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भाभी : दोस्ती, प्यार और चुदाई (भाग - 11) 
@Kamvasna 05 मई, 2023 1987

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तब मैं और मम्मी एक दूसरे से चिपके हुए थे और मेरा हाथ मम्मी के बोबो पर था। फिर आंटी मम्मी से चिपक कर लेट गई और फिर बताने लगी के मेरे पति आज सुबह सुबह ही काम से दूसरे शहर चले गए हैं और शाम तक ही आएंगे तो फिर आज हम पूरे दिन मस्ती करेंगे। ये सुनकर मैं और मम्मी खुश हो गए। मम्मी के बाल अभी भी गीले पड़े थे तो फिर आंटी ने पूछा के बाल गीले कैसे हैं। फिर मम्मी ने हँसकर बताया के हम रात बारिश में नहाए थे। फिर आंटी भी हँसने लगी और बोली के फिर तो काफी मजे किये होंगे। फिर मम्मी बोली के हाँ। फिर वो दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेटी हुई थी तो उनके बड़े बड़े बोबे आपस में टकरा रहे थे। मैं भी मम्मी के पीछे से चिपक कर लेटा था और मेरा एक हाथ आंटी की कमर पर था और मेरा लंड मम्मी के दोनों पैरों के बीच मे था। 

 

भाभी : दोस्ती, प्यार और चुदाई  (भाग - 10)

 

फिर आंटी ने जब मम्मी की चुत सहलाने के लिए अपना हाथ मम्मी के पैरों के बीच मे लेकर गई तो आंटी का हाथ मेरे लंड पर लग गया और फिर वो मेरे लंड को पकड़कर देखने लगी। फिर आंटी को समझ मे आया के ये मेरा लंड हैं तो फिर वो मेरी तरफ देखर हँसने लगी और फिर मम्मी की चुत सहलाने लगी। फिर आंटी ने हमारे ऊपर से रजाई हटा दी और फिर मेरा लंड मम्मी के दोनों पैरों के बीच मे से दिखने लगा। फिर मैं मम्मी के बोबे चुसने लगा। फिर मम्मी उठकर घुटनो के बल खड़ी हो गई बेड पर और कहने लगी के मैं चाय बनाकर लाती हूँ। फिर वो अपने बालों को सही करने लगी तो फिर मैं भी जाकर मम्मी के पीछे खड़ा हो गया और अपना लंड मम्मी के दोनों पैरों के बीच डाल दिया और दोनों हाथों से मम्मी के बोबे दबाने लगा। फिर मम्मी हँसने लगी और साथ में अपने बाल संवारने लगी। फिर मैं कई देर तक आंटी के सामने ही मम्मी के बदन को सहलाता रहा। फिर मम्मी ने बाल सही कर लिए तो फिर मम्मी ने भी अपने हाथ पीछे करके मुझे पकड़ लिया। इस प्रकार हम माँ बेटे एक दूसरे से प्यार करते रहे। फिर मम्मी कुछ लेने के लिए झुकी और घोड़ी बन गई तो फिर मैंने दोनों हाथों से मम्मी की कमर को पकड़ लिया और अपना लंड मम्मी के पैरों के बीच से नहीं निकाला। फिर मम्मी बेड से उतर कर चाय बनाने चली गई। फिर मैं अपना लंड सहलाता हुआ आंटी के पास जाकर सो गया और आंटी को अपने से चिपका लिया और आंटी की गाँड सहलाने लगा। जिससे आंटी हँसने लगी। फिर मैं आंटी के दोनों बोबो के बीच अपना मुँह डालकर गुदगुदी करने लगा तो फिर आंटी हँसने लगी और फिर मुझे अपने से चिपका लिया। फिर मम्मी के आने तक हम ऐसे ही मस्ती करते रहे। 

फिर मम्मी चाय लेकर आ गई तो फिर हम चाय पीने लगे और बातें करने लगे। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के तू आज मेरी तेल मालिश कर देना। बदन दर्द कर रहा हैं। फिर मम्मी ने आंटी से पूछा के तुम करवाओगी क्या मालिश। फिर आंटी बोली के मुझे क्या जरूरत हैं। फिर मम्मी बोली के जरूरत होती हैं तभी करवाना कोई जरूरी नहीं होता हैं। आज तुम भी मेरे बेटे से मालिश करवा लेना फिर तो तुम रोज करवाया करोगी। ये सुनकर आंटी हँसने लगी। फिर हम हम कमरे से बाहर आ गए। फिर हम तीनों घर से बाहर आ गए। फिर मैं और मम्मी तो वहीं बैठकर फ्रेश होने लग गए और आंटी हमारे पास ही खड़ी होकर बातें करने लगी। फिर मम्मी ने लैट्रिन कर ली तो फिर मम्मी खड़ी हो गई और वहीं खड़ी खड़ी आंटी से बातें करती रही। फिर मैंने भी कर ली तो फिर हम अंदर आ गए। फिर मम्मी गेट के पास ही नीचे बैठ गई और अपनी गाँड धोने के लिए कहा तो फिर मैं पानी लेकर मम्मी की गाँड धोने लगा और मम्मी की पूरी गाँड अच्छे से धोई। आंटी हमें देख रही थी। फिर गाँड धुलने के बाद मम्मी खड़ी होकर आंटी के साथ जाने लगी और फिर मुझे बाजार से दूध वगेरह लाने को कहा तो फिर मैं भी जल्दी से अपनी गाँड धोकर कपड़े पहनकर बाजार चला गया। बाजार गया तो पूरे रास्ते भर मेरा लंड मम्मी और आंटी को नंगी सोच सोच कर खड़ा ही रहा। फिर मैं जल्दी से घर पर आया तो देखा के उन्होंने आंगन में बिस्तर लगा रखा था और वो दोनों लेटी हुई थी। मेरा फ़ोन घर पर ही था तो मम्मी आंटी को पोर्न दिखा रही थी और वो भी फुल आवाज़ में। फिर मैं भी जल्दी से कपड़े खोलकर उनके पास जाकर लेट गया। लेकिन फिर भी वो पोर्न ही देखती रही। उस वीडियो में एक मर्द जिसका लंड बहुत बड़ा था वो एक औरत को चोद रहा था और वो दोनों बहुत ध्यान से देख रही थी। साथ में मम्मी कह रही थी के इस आदमी का लंड देख कितना बड़ा हैं। फिर आंटी कहने लगी पति चुदाई से पहले मुझे ऐसी बहुत सी वीडियो दिखाते हैं। वो वीडियो देख कर वो दोनों अपनी चुत सहला रहा थी। फिर मैं भी अपना लंड सहलाने लगा। फिर मम्मी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और सहलाने लगी। उन दोनों को वो वीडियो देखने में जरा भी शर्म नहीं आ रही थी। वो दोनों गर्म भी हो चुकी थी। फिर मम्मी आंटी की तरफ करवट लेकर लेट गई और फिर आंटी के बोबे और चुत सहलाने लगी। जिससे आंटी और ज्यादा गर्म हो गई। फ़ोन आंटी के हाथ मे ही था तो वो लगातार वीडियो देखती रही। फिर मैं भी पीछे से मम्मी से चिपक गया लंड गाँड में डालकर धीरे धीरे करने लगा। फिर मम्मी आंटी की चुत में उंगली करने लगी तो आंटी सिस्कारियाँ लेने लगी और फोन साइड में छोड़ दिया। फिर मम्मी आंटी के ऊपर चली गई और आंटी के बदन को चूमने लगी। जिससे आंटी ने आंखें बंद कर ली और मजे लेने लगी। मैं पास में ही सोया था तो मम्मी ने आंटी का हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया तो फिर आंटी लंड सहलाने लगी। ये देखकर मैं और मम्मी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर मम्मी आंटी की चुत चुसने लगी। मम्मी तब घोड़ी बनी हुई थी तो मैं उठकर मम्मी के पीछे चला गया और मम्मी की चुत और गाँड मारने लगा इस तरफ हम तीनों मजे करने लगे। लेकिन आंटी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी तो वो जल्दी ही झड़ गई। फिर आंटी के झड़ने के बाद मम्मी आंटी के पास जाकर लेट गई और फिर अपने पैर खोलकर अपनी चुत जोर जोर से सहलाने लगी और सिस्कारियाँ लेने लगी। मैं तब मम्मी के सामने बैठा बैठा अपना लंड सहला रहा था। आंटी ने भी अपनी आंखें खोल ली थी। फिर मैंने सोचा के यही अच्छा मौका हैं। फिर मैं जाकर मम्मी की चूत चुसने और चाटने लगा और मम्मी ने भी मेरे सिर पर हाथ रख दिया और मेरे मुँह को अपनी चुत पर दबाने लगी। आंटी भी ये देख रही थी। फिर कुछ देर के बाद मम्मी भी झड़ गई और फिर मैंने अपना मुँह हटा लिया और पोंछने लगा। फिर मम्मी ने आंटी की तरफ देखा तो वो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी। आंटी कुछ नहीं बोली। मैं तब मम्मी के सामने बैठा था और अपने लंड को जोर जोर से हिला रहा था। फिर मम्मी ये देखकर हँसने लगी और बोली के अब तुझे भी शांत करना पड़ेगा क्या। फिर मम्मी अपने पैरों से मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी। फिर आंटी भी ये गौर से देखने लगी। फिर मम्मी मुझसे बोलती हैं के तुमने मेरे लिए बहुत कुछ किया हैं। अब मुझे भी तुम्हारे लिए कुछ करना होगा। फिर ये कहकर मम्मी उठकर बैठ जाती हैं और फिर मेरा लंड अपने हाथ मे पकड़ लेती हैं। फिर मम्मी मुझे पकड़कर आंटी के साइड में लेटा देती हैं और फिर मुस्कुराते हुए दोनों हाथों से मेरा लंड सहलाने लग जाती हैं। फिर मम्मी लंड सहलाते सहलाते लंड मुँह में लेकर चुसने लग जाती हैं। ये देखकर आंटी देखती ही रह जाती हैं और मुस्कुराने लगती हैं। मजे से मेरी आँखें बंद हो जाती हैं। फिर मम्मी मेरा लंड कुछ देर तक चुस्ती रहती हैं और फिर मैं झड़ने वाला होता हूँ तो मम्मी के मुँह में झड़ जाता हूँ। फिर मम्मी मेरा सारा पानी पी जाती हैं और लंड को चाटकर साफ कर देती हैं। फिर मम्मी मुझे हँसकर कहती हैं के अब मिल गई शांति तुझे। फिर मम्मी मेरे ऊपर आकर लेट जाती हैं और मैं भी मम्मी को कसकर पकड़ लेता हूँ। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी मेरे ऊपर से उतरकर मेरी साइड में लेट जाती हैं। तब मैं उन दोनों के बीच लेटा हुआ था। फिर मैं आंटी की तरफ देखता हूँ तो आंटी मुस्कुराने लग जाती हैं। फिर हम तीनों कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहते है। फिर मम्मी तो खाना बनाने चली जाती हैं और फिर मैं और आंटी एक दूसरे से बातें करने लगते है। फिर आंटी मुझसे कहती हैं के तेरी मम्मी तो अब तेरी बीवी की तरह ही हो गई हैं। तुम दोनों को ही एक दूसरे की जरूरत हैं। फिर मैंने कहा के हाँ आंटी। जब माहौल ही ऐसा होता तो कोई क्या कर सकता हैं। फिर फिर आंटी पूछती हैं के तेरा चुदाई का मन नहीं करता हैं क्या। फिर मैं बोला के अब मैं अपनी मां से थोड़े ही चुदाई करूंगा। फिर आंटी बोलती है के तुम एक दूसरे की लंड चुत तो चूस चुके हो अब चुदाई करने में क्या हर्ज हैं।

फिर मैं बोला के बाहर किसी को पता चल गया तो फिर आंटी बोली के कौन बताएगा। तुम और मैं तो बताएंगे नहीं और तेरी मम्मी भी किसी से क्यों कहेगी के वो अपने बेटे से चुदाई करवाती हैं। फिर मैं बोला के तो आप ही पुछ लो मम्मी से। फिर आंटी कहती हैं के मैं करती हूँ बात। फिर इतने में मम्मी खाने के लिए आवाज लगा देती हैं तो मैं और आंटी खाना खाने चले जाते है। फिर आंटी भी हमारे साथ ही खाना खाने लग जाती हैं। फिर आंटी मम्मी से कहती हैं के तुम्हारा बेटा जवान हो गया हैं और तुम उसके सामने नंगी रहती हो तो इसका भी चुदाई का मन करता हैं। फिर मम्मी कहती हैं के मेरी मजबूरी हैं मैं क्या करूं और वैसे भी आज तेरे सामने ही तो मैंने इसका लंड चूसा था। फिर आंटी बोली के लंड चुसने से क्या होगा इसे चुदाई चाहिए। फिर मम्मी कहती हैं के ये खुद ही कुछ नहीं करता हैं। मैंने तो कभी इसे रोका ही नहीं। हर रोज रात को मेरी गाँड में अपना लंड  रगड़ रगड़ कर पानी निकाल देता हैं पर गाँड में कभी नहीं डाला। इसे कुछ करना हैं तो कर सकता हैं मेरे साथ। आखिर ये मेरा बेटा ही तो हैं। ये सुनकर आंटी बोलती हैं के तो आज मैं करवाउंगी तुम दोनों की चुदाई। फिर आंटी के मुँह से ये सुनकर मैं और मम्मी एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लग जाते है। फिर जल्दी से खाना खाकर हम तीनों बिस्तर पर आ जाते है। फिर मम्मी तेल लेकर आ जाती हैं तो मैं सबसे पहले आंटी की मालिश करता हूँ। आंटी की चुत, गाँड और बोबो की खूब रगड़ रगड़ कर मालिश करता हूँ। जिससे आंटी को बहुत आराम मिलता हैं। फिर मालिश के बाद आंटी कहती हैं के मजा आ गया आज तो। बदन पूरा हल्का हल्का हो गया। फिर मम्मी हँसकर कहती हैं के मैंने कहा था ना एक बार मालिश करवा लोगी तो रोज करवाया करोगी। फिर आंटी कहती है के अब तो रोज ही करवानी पड़ेगी। ये सुनकर हम तीनों हँसने लगते है। फिर मैं मम्मी की मालिश करता हूँ और मम्मी के भी चुत, गाँड और बोबो को मसल मसल कर लाल कर देता हूँ। जिससे मम्मी गर्म हो जाती हैं और मम्मी की चुत से पानी टपकने लग जाता हैं। फिर मम्मी मुझे लेटा देती हैं और कहती के अब मैं तेरी भी मालिश कर देती हूँ। फिर मम्मी मेरे लंड और बाकी बॉडी की मालिश करने लग जाती हैं। मेरा लंड पूरा खड़ा हो जाता हैं। 

फिर मालिश करने के बाद मम्मी मुझे उठाकर खुद लेट जाती हैं और अपने पैर खोलकर मेरा लंड पकड़कर अपनी चुत पर लगा देती हैं। फिर मैं धक्का लगा देता हूँ तो आधा लंड चुत में चला जाता हैं और मम्मी एक्टिंग करती हैं के जैसे उसे दर्द हो रहा हो। फिर मैं पूरा लंड डाल देता हूँ और फिर चुदाई करने लग जाता हूँ। मेरा लंड मम्मी की चुत से अंदर बाहर होता देखकर आंटी भी बहुत गर्म हो जाती हैं और अपनी चुत में उंगली करने लग जाती हैं। फिर मैं कुछ देर तक मम्मी की चुदाई करता रहता हूँ और फिर मम्मी की चुत में ही झड़ जाता हूँ और मम्मी के ऊपर ही लेट जाता हूँ। फिर मम्मी भी झड़ जाती हैं और फिर हम आराम करने लग जाते है। फिर आंटी हमसे पूछती हैं के कैसा लगा। फिर मैं और मम्मी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगते है और कहते है के बहुत मजा आया। फिर मैं साइड में होकर लेट जाता हूँ तो मम्मी की चुत से पानी निकलने लगता हैं। 

फिर आंटी मम्मी के ऊपर आ जाती हैं और मम्मी से पूछती हैं के कितने साल बाद चूदी हो तुम। फिर मम्मी हँसकर कहती हैं के काफी साल हो गए। फिर आंटी बोलती है के जमकर चुदाई करना अब। 

फिर शाम होने लगती हैं तो फिर आंटी जाने के लिए कहती हैं। फिर जाने से पहले मैं और मम्मी आंटी से खूब गले मिलते हैं। आंटी और मम्मी एक दूसरे से लिप किस करते हैं। फिर मैं भी आंटी से लिप किस करता हूँ और आंटी के बदन को खूब सहलाता हूँ। जिससे आंटी बहुत गर्म हो जाती हैं और मेरा लंड पकड़ लेती हैं। फिर मैं अपना लंड आंटी की चुत पर लगा देता हूँ और रगड़ने लग जाता हूँ। जिससे आंटी पूरी मदहोश हो जाती हैं। फिर मैंने सोचा के ये ही सही मौका हैं। फिर मैं आंटी को लेटाकर आंटी की चुत में लंड डालकर करने लग जाता हूँ तो आंटी भी मेरा साथ देने लगती हैं और मम्मी भी मेरे पीछे खड़ी होकर मेरी पीठ सहलाने लग जाती हैं। फिर मैं आंटी की काफ़ी कसकर चुदाई करता हूँ और फिर आंटी की चुत में ही झड़ जाता हूँ। फिर आंटी को अपनी चुत में मेरे गर्म पानी का एहसास होता हैं तो आंटी को और भी मजा आता हैं। फिर आंटी कहती हैं के मजा आ गया आज तो। फिर आंटी मुझसे लिप किस करने लग जाती हैं। फिर आंटी मेरी तारीफ करने लगती हैं। फिर दिन पूरा ढल चुका होता हैं तो फिर मैं आंटी को उनके घर छोड़ने चला जाता हूँ। फिर थोड़ा थोड़ा अंधेरा हो जाता हैं तो मैं आंटी के बोबे और गाँड दबाने लग जाता हूँ। फिर आंटी हंस देती हैं। फिर हम आंटी के घर पहुंचते हैं तो एक दूसरे से चिपक जाते हैं। फिर मैं आंटी की गर्दन पर किस करने लगता हूँ और आंटी भी मज़े लेने लगती हैं। फिर हम कुछ देर तक एक दूसरे से चूमा चाटी करने लगते हैं। फिर आंटी कहती हैं के तुम्हारे अंकल आने वाले ही होंगे तुम जाओ अब। फिर हम एक दूसरे से अलग होते है और मैं आंटी के घर से निकलकर घर जाने लगता हूँ। तभी रास्ते मैं मुझे अंकल आते हुए दिखाई देते हैं और मेरे पास से गुजर जाते है। तब अंधेरा हो चुका था तो अंकल मुझे नहीं पहचान पाते है पर मैं अंकल को पहचान को पहचान लेता हूँ।  

 

फिर जल्दी से मैं घर जाने लगता हूँ। आज मैं काफी खुश था। क्योंकि आज मैंने आंटी को चोद लिया था और आंटी के सामने मम्मी की चुदाई कर दी थी। अब तो हमें एक दूसरे के सामने चुदाई करने की पूरी आजादी मिल गई थी। फिर मैं घर पहुंच जाता हूँ तो फिर मम्मी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लग जाती हैं और मेरे गले से लग जाती हैं और कहती हैं के अब तू तो खुश होगा। फिर मैं बोला के हाँ। फिर मम्मी खाना बना लेती हैं तो फिर हम खाना खाकर बेड पर चले जाते हैं। तभी भाई का फोन आ जाता हैं तो फिर भाई के कहे अनुसार मैं मम्मी की चुदाई करता हूँ। फिर हम तीनों ऐसे ही आधी रात तक मस्ती करते रहते हैं। भाई भी हमें देख देख कर कई बार झड़ गया था। फिर मम्मी कहती हैं के वहीं से मुझे देख देख कर अपने लंड का पानी निकलता रहेगा या यहां आकर मेरी चुदाई भी करेगा। फिर भाई कहता हैं के छुट्टी के लिए एप्लीकेशन लगा रखी हैं। छुट्टी मिलते ही तो मैं आ जाऊंगा। फिर थोड़ी देर और बात करने के बाद हम सो जाते है। 

फिर अगले दिन सुबह हम जल्दी उठ जाते है। फिर मम्मी तो घर का काम करने लग जाती हैं और मैं लंड सहलाता हुआ घर के बाहर आकर बैठ जाता हूँ। फिर कुछ देर बाद मम्मी चाय लेकर आती हैं और फिर हम दोनों घर के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर ही चाय पीने लग जाते है। चाय पीते पीते हम एक दूसरे के लंड और चुत को सहलाने लगते है जिससे कि हम काफी गर्म हो जाते हैं। फिर चाय पीने के बाद मैं मम्मी को अपनी गोद मे बैठा लेता हूँ और अपना लंड मम्मी की चुत में डाल देता हूँ। फिर मम्मी ऊपर नीचे होने लगती हैं और मैं मम्मी की बड़ी बड़ी गाँड सहलाने लगता हूँ और जोर जोर से थप्पड़ थप्पड़ लगाने लगता हूँ। फिर मम्मी सिस्कारियाँ लेने लगती हैं जोर जोर से। फिर कुछ देर तक ऐसे करने के बाद मैं मम्मी को घोड़ी बना लेता हूँ और फिर चोदने लग जाता हूँ। तब तक मम्मी कई बार झड़ चुकी होती हैं। फिर मैं सीधा होकर बैठ जाता हूँ तो फिर मम्मी मेरे आगे आकर अपने बोबो के बीच लंड डालकर सहलाने लग जाती हैं और फिर लंड चुसने लग जाती हैं। फिर मैं झड़ने लगता हूँ तो मम्मी सारा पानी पी लेती हैं और हम लिप किस करते हैं। फिर मम्मी मुस्कुराते हुए अंदर चली जाती हैं। मैं कुछ देर तक वहीं बैठा रहता हूँ और अपने मुरझाये लंड को सहलाता रहता हूँ।

फिर मैं भी अंदर जाकर लेट जाता हूँ। 

मम्मी तब आंगन में झाड़ू लगा रही थी। फिर मैं मम्मी को देखकर अपना लंड सहलाने लग जाता हूँ। मम्मी भी बार बार मेरे खड़े लंड को देख रही थी और मुस्कुरा रही थी। मम्मी झुककर झाड़ू लगा रही थी तो मम्मी के बड़े बड़े बोबे नीचे की तरफ लटके हुए बहुत सेक्सी लग रहे थे और मम्मी की बड़ी गाँड झाड़ू लगाते टाइम हिल रही थी। जिन्हें देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो जाता है। फिर मैं खड़ा होकर मम्मी के पीछे जाकर अपना लंड मम्मी की गाँड में डाल देता हूँ और मम्मी के पीछे पीछे चलता रहता हूँ। मम्मी भी फिर मुझसे पीछे से चिपक कर चलने लगती हैं और कभी लंड गाँड से निकल जाता हैं तो फिर अपने हाथ से फिर से अपनी गाँड में डाल लेती थी। फिर मम्मी झाड़ू निकाल लेती हैं तो फिर मैं मम्मी के एक पैर को अपने एक हाथ से पकड़ कर ऊपर कर देता हूँ और मम्मी के आगे दीवार थी तो मम्मी अपने दोनों हाथ दीवार पर रख देती हैं और फिर मैं मम्मी की चुदाई करने लग जाता हूँ। मम्मी की नरम नरम गाँड का एक अलग ही एहसास हो रहा था। तब मेरा झड़ने का कोई मूड नहीं था तो मैं लंड ऐसे ही बाहर निकाल लेता हूँ और फिर मम्मी सीधी हो जाती हैं और हाँफने लग जाती हैं जिस कारण मम्मी के बोबे ऊपर नीचे हो रहे थे। 

तब घर के मैन गेट खुले ही थे तो मैं और मम्मी फिर से घर के बाहर आकर सीढ़ियों पर बैठ जाते है। मम्मी तब भी हांफ रही थी और मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। मैं भी मम्मी को देखकर मुस्कुरा रहा था और अपना लंड सहला रहा था। फिर तभी सामने से आंटी आती हुई दिखाई देती है तो मम्मी खड़ी होकर आंटी की तरफ जाने लगती हैं और फिर वो दोनों गले मिलती हैं और फिर आंटी भी वहीं नंगी होकर अपने कपड़े अपने हाथ मे ले लेती हैं और फिर वो दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर मेरी तरफ आने लगती हैं। फिर वो दोनों मेरे पास आ जाती हैं तो मैं खड़ा होकर उन दोनों के बीच चला जाता हूँ और पीछे से उनकी गाँड सहलाने लगता हूँ और फिर हम तीनों अंदर आ जाते है। फिर अंदर आते ही मम्मी चाय बनाने चली जाती हैं और मैं और आंटी एक दूसरे के बदन को सहलाने लगते हैं। फिर मैं आंटी को घोड़ी बनाकर आंटी की गाँड मारने लगता हूँ और फिर आंटी की चुत भी मारता हूँ और मम्मी के चाय लेकर आने तक मारता रहता हूँ। फिर मम्मी चाय लेकर आ जाती हैं तो फिर मैं आंटी की गाँड में झड़ जाता हूँ और फिर मैं वहीं पर लेट जाता हूँ और फिर आंटी भी सीधी होकर बैठ जाती हैं। आंटी तब हांफ रही थी। फिर हम चाय पी लेते हैं तो फिर आंटी और मम्मी एक दूसरे के बदन को सहलाने लगती हैं और मजे करने लगती हैं। तभी मेरा फोन बजता हैं और फोन अंदर कमरे में पड़ा होता हैं। फिर मैं जाकर फोन देखता हूँ तो फोन भाभी का होता हैं तो मैं और भाभी फिर वीडियो कॉल पर बात करने लगते है। भाभी भी तब बिल्कुल नंगी होती हैं। फिर मैं भाभी को बाहर का नजारा दिखाता हूँ तो फिर भाभी कहती हैं के एक दिन मैं भी उनके साथ ऐसे मजे करूँगी। फिर हम बात करने लगते हैं। फिर भाभी कहती हैं के अब मुझसे लंड के बगैर नहीं रहा जा रहा हैं। तुम्हारे भाई को तो पता नहीं कब छुट्टी मिलेगी तो मैं अपने पापा के साथ आ रही हूँ। फिर मैं बोला के मुझे भी आपको चोदना हैं आप आ जाओ। फिर भाई भी जल्दी ही आ जाएंगे। फिर भाभी कहती हैं के मैं कल या परसों तक आ रही हूँ। ये सुनकर मैं खुश हो जाता हूँ और फिर कहता हूँ के हाँ जल्दी से आ जाओ। फिर भाभी अपने बोबे सहलाने लगती है और चुत में उंगली करने लग जाती हैं। भाभी को देखकर मैं भी लंड सहलाने लगता हूँ। कुछ देर बाद भाभी झड़ जाती हैं तो फिर वो फोन कट कर देती हैं तो फिर मैं भी बाहर आ जाता हूँ। बाहर आकर देखता हूँ के मम्मी और आंटी एक दूसरे के ऊपर चढ़कर मजे कर रही हैं तो फिर मैं भी उनके पीछे जाकर कभी मम्मी की तो कभी आंटी की चुत और गाँड लंड डालकर करने लगता हूँ। काफी धूप आ गई थी और हम धूप में भी एक दूसरे से मस्ती किये जा रहे थे। मैं उन दोनों को काफी देर से चोद रहा था। फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर वो दोनों बारी बारी से मेरा लंड चुसने लगी और झड़ने के बाद उन दोनों ने मेरा लंड चाटकर साफ कर दिया। फिर हम तीनों अंदर आकर लेट गए और बातें करने लगे। फिर मैंने उनको भाभी के आने के बारे में बताया तो फिर आंटी बोली के उसके आने के बाद हम मजे कैसे करेंगे। फिर मम्मी बोली के वो भी हमारे जैसी ही हैं। उसे भी ऐसे मजे करने में बहुत मजा आता हैं। ये सुनकर आंटी काफी खुश हुई। फिर आंटी मेरी तरफ इशारा करके बोली के इसके सामने भी। फिर मम्मी बोली के हाँ। उसको अपने देवर के सामने भी नंगी होने में कोई शर्म नहीं आती हैं। ये सुनकर हम सब हँसने लगे। 

फिर दोपहर हो गई तो आंटी घर जाने लगी। हम तीनों घर के बाहर नंगे ही आ गए और मेरे हाथ में आंटी के कपड़े थे। अब आंटी और मम्मी की शर्म बिल्कुल चली गई थी तो फिर हम तीनों नंगे ही मैन रोड की और जाने लगे। तब आंटी और मम्मी नंगी ही ऐसे चल रही थी जैसे उन्हें कोई डर ही ना हो। फिर मैंने आंटी के कपड़े मम्मी को दे दिए और फिर मैं उन दोनों की गाँड सहलाने लगा। फिर हम आधे रास्ते तक पहुंचे तो फिर आंटी हमारे गले लगी और फिर वो कपड़े पहनकर जाने लगी तो फिर मैं भी मम्मी को लेकर मैन रोड तक चला गया। फिर आंटी तो अपने घर चली गई और फिर हम भी वापिस आने लगे। फिर मैंने मम्मी से भागकर घर की तरफ जाने के लिए कहा तो फिर मम्मी भागने लगी और मम्मी के साथ साथ मैं भी भागने लगा। भागते टाइम मम्मी के बोबे और गाँड काफी हिल रहे थे और मम्मी बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर हम घर के अंदर पहुंच गए और मम्मी जोर जोर से हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी को अपनी बांहों में ले लिया और मम्मी के होंठ चुसने लगा। लगभग 10 मिनट तक लिप किस करने के बाद मम्मी खाना बनाने लगी। घर का मैन गेट खुला ही पड़ा था और मैं और मम्मी घर पर नंगे ही इधर उधर घूम रहे थे। फिर हमने खाना खाया और फिर नहाकर कमरे में जाकर बेड पर लेट गए। फिर मम्मी को पेशाब लगा तो मैंने मम्मी को बेड पर ही पेशाब करने को कहा। फिर जब मम्मी की चिकनी चुत से पेशाब निकलने लगा तो मैंने अपना मुँह आगे कर दिया और मम्मी की चुत से निकलता हुआ पेशाब पीने लगा। तब मुझे मम्मी का पेशाब किसी अमृत से कम नहीं लग रहा था। फिर मैं सारा पेशाब पी गया और थोड़ा बहुत बेड पर गिर गया जिस कारण बेड गीला हो गया। लेकिन हवा में वो अपने आप सुख जाएगा। फिर मैं मम्मी की गाँड में अपना मुँह डालकर नरम नरम गाँड के मजे लेने लगा और मम्मी पोर्न वीडियो देखने लगी। फिर हमें नींद आने लगी तो हम कुछ देर सो गए। फिर उठने के बाद मैंने मम्मी से बोला के भाभी को छोड़ने के लिए उनके पापा भी साथ आने वाले हैं तो हमें घर को सही करना होगा। फिर मम्मी बोली के तू मेरे कमरे से उन नंगी लड़कियों के फोटो उतार देना और तेरे भाभी के कमरे का सामान जो इधर उधर पड़ा हैं वो सब मैं सही कर दूँगी। फिर चाय पीने के बाद मैंने और मम्मी ने सब सेट कर दिया। गर्मी काफी थी तो मुझे और मम्मी को काफी पसीना आ गया था। तब तक शाम भी हो चुकी थी। फिर मैं और मम्मी साथ मे नहाए और मैंने मम्मी को मसल मसलकर नहलाया। जिससे मम्मी का सारा बदन लाल हो गया। फिर शाम को खाना खाने के बाद मम्मी ने अपने और मेरे लिए पहनने के लिए कपड़े निकाल लिए। फिर मम्मी ने जब अपने कपड़े पहनकर देखे तो मम्मी के कपड़े काफी ढीले हो गए थे। क्योंकि मम्मी का फैट कम हो गया था। मम्मी ने काफी दिन बाद कपड़े पहने थे। फिर मम्मी ने अपने पुराने कपड़े निकाले जो कि पहले टाइट हो गए थे तो मम्मी ने पहनने छोड़ दिये थे। फिर मम्मी ने जब वो कपड़े पहने तो वो बिल्कुल फिट आये। 

फिर मेरा मूड बन गया तो मैंने मम्मी से तैयार होने के लिए कहा तो फिर मम्मी ने मेकअप किया और कानों में इयररिंग वगेरह पहनी और फिर मम्मी बिल्कुल किसी मॉडल की तरह लगने लगी। तभी भाई का फोन आ गया तो जब मैंने भाई को वीडियोकॉल पर मम्मी का ये रूप दिखाया तो भाई तो अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगा। ये देखकर मम्मी हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी को अपने लंड पर बैठा लिया और मम्मी ऊपर नीचे होकर मजे लेने लगी। मैं भाई को ये सब दिखाने लगा। ये देखकर भाई और ज्यादा गर्म हो गया। फिर हम तीनों मिलकर आधी रात तक ऐसे ही मजे करते रहे। फिर मैंने भाई को भाभी के आने के बारे में बताया तो भाई बोला के हां मैंने ही उसे आने के लिए कहा था। फिर भाई बोला के मुझे भी बस कुछ दिनों में छुट्टी मिलने वाली हैं तो मैं भी जल्दी ही आ जाऊंगा। 

फिर भाई ने फोन काट दिया तो फिर हम सो गए। फिर अगले दिन उठने के बाद चाय पी और फिर हम साफ सफाई में लग गए। जिस कारण हमें काफी पसीना आ गया था। फिर तभी आंटी आ गई और फिर हमें देखकर बोली के सुबह सुबह ही चुदाई शुरू कर दी दोनों माँ बेटे ने। फिर मम्मी बोली के नहीं हम तो साफ सफाई कर रहे थे। फिर मम्मी तो चाय बनाने चली गई और आंटी नंगी थी ही तो मैं आंटी को चोदने लगा। मैं और आंटी काफी देर तक करते रहे और हमें काफी पसीना आ गया था। फिर मैं झड़ने लगा तो आंटी मेरा लंड मुँह में लेकर चुसने लगी और मेरा सारा पानी पी गई और फिर बोली के हाय जवान लड़के से चुदवाने में एक अलग ही मजा हैं। फिर आंटी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर हम चाय पीने लगे। फिर आंटी घर की सफाई में मम्मी की मदद करवाने लगी और मैं चारपाई पर लेटकर फोन देखने लगा। फिर दोपहर हो गई तो आंटी कपड़े पहनकर चली गई। फिर मैं और मम्मी नहाकर खाना खाकर लेट गए। फिर तभी किसी ने गेट बजाया तो मम्मी जल्दी से खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी तो मैं मम्मी से बोला के रुको मैं देखकर आता हूँ कौन हैं। 

फिर मैं लूँगी बांधते हुए मैन गेट की तरफ जाने लगा। फिर मैंने गेट खोला तो देखा के एक सेल्समैन था जो कि कुछ सामान बेच रहा था। वो लेडीज़ की ब्रा पैंटी और भी काफी कुछ था उसके पास। फिर मैंने कहा के नहीं लेना हैं। फिर वो बोला के एक बार अपनी बीवी से पुछ लीजिए। फिर मैंने मुड़कर देखा तो मम्मी तौलिया लपेटकर कमरे के दरवाजे पर खड़ी थी। फिर उस सेल्समैन ने भी मम्मी को ऐसे देखा तो फिर वो बोला के शायद मैं गलत टाइम पर आ गया। फिर मैंने मन मे सोचा के मम्मी के पास ब्रा पैंटी नहीं हैं वो भाभी की पहनती है तो चलो इससे ले ही लेते है। फिर मैंने उस सेल्समैन से कहा के अब आ ही गए हो तो आ जाओ अंदर और फिर मैंने उसे अंदर बुलाया और कमरे के बाहर बरामदे में चारपाई पर बैठा दिया। फिर मैंने कमरे में जाकर मम्मी को सब कुछ बताया। फिर मैं और मम्मी कमरे से बाहर उसके पास आ गए और फिर हमने उससे ब्रा पैंटी दिखाने के लिए बोला तो वो दिखाने लगा। तब मम्मी बस तौलिए में ही थी और तौलिए में मम्मी के थोड़े बोबे दिख रहे थे जिस कारण मम्मी काफी सेक्सी दिख रही थी। मम्मी को ऐसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैं बार बार अपने लंड पर उनके सामने ही हाथ फेर रहा था। फिर सेल्समैन ने मम्मी के बोबो की तरफ देखकर साइज का अंदाजा लगाया और उस साइज की ब्रा निकालकर दिखाने लगा। फिर सेल्समैन ने मम्मी से एक बार पहनकर देखने के लिए कहा ताकि साइज का पता लग जाये। फिर उसने एक ब्रा मम्मी को दी और फिर मम्मी वो ब्रा लेकर कमरे में जाने लगी और जाते जाते मुझे इशारे से बुलाया तो फिर मैं भी मम्मी के पीछे पीछे कमरे में चला गया। फिर कमरे में जाते ही हमने कमरा बंद कर दिया और फिर मम्मी तौलिया निकालकर नंगी हो गई और फिर शीशे के सामने खड़ी होकर ब्रा पहनने लगी। फिर मैं भी अपनी लूँगी खोलकर मम्मी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और मम्मी की गाँड की दरार में अपना लंड डालकर सहलाने लगा। फिर मम्मी ने ब्रा पहनी तो ब्रा मम्मी के बिल्कुल फिट आई। फिर हम दोनों कुछ देर ऐसे ही मस्ती करते रहे। फिर मैं अपनी लूँगी बांधकर बाहर आ गया और मम्मी भी ब्रा खोलकर तौलिया बांधकर बाहर आ गई। फिर मैंने उसे बताया के ये साइज बिल्कुल फिट हैं। इस साइज की और ब्रा दिखाओ तो वो दिखाने लगा। फिर मैंने और मम्मी ने काले, लाल और नीले रंग की ब्रा सेलेक्ट की। फिर ब्रा के बाद पैंटी का नम्बर आया तो फिर सेल्समैन ने एक फीता मम्मी को दिया तो फिर मम्मी उस फीते को अपनी कमर पर लपेट लिया और फिर सेल्समैन ने फीता देखकर साइज का पता लगाया और फिर उस साइज की पैंटी निकालकर दिखाने लगा। फिर मैंने एक पैंटी उठाकर मम्मी को दी और पहनकर देखने के लिए कहा तो मम्मी फिर कमरे में चली गई। फिर मम्मी के जाने के थोड़ी देर बाद जब मैं कमरे में गया तो मम्मी पैंटी पहनकर देख रही थी। पैंटी का साइज भी बिल्कुल फिट था तो फिर मम्मी बोली के ये भी बिल्कुल फिट आई हैं। फिर मम्मी पैंटी खोलकर नंगी हो गई तो मम्मी को नंगी देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं भी नंगा हो गया और मम्मी को अपनी बांहों में ले लिया और पीछे से मम्मी की गाँड सहलाने लगा। मम्मी के बोबे मेरी छाती में गढ़े हुए थे और फिर हम लिप किस करने लगे। फिर मम्मी अपने होंठ मेरे होंठों से छुड़ाकर बोली के बाहर सेल्समैन बैठा हैं उसके जाने के बाद कर लेना। फिर मैं बोला के मुझे तो अभी करना हैं और मैं फिर से लिप किस करने लगा। फिर मैंने मम्मी को बेड पर लिटाया और फिर मम्मी के ऊपर आकर मम्मी के बोबे चुसने लगा और साथ मे मम्मी की चुत मारने लगा। फिर मम्मी भी गर्म हो गई तो जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने मम्मी को घोड़ी बना लिया और फिर मम्मी की गाँड मारने लगा। थप थप की आवाजों और मम्मी की सिसकारियों से पूरा कमरा गूँजने लगा। ऐसी आवाजें सुनकर शायद बाहर बैठे सेल्समैन को भी पता लग गया होगा के हम अंदर क्या कर रहे हैं। फिर मैंने मम्मी के बाल पकड़कर लिए और खींचने लगा और साथ मे अपना लंड मम्मी की गाँड में पूरा अंदर तक डालने लगा। तब ऐसा लग रहा था जैसे में किसी घोड़ी की सवारी कर रहा हूँ। फिर कुछ देर बाद जब मैं झड़ा तो मुझे बहुत मज़ा आया और मैंने सारा पानी मम्मी की गाँड में डाल दिया। फिर गाँड से लंड बाहर निकालकर मैं मम्मी की गाँड चूमने लगा और फिर बेड पर लेटकर आराम करने लगा। फिर मम्मी भी हाँफती हुई मुझसे चिपक कर लेट गई। फिर मैं और मम्मी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। हमें कमरे में गए आधा घंटा हो चुका था। बाहर सेल्समैन बैठा था और अंदर मैं और मम्मी चुदाई कर रहे थे। फिर मम्मी मेरा लंड सहलाने लगी और मैं भी मम्मी के बोबे सहलाने लगा। फिर मैं उठा और बाहर जाने लगा और फिर मम्मी को भी बाहर आने के लिए बोला तो फिर मम्मी भी उठकर अपना तौलिया लपेटने लगी। फिर बाहर जाते जाते मैंने तौलिया मम्मी के बोबो से थोड़ा नीचे खिसका दिया जिससे मम्मी के बोबे आधे से ज्यादा दिखने लगे। फिर मैं बाहर आकर बैठ गया तो फिर सेल्समैन बोला के पैंटी फिट नहीं आई थी क्या और फिर हँसने लगा। फिर मैंने भी हंसते हुए कहा के फिट तो आ गई थी बस एक अधूरा काम रह गया था वो ही पूरा करने लग गए थे। ये सुनकर मैं और सेल्समैन जोर से हँसने लगे। तभी मम्मी कमरे से बाहर आई तो मम्मी ने तौलिया ऊपर नहीं किया था जिससे मम्मी के बोबो के ऊभार काफी हद तक दिखाई दे रहे थे। ये देखकर सेल्समैन देखता ही रह गया। फिर मैंने मम्मी से कहा के राधा चाय बनाकर लाओ तो फिर मम्मी किचन में जाकर चाय बनाने लगी। फिर मैं और सेल्समैन बातें करने लगे। फिर मैंने सेल्समैन से पूछा के उसके पास और क्या क्या सामान हैं तो फिर वो दिखाने लगा। उसके पास शॉर्ट नाइटी थी और लेडीज के मेकअप वगेरह का सामान था। फिर इतने में मम्मी चाय बनाकर ले आई तो फिर मम्मी वहीं बैठकर सामान देखने लगी। बैठने के कारण मम्मी के बोबे थोड़े और बाहर आ गए थे और सेल्समैन मम्मी के बोबे आंखें फाड़ फाड़ कर देख रहा था। फिर मम्मी ने मेकअप का सामान लिया और फिर एक दो नाइटी ली। 

फिर ये सब लेकर मम्मी तो अंदर चली गई और सेल्समैन मम्मी को पीछे से देखने लगा। फिर मम्मी के जाने के बाद मैंने लूँगी से अपना लंड बाहर निकाला और सहलाने लगा सेल्समैन के सामने ही और फिर उससे बोला के मस्त माल हैं ना। ये सुनकर सेल्समैन हँसने लगा और साथ मे मेरे लंड को देखने लगा। फिर हम ऐसे ही बातें करते रहे। वो सेल्समैन पतला सा था और उसकी उम्र 35 साल से ऊपर ही होगी। फिर मैंने उससे पूछा के तुम मर्दों के लिए भी कुछ रखते हो क्या। फिर वो बोला के नहीं सिर्फ औरतों के लिए ही हैं। इतने में मम्मी ने कमरे का गेट खोलकर मुझसे कहा के आप अंदर आइए ना एक बार। फिर मैं लंड सहलाते हुए खड़ा हुआ और फिर वैसे ही अंदर जाने लगा। फिर कमरे में जाने के बाद मैंने जानबूझकर कमरे का गेट थोड़ा सा खुला छोड़ दिया और फिर लूँगी उतारकर नंगा हो गया। मम्मी तब लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनकर शीशे के सामने खड़ी थी और बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मम्मी से ब्रा के हुक नहीं लग रहे थे तो फिर मैंने हुक लगा दिए। फिर मैं मम्मी से मस्ती करने लगा और मम्मी के बदन को सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी को नंगी कर दिया। फिर मम्मी भी मूड में आ गई तो फिर मैं मम्मी को बेड पर ले गया और मम्मी के बदन से खेलने लगे। तभी मैंने देखा के वो सेल्समैन चोरी छुपे हमे देख रहा है। फिर उसको उसको दिखा दिखा कर मैं मम्मी की गाँड और बोबे सहलाने लगा। फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर मम्मी की चुत और गाँड मारने लगा। मम्मी को ऐसे चुदते देखकर तो मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाये और वो भी अपना लंड हिलाने लगे। मैं झड़ने वाला तो था नहीं तो लगभग एक घंटे तक मम्मी की चुदाई करता रहा। फिर मैंने धीरे से मम्मी से कहा के सेल्समैन हमें देख रहा हैं। ये सुनकर मम्मी पहले तो थोड़ी मुस्कुराई और फिर एक बार गेट की तरफ देखा। फिर मैं मम्मी से अपना लंड चुसवाने लगा और फिर झड़ गया तो मम्मी मेरा सारा पानी पी गई। फिर हम तो शांत हो गए लेकिन सेल्समैन अपना लंड हिलाता रहा और उसकी सिसकियां हमे सुनाई देने लगी। फिर वो झड़ने लगा तो उसके लंड से निकली पानी की पिचकारी कमरे में आकर गिरने लगी। ये देखकर मैं और मम्मी हँसने लगे। फिर तभी मैं उठकर गेट के पास चला गया और गेट पूरे खोल दिये तो सेल्समैन घबरा गया और अपना आधा खड़ा लंड पेंट में डालने लगा। तब मम्मी बेड पर नंगी ही लेटी थी और हंस रही थी। फिर मैं नंगा ही कमरे से बाहर आ गया और सेल्समैन नीची गर्दन करके मेरे सामने खड़ा हो गया। फिर वो बोला के आपको और कुछ लेना हैं क्या। तो फिर मैं बोला के नहीं। तो फिर बोला के तो आप पैसे दे दीजिए मैं चला जाता हूँ। फिर मैं बोला के कैसे पैसे। तुमने मेरी बीवी को नंगी देखकर अपना लंड हिलाकर पानी निकाला हैं। फिर भी मैं तुम्हे कुछ नहीं कह रहा हूँ। क्या ये कम नहीं हैं। तुम्हारा पानी कमरे के अंदर तक पड़ा हैं। ये सबूत भी हैं के तुमने लंड हिलाकर पानी निकाला हैं। फिर मैंने कहा के मैं कोई पैसा नहीं दूँगा। तुम अपना सामान उठाओ और जाओ। फिर वो बेचारा अपना सामान उठाकर चला गया। फिर मम्मी अंदर से बाहर आ गई और फिर हम खूब हँसे। 

 

 

कहानी आगे जारी रहेगी...

 

भाभी : दोस्ती, प्यार और चुदाई (भाग - 12)

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