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जीजाजी और दीदी के साथ मस्ती - 4 
@Kamvasna 05 मई, 2023 6565

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फिर मैं और दीदी जब दीदी के कमरे में चले जाते है तो फिर दीदी मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो जाती है और फिर मुड़कर मेरी तरफ मुस्कुराने लगती है। फिर दीदी मुझे अपनी फोटो खींचने के लिए कहती है तो फिर मैं दीदी की फोटो खींचने लगता हूँ। फिर मैं दीदी की 4-5 फोटो लेकर उन्हे जब ग्रुप मैं डालता हूँ तो फिर पापा दीदी की फोटो पर सेक्सी लिखकर रिप्लाइ करते है। ये देखकर दीदी हंसने लग जाती है। फिर दीदी मेरे अकेले की कुछ फोटो खींचती है और फिर हम दोनों कुछ सेल्फ़ी लेकर जब ग्रुप मे डालते है तो तब पापा और मम्मी दोनों ही हमारी फोटो को काफी पसंद करते है। फिर दीदी एक फोटो तो मेरा लंड हाथ में लेकर हँसती हुई खींचती है और फिर भेज देती है। फिर तभी एक फोटो ग्रुप में आती है जिसमे मम्मी तो उस आदमी के लंड पर चढ़कर बैठी हंस रही थी और पापा उनके पास ही बैठे थे। वो सेल्फ़ी थी जो की पापा ने ही ली थी। ये देखकर तो मेरा और दीदी का बुरा हाल हो जाता है।
 
 
फिर मैं और दीदी ग्रुप मे मैसेज करते है के मम्मी खूब मजे करो और फिर व्हाट्सप्प बंद करके दीदी मेरी बाहों में आ जाती है। तब हम दोनों गरम हो चुके थे तो फिर हम लिप किस करने लगते है और फिर मैं दीदी को घोड़ी बनाकर चोदने लग जाता हूँ। कुछ देर की चुदाई के बाद मैं झड़ जाता हूँ और फिर हम दोनों बेड पर ही लेटकर आराम करने लगते है। फिर मैंने दीदी से पूछा के पापा और मम्मी के आने के बाद क्या हम घर पर नंगे ही रहा करेंगे। ये सुनकर दीदी खुश होकर बोली के हाँ। कितना मजा आएगा ना तब। फिर मैं बोला के हाँ। फिर दीदी बोली के मेरी डिलीवरी के बाद हम दोनों मम्मी पापा के साथ घर पर ही नंगे रहेंगे और खूब मजे करेंगे। ये सुनकर मैं भी काफी खुश हुआ। अब मैं और दीदी काफी खुश थे। फिर कुछ देर बातें करने के बाद हम दोनों कमरे से बाहर आ गए और फिर दूसरे कमरे में चले गए। फिर मैं जाकर अन्नू से लिपटकर लेट गया तो फिर अन्नू जाग गई तो फिर वो मेरा लंड सहलाने लगी। दीदी भी तब पास में ही थी तो फिर दीदी भी मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैंने दीदी और अन्नू की चुदाई की। फिर कुछ दिनों तक मैं दीदी और अन्नू की ऐसे ही चुदाई करता रहा।
 
 
 
फिर एक दिन दीदी और जीजाजी हाल मे साथ में बैठे थे तो तब दीदी तो नंगी ही थी तो फिर दीदी ने जीजाजी को भी नंगा करके उनका लंड हिलाने लगी। तब मैं अपने कमरे में था और अन्नू किचन में थी। फिर मैं जब कमरे से बाहर आया तो तब जीजाजी खड़े थे और दीदी उनका लंड चूस रही थी। ये देखकर मैं वहीं खड़ा होकर देखने लगा। फिर जब अन्नू किचन से बाहर आई तो फिर वो भी ये सब देखकर देखती ही रह गई। फिर वो खाना लाकर डाइनिंग टेबल पर रखने लगी। लेकिन दीदी जीजाजी का लंड चुस्ती ही रही और फिर जब जीजाजी झड़ गए तो फिर दीदी अपना मुँह पोंछते हुए मुस्कुराने लगी। फिर जीजाजी सोफ़े पर बैठ गए। ये देखकर मैं और अन्नू गरम हो गए थे। तो फिर अन्नू डाइनिंग टेबल पर खाना रखकर सीधे मेरे कमरे में आ गई तो फिर हम दोनों चुदाई करने लगे। जब चुदाई के बाद हम दोनों कमरे से बाहर निकले तो तब दीदी और जीजाजी डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे और नंगे ही थे। फिर जीजाजी ने हँसकर कहा के आ जाओ खाना खा लो। सेक्स के बाद भूख बहुत लगती है। अपने भाई के मुँह से ये सुनकर अन्नू हैरान हो गई। फिर मैं और अन्नू बैठकर खाना खाने लगे। फिर उस दिन के बाद तो दीदी जीजाजी से हमारे सामने ही घोड़ी बनकर चुदवाने भी लगी।
 
 
ये सब देखकर फिर मैं और अन्नू भी खूब चुदाई करते। फिर कुछ दिनों बाद ही एक दिन सबके सामने दीदी ने मेरा अन्डरवियर खोलकर मेरा लंड पकड़ लिया और फिर हिलाने लगी। हालांकि जीजाजी और अन्नू  को हम दोनों के बारे में सब पता था तो वो क्या कहते। फिर तो मैं नंगा ही रहने लगा। अब सिर्फ अन्नू ही थी जो की कपड़े पहनती थी और हम बाकी सब नंगे ही रहते थे। ये सब देखकर तो अब अन्नू का दिल भी नंगी रहने का कर रहा था लेकिन वो शर्म के कारण कुछ बोल नहीं रही थी। फिर एक दिन गजब हो गया। मैं, दीदी और जीजाजी हाल मे बैठे थे और जीजाजी लैपटॉप पर कुछ काम कर रहे थे। तब अन्नू किचन में थी। फिर दीदी नीचे फर्श पर घोड़ी बन गई और फिर मुझे अपनी गाँड मारने का इशारा किया। फिर मैंने वैसा ही किया। तब जीजाजी दीदी के बिल्कुल सामने ही थे तो फिर दीदी साथ में जीजाजी का लंड चूसने लगी। जब अन्नू ने ये सब देखा तो देखती ही रह गई। ये देखकर वो अपनी चुत सहलाने लगी तो फिर मैं अन्नू के पास चला गया। फिर मैंने अन्नू को किचन में ही घोड़ी बनाया और चोदने लगा। उधर फिर जीजाजी भी दीदी की गाँड चोदने लगे।
 
 
फिर जीजाजी तो झड़ गए और फिर किचन से अन्नू की सिसकारियों की आवाजें सुनकर दीदी और जीजाजी एक दूसरे की तरफ देखकर हंसने लगे। फिर मैं और अन्नू जब चुदाई के बाद किचन से बाहर निकले तो हम सब एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे और फिर हम खाना खाने लगे। खाना खाते टाइम मैं और अन्नू साथ मे ही बैठे थे तो फिर मैंने अन्नू का हाथ अपने लंड पर रख दिया तो फिर वो मेरा लंड सहलाने लगी। फिर उस दिन मैंने जीजाजी के सामने ही अन्नू की गाल पर किस कर दिया। फिर इस सब के बाद तो मैं और अन्नू और जीजाजी और दीदी के सामने एक दूसरे का हाथ पकड़कर घूमते रहते। मैं नंगा ही रहता था तो फिर अन्नू सब के सामने ही मेरा खड़ा लंड देखकर मुसकुराती रहती। दीदी के सामने तो वो मेरा लंड पकड़ लेती लेकिन अपने भाई यानि जीजाजी के सामने वो अपना हाथ मेरे लंड से हटा लेती। लेकिन जीजाजी भी अब अन्नू को मेरा लंड सहलाते हुए कई बार देख चुके थे।
 
 
जीजाजी और दीदी तो हमारे सामने सब कुछ कर चुके थे तो फिर एक दिन जब जीजाजी और दीदी एक दूसरे से लिप किस कर थे तो उस दिन फिर मैं और अन्नू भी एक दूसरे से लिप किस करने लगे। अपने भाई के सामने लिप किस करके उस दिन अन्नू को ज्यादा शर्म नहीं आई। फिर सबके सामने ही मैं अन्नू के बदन को सहलाकर मस्ती करता रहता। इस सब के कारण अन्नू की अब सारी शर्म लगभग खत्म हो चुकी थी। एक दिन जब जीजाजी दीदी को घोड़ी बनाकर कर रहे थे तो फिर उस दिन मैं और अन्नू उनके पास खड़े होकर उन्हे देखने लगे तो फिर उस दिन मैंने अन्नू का हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया तो फिर अन्नू अपने भाई के सामने ही मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। वो तब काफी गरम हो चुकी थी। फिर कुछ देर बाद अन्नू मुझसे लिप किस करने लगी और फिर उसने मुझे सोफ़े के पीछे लेटा लिया और फिर मेरा लंड चूसने लगी। जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो फिर उसने अपना शॉर्ट्स नीचे खिसकाया और फिर मेरे लंड पर आकर बैठ गई और ऊपर नीचे होकर करने लगी।
 
 
फिर कुछ देर बाद दीदी और जीजाजी की चुदाई तो खत्म हो गई और हमारी चलती रही। हम सोफ़े के पीछे कर रहे थे तो फिर दीदी हमारे पास आकर खड़ी होकर हमारी चुदाई देखने लगी। सोफ़ा ज्यादा ऊंचा नहीं था तो तब अन्नू का गर्दन तक का हिस्सा जीजाजी को दिख रहा था। पर तब तो अन्नू आँखें बंद करके मजा ले रही थी। फिर मैं और अन्नू झड़ गए तो फिर अन्नू मेरे ऊपर ही लेट गई और फिर उसने अपना शॉर्ट्स ऊपर किया और फिर हम खड़े हुए तो तब मेरे लंड पर पानी लगा था और अन्नू की भी चुत वाली जगह गीली होने के कारण शॉर्ट्स मे से दिखाई दे रही थी। फिर हम दोनों मुसकुराते हुए साथ मे अंदर कमरे मे चले गए और फिर नहाकर दूसरे कपड़े पहनकर आ गए। फिर उस दिन के बाद तो मैं जीजाजी के सामने खुलकर अन्नू के बोबो को उसके टॉप के ऊपर से सहलाता और उसकी शॉर्ट जीन मे हाथ डालकर उसकी चुत को सहलाता रहता। ये सब देखकर जीजाजी भी अपना लंड सहलाते रहते।
 
 
अन्नू भी अपने भाई से ज्यादा कुछ शर्म नहीं करती और मुझसे हमेशा चिपकी रहती। फिर कुछ दिन बाद ही जब जीजाजी आफिस से आने वाले हुए तो दीदी ने अन्नू को एक सेक्सी सी बिकिनी पहनने के लिए कहा तो अन्नू ने पहन ली। जब शाम को जीजाजी घर आये तो अन्नू को बिकिनी में देखकर देखते ही रह गए। अन्नू भी अपने भाई को देखकर मुस्कुराने लगी। फिर जीजाजी अन्नू के पास आये और उसे बाहों में लेकर कहा के तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। फिर जीजाजी ने अन्नू के माथे पर किस किया। फिर अन्नू ने भी अपने भाई से जोर से हग किया। फिर जीजाजी अपने कमरे में चले गए और फिर अन्नू मेरे पास बैठ गई। तब मैं और दीदी सोफे पर बिल्कुल नंगे बैठे थे। फिर जीजाजी थोड़ी देर बाद कमरे से बाहर नंगे ही आये और दीदी के साइड में बैठ गए।
 
 
फिर दीदी जीजाजी का लण्ड हिलाने लगी तो फिर मैं भी अन्नू से अपना लण्ड सहलवाने लगा। आज अन्नू मेरा लण्ड सहलाने में ज्यादा नहीं शर्मा रही थी। फिर जीजाजी दीदी के सामने आकर खड़े हो गए और फिर दीदी के मुँह को चोदने लगे। फिर मैं भी अन्नू से अपना लण्ड चुसवाने लगा। फिर थोड़ी देर लण्ड चुसवाने के बाद मैंने अन्नू की पैंटी खोलकर उसे अपनी गोद मे बैठा लिया और फिर अन्नू खुद ही मेरा लण्ड अपनी चुत में लेकर ऊपर नीचे होने लगी। ये देखकर जीजाजी तो देखते ही रह गए। लेकिन अभी तो ये शुरुआत थी।
 
 
फिर मैंने अन्नू की ब्रा की डोरी खोल दी तो अन्नू बिल्कुल नंगी हो गई। फिर मैं अन्नू के बोबो को सहलाने लगा। फिर मैं अन्नू को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। तब अन्नू के आगे दीदी बैठी थी और जीजाजी का लण्ड चूस रही थीं। फिर अन्नू एक हाथ से दीदी के बोबो को सहलाने लगी। फिर मैं अन्नू को अपनी गोद मे उठाकर चोदने लगा। दीदी का मुंह दर्द करने लगा तो जीजाजी ने अपना लण्ड दीदी के मुंह से बाहर निकाल लिया और फिर वो खड़े खड़े अपना लण्ड सहलाते हुए हमारी चुदाई देखने लगे। फिर मैंने अन्नू को नीचे उतारा और जीजाजी की तरफ धक्का दे दिया। जिससे कि अन्नू अपने भाई के सीने से जा लगी। फिर जीजाजी ने अन्नू की कमर में हाथ डाला और फिर अन्नू के गाल पर किस करते हुए बोले के तुम बहुत सेक्सी हो अन्नू। ये सुनकर अन्नू मुस्कुराने लगी। फिर मैंने वहां रखे टेबल पर अन्नू को घोड़ी बनाया और फिर चुदाई करने लगा। जीजाजी दीदी के साथ बैठकर हमारी चुदाई देखने लगे। फिर मैं झड़ने लगा तो सारा पानी अन्नू की गाँड में डालने लगा। तभी जीजाजी के लण्ड से भी पानी की पिचकारियां निकलने लगी जो कि सीधे अन्नू के मुंह और बोबो पर गिरने लगी। ये देखकर अन्नू हँसने लगी। फिर मेरे और जीजाजी के झड़ने के बाद मैंने अन्नू को धक्का देकर जीजाजी के साइड में पटक दिया। फिर अन्नू अपने भाई से चिपक कर बैठ गई। तब जीजाजी आंखें बंद करके अपने अधखड़े लण्ड को सहला रहे थे।
 
 
 
फिर अन्नू अपने भाई के गले लग गई तो फिर जीजाजी ने आंखें खोली और फिर अन्नू की पीठ सहलाते हुए बोले के मजा आया क्या। फिर अन्नू खुश होकर बोली के बहुत आया। फिर हम चारो बातें करने लगे। फिर जीजाजी अन्नू के बदन को निहारने लगे। फिर जीजाजी अन्नू के एक निप्पल को अपने मुंह मे लेकर चुसने लगे तो अन्नू ने अपना भाई का मुंह अपने बोबो में डाल लिया। फिर तभी दीदी ने मुझसे उन्हें पेशाब करवाकर लाने के लिए कहा तो फिर मैं दीदी को पेशाब करवाने ले जाने लगा तो मैं उनकी गाँड सहलाने लगा। ये देखकर फिर जीजाजी भी अन्नू के बदन को सहलाने लगे। कुछ देर बाद जब मैं और दीदी वापिस आये तो देखा के अन्नू अपने पैर फैलाकर बैठी है और जीजाजी अन्नू की चिकनी चुत सहला रहे है। ये नजारा देख कर मैं और दीदी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे।
 
 
 
फिर जीजाजी अन्नू से लिप किस करने लगे। फिर तो अन्नू भी जीजाजी का लण्ड सहलाने लगी थी। जिस कारण जीजाजी काफी ज्यादा गर्म हो चुके थे और फिर वो खड़े हुए और फिर हमारे सामने ही अन्नू की चुत में लण्ड डालकर करने लगे। अन्नू भी मजा लेने लगी। मैं तब अन्नू के पास ही बैठा था तो फिर मैं अन्नू के बोबो को सहलाने लगा। फिर अन्नू मेरा लण्ड चुसने लगी। कुछ देर बाद जब जीजाजी झड़ने वाले हुए तो अन्नू ने अपने भाई का लण्ड मुँह में ले लिया और फिर सारा पानी पी गई। फिर झड़ने के बाद जीजाजी तो सोफे पर बैठ गए और फिर मैं अन्नू को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। मैं काफी देर तक अन्नू की चुत और गाँड की चुदाई करता रहा और फिर गाँड में झड़ गया। अन्नू आज ऐसे खुल्लम खुल्ला चुदाई करके काफी खुश हुई। अब अन्नू की सब शर्म चली गई थी और उसे अब सबके सामने नंगी रहने में काफी मजा एक रहा था।
 
 
फिर उस दिन चुदाई करते करते रात हो गई तो फिर अन्नू ने सबके लिए जल्दी से खाना बनाया और फिर हम सबने खाना खाया। फिर हम चारो दीदी के कमरे में चले गए। कमरे में जाने के बाद दीदी तो सोफे पर लेट गई और मैं, अन्नू और जीजाजी बेड पर लेट गए। फिर अन्नू मेरा और जीजाजी का लण्ड सहलाने लगी। फिर जब हम दोनों के लण्ड खड़े हो गए तो फिर उस रात हम दोनों ने मिलकर एक साथ अन्नू की चुदाई की। हम दोनों के लण्ड एक साथ अपनी चुत और गाँड में लेकर अन्नू को बहुत मजा आया। उस रात हमने काफी चुदाई की और फिर इसके बाद तो बस चुदाई ही चुदाई होने लगी।
 
 
अन्नू भी खुलवाकर चुदवाती और काफी मजे करती। आफिस जाने से पहले और आफिस से आने के बाद जीजाजी अन्नू की चुदाई करते और रात को मैं और जीजाजी अन्नू की मिलकर चुदाई करते। फिर वीकेंड पर हम सब बाहर जाकर मजे करते। उधर मम्मी और पापा भी खूब मजे कर रहे थे। पापा मम्मी की उस अफ्रीकन के साथ चुदाई की फ़ोटो और वीडियो भेजते रहते थे। जिन्हें देखकर मैं और दीदी काफी गर्म हो जाते। फिर पापा ने ग्रुप में एक मैसेज भेजा के अब से हम एक दूसरे को एक दूसरे के नाम से ही बुलाएंगे। फिर हम ऐसा ही करने लगे। मैंने और दीदी ने जीजाजी और अन्नू को पापा मम्मी के बारे में और पापा मम्मी को जीजाजी और अन्नू के बारे में कुछ नहीं बताया था। बस हम तो दोनो तरफ से मजे ले रहे थे।
 
 
 
अब हम सब घर पर नंगे ही रहते थे। दीदी का अब डिलीवरी का टाइम नजदीक ही था तो वो तो बस सोफे पर बैठी रहती या लेटी रहती। कई बार वो वॉक भी कर लेती थी। फिर मैं अन्नू को रात को डिनर पर ले जाता या कोई मूवी दिखाने ले जाता। तब अन्नू मेरे काफी शार्ट ड्रेस पहनकर जाती। जिससे कि सब अन्नू को ही घूरते रहते। पर मुझे और अन्नू को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। अन्नू को भी अब मस्ती करने में काफी मजा आने लगा था तो फिर कभी हम पार्किंग में चुदाई करते तो कभी अन्नू अपने दोनो बोबो को बाहर निकालकर चलने लग जाती और कभी तो पूरी नंगी ही हो जाती। इस तरह मस्ती करके हम दोनों को काफी मजा आता।
 
 
फिर एक बार जीजाजी अन्नू को अपनी सेकेट्री बनाकर अपने साथ ले गए। फिर उस दिन अन्नू काफी हॉट बनकर जीजाजी के साथ गई। जिस कारण उस पूरे दिन में जीजाजी ने अन्नू से कई बार चुदाई की। जीजाजी जिस कंपनी में काम करते थे उस कंपनी ने एक नई जगह आफिस खोला था और वहां का सब स्टाफ नया था। तो वहां किसी को नहीं पता चला के वो सेकेट्री असल मे जीजाजी की बहन ही हैं। जीजाजी और अन्नू ने भी इस बात का जमकर फायदा उठाया। अन्नू ने जीजाजी के साथ आफिस में नंगी होकर फ़ोटो भी भेजी। आफिस में अन्नू को देखकर तो सब मर्दो के लण्ड खड़े ही रहते थे। फिर इतना ही नहीं। मैं और अन्नू दीदी को हफ्ते में एक दो बार चेकअप के लिए डॉक्टर के पास ले जाते थे। वो लेडी डॉक्टर थी तो फिर दीदी तो वहां जाकर नंगी होकर लेट जाती थी।
 
 
उस डॉक्टर के पास हम काफी बार जा चुके थे तो हम एक दूसरे को अच्छे से जानने लग गए थे। उस डॉक्टर को पता था के दीदी मेरी बहन है। वो डॉक्टर अन्नू के साथ भी काफी फ्रेंडली हो गई थी। फिर मैंने एक बार अन्नू को पहनने के लिए सेक्सी नर्स वाली ड्रेस लाकर दी। जब वो ड्रेस अन्नू ने पहनी तो अन्नू उसमें काफी सेक्सी लग रही थी। फिर अन्नू बोली के कैसा रहेगा अगर ये ड्रेस मैँ हॉस्पिटल में पहनूँ। फिर मैं बोला के कैसे। फिर उसने कहा के वो उस डॉक्टर से बात कर लेगी और फिर कुछ देर के लिए वहां पर ड्रेस पहन लेगी। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर इस बार हम जब दीदी को लेकर उस लेडी डॉक्टर के पास गए तो तब वहाँ ज्यादा लोग नहीं थे। फिर वो डॉक्टर तो दीदी को लेटाकर चेक करने लगी। फिर तभी अन्नू ने उस डॉक्टर से बोला के वो यहां कुछ देर के लिए नर्स बनना चाहती है तो ये सुनकर वो डॉक्टर पहले तो कुछ समझ नहीं पाई। लेकिन जब अन्नू ने बताया के उसकी कुछ देर के लिए यहां नर्स बनने की इच्छा है तो फिर वो डॉक्टर बोली के ठीक है। ये सुनकर अन्नू काफी खुश हुई और फिर वो बोली के मैं अभी नर्स बनकर आती हूँ। फिर अन्नू भागकर वाशरूम में चली गई और डॉक्टर दीदी का चेकअप करने लगी। फिर मैंने डॉक्टर के उस केबिन की खिड़कियों पर पर्दे लगा दिए।
 
 
फिर कुछ देर बाद अन्नू सेक्सी नर्स वाली ड्रेस पहनकर आई जिसमें वो काफी सेक्सी लग रही थी। तब वो डॉक्टर पर्दे के पीछे दीदी का चेकअप कर रही थी और मैं केबिन में ही कुर्सी पर बैठा था। फिर जब अन्नू दीदी और डॉक्टर के पास गई तो फिर डॉक्टर तो उसे देखती ही रह गई। डॉक्टर ने तब अन्नू को कुछ नहीं कहा और हँसने लगी। फिर दीदी का चेकअप करने के बाद डॉक्टर मेरे पास आकर बैठ गई। फिर अन्नू ने दीदी के आगे से पर्दा हटा दिया और जिससे दीदी हमें नंगी लेटी हुई दिखने लगी। फिर अन्नू ने दीदी को नाइटी पहनाई और फिर उन्हें हमारे पास ले आई। फिर अन्नू केबिन में ऐसे ही घूमती रही कुछ देर। फिर कुछ देर बाद जब वो वाशरूम में कपड़े चेंज करने गई तो फिर मैं भी उसके साथ चला गया और फिर हमने वहां चुदाई की। फिर जब हम वाशरूम से बाहर आये तो दीदी और डॉक्टर हमारी तरफ देखकर हंस रही थी। वो डॉक्टर भी अपने पति के साथ इस तरह मजे करती थी तो फिर उसने हमें कुछ नहीं कहा।
 
 
 
उधर पापा व्हाट्सअप ग्रुप में मम्मी की नंगी फ़ोटो और चुदाई के वीडियो भेजते रहते थे। एक बार तो ऐसी वीडियो भेजी जिसमे मम्मी पापा और उस अफ्रीकन आदमी से एक साथ चुदवा रही थी। वो वीडियो देख कर तो मेरे लण्ड से पानी निकल गया। मम्मी वहां पूरे मजे कर रही थी। इतना ही नहीं वहां मम्मी ने उस अफ्रीकन के अलावा भी एक दो मर्दो से और मजे किये और पापा ने भी कई जवान लड़कियों के साथ मजे किये। ये सब देखकर फिर मुझसे और दीदी से भी नहीं रहा गया तो फिर मैंने और दीदी ने अन्नू से हमारी चुदाई की वीडियो बनवाई और फिर ग्रुप में भेज दी। वो वीडियो देखकर मम्मी ने मेरे लण्ड की तारीफ की और पापा ने दीदी के बदन की तारीफ की। फिर मम्मी ने तो यहां तक कह दिया के वो वापिस आकर मेरे लण्ड से मजे करेगी। उधर पापा ने भी दीदी को अपनी गर्लफ्रैंड बनने के लिए कहा तो वो तैयार हो गई।
 
 
दीदी की डिलीवरी का टाइम आ गया था और उनकी डिलीवरी कभी भी हो सकती थी। फिर दीदी ने हमसे कहा के वो बिल्कुल नंगी होकर अपनी डिलीवरी करवाएगी। जब ये बात हमने उस डॉक्टर को बताई तो वो मान गई। फिर कुछ दिनों बाद जब दीदी को पेन होने लगा तो हमने दीदी को हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया। हॉस्पिटल में हमें एक अलग कमरा दे दिया गया जिसमें दीदी बेड पर नंगी ही लेटी रहती। फिर 2-3 दिन बाद ही दीदी को ज्यादा पेन होने लगा तो फिर वो डॉक्टर और उसके साथ 2 मेल डॉक्टर और थे और साथ में मैं जीजाजी और अन्नू भी उसी कमरे में थे डिलीवरी के टाइम। तब दीदी हम सबके सामने एक दम नंगी लेटी थी। तब अन्नू ने भी एक शार्ट ड्रेस पहन रखी थी जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी। फिर जब दीदी की डिलीवरी होने लगी तो वो काफी चिल्लाने लगी और फिर मैं, जीजाजी और अन्नू दीदी के पास खड़े होकर दीदी की हिम्मत बढ़ाने लगे। वो डॉक्टर दीदी के पेट को धक्का लगाने लगी और दीदी अपनी दोनो टांगे खोलकर जोर लगा रही थी। फिर कुछ देर बाद ही बच्चा दीदी की चुत से बाहर आ गया और नॉर्मल डिलीवरी हो गई। डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने बच्चा दीदी को दे दिया तो दीदी ने उसे अपने गले से लगा लिया। दीदी के लड़का हुआ था और मैं मामा बन गया था। हम सब काफी खुश हुए। फिर डिलीवरी के बाद बच्चे और दीदी दोनो को साफ करके सुला दिया। जब मैंने ये बात पापा मम्मी को बताई तो वो काफी खुश हुए और फिर वो वापिस आने की तैयार करने लगे।
 
 
फिर 2-3 बाद ही दीदी जब थोड़ी ठीक हो गई तो फिर उन्होंने मुझसे और जीजाजी से घोड़ी बनकर चुदवाया भी। दीदी को हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने तक हम सब दीदी के पास हॉस्पिटल में ही रहे। हम कमरे को अंदर से बंद कर लेते और फिर नंगे होकर खूब चुदाई करते। दीदी ने तो डिलीवरी के बाद भी कपड़े नहीं पहने और बस नंगी ही रही। डिलीवरी के बाद दीदी के बोबे दूध से भर गए। बच्चे को पिलाने के बाद भी दूध काफी बच जाता था तो फिर मैं, जीजाजी और अन्नू दीदी के बोबो को चूसकर सारा दूध पी जाते। फिर दीदी से मिलने दीदी के सास ससुर यानी जीजाजी और अन्नू के मम्मी पापा आये। वो अपनी बहू और पोते से मिलकर काफी खुश हुए। जब वो आये तब दीदी ने नाइटी पहन रखी थी और अन्नू ने टॉप और शॉर्ट्स पहन रखे थे। जब दीदी के सास ससुर दीदी के पास बैठकर उनसे बातें कर रहे थे तो तब मैं, जीजाजी और अन्नू ठीक उनके पीछे बैठे थे। हम तीनों तब सोफे पर बैठे थे। फिर मैंने अन्नू से इशारे से अपना टॉप ऊपर करने के लिए कहा तो पहले तो उसने मना कर दिया। तब अन्नू मेरे और जीजाजी के बीच मे बैठी थी। जीजाजी मेरी बात समझ चुके थे फिर वो भी अन्नू से टॉप ऊपर उठाने के लिए धीरे से कहने लगे तो फिर अन्नू ने अपना टॉप ऊपर उठाया और फिर अपने दोनो बोबो को बाहर निकालकर बैठ गई। ऐसे करके अन्नू को मजा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था।
 
 
तब दीदी का मुंह हमारी तरफ था तो वो हमें देखकर अपने चेहरे के रिएक्शन नहीं बदल रही थी ताकि सास ससुर को पता ना लग जाये के हम पीछे बैठकर क्या कर रहे है। फिर मैं और जीजाजी अन्नू के बोबो को पकड़कर सहलाने लगे। लेकिन फिर थोड़ी देर बाद ही अन्नू ने अपना टॉप नीचे कर लिया। उधर अन्नू के मम्मी पापा तो दीदी के साथ बातों में मस्त थे। फिर मैंने अन्नू से शॉर्ट्स नीचे करके बैठने के लिए कहा। तो फिर अन्नू ने ऐसा ही किया। वो थोड़ी ऊपर उठी और अपने शॉर्ट्स और पैंटी को एक साथ अपनी जांघो तक खिसका दिया। जिससे कि अन्नू की चिकिनी चुत साफ दिखने लगी। फिर ये देखकर मैं और जीजाजी अन्नू की चुत सहलाने लगी। अन्नू की चुत गीली थी तब। फिर अन्नू ने अपना टॉप फिर से ऊपर उठा लिया। फिर तो अन्नू के बोबो और चुत को देखकर मैं और जीजाजी गर्म हो गए। फिर अन्नू अपने कपड़े सही करके बैठ गई और हम दोनों के लण्ड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी। जिससे हम काफी ज्यादा गर्म हो गए। हमारा चुदाई करने का मन होने लगा लेकिन अन्नू के मम्मी पापा तो जाने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फिर हम तीनों ने उस कमरे में ही बने बाथरूम में चुदाई करने का प्लान बनाया। फिर सबसे पहले अन्नू उठकर बाथरूम में चली गई और फिर थोड़ी देर बाद उसने कोई सामान उठाने का बहाना बनाकर हम दोनों को भी बुला लिया। फिर जब मैं और जीजाजी बाथरूम में पहुंचे तो देखा के अन्नू नंगी खड़ी थी। फिर बाथरूम में जाते ही जीजाजी ने चिटकनी लगा दी और फिर मैंने अन्नू को अपनी गोद मे उठा लिया और फिर मैं तो अन्नू की चुत मारने लगा और पीछे से जीजाजी अन्नू की गाँड मारने लगे। फिर 10 मिनट की चुदाई के बाद हम तीनों झड़ गए। फिर मैंने और जीजाजी ने अन्नू के बदन को खूब सहलाया।
 
 
फिर सबसे पहले मैं बाथरूम से बाहर आया और जाकर सोफे पर बैठ गया। फिर जीजाजी आये और फिर अन्नू जब बाथरूम से निकली तो उसे हम देखते ही रह गए। उसने तब कपड़े चेंज करके दूसरा टॉप पहन लिया था जिसमें अन्नू के बोबे काफी सेक्सी लग रहे थे और नीचे शॉर्ट्स पहन रखा था जो कि अन्नू की जांघों तक ही आ रहा था। अन्नू को ऐसे देखकर एक बार तो अन्नू के पापा मम्मी भी उसे देखते ही रह गए। लेकिन फिर उन्होंने ज्यादा कुछ ध्यान नहीं दिया। फिर अन्नू आकर मेरे और जीजाजी के बीच बैठ गई। फिर थोड़ी देर बाद अन्नू और जीजाजी के मम्मी पापा चले गए। उनके जाने के बाद अन्नू बोली के उसे आज काफी मजा आया। आज जो किया उसके कारण तो अन्नू की शर्म काफी हद तक खत्म हो गई। फिर उस दिन रात को दीदी और बच्चा तो सो गए और हम तीनों नंगे ही लेटे थे। हम कई बार चुदाई कर चुके थे। फिर अन्नू ने बाहर घूमकर आने के लिए कहा। फिर मैंने और जीजाजी ने तो अंडरवियर पहन लिया और अन्नू ने सर्फ ब्रा पैंटी पहन ली। फिर हम तीनों कमरे से बाहर आये और फिर हम टेरेस पर चले गए। तब रात के 11 बीज रहे थे। फिर हम तीनों टेरेस पर घूमने लगे। फिर थोड़ी देर बाद हम तीनों नंगे हो गए। फिर अन्नू मेरा और जीजाजी का लण्ड चुसने लगी। जब हम दोनों लण्ड पूरे कड़क हो गए तो फिर हम दोनों ने मिलकर अन्नू को काफी चोदा।
 
 
चुदाई के बाद फिर हम तीनों फिर से घूमने लगे। फिर जब हम वापिस आने लगे तो हम तीनों ने अपने कपड़े वहीं छोड़ दिये ताकि अगर कोई हम तीनों के कपड़े देखे तो उसे समझ आ जाये के यहां एक लड़की ने दो लड़कों के साथ मजे किये है। फिर हम तीनों नंगे ही वापिस कमरे में आये। तब रात काफी हो चुकी थी तो और वैसे भी हमारा कमरा ज्यादा दूर नहीं था तो हमे कोई नही मिला। फिर कमरे में आने के बाद हम तीनों सो गए। दीदी की नॉर्मल डिलीवरी थी लेकिन फिर भी हम कई दिन हॉस्पिटल में रहे। फिर कुछ दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद हम सब हॉस्पिटल से घर आ गए। अब दीदी काफी हद तक ठीक हो चुकी थी तो फिर तो हम चारो मिलकर खूब मजे करने लगे। लेकिन फिर कुछ दिन बाद ही मेरे मम्मी पापा भी घूमकर वापिस आ गए। फिर वो भी दीदी से मिलने आये। वो दीदी और बच्चे से मिलकर काफी खुश हुए। डिलीवरी के बाद दीदी कमजोर हो चुकी थी तो फिर मम्मी ने दीदी को अपने साथ चलने के लिए कहा। उधर जीजाजी को भी कंपनी के काम से 6 महीनों के लिए यूएस जाना था और अन्नू को भी अपने एग्जाम के लिए जाना था। तो फिर जीजाजी तो यूएस चले गए और अन्नू भी चली गई और फिर मैं और दीदी मम्मी पापा के साथ घर पर आ गए।
 
 
जब हम घर पर आ रहे थे तो मम्मी और पापा बातें करने लगे और वो बताने लगे के उन्होंने वहां कैसे कैसे मजे किये। फिर मम्मी उस अफ्रीकन के लण्ड की हम सबके सामने तारीफ करने लगी। फिर मम्मी ने बताया के पापा ने भी कैसे वहां जवान लड़कियों से मजे किये। फिर दीदी भी पापा के लण्ड और मम्मी की चुदाई की बातें करने लगी। तब हम चारो कार में थे। तब पापा कार चला रहे थे और दीदी आगे बैठी थी और मैं और मम्मी कार में पीछे बैठे थे। फिर दीदी ने जब अपने बच्चे को दूध पिलाने लगी तो उसने अपने पूरे बोबे को बाहर निकाल लिया और फिर बच्चे को दूध पिलाने लगी। ये देखकर पापा और दीदी एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी। फिर पापा ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और कार चलाते चलाते एक हाथ से हिलाने लगे। फिर मम्मी ने भी मेरा लण्ड मेरी पेंट से बाहर निकालकर सहलाने लगी और फिर बोली के तुम्हारा लण्ड तो तुम्हारे पापा से बड़ा है। ये सुनकर पापा और दीदी ने जब पीछे मुड़कर देखा तो मम्मी के हाथ मे मेरा लण्ड था। तब मम्मी ने साड़ी पहन रखी थी तो फिर मम्मी ने अपना ब्लाउज खोलकर अपने दोनो बोबो को अपनी ब्रा से बाहर निकाल लिया। फिर मैं मम्मी के बोबो को सहलाने लगा। फिर मम्मी ने नीचे से अपनी साड़ी ऊपर खींच ली और फिर अपनी पैंटी खोलकर अपनी चुत सहलाने लगी।
 
 
 
फिर मैं एक हाथ से मम्मी की चुत सहलाने लगा। फिर कुछ देर बाद पेशाब वगैरह करने के लिए मम्मी ने पापा से कहकर कार रुकवाई। तब वहां कोई नहीं था तो मम्मी वैसे ही अधनंगी हालत में कार से उतर गई और फिर साड़ी उतारकर सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में ही रह गई। फिर मम्मी ने ब्लाउज भी उतार दिया और फिर सड़क किनारे झाड़ियों के पीछे जाने लगी। फिर मैं भी वैसे ही कार से उतर गया और मेरा अधखड़ा लण्ड सबको दिख रहा था। फिर पापा और दीदी भी कार से उतरकर झाड़ियों की तरफ जाने लगे। दीदी ने अपने बच्चे को कार में ही छोड़ दिया था तो फिर वो बिना किसी शर्म के अपनी सलवार खोलकर नीचे बैठकर पेशाब करने लगी और पास में ही मम्मी भी बैठकर पेशाब कर रही थी। तब उन दोनों की नंगी गाँड और चुत साफ दिख रही थी। फिर पापा और मैं भी वहीं खड़े होकर पेशाब करने लगे। हम चारो तब एक दूसरे की चुत और लण्ड की तरफ देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे। फिर पेशाब करने के बाद मम्मी खड़ी होकर मेरे पास आई और मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। उधर दीदी ने भी मम्मी को देखकर अपना कुर्ता उतार दिया और फिर अपने दोनो बोबो को अपनी ब्रा से बाहर निकाल लिया। फिर दीदी को देखकर पापा अपना लण्ड हिलाने लगे। ये देखकर दीदी मुस्कुराने लगी और फिर दीदी भी पापा का लण्ड सहलाने लगी।
 
 
फिर पापा दीदी के बोबो को सहलाने और दबाने लगे। उधर मैं तो मम्मी के बोबो को चुसने लग गया था। अब हमारे बीच शर्म तो बची नहीं थी। फिर हम चारो कुछ देर ऐसे ही मजे करते रहे। फिर पापा ने कहा के जल्दी से घर चलते है। फिर हम चारो कार की तरफ जाने लगे तो फिर पापा तो सरेआम दीदी की गाँड सहलाने लगे। ये देखकर दीदी पापा की तरफ देखकर हँसने लगी। फिर मैं भी मम्मी की गाँड सहलाने लगा। फिर हम वैसे ही कार में बैठकर घर जाने लगे। फिर जब हम मार्केट से गुजर रहे थे तो दीदी और मम्मी ने अपने बोबो को ब्रा के अंदर कर लिया। फिर कुछ देर चलने के बाद पापा ने गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए गाड़ी को पेट्रोल पंप पर रोका। तभी दीदी का बच्चा रोने लगा तो मम्मी ने उसे पानी पिलाने के लिए कहा तो गाड़ी में पानी था ही नहीं। फिर तभी मम्मी पानी की बोतल लेकर गाड़ी से उतरकर पानी लेने जाने लगी। ये देखकर हम सब देखते ही रह गए। मम्मी ने अपने लंबे बालों को पीछे की तरफ कर किया ताकि मम्मी की नंगी पीठ ना दिखे। फिर मम्मी ऐसे ही ब्रा और पेटीकोट में पानी लेने जाने लगी। फिर मैं भी मम्मी के साथ चला गया। मम्मी को ऐसे सेक्सी अंदाज में देखकर मैं गर्म हो गया। फिर मम्मी वाटर कूलर से पानी भरने लगी और वहीं पर टॉयलेट भी था। फिर पानी भरने के बाद मम्मी टॉयलेट में जाने लगी तो फिर मम्मी के पीछे पीछे मैं भी चला गया। फिर मम्मी ने पहले पेशाब किया और फिर मैं मम्मी के पेटीकोट को ऊपर उठाकर मम्मी की गाँड मारने लगा। तब हमें किसी का ख्याल नहीं रहा और हम अपनी चुदाई में मस्त हो गए। फिर मैंने मम्मी की चुत भी मारी। फिर मैं झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी मम्मी की गाँड में डाल दिया। फिर चुदाई के बाद मम्मी ने अपने बाल वगैरह सही किये और फिर हम दोनों टॉयलेट से बाहर आ गए। शुक्र था के तब वहां कोई नहीं था। फिर जब हम गाड़ी की तरफ जाने लगे तो मम्मी ने अपने बाल आगे की तरफ कर लिए और मम्मी की नंगी पीठ दिखने लगी जो कि काफी सेक्सी लग रही थी। फिर वहां पेट्रोल पंप पर मम्मी ने सबको अपने बदन के खूब दर्शन करवाये। फिर हम कार में बैठकर वहां से चल दिये तो फिर पापा ने मम्मी से कहा के ये विदेश नहीं है। यहां तुम ऐसे मत घुमा करो। पापा की बात सुनकर मम्मी और हम सब हँसने लगे।
 
 
अब ऐसे बिल्कुल भी लग ही नहीं रहा था के हम एक परिवार के है। बल्कि ऐसे लग रहा था के जैसे हम चारों दोस्त है और घूमने जा रहे है। हम आपस मे काफी मस्ती मजाक और गन्दी गन्दी बातें कर रहे थे। मैं और मम्मी तो सेक्स कर चुके थे पर पापा और दीदी ने नहीं किया था तो वो दोनो काफी गर्म हो चुके थे। फिर दीदी ने अपने बच्चे को मम्मी को दे दिया और फिर दीदी ने अपनी सलवार खोल दी। अब दीदी सिर्फ ब्रा पैंटी में थी। फिर दीदी ने अपने बोबो को बाहर निकाल लिया और अपनी चुत पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगी। ये देखकर तो पापा देखते ही रह गए। फिर दीदी पापा का लण्ड सहलाने लगी। फिर कुछ देर ऐसे ही चलता रहा और फिर जब पापा से नहीं रहा गया तो उन्होंने साइड में गाड़ी रोकी और फिर दीदी ऐसे ही कार से उतरकर नंगी खड़ी हो गई और फिर पापा दीदी को लेकर झाड़ियों के पीछे चले गए। फिर मैंने और मम्मी ने देखा के पापा ने दीदी की ब्रा पैंटी खोलकर झाड़ियों पर डाल दी और वो खुद भी कपड़े खोलकर नंगे हो गए। फिर मम्मी बोली के चलो हम भी उन्हें देखकर आते है। तब बच्चा तो सो गया था तो फिर हमने उसे गाड़ी में ही छोड़ दिया और फिर मम्मी ने पेटीकोट खोलकर पैंटी पहन ली और फिर वो ऐसे ही ब्रा पैंटी में ही कार से उतरकर इधर उधर देखने लगी। फिर हम गाड़ी लॉक करके पापा और दीदी के पास चले गए। तब पापा दीदी के ऊपर चढ़कर दीदी की चुत मार रहे थे। दीदी तब काफी जोर से सिस्कारियाँ ले रही थी। लेकिन तभी पापा झड़ गए और उन्होंने सारा पानी दीदी की चुत में ही छोड़ दिया। तब दीदी को और सेक्स करना था तो फिर दीदी ने मुझे इशारा किया तो फिर मैं नंगा होकर दीदी के पास गया तो दीदी मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर जब मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो फिर मैं दीदी की चुत मारने लगा।
 
 
 
फिर मैं दीदी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। ये देखकर पापा पास खड़े खड़े अपना लण्ड सहलाने लगा और मम्मी हमें देखकर मुस्कुराने लगी। फिर जब दीदी झड़ने लगी तो वो आंखें बंद करके मुस्कुराने लगी और फिर मैं भी झड़ गया। फिर दीदी खड़ी हुई और जाकर पापा के गले लग गई और फिर पापा दीदी के बदन को सहलाने लगे। फिर मैं भी मम्मी को अपनी बाहों में लेकर चूमने लगा। तब शाम हो चुकी थी। फिर दीदी ने ब्रा पैंटी और पापा ने अपने कपड़े पहन लिए और फिर हम कार में बैठकर वहां से चल दिये। फिर दीदी और मम्मी तो सिर्फ ब्रा पैंटी में ही घर तक गई। जब हम घर पहुंचे तो तब अंधेरा हो चुका था। घर पहुंचे तब मम्मी ने ही कार से उतरकर घर का मैन गेट खोला। मम्मी ने तो अब बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी थी। फिर घर मे जाते ही हम सब नंगे हो गए। फिर दीदी और मम्मी ने खाना बनाया और फिर खाना खाकर हम चारों मम्मी पापा के कमरे में जाकर लेट गए। फिर पापा के सामने मैंने मम्मी की काफी चुदाई की और फिर पापा के साथ मिलकर भी मैंने मम्मी की चुदाई की। फिर पापा तो सो गए और मैं, दीदी और मम्मी बातें करने लगे। फिर मम्मी हँसकर बोली के मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है के हम चारो एक साथ नंगे लेटे है। फिर मम्मी बोली के अब हम बहुत मजे करेंगे। तब दीदी पापा की तरफ लेटी थी तो फिर वो पापा से चिपक कर लेट गई और मैं मम्मी से। फिर जब हम सुबह उठे तो उस दिन हमारे जीवन की एक नई शुरुआत हुई।
 
 
 
कहानी जारी रहेगी...
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  • @Sahil88

    1 वर्ष पहले

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