे बातें करने लगी। जब मैंने सपना को उसके लण्ड के बारे में बताया तो वो बोली के हम कोशिश करके देखते है। वो झूठ बोल रहा है या सच। फिर मैं बोला के वो कैसे। फिर सपना बोली के मै उसके सामने नंगी होकर जाऊंगी। फिर उसके सामने आप मुझसे चुदाई करना। तब उसका जरूर खड़ा हो जाएगा। फिर मैं बोला के ठीक है। फिर जब शाम को गोपीनाथ आया तो फिर खाना खाने के बाद मैं उसे लेकर छत पर चला गया। फिर कुछ देर बाद जब सपना बिल्कुल नंगी छत पर आई तो वो सपना को देखता ही रह गया। फिर मैंने उसकी लूंगी खोल दी तो देखा के उसका लण्ड जरा भी खड़ा नहीं हुआ।
फिर सपना उसके पास आकर उसका लण्ड हिलाने लगी। जिससे उसका लण्ड थोड़ा सा खड़ा हुआ और फिर पानी निकल गया। फिर मैं नंगा हुआ और जब गोपीनाथ ने मेरा लण्ड देखा तो देखता ही रह गया। फिर उसके सामने मैंने सपना की जमकर चुदाई की। लेकिन ये देखकर भी उसका लण्ड खड़ा नहीं हो पाया। उसके लण्ड में अब जान नहीं बची थी। फिर उस रात सपना हमारे साथ नंगी ही सोई और गोपीनाथ से अपने बोबे और चुत खूब चुस्वाये। फिर गोपीनाथ ने अपना लण्ड सपना की चुत पर भी रगड़ा पर कोई फायदा नहीं हुआ। उस दिन के बाद सपना और मैं गोपीनाथ से खुल गए तो फिर सपना उसके सामने नंगी ही रहने लगी।
फिर गोपीनाथ भी नँगा ही रहने लगा। वो सुबह शाम नंगा ही मंदिर जाकर दीपक वगैरह जलाकर आ जाता। फिर गोपीनाथ को जल्द ही पता चला गया के सपना कितनी बड़ी चुदक्कड़ है। वो उसके सामने कुत्ते से भी चुदवा लेती। सपना ने गोपीनाथ से दवाई वगैरह लेने के लिए कहा ताकि वो भी चुदाई के मजे ले सके। लेकिन उसने साफ मना कर दिया। फिर सपना नंगी ही गोपीनाथ के साथ मंदिर चली जाती और फिर हम तीनों एक साथ ही सोने लगे। गोपीनाथ ज्यादा कुछ नहीं कर पाता था लेकिन वो सपना के बोबो और चुत को चूसकर उसे गर्म जरूर कर देता था। फिर मैं सपना की चुदाई करता।
गोपीनाथ सपना पर पूरा लट्टू हो चुका था। फिर सपना के कहने पर गोपीनाथ नंगा ही रहने लगा। गांव के कुछ लोग उस मंदिर ने आने लगे थे और फिर उसके आशीर्वाद से उनके काम भी बनने लगे थे तो फिर धीरे धीरे और ज्यादा लोग आने लगे। तब गोपीनाथ उनके सामने नंगा ही बैठा रहता। क्योंकि उसका लण्ड खड़ा तो वैसे भी नहीं होने वाला था। इस तरह फिर उसे थोड़ा बहुत चढ़ावा भी आने लगा जिससे मैंने उसे मंदिर के पास ही एक कमरा बनवाकर दे दिया। फिर वो उस कमरे में ही रहने लगा।
लगभग रोज रात को मैं और सपना उससे मिलने जाते और फिर हम खूब बातें करते। अब हमारे गांव में सब उसकी बातें करने लगे थे। क्योंकि ऐसा नंगा रहने वाला साधु बाबा हमारे यहां पहली बार आया था। गोपीनाथ को जब सपना के बारे में पता चला के वो अपने भाई से भी चुदवा चुकी है तो ये सुनकर वो बोला के तुम हो ही इतनी सुन्दर के तुम्हे तो कोई भी चोदने के लिए तैयार हो जाएगा। फिर जब रिया आई तो फिर उसे भी हमने उसके सामने नंगी कर लिया। रिया तब किसी गैर मर्द के सामने पहली बार नंगी हुई थी। फिर वो रिया को देखता ही रह गया। फिर रिया ने जब उसके सामने मेरा लण्ड हिलाया और चूसा तो ये देखकर तो उसके होश ही उड़ गए।
फिर धीरे धीरे उसे हमारी सब असलियत का पता चल गया। फिर शाम को तो सपना गोपीनाथ का खाना लेकर नंगी ही मंदिर चली जाती और फिर रात को वहीं रहती और सुबह ही आती। उधर मैं और रिया घर पर होते तो रिया मेरा लण्ड चूस चूस कर मेरा पानी निकालती रहती। फिर मैं रिया को घोड़ी बनाकर उसकी दोनो टांगों के बीच मे लण्ड डालकर रगड़ने लगता और फिर झड़ जाता। ऐसे रिया को भी काफी मजा आता। रिया के सामने ही गोपीनाथ सपना के बोबो को सहलाता और चुत चूसता। ये देखकर रिया अपनी मम्मी को देखकर सीखने लगी के मजे कैसे लिए जाते है।
सपना गोपीनाथ का लण्ड चूसकर उसका पानी पी जाती। फिर सर्दियों का मौसम शुरू हो गया तो फिर मैं, सपना और वो गोपीनाथ तीनो एक रजाई में सोते और खूब मस्ती करते। कई बार हम हमारे घर पर सोते तो कई बार मंदिर में बने कमरे में। फिर सपना ने उसके सामने अपने पापा से चुदने की इच्छा जताई तो ये सुनकर पहले तो वो थोड़ा हैरान हुआ पर तब तक वो सपना को पूरा जान चुका था के सपना कितनी बड़ी चुदक्कड़ है। फिर वो बोला के मैं चुदवा दूंगा बस तुम इसके लिए अपने पापा को राजी कर लो। फिर मैं जैसा कहता हूँ वैसे ही करते जाना। फिर ये सुनकर सपना काफी खुश हुई और बोली के ठीक है।
फिर सपना ने अपने पापा को फोन करके उन्हें कुछ हमारे साथ आकर रहने के लिए कहा तो ससुर झट से मान गए और फिर वो अगले दिन ही आ गए। फिर उनके आने के बाद सपना ने उन्हें खुलकर अपने बोबे दिखाए। जिन्हें देखकर ससुर के मुंह मे पानी आ गया। सपना काफी शरारती थी तो उसने ऊपर सिर्फ एक स्वेटर ही पहना और नीचे सूट वगैरह कुछ नहीं पहना था। फिर सपना अपनी स्वेटर के जितने बटन खोलती तो फिर उतने सपना के बोबे दिखने लग जाते। फिर शाम को खाना वगैरह खाकर सोने की बारी आई तो फिर सपना ने अपने पापा को हमारे साथ कि सोने के लिए कहा। क्योंकि खेतो में सर्दी ज्यादा पड़ती थी। फिर ससुर मान गए। फिर मैंने कमर दर्द का बहाना बनाया और फिर मैं वहीं चारपाई पर सो गया। ताकि सपना अपने पापा के साथ बेड पर सो सके।
फिर रात को सोने से पहले सपना ने हमे दूध दिया तो फिर मैं तो दूध पीकर सो गया। फिर सपना ने अपनी स्वेटर के इतने बटन खोल दिये जिससे कि उसके आधे से ज्यादा बोबे दिखने लगे। ये देखकर ससुर तो देखते ही रह गए। फिर दूध पीने के बाद सपना ससुर के साथ बेड पर आकर बैठ गई। तब ससुर को तो यकीन ही नहीं हो रहा था के वो सपना के साथ सोने वाले है। फिर जब सपना अपनी रजाई लेकर सोने लगी तो फिर उसने बहाना बनाया के उसकी रजाई में बदबू आ रही हैं। फिर उसने अपनी रजाई साइड में रख दी और फिर वो अपने पापा की रजाई में घुस गई। ये देखकर तो ससुर की दिल की धड़कने और ज्यादा बढ़ गई थी। फिर ससुर ने लाइट बन्द की और फिर वो सो गए।
वो दोनो एक ही रजाई में थे तो सपना अपने पापा से चिपक कर सो रही थी। सर्दी का टाइम था तो फिर ससुर भी सपना से चिपके हुए थे। तब ससुर की सपना की तरफ पीठ थी और सपना उनसे पीछे से चिपकी हुई थी। फिर सपना ने अपना एक हाथ अपने पापा की कमर में डालकर सो गई। फिर रात को जब सपना को जाग आई तो देखा के उसके पापा उसकी तरफ मुंह करके लेटे थे और उनका मुंह सपना के बोबो के एकदम सामने था। फिर सपना फिर से सो गई और जब उसे सुबह जाग आई तो उसने देखा के उसके पापा का मुँह उसके बोबो में घुसा हुआ था। ये देखकर सपना को हंसी आ गई। फिर सपना ने अपने पापा को जगाया और फिर उन्होंने अपना मुंह सपना के बोबो से बाहर निकाला और फिर उन्होंने सपना की तरफ देखा तो फिर सपना उन्हें देखकर मुस्कुराने लगी।
फिर ससुर उठकर और सपना दोनो उठकर बैठ गए। फिर सपना तो अपने बाल वगैरह सही करने लगी और ससुर उसके बोबो की तरफ ही देखे जा रहे थे। फिर सपना ने अपने पापा के सामने ही स्वेटर के बटन बन्द करने लगी और फिर वो उठकर बाहर चली गई। फिर चाय वगैरह पीने के बाद सपना चाय लेकर गोपीनाथ के पास गई। ससुर को इन साधु संतों में विस्वास नहीं था पर वो सपना के कहने से चले गए। गोपीनाथ के पास तब काफी लोग आने लगे थे और उसका नाम आसपास के गांव में काफी चलने लगा था। फिर जब ससुर ने देखा के उसकी सेक्सी बेटी ऐसे नंगे बाबा को चाय देने आती है तो ये देखकर ससुर गर्म होने लगे। फिर वापिस आते टाइम ससुर ने सपना से उस बाबा के पास नहीं जाने के लिए कहा और कहा के ऐसे लोग ढोंगी होते है। फिर सपना ने अपने पापा की बात नहीं मानी और कहा के मुश्किल से तो ऐसे बाबा मिलते है। उनकी सेवा करके मैं तो धन्य हो जाऊंगी। फिर सपना की ऐसी बातें सुनकर ससुर ने उसे कुछ नहीं कहा।
फिर दिन में काम करते टाइम सपना ससुर को अपने बोबे दिखाती। जिन्हें देखकर ससुर का मन करता के वो सपना के बोबो में अपना मुंह घुसाकर उन्हें चूस ले। पर ऐसा सिर्फ रात को हो सकता था। जिस कारण ससुर को रात होने का बहुत बेसब्री से इंतजार होने लगा। फिर रात हुई तो मैं तो जल्दी ही सो गया। उन दिनों खेत मे काम भी कुछ ज्यादा था। इस कारण में थक जाता था। मेरे सोने के बाद ससुर भी थोड़े ज्यादा खुल जाते थे। फिर वो बिना शर्म और डर के सपना के बोबो को निहारते। मेरे सोने के बाद सपना भी अपनी स्वेटर के एक दो बटन ज्यादा खोल देती। जब सपना अपने पापा को अपने बोबो को निहारते हुए देखती तो वो मुस्कुराने लगती। फिर उस रात सपना अपने पापा की छाती से लगकर लेट गई। फिर ससुर कुछ देर तो सपनी बेटी की पीठ सहलाते रहे और फिर वो नीचे सरकर सो गए। जिससे कि उनका मुँह सपना के बोबो के एकदम सामने आ गया।
फिर उन्होंने अपना मुँह सपना के बोबो में घुसा दिया तो फिर सपना ने भी अपने पापा के सिर पर हाथ रखकर उन्हें स्वीकृति दे दी। फिर वो दोनो ऐसे ही सो गए। फिर अगली सुबह जब सपना को जाग आई तो देखा के उसके पापा उसके बोबो में सिर देकर बड़े आराम से सो रहे थे। फिर सपना ने अपने पापा को जगाने की कोशिश की तो फिर वो जाग तो गए थे लेकिन उन्होंने सपना के बोबो से अपना मुँह बाहर नहीं निकाला। ये देखकर सपना हंसने लगी। फिर सपना ने कहा के मुझे आपके लिए चाय बनाकर लानी है। तब फिर ससुर ने सपना के बोबो से अपना मुँह बाहर निकाला। उस दिन सपना के बोबो के निप्पल भी दिख रहे थे। फिर सपना ने अपने पापा के सामने ही अपनी स्वेटर के बटन बन्द किये और फिर चाय बनाकर ले आई। फिर उस दिन मेरे खेत जाने के बाद ससुर सपना के बोबो की तरफ देखने लगे तो सपना ने हंसकर अपनी स्वेटर के बटन खोल दिये। अब सपना को ही शर्म नहीं आ रही थी तो फिर ससुर क्यों शर्माते।
उस दिन मुझे खेत मे काफी काम था तो फिर मैं शाम को ही घर आने वाला था। उस दिन दिन में भी सर्दी ज्यादा ही थी। फिर इसी बात का फ़ायदा उठाकर सपना ने अपने पापा को नहाने के बाद कमरे में ही जाकर रजाई में बैठने के लिए कहा। फिर कुछ देर बाद सपना भी नहाकर कमरे में चली गई और बोली के आज तो काफी सर्दी है लगता है पूरा दिन रजाई में ही रहना पड़ेगा। फिर सपना अपने पापा के सामने ही अपनी स्वेटर के बटन खोलकर लेट गई। ये देखकर ससुर भी सपना की तरफ मुँह करके लेट गए। तब सपना के आधे से ज्यादा बोबे दिख रहे थे और सपना तब बहुत सेक्सी लग रही थी। सपना तो तब आंख बंद करके आराम से लेटी थी तो फिर ससुर से नहीं रहा गया तो फिर आखिरकार उन्होंने सपना के बोबो में अपना मुँह डाल ही दिया।
ससुर अब सपना के बोबो के गुलाम हो चुके थे। वो ना चाहते हुए भी सपना के बोबो से दूर नहीं रह पा रहे थे। सपना भी इस मामले में काफी खिलाड़ी थी। फिर उसने उस दिन अपनी स्वेटर के सारे बटन खोलकर अपने बोबे नंगे कर दिए और फिर अपना एक निप्पल अपने पापा के मुँह में दे दिया तो फिर उसके पापा बिना किसी शर्म के अपनी बेटी के बोबो को चुसने लगे। फिर चूसते चूसते ससुर को नींद आ गई और फिर सपना भी ऐसे ही सो गई। कुछज देर बाद जब वो दोनो उठे तो सपना ने कुछ देर तो अपने बोबो को नंगा ही रखा और फिर बटन बन्द कर लिए। फिर सपना चाय वगैरह बनाकर लाई और फिर चाय पीने के बाद सपना तो घर के कामो में लग गई और ससुर रजाई में बैठे बैठे शायद अपना लण्ड हिलाने लगे।
फिर ससुर कमरे से बाहर आ गए तो ससुर को देखते ही सपना ने अपनी स्वेटर के बटन फिर से खोल दिये। सपना अपने पापा के पूरे मजे लेना चाहती थी। शाम को जब मैं आया तो फिर मैं तो आकर नहाकर और फिर खाना खाकर जल्दी ही सो गया। फिर सपना अपने पापा के लिए दूध लेकर आई और उनको दूध देते टाइम सपना ने अपनी स्वेटर के बटन खोल रखे थे। इस कारण जब वो अपने पापा को दूध देने के लिए झुकी तो सपना के दोनो बूब स्वेटर से निकलकर उसके पापा के सामने आ गए। फिर सपना हँसकर अपने पापा से बोली के कौनसा दूध पियोगे आप। तो ये सुनकर उसके पापा मुस्कुराते हुए दूध पीने लगे। दूध पीते पीते ससुर अपनी बेटी के नंगे बोबे देखते रहे और सपना ने भी अपने बोबो को अंदर नहीं किया।
फिर दूध पीने के बाद सपना किचन में ग्लास छोड़कर वापिस आई और फिर कमरे में अंदर से कुंडी लगाकर आकर रजाई में लेट गई। फिर रजाई में लेटकर सपना ने अपने दोनो बोबो को नंगा कर दिया। फिर ससुर कुछ देर तो सपना के नंगे बोबो को देखते रहे और फिर उन्होंने अपना मुंह सपना के नरम नरम बोबो में डाल दिया और फिर वो सपना के बोबो को चुसने लगे। तब सपना के स्वेटर पहन रखी थी तो फिर सपना उठी और फिर अपनी स्वेटर पूरी खोलकर साइड में रख दी। अब सपना ऊपर से पूरी नंगी थी। फिर सपना लेट गई और अपने पापा को किसी बच्चे की तरह दूध पिलाने लगी। ससुर भी बेशर्मो की तरह अपनी बेटी के बोबो को चूसते जा रहे थे। ये देखकर सपना मन ही मन खुश हो रही थी।
फिर सपना अपने पापा की तरफ पीठ करके लेट गई तो फिर ससुर सपना के पीछे से चिपक कर लेट गए। जिससे कि ससुर का लण्ड सपना की गाँड की दरार में फिट हो गया और ससुर थोड़ा थोड़ा लण्ड रगड़ने लगे। तभी सपना ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार को थोड़ा नीचे खिसका दिया। फिर जब ससुर को सपना की कमर पर सलवार नहीं महसूस हुई तो फिर वो अपना हाथ सपना के घुटनो तक ले गए। तब सपना की सलवार घुटनो से थोड़ा नीचे ही चली गई थी। फिर सपना वापिस सीधी होकर लेट गई तो ससुर फिर सपना की कमर में हाथ डालकर सपना के बोबो को चुसने लगे। सपना बिल्कुल बेशर्मो की तरह पड़ी थी। बल्कि तब सपना को तो मजा आ रहा था। फिर सपना के बोबे चूसते चूसते ससुर का हाथ तकिए के नीचे चला गया और उनका हाथ किसी चीज के लगा तो फिर उन्होंने वो चीज हाथ मे लेकर तकिए से नीचे से निकाल ली और फिर देखने लगे। वो कंडोम की डब्बी थी।
फिर ससुर के हाथ मे कंडोम की डब्बी देखकर सपना अपने पापा की तरफ देखने लगी और उनकी आंखों में आंखें डालकर उन्हें इशारे से पूछने लगी के क्या वो उसे चोदना चाहते है। फिर बेचारे ससुर बोले के ये उनके नहीं है। फिर सपना ने थोड़ा बनावटी गुस्सा दिखाते हुए उनके हाथ से वो कंडोम की डब्बी लेकर बेड के पास रखे टेबल पर रखने लगी। तब रजाई सपना की कमर तक तो थी ही और फिर वो जब उल्टी होकर टेबल पर कंडोम रखने लगी तो फिर उसके ऊपर से रजाई हट गई। फिर ससुर सपना की नंगी गाँड देखने लगे। सपना को भी इसका पता चल गया था। फिर सपना जानबूझकर घुटनो के बल घोड़ी बन गई और टेबल पर कंडोम की डब्बी रखने की एक्टिंग करने लगी। तब उसने अपनी पूरी सलवार खोल दी थी। जिस कारण ससुर को सपना की गाँड और चुत एक दम साफ दिखने लगे।
फिर कुछ देर सपना ऐसे ही रही। फिर वो वापिस सीधी हुई और अपने ऊपर रजाई लेकर रजाई में ही अपनी सलवार पहनने लगी और फिर जब सलवार पहन ली तो फिर वो बेड से नीचे उतरी और फिर अपनी सलवार का नाड़ा बांधते हुए लाइट बन्द करने गई और फिर लाइट बंद करके आकर वो ससुर की तरफ पीठ करके सो गई। ये देखकर ससुर बेचारे कुछ समझ ही नहीं पाए। फिर उस रात वो सपना से अलग होकर ही सोए। फिर अगले दिन जब सपना उठी तो फिर उसने अपने पापा की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया और ना ही वो अब अपनी स्वेटर के बटन खोलकर ससुर को अपने बोबे दिखाती। ये सब देखकर ससुर कुछ समझ नहीं पा रहे थे। फिर ऐसे ही एक दो दिन निकल गए। ससुर अब सपना के बोबो के बगैर नहीं रह पा रहे थे। तो फिर रात को जब सपना उनके साथ सोई तो फिर उन्होंने खुद अपने हाथ से सपना की स्वेटर के बटन खोलकर सपना के बोबो को बाहर निकालकर चुसने लगे।
ये देखकर सपना मुस्कुराने लगी तो तब जाकर ससुर की सांस में सांस आई। फिर सपना ने अपने पापा से कहा के मम्मी आपको अपने बोबे नहीं चुसने देती क्या। फिर ससुर ने कहा के उसका अब मन नहीं करता है और वो अब यहाँ नहीं है तो मैं क्या करूँ। फिर सपना उठी और अपने पापा के सामने अपनी स्वेटर खोलकर ऊपर से नंगी हो गई। फिर वो ससुर को अपने बोबे चुसवाने लगी। फिर सपना ने अपनी सलवार भी खोल दी और फिर पूरी नंगी होकर ससुर के साथ सोई। सपना अपने पापा का लण्ड देखना चाहती थी के कैसा है। फिर रात को सपना ने अपने पापा के पायजामे में हाथ डालकर उनका लण्ड पकड़कर सहलाने लगी और साथ मे अपनी चुत सहलाने लगी। तब सपना आंखें बंद करके लेटी रही और अपने पापा का लण्ड हिलाती रही। फिर जब ससुर का पानी निकल गया तो फिर उसने आंखें खोली और फिर अपने पापा की तरफ देखा। तब सपना का हाथ अपने पापा के लण्ड पर ही था। फिर वो उठकर खड़ी हो गई और अपने पापा से कहने लगी के मुझे नींद में पता नही चला। मुझे लगा के रिया के पापा मेरे साथ सोए है। फिर सपना ने जब अपने पापा के पायजामे से अपना हाथ बाहर निकाला तो फिर उसका हाथ अपने पापा के लण्ड के पानी से भरा हुआ था।
ये देखकर सपना फिर अपने हाथ को रजाई से पोंछने लगी। फिर सपना अपने पापा के सामने ऐसे एक्टिंग करने लगी जैसे उससे बहुत बड़ा पाप हो गया हो। लेकिन फिर ससुर बोले के कोई बात नहीं। हम दोनों नींद में थे इसलिए हमें पता नहीं चला। फिर सपना बोली के हां। इस तरह सपना ने बड़ी चालाकी से अपने पापा का लण्ड हिला लिया। तब काफी रात पड़ी थी। ससुर का पायजामा गीला हो चुका था तो फिर सपना ने अपने पापा से कहा के वो पायजामा खोलकर मुझे दे दो मैं आपको दूसरा पायजामा दे देती हूँ। फिर उसके पापा ने कहा के नहीं यही ठीक है। लेकिन फिर सपना ने एक बार और कहा तो फिर उसके पापा ने सपना को अपना पायजामा खोल कर दे दिया। फिर सपना ने अपने पापा से कहा के वो अंडरवियर भी खोल कर दे दे। क्योंकि वो भी तो गीला हो चुका था। फिर उसके पापा ने अंडरवियर भी खोलकर सपना को दे दिया। अब वो दोनो बाप बेटी रजाई में नीचे से नंगे थे। सपना तो पूरी की पूरी ही नंगी थी।
फिर सपना के मन मे एक आईडिया आया। उसने फिर अपने पापा को अपनी सलवार पहनने के लिए दी और कहा के आप रात को ये पहन लीजिए मैं सुबह आपको दुसरा पायजामा और अंडरवियर दे दूंगी। अब मैं आधी रात को आपके कपड़े कहाँ ढूंढूंगी। फिर ससुर ने सपना की बात मान ली और फिर वो सपना की सलवार पहनकर सो गए। तब वो दोनो आमने सामने मुंह करके सोए थे तो फिर ससुर सपना के बोबो में अपना सिर देकर सो गए और फिर सपना ने खुद अपना निप्पल ससुर के मुंह मे दे दिया तो फिर वो चुसने लगे। फिर सुबह जब सपना को जाग आई तो फिर सपना उठी और फिर उसने दूसरी सलवार और स्वेटर पहनी और फिर ससुर के लिए दूसरा पायजामा और अंडरवियर लेकर ससुर के पास गई और फिर उन्हें उठाया और फिर वो उन्हें दे दिए। फिर वो ससुर ने पहन लिए और सपना की सलवार सपना को वापिस दे दी।
सपना अपने पापा से बार बार अपनी गलती के लिए माफी मांगने लगी और कहने लगी के मुझसे पता नहीं ये कैसे हो गयं उधर ससुर कहने लगे के छोड़ो अब जो हो गया सो हो गया। पर सपना अपनी गलती का प्रायश्चित करना चाहती थी। इस कारण मेरे जाने के बाद सपना ने अपनी स्वेटर के सब बटन खोलकर सपने बोबो को नंगा कर दिया और फिर ऐसे ही घूमने लगी। तब ससुर आंगन में बैठे थे। फिर सपना भी उनके पास जाकर बैठ गई और फिर अपने बोबो को अपने पापा के सामने कर दिया तो फिर ससुर से नहीं रह गया तो फिर वो अपनी बेटी के बोबो को चुसने लगे। फिर सपना ने अपनी स्वेटर निकाल दी और ऊपर से पूरी नंगी हो गई। फिर कुछ देर बोबे चुसवाने के बाद सपना ने ससुर से नहाने के लिए कहा तो फिर ससुर जाकर नहाने लगे। फिर सपना भी बाथरूम में चली गई और ससुर की पीठ वगैरह साफ करने लगी।
फिर नहाने के बाद सपना ने ससुर को अंदर कमरे में जाकर बैठने के लिए कहा और कहा के मैं आपको दूसरे कपड़े आकर दे दूंगी। इतनी देर आप रजाई में ही बैठे रहो। फिर ससुर ने सपना के सामने ही तौलिया लपेटकर अपना अंडरवियर बदला और फिर तोलिये में अंदर कमरे में जाने लगे। तब सपना उनके सामने ही ससुर की रात वाली अंडरवियर धोने लगी। तब सपना जानबूझकर भीग गई थी जिस कारण सपना की सलवार में से सपना की गाँड साफ दिखने लगी। फिर ससुर के जाने के बाद सपना नंगी होकर नहाइ और फिर नहाने के बाद सपना ने अपने पापा को खुश करने के लिए ऊपर एक ट्रांसपेरेंट ब्रा पहनी और नीचे एक पैंटी पहनी। पैंटी थोड़ी छोटी ही थी जिस कारण सपना की भरी हुई गाँड साफ दिख रही थी। ब्रा में सपना के मोटे मोटे बोबे भी काफी सेक्सी लग रहे थे। फिर जब सपना ऐसे कमरे में गई तो ससुर तो देखते ही रह गए।
फिर सपना ने ससुर को दूसरे कपड़े तो नहीं दिए बल्कि खुद जाकर उनके साथ रजाई में लेट गई। अब बेचारे ससुर भी क्या करते। सपना उनकी तरफ पीठ करके बैठ गई और उनसे पहले अपनी ब्रा खुलवाई और फिर ससुर सपना के बोबे चुसने लगे। ससुर सपना को देखकर गर्म हो चुके थे पर उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी सपना की चुदाई करने की। फिर सपना ने एक और चाल चली और वो अपने पापा के ऊपर चढ़कर उन्हें अपने बूब चुसवाने लगी। तब ससुर का लण्ड खड़ा था तो फिर सपना ससुर के लण्ड पर बैठ गई और उसे मसलने लगी। जिससे कि ससुर को दर्द होने लगा। फिर उन्होंने सपना को कमर से पकड़कर अपने से नीचे उतारने की कोशिश करने लगे तो उनका हाथ में सपना की पैंटी आ गई और फिर सपना की पैंटी आधी नीचे हो गई। फिर इसी बात का फायदा उठाते हुए सपना थोड़ी आगे और हुई जिस कारण सपना की पूरी पैंटी नीचे हो गई और सपना की गाँड पूरी नंगी हो गई। फिर ये देखकर सपना और ससुर एक दूसरे की तरफ देखने लगे। फिर ससुर ने अपनी बेटी की पैंटी पकड़कर ऊपर कर दी। जैसे कि मानो वो जैसे छोटी बच्ची को पैंटी पहना रहे हो।
पैंटी सपना की गाँड में घुस गई थी तो फिर सपना ने अपने पापा के सामने ही अपनी पैंटी अपनी गाँड से बाहर निकाली और फिर उल्टी होकर लेट गई। अब इतने सब के बाद ससुर की हालत तो काफी खराब हो गई थी। फिर ससुर ने अपने अंडरवियर से अपना लण्ड बाहर निकाला और फिर हिलाने लगे। जिससे बेड थोड़ा थोड़ा हिलने लगा तो फिर सपना ने पलटकर देखा तो वो देखती ही रह गई। पर ससुर लगे रहे। सपना ने उनकी तरफ थोड़ा गुस्से से देखा। फिर सपना ने कंडोम की डब्बी से एक कंडोम को निकाला और फिर उसमें से कंडोम निकालकर अपने पापा को देते हुए बोली के ये पहन लीजिए नहीं तो फिर सब कुछ गन्दा हो जाएगा। फिर ससुर ने सपना के हाथ से कंडोम लेकर पहन लिया और फिर हिलाने लगे। फिर थोड़ी देर बाद ससुर झड़ गए और कंडोम पूरा पानी से भर गया। फिर झड़ने के बाद ससुर निढाल होकर लेट गए। उन्हें तब कुछ होश ही नहीं रहा। फिर सपना ने अपने हाथों से ससुर के लण्ड से कंडोम निकाला और फिर गांठ बांधकर साइड में रख दिया। फिर सपना ने पापा का अंडरवियर ऊपर किया और फिर पापा का मुंह अपने बोबो में डालकर लेट गई।
फिर वो दोनो ऐसे ही सो गए। तब ससुर को काफी अच्छी नींद आई। जब सपना ने मुझे ये सब बताया तो मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ के ससुर जैसा धर्मात्मा आदमी ऐसे अपनी बेटी के सामने अपना लण्ड भी हिला सकता है। पर ससुर भी बेचारे क्या करते। सपना हैं ही ऐसी की किसी को भी लण्ड हिलाने पर मजबूर कर दे। फिर दोपहर बाद सपना को जाग आई तो फिर उसने उठकर चाय बनाई। फिर उसने अपने पापा को उठाया और फिर उन्हें भी चाय दी। तब ससुर सपना की आंखों से आंखें नही मिला पा रहे थे। ये देखकर सपना जाकर उनकी गोद मे बैठ गई और उनके मुंह को अपने बोबो में डालकर बोली के आज वाली बात हम दोनों बाप बेटी के बीच ही रहेगी। आप फिक्र मत करो मैं किसी को नहीं बताऊंगी। फिर ये सुनकर ससुर के मुँह पर थोड़ी मुस्कान आई। फिर ससुर सपना के बोबे चुसने लगे और कुछ देर तक चूसते रहे। फिर सपना ने ससुर को कपड़े दिए और फिर वो दोनो कमरे से बाहर आकर घूमने लगे। फिर सपना अपने बोबो को नंगा ही रखकर काम करने लगी।
फिर सपना जब दूध निकालने गई तो फिर ससुर भी उसके साथ चले गए। फिर सपना भैंस का दूध निकालने लगी तो फिर ये देखकर ससुर का भी मन हुआ के वो सपना के बोबो को दबाकर दूध निकाले। फिर ससुर सपना के पा जाकर बैठ गए और फिर दोनो हाथों से सपना के निप्पल पकड़कर कस कर दबाने लगे। जिससे कि सपना के बोबो से थोड़ा थोड़ा सफेद पानी निकलने लगा। उधर सपना भैंस का दूध निकाल रही थी और ससुर सपना का। फिर जब सपना ने दूध निकाल लिया तो सपना खड़ी हो गई और फिर ससुर वहीं सपना के बोबो को चुसने लगे। फिर थोड़ी देर बोबे चुसवाने के बाद वो दोनो वापिस अंदर आ गए। फिर मेरे आने तक सपना ने अपने बोबो को नंगा ही रखा और फिर मेरे आने के बाद उसने अपनी स्वेटर के बस एक दो बटन ही बन्द किये। लेकिन फिर भी सपना के आधे बोबे दिख रहे थे। मैं मौका देखकर सपना की चुदाई करके आराम से सो जाता था।
फिर उस दिन मेरे सोने के बाद ससुर भी अपने सब कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में सो गए। फिर जब सपना अपने पापा को दूध देने आई तो फिर अपने पापा के कपड़े पड़े देखकर मुस्कुराने लगी। फिर दूध पीने के बाद सपना किचन से वापिस कमरे में आई और फिर बेड के पास खड़ी होकर पहले अपनी स्वेटर खोली और फिर अपनी सलवार खोली। तब सपना ने नीचे एक ट्रांसपेरेंट पैंटी पहनी थी जिसमे से सपना की गाँड पूरी साफ दिख रही थी। अपनी बेटी को ऐसे देखकर ससुर तो देखते ही रह गए। फिर सपना रजाई में घुस गई और अपने बोबो को अपने हाथों में पकड़कर अपने पापा को चुसने के लिए इशारा किया तो ससुर तो तैयार ही बैठे थे। फिर ससुर अपनी बेटी के बोबो को बड़े चाव से चुसने लगे। फिर सपना ने अपने पापा को ऊपर आने के लिए कहा तो फिर ससुर ने ऐसा ही किया और फिर वो सपना के ऊपर आकर सपना के बोबो को चुसने लगे।
फिर कुछ देर ऐसे चुसने के बाद सपना अपने पापा के ऊपर घोड़ी बनकर बोबे चुसवाने लगी। तब सपना जब पापा के लण्ड पर बैठी तो ससुर का लण्ड खड़ा था। फिर सपना अपनी गाँड से अपने पापा का लण्ड मसलने लगी। फिर सपना ससुर के ऊपर ही लेट गई। फिर थोड़ी देर बाद सपना को नीचे कुछ गीला गीला महसूस हुआ तो फिर सपना उठी और जब उसने अपने पापा का अंडरवियर देखा तो पूरा अंडरवियर भीगा हुआ था। ये देखकर सपना ने अपने पापा से पूछा के आपने पेशाब कर दिया क्या अंदर। फिर ससुर बेचारे शर्म से कुछ नहीं बोले और बस लेटे रहे। फिर सपना ने खुद अपने हाथों से अपने पापा का अंडरवियर खोलने लगी। फिर उसने देखा के पापा के लण्ड से पानी निकल रहा था। फिर सपना ने पापा का पूरा अंडरवियर खोलकर उनके पैरों से अलग कर दिया और फिर सपना वो अंडरवियर लेकर बाथरूम में छोड़कर आ गई। फिर वो अपने साथ तौलिया लेकर आई और फिर पापा के लण्ड के आसपास वाली जगह को अच्छे से पोंछा। फिर सपना अपने पापा से पूछने लगी के आपका पेशाब कैसे निकल गया। फिर तब उसके पपला बोले के कभी कभी निकल जाता है।
फिर सपना ने अपने पापा को नीचे पहनने के लिए कुछ नहीं दिया और फिर वो अपने पापा के साथ ऐसे ही लेट गई। अब सपना को भी नंगी होना था। पर वो नंगी कैसे हो इस बारे में सपना सोचने लगी। फिर कुछ देर सोचने के बाद सपना ने अपनी पैंटी निकालकर ससुर को देते हुए कहा के आप ये पहन लो। मैं आपको दूसरा अंडरवियर दे दूंगी। लेकिन फिर ससुर ने वो पहनने से मना कर दिया। फिर सपना ने भी दोबारा पैंटी नहीं पहनी और साइड में छोड़ दी। फिर सपना ने एक कंडोम निकालकर अपने पापा को देते हुए बोली के तो फिर ये पहन लीजिए ताकि रात को कुछ गन्दा ना हो। फिर ससुर ने अपनी बेटी के हाथ से कंडोम लेकर अपने लण्ड पर चढ़ा लिया। तब सपना की तरफ ससुर की पीठ थी तो फिर सपना ससुर के पीछे से चिपक कर लेट गई। फिर कुछ देर तो ससुर ऐसे ही लेटे रहे। फिर सपना ने अपने पापा को अपनी तरफ करवट लेने के लिए कहा तो फिर ससुर सपना की तरफ करवट लेकर सपना के बोबो में अपना मुँह डालकर लेट गए। तब ससुर ने सपना की कमर में एक हाथ डाल रखा था।
तब सपना को अपनी चुत पर अपने पापा का कंडोम चढ़ा लण्ड स्पर्श कर रहा था। फिर वो दोनो ऐसे ही सो गए। फिर सुबह जब सपना को जाग आई तो तब सपना ससुर की तरफ पीठ करके लेटी थी और ससुर सपना से पीछे से चिपके हुए थे। तब ससुर का लण्ड सपना की दोनो टांगो के बीच मे था। फिर सपना ने अपने पापा के लण्ड पर कंडोम खींचकर निकाल दिया। जिससे कि ससुर का लण्ड नंगा हो गया और फिर वो तब अपनी ही बेटी की चुत को टच कर रहा था। फिर सपना थोड़ा आगे पीछे होने लगी और फिर ससुर भी आगे पीछे होने लगे। फिर थोड़ी देर बाद ससुर के लण्ड से पानी निकलने लगा और सपना की चुत पर पड़ने लगा। फिर जब ससुर झड़ गये तो फिर सपना ने पलटकर पीछे की तरफ देखा तो तब ससुर की आंखें बंद थी। तब ससुर के हाथ सपना की कमर पर थे। फिर सपना उठकर बैठ गई और तौलिया लेकर अपनी टांगे साफ करने लगी। फिर उसने ससुर के लण्ड को भी साफ किया। फिर ससुर भी उठकर बैठ गए। ससुर सपना को नाराज नहीं करना चाहते थे तो फिर ससुर ने अपने गले से अपनी सोने की चैन खोलकर सपना को पहनाने लगे।
सोने की चैन अपने गले मे देखकर सपना अपने पापा की तरफ देखकर हंसने लगी। सोने की चैन पाकर सपना काफी ज्यादा खुश हुई। वो चैन पहनने के बाद सपना और ज्यादा सेक्सी लगने लगी थी। फिर सपना की गर्दन चूमने लगे और बोबो को चुसने लगे। फिर सपना घुटनो के बल ससुर की तरफ मुंह करके खड़ी हो गई। तब सपना की चिकनी चुत ससुर को साफ दिख रही थी। फिर सपना गले से चैन खोलकर अपनी कमर पर लगाकर देखने लगी। पर चैन छोटी थी। ये देखकर फिर ससुर ने उससे कहा के कमर के लिए मैं तुम्हे दूसरी चैन दिला दूंगा। फिर सपना ने चैन वापिस अपने गले मे बांध ली। फिर ससुर भी घुटनी के बल खड़े हो गए तो फिर सपना जाकर अपने पापा के सीने से लग गई और ससुर ने भी तब अपनी बेटी की कमर में हाथ डालकर सपना को खुद से चिपका लिया। फिर सपना थोड़ी पीछे की तरफ हुई तो ससुर फिर सपना की गर्दन पर किस करने लगे। तब ससुर का लण्ड भी खड़ा हो चुका था। फिर सपना ने ससुर को रोका और फिर उनसे कहा के चाय बनाकर लानी है। फिर ससुर ने थोड़ी देर बाद सपना को छोड़ दिया तो फिर सपना नंगी ही बेड से उतरकर कपड़े पहनने लगी।
फिर ससुर बेड पर रजाई में लेट गए। फिर सपना ने मुस्कुराकर अपने पापा से भी कपड़े पहनने के लिए कहा तो फिर ससुर ने भी कपड़े पहन लिए। फिर सपना चाय बनाकर ले आई तो चाय पीकर मैं खेत मे चला गया। उस दिन रात को मुझे खेत मे पानी लगाना था तो फिर मैं जल्दी ही चला गया था। फिर सपना दूध वगैरह निकालने के लिए पीछे की तरफ चली गई। फिर ससुर ने सपना से शहर चलने के लिए कहा। फिर सपना ने पूछा के कैसे। फिर ससुर ने कहा के तुम्हारे लिए कमर की चैन वगैरह बनवाने और तुम्हे कोई सामान लाना हो तो ले आना। फिर ससुर की बात सुनकर सपना सोचने लगी के आज रात को वो तो खेत मे पानी लगाएंगे तो रात को वो और ससुर दोनो अकेले होंगे और फिर खूब मस्ती करेंगे। फिर ये सब सोचकर सपना ने अपने पापा को हां कर दी। फिर सपना ने जल्दी से घर का सब काम किया और फिर वो और ससुर दोनो नहाने चले गए साथ मे। फिर ससुर को याद आया के उन्होंने सुबह बिना अंडरवियर के ही पायजामा पहन लिया था। फिर ससुर ने कुर्ता तो उतार दिया था और वी बस पायजामे में खड़े खड़े सोच रहे थे। फिर सपना ने पूछा के क्या हुआ तो फिर ससुर ने कहा के उन्होंने अंडरवियर नहीं पहना है। फिर ये सुनकर सपना हँसकर बोली के अब आपको मेरे सामने अंडरवियर पहनने की जरूरत हैं क्या। ये सुनकर फिर ससुर अपना पायजामा खोलकर नंगे होकर नहाने लगे। तब सपना ने भी अपने सब कपड़े खोल दिये थे और बस पैंटी पहनकर ही ससुर के साथ बाथरूम में थी।
फिर नहाने के बाद ससुर तौलिया लपेटकर अंदर कमरे में चले गए। फिर सपना नहाई और कपड़े वगैरह धोए और फिर वो ब्रा पैंटी पहनकर कमरे में चली गई। फिर सपना शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बाल बनाने लगी। फिर ससुर नंगे ही बेड से उतरकर सपना के पीछे जाकर खड़े हो गए और फिर सपना की ब्रा को खोलने लगे। फिर सपना बोली के हम लेट हो जाएंगे जाने के लिए। फिर ससुर बोले के कुछ लेट नहीं होंगे। फिर सपना ने ससुर को ब्रा खोलने दी। फिर सपना ससुर से बोली के तो चलिए बेड पर चलिए। ये सुनकर ससुर खुश हो गए और फिर वो बेड पर जाकर बैठ गए तो फिर सपना जाकर उनकी गोद मे बैठ गई। तब सपना का मुँह अपने पापा की तरफ ही था तो फिर ससुर सपना के बोबो को चुसने लगे। सपना तब ससुर की गोद मे पैर फैलाकर बैठी थी जिससे कि पैंटी पर काफी दबाव आ गया था। जिस कारण पैंटी एक साइड से फट गई। फिर ससुर ने जब पेंटी को थोड़ा खींचा तो फिर वो पूरी फटकर ससुर के हाथ मे ही आ गई। अब सपना पूरी नंगी ससुर की गोद मे बैठी थी। तब ससुर का लण्ड पूरा खड़ा था जो कि सपना के पेट से लग रहा था। तब सपना ससुर को बिल्कुल भी नहीं रोक रही थी और वो जैसे चाहे वैसे उन्हें करने दे रही थी।
फिर ससुर ने सपना को बेड पर सीधा लेटा दिया तो फिर सपना उल्टी होकर लेट गई और अपनी गाँड थोड़ी ऊपर की तरफ उठा ली। फर ससुर भी सपना के ऊपर लेट गए और सपना की गाँड की दरार में लण्ड रगड़ने लगे। जिससे कि पूरा बेड हिलने लगा। तब सपना की नरम नरम गाँड पर लण्ड रगड़ने में ससुर को काफी मजा आ रहा था। लेकिन फिर थोड़ी देर बाद ही वो झड़ गए। सपना की गाँड पर ससुर के लण्ड का पानी लग गया था तो फिर सपना घोड़ी बन गई तो फिर ससुर ने सपना की गाँड पोंछकर साफ कर दी। फिर सपना सीधी होकर अपने पैर खोलकर लेट गई तो फिर ससुर सपना के ऊपर लेटकर सपना की गर्दन पर किस करने लगे। सपना भी अब फूल गर्म हो चुकी थी। फिर सपना ने ससुर को अपने ऊपर से हटाया और अलमारी खोलकर एक नकली लण्ड बाहर निकाला। फिर वो नकली लण्ड लेकर जब सपना ससुर के पास गई तो ससुर वो देखते ही रह गए। फिर सपना ने वो लण्ड बेड के तरफ चिपकाया और फिर उसके सामने खड़ी होकर उस लण्ड को अपनी चुत में लेकर अंदर बाहर करने लगी और साथ मे सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर ससुर कुछ देर तो ये सब देखते रहे। फिर सपना वो लण्ड पीछे से अपनी चुत और गाँड में लेने लगी।
फिर ये देखकर ससुर सपना के आगे जाकर खड़े हो गए और सपना की कमर में हाथ डालकर सपना की गर्दन पर किस करने लगे और सपना के बोबो को चुसने लगे। सपना भी तब ससुर से चिपक कर खड़ी हो गई। फिर सपना जब झड़ने वाली हुई तो उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी। फिर झड़ने के बाद सपना ने लण्ड को अपनी चुत से बाहर निकाला तो फिर सपना और ससुर उस लण्ड को देखने लगे तो लण्ड पर सपना की चुत का पानी लगा था। फिर ये देखकर सपना ससुर की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर सपना ने धक्का देकर ससुर को बेड पर सीधा लेटा दिया और फिर खुद ससुर के ऊपर लेट गई। फिर थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद सपना तो खड़ी होकर तैयार होने लगी और ससुर उस रबड़ के लण्ड को बेड से उतारकर उसे साफ किया और फिर उसे देखने लगे। फिर ससुर सपना से बोले के क्या चीज बनाई है। फिर सपना ने उस रबड़ के लण्ड को अपने पापा के हाथ से लेकर अलमारी में रख दिया और फिर पापा को तैयार होने के लिए कहा।
लेकिन ससुर ने फिर सपना का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ रजाई में सुला लिया। फिर सपना ससुर के ऊपर चढ़कर उनकी छाती पर बैठ गई। तब सपना की चुत एकदम ससुर के सामने ही थी। फिर सपना ने ससुर से तैयार होकर जल्दी से चलने के लिए कहा। लेकिन ससुर थे के उन्हें मस्ती सूझ रही थी। फिर ससुर ने सपना को सीधा लेटाकर खुद सपना के ऊपर आ गए और फिर सपना की गर्दन और बोबो ओर किस करने लगे। फिर किस करते करते वो नीचे जाने लगे और फिर पेट पर किस करने लगे। जब वो सपना की चुत पर पहुंचने वाले हुए तो सपना ने अपनी चुत को अपने हाथ से ढक लिया और फिर अपने पापा को थोड़ा गुस्सा होकर तैयार होने के लिए कहा तो तब जाकर ससुर तैयार होने लगे। फिर सपना भी तैयार हो गई। सपना ने सूट ही पहना था जिसमे से उसके बोबो के उभार साफ दिख रहे थे। फिर वो दोनो तैयार होकर शहर चले गये। उनके शहर जाने के बारे में सपना ने मुझे पहले हो बता दिया था। फिर मैं खेत से घर आकर खाना वगैरह खाकर वापिस खेत मे चला गया।
उधर शहर पहुंचते ही ससुर सपना को एक ज्वेलर की दुकान पर ले गए। फिर ससुर ने सपना के लिए गले मे पहनने के लिए एक नई चैन खरीदी और साथ मे कमर में डालने के लिए भी एक और चैन ली। फिर सपना ने एक नोजरिंग ली और कानों में पहनने के लिए बड़ी बड़ी बालियां ली। पैरों में पहनने ले लिए पायजेब भी सोने की ली। ससुर ने तब सपना को डेढ़ से दो लाख रुपये की सोने ज्वेलरी दिलाई। इतना खर्चा देखकर सपना को पता चल गया थे के आज रात को उसकी ठुकाई होने वाली है। लेकिन सपना अभी ससुर से चुदवाना नहीं चाहती थी। वो अभी और मजे लेना चाहती थी। पर ये बाद कि बात थी देखो क्या होता है रात को। फिर ज्वेलर की दुकान से निकलकर वो लेडीज सामान वाली दुकान पर चले गए। वहां से सपना ने अपने लिए ब्रा पैंटी और मेकअप वगैरह का सामान लिया। फिर वो उस दुकान से निकलकर बाजार में घूमने लगे तो फिर ससुर मेडिकल से कंडोम के कई डिब्बे लेकर आये और फिर वो मुझे दे दिए। फिर सपना ने अपने पापा के लिए कई अंडरवियर लिए। वो अंडरवियर ऐसे थे कि उसमें बस लण्ड ही छुप सकता था। वो फ्रेंच अंडरवियर थे।
फिर सब सामान वगैरह लेकर जब वो आने लगे तो सड़क के किनारे देसी हकीम वेद के तंबू बने हुए थे। फिर वो देखकर सपना ने अपने पापा से कहा के आपका रात को पेशाब निकल जाता है तो आप हकीम से दवाई ले लो। साथ मे मेरे बोबे भी ढीले रहने लगे है तो इन्हें टाइट करने की दवाई भी ले लेंगे। फिर ये सुनकर ससुर ने कार सड़क के किनारे रोक दी। फिर हम दोनों उस तंबू में जाने लगे। फिर ससुर ने मुझे घूंघट करने के लिए कहा ताकि सभी को ये लगे के मैं उनकी बीवी हूँ। फिर हम दोनों तंबू के अंदर गए तो ससुर ने उससे सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाई मांगी तो उसने दे दी। फिर ससुर ने हकीम से ख़ुद का लण्ड चेक करने के लिए कहा तो फिर हकीम ससुर को एक कोने में ले गया। फिर वहां ससुर नीचे से नंगे हो गए और फिर हकीम उनका लण्ड देखने लगा। तब ससुर सपना से बस थोड़ी ही दूर खड़े थे। नंगे ससुर सपना को साफ दिख रहे थे तो सपना ससुर को देखकर मुस्कुराने लगी। सपना को मुस्कुराते हुए ससुर और हकीम उन दोनों ने देख लिया था। फिर लण्ड चेक करने के बाद ससुर वापिस सपना के पास आकर बैठ गए। फिर ससुर ने हकीम से सपना के बोबो को टाइट करने के लिए कोई दवा देने के लिए कहा। तो फिर हकीम ने कहा के एक तेल है। इससे रोज मालिश करोगे तो बोबे टाइट ही रहेंगे। फिर वो हकीम बताने लगा के मालिश कैसे करनी है।
लेकिन उसका बताया हुआ हमारे इतना समझ मे नहीं आ रहा था। फिर हकीम बोला के आप अपनी बीवी के बोबो की एक बार मेरे सामने मालिश कर लो ताकि मैं आपको सही ढंग से समझा सकूँ। फिर ससुर ने मेरी तरफ इशारे से पूछा तो मैंने कहा के ठीक है। फिर उस हकीम ने सपना से एक साइड में जाकर ऊपर से नंगी होने के लिए कहा। फिर सपना खड़ी होकर साइड में जाकर अपना कुर्ता और ब्रा निकाल दी और फिर चेहरे पर घूंघट वैसे ही रखा। फिर हकीम और ससुर सपना के पास गए और फिर ससुर हाथों में तेल लेकर सपना के बोबो की मालिश करने लगे। फिर हकीम ससुर को बताने लगा के कैसे सही ढंग से मालिश करनी है। इस प्रकार उस हकीम के सामने ससुर कई देर तक सपना के बोबो को मसलते रहे। जिससे सपना के बोबो में जलन होने लगी और बोबे लाल हो गए। ये देखकर हकीम बोला के ये तेल खून के बहाव को सुचारू कर देगा जिससे कि फिर बोबे टाइट रहने लग जाएंगे।
फिर मालिश करने के बाद उस हकीम ने ससुर से कहा के आपको ऐसी दवाई दूं क्या जिसे लेकर आपकी बीवी आपके लास दौड़ी चली आएगी। फिर ससुर ने कहा के दे दो। फिर सपना ने वापिस अपना सूट पहन लिया और फिर सब कुछ दवाई वगैरह लेकर वो घर आने लगे। तब वो दोनो ही काफी खुश थे। फिर घर पहुंचने के बाद सपना ने जल्दी जल्दी घर का सब काम किया और फिर मैं भी खाना खाकर खेत मे चला गया। आज रात को सपना और उसके पापा घर पर बिल्कुल अकेले थे तो पता नहीं आज वो क्या गुल खिलाने वाले थे। फिर ससुर तो कमरे में जाकर नंगे होकर अपने लण्ड की मालिश करने लगे। जब सपना कमरे में गई और अपने पापा को लण्ड की मालिश करते देखा तो फिर वो भी गर्म हो गई। फिर वो अपने पापा के लिए दूध लेकर गई और फिर ससुर ने दूध के साथ सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाई ली। सपना ने भी दवाई ली और फिर वो नंगी होकर तैयार होने लगी।
सपना को आज जो कुछ भी ससुर ने दिलाया था वो सब पहनकर वो जाकर ससुर के साथ बैठ गई। फिर ससुर सपना के बोबो की मालिश करने लगे। फिर सपना भी अपने पापा के लण्ड की मालिश करने लगी। फिर ससुर ने सपना को बेड पर लेटाया और फिर सपना के पूरे बदन को चूमने लगे। जिससे सपना और ससुर बहुत ज्यादा गर्म हो गए। अब तो उनमे चुदाई होना तय था। फिर सपना ने अपने दोनो पैर उठा दिए जिस कारण ससुर के सामने सपना की नंगी चुत आ गई। फिर कुछ देर तो ससुर अपनी बेटी की चुत को देखते रहे और फिर चुत चाटने लगे। अपने पपला से अपनी चुत चटवाने में सपना को काफी मजा आ रहा था। फिर सपना में अपने पापा को सीधा लेटा लिया और सपना अपने पापा के लण्ड को चुसने लगी। तब ससुर का लण्ड एक दम सख्त था। फिर सपना अपने पापा के ऊपर चढ़कर अपने पपला के लण्ड से अपनी चुत रगड़ने लगी। फिर कुछ देर रगड़ने के बाद ससुर जोश में आ गए और फिर उन्होंने सपना को बेड पर पटका और फिर सपना के एक पैर को कंधे पर रखकर सपना की चुत पर अपना लण्ड रखकर खड़े हो गए। तब सपना ने अपने पापा को लण्ड अंदर घुसाने का इशारा किया तो फिर ससुर ने एक झटके में ही पूरा लण्ड अंदर डाल दिया। जिससे कि सपना को बहुत मजा आया। ससुर को भी अपनी बेटी की गर्म गर्म चुत का एहसास पाकर काफी ज्यादा मजा आया। फिर ससुर सपना की चुदाई करने लगे।
सपना भी अपने पापा का पूरा साथ दे रही थी। फिर कुछ देर बाद सपना घोड़ी बन गई तो जब पीछे से ससुर सपना की गाँड मारने लगे तो उन्हें काफी मजा आने लगा। फिर वो बोले के इतना मजा तो उन्हें कभी नहीं आया। ससुर सपना की कमर पकड़कर सपना की गाँड में अपना लण्ड पेले जा रहे थे। फिर ससुर झड़ गए तो उन्होने लण्ड बाहर निकाल लिया। लेकिन झड़ने के बाद लण्ड वैसे ही खड़ा था। फिर सपना अपने पापा का लण्ड हिलाने लगी। तब ससुर बोले के उस हकीम के बच्चे ने ऐसी क्या दवाई दे दी के लण्ड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है। ये सुनकर सपना मुस्कुराकर बोली के हां पापा मेरा भी मन कर रहा है के मैं बस चुदवाती रहूँ। फिर ससुर सपना की गाँड सहलाते हुए बोले के फिर देर किस बात की है। तो फिर सपना मुस्कुराती हुई फिर से घोड़ी बन जाती है और ससुर फिर सपना की गाँड मारने लगते है। इस तरह उन दोनों बाप बेटी की चुदाई आधी रात तक चलती रही। उन्होंने जमकर चुदाई की लेकिन दवाई के असर के कारण ससुर का लण्ड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। फिर सपना अपने पापा से बोली के अच्छा हुआ के आपने दवाई ले ली नहीं तो इस उम्र में इतना मजा नहीं आता आपको। ससुर भी अपनी बेटी की बात से सहमत थे।
फिर वो दोनो बाप बेटी एक दूसरे से लिपटकर सो गये। थकान होने के कारण सपना सुबह थोड़ी लेट ही उठी। फिर उसने अपने पापा को भी उठाया। उठते ही ससुर ने सपना को अपनी बाहों में ले लिया और ससुर ने सपना से कहा के तुम अपनी मां से भी ज्यादा मस्त हो। ये सुनकर सपना मुस्कुराने लगी। फिर सपना उठकर कपड़े पहनकर चाय बनाने चली गई और फिर चाय पीकर वो घर के पीछे जाकर दूध निकालने लगी। ससुर भी सपना के साथ ही चले गए थे वहाँ। तब सर्दी तो थी पर सपना काफी गर्म थी। इस कारण वो पूरी नंगी होकर दूध निकालने लगी और बाकी सब काम करने लगी। तब सामने ही ससुर खड़े थे और वो अपनी बेटी को देखकर लण्ड हिलाए जा रहे थे। फिर सब काम करने के बाद सपना ने जब अपने पापा का खड़ा लण्ड देखा तो फिर वो नीचे बैठकर अपने पापा का लण्ड चुसने लगी और जब ससुर झड़े तो सपना सारा पानी पी गई और लण्ड चाटकर साफ कर दिया।
फिर वो दोनो वापिस आंगन में आ गए। रात को खेत मे पानी लगाने के बाद मैं सुबह देर से ही घर आया। क्योंकि मैं उन दोनों बाप बेटी की चुदाई में बाधा नहीं बनना चाहता था। फिर जब मैं आया तो सपना ने मुझे सारी बात बताई। जिसे सुनकर मैं काफी गर्म हो गया और फिर मैंने सपना की चुदाई की। फिर सपना ने खाना बनाया और फिर ससुर तो खाना खाकर सो गए और मैं और सपना गोपीनाथ का खाना लेकर मंदिर चले गए। मंदिर गए तो देखा के कुछ लोग गोपीनाथ के पास बैठे थे। फिर सपना ने जाकर गोपीनाथ से खाना खाने के लिए कहा तो फिर गोपीनाथ उन सबके बीच से नंगा ही खड़ा होकर अपने कमरे की तरफ जाने लगा। उसके पीछे पीछे सपना भी कमरे में चली गई और फिर कमरे के कुंडी लगा दी। तब मैं तो पहले से ही अंदर था। फिर सपना ने गोपीनाथ को खाना परोसा और फिर सपना ने गोपीनाथ को सब बात बताई तो फिर सब बात सुनकर गोपीनाथ बोला के इससे आगे वो सब सम्भाल लेगा। फिर सपना नंगी होकर जाकर गोपीनाथ की गोद मे बैठ गई। फिर गोपीनाथ सपना के एक बोबे को चुसने लगे और सपना की चुत को सहलाने लगे। फिर गोपीनाथ ने कहा के इस चुत ने अपने ही बाप का लण्ड खा लिया है तो ये चुत तो बहुत निराली है।
ये सुनकर सपना मुस्कुराने लगी। फिर गोपीनाथ के साथ मे मिलकर हम सब ने आगे का प्लान बनाया और फिर गोपीनाथ ने शाम को घर पर आने के लिए कहा। फिर सपना ने गोपीनाथ से कहा के मुझे भी अपनी चेली बनालो। फिर मैं भी आपके साथ नंगी ही रहा करूँगी। फिर गोपीनाथ ने कहा के तुम्हारी बात तो ठीक है लेकिन तुम अपनी गृहस्थी पर ध्यान दो अभी। फिर सपना गोपीनाथ का लण्ड सहलाने लगी। कुछ और बात वगैरह करने के बाद गोपीनाथ तो वापिस जाकर लोगो मे बैठ गया और मैं और सपना घर आ गए। अब आगे और भी मजा आने वाला था। सपना को चोदने के बाद ससुर मुझसे आंखें नहीं मिला पा रहे थे। अब हमें सिर्फ शाम का इंतजार था। ससुर को अब सपना का चस्का लग चुका था तो वो बार बार सपना को ही देख रहे थे। सपना भी अपने पापा को देखकर हंस देती। अब सपना मेरे सामने भी अपनी स्वेटर के बटन खुले रखती और अपने नंगे बोबो का खूब प्रदर्शन करती। अब सपना अपने बाप से चुद चुकी थी तो अब उसे किसकी शर्म थी।
फिर उस दिन जब मेरा सपना को चोदने का मन हुआ तो सपना आंगन में शरेआम नंगी होकर घोड़ी बन गई। तब ससुर के कमरे का गेट खुला था और वो कमरे में ही बैठ थे। पर सपना को इसकी बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी। फिर मैं भी क्यों शर्म करता और फिर मैं सपना की चुदाई करने लगा। सपना की सिस्कारियाँ की आवाज ससुर के कानों में भी पड़ चुकी थी। सपना सिस्कारियाँ कुछ ज्यादा ही जोर से ले रही थी। फिर मैंने काफी देर तक सपना की जी भरकर चुदाई की। फिर चुदाई के बाद सपना ने नंगी ही रहकर चाय बनाई और फिर वो नंगी ही चाय लेकर अपने पपला के पास चली गई। तब ससुर का लण्ड तो पहले से ही खड़ा था तो फिर सपना अपने पापा का लण्ड चुसने लगी। तब में आंगन में ही चारपाई पर लेटा था। फिर जब ससुर झड़ गए तो फिर सपना अपने मुंह को पोंछते हुए कमरे से बाहर निकली और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। तब मुझे पता चल गया था के वो अपने बाप का लण्ड चूसकर आ रही है। फिर इसके बाद सपना नंगी ही रही और घर का काम करने लगी। अब उसे किसकी शर्म थी।
फिर शाम होने लगी तो सपना ने जल्दी से घर का सब काम पूरा कर लिया। सपना ने अपने पापा को पहले ही बता दिया था के गोपीनाथ जी महाराज आने वाले है। हालांकि ससुर उसे ढोंगी ही मानते थे पर सपना के कारण वो कुछ नहीं कहते थे। फिर सपना ने भी कपड़े पहन लिए। फिर थोड़ी और शाम हुई तो गोपीनाथ आ गया। ठंड के कारण वो अपने ऊपर चद्दर वगैरह ले लेता था पर गर्मियों में तो एकदम नंगा ही रहता था। फिर सपना उसे अंदर कमरे में लेकर गई और फिर उसे बेड पर रजाई में बैठा दिया। फिर सपना ने उसका आशीर्वाद लिया। हम सब भी गोपीनाथ के सामने वहीं बैठ गए। फिर हम इधर उधर की बातें करने लगे। गोपीनाथ अपना ज्ञान चोदने लगा। फिर वो कुछ देर के लिए आंखें बंद करके चुप हो गया और फिर वो बोला के इस घर मे ऐसा कुछ हुआ है जो नहीं होना चाहिए था। गोपीनाथ की बात सुनकर ससुर हैरान होकर सपना की तरफ देखने लगे। फिर गोपीनाथ सपना से बोला के तेरे पति पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है। फिर सपना घबराने की एक्टिंग करते हुए गोपीनाथ से कहा के महाराज थोड़ा खुलकर बताइए क्या हुआ है।
फिर गोपीनाथ ने ससुर की तरफ इशारा करते हुए कहा के इसने घोर पाप किया है। इसने अपनी ही बेटी के साथ सम्भोग किया है। गोपीनाथ के मुंह से ये सुनकर ससुर की तो सिट्टी पिट्टी गुल हो गई। ससुर सोचने लगे के इसे कैसे पता चला। वो तो अभी तक गोपीनाथ को ढोंगी ही समझ रहे थे। फिर गोपीनाथ ने ससुर से कहा के तू दुष्ट है। तेरी वजह से इस घर पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है। गोपीनाथ की बात सुनकर ससुर तो अंदर तक हिल गए। फिर वो जाकर गोपीनाथ के पैरों में गिर गए और गिड़गिड़ाने लगे और कहने लगे के महाराज मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है मुझे क्षमा करें। फिर गोपीनाथ ने कहा के मुझसे नहीं अपने दामाद से क्षमा मांगो। फिर ससुर आकर मेरे पैरों में पड़ गए। फिर मैंने ससुर को उठाया और कहा के ये अपने घर की ही बात है। जो हो गया सो गया। मेरी ये बात सुनकर ससुर मेरी तरफ देखते ही रह गए। फिर मैंने गोपीनाथ से कहा के महाराज अब इसका हल बताओ ताकि ये खतरा हमारे घर से टल जाए। फिर ससुर ने भी गोपीनाथ से लगभग गिड़गिड़ाते हुए यही कहा।
फिर गोपीनाथ ने कहा के ये रिश्ते में तुम्हारी बेटी लगती है इस कारण तुम्हे इससे शादी करके अपनी बीवी बनाना होगा और फिर हमारे सामने इससे सम्भोग करना होगा। गोपीनाथ की बात सुनकर तो ससुर के होश ही उड़ गए। पर ससुर के हाथ मे कुछ नहीं था तो उन्हें गोपीनाथ की बात माननी ही पड़ी। वे कुछ नहीं बोले। ससुर काफी टेंशन में आ गए थे। उन्हें ऐसे देखकर मैं, सपना और गोपीनाथ एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर ससुर ने गोपीनाथ से कहा के महाराज और कोई रास्ता नहीं हैं क्या। फिर गोपीनाथ ने कहा के यही एकमात्र रास्ता है। फिर गोपीनाथ ने कहा के तुमने पाप किया है तो भुगतना तो पड़ेगा ही। फिर गोपीनाथ ने कहा के आने वाली अमावस्या को मैं तुम दोनो की शादी करवाऊंगा और फिर अपनी बेटी से सम्भोग करने के बाद तुम इस पाप से मुक्त हो जाओगे। फिर सपना बोली के इसमे मेरी भी गलती थी। इस कारण मैं अपने पापा से शादी करने के लिए तैयार हूं। फिर सपना की बात सुनकर गोपीनाथ बोला के बेटी शादी के बाद तुम्हे अपनी पति और मेरे सामने अपने पापा से सम्भोग करना होगा। क्या इसके लिए भी तुम तैयार हो। फिर सपना बोली के हाँ मैं तैयार हूं।
सपना की बात सुनकर ससुर सपना की तरफ देखने लगे। फिर गोपीनाथ ने खाना लगाने के लिए कहा तो फिर सपना ने हम तीनों को खाना परोसा। फिर खाना खाने के बाद ससुर तो बाहर वाले कमरे में जाकर सो गए और फिर उनके जाने के बाद सपना, मैं और गोपीनाथ बेड पर नंगे होकर एक साथ लेट गए। फिर सपना गोपीनाथ से अपनी चुत चटवाने लगी। फिर जब सपना फुल गर्म हो गई तो फिर मैंने सपना की जमकर चुदाई की। फिर सपना गोपीनाथ से चिपक कर लेट गई। फिर गोपीनाथ सपना के बोबो को और गाँड को दबाते हुए बोला के भगवान तुम जैसी बीवी सबको दे। ये सुनकर सपना हंसने लगी। फिर मैं सपना से पीछे से चिपक कर सो गया। फिर सुबह सपना और गोपीनाथ जल्दी उठ गए तो फिर सपना ने गोपीनाथ को चाय बनाकर पिलाई और फिर चाय पीने के बाद वो तो मंदिर चला गया और फिर सपना अपने पापा के पास चली गई और उनके साथ नंगी होकर सो गई। फिर सपना ने अपने पापा को समझाया के अब सबको सब कुछ पता चल गया तो अब कैसी शर्म। फिर ससुर अपनी बेटी के नंगे बदन पर हाथ फेरते हुए बोली के हां सही कह रही हो। फिर सपना ने कहा के हमारी शादी के बाद तो हम जी भरकर चुदाई कर सकेंगे। आपके दामाद को भी तो कोई प्रॉब्लम नहीं है। इस तरह सपना ने अपने पापा को मना लिया और वो खुश हो गए। उन्हें अब कोई टेंशन नहीं थी।
फिर वो चुदाई करने लगे। तब दिन काफी चढ़ चुका था और सपना अपने पापा के साथ रजाई में नंगी होकर चुदवा रही थी। फिर मुझे जाग आई तो मैं नंगा ही कमरे से बाहर आया और फिर जब आंगन में आया तो सपना की सिस्कारियाँ सुनाई देने लगी। फिर मैं आंगन में ही बैठ गया। फिर चुदाई के बाद सपना जब बेड से नीचे उतरी तो फिर सपना ने मुझे देखा तो फिर सपना नंगी ही मेरे पास आ गई। फिर मैं खड़ा होकर सपना के पास गया और फिर सपना के बोबो को दबाने लगा। तभी ससुर पेशाब करने के लिए जाने लगे तो उन्होंने हमें देख लिया। फिर सपना बेशर्मो की तरह जोर जोर से हँसने लगी। फिर ससुर चले गए तो फिर मैं वहीं आंगन में ही सपना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर चुदाई के बाद सपना ने अपनी सलवार और स्वेटर पहनी और दूध निकालने चली गई। फिर मैं ससुर के कमरे में चला गया और फिर हम पहले की तरह ही नॉर्मल बातें करने लगे। फिर हम दोनों भी पीछे की तरफ चले गए। तब सपना दूध निकाल रही थी और फिर दूध निकालकर वो जब खड़ी हुई तो उसके दोनो बोबे बाहर की तरफ आ गए। जिन्हें देखकर मैं और ससुर अपना लण्ड खुजलाने लगे।
फिर हम दोनों को देखकर सपना मुस्कुराने लगी और फिर उसने अपनी स्वेटर के और बटन खोल दिये। जिससे कि उसके बोबे काफी ज्यादा दिखने लगे। फिर वो अपनी गाँड मटकाती हुई हमारे पास से होकर घर के अंदर चली गई। फिर मैं और ससुर अपना लण्ड सहलाते हुए बोला के आपकी बेटी बहुत मस्त है। फिर ससुर बोले के ऐसी मस्त औरत किस्मत वालों को ही मिलती है। फिर मैं और ससुर भी आंगन में आकर बैठ गए और सपना को देख देखकर गर्म होने लगे। फिर सपना आंगन में झाड़ू लगाने लगी तो उसके झूलते हुए बोबो को देखकर तो मैं और ज्यादा गर्म हो गया। सपना भी मुस्कुराकर हम दोनों को अपने बोबो के खूब दर्शन करवा रही थी। फिर अचानक उसके दोनो बोबो उसकी स्वेटर से बाहर आ गए। फिर ये देखकर सपना हंसने लगी और फिर अपने बोबो को अपनी स्वेटर के अंदर डालकर फिर से झाड़ू लगाने लगी। अब मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा था तो फिर मैं सपना का हाथ पकड़कर उसे कमरे में ले गया और फिर उसे घोड़ी बनाकर चुदाई करने लगा। तब ससुर आंगन में ही बैठे रहे। उन्हें हमारी चुदाई की आवाजें साफ सुनाई दे रही थी।
फिर चुदाई के बाद सपना ने अपनी सलवार ऊपर की और फिर कमरे से बाहर आती हुई अपनी सलवार का नाड़ा बंधने लगी। तब उसकी स्वेटर के सब बटन खुले थे और उसके दोनो बोबे नंगे थे। फिर मैं कमरे से बाहर आया तो सपना ऐसे ही अधनंगी हालत में झाड़ू लगाने लगी। फिर मैं और ससुर उसे ही देखे जा रहे थे। फिर झाड़ू लगाते लगाते सपना की सलवार खुलकर नीचे गिर गई और सपना हम दोनों के सामने नीचे से नंगी हो गई। फिर वो अपनी सलवार ऊपर उठाकर बाहर वाले कमरे में चली गई। फिर ससुर भी उसके पीछे पीछे चले गए। मुझे पता था के अब ससुर सपना की चुदाई करने वाले है। फिर मैं तो खेत चला गया और फिर मेरे पीछे से ससुर ने सपना को नंगी करके चोदा। इस तरह मैं और ससुर सपना की चुदाई के मजे लेने लगे। सपना अब रंडी से भी ज्यादा बेशर्म हो चुकी थी। फिर मैं दोपहर को घर आया तो देखा के सपना नंगी ही अपने पापा से आंगन में चुदवा रही थी। तब ससुर भी नंगे ही थे। तब सपना घोड़ी बनी हुई थी और ससुर पीछे से उसकी गाँड मार रहे थे। तब उन दोनों की मजे से आंखें बंद थी। फिर मैंने भी उन दोनों के मजे को खराब नहीं किया और गेट के बाहर खड़ा होकर उनकी चुदाई देखता रहा।
फिर चुदाई के बाद वो दोनो चारपाई पर लेटने लगे तो फिर सपना ने मुझे देख लिया और फिर उसने अपने पापा को बाहर वाले कमरे में भेज दिया और खुद वहीं नंगी लेटी रही। फिर मैं घर के अंदर आया और नंगा होकर सपना के साथ लेट गया। फिर सपना मुस्कुराकर मेरा लण्ड सहलाने लगी। उन दोनों की चुदाई देखकर मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा था तो फिर मैं सपना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर चुदाई के बाद मैंने सपना से एक कड़क चाय बनाने के लिए कहा तो सपना ने नंगी ही रहकर चाय बनाई और फिर ऐसे ही अपने पापा को चाय देने चली गई। ससुर भी हमारी चुदाई देखकर गर्म हो चुके थे तो उन्होंने फिर से सपना को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया। इस तरह लगातार तीसरी बार सपना की चुदाई हो रही थी। फिर अपने पापा से चुदकर सपना वापिस आई और फिर मेरे साथ बैठकर चाय पीने लगी। फिर सपना ऐसे ही नंगी ही रहने लगी। क्योंकि सपना की मैं और ससुर चुदाई कर चुके है और अब हमें सब कुछ पता भी है तो वो अब किससे शर्म करें। तब सर्दी भी थी पर नंगी रहने के लिए सपना कितनी भी सर्दी सहन कर सकती थी।
फिर शाम होने लगी तो सपना नंगी ही रहकर घर के कामो में लग गई। फिर ससुर ने सोचा के अब तो सपना ने कपड़े पहन लिए होंगे तो फिर वो जब आंगन में आये तो उन्होंने सपना को नंगी ही काम करते हुए देखा और मैं भी वहीं बैठा था तो ये देखकर ससुर वापिस जाने लगे तो फिर सपना ने उन्हें पीछे से आवाज देकर बुलाया और बैठने के लिए कहा। फिर ससुर ना चाहते हुए भी मेरे पास आकर बैठ गए। ससुर तब नजरें चुरा रहे थे जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं हो। सपना हमारे पास नंगी घूम रही थी तो फिर हम सपना को देखने लगे। सपना भी हमारी तरफ देखकर मुस्कुरा देती और फिर हमारे सामने ही कभी अपनी चुत खुजलाने लग जाती तो कभी अपने बोबो को सहलाने लगती। वो जब नीचे झुकती तो पीछे से उसकी चुत और गाँड का नजारा बिल्कुल साफ दिखाई देता और कई बार तो सपना खुद अपनी गाँड चौड़ी करके अपनी चुत और गाँड दिखाती और फिर हमारी तरफ देखकर मुस्कुरा देती। फिर मैंने और ससुर ने सोचा के जब औरत होकर सपना भी नहीं शर्मा रही है तो हम फिर भी मर्द है। हम क्यों शरमाये।
फिर ये सोचकर मैं अपना लण्ड बाहर निकालकर सहलाने लगा। मेरा लण्ड देखकर ससुर देखते ही रह गए। सपना ने मेरे लण्ड को देखकर मेरी तरफ हँसकर एक फ्लाई किस दी। ये देखकर ससुर को काफी अजीब लग रहा था। फिर कुछ देर बाद सपना बाल्टी लेकर दूध निकालने जाने लगी और फिर हमारी तरफ इशारा करके हमे बुलाया तो फिर हम दोनों खड़े होकर सपना के पीछे पीछे चलने लगे। तब सपना की मटकती गाँड देखकर मेरे और ससुर के मुँह में तो पानी आ गया था। फिर पीछे की तरफ पहुंचकर सपना हमारे सामने ही नीचे बैठकर अपनी चुत चौड़ी करके पेशाब करने लगी। ये देखकर मैं अपना लण्ड सहलाने लगा। ससुर की भी हालत खराब हो रही थी। सपना की चौड़ी गाँड और बड़ी बोबे देखकर तो किसी का भी दिमाग खराब हो सकता था। फिर मैं सपना के पास जाकर खड़ा हो गया और फिर सपना मेरे लण्ड को देखकर हंसने लगी। फिर सपना एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़कर सहलाने लगी। सपना अपने पापा के सामने ही मेरा लण्ड पकड़कर हिला रही थी। फिर सपना दूध निकालना छोड़कर दीवार के सहारे झुक कर खड़ी हो गई। सपना को ऐसे देखकर मैं समझ गया और फिर मैं सपना के पीछे जाकर खड़ा हो गया और फिर सपना की कमर को पकड़कर सपना की गाँड में लण्ड डालकर करने लगा।
ससुर वहीं खड़े खड़े हमे देख रहे थे। फिर कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर सपना घुटनो के बल बैठकर मेरा लण्ड चुसने लगी। जब मैं झड़ने लगा तो फिर सपना ने मेरा सारा पानी पीकर मेरे लण्ड को चाटकर साफ कर दिया। इसके बाद सपना फिर से दूध निकालने लगी। उधर ससुर का बुरा हाल हुआ जा रहा था तो फिर ससुर ने आखिरकार अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। अपने पापा का खड़ा लण्ड देखकर सपना अपने पापा की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर दूध निकालकर जब सपना अपने पापा के पास गई तो उसके पपला ने उसे अपनी बाहों में ले लिया और फिर सपना के बड़े बड़े बोबो को चुसने लगा। तब ससुर अपनी बेटी की बड़ी बड़ी गाँड को भी सहला रहे थे। सपना भी अपने पापा का पूरा साथ दे रही थी। फिर सपना ने अपने पापा के सब कपड़े खोलकर उन्हें नंगा कर दिया। अब वो दोनो बाप बेटी बिल्कुल नंगे एक दूसरे से चिपके खड़े थे। ये नजारा देखकर तो मेरा लण्ड भी फिर से खड़ा होने लगा। फिर सपना अपने पापा के सामने बैठकर अपने पापा के लण्ड को अपने बोबो के बीच मे लेकर सहलाने लगी। ससुर काफी ज्यादा गर्म थे तो फिर वो जल्द ही झड़ गए और सारा पानी सपना के बोबो और मुंह पर गिर गया। फिर सपना ऐसे ही खड़ी होकर दूध की बाल्टी लेकर अंदर चली गई।
फिर मैं और ससुर भी अंदर चले गए। घर के अंदर आकर मैं भी नंगा हो गया। ससुर तो नंगे थे ही। फिर हम दोनों चारपाई पर बैठ गए। मेरा लण्ड खड़ा था तो और ससुर का लण्ड तब ढीला था। फिर मैं अपने खड़े लण्ड को सहलाने लगा। सपना तब किचन में थी। फिर जब वो किचन से बाहर आई तो हम दोनों को नंगा देखकर वो मुस्कुराने लगी और घर के काम करने लगी। सपना मेरी बीवी थी और सपना को मैं पता नहीं कितनी बार चोद चुका था पर जब भी मैं उसे नंगी देखता हूँ तो मेरा उसकी चुदाई करने का मन करने लगता है। फिर सपना ने हमसे चाय के लिए पूछा तो फिर हमने कहा के थोड़ी थोड़ी बना लो। फिर सपना हमारे लिए चाय बनाकर ले आई और फिर वो खुद भी हमारे पास बैठकर चाय पीने लगी। तब सपना अपने पपला की बगल में बिल्कुल नंगी बैठी थी और मैं उनके सामने वाली चारपाई पर बैठा था। फिर ससुर ने सपना की कमर में अपना हाथ डाल दिया तो फिर सपना भी अपने पापा के साथ चिपक कर बैठ गई। फिर चाय पीने के बाद सपना ने हमसे कहा के कल अमावस की रात है और कल मेरे और पापा की शादी है तो उसके लिए हमे तैयारी करनी होगी। फिर ससुर बोले के कल हम सब बाजार चलेंगे और जो भी चाहिए होगा ले आएंगे। फिर सपना बोली के ठीक है। फिर ससुर सपना के बोबो को चुसने लगे और सपना मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
फिर मैंने सपना की टाँगे चौड़ी करके उसकी चुत चाटने लगा। जिससे कि सपना गर्म होने लगी। फिर मैंने सपना की चुत में लण्ड डाल दिया और करने लगा। उधर सपना अपने पापा के साथ लिप किस कर रही थी। मैंने अभी 4-5 बार ही सपना की चुत में लण्ड अंदर बाहर किय्या था के फिर सपना बोली के अभी रात हो रही है और ठंड भी बढ़ रही है। आप दोनो अंदर कमरे में चलो मैं खाना वगैरह बना लेती हूँ और बाकी के सब काम कर लेती हूँ। फिर सपना की बात सुनकर मैंने लण्ड सपना की चुत से बाहर निकाल लिया और फिर सपना खड़ी हुई तो वो मेरे गले लग गई और मुझसे बोली के सॉरी आपको इस तरह बीच मे रोक दिया। फिर मैं बोला के कोई बात नहीं। फिर हम दोनों लिप किस करने लगे। उधर सपना की गाँड एकदम ससुर के सामने थी तो ससुर ने अपना मुँह सपना की गाँड में घुसा दिया और सपना की गाँड चाटने लगे। फिर जब सपना ने पीछे मुड़कर देखा तो फिर सपना अपने पापा को अपनी गाँड में मुँह डाला हुए देखकर हंसने लगी। फिर मैंने भी सपना के बोबो में अपना मुँह घुसा दिया। इस तरह हम कई देर तक सपना के मजे लेते रहे।
फिर सपना जाकर खाना बनाने लगी तो फिर मैं और ससुर सपना के सामने बैठकर खाना खाने लगे और सपना के बदन को निहारने लगे। सपना भी हमारी तरफ देखकर हंस देती। फिर खाना खाने के बाद ससुर तो अंदर कमरे में चले गए और मैं वहीं रहा। मैंने सोचा के मैं सपना की काम मे सहायता कर देता हूँ ताकि सपना जल्दी से फ्री हो जाये। खाना बनाने के बाद फिर सपना ने भी खाना खाया और फिर हम दोनों घर के पीछे की तरफ जाकर पशुओं को अंदर बांधा ताकि उन्हें ठंड ना लग सके। तब अंधेरा हो चुका था और ठंड भी काफी हो गई थी। फिर सपना अपने दोनो हाथ खोलकर हँसकर भागने लगी। फिर मैं भी सपना के पीछे भागा और सपना को अपनी बाहों में ले लिया। फिर सपना बोली के ऐसे खुलकर चुदाई करने में कितना मजा आता हैं ना। फिर मैं सपना से बोला के अगर तुम जैसी औरत हो तो बहुत मजा आता है। फिर मैं और सपना खेतो की तरफ चले गए और घूमने लगे। तब सपना तो किसी छोटी बच्ची की तरह उछल कूद कर रही थी। वो तब काफी ज्यादा खुश थी।
फिर कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद हम दोनों वापिस घर आकर गर्म गर्म पानी से नहाए। फिर नहाने के बाद हम दोनों नंगे ही कमरे में चले गए। जहां ससुर रजाई में नंगे बैठे थे। फिर मैं भी बेड पर जाकर रजाई में घुस गया और सपना शीशे के सामने खड़ी होकर मेकअप वगैरह करने लगी। मैं और ससुर उसे देखकर लण्ड हिलाने लगे। फिर सपना हम दोनों के लिए दूध लेकर आई और फिर दूध पीने के बाद वो भी हमारे साथ आकर बेड पर हमारे बीच मे लेट गई। सपना हम दोनों के खड़े लण्ड देखकर खुश हुई और फिर पकड़कर सहलाने लगी। फिर ससुर तो सपना के बोबो को दबाने और चुसने लगे और मैं सपना की चुत सहलाने लगा। हमारे तीनो की सिसकारियों की आवाज पूरे कमरे में गूँजने लगी। बाहर इतनी सर्दी और अंदर रजाई मे सपना जैसी गर्म औरत दो दो मर्दो से मजे ले रही थी। फिर मैं जाकर सपना की चुत चुसने लगा जो कि पानी पानी हो चुकी थी। फिर सपना घोड़ी बन गई और मैं सपना के आगे आकर बैठ गया तो सपना मेरा लण्ड चुसने लगी। उधर ससुर सपना के पीछे जाकर सपना की गाँड को चाटने लगे। ससुर सपना की मखमली गाँड का काफी देर तक मजा लेते रहे। उन्हें अब सपना के बोबो से ज्यादा सपना की गाँड पसंद आ गई थी।
फिर ससुर सपना के नीचे आकर लेट गए और सपना के लटकते बोबो को चुसने लगे। उधर मैं पीछे चला गया और जाकर सपना की गाँड पर थप्पड़ मारने लगा। जिससे कि सपना की चीख निकल जाती। सपना को दर्द होता लेकिन फिर भी उसने मुझे नहीं रोका। फिर सपना की आंखों से आँसू आने लगे। लेकिन फिर भी मैं नहीं रुका। फिर ससुर ने भी सपना के सिर को बालों से पकड़ लिया और सपना की गालों पर थप्पड़ मारने लगे। जिससे सपना का और भी बुरा हाल हो गया। हमारे मारने से सपना की गाँड और गाल दोनो लाल हो गए थे। फिर सपना के लगातार कई देर तक घोड़ी बने रहने से और दर्द से हाथ पैर कांपने लगे तो फिर हमने सपना को सीधा लेटा दिया। फिर ससुर सपना के बोबो पर थप्पड़ मारने लगे और मैं सपना की चुत पर। जिससे सपना को दर्द होता पर वो सहती रही। फिर कुछ देर के बाद ससुर सपना की छाती पर चढ़कर बैठ गए और फिर सपना के दोनो बोबो के बीच अपना लण्ड डालकर मसलने लगे। उधर मैं भी सपना की चुत मारने लगा। इस तरह हम दोनों सपना पर चढ़ गए थे। फिर ससुर झड़ने लगे तो उन्होंने अपना लण्ड सपना के मुंह मे दे दिया और फिर सपना उनका सारा पानी पी गई। फिर ससुर साइड में हट गए तो फिर मैं नीचे लेट गया और मैंने सपना को अपने लण्ड पर बैठा लिया और फिर सपना से कहा के मेरा पानी निकाल दो फिर सो जाना। तब सपना थक चुकी थी लेकिन फिर भी वो मेरे लण्ड पर ऊपर नीचे होने लगी।
मैं और ससुर सपना को ऐसे देखकर मजे लेने लगे। मैं इतनी जल्दी कहाँ झड़ने वाला था। लेकिन फिर भी सपना लगी रही। ससुर के सामने सपना मेरे लण्ड पर उछल कूद कर रही थी और ससुर अपनी बेटी को देख रहे थे। फिर आखिरकार जब मेरा पानी निकल गया तो सपना थोड़ी सी मुस्कुराई और फिर वो मेरे ऊपर ही लेट गई। फिर मैंने उसे हमारे बीच लेटाया और फिर मैं सपना के बोबो के बीच मे अपना मुँह डाल दिया और उधर ससुर सपना की गाँड को अपनी छाती पर लगाकर सो गए। उस रात बहुत मजा आया और फिर बहुत अच्छी नींद आई। सपना जैसी मस्त औरत को चोदकर एक बार के लिए तो मैं और ससुर निहाल हो गए थे। हम लेट ही सोए थे। फिर सुबह 4 बजे के लगभग सपना ने मुझे जगाया। सपना को पेशाब आ रहा था तब। फिर मैं और सपना उठकर बैठ गए। बाहर काफी ठंड थी। फिर मैंने सपना से कहा के बिस्तर में ही कर लो आज आज। फिर सपना बोली के बिस्तर पूरा भीग जाएगा और फिर मुझे नींद नहीं आएगी गीले बिस्तर पर। फिर मैंने सपना से कहा के फिर तुम मेरे मुँह में कर लो। ये सुनकर सपना बोली के मेरे बहुत सारा पेशाब आने वाला है। अगर आप मेरा पेशाब पी लोगे तो फिर आपको पेशाब करने जाना पड़ेगा। हमारी बातें सुनकर फिर ससुर भी जाग गए तो वो भी उठकर बैठ गए।
फिर सपना के पापा ने भी सपना से कहा के तुम यहीं कमरे के एक कोने में पेशाब कर लो। अब इतनी ठंड में कौन बाहर जाएगा। लेकिन सपना नहीं मानी और वो बाहर जाकर ही पेशाब करने की जिद करने लगी। फिर मैं और ससुर दोनो सपना के गले लग गए और सपना की गर्दन चूमने लगे। फिर सपना बोली के चलो पहले पेशाब करके आते है फिर कर लेना कुछ भी। फिर सपना ने जब हमारे ऊपर से रजाई साइड में की तो फिर वो हम दोनों के खड़े लण्ड देखकर मुस्कुराकर बोली के इन्हें रात को तो आराम करने दिया करो। फिर मैं सपना की कमर में हाथ डालकर सपना से बोला के जब तुम जैसी औरत साथ मे हो तो बेचारे लण्ड को क्या दोष। ये बात सुनकर फिर हम सब हँसने लगे। फिर हम सब बिस्तर से उतरकर कमरे से बाहर नंगे ही चले गए। फिर सपना आंगन के एक कोने में बैठकर पेशाब करने लगी और फिर मैं और ससुर भी पेशाब करने लगे। लेकिन हमारा लण्ड खड़ा होने के कारण पेशाब मुश्किल से ही उतर रहा था। उधर सपना पेशाब करती जा रही थी। फिर सपना तो पेशाब करके अंदर चली गई और फिर मैं और ससुर भी जैसे तैसे पेशाब करके जब कमरे के अंदर गए तो देखा के सपना तब बेड पर घोड़ी बनी हुई थी और पीछे गर्दन करके हमारी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। फिर वो सीधी होकर रजाई में बैठ गई। तब तक हम दोनों के लण्ड खड़े हो चुके थे।
फिर हम दोनों जल्दी से जाकर सपना की साइड में बैठ गए। फिर मैं सपना के मुँह को अपने हाथ से पकड़ते हुए बोला के हाय सपना तू कितनी बड़ी चुदक्कड़ रांड है। ये सुनकर सपना बेशर्मो की तरह हंसने लगी। उधर ससुर भी सपना को देखकर अपना लण्ड जोर जोर से हिलाने लग जाते है। ये देखकर सपना भी गर्म होने लगती है। अपने पापा को ऐसे लण्ड हिलाते हुए देखकर सपना मुस्कुराकर अपने पापा से कहती है के कंट्रोल करो कल हमारी शादी है और फिर शादी के बाद सुहागरात है तो आप मुझे तबियत से चोद लेना। सपना की बात सुनकर भी ससुर को कुछ खास फर्क नहीं पड़ा और वैसे ही लण्ड हिलाते रहे। फिर सपना उठी और घोड़ी बनकर अपने पापा का लण्ड चुसने लगी। फिर मैं भी सपना के पीछे जाकर सपना की चुदाई करने लगा। फिर कुछ देर बाद हम सब झड़कर शांत हो गए। फिर मैं और ससुर सपना के बदन को सहलाने लगे। हम दोनों को कुबेर के खजाने से भी बड़ी कीमती चीज मिल गई थी। फिर हम सब सो गए।
सुबह जब उठे तो देखा के 9 बज गए थे। फिर हम सब उठकर बाहर आये। उस दिन धूप भी काफी अच्छी निकली हुई थी। फिर मैं और ससुर तो चारपाई पर बैठ गए और सपना चाय बनाकर ले आई। सपना को देखकर हम दोनों के लण्ड फिर से खड़े हो चुके थे। फिर सपना हमारे खड़े लण्ड देखकर बोली के अब कोई चुदाई नहीं होगी। वरना हम मार्केट जाने के लिए लेट हो जाएंगे। फिर चाय पीकर सपना तो झाड़ू वगैरह लगाने लगी और मैं और ससुर सपना को देखकर आहे भरने लगे। ससुर भी अपनी बेटी की जवानी के भरपूर नजारे ले रहे थे। फिर सपना दूध निकालने चली गई तो हम भी सपना के पीछे पीछे चले गए। फिर सपना तो दूध निकालने लगी पर मेरा और ससुर का लण्ड बैचेन हो रहा था तो मैं एक छोटी भैंस के पीछे जाकर उसकी चुदाई करने लगा। ससुर ये देखते ही रह गए। लण्ड तो उनका भी खड़ा था फिर मेरे बाद उन्होंने भी भैंस की चुदाई की और फिर हम दोनों शांत हो गए।
फिर जब सपना दूध निकाल कर खड़ी हो गई तो हम दोनों के मुरझाए हुए लण्ड देखकर वो मुस्कुराने लगी। तभी वहाँ हमारा कुत्ता आ गया और वो सपना की चुत को चाटने लगा। फिर सपना अपने पैर खोलकर खड़ी हो गई और कुत्ते से चुत चटवाने लगी। कुत्ते के चाटने से सपना गर्म हो चुकी थी। फिर सपना वहीं घोड़ी बन गई तो फिर कुत्ता सपना के पिछे आकर सपना की पीठ पर अपने अगले दोनो पैर रखकर अपने खड़े लण्ड को सपना की चुत में डालने लगा। ये देखकर तो ससुर के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। फिर सपना ने अपने हाथ से कुत्ते का लण्ड अपनी चुत में डाल लिया और फिर कुत्ता सपना की चुदाई करने लगा। कुत्ते की चुदाई से सपना काफी गर्म हो चुकी थी और फिर वो सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर कुछ देर बाद जब सपना झड़ गई तो फिर उसने कुत्ते को हटाया और खड़ी होकर घर के अंदर जाने लगी। फिर कुत्ता भी सपना के पीछे पीछे चलने लगा और सपना की गाँड चाटने लगा। फिर सपना ने कुत्ते को भगा दिया तो फिर वो खेतो की तरफ चला गया।
फिर सपना किचन में चली गई तो फिर ससुर भी सपना के पीछे पीछे चले गये और फिर जाकर सपना को अपनी बाहों में भर लिया। फिर वो सपना से बोले के तुम तो बड़ी चुदक्कड़ औरत हो जो कुत्ते को भी नहीं छोड़ा। ये सुनकर सपना हंसने लगी। फिर ससुर अपनी बेटी के बोबो को चुसने लगे और वो भी कुत्ते की तरह सपना की गाँड चाटने लगे। फिर वो सपना के पीछे पीछे ही घूमते रहे। फिर हम सब एक साथ ही नहाए और नहाते टाइम सपना के बदन को खूब मसला। फिर हम जल्दी से तैयार हुए और फिर खाना खाकर मार्केट के लिए निकल पड़े। तब सपना ने सूट पहना था और वो सूट में भी बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर मार्केट पहुंचते ही पहले सपना ने नया मंगलसूत्र और मेकअप वगैरह का सामान लिया। फिर ससुर ने सपना को सोने के गहने वगैरह और दिलाये। फिर सपना ने अपने लिए ब्रा पैंटी वगैरह ली अलग अलग डिज़ाइन की। फिर सपना ब्यूटी पार्लर में गई और अपने बदन के सब बालों को निकाल दिया और एकदम चिकनी हो गई। वो ब्यूटी पार्लर ज्यादा बड़ा नहीं था और उसे एक औरत ही चलाती थी। वो औरत और सपना एक दूसरे को अच्छी तरह जानती थी। तब ब्यूटी पार्लर में हमारे सिवा कोई नही था तो फिर सपना ने पूरी नंगी होकर वैक्स वगैरह करवाया।
तब हम उसके ऑफिस में बैठे थे और सब नजारा देख रहे थे। फिर वैक्स वगैरह करवाने के बाद सपना नंगी ही इधर उधर घूमने लगी। तब उसका गुलाबी बदन देखकर ऐसे लग रहा था के जैसे वो आज ही जवान हुई हो। वो एकदम किस कुंवारी लड़की की तरह लग रही थी। वो ब्यूटी पार्लर वाली औरत भी सपना के बदन पर फिदा थी। फिर सपना वहां लगे बड़े शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बदन को निहारने लगी। मैं और ससुर ये सब देख रहे है इसका उन्हें पता नहीं था। फिर सपना ने कपड़े पहन लिए और फिर हम वहाँ से आ गए। अब हमारी सब शॉपिंग हो गई थी तो फिर हमने काफी सारी मीठाई और फल फूल भी लिए। फिर हम घर आने लगे तो फिर मैंने और ससुर ने सपना की तरफ देखा तो सपना सब कुछ समझ गई। फिर उसे भी हम पर तरस आ गया और फिर वो चुदाई के लिए तैयार हो गई। तब शाम हो चुकी थी और मैं और ससुर चुदाई के लिए तड़प रहे थे। इस कारण हम घर पहुँचने का बिल्कुल भी इंतजार नहीं कर सकते थे। फिर मैंने और ससुर ने रास्ते मे एक सुनसान सी जगह पर कार रोकी।
कहानी आगे जारी रहेगी...
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3 महीने पहले
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