हेलो दोस्तो। मेरा नाम सचिन है। मैं झारखंड का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 25 साल है।
ये एकदम रियल स्टोरी है 2 महीने पहले की है ।
मेरे लाइफ का जो में बताने जा रहा हु।
मैं भोपाल मुस्लिम यूनिवर्सिटी से B.Tech कर रहा था
ये कहानी है मेरे यूनिवर्सिटी के दोस्त रेहान की बहन अमरीन की जिसकी उम्र उस समय 20 साल थी।
बात उस समय की है जब रेहान अपने घर लखनऊ गया हुआ था और उसका वहां एक्सीडेंट हो गया। तो उसे वहाँ रुकना पड़ा 2 महीने तक। लेकिन इस 2 महीने में उसकी छोटी बहन का यूनिवर्सिटी में PG में एडमिशन के लिए एग्जाम था जो कि वो दिलवाने आने वाला था। पर नही आ पाया तो उसकी बहन अकेली ही भोपाल आयी।
उसने मुझे फ़ोन कर दिया था कि मैं उसकी बहन को स्टेशन से पिक करूँ और एग्जाम दिलवा के लाऊं। रेहान जानता था कि उसकी बहन भी मेरे लिए बहन ही है। और सच बताऊ दोस्तो मेरे मन में भी उसके लिए कोई गलत बात नहीं थी। मैंने उसे एक दो बार फ़ोटो में देखा था तब भी अपनी बहन ही समझा।
एग्जाम से 2 दिन पहले रेहान ने अपनी बहन को भेजा भोपाल। और मुझसे कहा कि मैं उसे एग्जाम के बारे मे समझा दूँ और सेंटर भी दिखा दूँ। एग्जाम रविवार को था और वो शुक्रवार को ही आ गयी। मैं उसे लेने स्टेशन अपनी कार से गया था।
क्योंकि जनवरी की बात है ये ठंड भी बहुत थी उस समय। वो सुबह ही आ गयी थी तो वही से मैं उसे उसका एग्जाम सेंटर दिखाने ले गया। और उसके बाद हम होटल से खाना लेके घर आ गए। घर पे पूरे दिन मैंने अमरिन को एग्जाम के बारे में समझाया। उसने भी एग्जाम की तैयारी की।
शाम को हम दोनों बाहर खाना खाने गए और देर से 10 बजे करीब घर लौटे। मैंने अमरीन को अलग रूम में उसका बिस्तर दिखा दिया जहाँ उसे सोना था। और उसको बोल दिया कि उसे किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो वो मुझसे कभी भी बोल सकती है। और दोस्तो मैं भी अपने रूम में सोने चला गया
करीब 11 बजे अमरीन ने मेरा दरवाज़ा खटखटाया। मैं भी तब सोने ही वाला था पर सोया नहीं था। मैंने दरवाज़ा खोला तो देखता ही रह गया अमरीन शॉर्ट्स और एक छोटा सा टॉप पहने सामने खड़ी थी। और मुझसे बोली, “भइया मुझे अकेले डर लग रहा है सोने में मैं आपके पास ही सो जाऊँ?”
मैंने कहा ठीक है सो जाओ। मेरे इतना कहते ही वो मेरे कम्बल में जाके लेट गयी। मैंने रूम लॉक किया और लाइट बन्द करके मैं भी कम्बल में लेट गया। क्योंकि मुझे बहुत हल्के कपड़ो में सोने की आदत है तो मैंने भी एक टी शर्ट और शॉर्ट लोअर पहन रखा था।
दोस्तो अमरिन के मन में क्या चल रहा था मुझे नहीं पता था तब तक। थोड़ी देर बाद अचानक उसने ऐसे मेरे पैर पर पैर रख दिया जैसे कि वह नींद में हो। मुझे एक साथ करंट सा लग गया शरीर में। दोस्तो उसके पैर से मेरा पैर टच होते ही मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लण्ड टाइट हो गया।
पर मैंने कैसे भी मन को समझाया और ऐसे ही लेटा रहा। फिर मुझे महसूस हुआ की अमरीन अपना हाथ मेरे लण्ड पर लोअर के ऊपर से ही फिरा रही है। और मेरे लण्ड को कसके दबा रही है।
क्योकि मैंने इसपे कुछ नहीं कहा तो उसने आगे बढ़ते हुए मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया।
जैसे ही उसने मेरे लण्ड को छुआ हाथ में लिया एक साथ झटके से हाथ बाहर निकाल लिया। मैंने तभी उसकी तरफ मुंह किया और उससे कहा, “निकाल क्यों लिया हाथ बाबू इसे अपना ही समझ इसे प्यार कर।”
वो बोली, “यार इतना बड़ा होता है क्या लड़कों का ये मुझे नही पता था। मैंने कभी किसी का देखा भी नहीं। कई सालों से सेक्स करना चाहती हूँ पर कभी मौका ही नही मिला किसी के साथ करने का। मुझे पता था आज मौका मिलेगा अपनी हवस मिटाने का सील तुड़वाने का। पर ये तो बहुत बड़ा है मेरी तो चूत फट जाएगी यार अगर ये अंदर गया तो।”
तब मैंने उससे कहा, “कोई बात नहीं मेरी जान। आज तुझे ये खुशी जरूर मिलेगी और बड़े लण्ड से चूत फटती नहीं है बल्कि मजा ज्यादा आता है।”
औए फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। होठों पर किस करते हुए एक हाथ मैं उसके टॉप में ले गया। उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी उसके 32 के बूब्स को मैंने हल्के हाथ से दबाया। उसके निप्पल्स एकदम सख्त हो चुके थे।
मैंने उसके टॉप को उतार दिया। उसको गर्दन पे किस करते हुए उसके निप्पल्स को मैंने चूसा। और उसके नीचे किस करते हुए नीचे की तरफ बढ़ा और उसका शॉर्ट्स भी उतार दिया। दोस्तो उसने नीले रंग की पैंटी पहने हुई थी।
इतने गोरे बदन पर नीले रंग की पैंटी क्या कहर ढा रही थी। मैंने उसकी पैंटी को मुंह से ही नीचे खींचकर उतारा। दोस्तो, क्या चूत थी। बिल्कुल उसी की तरह गोरी और एकदम चिकनी चूत। ना कोई बाल ना कोई निशान।
उसकी चूत देखते ही मैं खुद को नही रोक पाया और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा। मेरी जीभ उसकी चूत को अंदर तक चाट रही थी रगड़ रगड़ के। अमरीन भी पागलो की तरह सिसकिया भर रही थी और मेरे सर पे हाथ रखे हुए थी।
मैंने उसकी चूत को इतना चाटा की उसका पानी निकल गया। पर फिर भी मैंने उसकी चूत को और चाटा और उसे चाट चाटकर साफ किया। फिर मैं उसके शरीर पर किस करता हुआ ऊपर की तरफ बढ़ा। अब तक मैं भी अपने सारे कपड़े निकाल चुका था।
और अब हम दोनों के नंगे जिस्म आपस में ऐसे मिले जैसे 2 गर्म भट्टी। अब मैं नीचे था और वो ऊपर। हमने थोड़ी देर फिर से किस किया और फिर मैं उसका हाथ अपने लण्ड पे ले गया। उसने मेरे लण्ड को कस के पकड़ लिया उसकी आँखों में अलग सी चमक थी एक।
उसने धीरे से मेरे लण्ड को हाथ से सहलाना शुरू किया और फिर चूसने लगी। उसके मुंह में मेरा लण्ड आ भी नहीं रहा था पूरा। पर उसने चाट चाटके ऐसे चूसा की मजा ही आ गया। फिर मैंने उसके 34 के चूतड़ हाथों से पकड़ के अपनी ओर खींचे और 69 पोजीशन बना ली।
और अब वो मेरे लण्ड को जबरदस्त तरीके से चूस रही थी। मैं उसकी चूत में जीभ अंदर तक डालकर उसे चाट रहा था। हम दोनों की सिसिकियो से कमरा भी भर चुका था। फिर मैंने उसे बेड पे लिटाया और अपना लण्ड उसकी चूत पे फिराया और हल्के से उसकी चूत में अंदर डाला।
उसकी चूत बहुत टाइट थी पर उसकी चूत के पानी ने उसे गीला कर रखा था। जिससे मैंने धीरे धीरे अंदर लण्ड को सरकाना चालू किया। उसे दर्द बहुत हो रहा था। पर उसके ऊपर चुदने का भूत सवार था। पर जैसे ही मैंने आधा लण्ड झटके से अंदर घुसाया उसकी चीख निकल गयी।
और वह बोली, “इसे निकालो, बाहर निकालो जल्दी।” पर मैंने उसको कस के पकड़ा और पूरा लण्ड झटके के साथ अंदर घुस दिया। उसे बहुत दर्द हुआ पर मैंने भी 8-10 झटके तेज तेज लगाए।
तब लण्ड बाहर निकाला लण्ड मेरा पूरा खून में सन चुका था। फिर मैंने टिश्यू लेके अपने लण्ड और उसकी चूत को साफ किया और फिर दोबारा अपना लण्ड अंदर डाला। अब वो सहज हो चुकी थी और मीठे मीठे दर्द के साथ मजा लेने लगी।
मैंने उसे 10 मिनट तक ऐसे ही कस के चोदा। फिर मैंने उसे घोड़ी बना लिया और दबा के चोदा। उसकी आह ऊह आह ऊह आह की आवाज़ें कमरे में गूंज रही थी। हमने आधा घंटे चुदाई की दबा के। इस बीच वो 4 बार झड़ चुकी थी। फिर मैं भी उसके अंदर ही झड़ गया।
फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट गए और बहुत कसके प्यार किया एक दूसरे को। फिर मैंने उसे बहुत देर तक हर जगह किस किया। उस रात हम सुबह 5 बजे तक चुदाई करते रहे।
मैंने भी ऐसी चूत पहली बार ली थी, दोस्तो। उसके बाद वो 3 दिन और मेरे पास रही और हमने भरपूर चुदाई की आगे की चुदाई की कहानी मैं अगली कहानी में बताऊंगा। अगर आपको अच्छा लगा होगा तो comment जरूर करें
धन्यवाद।
दोस्तो जरूर बताना मुझे मेरी कहानी कैसी लगी।
sachinsaurabh143@gmail.com
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