फिर आखिरकार कई दिन बाद धूप निकली तो उस दिन मम्मी ने सफाई वगैरह का काम किया। कंडोम भी खत्म हो गए थे तो मैं मार्केट से कॉन्डम लेकर आया और मम्मी के लिए गजरा लेकर आया और गुलाब के पत्ते लेकर आया। फिर मैं घर आया तो मम्मी खाना बना रही थी। फिर मम्मी ने मुझे नहाने के लिए कहा तो मैं नहाने चला गया और फिर नहाकर आया तो इतने में मम्मी ने आंगन में बिस्तर लगा दिया था। फिर मैंने बिस्तर के किनारे कंडोम का डब्बा छोड़ दिया और बिस्तर पर काफी सारी गुलाब की पत्तियां डाल दी। और सब कुछ तैयार कर दिया। फिर मम्मी नहाकर आई तो बिस्तर देखकर खुश हुई। फिर मैंने मम्मी के बालों में गजरा लगाया और फिर मम्मी लेट गई तो फिर मैं एक गुलाब का फूल लेकर मम्मी के बदन पर फिराने लगा तो मम्मी के गुदगुदी होने लगी तो मम्मी हँसने लगी। मम्मी तब बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर मैं मम्मी के ऊपर आ गया और मम्मी के बदन को चूमने लगा। फिर मम्मी गर्म हो गई तो इस बार मैं लेट गया और फिर मम्मी को उल्टा करके लेटा लिया। जिससे मम्मी की गाँड मेरे मुँह की तरफ और मम्मी का मुँह मेरे लंड की तरफ था। फिर हम एक दूसरे के लंड और चुत को चुसने लगे और फिर साथ मे ही झड़ गए। फिर मैं मम्मी के बदन की मालिश करने लगा तो हम फिर से गर्म हो गए। फिर मम्मी मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर अपनी चुत रगड़ने लगी। मम्मी अपनी कमर हिलाकर अपनी चुत से मेरा लंड रगड़े जा रही थी। फिर पहले मम्मी और फिर मैं झड़ गया तो फिर मम्मी ने मेरा और अपना पानी चाटकर साफ कर दिया और फिर मैं उठकर बैठ गया और मम्मी को गोद मे बैठाकर लिप किस करने लगा। फिर हमें भूख लग गई तो फिर हम खाना खाने जाने लगे। मम्मी खड़ी होकर किचन की तरफ जाने लगी तो मैंने पीछे से देखा के मम्मी की गोरी गोरी गाँड पर गुलाब का एक पत्ता चिपका हुआ था और बहुत ही सेक्सी लग रहा था। ऐसे ही मम्मी की कमर पर भी कई पत्ते चिपके हुए थे। फिर मैं भी मम्मी के पीछे पीछे चला गया और फिर हमने खाना खाया और फिर खाना खाते ही मम्मी को उठाकर बिस्तर पर ले आया। मम्मी को मुँह धोने भी नहीं दिया। फिर मैं मम्मी के पूरे बदन को चूमने लगा। फिर मैं मम्मी के मुँह की तरफ बैठकर लंड मम्मी के मुँह में डाल दिया और मैं खुद मम्मी की चुत चुसने लगा।
भाभी : दोस्ती, प्यार और चुदाई (भाग - 4)
फिर ऐसे हम काफी देर तक चूसते रहे और फिर हम झड़ गए। फिर मैं और मम्मी एक दूसरे को बांहों में भरकर एक दूसरे के किस करने लगे। फिर मम्मी मुझे अपने बोबे चुसवाने लगी। मैं काफी देर तक मम्मी के बोबे चूसता रहा। फिर मम्मी एक कटोरी भरकर घी लेके आई और फिर मैं घी से मालिश करने लगा। मैंने मम्मी के पूरे बदन को घी से भर दिया। जिससे मम्मी के बदन से घी टपकने लगा। फिर मम्मी खुद भी अपनी चुत, बोबे और गाँड अपने हाथों से मसलने लगी। फिर मम्मी ने मेरे लंड की मालिश करने लगी। जिससे कि लंड खड़ा हो गया। फिर मैंने मम्मी से कंडोम चढ़ाने के लिए कहा तो मम्मी ने एक कंडोम लेकर मेरे लंड पर चढ़ा दिया। फिर मैं मम्मी को घोड़ी बनाकर करने लगा। फिर मेरा कंडोम उतर गया तो फिर मैंने वो कंडोम दूसरे बिस्तर पर रख दिया और फिर मम्मी ने दूसरा कंडोम चढ़ाया। लेकिन वो भी उतर गया। फिर मम्मी ने एक और कंडोम चढ़ाया पर वो भी नहीं टिका। क्योंकि मेरा लंड चिकना हो गया था। फिर मैं बिना कंडोम के ही पीछे से मम्मी की गाँड और चुत के छेद को रगड़ने लगा। मम्मी की कमर पकड़कर मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा और कई देर तक लगाता रहा। फिर मैं झड़ने लगा तो लंड का पानी मम्मी के गाँड के छेद पर छोड़ दिया और कुछ गाँड पर भी गिर गया। फिर मैं झड़कर साइड हुआ ही था के पड़ोसन आ गई। तब तक मम्मी घोड़ी ही बनी हुई थी और फिर वो उठकर गेट खोलने चली गई और मैं कमरे में चला गया। फिर मम्मी ने गेट खोला तो वो अंदर आ गई और फिर वो आंगन में आने लगी तो जब उसने पीछे से मम्मी की गाँड पर मेरा पानी लगा देखा और साथ में चुत से भी पानी टपक रहा था तो ये देखकर वो बोली के ये कहा हैं। फिर मम्मी ने कहा के कहाँ। फिर उसने मम्मी की गाँड की तरफ इशारा किया तो मम्मी ने जब अपना हाथ अपनी गाँड में ले गई तो मम्मी का हाथ मेरे पानी से भर गया और फिर मम्मी बोली के ये बवासीर की दवाई लगवाई शायद वो बाहर आ गई हैं। फिर वो आंगन में बिस्तर के पास आई और बिस्तर को सजा हुआ देखा तो पड़ोसन ने फिर पूछा तो मम्मी बोली के पिछले कई दिनों से काफी ठंड पड़ रही थी तो मेरा दर्द बढ़ गया था। फिर किसी ने बताया के अगर गुलाब के पत्तो की सुगंध पास हो तो दर्द कम हो जाता हैं तो बेटा लेकर आया था। फिर पड़ोसन ने दूसरे बिस्तर पर कंडोम बिखरे हुए देखे और पास में कंडोम का डब्बा देखा तो फिर वो बोली के इनसे क्या किया था। फिर मम्मी ने कहा के इनसे बवासीर की दवाई लगाई थी। इनसे अंदर तक दवाई लग जाती हैं। जिससे दवाई लेकर आये थे उसने ऐसे लगाने के लिए कहा था। मम्मी ने सुबह कमरा साफ किया था तो वो कंडोम भी कमरे से बाहर पड़े थे। शायद वो भी उस पड़ोसन ने देख लिए थे। फिर उसने पूछा के तुम्हारा बेटा घर पर ही हैं। फिर मम्मी बोली के हाँ। फिर वो पड़ोसन बोली के मैं आती हूँ तो वो कहाँ चला जाता हैं। फिर मम्मी हँसकर कहने लगी के वो शर्माता बहुत हैं तो अंदर कमरे में चला जाता हैं। फिर ये सुनकर पड़ोसन भी हँसने लगी और बोली के इतना शर्माना अच्छा नहीं होता। फिर मम्मी मुझे आवाज देकर बुलाने लगी पर मेरे पास पहनने के लिए मेरा कोई कपड़ा नहीं था तो मैं कैसे जाता। फिर मम्मी ने एक दो बार और आवाज दी और मैं नहीं गया तो फिर मम्मी मुझे बुलाने आ गई। फिर मैंने मम्मी को बताया के मेरे पास पहनने के लिए कुछ नहीं हैं तो मम्मी ने अपने कपड़ों में से मुझे।अपनी पैंटी निकाल कर दी तो फिर मैंने वो पहन ली और फिर मैं मम्मी के पीछे पीछे बाहर चला गया। मुझे देखकर वो पड़ोसन हँसने लगी और बोली के बेटा मुझसे क्यों शर्मा रहे हो इतना। फिर मम्मी बोली के ये तुमसे नहीं मुझहसे शर्मा रहा हैं। मैं इसके सामने नंगी रहती हूँ ना इसलिए। फिर पड़ोसन बोली के इसमें शर्माने वाली कोई बात नहीं हैं। कोई बीमार होता हैं तो उसकी सहायता तो करनी ही पड़ती हैं। फिर मैं मुस्कुराने लगा और उनके पास ही बैठ गया। फिर वो दोनों बातें करने लगी और मैं बैठकर मम्मी को देखने लगा। वो पड़ोसन भोली भाली सी थी तो कोई ज्यादा टेंशन वाली बात नहीं थी। फिर मम्मी चाय बनाने चली गई तो मैं भी मम्मी के पीछे चला गया। फिर किचन में हम थोड़ा छुपकर खड़े हो गए और फिर मैं मम्मी के बूब चुसने लगा और मम्मी ध्यान रखने लगी के कहीं वो आ ना जाये। फिर चाय बन गई तो मैं और मम्मी चाय लेकर उसके पास चले गए और चाय पीने लगे। फिर वो दोनों आपस मे बातें करने लगी। फिर चाय पीकर पड़ोसन और मम्मी भाभी वाले कमरे में चली गई जहाँ भाभी की अलमारी खुली हुई थी और मेकअप वगेरह का और ब्रा पैंटी बिखरी हुई थी और बेड टूटा हुआ ही पड़ा था। फिर ये सब देखकर वो पड़ोसन बोली के बेड कैसे टूट गया। फिर मम्मी बोली के बेड पहले से ही टूटा हुआ था। कल रात को मेरे जोड़ो में दर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया था तो ये मेरी मालिश करने लगा और फिर बेड टूट गया। फिर मम्मी उसके सामने ही ब्रा पैंटी उठाकर रखने लगी तो पड़ोसन ने पूछा के ये क्यों इधर उधर डाल रखी हैं। फिर मम्मी बोली के कल रात मैं ही पहनकर देख रही थी। पर मेरे कोई फीट ही नहीं आई। फिर पड़ोसन बोली के तेरे इतने बड़े बड़े है तेरे कैसे फिट आएगी ये। ये कहकर पड़ोसन हँसने लगी तो फिर मम्मी और मैं भी हँसने लगे।
फिर पड़ोसन ने मम्मी के मंगलसूत्र के बारे में पूछा तो मम्मी बोली के ये मंगलसूत्र नहीं ताबीज हैं। चांदी की और कोई चीज नहीं मिली तो फिर बहु ने मुझे ये पहनने के लिए दे दिया। चांदी पहनने से भी दर्द कम होता हैं। फिर हम भाभी के कमरे से बाहर आकर बिस्तर पर बैठ गए। फिर कुछ देर बातें करने के बाद वो जाने लगी तो मैं और मम्मी उसके साथ गेट तक गए और फिर गेट खोलकर पड़ोसन तो गेट पर खड़ी हो गई और मम्मी घर मे अंदर की तरफ खड़ी थी। फिर वो कुछ देर वहीं खड़ी रहकर बातें करने लगी और फिर वो चली गई तो मम्मी ने गेट बंद कर दिए और बंद करते ही मैंने मम्मी को पकड़ कर दीवार के सहारे लगा लिया और लिप किस करने लगा और दोनों हाथों से बोबे दबाने लगा। लेकिन तभी वो पड़ोसन फिर से आ गई और गेट बजाने लगी। तब मैं मम्मी के बोबे चूस रहा था। फिर उसने आवाज लगाई तो हम समझ गए के वो पड़ोसन हैं फिर मम्मी ने मुझे साइड किया और गेट खोला। मैं अंदर की तरफ खड़ा था और उस पड़ोसन को नहीं दिख रहा था। फिर उस पड़ोसन ने मम्मी से बाजार जाने के लिए पूछा तो मम्मी ने उसे इंकार कर दिया और फिर वो बातें करने लगी। मम्मी के निप्पल अभी भी मेरे थूक से गीले पड़े थे। कोई ध्यान से देखे तो साफ पता चल जाये के अभी कुछ देर पहले किसी ने बूब चूसे हैं। पर पड़ोसन ने खास ध्यान नहीं दिया और फिर वो चली गई। फिर उसके जाते ही मैंने मम्मी को ये बात बताई तो फिर मम्मी ने भी अपने बूब देखें। फिर बोली के उस पड़ोसन ने देख लिये होंगे तो। फिर मैं बोला के देख लिए होते तो वो पूछ लेती पर उसने कुछ नहीं पूछा मतलब उसने कुछ नहीं देखा। फिर मैं और मम्मी अंदर आये तो मैंने मम्मी से कहा के ऐसा बिस्तर देखकर तो कोई अंधा भी बता देता के यहां किसी की चुदाई हुई हैं और उस पड़ोसन को पता नहीं चला। फिर मम्मी बोली के पता चल जाता अगर मैं बात नहीं संभालती तो। फिर मैं बोला के हां ये तो हैं। तुम झूठ बोलने मैं तो एक्सपर्ट हो गई हो। फिर मम्मी बोली के तो और सच बता देती के अपने बेटे की प्यास बुझा रही थी। ये सुनकर फिर हम हँसने लगे।
शाम हो चुकी थी तो फिर हम भाभी के कमरे में गए और टूटे हुए बेड के नीचे एक छोटा टेबल रख दिया जिससे कि बेड सोने लायक बन गया। फिर मम्मी ने मुझे मिट्टी लाने के लिए कहा तो मैंने पूछा किसलिए तो मम्मी बोली के मिट्टी पलंग पर बिछाकर सोएंगे तो पेशाब करने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। फिर मैं कपड़े पहनकर मिट्टी लाने जाने लगा और फिर मम्मी ने मुझे सब कंडोम इकठ्ठे करके दिए और कहा के बाहर कहीं दाल देना। फिर मैं जाने से पहले मम्मी के लिपकिस किया तो मम्मी हँसने लगी और फिर मुझे जाने के लिए बोला। फिर मैं घर से थोड़ा दूर गया और सब कंडोम एक जगह फेंक दिए और फिर थोड़ा आगे और गया तो मुझे मिट्टी दिखी तो मैं काफी सारी मिट्टी डालकर ले आया। फिर वापिस आया तो इतने में अंधेरा हो चुका था और मम्मी मेरा ही इंतजार कर रही थी। फिर मम्मी ने वो रेत बेड पर एक प्लास्टिक का कागज बिछाकर उस पर डाल दी और फिर उसके ऊपर एक पतला गद्दा लगा दिया। फिर खाना वगेरह खाकर रजाई लेकर।लेट गए। कभी मम्मी मेरे ऊपर तो कभी मैं मम्मी के ऊपर। बस इसी तरह चलता रहा। फिर मम्मी बोली के मेरे पेशाब आने वाला हैं तो मैं मम्मी के ऊपर से उतर गया और फिर रजाई साइड करके मम्मी की चुत देखने लगा। फिर मम्मी जोर लगाने लगी और फिर मम्मी की चुत से जोर से पेशाब की धार निकली जो कि रजाई पर जा गिरी। ये देखकर हमें हंसी आ गई। लेकिन फिर मम्मी आराम से पेशाब करने लगी। मम्मी की चुत से पेशाब निकलता देखकर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने मम्मी की चुत के आगे अपना मुँह कर दिया और पेशाब पीने लगा। फिर मम्मी ने पेशाब कर लिया तो फिर मैंने लिप किस क्या और मम्मी को भी अपने पेशाब का टेस्ट करवाया। फिर हम चिपक कर सो गए।
फिर रात को मुझे पेशाब आने लगा तो मुझे याद आया के आज पेशाब बिस्तर पर ही करना हैं। तब मम्मी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी। फिर मैंने ऊपर से रजाई हटाई और अपना लंड हाथ मे लेकर पेशाब करने लगा और मेरे पेशाब की धार मम्मी की गाँड पर लगने लगी तो फिर मैंने जानबूझकर मम्मी की पूरी गाँड अपने पेशाब से भीगो दी। फिर मम्मी को जाग आई तो उसने मेरा लंड और अपनी गाँड पीछे मुड़कर देखी और फिर मेरी तरफ मुँह करके मुझसे चिपक कर सो गई। फिर जब सुबह उठे तो मेरा मम्मी के बोबो पर पेशाब करने का मन हुआ तो मैंने मम्मी से ये कहा तो फिर मम्मी अपने दोनों बोबो को आपस मे जोड़कर बैठ गई। फिर मैं खड़ा हुआ और मम्मी के बोबो पर पेशाब करने लगा तो मम्मी के बोबे मेरे पेशाब से भर गए और पेशाब टपकने लगा तो फिर मैं खुद के ही पेशाब से भीगे हुए बोबे चुसने लगा। फिर मम्मी को भी पेशाब आ रहा था तो मम्मी अपने दोनों हाथ पीछे करके अपनी चुत ऊपर उठा दी और फिर पेशाब करने लगी। मम्मी की चुत के आगे मैं बैठा था तो पेशाब मेरे ऊपर गिरने लगा और फिर मैंने आगे मुँह कर लिया तो फिर मम्मी के पेशाब से मेरा मुँह धूल गया और मैं सारा पेशाब से भर गया। फिर हम दोनों एक दूसरे के बदन को चाटने लगे। फिर मम्मी को लैट्रिन भी करनी थी और थाली नहीं थी तो मैंने मम्मी की गाँड के नीचे अपने हाथ रख दिये और फिर मम्मी का सारा लैट्रिन मेरे हाथों में आ गया। फिर लैट्रिन करने के बाद मैंने गाँड और चुत चाटकर साफ कर दी और फिर मम्मी रजाई लेकर लेट गई और मैं मम्मी की लैट्रिन बाहर डाल आया और हाथ धोकर मम्मी के साथ आकर लेट गया।
बाहर ठंड काफी पड़ रही थी और धूप निकलने के कोई उम्मीद नहीं थी। फिर मम्मी ने मुझे दूध लाने के लिए कहा और मम्मी खुद नंगी ही कमरे से बाहर आकर चूल्हे के आगे आग जलाकर बैठ गई। फिर मैं कपड़े पहनकर दूध लेने चला गया। फिर रास्ते मैं मुझे वो पड़ोसन मिली और मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और फिर मम्मी के दर्द के बारे में पूछने लगी तो मैं बोला के अब ठीक हैं कुछ तो फिर वो बोली के ध्यान रखा कर उसका। फिर मैंने कहा के हां आंटी रखूँगा। फिर मैं आगे बढ़ा और दूध लेकर जल्दी ही वापिस आ गया। फिर आया तो देखा के मम्मी चूल्हे के सामने बैठी थी। फिर मैं भी नंगा होकर बैठ गया और फिर मम्मी चाय बनाने लगी। फिर चाय पीकर मम्मी खाना बनाने की तैयारी करने लगी और रोटियां बनाने के लिए आटा तैयार करने लगी। फिर मम्मी ने मुझसे पानी मंगवाया तो मैंने मम्मी की चुत खोलकर कहा के ये टूंटी लगी हैं ना चाहे जितना पानी निकाल लो। तो ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर बोली के इस पानी से बनी रोटियां तू खालेगा। फिर मैं बोला के आज बनाओ तो सही देखते हैं कैसी लगती हैं। फिर मम्मी बोली के ठीक हैं तो आज बनाकर खिलाती हूँ। फिर मम्मी थोड़ी आगे हुई और आटे में पेशाब करने लगी और एक हाथ से आटे में मिलाने लगी। फिर मम्मी ने पेशाब बंद कर लिया और आटे को रोटियां बनाने के लिए तैयार करने लगी। फिर पानी की थोड़ी कमी रही तो मम्मी ने फिर से अपनी टूंटी चलाई और कमी पूरी कर दी। फिर पास ही पड़ा लौटा लेकर मम्मी ने अपना सारा पेशाब उसमें डाल दिया। फिर मम्मी ने आटा तैयार करके उस लौटे वाले पेशाब से अपने हाथ धोए और फिर रोटियां सेंकने लगी। फिर मैंने एक रोटी लेकर सूंघने लगा तो रोटी में से अजीब सी बदबू आ रही थी। लेकिन वो रोटी मम्मी के पेशाब से बनी थी ये सोचकर ही मैं गर्म हुए जा रहा था।
रोटियां बनाकर मम्मी ने साइड में रख दी और फिर मैं मम्मी को अपनी गोद मे बैठकर किस करने लगा और हम ऐसे ही चूल्हे के पास बैठे रहे। फिर मम्मी खड़ी हुई और नंगी ही झाड़ू लेकर सफाई करने लग गई। फिर मैं बोला के मम्मी ठंड नहीं लग रही तो मम्मी हँसकर बोली के नहीं। फिर मैं भी मम्मी के साथ साथ घूमने लगा और मम्मी की गाँड को सहला देता। फिर धूप निकल गई तो मम्मी ने कमरे में से बिस्तर लाकर बाहर सूखा दिया और फिर मिट्टी लाकर भी धूप में रख दी ताकि सुख जाए। फिर हम दोनों एक चारपाई पर एक साथ सो गई और मम्मी मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी और हम ऐसे ही बातें करने लगे। मैं मम्मी से बोला के तुम मेरी बीवी होती तो मैं तुम्हारा बहुत खयाल रखता। फिर मम्मी हँसकर बोली के मुझ जैसी बूढ़ी को तू बीवी बनाकर क्या करेगा। फिर मैं बोला के तुम नहीं बनना चाहती मेरी बीवी तो फिर मम्मी शर्माने लगी और हँसकर मेरी छाती से लग गई और कुछ नहीं बोली। तो मैं समझ गया के मम्मी की हंसी में हां थी। फिर मैंने मम्मी के गाल और माथे पर किस किया और फिर लिप किस करने लगा। फिर हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर मम्मी ने मुझे नहाने के लिए कहा और मेरे लिए गर्म पानी डालकर बाथरूम में छोड़कर आई। फिर मैं नहाने लगा तो मम्मी मेरी पीठ पर हाथ फेरकर मुझे नहलाने लगी जैसे कोई औरत अपने पति को अक्सर नहलाती हैं। फिर मैंने मम्मी को भी नहलाया। फिर नहाने के बाद मैं आकर चारपाई पर लेट गया और मम्मी भाभी वाले कमरे में चली गई और फिर कुछ देर बाद आई तो मैंने देखा के मम्मी ने माथे पर लाल बिंदी लगा रखी हैं और होंठो पर लिपस्टिक, आंखों में काजल और पैरों में पायजेब पहन रखी थी और हाथों में चूड़ियां थी। मम्मी को ऐसे देखकर मैं देखता ही रह गया। फिर मैं खड़ा होकर मम्मी के पास गया तो मम्मी मुस्कुराने लगी। मम्मी बहुत ही प्यारी लग रही थी तब। फिर मैंने मम्मी को अपनी बांहो में लेकर लिप किस करने लगा और मम्मी भी मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर मैं मम्मी को देखने लगा और मेरा मन कर रहा था के मैं मम्मी को देखता ही रहूँ। फिर मम्मी शर्माकर मेरे गले लग गई और हँसने लगी। फिर हमें भूख लग गई तो मैं और मम्मी जाकर खाना खाने लगे। फिर खाना खाते खाते ही हम बीच बीच मे लिप किस कर रहे थे।
फिर खाना खाकर आकर मैं चारपाई पर लेट गया और फिर मम्मी भी आकर मेरे से चिपक कर सो गई। फिर मैंने मम्मी की तरफ करवट ली तो फिर मम्मी मेरी छाती में घुसकर लेट गई। मम्मी का नाम अनुराधा था पर उसे सब राधा कहते थे। फिर मैंने मम्मी को नाम से पुकारा और कहा के राधा। तो मम्मी बोली के हां। फिर मैं काफी खुश हुआ और मैंने फिर से कहा के राधा। फिर मम्मी बोली के हां। फिर एक बार मैंने फिर से पुकारा तो फिर मम्मी मेरी तरफ देखकर बोली के हां क्या हुआ। फिर मैं और मम्मी एक दूसरे को देखते रहे और फिर हम लिपकिस करने लगे। फिर इसके बाद मैंने मम्मी को मम्मी कहना छोड़ दिया और नाम लेकर ही बुलाने लगा। मैं कहता के राधा मेरा लंड चूसना तो मम्मी मेरा लंड चुसने लग जाती और फिर कहता के राधा अपने बोबो को हिलाओ तो मम्मी हँसकर अपने बोबो को हिलाने लग जाती। फिर मैं कहता के राधा तुम बहुत सुंदर हो। तुम्हारे बोबे बहुत मस्त हैं तो मम्मी शर्माकर हँसने लग जाती। फिर मम्मी हर दिन मेरे लिए सजने सवरने लगी और मुझे अपना पति मानकर मेरे से वैसे ही बात करने लगी।
शाम को हम खाना वगैरह खाकर रजाई में लेट गए और फिर मैं मम्मी के ऊपर आकर बदन को चूमने लगा। फिर मैं अपना लंड मम्मी की चुत पर रगड़ने लगा और फिर मम्मी से कहा के राधा रानी चुत में डाल दूं क्या तो मम्मी बोली के आपकी मर्जी। फिर मैं लेट गया और मम्मी से कहा के राधा मेरा लंड चूस। तो मम्मी उठी और मेरे ऊपर आ गई और जब वो मेरे लंड को चुसने के लिए झुकी तो मम्मी के बूब मेरे लंड से लग गए तो फिर मैंने मम्मी से अपने बोबो को मेरे लंड पर रगड़ने के लिए कहा तो मम्मी ने मेरा लंड अपने बोबो के बीच डाल लिया और फिर रगड़ने लगी। फिर ऐसे करते हुए मम्मी की मैं फ़ोटो खींचने लगा और वीडियो बनाने लगा। फिर वो भाभी को भेज दिए। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो मम्मी मुँह में लेकर लंड चुसने लगी और फिर मैं झड़ गया। फिर मैं मम्मी के ऊपर आ गया और चुत चुसने लगा और फिर कुछ देर मैं मम्मी झड़ गई तो फिर हम सो गए।
अगली सुबह धूप निकलने के बाद मैं तो नहाकर आंगन में बिस्तर लगाकर लेट गया और मम्मी भाभी के कमरे में चली गई और फिर काफी देर से आई। फिर आई तो देखा के मम्मी ने भाभी की सारी ज्वैलरी पहन रखी थी और नाक में नोजरिंग डाल रखी थी जिससे मम्मी और भी सेक्सी लग रही थी। फुल मेकअप कर रखा था और पैरों में हाई हील वाले सैंडल पहन रखे थे। फिर वो चल रही थी तो मम्मी की गाँड काफी हिल रही थी। फिर मम्मी को ऐसे देखकर मैं काफी गर्म हो गया और मम्मी को घोड़ी बनाकर गाँड में पेनिस रगड़ने लगा। फिर मैं मम्मी से लिपट गया और मम्मी से लिपकिस करने लगा। फिर मम्मी ने पुछा के कैसी लग रही हूँ मैं। फिर मैं बोला के बहुत सुंदर लग रही हो। ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मैं और मम्मी खड़े हो गए और फिर मम्मी को दीवार के सहारे लगाकर मम्मी की गाँड रगड़ने लगा और फिर झड़ने लगा तो मैने सारा पानी मम्मी की गाँड पर निकाल दिया। फिर मैं तो बिस्तर पर बैठ गया पर मम्मी इधर उधर घूमने लगीं। मम्मी को ऐसे नंगी घूमती देखकर मैं अपना लंड सहलाने लगा। फिर मम्मी मेरे पास आई और अपने बोबो के बीच मेरा लंड लेकर रगड़ने लगी। फिर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं गर्म हो गया तो फिर मैंने अपना पानी मम्मी के बोबो पर झोड़ दिया। जिससे मम्मी के बोबे मेरे पानी से भर गए। फिर मम्मी लेट गई और अपनी चुत सहलाने लगी। तो फिर मैंने मम्मी की चुत में उंगली डाल दी तो मम्मी जोर से उछली और फिर मेरे हाथ को पकड़ लिया। लेकिन मैं लगातार मम्मी की चुत में उंगली करता रहा। फिर दूसरे हाथ की उंगली मम्मी के मुँह में डाल दी तो मम्मी वो उंगली चुसने लगीं। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी झड़ गई। लेकिन मैं रुका नहीं और लगातार उंगली करता रहा। जिससे मम्मी फिर से गर्म हो गई और फिर झड़ गई। फिर मम्मी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और आराम करने लगी। फिर मैं भी लेट गया और मम्मी के हाथ मे हाथ डाल लिया और हम एक दूसरे की आंखों में देखने लगे। फिर अचानक किसी ने गेट बजाया तो मम्मी उठकर गेट के पास चली गई। लेकिन फिर गेट बजाने वाले ने आवाज लगाई तो पता चला के वो भिखारी था। फिर मम्मी गेट के पास से वापिस आई और कमरे में चली गई। फिर मैं लूँगी बांधकर गया और गेट खोला तो वो भीख मांगने लगा। फिर मैंने मम्मी को आवाज लगाकर कहा के राधा रुपये लाना अंदर से। फिर मम्मी अंदर से रुपये लेकर आई और फिर मैं अंदर रुपये लेने गया तो मम्मी कमरे के गेट पर रुपये लेकर खड़ी थी। फिर रुपये लेकर मैंने मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगा। फिर मम्मी भी मेरा साथ देने लगी और किस करने लगी। फिर हम कई देर तक ऐसे ही करते रहे। फिर भिखारी ने फिर से आवाज लगाई तो मैं मम्मी को छोड़कर गेट की तरफ जाने लगा और तभी पड़ोस वाली आंटी आ गई। फिर मैंने भिखारी को 10-20 रुपये दिए और फिर वो जाने लगा और उधर से आंटी आ गई और फिर मैंने गेट बंद कर दिया। फिर आंटी और मैं अंदर आने लगे और आंटी ने मम्मी को आवाज लगाई तो मम्मी कमरे से बाहर निकलकर आई। फिर मम्मी को सजा धजा देखकर आंटी देखते ही रह गई। फिर आंटी ने हँसकर पूछा तो फिर मम्मी भी हँसने लगी और फिर वो दोनों आंगन में चारपाई पर बैठकर बातें करने लगी। फिर मम्मी उसे बताने लगी के उन्होंने टीवी में एक संत के प्रवचन सुने के सब औरतें भगवान कृष्ण की दासी होती हैं और जो औरत उन्हें अपना पति मानकर पूजती हैं तो उसके सब दूख दर्द दूर हो जाते हैं।
आगे कहानी जारी रहेगी.......
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