कमसीन बहन की चुदाई - 6 अब आगे...
बात तो उसने ऐसी कही थी की विक्की के दिमाग़ की सारी बत्तियाँ एक साथ जल उठी...
उसमें कहीं उसे अपना घाटा नज़र आ रहा था तो कही फ़ायडा..
घाटा इसलिए की अगर नेहा ने इस खेल में शामिल होने से मना कर दिया तो क्या होगा,
क्योंकि उसे अपने भाई का मंजू से प्यार की पींगे बढ़ाना पसंद नही था...
और ऐसे में उसने अपने हुस्न का इस्तेमाल करके अगर विक्की पर पाबंदिया लगा दी तो आज की ये पहली चुदाई मंजू के साथ उसकी आख़िरी चुदाई बनकर रह जाएगी...कम से कम उस से छुपकर इस खेल को तो जारी रखा जा सकता है ना..
और फायदा इसलिए की अगर वो मान गयी तो आगे की पूरी लाइफ एकसाथ दोनो सहेलियो की मारने को मिलेगी...
एक लड़के को और क्या चाहिए, एक साथ 2 नंगी लड़कियो के जिस्म जब उसके सामने परोसकर रखे हो तो उस से अच्छा कुछ हो ही नही सकता..
और विक्की मन ही मन चाह रहा था की काश ऐसा ही हो जाए,
यानी सेकेंड वाला अनुमान, जिसमें उसका फायदा था.
मंजू की बात मानकर वो कपड़े पहनकर नेहा को स्कूल से लेने तो चल दिया पर जाते हुए उसकी गांड फट रही थी कि कैसे वो अपनी बहन को ये बात बोल पाएगा की आज उसने मंजू की चूत मार ली है.
खैर, मन ही मन दुआ माँगते हुए वो स्कूल के बाहर पहुँचा और अपनी बहन के आने का वेट करने लगा..
और जब दूर से उसे अपने पास आते हुए उसने देखा तो उसका दिल धड़कना ही भूल गया...
आज उसकी चाल में एक अलग ही तरह की लचक थी, वो अपनी कमर को कुछ ज़्यादा ही मटका कर चल रही थी, बेग भले ही पीठ पर था पर ऐसा लग रहा था मानो कोई गाँव की लड़की सिर पर भारी मटकी रखकर मटकती हुई चली आ रही है...चेहरे पर एक अलग ही उत्साह था, शायद कल की चुदाई ने उसके चेहरे पर रौनक ला दी थी, उसकी हँसी सब बयान कर रही थी.
पास आते ही वो विक्की से ऐसे लिपटी जैसे वो उसका भाई नही बाय्फ्रेंड हो...
उसकी बाहे विक्की के इर्दगिर्द थी और उसके मुम्मे उसकी बाहो को रगड़ रहे थे.
विक्की ने सकपकाते हुए इधर उधर देखा की स्कूल की कोई और लड़की तो उसे ऐसा करते नही देख रही, और सच में हर लड़की की नज़रें उसी तरफ थी, पर वो सब ये बात जानती थी की विक्की उसका भाई है इसलिए सिर्फ़ देखकर ही आगे चली जा रही थी, कोई बाय्फ्रेंड होता तो सबकी नज़रों में शरारत उभर आती.
नेहा : " ओह्ह भाई.....पता भी है आज मैने आपको स्कूल में कितना मिस्स किया....सच में , मेरा बस चलता तो आज स्कूल ही ना जाती, पूरा दिन आपके साथ प्यार के पेंच लड़ाती...''
विक्की : "कोई बात नही, स्कूल भी तो ज़रूरी है....चलो अब जल्दी से बाइक पर बैठो, देर हो रही है...''
अभी तक विक्की की समझ में नही आ रहा था की वो उसे कैसे बताए की वो उसे अपने घर नही बल्कि मंजू के घर ले जाने के लिए आया है...
नेहा ने बैठने के साथ ही अपने चिर परिचित अंदाज में उसे अपनी गिरफ़्त में लेते हुए अपनी छातियाँ उसकी पीठ पर लगा दी और अपने मुँह की गर्म साँसे उसकी गर्दन पर छोड़ते हुए बातें करने लगी
नेहा : "भाई...आज आपने ये नही पूछा की मंजू कहाँ है, उसका वेट भी नही किया...''
विक्की : "हाँ , वो इसलिए की मुझे पता है की वो छुट्टी पर है...''
ये उसके मुँह से एकदम से निकल गया....
और जब निकला तो नेहा को साइड से अपने चेहरे की तरफ घूरता हुआ पाया उसने..
जैसे वो जानना छह रही हो की ये बात विक्की को कैसे पता चली की वो छुट्टी पर है.
वो उसे बताना तो चाहता था पर इतनी बुरी तरह से फंसकर बताएगा ये उसे नही पता था.
नेहा ने आँखे तरेरते हुए पूछा : "वो छुट्टी पर है, ये आपको कैसे पता...''
विक्की समझ चुका था की अब बेकार में बात को खींचना सही नही है, इसलिए उसे सच बताना ही सही रहेगा, वरना इधर उधर की बाते करके वो उसका गुस्सा ही बढ़ाएगा.
विक्की : "वो...आज मैं उसी के साथ था...सुबह से....''
नेहा का चेहरा देखने लायक था,
उसके चेहरे पर आए भाव सब बयान कर रहे थे....
और विक्की की दिल की धड़कने बढ़कर कई गुना तेज हो चुकी थी,
अब किसी भी पल वो तूफान आ सकता था जिससे वो डर रहा था..
नेहा : "ओह्ह्ह्ह माय गॉड ........तो यह बात है.....पर....पर तुमने....दोनो ने ये बताया ही नही की....की..''
विक्की : "वो सब एकदम से ही प्लान बन गया नेहा....वर्ना..''
उसकी डरी हुई शक्ल देखकर नेहा की हंसी निकल गयी
नेहा : "अर्रे भोंदू ...मेरे भाई...इसमे डरना कैसा....ये तो मैं भी चाहती थी की तू उससे भी मज़े ले...पर मेरी पहली शर्त यही थी की पहले मेरे साथ लो...और वो तो ले ही चुके हो...इसलिए मुझे कोई प्राब्लम नही है अब....इनफॅक्ट एक-दो दिन में मैं खुद ही तुम दोनो की ऐसी वाली मीटिंग करवाने वाली थी जिसमे तुम उसे भी हर तरह के मज़े दो जो मैं ले रही हूँ ....आख़िर मेरी बचपन की दोस्त है वो....और तुम्हे भी तो वो कब से चाहती है...''
विक्की (आश्चर्य से) : "यानी, तुझे पता था की वो मुझे चाहती है....इसके बावजूद तूने पहले मज़े लेने की सोची...''
वो इतराते हुए बोली : "भाई है तू मेरा....पहला हक तो मेरा ही बना है ना तुमपे...''
बेचारा खिसियानी हँसी हँसने के अलावा कुछ नही कर पाया विक्की
पर उसकी बात सुनकर उसे राहत ज़रूर मिली की उसेइस बात का बुरा नही लगा....
अब उसे अपनी खुली आँखो से देखे हुए सपने सच होते दिखाई दे रहे थे जिसमे वो उन दोनो नंगी लड़कियो के बीच नंगा फंसा हुआ है...
बस, उसी बात को सोचते हुए वो अपनी बाइक को लगभग उड़ाता हुआ सा मंजू के घर पहुँच गया...
बेल बजाई तो मंजू ने दरवाजा खोला और वो दोनो अंदर आ गये, उसने एक फ्रॉक स्टाइल की नाईटी पहनी हुई थी जिसके अंदर कुछ भी नही था, उसके तने हुए बूब्स उसमे से सॉफ दिख रहे थे...
नेहा आते ही गुस्से मे भरकर शुरू हो गयी...
नेहा : "साली....कमिनी...तुझे मेरा भाई ही मिला था क्या...तेरी हिम्मत कैसे हुई की तूने मेरे भाई पर अपनी गंदी नज़र डाली...मैने मना किया था ना की ऐसा नही करना, अब तू नही बचेगी....''
बेचारी मंजू के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी....
पर अचानक नेहा एक जोरदार ठहाके के साथ हंसते हुए उसके पास आई और उसे गले लगा लिया...
''हा हा हा.....ओह्ह माय बैबी....देखो तो ज़रा...क्या हाल हो गया है तेरा...चेहरे का रंग ही उड़ गया...''
विक्की के बाद अब मंजू को भी ऐसे डराकर उसे काफी मजा आ रहा था शायद।
उसकी हँसी देखकर और फिर विक्की को भी मुस्कुराते हुए देखकर मंजू समझ गयी की नेहा उसकी टाँग खींच रही थी और उसे इस बात से कोई प्राब्लम नही है की उन दोनो ने क्या किया..
हंसते-2 वो उसके बदन पर हाथ भी घुमा रही थी और अचानक बिना किसी चेतावनी के उसने मंजू के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसे फ्रेंच किस्स करने लगी...
पहले तो एकदम चोंक गयी पर जिस शिद्दत से नेहा उसे किस्स कर रही थी उसे देखकर उसने भी मना नही किया और उसका साथ देना शुरू कर दिया...
कुछ ही देर मे वो दोनो एक दूसरे को बेतहाशा तरीके से चूम रही थी...
किस्स करते-2 नेहा ने उसकी फ्रॉक की जीप को खोल दिया और उसे उसके कंधे से खिसका कर नीचे गिरा दिया...
अब वो पूरी नंगी खड़ी थी और नेहा अभी तक अपनी स्कूल ड्रेस में थी..बड़ा ही सैक्सी नज़ारा था...
और ये सब देखकर विक्की अपना मुँह खोले उन दोनो को हैरानी से देखे जा रहा था और सोच रहा था की उसका नंबर कब आएगा...
पर नेहा के दिमाग़ में शायद कुछ और ही चल रहा था....
वो उसे चूमती हुई बेडरूम तक ले गयी और उसे बेड पर धक्का देकर लिटा दिया...
और उसे बड़े ही सैक्सी तरीके से देखते हुए उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए....
देखते ही देखते वो भी जन्मजात नंगी होकर खड़ी थी उसके सामने...
विक्की भी वहाँ पहुँच चुका था पर उन दोनो को इस तरीके से प्यार करते देखकर उसकी भी हिम्मत नही हुई की उन्हे बीचे मे टोके ...
वैसे भी अभी कुछ देर पहले ही उसने मंजू की चूत मारी थी इसलिए उसके लंड को भी आराम चाहिए था कुछ देर का....
इसलिए वो कोने में पड़ी एक कुर्सी पर आराम से बैठ गया और पेंट के उपर से ही अपने आधे खड़े हुए लंड को मसलकर उनका खेल देखने लगा..
नेहा ने अपने सारे कपड़े उतारे और पिंकी की टांगे खोलकर उसके अंदर अपना चेहरा घुसा दिया....
ताज़ा चुदी चूत में से एक अलग ही तरह की महक निकल रही थी...
जिसे सूँघकर वो मदहोशी के सागर मे हिचकोले लगाने लगी....
और जब उसकी आँखो मे एक अलग ही तरहा का नशा उतार आया तो उसने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए....
एक तेज सिसक के साथ पिंकी ने उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपने अंदर समेट लिया...
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... आहहह.... म्म्म्ममममममममममममम ममममममममममममममम''
कुछ देर मे जब उसने अपना सिर बाहर निकाला तो नेहा के होंठो पर मंजू की छूट की मलाई लगी हुई थी, बड़ा ही सैक्सी दृश्य था वो, नेहा ने मुस्कुराते हुए विक्की की तरफ देखा और किसी कुतिया की तरह अपने घुटनो और हाथो पर चलती हुई विक्की के करीब आई और अपने वो गीले होंठ विक्की के होंठो से लगा कर उसके मुँह में धकेल दिए...
एक साथ ही 2 स्वाद उतरते चले गये विक्की के मुँह में ....
मंजू की चूत का रस और नेहा के होंठो की शराब....
दोनो ने मिलकर जो ड्रिंक बनाया था उसे पीने के बाद उसे लगा की कोई नशा सा कर लिया है...
दोनो के होंठ बुरी तरह से गुत्थम गुत्था हो रहे थे...
नेहा ने किस्स तोड़ी और फिर उसी तरह चलती हुई वापिस मंजू के करीब गयी और फिर से एक बार उसकी चूत चूसने लगी...
इस बार कुछ ज़्यादा ज़ोर से...जल्द ही मंजू का शरीर हिचकोले खाते हुए झड़ने लगा और उसकी चूत से निकले पानी की हर बूँद नेहा किसी पिशाचिनी की तरह पीती चली गयी.
अब विक्की से भी सहन करना मुश्किल हो रहा था,
उसने भी अपने सारे कपड़े निकाले और अपनी बहन और मंजू की तरहा नंगा होकर बैठ गया
मंजू की हालत खराब थी अब....
पहले भाई ने उसे बुरी तरह से चोदा था और बाद में बहन ने उसकी चूत को चूसकर लगभग खाली ही कर दिया था उसे अंदर से..
इसलिए अभी के लिए वो गहरी साँसे लेती हुई बेड पर गिरी हाँफ रही थी.
अपने भाई के लंड की महक आते ही नेहा ने सिर घुमा कर जब विक्की की तरफ देखा तो उसके मुँह मे पानी भर आया, कसावट से भरा , करारा लंड देखकर उसकी चूत कुलबुलाने लगी और वो अपनी गांड मटकाती हुई अपने भाई की तरफ चल दी..
जैसे कुछ देर पहले उसे चूमा था, ठीक वैसे ही फिर से एक बार उसके होंठो को चूसने लगी वो, और फिर उसकी गर्दन को चूमते हुए वो घुटनो के बल नीचे बैठ गयी उसके सामने, और फिर विक्की के विशाल लंड को हाथो में पकड़कर उसने अपने नन्हे बूब्स के बीच रखकर उसे बूब फक्किंग का मज़ा देने लगी...
पर बूब्स छोटे थे इसलिए उतना एफेक्ट नही मिला जितना पॉर्न मूवीस में देखने को मिलता है...
इसलिए उसके लंड को ज़्यादा मज़ा देने के लिए नेहा ने उसे अपने मुँह में भर लिया और जोरों से चूसने लगी..
''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह..... नेहा........... उम्म्म्ममममममममममममममममम मममममममम तेरे जैसी लंड चुसाई शायद ही दुनिया में कोई और कर पाएगा.....अहह.... ज़ोर से चूस इसे........''
उसने नेहा के सिर को पकड़कर उसके रेशमी बालो से खेलना शुरू कर दिया और उसके सिर को इधर उधर घुमा कर अपने लंड को चुसवाने लगा...
अचानक उसे अपनी बॉल्स पर कुछ अलग सा एहसास हुआ, उसने आँखे खोली तो मंजू उठकर उसके सामने बैठ चुकी थी और विक्की की बॉल्स को मुँह में भरकर चुभला रही थी..
उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़......
क्या एहसास था ये....
एक साथ दो लड़कियां जब लंड की ऐसी सेवा करती है तो सामने वाले इंसान की किस्मत कितनी अच्छी है, इसका अंदाज़ा आप अच्छे से लगा सकते है...
उसने दूसरे हाथ से मंजू के सिर को पकड़ा और उसे अपने टट्टों पर दबाना शुरू कर दिया....
एक के मुंह में लंड तो दूसरी के मुँह में उसकी बॉल्स, ऐसी मस्ती से भर चुका था वो इस वक़्त की उसके लंड की नसें अकड़कर फटने को हो गयी.....
अब विक्की से सब्र नही हो रहा था, उसने नेहा की कमर को पकड़कर उसे खड़ा किया और घुमाकर अपनी गोद में बिठा लिया, नेहा भी उसके खड़े लंड पर एडजस्ट करती हुई उसकी गोद में बैठती चली गयी....
जैसे-2 वो बैठ रही थी , विक्की का लंड उसकी चूत में घुसता जा रहा था....
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स......आआआआआआआआआआआआअहह........ भाई के लंड जैसा.......उम्म्म्ममममममममममममममममम...... कुछ भी नही.......''
इतना कहते हुए उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर उसकी गोद पर क़ब्ज़ा कर लिया..
लंड पूरी तह तक उतार चुका था नेहा की चूत में ...
विक्की के हाथ आगे आए और उसने नेहा के बूब्स को मसलते हुए उसे नीचे से चोदना शुरू कर दिया...
नेहा भी अपनी बूबियाँ मसलवाते हुए उसकी लेय से लेय मिलाकर अपने भाई के लंड पर कूदने लगी...
''आआआआआआआआआआआआहह....ओह......भाई...................उम्म्म्ममममममममममममममममममम....
मजाआाआआआआआआआअ................आआआआआआआआआ.आआआआआआगय्ाआआआआआआअ......''
काफ़ी देर से जो तूफान उसने अपनी चूत में समेट रखा था, वो एक जोरदार झटके के साथ आज़ाद हुआ और विक्की के लंड को भिगोता हुआ नीचे गिरने लगा...
और झड़ने के बाद वो पलटी और अपने भाई के होंठो पर अपने गीले होंठ रखकर उसे शानदार चुदाई के लिए धन्यवाद दिया....
विक्की का लंड अभी तक तना हुआ था...
नेहा ने मुस्कुराते हुए मंजू की तरफ देखा और उसका हाथ पकड़कर वो विक्की के पास ले आई.....
दोनो सहेलियो ने एक दूसरे को मुस्कुराते हुए देखा और नेहा ने अपनी दोस्ती की मिसाल देते हुए उसे अपने भाई की गोद में बिठा दिया , जहाँ कुछ देर पहले तक वो बैठी हुई चुदवा रही थी...
मंजू अपना चेहरा विक्की की तरफ करके बैठी , ताकि चुदते हुए वो उसे किस्स भी कर पाए
फिर वो भी सी सी करती हुई उसके लंड की सीढ़ियां उतरती चली गयी...
और उतरते हुए वो नेहा से भी ज़्यादा चीखे मार रही थी, क्योंकि आज वो पहले से ही 2 बार झड़ चुकी थी, और पहली बार चूत मारवाने की वजह से वो पाव रोटी जैसी फूल चुकी थी अब....
उसमे लंड जाने में उसे पहली बार से भी ज़्यादा तकलीफ़ हो रही थी,
पर मज़ा पहले से दुगना मिल रहा था...
विक्की ने उसके चेहरे को पकड़कर उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया, ये किसस आज तक की सभी किस्सों से बेहतर थी
ये दोहरा वार वो बेचारी सहन नही कर सकी और एक के बाद एक झटके मारते हुए वो भी झड़ने लगी...
आज विक्की को अपने लंड पर सच मे गर्व हो रहा था, जिसने खड़े-2 2 कमसिन जवानियो को झड़ने पर मज़बूर कर दिया था...
विक्की का लंड भी अब फटने जैसी हालत में पहुँच गया और उसने अपनी गति तेज कर दी....
जल्द ही उसके लंड से ढेर सारा रस निकलने लगा,
उसने आखरी वक़्त पर मंजू को अपनी गोद से हटा दिया और वो भी समय की माँग के अनुसार उसके सामने आकर नेहा की बगल में बैठ गयी....
बैठने के साथ ही विक्की के लंड से दे दना दन गोलियां निकलकर दोनो के चेहरों पर पड़ने लगी...
''आआआआआआआआआआआआआअहह....................... नहााआआआआआ आआअ.........मंजू................................................... ये लो तुम्हारा इनाआआआआआआआआअम्म्म्मममम मममममममम''
इतना कहते हुए उसने लंड की पिचकारी से उन दोनो के चेहरे और गर्दन के साथ-2 उनकी छातियों को भी भिगो डाला....
सब कुछ शांत होने के बाद दोनो ने उसके लंड को बारी-2 से अपने मुँह में लेजाकर सॉफ किया और उसके लंड की आखरी बूँद तक निगल डाली...
उसके बाद दोनो ने एकदुसरे के चेहरों पर लगी मलाई भी चट्ट कर दी...
और फिर मुस्कुराते हुए तीनो ने एक दूसरे को देखा और एक कभी ना टूटने वाले आलिंगन में बाँध कर सभी जोरदार तरीके से गले लग गये....
और गले लगे-2 ही तीनों बेड तक आए और एक दूसरे से लिपटकर नंगे ही लेट गये....
उन नंगे शरीरों के बीच लेटा हुआ विक्की इस वक़्त अपने आप को किसी राजा से कम नही समझ रहा था..
नंगे शरीरों का ये एहसास अब आने वाले दिनों में हमेशा के लिए बरकरार रहने वाला था...
!!! कहानी समाप्त !!!
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