नमस्कार दोस्तों मै रोहित... मैने अपना परिचय पिछली कहाणी मे दिया है | कैसे मेरी बिवी सुमन नोकरों से चुदती है ये आप सब जान चुके है | इस कहाणी मै मै बताउंगा की सुमन कैसे गलती से अपने भाई के निचे आ गयी और मैने भी किस तरह मेरी बहन स्वाती को चोदा !
ये कहाणी कुछ पाँच छे साल पहले की है, हम छुट्टीयों मे गाँव गये हुए थे | उस समय मेरी छोटी बहन की शादी हुए दो साल हुए थे और उसे कोई बच्चा भी नही था | मेरी छोटी बहन जो की सुमन जैसी ही सेम शरीर की मालकिन है | उसका नाम स्वाती है और उसकी शादी सुमन के चचेरे भाई सुरज से हुई है | सुरज भी मेरे जितना ही लंबा चौडा इंसान है |
उन दिनों वे दोनों भी हमारे यहां गांव मे आए हुए थे | तो हम सब बडे खुब थे | शादी के बाद से सुरज और स्वाती से हम पहली बार मिले थे , तो घर मे खुषी का माहौल था | सुरज काफी खुषमिसाज था | एक दिन मेरा बियर पिने का मन कर रहा था तो मैने सुरज को बोला की वो चलेगा क्या मेरे साथ | वो कभी कभी पिता है , लेकिन वो मान गया और मैने गाडी निकाली |
शाम चार बजे का टाईम था | हम गांव से दूर बिस किलोमिटर हायवे के नजदिक एक वाईन शाप से दस बियर खरीदकर फिर से गांव वापस गये | घर पहुँचने पर मैने स्वाती को बताया की कुछ स्नेक्स बनाकर हमे छत पर देकर जाए | मैने छत पर खुर्चीयां और टिपाय लगाकर ग्लास और बर्फ का बंदोबस्त कराया तब तक स्वाती पकोडे और पाप , नमकिन, सलाद लेकर आयी और हमे देकर वापस चली गयी |
हम दोनों ने धिरे धिरे पिना और स्नैक्स खाना शुरू किया | एक बियर पिने के बाद दोनों को हल्का हल्का सुरूर आने लगा | बातों बातों मे मैने सेक्स का विषय छेडा | पहले तो सुरज सकपकाया पर और थोडी बियर अंदर जाने के बाद वो खुल गया | फिर उसने स्वाती के बारे मे भी खुलकर बताया जैसे स्वाती को चुत चटवाना बहुत पसंद है, खासकर उसे गांड चटवाना बहुत पसंद है पर सुरज को गांड चाटना पसंद नही है |
हम दोनो तकरीबन तिन घंटे बैठे बियर ही पि रहे थे , लेकिन अभी तक बस छे बियर कंजम हुई थी |सुरज को काफी नशा हुआ था | मै अभी भी बिल्कुल होशोहवास मे था | आठ बज रहे थे | वहा छत पर हमने खाना खाया | खाना खाते खाते रत के दस बज गये थे | फिर हम निचे आए | मै थोडा बाथरूम होकर आया तब तक सुरज बेडरूम मे जा चुका था | घर मे सब खाना खाकर सो गये होगे अबतक | मै अपने बेडरूम मे जाने लगा , मन मे चुदाई का खयाल लेकर मैने दरवाजा खोला तो सामने सुरज कपडे खोलता हुआ नजर आया | और बेड पर कोई लेटा हुआ था | मुझे लगा मै गलत कमरे मे आया हूँ | मै बाहर आया और देखा तो कमरा मेरा ही है | अंदर सुमन है या स्वाती है?
मै सुरज के बेडरूम की तरफ गया और दरवाजा खोलकर अंदर गया | मैने लाइट आन की तो देखा स्वाती बेडपर गहरी निंद मे सो रही थी , और बडी ही सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी | एकबार तो मुझे लगा की निंद मे ही उसके मम्मे सहलाउ और उसकी एक पप्पी लूं पर वो मेरी सगी बहन थी , इस खयाल से मै लाईट बंद करके मै कमरे से बाहर आया और अपने कमरे मे की ओर मुड गया | सुरज नशे मे मेरे कमरे मे चला गया था | मैने सोचा उसको बता देते है की वो गलत कमरे मे है तो वो चला जाएगा |
मैने दरवाजा खोला तो अंदर पुरा अंधेरा छाया था , कुछ भी नजर नही आ रहा था | थोडी थोडी आवाजे बेडपर आयी , मैने दरवाजा बंद करके नजदिक गया तो देखकर मुझे 440 हायहोल्टेज का झटका लगा | मै तुरंत निचे बैठा और बैठकर नजारा देखने लगा | सुरज ने मेरी बिवी सुमन की पूरी साडी कमर तक उपर उठाई हुई थी और उसकी पैंटी निकालकर साइड मे फेंक दी | अब अगर मै उसे बताता की वो तेरी बहन सुमन है तो वो रूसवा हो जाता | मैने चुप रहना ही पसंद किया और अंधेरे मे बैठकर देख रहा की आगे क्या होगा | मुझे भी मजा आने लगा | देखते है भाई बहन क्या कांड करते है और किस हद तक जाते है |
सुरज अब सुमन की दोनों टांगों को चौडा करके चुत पर मूँह रख दिया और चुत चाटने लगा | चुत चाटते ही सुमन भी जग गयी| वो अपनी कमर को निचे से उपर ढकेलने लगी | अभी तक सुमन को नही पता चला था की वो मै नही बल्की उसका चचेरा भाई सुरज है | पता चलेगा भी नही शायद क्योंकी रूम मे अंधेरा है | उन दोनों को इस बात की भी खबर नही की उनकी चुदाई कोई नजदिक से देख रहा है |
दस मिनट की चुत चाटने के बाद सुमन उठकर बैठी और सुरज का लंड निकालकर मूंह मे लिया और चुसने लगी | थोडी देर मे वो दोनों 69 पोझिशन मे आ गये | दस मिनट तक वे एक-दुसरे का चाटते चुसते रहे | फिर सुमन उठी , उसने सुरज को धक्केसे निचे किया और उपर से लंड पर बैठकर पूरा लंड चुत मे लेकर उछलने लगी |
मै धिरे धिरे उसके पिछे जाकर बेड के निचे आराम से जमीन पर बैठा देख रहा था की कैसे मेरी बिवी अंधेरे मे उसके भाई के उपर बैठकर उसके लंड की सवारी कर रही है | फचाफच् फचाफच् की आवाजे आ रही थी | चुत से पाणी सुरज के लंड पर आया था जिससे उसका लौडा अंधेरे मे भी चमक मारता था | पिछे से सुमन की मोटी गांड बडी प्यारी लग रही थी | मेरा लंड तो बिलकुल टाईट हुआ था | मुझे अब ऐसा लग रहा था की पिछे से जाकर लंड को सुमन की गांड मे उतार दू पर ऐसा नही कर सकता था | जो चल रहा है उसको चुपचाप देखने के सिवा अब कोई चारा नही बचा था |
दस मिनट के बाद सुरज ने सुमन को चित लिटाया और उपर से मशिनरी पोझिशन मे अपनी बहन को चोदना शुरू किया | मुझे लगा अब सुमन सुरज को जरूर पहचान जाएगी पर पता नही क्या चक्कर है दोनो भी घमासान चुदाई मे लगे हुए है | फचाक् फचाक् आवाजे चल रही है | सुमन ने टांगे उपर उठाके हवा मे फैलाकर रखी है और सुरज जोर जोर से सुमन की चुत को ठोक रहा है |
पंधरा मिनट बाद सुरज ने सुमन को घोडी बनाया और पिछे से लंड डालके चोदना शुरू किया | मुझे लगा की उसने सुमन की गांड मे लौडा पेला है क्यों की डालते समय सुमन कराह उठी थी | मै और नजदिक नही जा सकता था पर थोडी ही देर मे ये कन्फर्म हो गया की सुरज सुमन की गांड को ही चोद रहा है | क्योंकी गांड मे लंड डालकर चोदने से हल्की हल्की संडास की महक फैल जाती है माहौल मे | यहा भी वही हो रहा था | पुरे रूम मे संडास की हल्की हल्की खुषबू रूम मे फैल गयी थी |
जैसे कुत्ता कुत्ती को तेज चोदता है वैसे सुरज मेरी बिवी की गांड मे झटके मार रहा था | दस मिनट गांड मारने के बाद सुरज ने सुमन को मिशनरी पोझिशन मे किया और चुत को चाटकर लौडा चुत मे पेला और चोदने लगा | तकरीबन पंधरा मिनट की ताबडतोड चुदाई के बाद दोनों झडकर शांत हुए और वैसे ही कंबल ओढकर नंगे सो गये | मै वहा से धिरे से खिसक गया और रूम के बाहर आया |
मै सोच मे पड गया की अब कहां जाऊ ? मै सिधा स्वाती के रूम मे आया | मेरा लंड बहुत टाईट हुआ था और अब स्वाती को देखकर और झटके मारने लगा | सुरज ने मेरी बिवी को चोदा था अब उसकी बिवी को मै चोदू क्या ऐसा सवाल मेरे जेहन मे दौडा और उसका जवाब भी मुझे मिला वो था तुरंत चोदा जाए ... पर कैसे ? अगर स्वाती जग गयी तो क्या होगा? अगर जग भी गयी और उसने मुझे पहचान भी लिया तो मै उसे मेरे बेडरूम मे ले जाकर दिखा दूंगा की वहां क्या कांड हुआ है ...
बस इस विचार से ही मेरे अंदर हिम्मत का संचार हुआ | मैने देखा स्वाती ने बहुत सेक्सी नाईटी पहनी हुई थी जो की ना के बराबर थी | कमर तक ही परदर्षी कपडा और दोरीवाली पैंटी थी जिससे उसकी पूरी गांड चुत दिख रही थी | उपर ब्रा भी बस निप्पल के उपर ही थी पुरे मम्मे खुले थे | स्वाती एक करवट पर सोई थी तो पिछे बडी सी गांड और आगे लटक रहे बडे बडे दो मम्मे बुढे का भी लंड खडा कर सकते थे | मै तो जवान हूँ | और पहले से खुद की सेक्सी बिवी को उसके भाई से चुदाई देखकर आया हूँ और सामने ऐसी अप्सरा नग्न लेटी हो और उसकी गांड आपको ललकार रही हो ! कैसा लगेगा? मुझे भी वैसा ही लग रहा था अब |
मैने तुरंत लाईट को आफ् किया और स्वाती के गांड के पास जाकर बैठ गया | अंधेरे मे भी उसके चुथड चमक मार रहे थे जैसे मुझे चिढा रहे हो | मेरा दिल जोर से धडक रहा था | मेरा शरीर थरथराने लगा था , उपर से सेक्स हावी हुआ था | मैने अपने थरथराते हात को अंधेरे मे उसके चुथड पर रखा और मेरे पूरे शरीर मे बिजली दौड गयी | मैने थोडी देर तक ऐसेही हात को बिना हिलाए रखा | कोई हरकत नही सब शांत | थोडी देर बार मैने नाईटी को उपर करके खुली गांड पर हात दबाए रखा | फिर मेरी हिम्मत और बढ गयी , मैने अब हातों से उसके मांसल नितंबो पर धिरे धिरे फिराना शुरू किया |
अब मुझे बहुत मजा आने लगा था | मै थोडा और आगे बडा, एक उंगली को धिरे से स्वाती के दोरी वाली पैंटी को साईड किया और एक उंगली को उसके गांड के होल पर रख दिया | मेरा लंड कब हुलारे मार रहा था | मैने उंगली के आगे को प्रेस किया तो उंगली तुरंता एक इंच अंजर घुस गयी | स्वाती की गांड ने हलका सा झटका आगे की तरफ मारा और उसने गांड को हल्का भींच लिया | मै डर गया मुझे लगा वो जग जाएगी इसलिए मैने उंगली को तुरंत बाहर खिंचा | वो वैसे ही पडी थी , मैने उंगली को नाक से लगाकर सुंघा | उसकी गांड की भीनी भीनी खुषबू ने मुझे पागल बना दिया | मैने उंगली के तुरंत मूँह मे लेकर चाटने लगा | टेस्ट मुझे बहुत अच्छा लगा |
अब मुझे काफी हिम्मत आयी , मै उसकी गांड के पास नाक लगाकर बेडपर लेट गया | धिरे से पैंटी सरकाकर नाक को गांड के होल पर लगाकर सुंघने लगा | फिर धिरे से जीभ निकालकर उसकी नितंबों की गहराई मे से गांड के होल के मुहाने तक पहुचाई और जब का टोंक उसकी गांड के दरवाजे पर दस्तक दिए | धिरे धिरे जीभ से होल को सहलाना सुरू किया | मुझे बहुत अच्छा लग रहा था | अब मैने धिरे धिरे जीभ को आगे की ओर प्रेस किया तो जीभ थोडी सी अंदर तक गयी और एक जगह रूक गयी, जैसे आगे का भाग थोडा सक्त हो | फिर मैने स्वाती के बडे बडे नितंब अपने हातों से पकडकर होल को खोला तो तुरंत जीभ अंदर बढने लग गयी | जितनी प्रेस करु उतनी जा रही थी | स्वाती की गांड खोलकर रखी थी सुरज ने इसलिए इतना लूज होल होगा | मेरी पूरी जीभ उसकी गांड मे थी | मैने धिरे धिरे जीभ हिलानी शुरू की उसकी गांड मे |
स्वाती थोडी सी हिल गयी , गांड को ओर पिछे मेरे मूँह पर दबाकर प्रेस करने लगी और अपने एक हात से नितंब को खिंचकर रखी ताकी होल और खुल जाए और मै जीभ को और अंदर पेला | लगता है स्वाती जग रही है पर वो मुझे सुरज समझ रही होगी | जो भी हो मैने अब उसकी पैंटी निकालकर फेंकी तो वो बेडपर उलटी होकर गांड को हवा मे उठाकर ठूकवाने की पोझिशन मे हुई और अपने दोनों हातों से गांड के होल को फैलाकर गांड को हिलाने लगी | होल इतना फैला था जैसे किसी बडे चुहे का होल हो, मैने आव देखा ना ताव आपना मूँह लगाकर जीभ अंदर पेली और गांड को चाटने लगा | थोडी देर चाटने के बाद स्वाती बिस्तर पर उठकर बैठी और बोली
स्वाती: भैया निचे लेट जाओ ...
मै हैराण रह गया, इसने अंधेरे मे भी मुझे कैसे पहचान लिया.. जो भी हो मै बिना कुछ बोले निचे लेट गया , वो उठकर मेरे सर के उपर कानोंके साईड मे दोनों पैर रखकर मेरे मुहपर गांड लगाकर बैठ गयी | और होल को फैलाकर मेरे मूँह पर रगडने लगी | मै स्वाती की गांड चाटता गया | थोडी देर बाद उसने मेरे मुँह मे चुत का होल लगाकर हल्का सा पिशाब भी किया , मुझे पिने के लिए मजबूर किया | और एकबार तो मेरे मूँह मे थूंक भी दी |
काफी देर तक चाटने के बाद वो उठकर मेरी पैंट निकाली और जल्दी जल्दी मेरे लंड पर गांड का होल रखकर बैठ गयी , और उपर निचे कुदने लगी | अब मै भी निचे से धक्के मार रहा था | थोडी देर बाद मैने उसे घोडी बनाया और जोर जोर से ठोकने लगा | वो बिच बिच मे भैया धिरे , भैया प्यार से ऐसे कराहने लगी पर मै नही रूका | मैने अपनी स्पीड बिलकुल नही कम की | पंधरा मिनट की गांड चुदाई के बाद उसकी गांड का होल दर्द करने लगा ऐसा वो मुझे बोली फिर मैने उसको मिशनरी पोझिशन मे करके उसकी चुत मे लंड पेलकर ठोकना शुरू किया |
दस मिनट मे हम दोनों एकसाथ झड गये और वैसे ही आधे घंटे तक पडे रहे | फिर पहले वो उठी और बाथरूम जाकर आ गयी … फिर मुझे भी बोली भैया बाथरूम होकर आइए फिर सो जाना.... मै भी बाथरूम होकर आया तो स्वाती जग रही थी और मेरी तरफ देखकर हंस रही थी | मैने उसे हंसने का कारण पुछा तो बोली...
स्वाती: भैया इतने दिनों बाद याद आयी अपनी बहन की ....
रोहित: मै समझा नही, इतने दिनों मे मतलब... मै तो पहली बार ही आया हूँ....
स्वाती: अरे भूलक्कड सैंया मेरे.... भैया जी याद करो... ये गांड चटवाने की आदत मुझे आपने ही डाली है बचपन मे .... मै और आप जब स्कूल मे जाते थे तब रात को आप मेरी गांड रोज ही तो चाटते थे | और क्या क्या करते थे आप मेरे साथ भूल गये सब....
अरे हां... अब मुझे सब याद आ गया था ... मै शहर मै पढाई करने गया और हम भाई बहन बिछड गये थे तब से आज याद आया है मुझे....
रोहित: अरे हां मेरी दिदी ... अब याद आया मुझे...
स्वाती: इसलिए तो मैने आपको निंद मे ही पहचान लिया था की ये मेरे असली सैंया ही है... सुरज तो वहां पर मूंह तक लेकर नही जाता है... वैसे आज इतने दिनों के बाद आपको कैसे सूझा ये ...
फिर मैने उसे सारी बाते बतायी की क्या हुआ था ....
कैसी लगी कहाणी दोस्तों रिप्लाय जरूर देना मुझे... आगे क्या हुआ अगली कहाणी मे बताउंगा | तब तक के लिए इज़जत दिजीएगा....
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