घर है या रंडीखाना - 3 अब आगे...
निशा के जाने के कुछ देर बाद ही काजल फ्रेश होकर बाहर आयी उसके शरीर से नहाने के बाद भी उसके परफ्यूम की खुसबू मेरे नाक में आ रही थी ,जिस खुसबू का मैं दीवाना था…
मैं पहले से ही बहुत ही उत्तेजित था लेकिन फिर भी मुझे सोने की एक्टिंग तो करनी ही थी,
मैं सोया ही रहा ,काजल मेरे पास आयी और मेरे गालो में एक किस करने सोने लगी ,......मेरी नीद तो गायब थी ,जब निशा चली गई और मेरा लिंग थोड़ा ठंडा हुआ तब मैंने सोचा की आखिर मैं कर क्या रहा था,ये बात सोचते ही मेरा मन में ग्लानि के भाव आ गए की मैं अपनी ही बहन के साथ …???
मैं सच में गिरा हुआ आदमी हु …..जब तक लिंग में अकड़ था मेरे अंदर हवस की आग थी तब तो मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था,शायद इसी लिए हवस ,काम वासना,क्रोध,लोभ,मोह ,मद,को आग कहा गया है क्योकि सबसे पहले सोचने समझने की क्षमता को ही जला देता है……
मैं जब उठा तो काजल नींद में थी मैंने उसके गालो में किस किया और बाथरूम की तरफ बढ़ा,मेरी नजर उसके पर्स पर चली गई ,ना जाने क्यो कोई आकर्षण मुझे उसतक ले गया जब मैंने अंदर देखा तो एक लाल रंग की पेंटी दिखाई दी,मैंने उसे छुवा नही लेकिन मेरा दिमाग फिर से खराब हो गया,काजल रात भर किसी से बिना पैसों के चुद कर आयी थी इसका मलतब था की वो शायद खान होगा,मादरचोद खान,अपने बेटी की उम्र की लड़की को ठोक रहा था,..
मैं इस बात से थोड़ा अपसेट भी था क्योकि काजल का इस तरह खान को सबकुछ देना और इधर मेरी ही बहन के साथ मेरे संबंधों ने मुझे थोड़ा झकझोर दिया था,मुझे पता था की मैं दोनो का ही कुछ नही कर सकता ,आज संडे था उर जैसे सभी आज के दिन छुटिया मानते है हमारे लिए आज सबसे ज्यादा बिजी दिन होता है,हमारा रेस्टारेंट और बार आज लगभग फूल होता है,मैं जल्दी से ही होटल को निकल गया..
होटल पहुचते ही मुझे सूचना दी गई की रश्मि ने मुझे याद किया है ,मेरा मूड और भी खराब हो गया क्योकि ना जाने अब इसे क्या हो गया था,ऐसे भी जो कल हुआ था मुझे लगा की वो अब भी गुस्से में होगी,मझे बताया गया की वो स्विमिंग पुल में थी ……
मैं जब स्विमिंग पुल पर पहुचा तो रश्मि एक बिकिनी में दिखी और मुझे देखकर मुझे स्माइल पास की ,मुझे थोड़ी राहत हुई क्योकि वो मुझसे अब गुस्सा नही है,मुझे देखकर वो पुल से निकली...
उसे देखकर मेरा मुह थोड़ा सा खुल गया था लेकिन उसे मैंने जल्द ही बंद कर लिया .वो मुस्कुराती हुई मेरे पास आयी और मुझे बैठने को कहा ,जबकि वो एक चेयर में सो गई जिससे उसके सभी मूल्यवान समान मेरे सामने खुलकर आने लगे थे..
“कल के लिए सॉरी देव मुझे ऐसा नही करना चाहिए था..”
वो फिर से मुस्कुराई
“मैं तो आपका नॉकर हु मेडम आपके पास नॉकरी करता हु ,आप की मर्जी आप जो भी करो मेरे साथ “
उसने मुझे आश्चर्य से देखा जबकि मैं अपना चहरा उदास बनाये हुए था,इन दिनों में मैं एक अच्छा एक्टर तो बन ही गया था,बाहर से मैं उदास दिख रहा था लेकिन अदंर से मेरा लिंग अकड़ने लगा था,शायद कल हुए हादसे के बाद मुझे हिला लेना था,मैं अपने को असंतुष्ट महसूस कर रहा था जिसका असर मेरे लिंग में साफ साफ महसूस हो रहा था…..
रश्मि के चहरे में एक मुस्कान आ गई ..
“अच्छा इतना गुस्सा ,रश्मि से मैं मेडम हो गई और मैनेजर से तुम मेरे नॉकर हो गए “
“जो सही है उसे बदला तो नही जा सकता ना”
“ओहो ..चलो तुम्हारा मूड ठीक करने लिये मैं तुम्हे एक इनाम देती हु “
मैं चौक कर उसे देखने लगा ,कही वो खुद मेरे साथ तो नही सोने वाली..मैं मन ही मन में खुस हो रहा था…
“असल में तुम्हारी बात के बारे में मैंने बहुत सोचा और मुझे तुम्हारा आईडिया भी पसंद आया ,जो काजल उन्हें दे रही है वो तो मैं भी दे सकती हु “
वो मुस्कुराने लगी लेकिन मेरी फट गई,क्या ये सच में अपने ससुर के साथ …….क्या पता की पैसा लोगो से क्या क्या करवा सकता है…
“लेकिन अभी तुम्हारे इनाम की बात,आज तुम्हारी छुट्टी “
उसने ऐसे कहा जैसे किसी बंधवा मजदूर को एक दिन की छुट्टी मिल गई हो ,साला एक दिन की छुट्टी से मेरा क्या होने वाला है,ऐसे भी मैं घर में रखकर भी क्या उखाड़ लेता ..
“नही मेडम रहने दीजिये ,मेरे पास ऐसे भी घर में कोई काम नही है और आज संडे है आज यंहा पर भीड़ भी ज्यादा होगी “
वो मुझे देख कर मुस्कुराई ..
“अभी इनाम पूरा नही हुआ है ,आज तुम मैनेजर के काम से छुट्टी ले रहे हो लेकिन तुम्हे आज शबनम के साथ काम करना है ,वो एक विशेष पार्टी का आयोजन कर रही है,उसके काम को एक महीना पूरा हो गया है,यानी हमारा पहला कस्टमर एक महीने पहले आया था,तब से लेकर अभी तक हमने कई कस्टमर की सेवा की है और लाखो कमाए है,तो शबनम का प्लान है की हमारे खास और मालदार कस्टमर को एक ट्रीट दी जाए,आज उन्हें जिसे मन करे उसे फ्री में करने दिया जाय...तो शाम से ही कस्टमर आने शुरु हो जाएंगे ,और रात से कार्यकम शुरू हो जाएगा,आज की सभी तैयारी की जिम्मेदारी तुम्हारे और शबनम के कंधों पर है...तो इसलिए यंहा के काम से तुम्हारी छुट्टी …और हा ये काम ऐसे होना चाहिए की यंहा के किसी भी कस्टमर को इसकी भनक ना लगे,बहुत ही गुप्त रूप से बाकी सब शबनम समझा देगी ….”
ये क्या बात हुई साला एक दिन की छुट्टी बोलकर मेरी गांड ही ले ली ..इतना काम पकड़ा दिया ..
“क्या हूं क्या सोच रहे हो”
वो अपने शरीर से कोई लिकविड मल रही थी ..
“इसमें इनाम जैसी क्या बात है “
मैंने चहरा उतरते हुए कहा,वो खिलखिला कर हँसी ..
“अरे शरीफ आदमी ,आज तुम्हारे लिए भी सभी फ्री है ,जाओ और इन्जॉय करो “
मैं इस लिंग का क्या करू जो बात बात पर इतना अकड़ जाता है ,साला उसकी बात को सुनकर ही उछाल मारने लगा,ऐसे भी उसे देखकर तो तना हुआ ही था..
मैं शबनम के पास पहुचा ,
“तो तैयार हो,”
“ह्म्म्म क्या क्या तैयारी करनी है ..”
“पहले तो मुझे ये समझ नही आ रहा है की कहा तैयारी करनी है,हम होटल के किसी स्टाफ को तो इसमें इन्वॉल्व नही कर सकते तो क्या करे और हमे बड़ी जगह चाहिए “
“हम्म वो सब मेरा काम तुम लड़कियों को तैयार करो कितनी लडकिया होंगी “
मैंने सबकुछ शबनम के हाथो में ही सौप दिया था,मुझे ये भी पता था की हमारे होटल में कितनी लडकिया है जो ये काम करती है और वो कौन कौन है..
“15 लडकिया होंगी और 20 कस्टमर “
मैं चौक गया ,
“यार ये तो बड़ी नाइंसाफी होगी ,20 लोगो के लिए सिर्फ 15 लडकिया “
वो जोरो से हँसी
“अरे पागल एक एक लड़की 5-5 का एक दिन में ले लेंगी तुम इसकी टेंशन मत लो ,तुम मेरे हिसाब से अरेंजमेंट करके दो “
“ओके तो कांफ्रेंस हाल में ये काम हो जाएगा “
“”अच्छा तो होटल स्टाफ का क्या करोगे”
मैं सोच में पड़ गया ,
“यंहा करना सही नही होगा,कपूर साहब का एक फार्म हाउस है वँहा पर ही सब कार्यक्रम होगा हमे चाबी मिल गई है ,उसे सजवाने का काम तुम्हारा ,वँहा एक हॉल है जिसे पब की तरह तैयार करो ,और डांस फ्लोर भी बिछावा दो ,एक स्विमिंग पुल भी है उसे साफ करवा दिया गया है,शराब और खाने के इंतजाम की जिम्मेदारी तुम्हारी, लड़कियों को तैयार करने और मेहमानों का ख्याल रखना मेरा काम है “
“यार इतना होगा तो मजदूरों की जरूरत तो पड़ेगी ही ना “
“हम्म इसलिए सभी काम शाम तक हो जाना चाहिए..फिर मजदूरों को रुखसत करो वँहा से ,रात के 9 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हो जाना चाहिए “
साला ये संडे तो मुझे महंगा पड़ गया इतना काम ,मैं चाबी लेकर सीधे अपने कांटेक्ट से बात करने लगा,और लोगो को उनका काम समझने लगा ….
रात की तैयारी हो चुकी थी ,हाल किसी पब की तरह लग रहा था,जंहा हल्की हल्की ही रोशनी थी ,आज यंहा हवस का नंगा नाच होने वाला था,मैंने सभी मजदूरों और करगिरो को वँहा से भेज दिया था,खाना और शराब लडकिया ही सर्व करने वाली थी ,,,सब कुछ जमा दिया गया था और मैं अपने काम से संतुष्ट था,जैसा शबनम ने मुझे सजाने को कहा था सभी कुछ वैसा ही था,शाम होते ही शबनम भी आ चुकी थी और सभी लडकिया भी ,....
“हम्म गुड वर्क देव इसीलिए रश्मि तुम्हे इतना पसंद करती है ,तुम सच में एक अच्छे मैनेजर हो “
शबनम ने सब अरेंजमेंट को देखते हुए कहा “
“थैक्स यार लेकिन साला सब बहुत ही थकाने वाला था “
मैं सचमे बहुत ही थक गया था..
“तो तुम एक पैक मारो और ऊपर के कमरे में आराम करो जब नींद खुले तो नीचे आ जाना...बची हुई थकान यंहा मेरी लडकिया मिटा देंगी “
शबनम की अदा पर तो मैं मरता था साली सच में कातिल थी…...मैं दो पैक पीकर ऊपर के कमरे में आराम करने चला गया ,.......
जब नींद खुली तो 9 बज चुके थे ,मैं हड़बड़ाया..साला सभी मेहमान आ गए होंगे,मैं उठा ही था की मेरी नजर सामने रखे सोफे पर पड़ी ,एक जोड़ी कपड़े ,जिसमे शर्त पेंट ,टाई और एक कोट था ,और साथ ही एक लेटर वहां पर मुझे मिला …
‘ये ड्रेश कोड है मेहमानों का इसे पहन कर नीचे आना’ये शायद शबनम ही होगी’
मैं उन कपड़ो को पहन कर नीचे गया,माध्यम रोशनी में मध्यम आवाज में गाना चल रहा था,सभी लडकिया सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही हाथो में जाम लिए घूम रही थी ,वो फार्महाउस का कमरा किसी सेक्स क्लब की तरह लग रहा था,अजीबोगरीब लोग मेरी ही तरह ड्रेश में वँहा बैठे हुए थे,जिनमे से अधिकतर की उम्र 50 के ऊपर की थी ,मुझे उनके सामने जाने में शर्म आ रही थी ,कुछ लडकिया कस्टमर के जांघो में बैठी थी ,और वो लोग उनको हल्के हल्के मसलते हुए अपने जाम का मजा ले रहे थे,एक लड़की बाकायदा कमरे के बीचो बीच पोल डांस कर रही थी जिसे चारो ओर से लोग घेरे हुए मजा ले रहे थे,कोई कुर्सी में बैठा था तो कोई खड़ा हुआ था लेकिन सभी टुन्न थे,मैं बड़ा ही नर्वस सा महसूस कर रहा था,मेरी नजर शबनम पर पड़ी,वो कमरे में एक मात्र लड़की थी जो की पूरे कपड़ो में थी,उसने एक काले रंग का लांग गाउन पहना हुआ था ..वो मुझे देखकर मुस्कुराई और मुझे नीचे आने का इशारा किया,मैं चुपचाप ही उसके बाजू में जाकर खड़ा हो गया ,ऐसे भी किसी का भी ध्यान मेरी ओर नही था,तभी वो पोल डांस खत्म हुआ और सभी तालिया बजाने लगे...एक लड़की आयी और माइक में बोलने लगी …
“आपके सामने पेश हमारे खास मेहमानों के लिए डिज़ाइन किया गया बेले डांस “
सभी फिर के तालिया बजाने लगे,एक लड़की स्टेज में आ गई उसने भी बस अपने ब्रा और पेंटी ही पहने थे ,लेकिन कमर में बड़ी सी करधन लटक रही थी ,वो म्यूज़िक के साथ धीरे धीरे अपनी कमर मटकानी शुरू कर देती है,उसके सेक्सी नितम्भ झूलने लगते है और म्यूज़िक के साथ साथ थिरकने लगते है…….
“ये सब तुम्हारा आईडिया था ,कहा से पकड़ कर लायी हो इनको,सच में अरब की लग रही है “
मैंने शबनम के कानो में कहा जो की मेरे बाजू में ही खड़ी थी ,वो मुझे देखकर मुस्कुराई ..
“अब ये मत कहना की ये तुम्हे चाहिए “
वो हल्के से हँसने लगी ,
“नही मेरे लिए तो तुम ही काफी हो “
मैंने शरारत भरे लहजे में कहा और उसने भी शरारत में मुझे कोहनी मार दिया ..
वो दूध जैसे गोरी ,लंबी सी लड़की ,अपने बड़े बड़े चूतड़ों को बड़ी ही खूबसूरती से हिला रही थी ,उसकी ये अदा देखकर वँहा बैठे लोग बड़ी ही हवस की निगाह से उसे घूर रहे थे,वही जिनके गोद में लडकिया बैठी थी वो कभी उनकी जांघो को मसलते हो कभी उनके सीने को ,तो कभी उनके जांघो के बीच हाथो को ले जाते…
“अब समय आ गया है “
शबनम की बात से मेरा ध्यान उसपर गया..
“किसका “
“ये बुड्ढे ऐसे तो कुछ नही कर पाएंगे ,इनके ड्रिंक्स में अब वायग्रा की गोली मिला देते है..”
मैंने शबनम को आश्चर्य से देखा
“पागल हो गई हो क्या ,इनकी उम्र देखो अगर किसी को हार्टअटैक आ गया तो हम फंस जायेगे “
शबनम मुझे देखकर मुस्कुराने लगी ..
“10 रुपये वाला मैनफोर्स का टेबलेट नही खिला रही हु इन्हें जो इनके दिल की धड़कने बढ़ जाएगी..फिक्र मत करो अच्छे क़्वालिटी की वायग्रा मंगवाई है इन ठरीकियो के लिए,ये हमे लाखो रुपये देते है तो इनकी सेवा भी अच्छी होनी चाहिए ना,क्या मतलब होगा अगर ये कुछ कर ही नही पाए..और हम इन्हें बता कर देंगे ये “
शबनम ने एक लड़की को इशारा किया और उसे अपने पर्श से निकाल कर कुछ टेबलेट्स दे दिए …
“ये कोई ड्रग्स तो नही है ना “मुझे अब भी चिंता हो रही थी
“नही ये उनके हार्टबीट को कंट्रोल में रखेगा,और स्टेमिना को बड़ा देगा ,कम से कम एक जवान लड़के जितना तो इन्जॉय कर ले ये बुड्ढे “
वो हँसने लगी
“ओह तब तो मुझे भी ले लेना चाहिए “
मैं मुस्कुराया
“अरे यार तुम तो बिना इसके भी इतने देर चल जाते होई तुम्हे क्या जरूरत है इसकी “वो बड़े ही मादक निगाहों से मुझे देख कर मुस्कुराई….
लड़की ने सभी के पास जाकर वो गोलिया उनके ड्रिंक्स में डाल दिए ,थोड़ी देर में ही गोलियो अपना असर दिखाना शुरू कर दिया …
लोग उत्तेजना से लाल हो रहे थे,जो बैठे थे वो भी खड़े हो गए थे और उस लड़की के साथ ही नाचने लगे थे,शराब,शबाब और गोली तीन तीन नशो ने सबको पागल सा बना दिया था,एक सेठ जी ने अपने जेब में हाथ डाला और नोटो की गद्दी निकालकर उस लड़की की ऊपर डालने लगा ,अब लड़की अपने कमर को और भी जोरो से मटकाने लगी,और पिछवाड़े को उस सेठ के मुह में ही ठिका दिया,वो सेठ भी अपनी जीभ से उसके बड़े पिछवाड़े के छेद को चाट रहा था,हवस का नंगा नाच शुरू हो गया था,लोग लड़कियों को जोरो इस मसलने लगे थे,अधिकतर लोग तो बीच में नाच रही लड़की को ही घेरे हुए थे,तभी म्यूजिक चेंज हुआ और डांस सांग्स लगा दिया गया ,सभी मस्त थे कोई दारू उछाल रहा था तो कोई नोट,पूरे कमरे में नोटो की बारिश होने लगी थी,सभी यंहा पर मुफ्त का मजा लेने आये थे लेकिन बिना कोई पैसा लिए भी उनके जेब से पैसे निकाल लिया गया था,मैं मन ही मन में शबनम की तारीफ करने से नही बच पाया,उसने एक लड़की को इशारा किया और वो जाकर नोटो को एक बाल्टी में डालने लगी,क्योकि लोगो के पैरो के नीचे आकर वो खराब हो रहे थे ,साथ ही दारू भी छलकाए जा रहे थे,जिससे नोट खराब होने लगे थे,
एक सज्जन ठरकी ने एक बड़ी ही नवजवान कमसिन सी लड़की को पकड़ रखा था अब वो उसे ही शराब से नहलाने लगे थे,और शराब उसके जिस्म से चाटते ...वो लड़की भी उनके साथ दे रही थी ,
शबनम मेरे दाहिने ओर खड़ी थी ,हम दोनो ही बहुत पास पास खड़े थे,किसी को भी हमारे ऊपर ध्यान ही नही था,सब खुद में ही इतने मस्त थे ,कही 4-4 लोग एक ही लड़की के जिस्म से खेल रहे थे तो किसी लड़की के पास कोई प्रेमी ही नही था ,वो नोटों को समेट रही थी तो कोई दारू लाकर उन्हें दे रही थी ,रंग चढ़ने लगा था ,लेकिन पार्टी तो अभी शुरू ही हुई थी ..
इन सब को देखकर मेरा भी लिंग जोर मारने लगा,और मेरा हाथ शबनम की मांसल पिछवाड़े में जा टिका…..वो मुझे देखकर मुस्कुराई और थोड़ी सी मेरी ओर खिसक गई ,अब हम दोनो एक दूसरे से बिल्कुल ही सटे हुए थे ,और मेरा हाथ उसके पिछवाड़े को दबा रहा था..उसने अपना सर भी मेरे कंधे पर रख दिया ..
हमारे कुछ ही दूर पर उस बेले डांसर को उन लोगो ने नंगा ही कर दिया था ,वो जमीन में लेटी हुई थी और 5-6 लोग उसे घेरे हुए थे,कोई उसके
ऊपर शराब डाल रहा था तो कोई पैसे ,कोई उसके शरीर से शराब को अपनी जीभ से चाट रहा था तो कोई अपने ग्लास से उसे शराब पिला रहा था,और उसके होठो से खुद पी रहा था,कोई उसके जांघो के बीच अपना मुह लगाए हुए थे तो किसी का हाथ और जीभ उसके बड़े बड़े वक्षो में फिर रहे थे...वो भी मतवाली हो गई थी ,इतने मर्दो का हाथ और शराब का नशा उसके अंदर भी मजा भर रहा था ,वो मचल रही थी लेकिन बड़े ही आहिस्ता आहिस्ता,
मैं उसे देखकर और भी उत्तेजित हो गया था,मेरा लिंग अपने पूरे तनाव में आ चुका था,
“सोचो अगर इस लड़की की जगह काजल होती तो “
शबनम ने मेरे कानो के पास आकर बड़े ही मादक ढंग से कहा ,काजल का नाम सुनकर ही मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा ,तभी एक लड़की जाम का प्याला एक ट्रे में लिए हमारे पास पहुची थी शायद इसे शबनम ने ही बुलाया था,मैं लगातार ही 4 पैक निगल गया,क्योकि मैं उस लड़की में काजल को देख रहा था..
मेरे दिल की धड़कने बड़ी हुई थी ,सांसे तेज थी और मैं जलन के साथ साथ उत्तेजना की तीव्र अनुभूति कर रहा था,और शबनम के पिछवाड़े को अपनी पूरी ताकत से मसल रहा था जिसके कारण वो भी जल्दी जल्दी सांसे ले रही थी ,गर्म तो वो भी हो चुकी थी ,मैंने उसे अपने हाथो से पकड़ कर अपने से और भी सटा लिया और उसके होठो में अपने होठो को दाल कर चूसने लगा..वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी ,
“देखो देव तुम्हारी बीबी को लोग कैसे मसल रहे है”
शबनम की आवाज बहुत ही धीरे हो गई थी और वो सिसकिया ले रही थी ,उसके आवाज में ही इतनी मादकता था की किसी का झड़ जाए ,मैंने उस लड़की को देखा लोग उसे मसलने में लगे हुए थे,उसका पूरा शरीर गीला होकर चमक रहा था,वो गीलापन या तो शराब की थी या लोगो के थूक की ,,लोग उसपर चढ़ने की कोसीसे कर रहे थे लेकिन एक लड़की के उनपर 5 लोग एक साथ तो नही चढ़ सकते ना ..सभी लोग धीरे धीरे अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए थे ,एक आदमी अपने पेंट से ही अपना लिंग निकाल कर उसके मुह पर ठिका दिया था जिसे वो जीभ से ही चाट रही थी ,
“देखो देव तुम्हारी बीवी कैसे उसका लंड चाट रही है ,थोड़ी देर में वो उसके मुह के अंदर होगा ..”
शबनम की इस बात से मेरे सामने काजल का चहरा उभर गया..
“ये भी शादी शुदा ही है तुम्हारी काजल की तरह देखो उसके माथे के बीच में हल्का सा लालपन दिख जाएगा जो उसके सिंदूर के कारण है,जिसे उसने अभी अभी धोया था,तुम्हारी काजल भी ऐसे ही सिंदूर को धोकर चुसेगी “
उसकी बात से मेरे अंदर जलन और उत्तेजना की चोट बड़े ही जोरो से पड़ी और मैं उसे और भी पागलो की तरह चूमने लगा ,मेरे दांत उसके होठो में गाड़ने लगे थे और उनसे खून भी आने लगा था,लेकिन उसे इन बातो से कोई फर्क नही पड़ रहा था क्योकि वो भी अत्यधिक उत्तेजना में थी ..
फिर से मेरी नजर उस लड़की की ओर गई ,उस शख्स का लिंग अब उसके मुह में था और वो उसे पूरे जोश में चूस रही थी वही उसके योनि में एक लिंग उसके अंदर घुसकर सवारी करने लगा था बाकी के लोग भी नंगे हो चुके थे और उसके जिस्म से खेल रहे थे…...अब पूरे कमरे में सिर्फ हम दोनो के ही जिस्म में कपड़ा बचा हुआ था ...मैने हाथो को पीछे ले जाकर शबनम के गाउन का चैन खोल दिया और उसके गाउन को उसके कंधों से नीचे तक सरका दिया उसकी तनी हुई ब्रा मेरे सामने आ गई थी जिसमे से उसके मादक भरे हुए चुचे झांकने लगे थे,मैं आने हाथो से उसे दबाने लगा,शबनम भी मेरे सर को पकड़े हुए अपने होठो में घुसा रही थी ,हम दोनो या तो एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे या फिर एक दूसरे के चहरे को गीला कर रहे थे,आग बढ़ने लगी थी ,हमारे अंदर भी और कमरे में मौजूद लोगो के अंदर भी ,लोग जिसे मन करे उसे पकड़ कर अपना लिंग उनके मुह में या योनि में डाल रहे थे,,एक दो लोगो ने तो लड़कियों के पिछवाड़े में भी लिंग घुसा रखा था,,फिर भी कुछ लडकिया ऐसी थी जो अब भी खाली थी और अपने बारी का इंतजार कर रही थी,दो बाल्टियों में पैसे बटोरे जा चुके थे,और सभी ओर बस हवस ही हवस दिखाई दे रही थी ,लड़कियों की चीखने की आवाज से लेकर हल्की हल्की सिसकियों तक ,और मर्दो के गरजने से लेकर फच फच की आवाजो से पूरा कमरा गूंजने लगा था,
मैं भी अपने पूरे शबाब में था एक तरफ काजल का चहरा मेरे दिमाग में घूम रहा था तो दूसरी तरफ शबनम का कोमल जिस्म मेरे हाथो में था,
शबनम भी मेरे कपड़ो को उतारने लगी थी ,और मैंने उसके गाउन को निकाल कर ही फेक दिया ,शबनम ने मुझे रोका और एक लड़की को इशारा किया ,दो लडकिया पास में सटे हुए कमरे में जाकर गड्ढे निकालने लगी,यंहा तो सभी लोग फर्श में ही शुरू हो गए थे,लेकिन इससे किसी को चोट भी आ सकती थी वो गड्ढे लगाने लगी,मैं फिर से शबनम को पकड़ने को हुआ लेकिन उसे मुझे झडक दिया ..
“पहले गड्ढे लगा देते है,”मेरा दिमाग तो खराब हुआ लेकिन मैं जल्दी से उस कमरे की ओर भगा ,लोग अपने काम क्रिया में व्यस्त थे हम उन्हें बिना डिस्टर्ब किये ही गड्ढे लगा देते और वो फिर उसने आ जाते,10 मिनट में ही सभी मोटे मोटे गद्दों के ऊपर थे सभी गड्ढे एक दूसरे से जुड़कर एक बड़ा सा एरिया तैयार कर दिया था,जंहा जो चाहे वो जिसे चाहे उसके ऊपर चढ़ रहा हटा,मैं भी शबनम को उस गड्ढे में पटक दिया ,हम और उसे चूमने लगा,गड्ढे निकालने वाली 2 लड़कियों ने भी हमे जॉइन कर लिया था,शायद उनसे भी सहन नही हो रहा था,एक मेरे लेट गई और मेरे पीठ को चूमने लगी , दूसरी मेरे बाजू में आ गई थी ..
शबनम मेरे नीचे थी और एक लड़की मेरे ऊपर ये मेरे लिए किसी जन्नत से कम नही था,मैंने जल्दी से ही शबनम के बाकी के कपड़े खोल दिए जबकि लडकिया मेरे कपड़े खोलने में लगी हुई थी ,अब हम दोनो भी नंगे थे …….
पूरे कमरे में किसी के भी जिस्म में कोई कपड़ा नही बचा था,आज मुझे समझ आया था की इसका महत्व क्या है,इसका महत्व था की हम सभी बिल्कुल ही आजाद महसूस कर रहे थे,और सेक्स से भरे हुए हमारे अंदर किसी भी सही गलत की भावना का जन्म नही हो रहा था,हम बस डूबने को आतुर थे,सभी के सभी ……
अब यंहा कोई कस्टमर या कोई काल गर्ल नही रह गई थी ,रह गए थे तो जिस्म ,,,महिला और पुरुषो के जिस्म जो की एक दूसरे में डूब जाने को आतुर थे…
सभी इडेन्टिफिकिशन खत्म हो चुके थे,सभी की आंखे भारी थी और बिना कुछ सोचे समझे बस जो मिला उसे फील कर रहे थे ,एक आदमी ने शबनम को अपनी ओर खिंच लिया और मैं धीरे से मेरे बाजू में सोई हुई लड़की के ऊपर चला गया ,मेरा लिंग शबनम के योनि में धसा लेकिन उसके चहरे के पास किसी दूसरे मर्द का चहरा था,वो उसके होठो में अपने होठो को भरे हुए सिसक रही थी जबकि मैं बाजू में सोई हुई लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ उसके होठो को चूम रहा था ,मैं शबनम के ऊपर तिरछा हो गया था,मेरे पैर कही और थे और मेरी कमर बस शबनम के ऊपर थी मैं उसे जोरो से धक्के मार रहा था जबकि मेरा पूरा धड़ उस लड़की के ऊपर था……
थोड़ी देर में ही हम खिसकते हुए एक दूसरे से चिपकने लगे थे,सभी मर्द और लडकिया एक दूसरे में गुथे जा रहे थे,ना जाने मेरे ऊपर कौन था ना जाने मेरे नीचे कौन था,ना जाने मेरा लिंग किसके योनि में या मुह में जा रहा था,ना जाने मेरा मुह किसके मुह और योनि में जा रहा था,समझ कुछ भी नही आ रहा था,पूरे 20 कस्टमर ,15 लडकिया ,मैं और शबनम सभी एक साथ हो चुके थे और एक दूसरे के ऊपर थे ,मुह जंहा जाने लगता चाटने लगते और लिंग जंहा घुस जाता हिलाने लगते,वही हाल सबका था वही हाल मेरा था,वही हाल लड़कियों का भी था…………
ये खेल कब तक चला मुझे पता नही लेकिन आखिरी हालत बेहोशी ही थी ……..
जब मेरी आंखे खुली तो कुछ आवाजे मुझे सुनाई दे रही थी ,किसी की सिसकियों की ,मैं उठा कुछ लोग उठ चुके थे और अपना नया कारनामा शुरू कर दिया था,कुछ लोग अभी भी बेसुध ही पड़े थे,,,
आज एक लड़की ने मुझे बहुत आकर्षित किया था वो थी पोलो डांस करने वाली लड़की,मैंने देखा की उसने सिर्फ मुझे ही नही बाकियों को भी आकर्षित किया था,क्योकि अभी भी कुछ लोग उसे कुतिया बनाये हुए उसके पीछे से उसे पेल रहे थे और एक शख्स उसके मुह में पेले जा रहा था,बाकी लोग अपनी बारी के इंतजार में थे…...मुझे फिर के काजल की याद आ गई ,अगर वो यंहा होती तो शायद सभी लोग उसके पीछे ही दीवाने हो जाते,उन सभी लोगो में मैंने एक को पहचान लिया ,ये गुलाबचंद था,हमारा पहला कस्टमर..उसकी भी नजर मुझसे मिली वो अभी उसके मुख का चोदन कर रहा था...उसने एक बड़ी सी मुस्कान मुझे दी ,मैं भी बदले में मुस्कुराया..
शबनम कही दिखाई नही दे रही थी ,मैं फ्रेश होने के लिए एक पैक लगा कर ऊपर वाले कमरे में आ गया,,,बिस्तर में शबनम पसरी हुई थी और उसने कपड़े भी पहने हुए थे,घड़ी देखा तो अभी 2 ही बजे थे मतलब की ये रात भर चलने वाला था,मैं उसके ही बाजू में आकर सो गया,लेकिन नीद ना जाने कहा जा चुकी थी मेरे दिमाग में बस उस औरत की तस्वीर ही घूमे जा रही थी,मैं बेचैन होकर फिर से नीचे चला गया,अभी तक लोग थककर उसे छोड़ चुके थे ,वो मुझे देखते ही मेरे पास आ गई ,
“विकास जी ये लोग फिर के उठ गए तो फिर के मेरे पीछे लग जाएंगे,प्लीज् किसी सेफ जगह पर ले जाइये ,मैं बहुत ही थक चुकी हु”
पहले तो मैं उसके मुह से अपना नाम सुनकर ही दंग रह गया,फिर मुझे याद आया की मैं होटल का मैनेजर हु,और ये पार्टी मैंने ही ऑर्गेनाइज की है,उसे मेरा नाम पता हो तो कोई भी आश्चर्य की बात नही थी,मैंने उसे अपने साथ चलने को कहा,मैं अब अपने पुराने ड्रेश में था और वो पूरी तरह के निर्वस्त्र…
उसने एक सिगरेट का पैकेट उठाया और मेरे साथ ही ऐसे ही चल पड़ी,उसका चहरा बता रहा था की वो बहुत ही थकी हुई है,मैन एक विस्की की बोलत भी अपने साथ रख ली...मैं इस फार्महाउस में कई बार आ चुका था और यंहा के बारे में सब पता था,मैं उसे सबकी नजर से बचाकर ऊपर ले गया,लेकिन उस कमरे में नही जंहा शबनम सोई हुई थी..ये कमरा अधिकतर कपूर साहब अपने खास गेस्ट के लिए यूज़ करते थे,कमरा शानदार था,मैंने उसे बैठा कर उसके लिए एक टेबल लाया ,वो मुझे आश्चर्य से देखने लगी जैसे पूछ रही हो की इसका मैं क्या करू…मैंने उसे याद दिलाया की उसने कोई भी कपड़ा नही पहना हुआ है...वो मुस्कुराने लगी ..
“अब किससे क्या छुपाऊ “वो खिलखिलाकर हँसी मैं भी मुस्कुरा दिया लेकिन उसने मेरा मान रखने के लिए ही सही उसे लपेट लिया था,मैं उसके लिए और अपने लिए ड्रिंक्स बनाकर ले आया ,
“तुम्हे पहले होटल में नही देखा है,,,”
“हा ये काम मैं पार्ट टाइम में करती हु,कभी कभी जब पैसे की जरूरत हो ,या मस्ती का मूड बन जाए “उसने थोड़े मादक अंदाज में कहा ..
“ओह तो आज इनमें से क्या था”मैं भी उससे खुलना चाहता था क्योकि पसंद तो वो मुझे भी बहुत ही आयी थी..
“ह्म्म्म दोनो ही ..असल में जब शबनम ने मुझे प्लान के बारे में बताया था तो मुझे लगा की अच्छे पैसे भी मिल जाएंगे और मजा भी आएगा,लेकिन मुझे क्या पता था की सभी लोग मुझपर ही टूट पड़ेंगे “
वो फिर से खिलखिलाने लगी...किसी प्रोफेशनल प्रॉस्टिट्यूट के साथ ये मेरा पहला मौका था,ऐसे शबनम और काजल भी ये किया करते थे लेकिन वो बहुत ही अलग थे ,
“ऐसे आपका नाम मैं नही पूछ पाया “मैंने हल्के से कहा
“मोहनी “वो धीरे से बोली और मुस्कुराई
“ओह सच में अपने सबका दिल ही मोह लिया था,और ऐसे आप काम क्या करती है,फूल टाइम “
उसने मुस्कुराते हुए मुझे देखा,
“लगता है मैं आपको बहुत ही पसंद आ गई ,”वो खिलखिलाई जिससे मैं थोड़ा सा झेप गया जैसे किसी ने मेरी चोरी ही पकड़ ली हो ….
“मेरे फूल टाइम काम के बारे में ना ही जाने तो बेहतर है ..शायद आप यकीन ना करे “
“आप बताइये तो सही “
मैंने थोड़ा फोर्स किया
“अब रहने भी दीजिये ,मैं बहुत थक गई हु ,एक पैक और मिलेगा मुझे सोना है “
“क्यो नही “
मैंने हम दोनो के लिए नया पैक बनाया और पीकर वँहा से निकल गया ,मैं फिर से शबनम वाले कमरे में आकर सो गया ,इस बार शराब ने थोड़ा असर दिखाया और मेरी नींद लग गई …….
“भइया आप बहुत ही गंदे हो कोई काम समय पर नही करते “
मेरे घर आते ही पूर्वी मुझपर भड़क उठी,
“क्या हुआ मेरी जान “
अभी शाम होने को आया था और मेरी नींद दोपहर में खुली जब तक की सभी मेहमान और लडकिया जा चुकी थी ,शबनम भी मेरे लिए एक लेटर छोड़कर जा चुकी थी जिसमे लिखा था की होटल मत आना,यंहा की साफ सफाई करवा कर घर चले जाना ,मैं बाकी के समय साफ सफाई करवाने में ही निकाल दिया था ,पूरे हाथ पैरो में हैंगओवर वाला दर्द भरा हुआ था ,लेकिन जैसे तैसे मैं सभी काम निपटा कर घर आया ,और पूर्वी मेरे ऊपर चिल्ला पड़ी ..
“क्या हुआ आज मेरे कालेज जाना था आपको और आप इस समय आ रहे हो “
वो मुझे घूरने लगी जैसे की मैंने बहुत बड़ा पाप कर दिया हो ..
मैं तो भूल ही गया था …
“ओह तो निशा के साथ चली जाती “
“भइया हमारे प्रोफेसर ने हमारे पेरेंट्स को बुलाया है ,प्रोफेसर सभी के पेरेंट्स से मिल रही है ..”
“ओके ओके कल चले जाएंगे “
“हमम कल तो जाना ही है और अगर आपका कोई काम निकल आया ना तो मैं बताऊंगी आपको “
पूर्वी ने मुझे धमकाते हुए कहा जिससे मुझे थोड़ी सी हँसी आ गई …….
जब मेरी आंखे खुली तो मैंने चारो ओर अंधेरा पाया,ऐसा लग रहा था जैसे मैं घण्टो से बेहोश था,मैंने याद करने की कोशिस की मैं कहा हु ,मुझे याद आया मैं अपनी बहनों के साथ उनके कॉलेज गया हुआ था,मैं पूर्वी और निशि के प्रोफेसर्स से मिला और उनके बारे में उनसे बात की ,कॉलेज में ही मुझे मोहनी मिली,मोहनी वही फार्महाउस वाली बेले डांसर जिसपर मैं फिदा हो गया था,उसने बताया की उसके भाई के प्रोफेसर ने उसे मिलने बुलाया था,कैसा अजीब सा संयोग था की मैं भी अपनी बहनों के लिए यंहा आया था,हालांकि मुझे उसका भाई साथ दिखाई नही दिया,उसने कहा की वो क्लास में चला गया है,जैसे मेरी बहने अपनी क्लास में जा चुकी थी…….
या शायद वो मुझसे अपनी इडेन्टिटी छुपा रही थी ,उसका काम ही कुछ ऐसा था…….
मैंने उसे कही ड्राप करने की बात कही और वो मान भी गई ,मैं कार में बैठा था और मोहनी मेरे बाजू में ,वो कमाल की लग रही थी ,उसका खिला हुआ चहरा और कसाव लिए हुए उसका बदन...बड़ा ही मादक अंदाज था उसका लेकिन आज वो पूरी तरह से ढकी हुई एक संस्कारी महिला की तरह दिख रही थी,साड़ी से झांकता हुआ यौवन मुझे लुभा रहा था ,मांग में मोटा सा सिंदूर और गले में लटकता हुआ मंगलसूत्र उसके शादी शुदा होने की गवाही चीख चीख कर दे रहा था…..
मैं कार स्टार्ट ही करने वाला था की रश्मि का फोन आ गया,मैं नीचे उतारकर बात करने लगा,वो थोड़ी भड़की हुई थी ,मैं अभी तक होटल नही पहुचा था और 1 की बजाय 2 दिन से गायब था…..उसने मुझे जल्दी से होटल पहुचने को कहा…
हम कालेज का केम्पस क्रॉस करके सुनसान इलाके से गुजर रहे थे तभी किसी ने मुझे पीछे से जोरो से पकड़ लिया ,मैं थोड़ा छटपटाया भी था लेकिन उसने मेरे नाक को एक रुमाल से दबा दिया था……..
मैं अभी अभी होश में आया हुआ बिते हुए समय को याद कर रहा था,मैं उठने को हुआ तो मुझे पता चला की ना सिर्फ मेरी आंखों में पट्टी बांधी गई है बल्कि मेरे हाथ भी बंधे है,,मैं जमीन में बैठा हुआ था...कितने समय से ,,ये तो मुझे भी नही पता ………………..
मुझे किसी के फुसफुसाने की आवाज सुनाई दी ,कुछ जूतों की आहट..
अचानक ही मेरी आंखों में बंधा हुआ पर्दा खिंच लिया गया ,और अब कमरे में मद्धम रौशनी सी फैल गई …..
मैं कुछ समझ पता इससे पहले ही ,एक हट्टे कट्टे से इंसान ने मेरे पेट में एक लात मारा जिससे मैं कहर गया ..
“काजल कहा है “
उसकी रौबदार आवाज मेरे कानो में पड़ी ..
काजल??????मैं उसे रविवार की सुबह से नही देखा था,मैं अपने काम में (पार्टी में ) इतना व्यस्त हो गया था की मुझे याद भी नही रहा ,और फिर थकान ने कुछ सोचने का मौका नही दिया था….
“मुझे मुझे नही पता “मेरे पेट में लगे लात का दर्द अब भी बाकी था ..
“हम्म “उसने वँहा उपस्थित और लोगो को देखा,मैं उन्हें डरा हुआ देख रहा था ,वो साले सांडों की औलाद लग रहे थे,5 की संख्या में थे ,उनमे से एक शख्स मेरे पास आया और फिर से मुझे एक लात लगा दिए ..
“क्या प्लान कर रही है काजल “
वो मुझे घूरता हुआ बोला…
मैने अनजान बनने और आश्चर्य से भरे होने का नाटक किया ,
उसने एक जोरो का थप्पड़ मेरे गाल पर मारा
“मादरचोद बताता है की नही ,खान साहब को सब पता चल गया है की तू और काजल पति पत्नी हो ..अब चुपचाप बता दे की काजल क्या प्लान कर रही है खान साहब से उसकी दौलत हड़पने के लिए “
मैं आंखे फाडे उन्हें देखता रहा,शायद ये लोग मुझे चुतिया समझ रहे थे लेकिन ऐसा था नही ,अगर खान को पता चलता तो वो मुझे नही काजल को उठवाता ..
“मुझे कुछ भी नही पता आप लोग ये क्या बात कर रहे हो ,हा मैं मानता हु की हम शादी शुदा है लेकिन ..”फिर से थप्पड़ मेरे गालो पर पड़ा ..
“हमे चुतिया समझता है ..ऐसे नही मानेगा ये इसकी बहनों को ;लाओ,साले के सामने जब हम इसकी बहनों से सुहागरात मनाएंगे तो सब बकेगा अपने आप “
मैं पूरी तरह के कांप गया ,जिस्म में एक झुरझुरी सी दौड़ गई ,लगा मानो कोई हाई पवार का करेंट लग गया हो ..
“नही नही आप क्या जानना चाहते है ,मेरी बहनों को इसके बीच में मत लाइये प्लीज् …”
उनके चहरे में के विजयी मुस्कान फैल गई
“तो बताओ अजीम को अंदर किसने करवाया और काजल के आगे का प्लान क्या है “
मुझे अब भी लग रहा था की ये खान के आदमी नही हो सकते
“मुझे नही पता सच में मुझे नही पता,मुझे तो ये भी नही पता की काजल कुछ प्लान कर रही है,वो बहुत ही सीधी साधी और संस्कारी लड़की है प्लीज् आप लोगो से कुछ गलतफहमी हुई है “
मेरी बात से सभी जोरो से हँसने लगे
“संस्कारी ..हा हा हा “
उसने अपने सड़े हुए दांत दिखाए
“अगर आपको जानना ही था तो खान साहब सीधे काजल से क्यो नही पूछ लेते “मैं जानता था की खान काजल के पीछे पागल है ,और ये उसके लोग नही हो सकते
“तुझे अब भी लगता है की हम खान के आदमी नही है “उसमे से एक शख्स ने मुझे पैनी निगाहों से देखा जैसे मेरा दिमाग पढ़ रहा हो ..
“काजल मिल जाती तो उसे ही उठा लेते,लेकिन वो खुद ही रविवार से गायब है…”
उसकी इस बार ने फिर से मेरे शरीर पर करेंट दौड़ा दिया ,मैं बुरी तरह से चौक गया,ये चौकना असली था,
“उसका फोन भी स्विचऑफ आ रहा है ,वो तो बेटा तुझे फंसा कर निकल गई ,पता नही क्या क्या कारनामे किये है उसने अब तुझे ही सब भुगतना पड़ेगा ...जो जानता है बता दे ,वरना तेरी बहनों को नंगा करने में हमे ज्यादा समय नही लगेगा “वो लोग फिर के कमीनो की तरह हँसने लगे ,मैं बुरी तरह से डर गया था …..
“नही नही मैं सच कह रहा हु मुझे कुछ नही पता ..मेरी बहनों को बीच में मत लाओ प्लीज् …”
मैं रोने लगा,यंहा क्या हो रहा था मैं इसका अंदाज भी नही लगा पा रहा था ,मैं फुट फुट कर रो रहा था …..
उनलोगों को भी शायद लगा की मैं सच कह रहा हु ,उनमे से एक ने अपना मोबाइल निकाला और किसी को काल किया .
“मेडम ये तो कह रहा है की इसे कुछ भी नही पता…..हा हा वो भी कहा ना ,ओके ओके ठीक है मेडम “वो काल डिस्कनेक्ट करके फिर इस मेरी ओर हुआ ..
“तुझसे अब मेडम ही बात करेंगी “
वो सभी वँहा से चले गए …..
मेडम ??? आखिर कौन थी ये मेडम ..कही रश्मि को तो काजल के प्लान का शक तो नही हो गया,असल में उसे तो यकीन ही था की काजल कुछ गुल खिला रही है ,तो रश्मि ने मुझे किडनैप करवाया है????????
या खान ने ???
काजल कहा है ,इतने दिनों तक तो वो कभी बाहर नही रहती फिर आखिर क्या बात हो गई ???
मेरा जेहन बुरी तरह से छटपटा रहा था,मेरे होठो से खून की एक हल्की सी धार बह रही थी ..
और सबसे ज्यादा परेशान मैं ये सोच कर हो रहा था की आखिर मेरी बहने है कहा ???
थोड़ी देर में ही कमरे का दरवाजा फिर से खुला ,किसी के पायलों की आवज मेरे कानो में आयी ,मैं सर उठाकर उसे देखने लगा,वो मुझे देखकर मुस्कुराई और मैं आश्चर्य से भर गया था ..
“मोहनी तुम ……..”
वो मुस्कुराते हुए मेरे पास आयी और अपने को झुका लिया ..
“ओहो देखो तो कितना मार दिया इन जालिमो ने ..”
वो मेरे होठो से बहते हुए खून को अपने उंगलियों से फिराकर उसे अपने होठो में डाल लेती है ,
“ह्म्म्म तुम बता क्यो नही देते जो तुम्हे पता है “उसने फिर से प्यार से कहा
“सच में मुझे कुछ नही पता ,मुझे जाने दो ,और मेरी बहने “
वो हल्के से मुस्कुराई
“बहुत प्यार करते हो अपनी बहनों से …...लेकिन अफसोस ...तुम्हारी बीवी ने ही तुम लोगो को धोखा दे दिया ,जब उसे अहसास हुआ की वो फसने वाली है तो तुम्हे छोड़कर गायब हो गई ..ओहो मेरे देव तुम सच में कितने शरीफ हो “
उसने अपने होठो को मेरे होठो के पास लाया और उससे निकलते हुए खून को अपने होठो से चूम लिया ,मुझे एक हल्का सा दर्द हुआ ..
“मुझे कुछ पता होता तो मैं अब तक बता चुका होता,...आखिर हो कौन तुम और मुझसे क्या जानना चाहती हो ,सच में मुझे कुछ भी नही पता और तुम भी तो थी ना पार्टी में मैं तो वही था रविवार से ..मैंने तबसे ना ही काजल को देखा है ना ही उससे बात की है “मैं फिर से रोने लगा,..असल में मैं एक्टिंग करने की कोशिस कर रहा था क्योकि मुझे काजल से कही ज्यादा अपनी बहनों की फिक्र थी,..........
“तुम्हारी बहने सलामत है लेकिन तब तक जब तक की हम चाहे..तुम और तुम्हारी दोनो बहने हमारे रेडार में हमेशा रहोगे ..याद रखना जैसा मैं बोलू तुम्हे वैसा ही करना होगा ..”
मैं फिर से आश्चर्य से उसे देखने लगा ,वो मुझसे क्या करवाना चाहती थी ..
“तुम किसके लिए काम करती हो ,कौन हो तुम मुझसे क्या चाहती हो “
मैं थोड़ा बौखलाया
“तुमसे क्या चाहती हु वो तो पता चल ही जाएगा ..और मैं खान साहब के लिए काम करती हु ,उन्हें तुम्हारे और काजल के रिलेशन के बारे में पता चल गया और तबसे ही उन्होंने तुमपर नजर रखने के लिए मुझे भेज दिया ..”वो मुस्कुराने लगी
“इससे पहले की काजल उनके गिरफ्त में आती वो गायब ही हो गई ,,,”
अब उसकी बात मुझे भी सच लगने लगी थी ,,,
“और रही बात की मैं कौन हु ,मैंने कहा था ना तुमसे की जब मेरे जॉब के बारे में पता चलेगा तो तुम यकीन ही नही कर पाओगे ….”
वो फिर से मुस्कुराई ..
“मैं अजीब की दूसरी रखैल हु ,...”
वो एक अजीब तरीके से मुस्कुराई
“पहली तो भाग गई “...उसका इशारा कहा था मुझे पता चल चुका था ,और उसकी बात से मेरे पूरे शरीर में एक करेंट दौड़ गया……….
मन में दहसत और एक उलझन के साथ मैं होश में आया ,और आते ही ज्यादा आश्चर्य में पड़ गया,मैं इस समय एक लक्जरी कमरे में था...इस कमरे को अच्छे से पहचानता था...मेरे ही होटल का एक लक्जरी कमरा था ये ,मैं बड़े ही आश्चर्य से इधर उधर देखने लगा,मुझे लगा जैसे मैं किसी सपने से जगा हु…..
पूरा दिन मेरे आंखों के सामने फिर से बड़ी ही तेजी से घूम गया था,मैंने अपनी घड़ी देखी,अभी 3 बज रहे थे…
मैं बहनों को कॉलेज छोड़कर 11 बजे के करीब कॉलेज से बाहर आया था...मेरे माथे में अब भी पसीना था ,चोटों का दर्द अब भी कायम था,मतलब साफ था की ये सपना तो नही था……….
लेकिन मैं यंहा कैसे पहुचा,ये लोग इतने ताकतवर है की उन्होंने मुझे बिना किसी की नजर में आये यंहा तक छोड़ दिया जबकि मैं बेहोश था……..
कई सवाल मेरे दिमाग में आ रहे थे लेकिन ये समय सवालों में पड़ने का नही था,मैंने तुरंत ही अपना मोबाइल निकाला और काजल को काल किया ,मैं बेपनाह रूप से परेशान हो चुका था क्योकि अभी भी काजल का नंबर स्विचऑफ बतला रहा था ,ये स्तिथि मेरे लिए और भी ज्यादा परेशान करने वाली थी,मैंने खुद को थोड़ा रिलेक्स किया और कमरे से बाहर आया ,मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी था अपनी बहनों की हिफाजत..
क्योकि मेरे दिमाग में मोहनी के वो आखरी शब्द गूंज रहे थे जिसके बाद मुझे बेहोश कर दिया गया,
“हमारी नजर तुम्हारे और तुम्हारी बहनों के ऊपर 24 घण्टे रहेगी..अगर हमे तुम्हारे किसी भी हरकत पर शक हुआ तो समझो ………”
मैं इतना सुनकर ही बेहोश हो गया था….
मुझे उसकी वो बाते अभी भी याद थी और जब तक की मैं काजल से बात नही कर लू आगे का निर्णय लेना मेरे लिए खतरनाक होने वाला था …….
मैं सीधे ही होटल के रिसेप्शन में पहुचा ,मुझे देखते ही रिसेप्शनिस्ट बोल पड़ी ..
“सर रश्मि मेडम ने आपको बुलाया है”
मैं चौका ...रश्मि ने मुझे सुबह ही जल्दी आने को कहा था,हे भगवान वो मेरे ऊपर चढ़ जाएगी ..मैं डरा हुआ सा भागता हुआ उसके केबिन में पहुचा ..
मुझे अब भी समझ नही आ रहा था की मैं उसे क्या जवाब दूंगा …
“मे आई कमिंग “
मुझे देखते ही उसके चहरे का भाव बदला ,गुस्सा करने की जगह वो मुस्कुराई ..
“आइये जनाब,लगता है रविवार का बुखार अभी तक नही उतरा है,तुमने तो यार हद ही कर दी “
“सॉरी वो कुछ ऐसे काम आ गए की मैं….”
“कोई बात नही जो तुमने अरेंजमेंट किया था उससे हमारे होटल को बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ ,तो मैं तुम्हारी ये गलती माफ करती हु लेकिन पहली और आखरी बार ओके..यार अगर नही आ पाते तो कम से कम बता दिया करो ,यंहा भी कई काम होते है”
मैंने हा में सर हिलाया
“और ये चहरा इतना थका हुआ क्यो लग रहा है,और ये खून “
ओह यार ,मैंने चहरा धोया था लेकिन खून का रिसाव फिर से चालू हो गया था,असल में उन पहलवानों ने जो मेरी धुलाई की थी उसके कारण मेरे चहरे से खून निकलना शुरू हो गया था,वक्त ने इसे बंद तो कर दिया था लेकिन हल्का रिसाव और निशान अभी भी बाकी थे…
“वो कुछ नही ऐसे ही मजाक मजाक में बहन से लग गया “
“ओहो लगता है बहन भाई में बहुत ही प्यार है ..क्यो “
उसके चहरे में मुसकान आ गई लेकिन मैं कुछ भी नही बोला ..
“असल में मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी देव “
मैं फिर से उसे देखने लगा ,अब ये इतनी सीरियस क्यो दिखाई दे रही थी ..
“मैंने तुम्हारे बातो पर बहुत गौर किया …...और मुझे लगा की मुझे भी खान साहब को वो देना चाहिए जो की काजल उसे दे रही है”
उसकी बात सुनकर मेरा दिल एक बारकी धक से हुआ ,
“क्या ??? यानी क्या देना चाहती हो तुम उसे “
मैं पूरी तरह से अनजान बनते हुए उससे कहा
उसके चहरे में बस एक मुस्कान आ गई ………….
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अध्याय 24
ज्वालामुखी का लावा जब फुट कर बाहर निकलता है ,तो वातावरण के ठंड से जम कर बेसाल्ट चट्टान बनाता है,वही अगर वो अंदर ही किसी कारण से जम जाय तो वो ग्रेनाइड चट्टान बनाता है…
ये मैं क्यो बोल रहा हु ,क्योकि मेरी हालत एक ज्वालामुखी की तरह हो गई थी ,जिसमे दर्द का लावा भरा हो ,बेवफाई के दर्द का, लेकिन मैं ना ही अंदर ज पा रहा था ना बाहर ही निकल रहा था…..
कितनी अजीब सी बात है की प्रकृति अपने को कभी नही दोहराती लेकिन फिर भी हर चीज का मूल स्रोत एक ही है …
मसलन 1000 मिलियन वर्ष पहले तक पृथ्वी सिर्फ और सिर्फ गर्म गैस ही थी ,जो जम कर लावा का रूप ले रही थी ,फिर लगभग 500 मिलियन वर्षों पूर्व के मध्य ये जमने लगी और पहली सतह का निर्माण करीब 235 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ ,जो की आपस में जुड़ा हुआ था….
अब चाहे सोना हो या कोयला या हीरा या पीतल या संगमरमर या नीलम या तांबा या लोहा सभी एक ही लावा से बने हुए है..लेकिन परिस्थितियों के कारण ,दबाव ,और वातावरण के कारण सभी अलग अलग प्रतीत होते है...अगर फिजिक्स की भाषा में बोले तो और भी सूक्ष्म तहो में जा सकते है जंहा पूरे ब्रम्हांड में सिर्फ और सिर्फ ऊर्जा है और कुछ भी नही है ,बस परमाणु है जो की न्यूट्रॉन प्रोटॉन और इलेक्ट्रान से मिलकर बने हुए है जो की ऊर्जा के कण है….
फिर भी इतने विभेद देखने को मिलते है,सबकुछ ऊर्जा का ही परिवर्तित रूप है उसके अलावा कुछ भी नही ….
मैं भी परिस्थितियों का मारा था,एक तरफ मेरी खुद की बीवी थी जिससे मैं इतना प्यार करता था लेकिन आज की परिस्थिति में मेरे मन में उसके लिए शंका थी,वही मुझे अपनी बहनों के भविष्य की फिक्र थी,मेरी जान और मेरे पूरे परिवार का भविष्य ही खतरे में था …..
मैं बुरी तरह से झल्ला सा गया था और शाम होते ही मैं घर को चला गया ,
मैं सीधे अपने कमरे में गया और वँहा जाते ही मेरी आंखों में एक चमक आ गई ………
वो काजल थी ,मेरी काजल ,थककर ऐसे सोई हुई थी जैसे की कोई बच्चा सोता है…
मेरी निराश जीवन की एक आशा थी काजल,उसे देखकर मुझे बेहद प्यार और शुकुन का अहसास हुआ ,मैं जैसे डूब ही गया ,मैं जाकर उससे लिपट गया,वो बेफिक्री से बस थोड़ी कसमसाई लेकिन उसकी नींद गाढ़ी थी..
मैं उसके शरीर की गर्मी को खुद को डुबोने लगा,मैं उससे ऐसे सट जाना चाहता था जैसे की हम दोनो दो नही एक ही हो …
मेरी ताकत बढ़ते ही उसे मेरे होने का अहसास हो गया,
वो पलटी और मेरे सीने में सर रखकर सोने लगी वो जागने के मूड में तो बिल्कुल भी नही थी …लेकिन मुझे कसकर जकड़े हुए जरूर थी …
मैं अपने ही सोच में पड़ गया था ,जिसके कारण मैं सुबह से परेशान था वो खुद कितने बेफिक्री से सो रहा था,
उसे जैसे इन सबकी खबर ही नही थी ,सभी को लग रहा था की वो भाग गई है और ये रानी साहिबा यंहा आराम फरमा रही है ……….
मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई और मैं फिर इस उसके माथे को चूमा मुझे कम से कम इतनी तो तसल्ली हुई की वो मेरे पास है मेरे साथ है ….
जिक्र नही किया था कभी मैंने,अपनी मोहोब्बत का वो पगला सीने में जो सर रखा मेरा हो गया,बस यही मेरे साथ भी हो रहा था,ऐसा लगा जैसे वो मेरी हो गई हो ,अचानक से ही सही लेकिन बस मेरी हो ,बेमतलब सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,तमन्नाओ सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,मुस्किलो सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,परेशानियों सी ही सही लेकिन बस मेरी हो….,डूबे हुए मन में कश्तियों सी वो आयी थी,और बुझे हुए दिल में चिमनियों सी जल गई ….
मैंने फिर इस उसके माथे को चूमा ,इसबार उसके होठो पर भी एक मुस्कान आ गई वो हल्के से उठी उसके होठ मेरे होठो के पास ही थे और हमारी सांसे एक दूजे के होने का अहसास दिला रही थी ,उसके गुलाबी होठो से आने वाली खुसबू से मैं भी खुद को बचा नही पाया और उसके नरम होठो पर अपने जलते हुए होठो को हल्के से सहला दिया ,उसकी मुस्कान फिर से गाढ़ी हो गई थी ,,,
“क्या हुआ आज बड़े उतावले हो रहे हो “
“आज लगा था की मैंने तुम्हे खो ही दिया है…”
मैं हल्के से ही कह पाया जबकि मेरे होठ उसके होठो को बस छू रहे थे,उसके आंखों से नींद जैसे गायब हो गई थी ,मैंने अपने हाथो से उसके कमर को पकड़ रखा था वही उसने अपने बांहो को मेरे सीने से जकड़ा था,
उसके आंखों में एक आश्चर्य झूलने लगा..
“क्या हुआ आपको ये क्या बोल रहे हो,मैं कहा जाऊंगी आपको छोड़कर “
वो सच में बहुत ही आश्चर्य में थी …..जबकि मेरी भी हालत उससे जुदा नही थी ,मैं भी तो अपने अजीब से कसमकस में डूबा हुआ था ….
“तुम्हारा मोबाइल स्विचऑफ है “
वो हल्के से मुस्कुराई ..
“अच्छा तो इतनी सी बात पर ऐसे फिक्रमंद हो गए आप “
वो थोड़ी सी हँसी ..
“ओह नही जान ...लेकिन आज …..”
मैंने उसे पूरी घटना बता दिया ..
“हम्म मोहनी ...मैंने नही सोचा था की मोहनी इसमें शामिल हो जाएगी ,हा रश्मि ऐसा कुछ करेगी ये मुझे लगा था ..”
इसका मतलब था की वो मोहनी को जानती है,और रश्मि ऐसा क्यो करेगी ,मैं फिर से आश्चर्य से भर गया..
“असल में ये हमारे ही खेल का परिणाम है “
“लेकिन मोहनी ने तो कहा था की वो खान के लिए काम करती है “
“उसने गलत नही कहा था “
काजल ने बोलना शुरू रखा
“वो भटनागर साहब के साथ काम करती है “
मैं भटनागर को जानता था ,असल में वो एक चार्टर अकाउंटेंट है जो की खान और कपूर दोनो के लिए काम करता है ,मतलब ये हुआ की मोहनी भी दोनो के लिए ही काम करती है ..
“लेकिन इससे हमे कैसे पता लगेगा की ये काम खान ने किया या रश्मि ने और उन्होंने ये क्यो कहा की काजल ने तुम्हे धोखा दिया है ...और बार बार तुम्हारे प्लान के बारे में पूछना “
काजल थोड़ी सीरियस हो गई
“असल में इस बात को लेकर तो मैं भी कंफ्यूज होई रही हु,क्योकि शक तो दोनो को ही मुझपर है ,और रश्मि में ना जाने खान के कानो में क्या भरा हुआ है ,वो अब मुझे अपने से दूर ही रख रहा है,मैंने इतनी मेहनत की है यंहा तक पहुचने के लिए अब इसे खराब होने नही दे सकते…..और भगवान का शुक्र है की मैंने आपको सब कुछ पहले ही बता दिया वरना आप के लिए ये और भी शॉकिंग होता और असल में होना भी चाहिए ….”
उसके चहरे में एक चमक आ गई ...
“हा सही है देव ये शॉकिंग ही होना चाहिए तुम्हारे लिए की कोई तुम्हारी बीवी के बारे में पूछे क्योकि तुम्हे तो ये कुछ भी नही पता “
मैं उसकी बात को समझ रहा था लेकिन फिर भी मेरे दिमाग में और भी कई प्रश्न थे ..
“लेकिन तुम्हारा मोबाइल और खान साहब को हमारे रिश्ते के बारे में पता होना ?????”
उसके चहरे में एक मुस्कान आ गई
“उन सब बातो से कुछ नही होता,ऐसे भी रश्मि को तो पहले से ही पता है ,जैसा की मैंने तुम्हे बताया था की अजीम और रश्मि दोनो ही हमारे रिश्तों के बारे में जानते है ,और उन्हें अपने काम से मतलब है ,हो सकता है की रश्मि ने ही खान को बताया हो...और वो ये जांचने के लिए की तुम्हे कुछ पता है की नही तुम्हे किडनैप करवा लिया हो ..मेरे मोबाइल के स्विचऑफ होने का भी उन्होंने बहुत फायदा उठाया है तुम्हे डराने के लिए सोचा होगा की तुम डरकर सब बोल दोगे .हमे बस उनके सामने यही नाटक करना है की हम नही पता की उन्हें सब कुछ पता है ...उन्हें समझने दो की हम मोहरे है ,और हम अपना खेल उन्हें मोहरा बना कर खेलेंगे...तुम कल होटल में इतना दुखी दिखना जैसे की कोई मर गया हो ...उन्हें भी तो लगना चाहिए की तुम एक सीधे साधे से इंसान हो जिसकी बीवी कमीनी है ,और हम दोनो के बीच में कुछ भी सही नही है ...तुम मुझे पूछना चाहते हो लेकिन मैं तुमसे झगड़ा कर लेती हु ,तुम अपनी बहनों की वजह से मुझसे ज्यादा बहस नही करते और मैं तुम्हे दबा कर रखती हु ….”
वो मुस्कुराने लगी ..
“तुम तो मुझे एक्टिंग सीखा के ही रहोगी “
मैं हल्के से हंसा ,उसने अपने बांहो का हार मेरे गले में डाल दिया ..
“मेरी जान अब तुम उनके यूज़ करने के लायक हो गए हो,हमारे दुश्मन मुझे हराने के लिए तुम्हे यूज़ करेंगे…”
वो थोड़ी देर चुप रही और फिर थोड़ी सीरियस सी बोलने लगी
“अब तुम्हे मुझसे नफरत करनी होगी देव ,सबके सामने मुझसे बहुत ही नफरत करनी होगी ताकि उन्हें यकीन हो जाए की तुम उनके जाल में पूरी तरह से फंस चुके हो ...शायद तुम्हारे लिए ये मुश्किल हो ,क्योकि तुमने मुझे हमेशा ही इतना प्यार किया है ,मेरी गलतियों के बावजूद मुझे इतना चाहा है “
काजल की आंखों में पानी की बूंदे आ गई थी ,ना जाने मैं इस मुखड़े को और इस रूह को कैसे नफरत कर पाऊंगा ..
मैं कैसे इस मखमली देह को नफरत कर पाऊंगा ,मैं कैसे उसके प्यार से भरे हुए मन को नफरत कर पाऊंगा …
मैं उसके होठो को अपनी ओर खिंच कर उसे चूमने लगा ,मेरे होठ उसके होठो में डूबने लगे ..
जब हम अलग हुए दोनो ही एक दूसरे के अहसास से भरे हुए थे,दोनो ही एक दूजे की आंखों में झांक रहे थे..
“सच में इन सब के कारण मेरा दिमाग ही ठंडा हो गया “
मैं उसके बालो पर अपनी उंगलिया फेरते हुए बोला
“ओह तो तुन्हें गर्मी देना होगा ,”वो मुस्कुराई
“ह्म्म्म लगता है मेरे चार्जर को तुम्हारे प्लग में लगाना ही पड़ेगा “
वो खिलखिलाई और मैं उसके ऊपर कूद गया ……...
मैं सर गड़ाए बैठा हुआ था,कमरे में बीप बीप की आवाजे लगातार आ रही थी ,अचानक मेरे कंधे पर एक हाथ आया और मैं सर उठाकर उसे देखने लगा,मेरी आंखे लाल थी ,प्रतिशोध की आग से भरी हुई आंखे,जिसे देखकर एक बार डॉ चुतिया भी डर गए जो की मुझे सांत्वना देने के लिए आये थे..
“उन्हें ऐसा नही करना चाहिए था,खासकर पूर्वी के साथ तो बिल्कुल भी नही ,मेरी मासूम सी बच्ची …..”
मैं इतना ही कहते हुए रुका मेरी नजर फिर से पूवी पर पड़ी जो की बिस्तर में लेटी हुई थी ,चहरे पर अब भी वही मासूमियत झलक रही थी ,वो बेहोश ही और हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में थी ,मैं अभी अभी ही आया था डॉ यहां पहले से ही उपस्थित थे उनके कहने नपर ही मुझे पूर्वी के पास आने दिया गया था…
“शायद वो तुम्हे डरना चाहते थे,या शायद ये बस किसी मनचले की करतूत हो “
डॉ ने गंभीर से स्वर में कहा
“जो भी जिसने भी ये किया उसने अच्छा नही किया,मैं पूर्वी को सबसे अधिक प्यार करता हु,शायद काजल और निशा से भी ज्यादा ..”मैं अब भी धीरे धीरे ही बोल रहा था जैसे खुद से बोल रहा हु ..
“जो डर जाते है देव दुनिया उन्हें ही डराती है …”
मैं फिर से डॉ के चहरे की ओर देखा और उठ खड़ा हुआ,,मैं सीधे ही आईसीयू से बाहर आया ,मेरे पीछे डॉ भी बाहर आने लगे ,बाहर काजल और निशा थे,काजल भी खबर मिलने पर अभी अभी ही आयी थी जबकि निशा पूर्वी को हॉस्पिटल लाने वालो में एक थी..
मुझे देखकर निशा मेरी ओर लपकी लेकिन
‘चटाक’
मेरा हाथ घूमता हुआ सीधे निशा के गालो में पड़ा और उसके गोरे गालो पर मेरे पांचों उंगलियों के निशान छप गए,वँहा उपस्थित सभी लोग हमे ही देखने लगे थे लेकिन फिक्र किसे था…
“ये सब कुछ तेरे ही कारण हुआ है “मैं उत्तेजित होकर बोला और उसका हाथ पकड़कर उसे खिंचता हुआ ले गया ..काजल ने मुझे ऐसे देखा मानो पूछ रही हो की ये क्या बोल दिया लेकिन मैं आज किसी की सुनने के मूड में नही था ,काजल ने एक बारगी मुझे रोकने की कोशिस की लेकिन डॉ ने उसे रोक दिया…
“जाने दो उसे आज नही जागा तो पूरे जिंदगी डर डर कर ही जियेगा “
डॉ की ये हल्की सी आवाज मेरे कानो पर पड़ी ,
मैं गाड़ी चला रहा था जबकि निशा रोती हुई मेरे बाजू में बैठी की वो कुछ भी बोलने की हिम्मत नही जुटा पा रही थी वही मैं कुछ बोलने के मूड में ही नही था..
मैंने गाड़ी एक चाय की टापरी पर रोकी जो की उनके कालेज जाने के ही रास्ते पर पड़ता ,निशा और मैं नीचे उतरे ,
“कौन था वो “मैंने सपाट सा सवाल किया ,
“वो नीले शर्ट वाला “निशा ने उंगली दिखाई,मेरी नजर उस नीले शर्ट वाले लड़के पर जम गई ,वो एक लंबा चौड़ा स्मार्ट सा लड़का था जोकि अपने 5-6 दोस्तो के साथ किसी बात पर सिगरेट पीते हुए ठहाके लगा रहा था,मैं पीछे से एक लोहे निकाल कर उसकी ओर बढ़ने लगा,उसके किसी दोस्त का ध्यान अचानक ही मुझपर गया,उसने सभी को सतर्क कर दिया उस लड़के की आंखे जैसे निशा पर पड़ी जैसे वो सब कुछ समझ गया,मैं उनके पास पहुचा ही था की ..
“अरे देखो ये है इस रंडी का भाई,या कोई आशिक है “उसने जोरो से कहा सभी हँसने लगी लेकिन मुझे उसकी बात का कोई फर्क नही पड़ा मैं सपाट सा चहरा बनाये हुए उनकी ओर बढ़ रहा था,वो सभी चौक कर सतर्क खड़े हो गए,
“देखो मैं तो बस उसे डरना चाहता था “
वो अपने हाथो को मेरी ओर मुझे रोकने का इशारा कर रहा था की ..
“रआआआ टट “रॉड घुमा और सीधे उसके चहरे से टकराया ,वो लोहे की मोटी रॉड थी जिससे उसका जबड़ा ही उखाड़ गया,मुह से खून की धार निकलने लगी और उसके सभी दोस्त ख़ौफ़ज़दा से कभी मुझे देखते तो कभी उसे सम्हालते …
“ये लड़की धंधा करती है ,इस बेचारे ने तो बस रेट पूछा था दूसरी वाली को और उसने इसे थप्पड़ मार दिया “
उसका एक दोस्त बौखला कर बोल पड़ा ,मैंने फिर से रॉड घुमाया और ‘रआआआ टट’
उसका भी जबड़ा टूट गया और मुह से खून की धार बहने लगी ,माहौल में पूरी तरह से सन्नाटा था और साथ ही मेरे दिल में भी ,मैंने हाथ घूमने से पहले ये भी नही सोचा था की दूसरे लड़के की क्या गलती थी,मेरा चहरा अभी भी सपाट था,...
वँहा खड़े लड़के और बाकी लड़को को जैसे होश आया हो ,वो मुझे देखकर चिलालने लगे और मेरी ओर दौड़े ,जैसे मुझे खा जाएंगे,अपने दोस्तो की ये हालत देखकर वो सभी बौखला गए थे ,
“मारो मादरचोद को हमारे इलाके में आके हमारे भाई को मारा है इसने “
एक लड़का पूरे जोश में चिल्लाय ,लेकिन मेरे मन में एक जु तक नही रेंगी,मैं वैसा ही खड़ा रहा जैसे पहले था,लड़को के हाथो में जो आया वो उसे पकड़ कर मेरी ओर दौड़ाने को हुए ,जो पहला लड़का मेरे पास पहुचा उसके हाथ में लकड़ी का बांस जैसा कुछ था ,इससे पहले की वो उसे घुमा भी पता वो मेरे रॉड के रेंज में था और ‘रआआआ टट’
दूसरे के पेट में रॉड चला गया,तीसरा जो की मेरे पास ही खड़ा था ,वो अपने मुक्के को मेरी ओर उछाला और मैं झुकते हुए रॉड से उसके पैरो में वार कर दिया ,जैसे उसके घुटने टूटे हो ,वो दर्द से छटपटाता हुआ नीचे गिर गया,अपने तीनो दोस्तो का हाल देखकर बाकी के सभी वही जड़वत खड़े हो गए,मैं इंताजर में था की कौन आगे आएगा,उन्होंने मुझे चारो ओर से घेर लिया था ,लेकिन कोई भी आगे आने का साहस नही कर पा रहा था,सबसे ज्यादा हालत उसकी खराब थी जिसके पेट में मैंने रॉड घुसा दिया था,वो चीखता हुआ जमीन में छटपटा रहा था लेकिन किसी की इतनी हिम्मत भी नही हो रही थी की कोई आगे आकर उसे उठा ले ……..मेरे मन में अब भी ख़ौफ़ या भविष्य की कोई चिंता नही थी,मैं ऐसे खड़ा था जैसे मुझे इससे कोई भी फर्क नही पड़ता की कोई मरे या जिए……
कहते है ना की नंगे से खुदा भी डरता है,ये तो मामूली से कालेज के लड़के थे,और मैं अभी पूरी तरह के नंगा था,मेरे ऊपर कोई भी मर्यादा और कानून के डर का कपड़ा नही था,मैं सभी कुछ तभी छोड़ आया था जब मैंने पूर्वी को देखा था,इस लड़के ने उसे डराने के लिए ही सही लेकिन तेजाब उसके ऊपर फेक दिया था,वो उसे जलाना नही चाहता था लेकिन फिर भी उसके तिरछे फेके गए तेजाब से मेरी बहन का हाथ जल गया ,और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था ,मेरी मासूम बहन को ये लोग ना जाने कितने दिनों से परेशान कर रहे थे,जब इसके बावजूद वो नही टूटी तो उन्होंने ये ट्रिक इस्तमाल में लाई …
वो सभी भी किसी के बेटे या भाई थे लेकिन वो अपनी मर्यादा से बाहर गए थे जिसका अंजाम उन्होंने भुगता था,इसके लिए मेरे दिल में ना तो ग्लानि थी ना ही कोई दया ,
मैं बाकी खड़े हुए लड़को की तरह मुड़ा उनमे से कुछ तो डरकर बहुत दूर जा खड़े हुए थे ,जो पास में थे वो भी कांप रहे थे की पता नही मेरा अगला शिकार कौन होगा ...मुझे उनकी हालत देखकर थोड़ी हँसी भी आ गई जिसने मेरे चहरे में हल्की सी मुस्कान ला दी ,मुझे मुस्कुराता देखना शायद उन लड़को के लिए और भी डरावना था,क्योकि या तो उन्होंने किसी को गुस्से में पागल होते देखा होगा ,या चिल्लाते हुए मारधाड़ करते,लेकिन मैं उन सभी से अलग था,मैंने अभी तक किसी से कोई भी बात नही की थी ,मैंने तो एक शब्द भी नही निकाला था लेकिन मेरे कारण 4 लड़के खून से सने हुए पड़े थे,मैं थोड़ा आगे बड़ा था लड़के तीतर बितर हो गए ,मैं उस लड़के के पास पहुचा जिसने पूर्वी के ऊपर तेजाब फेका था…
“किसी लड़की को छेड़ने से पहले ये याद रखना की वो भी किसी की बहन होगी ,...शायद तुम्हारी भी कोई बहन होगी ,अगर होगी तो तुम समझ पाओगे की एक भाई पर क्या बीतती है ……..”
मैं उठकर सीधे अपने कार की ओर बड़ा ,निशा अजीब सी निगाहों से मुझे देख रही थी ,मेरा दिल एक अजीब से सुकून से भर गया था,शायद आज पहली बात मैंने किसी के ऊपर हाथ उठाया था मैं तो एक सीधा साधा सा लड़का था.ये पूर्वी का प्यार ही था जो मुझे यंहा तक खिंच लाया था…..
तभी वँहा पुलिस सायरन की आवाज सुनाई दी ,लड़के जख्मी लड़को को उठा रहे थे ,पुलिस की गाड़ी वँहा पहुच चुकी थी मैंने देखा की डॉ भी पुलिस के साथ पीछे पीछे पहुचे थे ,पुलिस वालो से देर ना करते हुए जख्मी लड़के की मदद की ..
“आपको मेरे साथ चलना होगा”
इंस्पेक्टर मेरे पास पहुच चुका था,मैंने वो रॉड उसके हवाले कर दिया ,डॉ के भाव को देखकर मैं समझ गया था की ये पुलिस डॉ ने ही बुलाई थी शायद मेरी मदद करने लेकिन यंहा का हाल देखकर वो भी दंग थे …
“तुम चलो मैं आता हु “डॉ ने मुझे कहा और मैं इंस्पेक्टर के साथ चल दिया …….
कहानी जारी रहेगी...
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