फिर ये सुनकर मैं भी अब कुछ दिनों से उनकी पूजा कर रही हूँ पर फर्क कुछ भी नहीं पड़ा। फिर ये सुनकर आंटी बोली के भगवान कुछ न कुछ सहायता तो करेंगे ही तुम लगी रही हो। फिर मम्मी बोली के हाँ कभी तो ठीक होउंगी ही। मम्मी के बोबो पर मेरे लंड का पानी अभी भी था। मम्मी ने साफ नहीं किया था। फिर आंटी ने उस पानी के बारे में पूछा तो मम्मी ने कहा के ये तो पानी हैं। फिर मम्मी चाय बनाने जाने लगी तो फिर आंटी भी मम्मी की हिलती हुई गाँड को देखते ही रह गई और मेरी तरफ देखकर हँसने लगी। फिर मैं भी मम्मी के पीछे पीछे मैं भी किचन में जाने लगा तो जब किचन में पहुंचने वाला ही था के तभी मेरी लुंगी ढीली होकर गिर गई तो। फिर आंटी और मम्मी हँसने लगी और फिर मैं अपनी लुंगी उठाकर किचन में चला गया। किचन में सेल्फ बनी हुई थी जो कि कमर तक आ रही थी तो मैंने लुंगी नही लपेटी और नंगा ही मम्मी के पास जाकर खड़ा हो गया। फिर मम्मी बोली के आंटी देख लेगी लुंगी पहन लो। फिर मैं बोला के उसे कुछ नहीं दिखेगा। फिर आंटी बैठी थी उस और एक खिड़की थी और उसमें से आंटी हमे देख सकती थी पर सिर्फ कमर से ऊपर तक ही। इसी बात का फायदा उठाकर मैंने मम्मी को अपना लंड सहलाने के लिए कहा तो फिर मम्मी मेरा लंड सहलाने लगी और साथ मे आंटी से बात करती रही।
भाभी : दोस्ती, प्यार और चुदाई (भाग - 5)
आंटी के सामने मम्मी मेरा लंड पकड़कर खड़ी थी। फिर मैंने मम्मी से लंड चुसने के लिए कहा। तो कोई सामान लेने के लिए नीचे बैठ गई और मेरा लंड चुसने लगी। फिर जब तक चाय नहीं उबली तब तक मम्मी मेरा लंड चुसती रही। फिर चाय उबल गई तो फिर मम्मी अपना मुँह पोंछते हुए खड़ी हुई और फिर चाय में दूध डाल दिया। फिर मम्मी खड़ी खड़ी फिर से मेरा लंड सहलाने लगी। जिससे मैं काफी गर्म हो गया तो मैंने मम्मी से गाँड में लंड रगड़ने के लिए कहा तो पहले तो मम्मी ने मना कर दिया। लेकिन फिर मम्मी मान गई तो फिर मम्मी ने आंटी से पुछा के कुछ खाने के लिए लाऊं क्या। ऐसा कहकर मम्मी दूसरी तरफ चली गई जहां आंटी हमे नहीं देख सकती थी। फिर मम्मी वहां जाकर सेल्फ के सहारे झुक कर खड़ी हो। गई और फिर मुझे आने के लिए इशारा किया। तो फिर मैं झट से मम्मी के पीछे चला गया और फिर मम्मी की गाँड में लंड रगड़ने लगे। मैं मम्मी की गाँड पकड़कर लंड लंड जोर जोर से रगड़ने लगा। फिर आंटी बोली के ऐसे ही ले आ चाय खाने को लाने के लिए रहने दे। फिर मम्मी उससे बोली के थोड़ी देर रुको मैं अभी कुछ ढूंढकर लाती हूँ। मैं मम्मी से लगातार किये जा रहा था। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनने के लिए कहा तो फिर मम्मी घोड़ी बन गई तो फिर मैं करने लगा और फिर कुछ देर बाद झड़ गया तो अपना सारा पानी मम्मी की गाँड पर ही डाल दिया। फिर मम्मी खड़ी हुई और बोली के बिस्किट पड़े थे शायद खत्म हो गए। फिर आंटी बोली के बिस्किट रहने दे। फिर मम्मी चाय लेकर चली गई। फिर वो दोनों चाय पीने लगी और बातें करने लगी। फिर मैं भी किचन से बाहर आ गया और उनके पास ही बैठ गया। शाम तो हो ही चुकी थी और फिर उनकी बातें चलती रही और फिर अंधेरा भी हो गया। फिर आंटी जाने लगी तो मम्मी उसके साथ गेट तक गई तो मैं भी पीछे पीछे चला गया और फिर पीछे से मम्मी की गाँड सहलाने लगा। हमने तब तक घर का बाहर का कोई बल्ब नहीं जलाया था तो गेट के पास अंधेरा ही था। फिर मम्मी और आंटी गेट के पास कुछ देर तक खड़ी रही। फिर आंटी जाने लगी तो मम्मी गेट के बाहर एक दो सीढ़ी नीचे उतर गई। लेकिन चिंता की बात नहीं थी क्योंकी हमारे घर का गेट मैन रोड से दूर था। फिर आंटी जाने लगी और मम्मी अंदर आने लगी तो मैंने मम्मी को वहीं रोक दिया और फिर अपनी लुंगी उतारकर मम्मी के पीछे जाकर खड़ा हो गया। तब तक अंधेरा काफ़ी हो चुका था तो आंटी थोड़ी ही दूर गई होगी तो पीछे से मैंने मम्मी को अपनी बाहों में ले लिया और बोबे सहलाने लगा। फिर आंटी दूर चली गई तो फिर मैं मम्मी के साइड में आकर खड़ा हो गया और फिर मम्मी मेरा लंड सहलाने लगी। हम दोनों घर के बाहर खड़े ये सब कर रहे थे। फिर मैं मम्मी के गले लग गया और मम्मी से लिप किस करने लगा। किस करने के बाद हम अंदर चले गए और हमने गेट बंद कर दिया। फिर मम्मी ने खाना बनाया और फिर हम खाना खाकर बेड पर लेट गए। फिर मैंने मम्मी से पूछा के घर के बाहर किस करने में मजा आया था क्या। फिर मम्मी बोली के हां। फिर मैंने मम्मी से कहा के जब सब सो जाएंगे तो हम मैन रोड़ तक जाकर आये क्या बिल्कुल नंगे। फिर मम्मी बोली के किसी ने देख लिया तो। फिर मैं बोला के रात को कौन देखेगा। फिर मम्मी मान गई और बोली के जैसा आप कहो।
फिर ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ और मम्मी के ऊपर आकर किस करने लगा। फिर मैंने फोन में पोर्न वीडियो चलाकर मम्मी को दिखाने लगा तो मम्मी गर्म हो गई और अपनी चुत सहलाने लगी। फिर रात के 11 बज गए तो फिर मैंने मम्मी से चलने के लिए कहा तो मम्मी उठ गई। फिर मैंने मम्मी की चूड़ियां उतरवा दी ताकि कोई आवाज ना हो। फिर हम कमरे से बाहर आये और फिर मैन गेट खोलकर हम बाहर आ गए। फिर हम चलकर मैन रोड़ तक जाने लगे। तब तक सब लोग सो चुके थे। हमारे घर से लेकर मैन रोड तक जो गली थी उसमें अंधेरा था पर मैन रोड पर तो बड़ी बड़ी लाइट जल रही थी। तब ठंड भी हो चुकी थी तो हमे ठंड लग रही थी और अंदर से काफ़ी उत्सुकता भी थी। फिर हम मैंन रोड तक पहुंच गए तो मैंने आगे झुक कर देखा तो कोई नहीं था। आसपास की सब दुकानें बंद पड़ा थी और कभी कभार कोई साधन भी आ जाता था तो हम हमारी गली में अंदर तक चले जाते। फिर मम्मी मेरा लंड सहलाने लगी और मैं भी मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर मम्मी ने भी मैन रोड के दोनों तरफ झांक कर देखा। हम कुछ देर वहाँ खड़े रहे और फिर वापिस आने लगे तो मम्मी मेरे आगे आगे चल रही थी तो मैंने अपने फोन की लाइट जला ली और मम्मी को चलते हुए देखने लगा। फिर हम घर के अंदर आ गए और फिर गेट बंद करके कमरे में चले गए और फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर करने लगा और फिर मम्मी की चुत चुसने लगा तो मम्मी झड़ गई और फिर हम लेट गए। फिर मैंने मम्मी से पूछा के घर से बाहर नंगा घूमकर कैसा लगा तो मम्मी बोली के बहुत अच्छा लगा। फिर मम्मी बोली के काश हम नंगे ही रह पाते। फिर मैं बोला के नंगे रह ही रहे हैं ना। फिर मम्मी बोली के हां पर ज्यादा दिन तो नहीं रह पाएंगे। फिर मैं बोला के जितने दिन रह सको उतने दिन तो मजे कर लेते हैं। फिर मम्मी बोली के हां फिर आगे पता नहीं कोई मौका मिले या नहीं। फिर मम्मी मुझसे गले लगकर सो गई।
फिर अगली सुबह हम जल्दी उठ गए तो फिर मम्मी घर मे झाड़ू लगाने लगी और मैं अपना लंड सहलाता हुआ मम्मी के पीछे पीछे घूमने लगा। फिर अंदर की सफाई करके मम्मी बाहर की सफाई करने जाने लगी और मैन गेट खोलकर इधर उधर देखा और फिर बाहर जाकर झाड़ू लगाने लगी। मैं गेट पर खड़ा होकर मम्मी को देखने लगा। फिर मम्मी ने झाड़ू लगा ली तो मम्मी झाड़ू लेकर खड़ी हो गई और फिर मैं भी मम्मी के साइड में जाकर खड़ा हो गया। फिर मम्मी ने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मैं मम्मी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और मम्मी की गाँड में लंड डालकर सहलाने लगा और मम्मी के बोबे दबाने लगा। फिर मम्मी ने झाड़ू वहीं फेंक दी और पीछे हाथ करके मुझे पकड़ लिया। फिर हम कुछ देर तक बाहर खड़े खड़े ऐसे रोमांस करते रहे। फिर हम अंदर आ गए और गेट बंद करके मम्मी से लिपकिस करने लगा। फिर मैं दूध लेने चला गया और जल्दी ही आ गया। फिर हम नहा धोकर एक दूसरे से चिपक कर सो गए और लंड चुत चुसने लगे और फिर मैं मम्मी के बोबो में अपना मुँह डालकर सो गया। फिर दोपहर को हम खाना खाकर छत पर चले गए एयर आसपास का नजारा देखने लगे। फिर मम्मी मेरी बाहों में आकर अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर मुझसे किस करने लगी जो कि मम्मी ने खुद पहली बार किया था। फिर हम शाम तक छत पर ही रहे और फिर मम्मी नीचे चली गई और मैं छत पर ही रहा। मैंने भाभी से कई दिनों से बात नहीं कि थी और भाभी की कॉल भी आई हुई थी तो फिर मैंने भाभी को कॉल की और बात करने लगा। फिर भाभी ने पुछा के बात क्यों नहीं कि इतने दिन तो मैंने सब बताया जो हमारे बीच हुआ। फिर सब सुनकर भाभी बोली के मम्मी को एक मर्द की जरूरत हैं जो उनका ख्याल रख सके और उनकी हर जरूरत पूरी कर सके। ससुर के जाने के बाद मम्मी काफी अकेली पड़ गई हैं और तुमने मम्मी का ख्याल रखा तो मम्मी तुम्हे अपना पति मानने लगी हैं। फिर मैं बोला के हां यही बात हैं।
फिर भाभी ने बताया के वो कुछ दिन और नहीं आ पाएगी और भाई की छुट्टियाँ कैंसिल हो गई तो उनको वापिस बुला लिया तो भाई वहीं से ड्यूटी पर चले गए। फिर ये सुनकर मैं खुश भी हुआ और दुखी भी। खुश इस कारण हुआ के अब मुझे और मम्मी को और टाइम मिल जाएगा और दुखी इसलिए कि अगर भाई आ जाता तो मैं और मम्मी शादी कर लेते। फिर भाभी बोली के तू मम्मी से कर लें ना अब तो वो तुझे अपना पति भी मानती हैं तो शादी की क्या जरूरत हैं। मुझे भाभी की बात सही लगी। फिर मैं बोला के ठीक हैं। फिर मैंने भाई से भी बात की और भाई को सब कुछ बताया तो भाई भी बोला के तू मम्मी का ख्याल रखा कर। पापा के जाने के बाद उसने काफी दुख देखे हैं। फिर बात करके मैं नीचे आ गया तो देखा के मम्मी ने खाना बना लिया था। फिर हमने खाना खाया और फिर कमरे में आ गए। तब तक ज्यादा रात नहीं हुई थी तो फिर मैं मम्मी से बोला के बाहर घूमने चलोगी। तो फिर मम्मी बोली के अब रात को। मैं बोला के हां। फिर मम्मी के चलो ठीक हैं तो मैं तैयार हो जाती हूँ। फिर मम्मी तैयार होने लगी और ब्रा पैंटी पहनकर ऊपर सूट पहन लिया और फिर मांग भरी और चूड़ियां पहनी और एक शादीशुदा औरता की तरह सजकर तैयार हो गई। फिर मैं भी कपड़े पहनकर तैयार हो गया। हमे साथ मे देखकर कोई नहीं कह सकता था के हम माँ बेटे है। फिर हमने गेट को लॉक किया और फिर चलने लगे। रास्ते मे हमारे कई जान पहचान वालो के घर भी थे तो हमने एक ऑटो कर लिया और उसमें बैठकर मार्केट चले गए। फिर मार्केट पहुंचकर हम मार्केट में घूमने लगे और मम्मी मेरा हाथ पकड़कर चल रही थी। फिर वहाँ गोल गप्पे की रेहड़ी लगी थी तो मम्मी ने गोल गप्पे खाने के लिए कहा तो मैं मम्मी को उस रेहड़ी पर ले गया और मम्मी को गोलगप्पे खिलाये। वहाँ हम एक दूसरे से पति पत्नी की तरह ही व्यवहार कर रहे थे। मैं मम्मी को नाम लेकर बुला रहा था और मम्मी मुझे ऐ जी ओ जी कहकर बुला रही थी। फिर हम गोलगप्पे खाकर आगे गए तो वहाँ एक रेस्टोरेंट था। फिर मैं मम्मी को उसमें ले गया और फिर हमने वहाँ चाइनीज खाई और एक दूसरे से बातें करने लगे। फिर मैंने मम्मी को बताया के भाई और भाभी नहीं आ रहे है। फिर मम्मी बोली के कैसे। फिर मैंने मम्मी को सारी बात बताई तो मम्मी काफी खुश हुई। फिर मम्मी बोली के तुमने ये बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई। फिर मैं बोला के मैं तुम्हे सरप्राइज देना चाहता था। फिर मम्मी की आंखों में खुशी साफ झलक रही थी। फिर वहाँ उसके पास ही सिनेमाघर था और उसमें एक रोमांटिक मूवी लगी थी। फिर मैंने टिकट लिए और फिर मैं और मम्मी मूवी देखने चले गए।
मूवी काफी अच्छी थी और कई सेक्स सीन भी थे। जिन्हें देखकर मम्मी मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी से बोला के आज सुहागरात मनाए क्या तो मम्मी हँसने लगी और कुछ नहीं बोली। फिर मूवी देखकर हम वापिस आने लगे तो रास्ते मे एक दुकान पर सेल लगी थी जिसमे लेडीज का सब सामान मिल रहा था तो फिर मैं मम्मी को लेकर उस दुकान में चला गया और फिर मम्मी को नई साड़ी और सूट दिलवाए। वहां सस्ते शादी वाले लहंगे मिल रहे थे तो फिर मैंने मम्मी के लिए एक लहंगा लिया। फिर हम ज्वैलरी वाले सेक्शन में गए तो वहां से मैंने मम्मी के लिए नया मंगलसूत्र और कई और ज्वैलरी भी ली। मैंने एक चेन और अंगूठी भी ली जो कि मैं मम्मी को गिफ्ट में देने वाला था। फिर मम्मी ने मेकअप बॉक्स भी लिया और फिर और भी समान लिया और फिर हम घर आ गए। घर आये तब तक हमे 10 बज चुके थे। फिर मम्मी सब समान लेकर अपने कमरे में चली गई और तैयार होने लगी। मैं तब तक कमरे को सजाने लगा और बेड को फूलों से सजा दिया जो कि मैंने आते टाइम लिए थे। फिर कमरे में गुलाब का इत्र छिड़का और मैंने भाई की शेरवानी पहन ली और मम्मी के आने का इंतजार करने लगा।
फिर आखिर कुछ देर बाद मम्मी ने कमरे का गेट खोला और अंदर आ गई। मम्मी पूरी नई नवेली दुल्हन लग रही थी। मम्मी के हाथ मे दूध का ग्लास भी था। फिर मम्मी मेरे सामने आकर खड़ी हो गई और मैं मम्मी को देखता ही रह गया। मम्मी मुझे शेरवानी में देखकर खुश हुई और बोली के अच्छे लग रहे हो। फिर मम्मी ने मुझे दूध दिया तो मैं एक घूंट में ही दूध खत्म किया और फिर मम्मी को लेकर जल्दी से बेड पर चला गया। फिर मम्मी हँसने लगी और फिर कहा के हमारे पास पूरी रात पड़ी हैं। फिर मैं बोला के मुझसे अब इंतजार नहीं हो रहा हैं। फिर मैं मम्मी से लिपकिस करने लगा। मम्मी भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने मम्मी की नथ निकाली और फिर से लिप किस करने लगा। फिर मैंने मम्मी का लहंगा खोल दिया तो मम्मी ब्रा पैंटी में आ गई और फिर मैं मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर मम्मी ने भी मेरी शेरवानी खोल दी तो मैं अंडरवियर में आ गया। फिर मैनें मम्मी की ब्रा खोल दी और मम्मी के बोबो को चुसने लगा। फिर मम्मी ने मेरी अंडरवियर खोल दी और मेरे लंड को सहलाने लगी। फिर मैंने मम्मी को लेटाया तो मम्मी ने अपने दोनों पैर उपर उठा दिए और फिर मैंने मम्मी की पैंटी निकाल दी तो मम्मी की चिकनी चुत देखता ही रह गया। फिर मैंने मम्मी से पूछा के क्रीम अब लगाई थी क्या तो मम्मी ने हां में गर्दन हिलाई। फिर मैं हाथ से मम्मी की चुत सहलाने लगा तो मम्मी ने आंखें बंद कर ली और मस्ती में डूबने लगी। फिर मैं चुत चुसने लगा तो मम्मी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर कुछ देर चुसने के बाद मैंने मम्मी की चुत पर काफी सारा थूक लगाया और फिर अपना लंड मम्मी की चुत पर लगाकर मम्मी से पुछा के डाल दूँ क्या अंदर तो मम्मी ने हां में गर्दन हिलाई तो मैंने एक धक्का मारा तो आधा लंड अंदर चला गया। जिससे मम्मी को दर्द हुआ तो मम्मी चीखने लगी। मम्मी को दर्द हो रहा था। पर मैं रुकने वाला नहीं था और अगले ही धक्के में पूरा लंड अंदर डाल दिया तो दर्द से मम्मी के मुँह के एक्सप्रेशन ही बदल गए। फिर मैं लंड अंदर बाहर करने लगा तो मम्मी के फिर दर्द कम हुआ तो मम्मी को मजा आने लगा और फिर मम्मी भी अपनी गाँड उठा उठाकर मेरा लंड लेने लगी। काफ़ी सालों से सूखी मम्मी की चुत को मैं आज हरा भरा करने जा रहा था। मुझे तो विस्वास ही नहीं हो रहा था के मम्मी की चुत में मेरा लंड हैं। फिर मैं कुछ देर तक मम्मी की चुदाई करता रहा और इतने मैं मम्मी 2-3 बार झड़ गया और फिर मैं भी झड़ गया और सारा पानी मम्मी की चुत में ही डाल दिया और मैं मम्मी के ऊपर ही लेट गया। फिर मैंने मम्मी से पूछा के मजा आया तो मम्मी बोली के हां बहुत आया। फिर मैं साइड में आकर लेट गया और मम्मी वैसे ही लेटी रही और अपनी चुत सहलाने लगी और फिर अपनी चुत में उंगली डाली तो उंगली पर पानी लग गया तो फिर मम्मी मुँह में लेकर उंगली चुसने लगी। मम्मी की चुत से पानी बाहर आ रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी की चुत पाव रोटी की तरह सूज गई और काफी सेक्सी दिखनी लगी। फिर मम्मी मेरा लंड सहलाने लगी और फिर मेरे ऊपर आकर उल्टी लेट गई तो फिर हम एक दूसरे के चुत और लंड चुसने लगे और फिर से गर्म हो गए।
फिर मैं उठा और मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से मम्मी की चुत में डालकर करने लगा तो मम्मी की सॉफ्ट सॉफ्ट गाँड के स्पर्श से मुझे अलग ही मजा आ रहा था। फिर मेरा मन गाँड मारने का हुआ तो फिर मैंने अपना लंड मम्मी की गाँड के छेद पर रखा और गाँड के छेद को सहलाने लगा। फिर मम्मी बोली के तेल लगाकर डालना। फिर ये सुनकर मैं खुश हुआ और फिर तेल की बोतल लेकर आया और काफी सारा तेल लगाकर मम्मी के गाँड के छेद को चिकना कर दिया। फिर अपने लंड को भी चिकना किया और फिर डालने लगा तो मम्मी को दर्द होने लगा और लंड बाहर निकालने के लिए बोलने लगी। लेकिन मैंने बात नहीं मानी और मम्मी की कमर को जोर से पकड़ा और फिर पूरा लंड अंदर डाल दिया। जिससे मम्मी को काफी दर्द हुआ और दर्द से मम्मी रोने लगी और आंखों में आंसू आ गए और मम्मी कांपने लगी। लेकिन मैं नहीं रुका और फिर लगातार मम्मी की गाँड मारता रहा। मैं इस बार जल्दी झड़ने वाला नहीं था तो मम्मी की गाँड काफी देर तक मारता रहा और फिर झड़ गया तो फिर मम्मी की गाँड में लंड डाले डाले ही करवट लेकर लेट गया। फिर मम्मी का चेहरा देखा तो मम्मी के आंसू बह रहे थे आंखों में लगा काजल आंसुओ के साथ बह रहा था। फिर मैं लिपकिस करने लगा तो पहले तो मम्मी ने साथ नहीं दिया लेकिन फिर साथ देने लगी। मेरा लंड अभी तक ढीला नहीं हुआ था तो मैं मम्मी की गाँड में धक्का मारता तो दर्द से मम्मी की आह निकल जाती। फिर मैं लगातार धक्के मारने लगा तो मम्मी को दर्द होने लगा तो मम्मी फिर से रोने लगी। फिर लंड ढीला हो गया तो अपने आप बाहर आ गया और फिर मैं मम्मी से थोड़ा दूर हो गया तो फिर मम्मी सीधी होकर लेट गई और फिर कांपते हुए हाथ से अपने गाँड के छेद को छूकर देखने लगी। फिर मैंने भी मम्मी की गाँड देखी तो गाँड का छेद फूल गया था और लाल हो गया था। फिर मैंने मम्मी के छेद पर एक क्रीम लगाई जिससे मम्मी को काफी आराम मिला और फिर हमने थोड़ी देर आराम किया। फिर मम्मी का बिस्तर पर ही पेशाब निकल गया और लैट्रिन भी कर दी। फिर मम्मी मेरे सीने से लग कर सो गई तो फिर मैं भी सो गया। फिर सुबह मुझे जल्दी जाग आ गई तो फिर मैं मम्मी से लिप किस करने लगा। तो मम्मी भी जाग गई और मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी के ऊपर आ गया और फिर मम्मी की चुत में डालकर करने लगा। फिर मम्मी को मजा आने लगा तो फिर मम्मी कहने लगी के पूरा डाल दो। फिर मैं और जोर लगाकर करने लगा तो फिर मजे से मम्मी मुस्कुराने लगी और फिर झड़ गई तो मम्मी के चेहरे पर संतुष्टि दिखी। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर करने लगा। पहले चुत में किया और फिर गाँड में किया। पहले गाँड में डाला तो दर्द हुआ लेकिन फिर मम्मी को भी मजा आने लगा। फिर मैं झड़ने लगा तो मैंने पानी मम्मी की चुत में डाल दिया। मम्मी को मेरे गर्म पानी का एहसास अंदर तक हो रहा था।
जिससे मम्मी को काफी मजा आता। फिर करने के बाद हम लेट गए। फिर मम्मी कहने लगी मेरा बदन मुझे हल्का हल्का लगने लगा है अब। फिर मैं बोला के अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। फिर मम्मी ने मुझसे टाइम पूछा तो मैंने कहा के 4 बज गए है। फिर मम्मी बोली के आज से हमारी नई जिंदगी की शुरुआत हुई हैं तो हम मंदिर चलते हैं। फिर मैं बोला के मेरी राधा रानी जैसा तुम कहो। तो ऐसा सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मम्मी बेड से उठकर चलने लगी तो मम्मी से चला ही नहीं जा रहा था। फिर मैं खड़ा हुआ और मम्मी को सहारा दिया। फिर मैं बोला के राधा तुम काफी चीखी चिल्लाई फिर भी मैं नहीं रुका और रोने भी लगी। फिर मम्मी बोली के असली मर्द वही होता हैं जो औरता कि चीख निकाल दे। ये सुनकर मैं और मम्मी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे और फिर लिपकिस करने लगे। फिर हम बाहर आ गए और फिर मम्मी बोली के ये कुछ देर में ठीक हो जाएगा। फिर मम्मी बोली के नहा लेते हैं और फिर पांच बजे मंदिर चलेंगे। फिर मम्मी बाथरूम में चली गई और मैं गर्म पानी लेकर गया। फिर हम साथ ही नहाने लगे और नहाकर कमरे में आकर तैयार होने लगे। मैंने पायजामा कुर्ता पहन लिया और मम्मी ने सूट पहन लिया। फिर मम्मी मेकअप वगेरह करके तैयार होने लगी। फिर मम्मी तैयार हो गई तो मम्मी नई नवेली बहु लगने लगी। फिर मैं मम्मी से लिपकिस करने लगा तो मम्मी ने रोक दिया और बोली के लिपस्टिक खराब हो जाएगी। फिर मैं बोला के तो घोड़ी बन जाओ। फिर मम्मी सलवार खोलकर घोड़ी बन गई और फिर मैंने मम्मी की पैंटी नीचे की और मम्मी की चुत चुसने लगा। फिर मम्मी की गाँड भी चूसी। गाँड को नहाते टाइम मैंने गर्म पानी से सेक दिया था जिससे कि दर्द काफी कम हो गया था। फिर मेरा मन लंड डालने का करने लगा तो मैंने खुद पर कंट्रोल किया और फिर मम्मी ने पैंटी और सलवार पहन ली और फिर हम घर से बाहर आकर घर के ताला लगाकर मंदिर जाने लगे। सुबह सुबह का टाइम था तो हमे देखने वाला कोई नहीं था। मंदिर हमारे घर के पिछली साइड था और घर के दूसरी तरफ खेल का मैदान था। जिसके की चारदीवारी नहीं कि हुई थी। फिर हम उस मैदान में चलने लगे। फिर चलते चलते मम्मी बोली के तूने पानी मेरे अंदर ही डाल दिया। अगर बच्चा हो गया तो। फिर मैं बोला के आजकल बहुत से तरीके हैं। मैं कोई टेबलेट वगेरह ला दूँगा। फिर उससे नहीं होगा। फिर हम मैदान पार करके मंदिर में चले गए। फिर हमने जोड़े से पूजा करवाई। फिर पंडित से आशीर्वाद लिया और फिर भगवान के आगे बैठकर मंदिर में चल रहे भजन के साथ भजन करने लगे। जिसमे हमे काफी टाइम लग गया। हमे 7 बज गए और फिर दिन निकल गया था। फिर हम जल्दी जल्दी वापिस आने लगे। हमे डर था के कोई हमें देख ना ले। फिर हम घर पहुंचे तो देखा के पड़ोस वाली आंटी घर के बाहर खड़ी थी। शायद वो तभी आई थी। फिर हम जब उसके पास पहुंचे तो उसने मम्मी को देखा और पूछा के इतना सजधजकर कहाँ गई थी। फिर मम्मी बोली के कहां जाऊंगी मंदिर गई थी। फिर मैंने लॉक खोला और फिर हम अंदर आ गए। फिर मम्मी बताने लगी के सुबह सुबह श्री कृष्ण जी के मंदिर जाती हूँ। आज थोड़ा लेट हो गए तो मैं बेटे से कहने लगी के जल्दी चलो तो नहीं तो कोई मुझे ऐसे देख लेगा तो पता नहीं क्या सोचेगा। फिर आंटी बोली के सही बात हैं। लोग को तो बातें बनाते टाइम नहीं लगता।
आगे कहानी जारी रहेगी.......
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