मेरी माँ दिखने में काफी कामुक है। वो काफी खूबसूरत भी है। बचपन से ही में अपनी माँ का दीवाना रहा हूँ। मेरे पापा शिप पर काम करते है इसलिए महीने में 3-4 महीने के लिए ही घर आते है | ये बात तब की है मैं १२ साल का था, मेरी मम्मी आँगन में नाहा रही थी और मई छत्त से उनको देख रहा था | मेरे मन में मेरे दोस्त की स्कूल में लाइ हुई मास्तराम की माँ बेटे की कहानी घूम रही थी ये फर्स्ट टाइम था जब अपनी माँ का बदन मैंने हवस की नजर से देखना सुरु किया | मैंने इससे पहले भी बहुत बार मुठ मारा था पर माँ क लिए ये फीलिंग पहली बार था |
निचे माँ नाहा कर बस ब्लाउज और पेटीकोट में आँगन में ही पूजा करने लगी उनका क्लीवेज देख कर मुझसे रहा नहीं गया और पंत का ज़ज़िप निचे कर क लुंड निकलने ही वाला था की जोरर का दर्द हुआ और मई चिल्ला उठा| मेरा लण्ड का चमड़ा पंत की ज़िप में फास गया था | मेरा चिल्लाना सुन कर माँ भी छत्त पर आ गयी |
आते ही मेरे तरफ देखि और बोली
माँ : क्या हुआ क्या हुआ तुझे ?
मैं : ये.. कु.. कुछ नहीं माँ |
माँ : क्या कुछ नहीं ....क्यों चिल्लाया क्या हुआ दिखा
मैं : ज़िप का हुक ...फस गया...
माँ: कितनी बार बोला है ये सब से नहीं खेलते पर तू है की
माँ ने फिर किसी तरह कर के ज़िप से चमड़ा छुड़ाया और लन्ड को पकड़ कर देखने लगी | वैसे तो मुझको ज्यादा लगी नहीं थी बस चमड़ा लाल हो गया था और फूल गया था, पर माँ क हांत में लैंड लेते ही पता नहीं मेरे बदन में करंट दौड़ गयी | मेंने भी मोके का फायदा उठाने क लिए रोने का नाटक करने लगा |
मुझको रोते हुये देख माँ को लगा की बहुत जोरर की लगी है मुझे तो वो मुझको निचे चलने क लिए बोली, और साथ ले गयी |
निचे आ कर उन्होंने टॉवल जिससे दुप्पटे जैसा ओधा हुआ था निचे रख कर कप्बोर्ड में से क्रीम निकलने लगी | मैं घर क अंदर आया तो मुझे बीएड पर बैठने क लिए बोली और फिर क्रीम लेकर मेरे पास आई और ंनीचे बैठ गयी मेरे सामने | मेरी माँ की 38 की एकदम गोरी और नाहा कर निकली हुई हलकी गीली चूचिया 80% खुली दिख रही थी मुझे |
माँ : चल दवाई लगा देती हु फिर नहीं दुखेगा ( मेरी पंथ निचे करते हुए
मैं : मुझको शर्म आ रही है |
माँ : ( हस्ते हुए) अपनी माँ से कैसा शर्म, जब तेरे पापा नहीं शरमाते तो तू क्यों शर्मा रहा है |
मैं : ( अनजान बनते हुए ) हा क्या आप पापा को भी यहाँ क्रीम लगाती हो |
माँ : हां , और भी बहुत जगह लगाती हु तो क्या हुआ |
मै : तो पापा नहीं शरमाते?
माँ : तेरे पापा तो बिल्कुल नहीं शरमाते, उल्टा वो जो जो करते ह उससे तो मई सशरमा जाती हु, तेरे पापा का क्या कहना ( बोलते बोलते वो यादो में खो गयी और और धीरे धीरे मेरा लन्ड मसलने लगी और होंटो को काटने लगी |
मैंने फिर दर्द होने का नाटक किया तो उन्होंने आँख खोली और हड़बड़ा कर क्रीम का ढक्कन खोलने लगी की अचानक उनका नाखून मेरे लन्ड पर चुभा, मैंने फिर चिल्लाया तो माँ के हांथो से क्रीम निचे गिरी और बेड़ के निचे अंदर तक चली गयी | माँ मुझको सॉरी सॉरी बोलने लगी फिर निचे झुक कर क्रीम निकलने लगी पर उनका हाँथ नहीं पहुँच रहा था और मई उनकी चूचियो का नज़ारा ले रहा था | फिर माँ उठी और बोली
माँ : क्रीम छोर मै ऐसे ही मुँह से भाप दे देती हु ठीक हो जायेगा |
में : ठीक है माँ |
माँ मेरा लन्ड पकड़ कर अनपे होंठो को एकदम पास ला कर मुह्ह से गरम भाप देने लगी... इतने में मैंने नोटिस किया की निचे झुक्क कर क्रीम निकलने में उनके ब्लाउज का सामने का 2 हुक खुल गया है और चूचियों और कंधो पर मकड़ी के जजले व् लग गए है |
पर मेरा ध्यान तो माँ के लन्ड लिओस क पास रखने से वही केंद्रित था, मैंने माँ से उनके और पापा के मोमेंट्स क बारे में पूछने लगा....
मैं : माँ अपने पापा को भी कभी ऐसे भाप दी है क्या ?
माँ : उनको भाप क्या बहुत कुछ दी हु.... तेरे पापा मुझे इतना प्यार करते ह की वो ही खुद मुझको इतना सब देते रहते ही की क्या बताऊ ....पता नहीं कब वो शिप से आएंगे और कब हमदोनो फिरसे मिलेंगे .....
मैंने देखा की माँ फिरसे बोलते बोलते आँखें बंद कर ली और यादों में खो गयी है .... मैंने सोचा मोके का फायदा उठाया जाये और कमर को थोड़ा आगे खिसकाया और मेरा आधा लन्ड माँ क मुह्ह क अंदर चला गया
पर माँ इसबार यादों में इतनी खोयो थी की आँख खोली भी नहीं उल्टा मेरे लैंड को जोरर से पकड़ ली और म्मुझ्को आगे खिंचा , थोड़ा आगे आया तो माँ क फेस से नज़र हटा कर देखा तो माँ की एक चुची निप्पल तक बहार निकल रही थी और माँ ने पेटीकोट का नारा भी खोल कर हाँथ डाला हुआ था.... तुरंत ही माँ की जइब मेरे लैंड पर फील होने लगी....मेरी माँ धीरे धीरे मेरा लुंड चूस रही थी अपनी छूत सहलाते हूवे | मई तो मनो जन्नत में था....मैं जैसे थोड़ा हिलता माँ जोरर से मेरा लन्ड पकड़ कर अनादर तक भर लेती और आँखें बंद कर क मज़्ज़े से चूसती|
उनकी हिलती हुइ चूचियों को देख कर मेरा लैंड aur टाइट हो रहा था... फिर मुझे वो मकडि क जले दिखे इस बार मैंने उनको हटाने क लिए हाँथ बढ़ाया तो माँ को फील हुआ होगा उन्होंने अपना दूसरा हाँथ चूत से निकला और मेरे हांथ को अपनी चूचि पर दबाने लगी |
ऐसा करते ही उनकी ब्लाउज का लास्ट हूक भी खुल गया और डोडो चूचियां लटकतीं हुई मेंरे सामने थी... मेरे हांथो में माँ का निप्पल था , मैंने दूसरा हाँथ भी दूसरी चूचि पर रख दिया और झुका कर निप्पल मसलने लगा
माँ इतनी मस्ती से लैंड चूस रही थी की उनको कुछ होश ही नहीं था , उनका हवस इतना चढ़ गया की लुंड मुह्ह से निकली और खड़ी हुई ही थी की उनका पेटीकोट ंनीचे सरक गया....वो मुझको हवस वाली नैरो से देखने लगी और ब्लाउज भी उतार कर निचे फेक कर पूरी नंगी खड़ी हो गयी मेरे सामने....
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