भाभी : दोस्ती, प्यार और चुदाई(भाग - 1)
पहले भाग में आपने पढ़ा के पहले कैसे मेरी भाभी से दोस्ती हुई और फिर प्यार हुआ और फिर भाभी की मैंने चुदाई भी कर दी। इतना सब होने के बाद मेरे मन में काफी डर लगा रहता और मुझे थोड़ा गुस्सा भी आता के भाई वहां नौकरी कर रहे हैं और यहां मैं उनकी बीवी की चुदाई कर रहा हूँ। ये सब बात मैंने भाभी को भी बताई तो भाभी बोली के तुम आगे की इतनी क्यों चिंता कर रहे हो जो होगा देखा जाएगा। आगे की छोड़ो और अब मजे करो। फिर मैं जब मन करता भाभी की चुदाई कर देता और भाभी भी खूब मजे से चुदवाती।
फिर छुट्टियों में भाई घर आया तो मैं भाई से आंख ही नहीं मिला पा रहा था। फिर भाई भाभी को बाहर घुमाने ले जाते और रात को खूब मस्ती करते। भाभी की आवाजें सुनकर मैं भी अपना लंड हिला लेता। फिर एक दिन मैं अपने कमरे में था तो भाभी भाई के साथ मेरे कमरे में आ गई और मेरे से चिपक कर खड़ी हो गई। मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही भाभी ने मेरी गाल पर किस कर दिया। फिर भाई और भाभी हँसने लगे। फिर भाई हँसकर बोले के मेरे पीछे से तुमने अपनी भाभी का काफी ख्याल रखा। मैं काफी घबरा गया था और मेरे से कुछ कहा ही नहीं जा रहा था। फिर मेरा ये हाल देखकर भाभी बोली के घबराओ मत मैंने इन्हें सब बता दिया हैं। फिर मैंने पूछा के क्या बताया। फिर भाभी बोली के वो सब कुछ जो हमने किया। फिर भाभी कहने लगी के मैं तुम्हारे भाई से बहुत प्यार करती हूँ। इसलिए मैं इनसे कुछ छुपाना नहीं चाहती थी। इस कारण मैंने इन्हें सब सच सच बता दिया। फिर भाई बोला के तुम्हारी भाभी ने सब सच बताया ये जानकर मैं काफी खुश हुआ। ये बात तुम दोनों मुझसे छुपा भी सकते थे और शायद कभी मुझे तुम दोनों के बारे में पता भी नहीं चलता। अगर मुझे कल को कुछ हो जाए तो इसका ख्याल तुम्हे ही रखना हैं। तुम्हारी भाभी की प्यास तुमने घर पर ही बुझा दी। अगर ये कहीं बाहर कर लेती तो पता नहीं क्या होता। फिर भाभी बोली के इसमें देवर जी की कोई गलती नहीं हैं। मैंने ही इन्हें करने पर मजबूर किया था। फिर हमने काफी बातें की और फिर भाभी बोली के अब सब कुछ बातें हो गई हैं तो अब थोड़ी मस्ती कर लेते हैं। फिर भाभी ने कमरे की कुंडी लगा दी और फिर अपने कपड़े खोलने लगी। फिर भाई भी अपने कपड़े खोलने लगा। जब भाभी नंगी हो गई तो फिर भाभी मेरे पास आई और मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को सहलाते हुए बोली के अब क्यों शर्मा रहे हो। फिर मैंने भी अपने कपड़े खोल दिये और नंगा हो गया। फिर भाभी ने हम दोनों भाइयों के लंड पकड़कर बोली के आज मैं देखती हूँ के तुम दोनों भाइयों में कितना दम हैं। इतना कहते ही भाई ने भाभी को उठाकर बिस्तर पर पटक दिया और फिर हम दोनों भाई के साइड में सो गए और भाभी यानी रीतू के बदन को सहलाने लगे। इससे भाभी गर्म हो गई। फिर हम दोनों भाभी के बदन को चूमने और चाटने लगे। फिर मैं भाभी की चुत चाटने लगा और फिर भाभी फुल गर्म हो गई तो फिर मैं साइड हो गया तो फिर भाई रीतू की चुदाई करने लगा। फिर एक हाथ से रीतू मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना लंड भाभी के मुँह में डाल दिया। भाई भाभी की चुत मार रहे थे और मैं भाभी को अपना लंड चुसवा रहा था। फिर कुछ देर बाद भाई झड़ गया तो फिर मैं चुत में डालकर करने लगा। फिर मैं भी झड़ने वाला हुआ तो मैंने अपना पानी भाभी के पेट पर डाल दिया। भाई ने भी अपना पानी भाभी के पेट पर डाला था। फिर मैं और भाई भाभी के साइड में लेट गए और भाभी हमारे मुरझाए हुए लंड सहलाने लगी और भाभी के पेट पर हमारे लंड का पानी पड़ा था। हम तीनों को ही काफी मजा आया था। फिर भाभी अपने हाथ से अपने पेट पर पड़ा हमारा पानी लेकर चाटने लगी और फिर भाभी ने एक कपड़े से अपना पेट पोंछ लिया और फिर भाई की तरफ करवट लेकर सो गई और फिर भाई से लिप किस करने लगी। पीछे से भाभी की नंगी गाँड देखकर मुझसे रहा नहीं गया तो मैं भाभी से चिपक कर सो गया और भाभी की गाँड पर अपना लंड रगड़ने लगा। फिर कुछ देर में ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैंने लंड भाभी की गाँड में डाल दिया और करने लगा। साथ मे एक हाथ से भाभी के बूब सहलाने लगा। फिर कुछ देर करने के बाद भाभी मेरी तरफ करवट लेकर सो गई और फिर भाभी मुझसे लिप किस करने लगी और पीछे से भाई भाभी की गाँड मारने लगे। फिर मैं भाभी के होंठ चुसने लगा और काटने लगा। भाभी को बहुत मजा आ रहा था तो वो जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर मैंने भाई को सीधा लेटने के लिए कहा और फिर भाई कंडोम पहनकर सो गए तो फिर मैंने भाभी को भाई के ऊपर घोड़ी बनकर भाई का लंड चुत में डालने के लिए कहा तो भाभी ने वैसा ही किया। फिर मैं भाभी के पीछे गया और लंड सीधा गाँड में डाल दिया। फिर मैं और भाई रीतू की एक साथ चुदाई करने लगे। जिससे भाभी को बहुत मजा आने लगा। फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही भाभी की चुदाई करते रहे और फिर मैं और भाई झड़ गए। फिर हम लेट गए तो भाभी हम दोनों से लिपटकर सो गई और हम भी भाभी से प्यार करने लगे। हमने उस दिन भाभी की 3-4 घंटे तक लगातार चुदाई की। फिर मम्मी आवाज लगाने लगी तो हम जल्दी से कपड़े पहनकर कमरे से बाहर निकले। फिर भाभी ने सबके लिए चाय बनाई और फिर हम सबने चाय पी। फिर भाभी घर का काम करने लगी और मैं और भाई मम्मी के पास बैठ गए। फिर हम तीनों एक दूसरे की तरफ देखते तो मुस्कुरा देते। भाभी तो काफी खुश थी और हंस हँसकर बातें कर रही थी मम्मी से। फिर शाम हुई तो हमने खाना खाया और फिर खाना खाकर मम्मी तो अपने बिस्तर पर जाकर लेट गई और हम तीनों घर की छत पर चले गए। हमारा घर एक बड़े घर के पास था जिसकी छत हमारे घर से काफी ऊपर थी और दूसरी तरफ खाली जगह पड़ी थी और कोई घर नहीं था। यानी के हमे देखने वाला कोई नहीं था और अंधेरा भी हो चुका था। फिर भाभी मुझसे गले लग गई और लिप किस करने लगी तो मैं भी भाभी की गाँड दबाने लगा। भाई हमे देख रहा था। फिर भाभी ने भाई से भी ऐसा ही किया। फिर भाई ने भाभी की सलवार खोल दी और ऊपर से कुर्ता भी खोल दिया। फिर भाई भाभी के पूरे बदन को सहलाने लगे। फिर भाभी नीचे बैठ गई और भाई की पेंट नीची करके भाई के लंड को चुसने लगी। फिर मैं भी वहीं खड़ा था तो फिर भाभी मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर भाभी मेरा लंड भी चुसने लगी और एक हाथ से भाई का सहलाने लगी। फिर इस तरह भाभी हमारे लंड चुसती और सहलाती रही। जिससे हम तीनों काफी गर्म हो चुके थे। फिर भाई ने कमरे में चलने के लिए कहा तो भाभी कपड़े पहनने के लिए कपड़े उठाने लगी तो भाई बोला के ऐसे ही चलो ना मम्मी तो सो गई होगी। फिर भाभी के कपड़े मैंने उठा लिए और फिर भाभी हम दोनों का लंड पकड़कर सहलाने लगी और हम नीचे जाने लगे। फिर सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे तो मम्मी आंगन में ही सोई थी और मम्मी को नींद आ चुकी थी और लाइट भी जल रही थी। फिर भाभी हमारे लंड सहलाती हुई हमारे बीच मे चल रही थी। लाइट में भाभी का बदन और भी सेक्सी लग रहा था। फिर हम मम्मी की चारपाई के पास से गुजर कर कमरे में पहुंच गए और कमरे में पहुंचते ही मैं और भाई भी नंगे हो गए और फिर लगे रीतू की चुदाई करने।
हमारी चुदाई आधी रात तक चली और फिर हम सो गए। मैं भी वहीं सो गया था। फिर सुबह मुझे और भाभी को जल्दी उठने की आदत हैं तो हम जल्दी उठ गए। फिर कपड़े पहनकर बाहर आये। तब तक मम्मी सोई ही थी और फिर थोड़ी देर बाद उठ गई। फिर चाय पीकर मम्मी अपने कमरे में जाकर पूजा पाठ करने लगी। मम्मी के घुटने दर्द करते थे तो भाभी उनको कमरे में छोड़ आई थी। जहां से वो कुछ घंटे बाद ही आने वाली थी और वो भी तब आएगी जब हम लाएंगे। फिर मैं और भाभी अकेले रह गए। फिर मैंने भाभी को नंगी होकर काम करने के लिए कहा। फिर पहले तो भाभी नहीं मानी लेकिन फिर भाभी मान गई और अपने सब कपड़े खोलकर पास ही खूंटी पर टांग दिए। फिर भाभी नंगी होकर घूमने लगी। भाभी पतली थी तो भाभी बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर मैं वहीं बैठकर भाभी को देखकर अपना लंड सहलाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद जब भाई उठकर आया और भाभी को ऐसे नंगी घूमते देखा तो भाई तो देखता ही रह गया। फिर जब भाभी ने भाई को देखा तो भाभी जाकर भाई के गले लग गई और हँसने लगी। फिर भाई ने भाभी को गौर से देखा और फिर भाभी से जोरदार लिप किस करने लगे। फिर भाभी जाने लगी तो भाई ने भाभी की गाँड पर हाथ से थपकी लगाई जिससे कि भाभी की गाँड हिलने लगी। फिर भाभी भाई की तरफ देखकर हँसने लगी।
फिर भाभी जाकर चूल्हे के पास खाना बनाने लगी और मैं और भाई भी भाभी के सामने ही अपना लंड निकालकर बैठ गए तो भाभी बीच बीच मे हमारा लंड सहला देती। फिर अचानक बाहर गेट पर कोई आ गया और आवाज लगाने लगा और उधर से मम्मी ने भी उन्हें कमरे से बाहर लाने के लिए आवाज लगा दी। फिर भाभी खड़ी हुई और खूंटी से उतारकर अपने कपड़े पहनने लगी और मैं गेट खोलने चला गया और भाई मम्मी को कमरे से बाहर ले आया।
मैंने गेट खोला तो देखा के कोई पड़ोस की औरत मम्मी से मिलने आई थी। फिर मम्मी भी बाहर आ गई तो फिर मम्मी और वो औरत आंगन में बैठकर बातें करने लगी।
फिर भाई बाहर चला गया और मैं अपने कमरे में आ गया और भाभी फिर से खाना बनाने लगी और घर का काम करने लगी। फिर कुछ देर बाद जब भाभी मेरे कमरे में सफाई करने आई तो मैंने भाभी को पकड़ लिया और किस करने लगा। फिर भाभी ने अपने कुर्ते में से बोबे बाहर निकाल लिए तो मैं बोबे चुसने लगा। फिर भाभी ने मेरे कमरे में अपने बोबे बाहर निकाले निकाले ही सफाई की। फिर मम्मी तो खाना खाकर दवाई लेकर अपने कमरे में जाकर सो गई। फिर भाई आ गया था तो हम दोनों आंगन में ही बैठ गए और भाभी नहाने की तैयारी करने लगी। फिर भाभी ने बाथरूम का गेट खुला रखकर ही नंगी होकर नहाने लगी तो फिर मैं और भाई भी नंगे होकर बाथरूम में चले गए और भाभी के साथ नहाने लगे। नहाते टाइम हमने भाभी के बदन को काफी मसला। फिर नहाने के बाद हम तीनों नंगे ही बाहर आ गए। हम गर्म हो गए थे तो मैं भाभी को आंगन में ही चारपाई पर ही भाभी को घोड़ी बनाकर करने लगे और भाभी भाई का लंड चुसने लगी। फिर मैं झड़ गया तो फिर भाई ने भाभी की चुदाई की। फिर हमने नंगे रहकर ही खाना खाया। फिर भाभी ने हम दोनों को तो कमरे में जाने के लिए कहा और खुद मम्मी के कमरे में चली गई। मम्मी को जोड़ो का दर्द रहता हैं तो उनकी मालिश करनी पड़ती हैं।
मालिश तेल से करनी पड़ती हैं तो तेल कहीं कपड़ो के ना लग जाये इस कारण कपड़े खोलकर मालिश करनी होती हैं। मम्मी को ज्यादा दर्द होता हैं तो मम्मी कपड़े खोलकर कम्बल वगेरह ओढ़कर सो जाती हैं और फिर भाभी जाकर मम्मी की मालिश कर देती हैं। इस कारण उस दिन भाभी नंगी ही तेल लेकर मम्मी के कमरे में चली गई थी। फिर मैं और भाई काफी देर तक भाभी के आने का इंतजार करते रहे और अपना लंड सहलाते रहे। फिर भाई ने मुझे देखकर आने के लिए कहा। तो मैं नंगा ही अपना लंड सहलाता हुआ कमरे से बाहर निकला और फिर मम्मी के कमरे के गेट को थोड़ा सा खोलकर अंदर झांकने लगा तो देखा के मम्मी एकदम नंगी लेटी हुई थी और भाभी मालिश कर रही थी। भाभी जोड़ो कब अलावा मम्मी के पूरे बदन की मालिश कर रही थी। फिर भाभी ने मुझे देख लिया तो इशारे से कहा के 5 मिनट में आ रही हूँ। लेकिन मुझे तो मम्मी को देखना था तो मैं कमरे के अंदर चला गया और खड़ा होकर देखने लगा। भाभी मम्मी की मालिश करती रही। मम्मी के बड़े बड़े बोबे और उनके बदन को देखकर मैं तो देखता ही रह गया था। ये देखकर भाभी सब समझ गई तो वो हँसने लगी और जानबूझकर मम्मी के बोबो की मालिश करने लगी। फिर भाभी ने मम्मी को उल्टा लेटाया तो उनकी बड़ी गाँड तो मैं देखता ही रह गया। मम्मी दर्द कम करने के लिए नशे वाली गोलियां खाती थी तो मम्मी तब नशे में थी। इस कारण जैसे जैसे भाभी मम्मी को कर रही थी मम्मी वैसे ही हो रही थी। फिर भाभी ने मम्मी के घुटने मोड़कर मम्मी की गाँड को ऊपर उठा दिया और मम्मी को घोड़ी बना दिया और फिर गाँड खोलकर मम्मी के गाँड के छेद की और चुत की मालिश करने लगी। तभी भाई भी वहीं आ गया और वो भी मम्मी की चुत और गाँड देखता ही रह गया और वहीं खड़े होकर देखने लगा। ये देखकर हम दोनों अपने लंड को सहलाने लगे। दो जवान बेटे अपनी मां को ऐसे देखकर अपना लंड हिला रहे हैं ये देखकर भाभी भी गर्म हो गई थी।
फिर भाभी ने मम्मी को सीधा सुला दिया और उन्हें कम्बल से ढक दिया और फिर हम दोनों के लंड पकड़कर कमरे से बाहर ले आई और फिर हम कमरे में जाकर भाभी की चुदाई करने लगे। फिर भाभी की चुदाई करते टाइम हमारे मुँह से मम्मी मम्मी निकलने लगा तो फिर भाभी भी हमे बेटा कहकर पुकारने लगी और उस दिन हमे चुदाई में बहुत मजा आया। फिर करने के बाद भाभी कहने लगी के दोनों जवान बेटे अपनी माँ के आशिक बन गए आज तो और फिर वो हँसने लगी तो हम भी हँसने लगे। तभी भाई ने अपने फोन में मां बेटा चुदाई लिखकर सर्च किया तो सेक्स स्टोरी और कुछ वीडियो आ गई। जिन्हें देखकर की बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था के जैसे मां बेटे चुदाई कर रहे हैं। ऐसे वीडियो देखकर भाभी को भी विस्वास हो गया के मां बेटे में चुदाई हो सकती हैं। फिर हम दोनों ने भाभी को अपनी मां मान लिया और भाभी ने हमे बेटा। फिर हमने ऐसे चुदाई की तो हमे काफी मजा आया।
भाभी मम्मी की कुछ दिनों से तेल की मालिश करती थी और जिस दिन भी करती उस दिन मैं और भाई भाभी के साथ नंगे होकर चले जाते और फिर मम्मी को देखकर अपना लंड हिलाते या वहीं भाभी की चुदाई करते। फिर इसमें हमे बहुत मजा आने लगा। फिर मैं और भाई मम्मी मम्मी के बदन की मालिश करने लगे और मम्मी के बोबे खूब दबाते और पूरे बदन को सहलाते। फिर एक बार भाई तो भाभी से कर रहा था और मम्मी लेटी थी और फिर मैं भी मम्मी के पास जाकर लेट गया। मैं मम्मी से लिपट गया तो मम्मी के बूब मेरी छाती से लगने लगे। फिर मैं सीधा होकर लेट गया और मम्मी का एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया। फिर जब ऐसे मुझे भाई और भाभी ने देखा तो भाभी हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी के बोबे दबाए और चूसे। फिर भाई भी मम्मी के साथ सोया और उसने भी ऐसा ही किया। फिर हम कमरे में आ गए और काफी हंसे। फिर ये सब करने के बाद हमारी हिम्मत और बढ़ गई। फिर आगे से मैं और भाई ही मम्मी के बदन की मालिश करते। फिर मैं और भाई मम्मी को करवट लेकर सुला देते और फिर पीछे से मम्मी की गाँड पर अपना लंड रगड़कर पानी गाँड के छेद पर निकाल देते जिसे फिर बाद में भाभी साफ कर देती। फिर एक बार भाई ने मम्मी के दोनों पैर उठाकर मम्मी की चुत पर अपना लंड रखकर रगड़ने लगा। जिससे बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था जैसे कि भाई मम्मी को चोद रहा हैं। फिर भाई जब झड़ने लगा तो उसने अपना पानी मम्मी के पेट पर डाल दिया। फिर मैंने भी वैसे ही किया। फिर एक बार मम्मी घोड़ी बनी हुई थी तो पीछे से हमने मम्मी से किया। फिर एक बार तो मैंने मम्मी को घुटनों के बल खड़ा कर लिया और मैं मम्मी को कमर से पकड़कर पीछे खड़ा हो गया और फिर मम्मी की गाँड पर अपना लंड रगड़ने लगा। फिर सामने भाई आकर मम्मी के सामने खड़ा हो गया और मैंने मम्मी को ढीला छोड़ दिया तो मम्मी भाई की बाहों में चली गई। फिर मैं मम्मी की गाँड पकड़कर लंड रगड़ने लगा। हम दोनों के बीच मम्मी को ऐसे देखकर भाभी इतनी गर्म हो गई के फिर वो अपनी चुत में उंगली करने लगी। ये देखकर मैं और भाई हँसने लगे।
आगे कहानी जारी रहेगी....
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